कारोबार
रायपुर, 17 मई। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मगेलाल मालू, अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं मीडिय़ा प्रभारी संजय चौंबे ने बताया।
कैट ने जीएसटी कर प्रणाली की वर्तमान व्यवस्था पर बड़ा तंज कसते हुए कहा की यह अब एक औपनिवेशिक कर प्रणाली बन गई है जो जीएसटी के मूल घोषित उद्देश्य गुड एंड सिंपल टैक्स के ठीक विपरीत है। वर्तमान जीएसटी कर प्रणाली भारत में हो रहे व्यापार की जमीनी हकीकत से काफी हद तक दूर है। जीएसटी के तहत 1100 से अधिक संशोधनों और नियमों की शुरूआत ने कर प्रणाली को बेहद जटिल बना दिया है और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के इज़ ऑफ डूइंग बिजऩेस की मूल धारणा के बिलकुल खिलाफ है।
यह कहते हुए कैट ने सूरत में सधर्न गुजरात चेम्बर ऑफ़ कामर्स द्वारा आयोजित एक व्यापारी सम्मेलन तथा सूरत टैक्स बार एसोसियेशन्स द्वारा वकीलों की एक मीटिंग को संबोधित करते हुए माँग की कि जीएसटी कर ढाँचे की नए सिरे से समीक्षा कर उसे सरल बनाया जाए।
कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री अमर पारवानी एवं प्रदेश अध्यक्ष श्री जितेन्द्र दोशी ने पिछले 4 वर्षों से अधिकारियों द्वारा जीएसटी के वर्तमान स्वरुप की कड़ी आलोचना करते हुए कहा की भारत में जीएसटी लागू होने के लगभग 4 साल बाद भी जीएसटी पोर्टल अभी भी कई चुनौतियों से जूझ रहा है। नियमों में संशोधन किया गया है लेकिन पोर्टल उक्त संशोधनों के साथ समय पर अद्यतन करने में विफल है। अभी तक किसी भी राष्ट्रीय अपीलीय न्यायाधिकरण का गठन नहीं किया गया है।
वन नेशन-वन टैक्स के मूल सिद्धांतों को विकृत करने के लिए राज्यों को अपने तरीके से कानून की व्याख्या करने के लिए राज्यों को खुला हाथ दिया गया है। कोई केंद्रीय अग्रिम शासक प्राधिकरण का गठन नहीं किया गया है। जीएसटी अधिकारी ई सिस्टम के द्वारा कर पालना तो कराना चाहते हैं किन्तु देश में व्यापारियों के बड़े हिस्से को अपने मौजूदा व्यवसाय में कम्प्यूटरीकरण को अपनाना बाकी है, इस पर उन्होंने कभी नहीं सोचा और व्यापारियों आदि को कंप्यूटर आदि से लैस करने के विषय में कोई एक कदम भी नहीं उठाया गया है।
श्री पारवानी और श्री दोशी ने कहा कि हाल ही में एक जीएसटी में एक नियम लागू करके जीएसटी अधिकारियों को किसी भी व्यापारी के जीएसटी पंजीकरण को रद्द करने का मनमाना अधिकार दे दिया है जिसमें व्यापारियों को कोई नोटिस नहीं दिया जाएगा और सुनवाई का कोई अवसर भी नहीं दिया जाएगा । यह न्याय के प्राकृतिक सिद्धांत के बिलकुल विरूद्ध है।
अधिकारियों को मनमाने बेलगाम अधिकार दिए जा रहे हैं जिससे निश्चित रूप से भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा। जीएसटी कानून को बेहद विकृत किया गया है, जो इस तथ्य से स्पष्ट है कि 31 दिसंबर, 2020 तक जीएसटी लागू होने की तारीख के बाद से कुल 927 अधिसूचनाएं जारी की गई हैं।
2017 में 298, 2018 में 256, 2019 में 239 और 2020 में 137 सूचनाएं। ऐसी स्थिति में हम व्यापारियों से कैसे उम्मीद कर सकते हैं कि वे कराधान प्रणाली का समय पर अनुपालन करें।
श्री पारवानी और श्री दोशी ने कहा कि वे वित्त मंत्री के साथ बातचीत के जरिए इन मुद्दों को हल करना चाहते हैं। हम कर आधार को विस्तृत करने, राजस्व में वृद्धि करने में सरकार का साथ देने चाहते हैं किन्तु कर ढांचे के सरलीकरण और युक्तिकरण को करना पहले जरूरी है।
