सामान्य ज्ञान
वाटरलू का युद्ध 1815 ई. में बेल्जियम में स्थित वाटरलू नामक स्थान पर लड़ा गया था। यह युद्ध नेपोलियन बोनापार्ट के जीवन का अंतिम युद्ध था। यह युद्ध फ्रासीसी सेना, जिसका नेतृत्व नेपोलियन ने किया और अंग्रेज़ सेना, जिसका नेतृत्व ड्यूक ऑफ़ वेलिग्टन ने किया, के मध्य हुआ था।
1789 में फ्रांस की क्रांति के बाद नेपोलियान बोनापार्ट ने सत्ता संभाली और अधिकांश योरोपीय देशों के साथ युद्ध करके फ्रांस को विजय दिलाई। अपनी सीमाओं के विस्तार और उपनिवेश की संख्या में वृद्धि की लालच में इस फ्रांंसीसी तानाशाह ने बहुत से देशों पर युद्ध थोप और योरोप के बड़े भाग को अपने अधिकार में कर लिया। सन 1812 में नेपोलियन ने रुस पर आक्रमण किया और रुस, ब्रिटेन तथा ऑस्ट्रिया की सेना से मुकाबले में पराजित होने के बाद बोनापार्ट की शक्ति क्षीण होना आरंभ हो गयी। और सन 1814 ईसवी में उन्हें सत्ता छोडऩी पड़ी। उन्हें देश निकाला देकर एल्बा नामक द्वीप भेज दिया गया और वहां का शासन भी बोनापार्ट के हवाले कर दिया गया किंतु वो इस द्वीप में अधिक दिनों तक न ठहरे और भाग कर फ्रांस चले गए और 100 दिनों तक दोबारा फ्रांस पर शासन किया। उनका यह शासन वाटरलू नामक लड़ाई के बाद समाप्त हुआ। युद्ध के परिणामस्वरूप ड्यूक ऑफ़ वेलिग्टन की जीत हुई और नेपोलियन की बुरी तरह पराजय। नेपोलियन बोनापार्ट को बंदी बनाकर सेंट हैलीना द्वीप पर भेज दिया गया, जहां 6 साल बाद 5 मई 1821 में उसकी मृत्यु हो गई।