अंतरराष्ट्रीय
इसराइल और हिज़्बुल्लाह के मध्य जारी जंग के बीच दो लाख से अधिक लोग लेबनान छोड़कर सीरिया चले गए हैं.
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार इसराइल के हवाई हमलों के कारण दो लाख से अधिक लोग लेबनान छोड़कर पड़ोसी देश सीरिया चले गए हैं.
शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त फिलिपो ग्रांडी की ओर से जारी एक अपडेट में कहा गया है कि जाने वाले लोगों में लेबनान के नागरिक और लेबनान में रह रहे सीरिया के नागरिक भी शामिल हैं.
लेबनान सरकार के आकड़ों में यह संख्या तीन लाख से अधिक बताई गई है.
शुक्रवार को इसराइल ने हवाई हमलों में दोनों के बीच मौजूद मुख्य बॉर्डर क्रॉसिंग को निशाना बनाया था, जिससे वाहनों की आवाजाही बंद हो गई है.
इसराइली सेना ने दावा किया था, “उसने मसना क्रॉसिंग के पास मौजूद हिज़्बुल्लाह के ठिकानों को निशाना बनाकर हमला किया था.” (bbc.com/hindi)
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने तक़रीबन तीन महीने के बाद पेंसिल्वेनिया के बटलर में उसी जगह रैली की है जहां उन पर जानलेवा हमला हुआ था.
ट्रंप ने मंच को दुखद घटना की जगह बताते हुए अपने समर्थकों से वादा किया है कि वो 5 नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल करेंगे.
इसी जगह पर 13 जुलाई को हुई गोलीबारी में एक शख़्स की मौत हुई थी जबकि दो दर्शक घायल हुए थे. इस दौरान एक गोली ट्रंप के दाएं कान को छूकर निकल गई थी.
उन्होंने रैली के दौरान प्रशंसकों से कहा, “15 सेकंट के लिए समय रुक गया था. उस क्रूर राक्षस ने बुराई को बढ़ावा दिया... लेकिन वो खलनायक अपने मक़सद में कामयाब नहीं हो पाया.”
शनिवार को हुई रैली के दौरान सुरक्षा चाक-चौबंद थी. इसी वजह से सीक्रेट सर्विस ने जांच को काफ़ी बढ़ा दिया था.
इस दौरान ट्रंप के साथ उनके उप-राष्ट्रपति पद के लिए सहयोगी जेडी वेंस, उनके बेटे एरिक ट्रंप और मशहूर टेक अरबपति एलन मस्क भी थे. (bbc.com/hindi)
इसराइल के लड़ाकू विमानों ने सेंट्रल ग़ज़ा के दैर-अल-बलाह में एक मस्जिद को निशाना बनाया है जिसमें कई लोग मारे गए हैं.
डॉक्टरों और हमास के मेडिकल कर्मियों ने कहा है कि इस हमले में कम से कम 20 लोग घायल भी हुए हैं. इस मस्जिद में विस्थापित लोग रह रहे थे.
इसराइल का दावा है कि उसने हमास के कमांड ठिकानों को निशाना बनाया है
फ़लस्तीनी मीडिया का कहना है कि उत्तरी ग़ज़ा में जबालिया के नज़दीक बैत लाहिया शहर में इसराइल की भारी बमबारी हुई है जिसमें भी कई लोग मारे गए हैं.
इसराइली सेना का कहना है कि शनिवार को जबालिया में यूएन के कंपाउंड में हमास के ठिकानों को निशाना बनाया था. (bbc.com/hindi)
(लारा हेरेरो, ग्रिफिथ यूनिवर्सिटी)
गोल्ड कोस्ट(आस्ट्रेलिया), 5 अक्टूबर। कोविड-19 के पहली बार सामने आने के बाद से लगभग पांच वर्षों में, यदि आप उसके नये स्वरूपों की संख्या का हिसाब नहीं रख पाए हैं, तो चिंता करने की कोई बात नहीं है। इनमें से कुछ स्वरूपों का दूसरों की तुलना में अधिक प्रभाव पड़ा है, लेकिन विषाणुविज्ञानियों ने हजारों का दस्तावेजीकरण किया है।
चर्चा में रहे नवीनतम स्परूप को एक्सईसी के नाम से जाना जा रहा है। यह ओमिक्रॉन का उप-स्वरूप मुख्य रूप से उत्तरी गोलार्ध में पाया गया है, लेकिन अब इसे ऑस्ट्रेलिया में भी पाया गया है।
तो एक्सईसी के बारे में आप क्या जानते हैं?
क्या कोविड अब भी खतरा पैदा कर सकता है?
लोग अब कोविड की कम जांच करा रहे हैं। विषाणु का पता लगाने का उत्साह कम होता जा रहा है।
फिर भी, ऑस्ट्रेलिया अब भी कोविड से संबद्ध डेटा एकत्र कर रहा है। हालांकि, मामलों की संख्या, दर्ज की गई संख्या (इस साल अब तक लगभग 275,000) से कहीं अधिक होने की संभावना है, लेकिन अब भी हम इस बारे में कुछ अनुमान लगा सकते हैं कि कब हमें कोविड महामारी की बड़ी लहर देखने को मिल सकती है।
ऑस्ट्रेलिया में, पिछली बार, जून 2024 में कोविड का चरम देखने को मिला था। तब से मामलों में गिरावट आ रही है। लेकिन सार्स-कोवि-2, वह वायरस जो कोविड का कारण बनता है, निश्चित रूप से अब भी मौजूद है।
अभी कौन से स्वरूप का प्रसार हो रहा है?
इस समय दुनिया भर में प्रसार होने वाले कोविड के मुख्य स्वरूपों में बीए.2.86, जेएन.1, केपी.2, केपी.3 और एक्सईसी शामिल हैं। ये सभी ओमिक्रॉन से उत्पन्न हुए हैं।
एक्सईसी स्वरूप का पहली बार मई 2024 में इटली में पता चला था। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने सितंबर में इसे ‘‘निगरानी के तहत’’ रखे गए स्वरूप के रूप में नामित किया था।
एक्सईसी का पता चलने के बाद से, यह यूरोप, उत्तरी अमेरिका और एशिया के 27 से अधिक देशों में फैल चुका है। सितंबर के मध्य तक, अमेरिका, जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन और डेनमार्क जैसे देशों में इसके सर्वाधिक मामले सामने आए हैं।
एक्सईसी वर्तमान में जर्मनी में लगभग 20 प्रतिशत, ब्रिटेन में 12 प्रतिशत तथा अमेरिका में कोविड के लगभग 6 प्रतिशत मामलों का कारण बन रहा है।
रिपोर्ट से पता चलता है कि यह अन्य स्वरूप की तुलना में अधिक आसानी से फैल सकता है। इस कारण, यह अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले महीनों में एक्सईसी दुनिया भर में कोविड का एक प्रमुख स्वरूप बन सकता है।
हम अभी तक एक्सईसी की विशेषताओं और अन्य स्वरूपों से इसके भिन्न होने के बारे में बहुत कम जानते हैं। लेकिन इस बात का कोई सबूत नहीं है कि वायरस के पुराने संस्करणों की तुलना में लक्षण अधिक गंभीर होंगे।
क्या टीके अभी भी एक्सईसी के खिलाफ कारगर साबित होंगे?
जैसे-जैसे वायरस में परिवर्तन होता रहेगा, टीके बनाने वाली कंपनियां अपने टीकों को अद्यतन करती रहेंगी। फाइजर और मॉडर्ना दोनों ने जेएन.1 स्वरूप को लक्षित करने के लिए टीकों को अद्यतन किया है, इसलिए ये एक्सईसी से सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं।
यह अनुमान लगाना कठिन है कि गर्मियों के मौसम में ऑस्ट्रेलिया में एक्सईसी प्रकोप क्या रहेगा। इस स्वरूप के फैलने के बारे में अधिक जानने के लिए हमें और अधिक शोध की आवश्यकता होगी। लेकिन यह ध्यान में रखते हुए कि एक्सईसी का पहली बार उत्तरी गोलार्ध के गर्मियों के महीनों के दौरान यूरोप में पता चला था, इससे पता चलता है कि एक्सईसी के प्रसार के लिए गर्म मौसम उपयुक्त हो सकता है। (द कन्वरसेशन)
(द कन्वरसेशन) सुभाष दिलीप
(रैन पोरात, एफिलिएट रिसर्चर, द ऑस्ट्रेलियन सेंटर फॉर जुइश सिविलाइजेशन, मोनाष यूनिवर्सिटी)
मेलबर्न, 5 अक्टूबर। इजराइली हवाई हमलों में हमास और हिजबुल्ला नेताओं के मारे जाने के जवाब में ईरान ने जब इस सप्ताह इजराइल पर 180 से ज्यादा बैलिस्टिक मिसाइल दागीं तो कुछ लोग तेहरान की इस जोरदार प्रतिक्रिया को देखकर दंग रह गये।
इजराइली प्रधानमंत्री बेंजमिन नेतन्याहू ने तुरंत एक निश्चित समय पर कठोर जवाबी कार्रवाई की घोषणा की।
उन्होंने कहा कि देर रात जब उनके सुरक्षा मंत्रिमंडल ने एक बैठक की तो उसमें तय हुआ कि जो कोई भी हम पर हमला करेगा, हम उस पर हमला करेंगे। बाइडन प्रशासन ने ईरान की आक्रामकता की कड़ी निंदा करते हुए इजराइल की रक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
व्हाइट हाउस ने कहा कि ईरान को ‘गंभीर परिणाम’ भुगतने होंगे हालांकि राष्ट्रपति जो बाइडन ने ईरान के परमाणु केंद्रों पर हमले नहीं करने का आग्रह किया।
इसलिए यह देखना जरूरी हो जाता है कि इजराइल की जवाबी कार्रवाई कैसी हो सकती है और क्या ईरान व इजरायल के बीच युद्ध की शुरुआत हो सकती है या फिर अमेरिका अपने वादे के अनुरूप इजराइल के लिए युद्ध में शामिल हो सकता है?