बालकोनगर, 17 मई। भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड बालको अपने कौशल विकास केंद्र वेदांता स्किल स्कूल के माध्यम से स्थानीय युवाओं को सशक्त बनाकर राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।वित्तीय वर्ष 2022 में कोरबा, कवर्धा और मैनपाट प्रशिक्षण केंद्रों की मदद से छत्तीसगढ़ के लगभग 600 युवाओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है।
ये प्रशिक्षत युवा देश के अग्रणी कंपनियों में अपनीसेवाएं दे रहे हैं। वेदांता स्किल स्कूल स्थानीय युवाओं को व्यावसायिक रूप से कुशल बनाने के साथ ही उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बना रहा है।
वेदांता स्किल स्कूल प्रशिक्षण केंद्र मेंआतिथ्य उद्योगए वेल्डिंगए सिलाई मशीन ऑपरेटरए सोलर पीवी टेक्निशियनए इलेक्ट्रीशियन और फिटर के छह ट्रेडों में मुफ्त आवासीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है।45 से 65 दिनों के प्रशिक्षण कार्यक्रम को राष्ट्रीय कौशल विकास निगम ;एनएसडीसीद्ध के दिशानिर्देशों के अनुसार तैयार किया गया है और छत्तीसगढ़ के लगभग10 हजार युवाओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है।
वेदांता स्किल स्कूल मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना एमएमकेवीवाई, नाबार्ड, स्किल इंडिया इम्पैक्ट बॉन्ड एसआईआईबी और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सोलर एनर्जी एनआईएसई जैसी सरकारी योजनाओं के साथ मिलकर प्रशिक्षिण दे रहा है।
बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक अभिजीत पति ने वेदांता स्किल स्कूल पर विचार साझा करते हुए कहा कि वेदांता समूह अपने तकनीकी एवं व्यावसायिक कौशल में सतत प्रगति के साथ ही सामुदायिक विकास कार्यक्रमों के माध्यम से अपने प्रचालन क्षेत्रों में ऐसी परियोजनाओं को प्रोत्साहित करने में विश्वास रखता है। देश के उत्तरोत्तर विकास में प्रशिक्षित युवाओं की भागीदारी महत्वपूर्ण है।
कौशल विकास केंद्र के जरिए युवाओं को विभिन्न कौशलों का प्रशिक्षण दिया जा रहा हैए वहीं प्रोजेक्ट कनेक्ट के जरिए जरूरतमंद विद्यार्थियों को नि:शुल्क कोचिंग दी जा रही है। श्री पति ने कहा कि युवाओं के प्रतिभा प्रोत्साहन के लिए बालको प्रतिबद्ध है।
मानव संसाधन प्रबंधक संदीप कुमार राय ने बालको के कौशल विकास कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा किहमारे संगठन में नियोजित उम्मीदवारों ने अनुकरणीय पेशेवर कौशल प्रदर्शित किया है।
बालको की ओर से प्रारंभ यह केंद्र युवाओं को आत्मनिर्भर बनने का आत्मविश्वास और संबल देता है और उन्हें राष्ट्र निर्माण में योगदान करने में सक्षम बनाता है।
पूर्व छात्रा संतोषी धुर्वे ने आभार जताते हुए कहा कि स्किल स्कूल ने उनके जीवन को नई दिशा दी है। आर्थिक रूप से परिवारजनों की मदद कर उन्हें गौरव की अनुभूति होती है। संस्थान ने आत्मनिर्भरता होने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
रायपुर, 17 मई। महिला चेम्बर ने महिलाओ की बढ़ती उम्र और स्किन से सम्बंधित समस्याओ एवं रूप को नया आकार देने के संबंध में डॉ. सुनील कालड़ा, प्लास्टिक एवं कास्मेटिक सर्जन के सहयोग से 19 मई को व्यापार-उद्योग भवन में कार्यशाला का आयोजन किया है। उक्त कार्यशाला में उम्र बढऩे का असर हमारी त्वचा कैसे पड़ता है और हम इस प्रक्रिया को कैसे रोक सकते हैं और आप अपनी मेकअप टेक्निक पर ध्यान कैसे दे ताकि बढ़ती उम्र में भी सुंदर दिख सकती हैं। इस संबंध में विस्तृत जानकारी दी जायेगी।
