सामान्य ज्ञान
तेलुगू लेखक डॉ रावुरी भारद्वाज का चयन 48वें ज्ञानपीठ पुरस्कार (वर्ष 2012) के लिए किया गया। डॉ रावुरी भारद्वाज के तेलुगू में 37 लघुकथा संग्रह, 17 उपन्यास, तीन निबंध संग्रह और 8 नाटक प्रकाशित हुए हैं।
उन्होंने बच्चों के लिए 6 लघु उपन्यास कादंबरी, पकुदुराल्लू, जीवन समारम, इनुपू तेरा वेनुका, कौमुदी और 5 लघुकथा संग्रह लिखें हैं। उनके अधिकांश रचनाकर्म का प्रमुख भारतीय भाषाओं और अंग्रेजी में अनुवाद किया गया है।
डॉ. भारद्वाज को साहित्य अकादमी पुरस्कार और सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार सहित कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध में तकनीशियन, कारखाने और पिंट्रिंग प्रेस के अलावा साप्ताहिक पत्रिका जामीन रायतु एवं दीनबंधु के संपादकीय विभाग में कार्य किया।
डॉ रावुरी का जन्म वर्ष 1927 में तत्कालीन हैदराबाद स्टेट के मोगुलूरू गांव में हुआ था, जहां से वे आंध्रप्रदेश के गुंटूर जिले में ताडीकोंडा गांव चले गए। आठवीं तक औपचारिक शिक्षा प्राप्त करने वाले डॉ रावुरी भारद्वाज को तीन विश्वविद्यालयों ने डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्रदान की।