क्षेत्रीय युद्ध लगभग शुरू
क्षेत्रीय युद्ध अब लगभग शुरू हो चुका है। लगभग एक वर्ष पहले गाजा में शुरू हुआ संघर्ष पूरे पश्चिम एशिया में फैल चुका है। इजराइल अपनी सीमा से दूर देशों और समूहों से लड़ रहा है, जिसके कई वैश्विक परिणाम भी हैं।
इस सप्ताह ईरान द्वारा किये गये हमले से ये साफ है कि यह संघर्ष एक तरफ इजराइल व उसके पश्चिमी सहयोगियों और दूसरी तरफ रूस व चीन द्वारा समर्थित ईरान और उसके सहयोगियों के बीच सीधा टकराव बन गया है।
वाशिंगटन ने इजराइल को सैन्य और कूटनीतिक सहायता प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है जबकि रूस ने ईरान को लड़ाकू विमान और वायु रक्षा तकनीक भेजने का वादा किया है। रूस, यूक्रेन के साथ अपने युद्ध के लिए ईरान से हथियार भी खरीद रहा है, जिससे तेहरान को बहुत जरूरी नकदी प्राप्त हो रही है।
इसके अलावा इजराइल कई मोर्चों पर जंग लड़ रहा है।
सबसे पहले इजराइल और गाजा के बीच युद्ध जारी है। इस युद्ध में 40,000 से अधिक फलस्तीनी मारे जा चुके हैं। हमास एक गुरिल्ला संगठन बन चुका है हालांकि अब भी विस्थापित फलस्तीनी आबादी पर उसका कुछ नियंत्रण है।
इजराइल रक्षा बल (आईडीएफ) वेस्ट बैंक में बढ़ती आतंकी घटनाओं से पार पाने के लिए ईरान द्वारा मुहैया हथियारों और वित्तपोषित स्थानीय आतंकवादियों के खिलाफ सैन्य अभियान चला रहा है।
इस बीच इराक व सीरिया में शिया उग्रवादी और यमन में हूती विद्रोही अभी भी इजराइल के खिलाफ मिसाइल और ड्रोन हमले कर रहे हैं।
शिया और हूती ईरान के अन्य छद्म समूह हैं।
वहीं इजराइल और अमेरिका दोनों ने यमन में हूती विद्रोहियों पर जवाबी हमला किया है।
इजराइल ने दो सप्ताह पहले एक निर्णायक कदम उठाते हुए हिज्बुल्ला द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले हजारों पेजर और वॉकी-टॉकी में विस्फोट करने का कथित आदेश दिया क्योंकि नेतन्याहू को डर था कि इस ऑपरेशन के उजागर होने का खतरा है।
इसके बाद इजराइली सेना ने हिज्बुल्ला के एक शस्त्रागार को नष्ट करने के उद्देश्य से एक बड़े पैमाने पर हवाई अभियान चलाया। इस शास्त्रागार में 150,000 मिसाइलों, रॉकेट और ड्रोन होने का अनुमान था।
इजराइली हमले के परिणामस्वरूप लगभग दस लाख लेबनानी लोगों को अपने घरों को छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
ईरान पर जवाब हमला करने के लिए इजराइल के पास विकल्प
और अब इस सप्ताह इजराइल, कथित रूप से सैन्य ठिकानों पर बैलिस्टिक मिसाइल दागने के साथ ही ईरान भी सीधे तौर पर जंग में शामिल हो चुका है। अमेरिका, जॉर्डन और अन्य देशों की सहायता से इजराइल की उन्नत मिसाइल रोधी रक्षा प्रणाली हालांकि ज्यादातर मिसाइलों को रोकने में कामयाब रहीं।
कुछ मिसाइलें इजराइल के अंदर गिरीं, जिनके छर्रे लगने से वेस्ट बैंक में एक फलस्तीनी की मौत हो गई। हाल के महीनों में ईरान का इजराइल के खिलाफ यह दूसरा सीधा हमला था। पहले हमले में इजरायल ने हालांकि ईरानी वायु रक्षा प्रणाली को मामूली नुकसान पहुंचाया था। यह हमला इस्फहान में कथित तौर पर एक परमाणु केंद्र पर किया गया था।
लेकिन इस बार इजराइल कैसी जवाबी कार्रवाई करेगी और उसका प्रभाव क्या रहेगा इसकी फिलहाल कोई जानकारी नहीं है।
एक चीज जो तेहरान को बहुत चिंतित कर रही है वह यह कि इजराइल, अमेरिका के साथ मिलकर उसके महत्वपूर्ण ठिकानों या फिर सुविधा केंद्रों को निशाना बना सकता है। ईरान को उसके संचार और परिवहन नेटवर्क, वित्तीय संस्थान और तेल उद्योग (विशेष रूप से वे सुविधाएं, जो शक्तिशाली इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प के वित्तपोषण तंत्र का हिस्सा हैं) पर हमले की आशंका हैं। इससे ईरान के भीतर अराजकता पैदा हो सकती है, जिससे सरकार को खतरा हो सकता है।
तेहरान में सत्ता परिवर्तन बेहद मुश्किल है लेकिन ईरानी नेतृत्व फिर कोई जोखिम नहीं लेना चाहता। तेहरान ने सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को किसी भी अनहोनी का शिकार होने से बचाने के लिए सुरक्षित स्थान पर भेज दिया है। ईरानी नेताओं को डर सता रहा है कि इजराइल और अमेरिका इस अवसर का फायदा उठाकर उसके परमाणु ठिकानों को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकते हैं।
गेंद इजराइल के पाले में
ईरानी अधिकारियों ने तनाव को कम करने के प्रयास में मिसाइल हमले के बाद शत्रुता समाप्त करने की अपनी इच्छा को जल्दबाजी में घोषित कर दिया।
हालांकि गेंद अब इजराइल के पाले में है। उसे किसी भी तरह की जवाबी कार्रवाई करने से पहले इस बात को ध्यान में रखना चाहिए कि आईडीएफ पहले से ही कई मोर्चों पर व्यस्त है। (द कन्वरसेशन)
द कन्वरसेशन जितेंद्र माधव
पेशावर, 5 अक्टूबर। पाकिस्तान के अशांत खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में सेना के एक उच्च अधिकारी सहित छह सैनिक मारे गए। सेना ने शनिवार को यह जानकारी दी।
सेना की मीडिया इकाई इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने बताया कि मुठभेड़ अफगानिस्तान सीमा से लगे उत्तरी वजीरिस्तान जिले के स्पीनवाम इलाके में चार-पांच अक्टूबर की दरमियानी रात को हुई, जिसमें ‘छह ख्वारिज’ भी मारे गए हैं।
बयान के मुताबिक, दोनों ओर से हुई ‘भीषण गोलीबारी’ में अभियान का नेतृत्व कर रहे लेफ्टिनेंट कर्नल 43 वर्षीय मुहम्मद अली शौकत और पांच अन्य सैनिक मारे गए।
इस बीच, प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। (भाषा)
इसराइल ने कहा है कि वह दक्षिणी लेबनान में अपने जमीनी अभियान को जारी रखे हुए है, जिसमें जमीन के ऊपर और नीचे चरमपंथियों के बुनियादी ढांचे पर रेड की जा रही है.
इसराइली सेना ने कहा है कि उसने हिज़्बुल्लाह के हथियारों के गुप्त भंडार को नष्ट किया है.
इसराइली सेना ने कहा, "सीमा के पास अंडरग्राउंड लड़ाई में हिज़्बुल्लाह के आतंकियों की तरफ से प्रयोग में लाई जा रही टनल को भी नष्ट किया गया है."