रायपुर, 17 मई । राजधानी के साइंस कॉलेज ग्राउण्ड में फन वल्र्ड फेयर मनोरंजन मेला का सोमवार को शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर पश्चिम विधान सभा विधायक विकास उपाध्याय ,महापौर एजाज ढेबर युवा आयोग के अध्यक्ष जीतेन्द्र मुदलियार उपस्थित थे ।
महीने भर चलने वाले मेले में बच्चे आकर्षक झूले का मजा ले सकते है। बच्चों के लिए एक से बढ़कर एक झूले है जिसमें वे ब्रेकडास झूला, कोलबंस झूला, जाइंट व्हील, सिलंबो झुला, चीली झूला , डेशिंग कार और ड्रैगन झूला समेत एरो प्लेन, मिनी ट्रेन, कार झूला, मिकी माउस आदि का आनंद ले सकते हैं। स्वादप्रमियों के लिए फूड जोन भी है जिसमें एक से बढ़कर एक स्वादिष्ट फूड के स्टॉल है ।
साथ ही कई राज्यों के शिल्पकारों की आकर्षक रेंज की सैकड़ों वस्तुएं प्रदर्शित की गई है। घर सजाने के लिए एक से बढ़कर एक सामान शो पीस, फर्निचर, होम एप्लायसेस और टेराकोटा के एक से बढ़कर एक आईटम उपलब्ध है । आयोजन में आकर्षक डिस्काउंट भी दिये जा रहे हैं।
एक्सपों के संचालक तमन्ना भाई ने बताया कि इस आयोजन में हैण्डलूम, हैण्डीक्राफ्ट, लाईफस्टाईल, होम डेकोर , फर्नीचर एसेसरीज की विशाल श्रृंखला किफायती दरों में उपलब्ध हैं। एक्सपो में मुख्य आकर्षण के रूप में कश्मीरी साड़ी, कलकत्ता साड़ी, कोसा सिल्क, बम्बू सिल्क, बनारसी सिल्क, भागलपुर लिनेन साड़ी, चंदेरी सिल्क, लखनवी चिकन, डेनिम कुर्ती, बटीक प्रिंट, जयपुरी वन पौस, पंजाबी फुलकारी, खादी शर्ट, मोदी जैकेट, अफगानी सुट, झांसी बेडशीट, केकड़ा बेडशीट, जयपुरी बेडशीट, फैंसी ज्वेलरी, स्टोन ज्वेलरी, राजस्थानी एंटीक ज्वेलरी।
फिरोजाबाद के कलरफुल बैंगल्स ही नहीं बल्कि कपड़ों में टी-शर्ट, लोवर, वूलन लेडिज जैकेट व फुटवियर में पटियाला जूती, राजस्थानी जूती, बॉम्बे सैंडल तथा हैण्डलूम में बेहतरीन कार्पेट , वूडन पेंटिंग, सारंगपुरी फर्नीचर, बेड व सोफा कवर, राजस्थानी बैंग, पश्मिना शॉल, कश्मीरी कुर्ती के अलावा कॉस्मेटिक, होम एप्लायंसेस की विशाल रेंज रखी गई है।
रायपुर, 14 मई। महाराजा अग्रसेन इंटरनेशनल कॉलेज (मैक) के विद्यार्थियों ने पुन: गौरवान्वित होने एवं खुशियाँ मनाने का अवसर महाविद्यालय को दिया। महाराजा अग्रसेन इंटरनेशनल कॉलेज, न सिर्फ रायपुर शहर अपितु पूरे छत्तीसगढ़ का ख्याति प्राप्त, प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान है।
मैक, मैक चेरिटेबल ट्रस्ट, द्वारा संचालित महाविद्यालय है। चेयरमेन राजेश अग्रवाल के सानिध्य एवं मार्गदर्शन में यह महाविद्यालय उतरोत्तर प्रगति कर सफलता के नए आयाम गढ़ रहा है।
महाराजा अग्रसेन इंटरनेशनल कॉलेज विद्यार्थियों के सम्पूर्ण व्यक्तित्व विकास के लिए हमेशा ही प्रतिबद्ध रहा है। यहाँ के विद्यार्थी ना सिर्फ छत्तीसगढ़ बल्कि देश और दुनिया में अपनी सफलता का परचम लहरा रहे हैं, एवं मैक का नाम रोशन कर रहे है।
महाराजा अग्रसेन इंटरनेशनल कॉलेज में कुशल एवं अनुभवी प्राध्यापकों द्वारा बेहतरीन शिक्षा प्रदान की जाती है। इसका प्रमाण है, विश्वविद्यालय की वार्षिक परीक्षा परिणाम की प्रावीण्य सूची में लगातार अपना स्थान कायम रखना।
