विचार / लेख

हे सरकारों !
21-Apr-2021 12:05 PM
हे सरकारों !

-संजीव गुप्ता 

ये जो लोग अस्पताल, दवाई, ऑक्सीजन, वेंटिलेटर और इलाज के अभाव में मर रहे हैं न, यह केवल तुम्हारे लिए एक इंसान, एक वोटर या एक संख्या मात्र हो सकते हैं। लेकिन यह अपने परिवार के लिए पूरी दुनिया थे। ये वो लोग हैं जिन्होंने अपनी खून पसीने की कमाई से टैक्स दिया। इस उम्मीद से कि इसे और इसके परिवार को इलाज के लिए अस्पताल मिले। बच्चों को स्कूल मिले। इसने इस उम्मीद से टैक्स दिया कि इसके साथ साथ गरीब परिवारों का भला हो सके। सबका भला हो सके। लेकिन तुमने क्या दिया ?  

हे सरकारों !
तुम बार बार देश की तरक्की की बात करते हो न। अपने किए पर घमंड करते हो न। क्या दिया तुमने इन 70 सालों में ? यदि तुम देश की सभी जनता को दो वक्त की रोटी, पहनने के कपड़े, रहने को मकान, बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य नहीं दे सकते तो किस बात की तरक्की कर ली तुमने। तुमको क्या लगता है, चमचमाती सड़कें, बड़े बड़े स्टेडियम, बड़ी बड़ी अट्टालिकाएं बना लिए तो तरक्की हो गई। ऐसी तरक्की किस काम की कि आम आदमी इलाज के अभाव में अपने परिवार के सामने हांफते हुए दम तोड़ दे। 

हे सरकारों !
ये लोग मरे हैं न उन्हें पूरा अधिकार था जीने का। जैसे तुम इसके वोट पर अपना अधिकार समझते हो। इस पर हुक्म चलाते हो और इन्हें अपने हिसाब से हांकते हो। इसने अपने वोट का इस्तेमाल इसलिए किया कि तुम उसका ख्याल रखो, उनके परिवारों का ख्याल रखो। वह खुद छोटे से मकान में रहा लेकिन तुम्हे रहने लिए बड़े—बड़े बंगले दिए। इसका परिवार खतरे में रहता है लेकिन वह तुम्हें लाव लश्कर देता हैा। वह खुद पैदल चलता है लेकिन तुम्हें अपनी कमाई की गाड़ी में बिठाता है। उसके परिवार के बच्चे सिर्फ तस्वीरों में जहाज देखते हैं जिनकी कमाई से तुम उड़ते फिरते हो। 

हे सरकारों !
ये जो लोग मर रहे हैं न अकेले नहीं मर रहे हैं। उनके साथ परिवार की उम्मीद, मां की ममता, भाई का प्यार, पिता की छाया, पत्नी का ख्याल और बहन की राखी भी मर रही है। तुम इनके मरने पर किसी भी गलती ठहरा सकते हो, मरने वाले की गलती भी निकाल सकते हो। क्योंकि तुम सरकार हो। तुम्हें नींद भी आती होगी ? पता नहीं कैसे आती होगी ?

और अंत में — हे जनता !
अब की बार ये सरकारें तुम्हारे पास आएं हमेशा की तरह, पांच साल में एक बार। तो इस बार प्लीज अपनी जात, बिरादरी, धर्म और कुछ पाने की लालच में मत आना। प्लीज इस बार अपने गांव में अपने बच्चों के लिए अच्छा स्कूल और अपने परिवार के लिए अच्छा अस्पताल मांग लेना। 

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