इसराइली डिफेंस फोर्सेज़ का कहना है कि हालिया रेड में हिज़्बुल्लाह के ‘दर्जनों’ लड़ाकों को मारने के लिए जमीनी सैनिकों और वायु सेना ने मिलकर काम किया है.
इससे पहले हिज़्बुल्लाह ने भी कहा था कि उसके लड़ाके अदाईसेह क्षेत्र में इसराइली सैनिकों के साथ लड़ रहे हैं. (bbc.com/hindi)
दमिश्क, 5 अक्टूबर । मध्य सीरिया के पाल्मेरा शहर में शनिवार आधी रात के बाद दो विस्फोट हुए। सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स ने कहा कि एक विस्फोट पाल्मेरा मिलिट्री एयरपोर्ट के पास हैंगर (विमान को रखने की इमारत) के अंदर हुआ। हैंगर का इस्तेमाल हथियार डिपो के रूप में किया जा रहा था। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, दूसरा विस्फोट शहर के पूर्वी इलाके में एक दो मंजिला इमारत में हुआ। यह जगह हैंगर से लगभग एक किलोमीटर दूर है। ऑब्जर्वेटरी ने कहा कि विस्फोटों का कारण अभी भी स्पष्ट नहीं है, साथ ही कहा कि हैंगर के आसपास का क्षेत्र अत्यधिक सुरक्षित है और इसमें आठ समान स्टोरेज फैसिलिटी हैं।
अभी तक किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है। यह दोनों विस्फोट ऐसे समय में हुए हैं जब सीरिया पर इजरायली ड्रोन और हवाई हमले हो रहे हैं। सीरियाई मानवाधिकार निगरानी संस्था के मुताबिक गुरुवार को भोर से पहले इजरायली ड्रोन हमले ने तटीय सीरियाई शहर जाबलेह में हथियारों के डिपो को निशाना बनाया। ब्रिटेन स्थित निगरानी संस्था ने बताया कि ड्रोन और वॉरप्लेन मिसाइलों के जरिए किए गए हमले ने डिपो को तबाह कर दिया, बड़े विस्फोट हुए, जिन्हें दूर-दूर तक सुना गया। सीरियाई वायु रक्षा और रूसी सेना ने 40 से 50 मिनट के भीतर हमले का जवाब दिया।
डिपो, सीरिया में सबसे बड़े रूसी वायु सेना ठिकाने, हमीमिम एयर बेस के पास स्थित है। बुधवार को, दमिश्क के माजेह पश्चिमी पड़ोस में एक आवास पर इजरायली हवाई हमले में दो लेबनानी नागरिकों की मौत हो गई। इनमें मारे गए हिजबुल्लाह नेता सैय्यद हसन नसरल्लाह का दामाद हसन जाफर कासिर भी शामिल था। मंगलवार को, एक इजरायली मिसाइल हमले में एक पत्रकार सहित तीन लोग मारे गए और नौ अन्य घायल हो गए। इजरायल अक्सर सीरिया में हवाई हमले करता है। वह ईरान और हिजबुल्लाह से जुड़े ठिकानों को निशाना बनाता है। --(आईएएनएस)
उलानबटोर, 5 अक्टूबर । मंगोलिया में इस बार सर्दी के मौसम में ठंड बढ़ने का अनुमान है। मौसम निगरानी एजेंसी ने कहा कि मंगोलिया के अधिकांश क्षेत्रों में इस बार सर्दियों के महीनों में कम तापमान और अधिक वर्षा होने की संभावना है। एजेंसी ने वहां के लोगों और बेघर लोगों से विशेष व्यवस्था करने का आग्रह किया है। राष्ट्रीय मौसम विज्ञान और पर्यावरण निगरानी एजेंसी के अनुसार, इस बार सर्दियों के दौरान मंगोलिया के अधिकांश हिस्सों में लंबे समय तक अधिक ठंडा तापमान रहने का अनुमान है।
उल्लेखनीय है कि मंगोलिया को पिछली सर्दियों में कड़ाके की ठंड का सामना करना पड़ा था। पिछली सर्दियों में देश में रिकॉर्डतोड़ बर्फबारी हुई थी। यह 1975 के बाद सबसे अधिक बर्फबारी थी। इसके कारण करीब 90 फीसद इलाके में 100 सेंटीमीटर मोटी बर्फ जम गई थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के अनुसार, पिछली सर्दियों में खराब मौसम की वजह से इस एशियाई देश में 7,949,400 पशुओं की मौत हो गई, जो मंगोलिया की कुल पशुओं की आबादी का 10 प्रतिशत से अधिक है। उल्लेखनीय है कि मंगोलिया की जलवायु महाद्वीपीय प्रभाव वाली है। यहां लंबे समय तक कड़ाके की ठंड पड़ती है और गर्मियां छोटी होती हैं। सर्दियों के दौरान माइनस 25 डिग्री सेल्सियस के आसपास का तापमान सामान्य माना जाता है। --(आईएएनएस)
अबुजा, 5 अक्टूबर । मध्य नाइजीरिया के नाइजर स्टेट में इस सप्ताह की शुरुआत में हुई नाव दुर्घटना में मरने वालों की संख्या बढ़कर 42 हो गई है। एक स्थानीय अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार सुबह और शव बरामद किए गए। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, स्टेट मैनेजमेंट एजेंसी के चीफ अब्दुल्लाही बाबा-आराह ने बताया कि गुरुवार से कम से कम 17 और शव बरामद किए गए हैं, जिनमें से छह शुक्रवार की सुबह मिले। इससे पहले नाइजीरियाई राष्ट्रपति बोला टीनुबू के प्रवक्ता ने गुरुवार कहा कि मंगलवार रात 300 से अधिक यात्रियों को ले जा रही नाव के पलट जाने के बाद कम से कम 25 शव बरामद किए जाने की पुष्टि हुई है।
प्रवक्ता ने कहा कि मंगलवार देर रात नाइजर नदी में एक नाव के पलट जाने के बाद 150 से अधिक लोगों को बचा लिया गया। यह घटना मोक्वा स्थानीय सरकारी क्षेत्र में जेब्बा बांध के पास हुई। स्थानीय अधिकारियों ने पहले जारी एक बयान में बताया था कि पीड़ित एक धार्मिक समारोह में शामिल होकर लौट रहे थे जब यह हादसा हुआ। उन्होंने कहा कि नाव पर ज्यादातर महिलाएं और बच्चे सवार थे। दुर्घटना का सही कारण अभी भी जांच के दायरे में है। बाबा-आराह ने शुक्रवार को मीडिया को बताया कि लापता लोगों को खोजने के लिए खोज और बचाव अभियान जारी है।
इस बीच, राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (एनआईडब्ल्यूए) को नाइजर और पूरे देश में नाव दुर्घटनाओं की जांच करने और इस तरह की घटनाओं रोकने के लिए तैयारी करने का आदेश दिया। नाइजीरियाई राष्ट्रपति ने एनआईडब्ल्यूए को अंतर्देशीय जल की निगरानी के दायरे का विस्तार करने का भी निर्देश दिया ताकि 'लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके और रात में नौकायन पर प्रतिबंध का उल्लंघन करने वालों पर मुकदमा चलाया जा सके।' नाइजीरिया में नाव दुर्घटनाएं आम हैं, जो अक्सर ओवरलोडिंग, प्रतिकूल मौसम की स्थिति और परिचालन संबंधी गलतियों के कारण होती हैं। -(आईएएनएस)
लॉस एंजेल्स, 5 अक्टूबर । अमेरिका के कुछ हिस्सों में 'लेट सीजन हीट वेव' पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ रही है। मौसम विभाग का कहना है कि वीकेंड तक गर्मी से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। अमेरिकी राष्ट्रीय मौसम सेवा (एनडब्ल्यूएस) ने शुक्रवार को कहा, "आज से लेकर वीकेंड तक तापमान में रिकॉर्ड गिरावट दर्ज होने की संभावना है। मुख्य रूप से दक्षिण-पश्चिमी अमेरिका में।" समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने एनडब्ल्यूएस के हवाले से बताया कि कैलिफोर्निया और रेगिस्तानी दक्षिण-पश्चिमी इलाकों में गर्मी का प्रकोप जारी है। मौसम विभाग का अनुमान है कि सीजन के आखिरी दिनों में पड़ रही भीषण गर्मी अमेरिका के कई हिस्सों को परेशान करने वाली है।
एनडब्ल्यूएस ने लास वेगास, फीनिक्स, सैन फ्रांसिस्को और लॉस एंजिल्स सहित प्रमुख शहरों के आस-पास के क्षेत्रों के लिए अत्यधिक गर्मी की चेतावनी जारी की है। मौसम विभाग ने लोगों से बाहर काम करते या खेलते समय उचित सावधानी बरतने की अपील की है। उन्होंने लोगों को खूब पानी पीने और बार-बार आराम करने की सलाह दी है। एक ओर जहां दक्षिण पश्चिमी अमेरिका गर्मी से परेशान है वहीं दक्षिण-पूर्वी अमेरिकी राज्यों में तूफान हेलेन ने भारी तबाही मचाई है। एनबीसी न्यूज के मुताबिक 26 सितंबर को फ्लोरिडा में तूफान हेलेन के आने के बाद से अब तक कम से कम 223 लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों लोग लापता हैं।