वर्ष 2021 की पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय की घोषित प्रावीण्य सूची में भी मैक के विद्यार्थियों ने अपना दबदबा कायम रखा। जिसमें प्रबंधन संकाय से युक्ता अग्रवाल- द्वितीय स्थान, मयूरी चौधरी- पाँचवा स्थान, मीनल केशरवानी - छटवाँ स्थान तानिया खेमका - दसवाँ स्थान। कम्प्यूटर एप्लिकेशन संकाय से संदेश दुग्गड़ - पाँचवा स्थान, प्रगति वीरानी-आठवाँ स्थान, रूचिका पृथ्वानी - दसवाँ स्थान। वाणिज्य संकाय से कृति अग्रवाल - पाँचवा स्थान। प्राप्त करने में सफल रहे।
प्रावीण्य सूची में स्थान बनाने सभी प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को चेयरमेन आदरणीय राजेश अग्रवाल जी एवं प्राचार्या डॉ. ज्योति जनस्वामी ने बधाई प्रेषित करते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।
रायपुर, 14 मई। महावीर जिनालय न्यू राजेंद्र नगर एवं दादावाड़ी में पूजा महोत्सव के साथ ध्वजारोहण महोत्सव मनाया गया। बेगानीपरिवार ने पूजा अभिषेक कर मंदिर के शिखर में नया ध्वज लहराया।
छत्तीसगढ़ रत्न शिरोमणि परम पूज्य साध्वी श्री मनोहर श्री जी महाराज साहब की शिष्या परम पूज्य साध्वी श्री सुभद्रा श्री जी महाराज साहब! आदि ठाणा दो। की उपस्थिति में अष्ट कारी पूजा की गई।
महावीर जिनालय के ट्रस्टी श्री धर्मराज जी बेगानी एवं स्थानीय चातुर्मास समिति के अध्यक्ष श्री विवेक जी डागा ने बताया कि दिनांक 13 मई को भगवान महावीर जिनालय न्यू राजेंद्र नगर। का 30 वा ध्वजारोहण किया गया।
ध्वजा चढ़ाने के उपरांत शांतिकलश आरती की गई महोत्सव मनाया गया। महावीर जिनालय के कायमी ध्वजा के लाभार्थी श्री हंसराज जी बेगानी! ने बताया कि यह मंदिर बेगानी परिवार के द्रव्य से बना हुआ है मंदिर के निर्माता श्री मेघराज जी बेगानी द्वारा इस मंदिर की स्थापना 30 वर्ष पूर्व की गई थी।
विगत 30 वर्षों से बेगानी परिवार द्वारा यह मंदिर संचालित किया जा रहा है। मंदिर में ध्वजा का बड़ा धार्मिक महत्व होता है।
मान्यता है कि यदि आते जाते दूर से मंदिर पर शिखर पर लहराते ध्वजा को नमो जिननम। कहकर प्रणाम किया जाए तो वह प्रणाम परमात्मा तक पहुंच जाता है एवं मंदिर दर्शन जितना लाभ मिलता है। तत्पश्चात उपस्थित सभी भक्तों के लिए नवकारसी की व्यवस्था बेगानी परिवार से की गई थी।
रायपुर, 14 मई। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मगेलाल मालू, अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं मीडिय़ा प्रभारी संजय चौबे ने बताया।
कैट ने बताया कि देश में अनेक बड़े विदेशी और देसी कॉर्पोरेट कंपनियों द्वारा की जा रही ऑनलाइन फ़ार्मेसी द्वारा ड्रग एवं कॉस्मैटिक क़ानून की लगातार अवहेलना करते हुए आपूर्ति की जा रही दवाइयों ने न केवल देश के करोड़ों थोक और खुदरा केमिस्टों के व्यापार को बुरी तरह प्रभावित किया है बल्कि उपभोक्ता विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के कारण भारतीय उपभोक्ताओं की सुरक्षा और स्वास्थ्य को खतरे में डालते जा रहे हैं।
इस मुद्दे पर कन्फ़ेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री मनसुख मंडाविया से इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर बार बार याद दिलाने के बावजूद कोई कारवाई न करने पर बेहद नाराजग़ी जताते हुए अफ़सोस ज़ाहिर किया है । कैट ने उनसे इस मुद्दे पर गठित मंत्रियों के समूह जिसके अध्यक्ष श्री राजनाथ सिंह थे, की सिफ़ारिशों को तुरंत सार्वजनिक करने का भी आग्रह किया है।
इस बीच कैट का एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही स्वास्थ्य मंत्री श्री मनसुख मंडाविया और वाणिज्य मंत्री श्री पीयूष गोयल से मुलाकात करेगा और उन्हें देश में ई-फार्मेसियों के नियम एवं क़ानून के स्पष्ट उल्लंघन के बारे में अवगत कराएगा।
कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री अमर पारवानी एवं प्रदेश अध्यक्ष श्री जितेन्द्र दोशी ने कहा की देश में दवाओं का निर्माण, आयात, बिक्री और वितरण औषधि और प्रसाधन सामग्री क़ानून और नियमों द्वारा नियंत्रित होता है। इस अधिनियम के नियम कड़े हैं और न केवल प्रत्येक आयातक, निर्माता, विक्रेता या दवाओं के वितरक के लिए एक वैध लाइसेंस होना अनिवार्य है, बल्कि यह भी अनिवार्य है कि सभी दवाओं को केवल एक पंजीकृत फार्मासिस्ट द्वारा ही दिया जाए।
हालांकि, ई-फार्मेसी मार्केटप्लेस हमारे देश के कानून की खामियों का दुरुपयोग कर रहे हैं और बिना डॉक्टर के पर्चे के दवाएं बेचकर और पंजीकृत फार्मासिस्ट के बिना दवाओं का वितरण करके निर्दोष भारतीय उपभोक्ताओं के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ई-फार्मेसी, टाटा 1एमजी, नेटमेड्स और अमेज़ॅन फार्मेसी जैसे ई-फार्मेसी मार्केटप्लेस इन घोर उल्लंघनों में सबसे आगे हैं और इन के मनमाने रवैये पर जल्द अंकुश लगना चाहिए।
श्री पारवानी और श्री दोशी ने कहा कि सरकार को केवल उन्हीं ई-फार्मेसियों को अनुमति देनी चाहिए जिनके पास ऐसी दवाएं हैं जिन्हें ई-फार्मेसी पर बेचने की अनुमति है और इसके अतिरिक्त सभी शेष ई-फार्मेसी को बंद करने के निर्देश देने चाहिए। साथ ही, किसी भी व्यक्ति को ई-फार्मेसी इकाई और उपभोक्ता के बीच मध्यस्थ के रूप में कार्य करने के लिए वेब पोर्टल स्थापित करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
उदाहरण के लिए, यदि कोई नकली, मिलावटी या गलत ब्रांड वाली दवा उपभोक्ता तक पहुंचाई जाती है, तो फार्म इजी या नेटमेड जैसा बाज़ार हमेशा मध्यस्थ की दलील देकर छिप जाएगा जो कि वर्तमान ई-कॉमर्स व्यापार में भी एक व्यापक कदाचार है। एक इकाई जो पूरी तरह से इन्वेंट्री का मालिक है, उसे सभी परिस्थितियों में उत्तरदायी होना होगा।
श्री पारवानी और श्री दोशी ने सरकार से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि सभी दवाएं केवल पंजीकृत खुदरा फार्मेसी से वितरित की जाए हैं क्योंकि केवल एक पंजीकृत फार्मासिस्ट द्वारा उचित सत्यापन प्रक्रिया का पालन करने के बाद यह सुनिश्चित किया जाता है कि उपभोक्ताओं को ठीक वही मिले जो वे ऑर्डर करते हैं। दोनों व्यापारी नेताओं ने कहा कि सरकार को न्यूनतम 1,00,000 रुपये का जुर्माना लगाना चाहिए जो कि 10,00,000 रुपये तक हो सकता है ताकि फार्मेसी, नेटमेड्स, अमेज़ॅन फार्मेसी, टाटा 1 एमजी जैसे उल्लंघनकर्ताओं को उपयुक्त रूप से दंडित किया जा सके।
रायपुर, 14 मई। 12 मई 2022 को एसईसीएल इंदिरा विहार स्थित औषधालय में मुख्य चिकित्सा अधिकारी, इंदिरा विहार औषधालय डॉ. एसडी मिश्रा एवं वसंत विहार डिस्पेंसरी की मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. (श्रीमती) विजयलक्ष्मी धान के मुख्य आतिथ्य में अंतर्राष्ट्रीय नर्सिंग डे मनाया गया। इस अवसर पर प्रारंभ में मुख्य अतिथि द्वारा दीप प्रज्जवलन किया गया एवं केक कटिंग सेरेमनी कर नर्सिंग की संस्थापक फ्लोरेन्स नाइटिंगेेल के जन्म दिन को स्मरण किया गया।
अपने सम्बोधन में मुख्य अतिथि डॉ एसडी मिश्रा मुख्य चिकित्सा अधिकारी इंदिरा विहार औषधालय ने कहा कि मु-हजये हर्ष है कि आपने नर्सिंग डे के इस शुभ अवसर पर मु-हजये आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि नर्सेस डे सर्वप्रथम 1965 में मनाया गया। नर्सेस चिकित्सा क्षेत्र में जिस समर्पण से कार्य करती हैं वह अतुलनीय है। बिना नर्स स्टाफ के सहयोग के चिकित्सा सेवा का कार्य कर पाना संभव नहीं है।
उन्होंने कहा नर्सिंग दुनिया भर में स्वास्थ्य रखरखाव से संबंधित सबसे बड़ा पेशा है। लोगों के स्वास्थ्य को बेहतर रखने में नर्सों का बड़ा योगदान होता है। नर्सेस मरीजों को मनोवैज्ञानिक, सामाजिक और चिकित्सीय तौर पर फिट होने में मदद करती हैं। इस दिन को मनाकर नर्सों के योगदान को रेखांकित किया जाता है जिससे सम्पूर्ण समाज नर्सों के महत्व से अवगत होता है। नर्सों को समाज में सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है।
उन्होंने अंत में समस्त नर्सेस को नर्सेस डे की बधाई देते हुए भविष्य के लिए शुभकामनाएॅं दी।
इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी, इंदिरा विहार औषधालय डॉ. एसडी मिश्रा एवं वसंत विहार डिस्पेंसरी की मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. (श्रीमती) विजयलक्ष्मी धान, डॉ. वीणा सोनकुसरे, डॉ. संजीवनी पाणिग्रही, डॉ. पारूली साहू, श्रीमती विनीता मसीह, श्रीमती अरूणा मसीह, श्रीमती जेस्सी डेनियल, श्रीमती सुनीता सेमुएल, श्रीमती सरीना एबिन, श्रीमती शैलजा दाभाड़े, इंदिरा विहार व वसंत विहार डिस्पेंसरी के समस्त स्टाफ उपस्थित रहे।
रायपुर, 14 मई। स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड आईटी, मैट्स यूनिवर्सिटी ने 10 मई 2022 को बड़े उत्साह के साथ तीन दिवसीय वार्षिक तकनीकी-सांस्कृतिक महोत्सव आगाज-2022 पोस्ट कोविड -19 का उद्घाटन किया। आगाज-2022 ने चौंका देने वाले अनुपात का एक गुण प्रस्तुत किया। उत्सव में विभिन्न तकनीकी कार्यक्रम, रचनात्मक प्रतियोगिताएं और प्रतिभा उन्मुख सांस्कृतिक प्रदर्शन शामिल थे।
खाद्य एवं प्रौद्योगिकी के डेयरी विज्ञान के डीन, सम्मानित डॉ ए के त्रिपाठी, रायपुर, (सीजी) समापन मूल्य वितरण समारोह के मुख्य अतिथि थे। टेक्निकल फेस्ट की शुरुआत मैट्स यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ. के पी यादव के स्वागत नोट से हुई।
उन्होंने इन गतिविधियों में भागीदारी के माध्यम से संगठनात्मक कौशल की उपलब्धि के महत्व पर जोर दिया। इसके बाद सम्मानित गणमान्य व्यक्तियों द्वारा दीप प्रज्वलन समारोह और एक प्रेरणादायक भाषण दिया गया जिसने छात्रों को उनके समग्र विकास के लिए सह-पाठयक्रम गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रेरित किया।
डॉ. बृजेश पटेल, प्रिंसिपल एमएसईआईटी और संयोजक, आगाज-2022 ने तीन दिवसीय फेस्ट के दौरान होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों की जानकारी दी। उनके साथ श्री प्रभात मिश्रा और श्री नीलाद्री सरकार टेक फेस्ट के सह-संयोजक थे।
श्री गजराज पगारिया, चांसलर, मैट्स यूनिवर्सिटी और श्री प्रियेश पगारिया, महानिदेशक, मैट्स यूनिवर्सिटी ने इस तीन दिवसीय आयोजन में दौरा किया और सभी छात्रों को विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए प्रेरित किया।
इस दौरान तकनीकी, साहित्यिक, हॉबी और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए टेक-फेस्ट बैच-वार प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं, जिसमें छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