लगभग 700,000 घर और व्यवसाय बिजली कटौती से जूझ रहे हैं। साउथ कैरोलिना में 2,60,000 से अधिक और उत्तरी कैरोलिना में 2,15,000 से ज्यादा लोग बिना बिजली के रहने को मजबूर हैं। वहीं जॉर्जिया में 1,90,000 से ज्यादा लोग बिना बिजली के अंधेरे में रह रहे हैं। 2005 में कैटरीना के बाद हेलेन को सबसे घातक अमेरिकी तूफान कहा जा रहा है। बता दें उष्णकटिबंधीय चक्रवात तूफान कैटरीना ने अगस्त 2005 के अंत में दक्षिण-पूर्वी संयुक्त राज्य अमेरिका को प्रभावित किया था। तूफान और उसके बाद की घटनाओं ने 1,800 से अधिक लोगों की जान ले ली थी। -(आईएएनएस)
संयुक्त राष्ट्र, 5 अक्टूबर । इजराली हमलों की वजह से लेबनान में हालात लगातार बिगड़ रहे हैं। इसे देखते हुए लेबनान के लिए यूएन के मानवीय समन्वयक इमरान रिजा ने 'लेबनान मानवीय कोष' से अतिरिक्त 2 मिलियन डॉलर देने का ऐलान किया है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने शुक्रवार को कहा कि इस नए फंड के साथ अब तक का कुल आवंटन 12 मिलियन डॉलर हो गया। बता दें हाल ही में 10 मिलियन डॉलर के केंद्रीय आपातकालीन प्रतिक्रिया फंड की भी घोषणा की गई थी। दुजारिक ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने जानकारी दी कि मेडिकल सप्लाई के साथ पहली फ्लाइट, शुक्रवार को बेरूत पहुंच गई।
यह मेडिकल मदद हजारों घायल लोगों के इलाज के लिए पर्याप्त है। आने वाले दिनों में और फ्लाइट्स की योजना बनाई गई है। मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय, नागरिकों की सुरक्षा और भलाई को लेकर चिंतित है क्योंकि लेबनान में हवाई हमलों और विस्थापन में बढ़ोतरी देखी जा रही है। बेरूत के रिहायशी इलाकों में एक बार फिर रात भर इजरायली हवाई हमले हुए, जिसमें बचावकर्मी घायल हुए। लेबनान के अन्य हिस्सों में भी हमले जारी रहे। दुजारिक ने कहा, "इस अभियान से नागरिकों पर जो असर पड़ा है, वह अस्वीकार्य है।" उन्होंने सभी पक्षों से नागरिकों और बुनियादी ढांचे की रक्षा करने के लिए हर संभव प्रयास करने की अपील की। प्रवक्ता ने कहा कि लेबनान में संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बल (यूएनआईएफआईएल) ने रिपोर्ट दी है कि उनके संचालन क्षेत्र में, हवाई हमले और भारी झड़पें देखी जा रही हैं।
दुजारिक ने कहा, "खतरनाक माहौल के बावजूद यूएनआईएफआईएल शांति सैनिक अपनी लोकेशन में बने हुए हैं।" उन्होंने याद दिलाया कि संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों की सुरक्षा सबसे पहली प्राथमिकता है और यह सभी पक्षों की साझा जिम्मेदारी है। यूएन प्रवक्ता ने कहा कि यूएनआईएफआईएल तत्काल तनाव कम करने, पार्टियों से शत्रुता को तुरंत समाप्त करने और सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1701 को पूर्व रूप से लागू करने की अपील को दोहराता है। --(आईएएनएस)
सना, 5 अक्टूबर । अमेरिका-ब्रिटेन नौसैनिक गठबंधन के युद्धक विमानों ने यमन के सना, होदेदाह और धमार शहरों पर 12 हवाई हमले किए। यह जानकारी हूती संचालित मीडिया ने दी। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने हूती विद्रोदियों के अल मसीरा टीवी के हवाले से बताया कि शुक्रवार को राजधानी सना में गठबंधन ने मिलिट्री मेंटेनेंस संस्थान को निशाना बनाकर चार हमले किए। यह शहर के मध्य में हूती कंट्रोल वाली एक मिलिट्री साइट है। हिंसक हमलों के बाद, पूरे शहर में बड़े ब्लास्ट हुए और टारगेटेड साइट से काला धुआं निकलने लगा।
लोगों ने बताया कि उन्होंने एम्बुलेंस को घटनास्थल की तरफ जाते हुए देखा गया। अल-मसीरा टीवी के अनुसार, लाल सागर के बंदरगाह शहर होदेदाह पर अलग-अलग हमलों में, नौसेना गठबंधन ने एयरपोर्ट और शहर के उत्तर-पश्चिमी अल-कथीब इलाके को निशाना बनाया। इस बीच, एक अन्य हवाई हमले में धमार शहर के दक्षिणी हिस्से में एक हूती मिलिट्री साइट को निशाना बनाया गया। अमेरिका-ब्रिटेन गठबंधन ने हमलों पर कोई टिप्पणी नहीं की और अभी तक किसी के हताहत होने की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है। शुक्रवार को ही, हूती प्रशासन के प्रवक्ता हाशिम शराफ अल-दीन ने एक बयान में कहा कि अमेरिका-ब्रिटेन के हवाई हमले ग्रुप को नहीं डरा पाएंगे।
उन्होंने लाल सागर और अदन की खाड़ी में 'इजरायल से जुड़े' जहाजों और इजरायली इलाकों पर और अधिक हमले करने की बात कही। बता दें हूतियों का 2014 के अंत में गृह युद्ध शुरू होने के बाद से राजधानी सना सहित उत्तरी यमन के अधिकांश हिस्से पर कब्जा है। समूह ने पिछले साल नवंबर से इजरायल पर छिटपुट हमले किए हैं और लाल सागर में 'इजरायल से जुड़े' जहाजों को निशाना बनाया है। उन्होंने यह कार्रवाई इजरायलियों के साथ संघर्ष में फिलिस्तीनियों का समर्थन करने के लिए की है। इसके जवाब में क्षेत्र में तैनात अमेरिका-ब्रिटेन के नौसैनिक गठबंधन ने समूह को रोकने के लिए जनवरी से हूती टारगेट्स के खिलाफ नियमित एयर स्ट्राइक और मिसाइल हमले किए हैं। --(आईएएनएस)
सियोल, 5 अक्टूबर । दक्षिण कोरिया में फिर से मवेशियों में लंपी स्किन डिजीज (एलएसडी) का मामला सामने आया है, जिससे इस साल कुल मामलों की संख्या आठ हो गई है। यह जानकारी शनिवार को सरकारी अधिकारियों ने दी। योनहाप समाचार एजेंसी ने बताया, कृषि मंत्रालय के अनुसार, यह नया मामला शुक्रवार को गोसॉन्ग के एक पशु फार्म में पाया गया, जो सियोल से करीब 160 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में है। यह मामला ठीक एक दिन पहले यांगयांग (सियोल से 154 किलोमीटर उत्तर-पूर्व) और प्येओंगटेक (सियोल से 64 किलोमीटर दक्षिण) के फार्मों में ऐसे ही मामलों की पुष्टि होने के बाद सामने आया।
संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सरकार ने प्रभावित फार्मों को घेर लिया है और क्वारंटाइन के उपाय किए हैं। कृषि मंत्रालय ने प्रांतीय सरकारों से सतर्क रहने और देश भर में मवेशियों के टीकाकरण को इस महीने के अंत तक पूरा करने का आह्वान किया है। एलएसडी एक बहुत संक्रामक बीमारी है, जिससे मवेशियों की त्वचा पर घाव, बुखार और भूख कम लगने जैसे लक्षण होते हैं। इससे दूध उत्पादन घटता है और कभी-कभी मौत भी हो जाती है।
यह बीमारी मच्छरों और खून चूसने वाले कीड़ों के जरिए फैलती है। इस साल अगस्त में देश में पहली बार एलएसडी का मामला अनसॉन्ग में पाया गया था, जो सियोल से 65 किलोमीटर दक्षिण में है। वहां 80 गायें पाली जाती हैं। यह नवंबर पिछले साल के बाद पहली बार दक्षिण कोरिया में एलएसडी का मामला था। इस बीच, कृषि मंत्रालय ने हाल ही में कहा कि वह 2025 तक एलएसडी के लिए एक जेनेटिक डायग्नोस्टिक किट (आनुवंशिक जांच किट) का व्यवसायीकरण करने की योजना बना रहा है। यह किट संक्रमित मवेशियों की पहचान कर पूरी गायों की झुंड को नष्ट करने की बजाय सिर्फ बीमार गायों को अलग करने में मदद करेगी। कृषि, खाद्य और ग्रामीण मामलों के मंत्रालय के अनुसार यह तकनीक मीडियन डायग्नॉस्टिक्स के साथ मिलकर विकसित की गई है, जो 8 घंटे के अंदर नतीजे दे सकती है, जबकि पहले यह प्रक्रिया एक हफ्ते लेती थी। -(आईएएनएस)
जर्मनी की ग्रीन पार्टी अपने सबसे खराब दौर से गुजर रही है. हालिया चुनावी हार के बाद पार्टी के कई नेताओं और प्रतिनिधियों ने इस्तीफा दे दिया. क्या जर्मनी के वाइस चांसलर और पार्टी के प्रमुख नेता रोबर्ट हाबेक इसे उबार सकेंगे?
डॉयचे वैले पर येंस थुराऊ की रिपोर्ट-
जर्मनी की ग्रीन पार्टी काफी मुश्किल दौर से गुजर रही है. इसके राजनीतिक विरोधी लगातार तीखे हमले कर रहे हैं. पार्टी के प्रमुख राजनेताओं को सोशल मीडिया पर तीखी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है.
एक तरफ जहां धुर-दक्षिणपंथी और लोकलुभावन पार्टियां इमिग्रेशन से जुड़ी सख्त नीतियां बनाने का वादा करके चुनाव जीतने पर जश्ना मना रही हैं, वहीं पर्यावरणविद् अपने प्रमुख मुद्दों, जैसे कि ऊर्जा के स्रोत में बदलाव और जलवायु संरक्षण को आगे बढ़ाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.
हालांकि, ग्रीन पार्टी कई बार उतार-चढ़ाव के दौर से गुजर चुकी है. जब 1990 में जर्मनी का एकीकरण हुआ था, तब देश के लोग दोनों हिस्सों के शांतिपूर्ण तरीके से एक साथ आने को लेकर चिंतित थे और ग्रीन पार्टी पर्यावरण संरक्षण पर ध्यान केंद्रित करना चाहती थी. इसका नतीजा यह हुआ कि उस साल के आम चुनाव में पार्टी को भारी असफलता का सामना करना पड़ा. पार्टी ने संसद के निचले सदन बुंडेस्टाग में अपना प्रतिनिधित्व लगभग खो दिया.
इसके बाद 1999 में ग्रीन पार्टी सेंटर-लेफ्ट सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी (एसपीडी) के साथ सरकार में थी, तो उसने अपनी पार्टी के विदेश मंत्री योशका फिशर का अनुसरण किया. पार्टी ने अपनी शांतिवादी परंपराओं से हटकर कोसोवो में नाटो मिशन में जर्मनी की भागीदारी का समर्थन किया. इस वजह से उस समय भी हजारों सदस्य पार्टी छोड़कर अलग हो गए थे.
इस साल चार प्रमुख चुनावों में मिली हार
ग्रीन पार्टी के लिए 2024 काफी खराब बीत रहा है. पार्टी को निराशाजनक चुनाव परिणामों का सामना करना पड़ा. जून में हुए यूरोपीय चुनावों में उसे सिर्फ 11.9 फीसदी वोट मिले, जबकि 2019 में विपक्ष में रहते हुए भी पार्टी को 20.5 फीसदी वोट मिले थे. फिलहाल, ग्रीन पार्टी केंद्र की गठबंधन सरकार में शामिल है. पार्टी के प्रमुख नेता रोबर्ट हाबेक जर्मनी के आर्थिक मामलों के मंत्री और वाइस चांसलर हैं.
सितंबर में सैक्सनी, थुरिंजिया और ब्रांडेनबुर्ग राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में ग्रीन पार्टी को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा. पार्टी अब सिर्फ सैक्सनी के विधानसभा में प्रतिनिधित्व कर पा रही है. बाकी सभी जगहों पर उसे प्रतिनिधित्व के लिए जरूरी न्यूनतम पांच फीसदी वोट भी नहीं मिले.
इस वजह से पार्टी नेता रिकार्डा लांग और ओमिड नूरीपोर ने पिछले हफ्ते इस्तीफा देने का फैसला किया. उन्होंने कहा कि ग्रीन्स की जलवायु संरक्षण की नीतियां और प्रवासन नीति में थोड़े सुधार की बात अब मतदाताओं को पसंद नहीं आ रही है. दोनों लीडरों ने यह भी कहा कि कई मतदाताओं को लगता है कि ग्रीन्स उनकी वास्तविक समस्याओं से बेखबर है.
नवंबर में होने वाले आगामी पार्टी सम्मेलन में दो नए नेताओं का चुनाव किया जाएगा. इनमें से एक उम्मीदवार हैं फ्रांत्सिस्का ब्रैंटनर, जो संघीय अर्थव्यवस्था मंत्रालय में राज्य सचिव हैं. दूसरे हैं बुंडेस्टाग के सांसद फेलिक्स बनाजाख, जिन्होंने 2022 तक नॉर्थ राइन वेस्टफालिया में ग्रीन्स का नेतृत्व किया था. फिलहाल, वे रूढ़िवादी क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक यूनियन (सीडीयू) के साथ सरकार में हैं.
ब्रैंटनर को रोबर्ट हाबेक का भरोसेमंद और करीबी माना जाता है. लोगों का मानना है कि ब्रैंटनर को ऐसे सदस्य पसंद नहीं हैं, जो पार्टी के मूल सिद्धांतों पर बहस करते हैं. उन्होंने एक साल पहले पार्टी के सम्मेलन के दौरान डीडब्ल्यू से कहा कि वह कमजोर पड़ी अर्थव्यवस्था में बड़े पैमाने पर निवेश के लिए कर्ज लेने और संविधान में शामिल 'डेट ब्रेक' (कर्ज लेने की सीमा) में संशोधन करने के पक्ष में हैं.
दरअसल, जर्मनी के 16 राज्यों को अपने खातों को बैलेंस रखने के लिए बाध्य किया जाता है. साथ ही, केंद्र सरकार को जीडीपी के अधिकतम 0.35 फीसदी के बराबर कर्ज लेने की अनुमति है.
फेलिक्स बनाजाख का मानना है कि बुंडेसवेयर के लिए पर्याप्त हथियार होने चाहिए और यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति जारी रखनी चाहिए. दोनों ही मामलों में उनका विचार रोबर्ट हाबेक के साथ मिलता है.
जब डीडब्ल्यू ने पूछा कि क्या उनके जैसे युवा ग्रीन्स अभी भी खुद को शांतिवादी कह सकते हैं, जैसे कि कभी उनके पार्टी संस्थापक थे, तो उन्होंने जवाब दिया, "अगर आप 1980 के दशक की तरह हिंसा से पूरी तरह दूरी की बात करते हैं, तो नहीं. अगर आपको शांति से रहना है, तो आपको पहले शांति हासिल करनी होगी. अगर आपको शांति हासिल करनी है, तो सैन्य शक्ति चाहिए होगी. इसलिए, यह 'हथियारों के बिना शांति बनाने' के बारे में नहीं है, लेकिन हमारा लक्ष्य एक अधिक शांतिपूर्ण दुनिया की स्थापना करना है."
राजनीतिक विशेषज्ञ हैरान हैं कि क्या खराब पोल रेटिंग और पेंशन, बजट एवं प्रवासन को लेकर गठबंधन में चल रहे विवादों के बावजूद अगले साल होने वाले संघीय चुनाव में पार्टी के अभियान का नेतृत्व करने के लिए हाबेक पर भरोसा करना समझदारी है? जबकि, वह उन घटनाक्रमों में शामिल मुख्य नेताओं में से एक हैं जिन्होंने पार्टी को संकट में डाल दिया है.
जर्मन घरों में गैस और तेल हीटिंग वाले सिस्टम को बदलने के लिए अधिक टिकाऊ हीट पंप को प्रोत्साहित करने का हाबेक का प्रयास एक पीआर आपदा में बदल गया, यानी उनकी राजनीतिक छवि और खराब हो गई. दरअसल, इस मामले से जुड़ा एक मसौदा कानून लागू होने से पहले ही सार्वजनिक कर दिया गया. इसपर लोगों ने तीखी प्रतिक्रिया दी. कानून अंततः लागू हुआ, लेकिन इसे काफी हद तक कमजोर कर दिया गया. इस प्रकरण के बाद हाबेक की छवि काफी ज्यादा प्रभावित हुई है.
हालांकि, हाबेक ने अक्सर साबित किया है कि वह अपनी गलतियों से सीखने में सक्षम हैं. 1969 में ल्यूबेक में जन्मे हाबेक ने साल 2000 में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की और 2002 में ग्रीन पार्टी में शामिल होने से पहले दर्शनशास्त्र, जर्मन साहित्य और भाषा शास्त्र का अध्ययन किया. चार बच्चों के पिता हाबेक श्लेसविग होलश्टाइन राज्य से हैं, जहां उन्होंने 2012 से 2018 तक पर्यावरण मंत्री के रूप में कार्य किया. उस दौरान उन्होंने एक ऐसे सहज नेता के तौर पर अपनी छवि बनाई, जिसने सेंटर-लेफ्ट एसपीडी और सेंटर-राइट सीडीयू के साथ समान रूप से अच्छा काम किया.
हाबेक को संघीय स्तर पर सीडीयू और सीएसयू के रूढ़िवादियों के साथ गठबंधन के लिए खुले तौर पर काफी व्यावहारिक माना जाता है. फिलहाल, यह स्पष्ट नहीं है कि पार्टी अपने चुनाव अभियान को पूरी तरह से हाबेक के हिसाब से तैयार करेगी या नहीं. यह संभावना है कि पार्टी के सदस्य चांसलर पद के लिए हाबेक की उम्मीदवारी के रास्ते में नहीं आना चाहेंगे. खासकर तब, जब विदेश मंत्री अनालेना बेयरबॉक ने घोषणा कर दी है कि वह फिर से इस पद के लिए उम्मीदवार नहीं बनेंगी.
वर्तमान में ग्रीन्स को देशभर में लगभग 11 फीसदी वोट मिल रहे हैं. साथ ही, इस बात की बेहद कम संभावना है कि एसपीडी, ग्रीन्स और नव-उदारवादी फ्री डेमोक्रेट्स (एफडीपी) की मौजूदा सरकार अगले साल सत्ता में वापस आएगी. (dw.com)
जुबा, 5 अक्टूबर । संयुक्त राष्ट्र मानवीय मामलों के समन्वय कार्यालय (ओसीएचए) ने बताया कि दक्षिण सूडान में बाढ़ से 8 लाख 90 हजार से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। विनाशकारी बाढ़ से निपटने के लिए कार्रवाई तेज कर दी गई है। संयुक्त राष्ट्र राहत एजेंसी ने शुक्रवार को दक्षिण सूडान की राजधानी जुबा में जारी एक अपडेट रिपोर्ट में कहा कि बाढ़ के कारण अब तक 42 जिलों और अबेई में लगभग 2 लाख 26 हजार लोग विस्थापित हो चुके हैं। समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने ओसीएचए के हवाले से कहा कि दक्षिण सूडान अभूतपूर्व बाढ़ का सामना कर रहा है। पूर्वानुमानों में औसत से ज्यादा बारिश, युगांडा से नदियों का प्रवाह और संभावित रूप से रिकॉर्ड तोड़ बाढ़ की भविष्यवाणी की गई है।
एजेंसी ने कहा कि सड़कों की स्थिति खराब होने के कारण प्रभावित समुदायों तक पहुंच एक चुनौती बनी हुई है। यह अपडेट दक्षिण सूडान की मंत्रिपरिषद द्वारा बाढ़ प्रभावित राज्यों में आपातकाल की घोषणा का समर्थन करने के एक दिन बाद आया है। उम्मीद है कि राष्ट्रपति साल्वा कीर के जल्द ही घोषणा जारी करेंगे, ताकि राहत प्रयासों में सहायता के लिए अंतरराष्ट्रीय दानदाताओं से संसाधन जुटाए जा सकें। संयुक्त राष्ट्र ने सितंबर में दक्षिण सूडान में बाढ़ से निपटने के लिए तत्काल कार्रवाई के लिए 15 मिलियन अमेरिकी डॉलर आवंटित किए थे। यह बाढ़ मई में शुरू हुई थी और तब से इसने घरों, फसलों और बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचाया है। इसके अलावा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं भी बाधित हुई हैं। --(आईएएनएस)
वाशिंगटन, 5 अक्टूबर । अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन नहीं चाहते कि इजरायल, ईरान के तेल उत्पादन संयंत्रों को निशाना बनाए। उन्होंने शुक्रवार को कहा, 'देखिए, इजरायलियों ने अभी तक यह तय नहीं किया है कि वे किस तरह से हमला करने जा रहे हैं। इस पर चर्चा चल रही है। मुझे लगता है कि अगर मैं उनकी जगह होता, तो तेल क्षेत्रों पर हमला करने के अलावा अन्य विकल्पों के बारे में सोचता।' बाइडेन शुक्रवार को अपने अपने राष्ट्रपति पद के कार्यकाल के दौरान पहली बार व्हाइट हाउस प्रेस ब्रीफिंग में उपस्थित हुए। अमेरिकी राष्ट्रपति की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब अमेरिका यहूदी राष्ट्र के साथ इस बारे में चर्चा कर रहा है कि वह ईरान के मिसाइल हमलों का जवाब कैसे देगा।
सिन्हुआ समाचार एजेंसी के मुताबिक राष्ट्रपति ने कहा कि उनके प्रशासन के अधिकारी अपने इजरायली समकक्षों के साथ 'दिन में 12 घंटे' संपर्क में हैं। यूएस प्रेसिडेंट ने कहा, "वे तुरंत कोई फैसला नहीं लेने जा रहे हैं।" उन्होंने इस तथ्य की ओर इशारा किया कि यहूदी फिलहाल हाई-हॉलिडे की छुट्टियों का आनंद ले रहे हैं। राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा, "और इसलिए, हमें यह देखने के लिए इंतजार करना होगा कि वे क्या चाहते हैं और कब बात करना चाहते हैं।" बाइडेन के संबोधन के बाद मंच पर आए नेशनल इकोनॉमिक काउंसिल के निदेशक लेल ब्रेनार्ड ने कहा कि मध्य पूर्व में तनाव के बीच अमेरिका ग्लोबल ऑयल मार्केट्स पर कड़ी नजर रख रहा है। ब्रेनार्ड ने कहा, "हमारे पास भू-राजनीतिक अस्थिरता से निपटने के लिए वास्तव में प्रभावी तरीके हैं। फिलहाल, बाजारों में बहुत अच्छी आपूर्ति है और हमें उम्मीद है कि यह आगे भी बनी रहेगी।"
बता दें ईरान की ओर से मंगलवार रात इजरायल पर बड़ा मिसाइल अटैक किया गया। इजरायल के चैनल 13 टीवी समाचार के मुताबिक ईरान की ओर से कम से कम 200 जमीन से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलें दागी गईं, जिससे पूरे देश में सायरन बजने लगे और लाखों लोग शेलटर्स की ओर भागे। ईरान का कहना है कि यह बमबारी हमास के राजनीतिक नेता इस्माइल हानिया, हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह और ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स कमांडर ब्रिगेडियर जनरल अब्बास निलफोरुशन की हत्याओं के जवाब में की गई। बता दें ईरान हमास और हिजबुल्लाह को खुलकर समर्थन देता आया है। ईरानी हमले के कुछ घंटों बाद, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सुरक्षा कैबिनेट की बैठक के दौरान कहा, "ईरान ने आज रात एक बड़ी गलती की है, और उसे इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी।" इस बीच शुक्रवार को ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने इजरायल पर तेहरान के हमले की तारीफ की और इसे 'पूरी तरह से कानूनी और वैध कार्य' बताया। उन्होंने कहा कि ईरान समेत तमाम इस्लामिक देशों का दुश्मन एक है और सबको साथ आने की जरूरत है। तेहरान की ग्रैंड मोसल्ला मस्जिद से शुक्रवार की नमाज का नेतृत्व करते हुए खामेनेई ने कहा, "दो या तीन रात पहले हमारे सशस्त्र बलों का शानदार काम पूरी तरह से कानूनी और वैध था।" --(आईएएनएस)
तेल अवीव, 4 अक्टूबर । इजरायली रक्षा बलों (आईडीएफ) ने शुक्रवार को कहा कि उसने चार दिन पहले दक्षिणी लेबनान में जमीनी अभियान शुरू करने के बाद से 2,000 से अधिक सैन्य ठिकानों को नष्ट कर दिया और हिज़्बुल्ला के 250 आतंकवादियों को मार गिराया। आईडीएफ ने कहा, "इस दौरान ब्रिगेड स्तर के पांच कमांडर, 10 कंपनी कमांडर और छह प्लाटून कमांडर मारे गए।" इजरायली वायु सेना (आईएएफ) भी दक्षिणी लेबनान में हमले कर रही है।
आईडीएफ ने कहा, "डिवीजन 98 की सेनाएं सप्ताह की शुरुआत में जमीनी कार्रवाई शुरू करने वाली पहली सेना थीं। " ऑपरेशन के दौरान, आईएएफ ने इमारतों में छिपे हिजबुल्ला आतंकवादियों को मार गिराया तथा उनके हथियारों के भंडार को भी नष्ट कर दिया। इसमें लॉन्च करने के लिए तैयार लांचर भी शामिल थे। आईडीएफ ने बताया, "वायु सेना के जवान हमारे जमीनी अभियान को आसान बना रहे हैं। आज तक, जमीन और हवा से लगभग 250 आतंकवादियों को खत्म कर दिया गया है, साथ ही 2,000 से अधिक सैन्य ठिकानों पर हमला कर आतंकवादियों के बुनियादी ढांचे, सैन्य भवन, गोला-बारूद डिपो आदि को नष्ट कर दिया गया है।" (आईएएनएस)
तेहरान, 5 अक्टूबर । ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई ने कहा है कि हाल ही में इजरायल के खिलाफ ईरान की सैन्य कार्रवाई "पूरी तरह कानूनी और जायज" है। खामेनेई ने यह बात ईरान की राजधानी तेहरान में शुक्रवार की नमाज के दौरान बड़ी संख्या में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कही। यह बयान उनके कार्यालय की वेबसाइट पर जारी किया गया। शिन्हुआ समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक वह ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशन गार्ड्स कॉर्प्स (आईआरजीसी) द्वारा इजरायल पर किए गए हाल के मिसाइल हमले पर टिप्पणी कर रहे थे। खामेनेई ने जोर देकर कहा कि ईरानी सेना की कार्रवाई इजरायल के अपराधों के जवाब में दी गई सबसे छोटी सजा है, जो इजरायल और अमेरिका ने पश्चिम एशिया में किए हैं। उन्होंने कहा कि ईरान इस मामले में "मजबूती, बहादुरी और दृढ़ता" से अपनी जिम्मेदारियों को निभाएगा।
उन्होंने यह भी जोड़ा, "हम न तो हिचकिचाएंगे, न लापरवाही करेंगे और न ही जल्दबाजी करेंगे।" खामेनेई ने कहा, "जो भी उचित, तर्कसंगत और सही होगा, उसे सही समय पर किया जाएगा, जैसा कि यह मिसाइल हमला किया गया और भविष्य में भी अगर जरूरी हुआ तो किया जाएगा।" मंगलवार को आईआरजीसी ने इजरायल के रणनीतिक केंद्रों पर लगभग 180 मिसाइलें दागी। ईरान ने कहा कि ये हमले इजरायल द्वारा हमास के प्रमुख इस्माइल हानियेह, हिजबुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह और आईआरजीसी के वरिष्ठ कमांडर अब्बास नीलफोरुशान की हत्याओं के जवाब में थे। साथ ही, इजरायल की आक्रमकता और अमेरिका के समर्थन से लेबनानियों और फिलिस्तीनियों के खिलाफ बढ़ते "दुष्ट कार्यों" का बदला भी था। - (आईएएनएस)
जिनेवा, 5 अक्टूबर । हैती में गैंग हमले में कम से कम 70 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में 10 महिलाएं और 3 बच्चे भी शामिल हैं। समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने शुक्रवार को प्रकाशित एक बयान में हमलों पर चिंता व्यक्त की। संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता थामीन अल-खेतन ने कहा कि ग्रैन ग्रिफ गिरोह (गैंग) के सदस्यों ने लोगों पर गोलीबारी करने के लिए ऑटोमैटिक राइफलों का इस्तेमाल किया।
इस वजह से बड़े पैमाने पर लोग हताहत हुए और कई निवासियों को भागने पर मजबूर होना पड़ा। हैती के आर्टिबोनाइट विभाग के पोंट सोंडे शहर में हुए हमले में कम से कम 16 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं, जिनमें हैती पुलिस के साथ गोलीबारी के दौरान घायल हुए गिरोह के दो सदस्य भी शामिल हैं। गिरोह के सदस्यों ने लोगों को गोली मारने के अलावा, कथित तौर पर कम से कम 45 घरों और 34 वाहनों को आग के हवाले कर दिया, जिस कारण कई निवासियों को अपने घरों से भागने पर मजबूर होना पड़ा। कैरेबियाई देश हैती में हिंसा और अपराध की बढ़ती घटनाओं ने चिंता बढ़ा दी है, जहां सशस्त्र गिरोह राजधानी पोर्ट-ऑ-प्रिंस के ज्यादातर हिस्सों को नियंत्रित करते हैं और आसपास के इलाकों में फैल रहे हैं।
इससे भूख और बेरोजगारी में वृद्धि हुई है। सैकड़ों लोग बेघर हो गए हैं। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने हैती में सुरक्षा की स्थिति में सुधार के लिए अंतरराष्ट्रीय वित्तीय और सैन्य सहायता बढ़ाने का आह्वान किया है। कार्यालय ने इस बात पर भी बल दिया कि हैती के प्राधिकारियों को हमले की गहन जांच करनी चाहिए। हमले के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। -(आईएएनएस)
-सेबस्चियन अशर और मैक्स मैट्ज़ा
अमेरिकी सेना ने कहा है कि उसने यमन में ईरान समर्थित हूती संगठन से जुड़े 15 ठिकानों पर मिसाइल हमला किया है.
अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने बताया है कि उसने ‘आवाजाही की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए’ हवाई जहाज़ और युद्धपोतों से हमले किए हैं.
राजधानी सना समेत यमन के मुख्य शहरों में कई धमाकों की आवाज़ें सुनी गई हैं.
नवंबर से अब तक हूती विद्रोहियों ने रेड सी में तक़रीबन 100 जहाज़ों पर हमले किए हैं जिसमें दो जहाज़ डूबे भी हैं. विद्रोही समूह ने कहा कि ग़ज़ा में इसराइल की सैन्य कार्रवाई के जवाब में वो हमले कर रहा है.
मध्य पूर्व में अमेरिका के सैन्य अभियान की निगरानी करने वाले सेंट्रल कमांड ने बताया कि हूती से जुड़े हथियार सिस्टम, उनके बेस और दूसरे ठिकानों को निशाना बनाया गया है.
हूती समूह से जुड़े मीडिया ने कहा है कि यमन की राजधानी सना समेत दूसरे शहरों को निशाना बनाया गया है.
सोमवार को हूती समूह ने कहा था कि उसने यमन में अमेरिका के बनाए एमक्यू-9 रीपर ड्रोन को गिरा दिया है. अमेरिकी सेना ने स्वीकार किया था कि उसने मानवरहित विमान को खो दिया है. (bbc.com/hindi)
तेहरान, 4 अक्टूबर। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने इजराइल पर तेहरान के हालिया मिसाइल हमले की सराहना की है। सरकारी टेलीविजन की खबरों में शुक्रवार को यह जानकारी दी गई।
खामेनेई शुक्रवार की नमाज की अगुवाई कर रहे थे और राजधानी तेहरान में एक भाषण भी दिया, जिसे ईरान की आगे की योजना के संकेत के रूप में देखा जा रहा है।
अपने 40 मिनट के भाषण में उन्होंने इजराइल पर मंगलवार को किये गए मिसाइल हमले की ईरान के सैन्य बलों के एक शानदार काम के रूप में सराहना की।
उन्होंने कहा, ‘‘यदि जरूरत पड़ी तो भविष्य में फिर से ऐसा किया जाएगा।’’
इससे पहले, एक इजराइली हमले में मारे गए हिज्बुल्ला नेता हसन नसरल्ला की याद में स्मृति कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन और रिवोल्यूशनरी गार्ड के शीर्ष अधिकारियों सहित उच्च पदस्थ ईरानी अधिकारी शामिल हुए।
ईरान, हिज्बुल्ला का मुख्य समर्थक है और उसने हाल के वर्षों में इस समूह को हथियार एवं अरबों अमेरिकी डॉलर दिये हैं।
शुक्रवार को ही, ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची बेरूत पहुंचे। इजराइल और हिज्बुल्ला के बीच जारी लड़ाई पर वहां लेबनानी अधिकारियों के साथ उनके बातचीत करने की उम्मीद है।
प्रवक्ता इस्माइल बागेही ने कहा कि ईरान ने लेबनान को मदद की पहली खेप भेजी है जिसमें 10 टन खाद्य सामग्री और दवाइयां हैं। (एपी)
बेरूत, 4 अक्टूबर। इजराइल ने बेरूत के दक्षिणी उपनगरीय इलाकों में रातभर कई चरणों में भीषण हवाई हमले किये तथा लेबनान एवं सीरिया के बीच के मुख्य सड़क संपर्क को काट दिया।
इजराइल ने उस चेतावनी के बाद नये हमले किये जिसमें दक्षिणी लेबनान के उन लोगों से जगह खाली करने के लिए कहा गया था जो संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित बफर जोन के बाहर हैं। इजराइल और लेबनानी चरमंथी संगठन हिजबुल्ला के बीच सालभर से जारी युद्ध अब बढ़ गया है।
इजराइल ने मंगलवार को लेबनान में जमीनी सैन्य कार्रवाई शुरू की और उसकी सेनाएं सीमा पर एक पतली पट्टी में हिजबुल्ला के चरमपंथियों से लड़ रही हैं। जमीनी सैन्य कार्रवाई से पहले इजराइल ने हमलों की एक श्रृंखला के तहत आतंकी संगठन के कुछ प्रमुख सदस्यों की मौत हो चुकी है जिनमें लंबे समय से इसके नेता रहे हसन नसरल्ला का नाम भी शामिल है।
रात भर हुए विस्फोटों ने बेरूत के दक्षिणी उपनगरीय इलाकों को हिलाकर रख दिया। हवाई बमबारी के कारण रात में आकाश में धुएं के गुबार और आग की लपटें उठती दिखीं। विस्फोट इतने शक्तिशाली थे कि लेबनान की राजधानी से कई किलोमीटर दूर तक की इमारतें हिल गईं।
इजराइली सेना ने फिलहाल यह नहीं बताया है कि उसका लक्षित लक्ष्य क्या था। हताहतों के बारे में भी अभी कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है।
लेबनान की सरकारी राष्ट्रीय समाचार एजेंसी ने बताया कि बृहस्पतिवार देर रात क्षेत्र में लगातार 10 से अधिक हवाई हमले किये गये। एजेंसी ने बताया कि इजराइली हवाई हमले के कारण व्यस्त ‘मसना बॉर्डर क्रॉसिंग’ के पास सड़क संपर्क कट गया, जहां से पिछले दो हफ्तों में लेबनान में युद्ध के कारण हजारों लोग भागकर सीरिया में घुस गए।
दोनों देशों को जोड़ने वाले सबसे व्यस्त सड़क संपर्क को काटने वाले हवाई हमले के एक दिन पहले एक इजराइली सैन्य प्रवक्ता ने कहा था कि हिजबुल्ला सीमा पार से सैन्य उपकरणों के परिवहन की कोशिश कर रहा है।
ऐसा माना जाता है कि हिजबुल्ला को अपने अधिकांश हथियार सीरिया के रास्ते ईरान से प्राप्त हुए हैं। संगठन की सीमा के दोनों ओर मौजूदगी है, एक ऐसा क्षेत्र जहां वह सीरियाई राष्ट्रपति बशर असद की सेना के साथ लड़ रहा है।
सरकार समर्थक सीरियाई मीडिया संस्थान ‘दामा पोस्ट’ ने कहा कि इजराइली युद्धक विमानों ने दो मिसाइलें दागीं, जिससे लेबनान स्थित ‘मसना बॉर्डर क्रॉसिंग’ और सीरियाई क्रॉसिंग प्वाइंट ‘जेडीडेट याबोस’ के बीच सड़क मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया।
युद्ध की शुरुआत के बाद से यह पहली बार है कि इस प्रमुख सीमापारीय संड़क संपर्क को काट दिया गया है। लेबनानी जनरल सिक्योरिटी ने दर्ज किया है कि 23 सितंबर से 30 सितंबर के बीच (जब इजराइल ने दक्षिणी और पूर्वी लेबनान पर भारी बमबारी की) 256,614 सीरियाई नागरिकों और 82,264 लेबनानी नागरिकों ने सीरियाई क्षेत्र में प्रवेश किया। (एपी)
लुसाका, 4 अक्टूबर । जाम्बिया के राष्ट्रपति हाकेंडे हिचिलेमा ने विकास और लोगों की भलाई को बढ़ाने के लिए पूरे अफ्रीका में डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने और इसमें त्वरित निवेश का आह्वान किया है। समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, हिचिलेमा ने कहा कि डिजिटलीकरण और प्रौद्योगिकी अफ्रीका के सामाजिक-आर्थिक विकास को गति देने के लिए महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि डिजिटल प्लेटफॉर्म में व्यापार करने की लागत को कम करने और अफ्रीका में जीवन को आसान बनाने की क्षमता है। उन्होंने 2024 डिजिटल गवर्नमेंट अफ्रीका शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, "मेरा मानना है कि हम यहां इसलिए एकत्रित हुए हैं, क्योंकि हम मानते हैं कि डिजिटलीकरण हमारे देशों और महाद्वीपों के आर्थिक और सामाजिक परिवर्तन में तेजी लाने के लिए महत्वपूर्ण है।"
जाम्बियाई राष्ट्रपति ने कहा कि डिजिटलीकरण और प्रौद्योगिकी अफ्रीका को प्रवासन जैसी बढ़ती समस्याओं से निपटने में काफी मदद कर सकती है। उन्होंने कहा कि इसका उपयोग महाद्वीप की सीमाओं को अधिक कुशल बनाने के लिए भी किया जा सकता है, ताकि देश एक-दूसरे के साथ अधिक व्यापार कर सकें। हालांकि, हिचिलेमा ने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि अफ्रीकी सरकारें डिजिटलीकरण को बढ़ावा नहीं दे रही हैं।
उन्होंने कहा कि डिजिटलीकरण को अपनाने का यही सही समय है। उनके अनुसार, डिजिटल उपकरण अफ्रीकी देशों को नागरिकों की सेवा करने और अर्थव्यवस्थाओं को विकसित करने के लिए अपार अवसर प्रदान करते हैं। जाम्बिया के प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान मंत्री फेलिक्स मुताती ने कहा कि उनके देश ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रणनीति तैयार करने में प्रगति की है।
मुताती ने कहा कि सरकार देश में डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने के लिए अंतरराष्ट्रीय भागीदारों के साथ काम कर रही है और उन्होंने सार्वजनिक सेवा वितरण को व्यवस्थित करने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने के लिए देश की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। बता दें कि बुधवार से शुरू होकर शुक्रवार तक चलने वाले इस शिखर सम्मेलन में 33 अफ्रीकी देशों के 500 से अधिक प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। --(आईएएनएस)
अदन, 4 अक्टूबर । यमन के हूती विद्रोहियों ने दावा किया कि उन्होंने पिछले नवंबर से 188 जहाजों को निशाना बनाया है। ग्रुप के नेता अब्दुल-मलिक अल-हूती के मुताबिक लाल सागर, अरब सागर और हिंद महासागर में जहाजों को निशाना बनाया गया। हूती ग्रुप के अल-मसीरा टीवी पर गुरुवार को प्रसारित एक भाषण में, अल-हूती ने कहा कि गाजा पट्टी में फिलिस्तीनियों का समर्थन करने के लिए ये हमले किए गए। उन्होंने दावा किया कि ग्रुप ने इस साल अब तक 11 अमेरिकी ड्रोन को मार गिराया। सिन्हुआ समाचार एजेंसी के मुताबिक हूती लीडर ने कहा कि अमेरिकी और इजरायली फोर्सेज ने यमन के खिलाफ सैन्य कार्रवाई तेज कर दी है।
इस सप्ताह 39 हवाई हमले किए हैं। अल-हूती ने जोर देकर कहा कि इस तरह के हमले हूती सैन्य अभियानों में बाधा नहीं डाल पाएंगे। हूती नेता का इशारा दरअसल यमन के पश्चिमी बंदरगाह शहर होदेइदाह पर रविवार को इजरायल द्वारा किए गए हमले की ओर था। हमले में 6 लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हुए थे। इससे पहले हूतियों ने मंगलवार को इजरायली क्षेत्रों में ड्रोन हमले करने का दावा किया। ईरान समर्थित ग्रुप ने कहा कि हमले इजरायल के जाफा क्षेत्र और उसके बंदरगाह शहर ईलात में 'सैन्य ठिकानों' पर किए गए। हूती सैन्य प्रवक्ता याह्या सारेई ने कहा, "हमने एक ड्रोन जाफा क्षेत्र में एक सैन्य टारगेट पर दागा और चार 'सम्मद-4' ड्रोनों से ईलात में मिलिट्री टारगेट्स को निशाना बनाया।"
बता दें नवंबर 2023 से, हूती ग्रुप इजरायल-हमास युद्ध के बीच फिलिस्तीनियों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए लाल सागर और अदन की खाड़ी में इजरायल से संबंधित जहाजों को निशाना बना रहा है। हूती विद्रोहियों ने 'हमास और हिजबुल्लाह पर आक्रमण' समाप्त होने तक हमले जारी रखने की कसम खाई है। वहीं क्षेत्र में तैनात अमेरिकी-ब्रिटिश नौसैनिक गठबंधन, जनवरी से हूती टारगेट्स के खिलाफ हवाई हमले और मिसाइल हमले कर रहा है। बता दें हूतियों का 2014 के अंत में गृह युद्ध शुरू होने के बाद से राजधानी सना सहित उत्तरी यमन के अधिकांश हिस्से पर कब्जा है। - (आईएएनएस)