फेस्ट के इन तीन दिनों में होने वाले कार्यक्रम थे जीरो ग्रेविटी, कोड फिएस्टा, सेफ लैंडिंग, थ्री लेग रेस, रस्साकशी, बीजीएमआई, फोटोग्राफीध्वीडियो मेकिंग चौलेंज, बॉक्स क्रिकेट, वाटर रॉकेट चौलेंज, ट्रेजर हंट, रोडीज, वॉयस ऑफ मैट्सध्रैप बैटल, स्टेप-अप डांस, फैशन शो आदि के बाद डीजे की पूर्व संध्या आयोजित की गईं ।
श्री गोकुलानंद पांडा, रजिस्ट्रार मैट्स यूनिवर्सिटी ने इस टेक्नो-कल्चरलफेट और फेस्ट के सफल आयोजन के लिए छात्रों, प्रतिभागियों, विभिन्न आयोजनों के विजेताओं और आयोजकों को बधाई दी। तकनीकी उत्सव का समापन समाज और राष्ट्र दोनों के सम्मान के रूप में राष्ट्रगान के साथ हुआ।
रायपुर, 14 मई। कृष्णा पब्लिक स्कूल, कमल विहार, डूंडा, रायपुर ने राष्ट्रीय स्तर पर उपलब्धियों के इतिहास को दोहराते हुए एक बार फिर अपनी पहचान बनाई है। स्कूल और छात्रों ने अपने प्रयासों और उपलब्धियों से हमेशा छत्तीसगढ़ का नाम रौशन किया है।
इंडियन एसोसिएशन ऑफ फिजिक्स टीचर्स और होमी भाभा सेंटर फॉर साइंस एजुकेशन, मुंबई द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित राष्ट्रीय स्तर के विज्ञान ओलंपियाड (जूनियर विज्ञान में भारतीय ओलंपियाड क्वालीफायर) में 11,000 से अधिक छात्रों ने भाग लिया।
पूरे देश से केवल 301 छात्रों को भाग के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया था। अंतिम चयन दौर के बाद, केवल 34 छात्रों को नेशनल ओरिएंटेशन कम सेलेक्शन कैम्प के लिए चुना गया है। यह बहुत गर्व की बात है कि केपीएस रायपुर के प्रकेत सिंह ठाकुर छत्तीसगढ़ से इस विशिष्ट सूची में शामिल होने वाले एकमात्र छात्र हैं।
इस शिविर के छह छात्रों को आगामी अंतर्राष्ट्रीय जूनियर साइंस ओलंपियाड में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना जाएगा, जिसमें 70 देशों के भाग लेने की उम्मीद है।
यह केपीएस रायपुर के अक्सेलरेटेड बैच के छात्रों की कड़ी मेहनत का परिणाम है जहां छात्रों को उनकी की क्षमता और रुचि के आधार पर उन्हें राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए उचित मार्गदर्शन प्रदान किया जाता है।
केपीएस रायपुर प्रशासन और शिक्षक बहुत गौरवान्वित हैं और उन्होंने प्रकेत को अगले स्तर के लिए प्रोत्साहन और शुभकामनाएं दी हैं।
रायपुर, 13 मई। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मगेलाल मालू, अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं मीडिय़ा प्रभारी संजय चौंबे ने बताया।
कैट ने बताया कि दिल्ली उच्च न्यायालय की टिप्पणी जिसमें कहा गया है की नकली उत्पादों की बिक्री इंटरनेट पर बहुत हो गई है कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने उसे लंबे स्टैंड के पुष्टि की है कि ई-कॉमर्स पोर्टलों का उपयोग नकली सामान, प्रतिबंधित दवाओं, बम बनाने में प्रयुक्त कच्चे माल की बिक्री के लिया किया जा रहा है जो न केवल देश की सुरक्षा के लिए बहुत हानिकारक साबित हो सकता है।
बल्कि नकली उत्पादों को वितरित करके ग्राहकों को गंभीर चोट पहुंचा सकता है। कैट ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री श्री पीयूष गोयल, जो उपभोक्ता मामलों के मंत्री भी हैं, से इस गंभीर मुद्दे पर तत्काल संज्ञान लेने और कार्रवाई करने का आग्रह किया है। कैट ने हाल ही में दिल्ली उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति प्रतिभा सिंह द्वारा पारित आदेश पर दोनों मंत्रालयों में एक गंभीर लेकिन जल्द से जल्द गहन चर्चा का आह्वान किया है।
कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री अमर पारवानी और प्रदेश अध्यक्ष श्री जितेन्द्र दोशी ने आरोप लगाया कि भारत में संचालित प्रमुख विदेशी वित्त पोषित ई-कॉमर्स पोर्टल विक्रेताओं की आवश्यक केवाईसी नहीं कर रहे हैं, हालांकि वे अपने संबंधित प्लेटफॉर्म पर ऑनबोर्डिंग से पहले प्रत्येक विक्रेता की केवाईसी करने के लिए बाध्य हैं।
जब भी, वे कानून, नियमों और नीतियों का उल्लंघन करते हुए पकड़े जाते हैं, तो वे हमेशा सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 79 का आश्रय लेते हुए विक्रेता पर इसका आरोप जड़ते देते हैं यह कहते हुए कि वे तो केवल मार्केटप्लेस हैं और खरीदारों और विक्रेताओं को प्रौद्योगिकी मंच प्रदान करते हैं जो स्पष्ट रूप से झूठ है क्योंकि उनके संबंधित पोर्टलों पर ऑर्डर इन पोर्टलों तक पहुंच जाते हैं।
जिनके पास यह तय करने का वीटो होता है कि आपूर्ति के लिए ऑर्डर किसके पास भेजा जाना चाहिए। वे ऐसा कैसे कह सकते हैं कि उन्हें अपने प्लेटफॉर्म पर होने वाले लेन-देन के बारे में कुछ भी पता नहीं है जबकि वे न केवल ऑर्डर एवं पैकिंग बल्कि माल की डिलीवरी भी करते हैं । इसके अलावा, कमीशन के रूप में कुछ राशि लेकर, वे बिक्री तंत्र का अभिन्न अंग बन जाते हैं और इसलिए वे किसी भी उत्पाद के लिए उपभोक्ताओं के प्रति दायित्व से बच नहीं सकते।
श्री पारवानी और श्री दोशी ने ई-कॉमर्स नीति, उपभोक्ता मामलों के तहत ई-कॉमर्स नियमों और ई-कॉमर्स नीति में एफडीआई के तहत एक नए प्रेस नोट के साथ मिलकर एक अधिकार प्राप्त नियामक प्राधिकरण की स्थापना की अपनी मांग दोहराई है।
रायपुर, 13 मई। हाल ही में कलिंगा विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए शारीरिक शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित फुटबॉल और बास्केटबॉल टूर्नामेंट में ऑल स्टार्स हॉस्टलर्स और टीम (ए) ने जीत हासिल की। दोनों प्रतियोगिताओं में बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने भाग लिया। टूर्नामेंट नॉक आउट और लीग आधार पर खेले गए।
दो दिवसीय टूर्नामेंट का उद्घाटन कलिंगा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. आर श्रीधर ने किया और विशिष्ट अतिथि डॉ. आशा अंभईकर, डीन स्टूडेंट वेलफेयर (डीएसडब्ल्यू) थीं। कलिंगा विश्वविद्यालय में खेल निर्देशक डॉ. राकेश भारती ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया।
अपने उद्घाटन भाषण में डॉ. श्रीधर ने विश्वविद्यालय के खेल विभाग द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना किया। फुटबॉल टूर्नामेंट में 40 प्रतिभागियों और बास्केटबॉल टूर्नामेंट में कुल 32 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
सभी प्रतिभागियों में खेल के प्रति काफी उत्साह देखा गया। लगभग सभी मैचों में कुछ अत्यंत रोमांचक वाले पल थे। खेल आयोजनों के दौरान खिलाडिय़ों का उत्साहवर्धन करने के लिए बड़ी संख्या में दर्शक मौजूद थे। रोमांचक मैच का दर्शकों ने खूब आनंद लिया।
समापन समारोह के दौरान डॉ. आर. श्रीधर ने विजेताओं को बधाई दी और विजेताओं को पुरस्कार वितरित किए। मेडल व ट्राफी का वितरण किया गया।
फुटबॉल प्रतियोगिता ऑल स्टार्स हॉस्टलर्स ने जीती और ऑल स्टार्स सेक्टर के लडक़े उपविजेता रहे। इसी तरह बास्केटबॉल में टीम (ए) विजेता रही जबकि टीम (सी) उपविजेता रही।
रायपुर, 12 मई। कलिंगा विश्वविद्यालय, फार्मेसी संकाय ने अंतर्राष्ट्रीय थैलेसीमिया दिवस के अवसर पर डॉ. संदीप प्रसाद तिवारी (प्राचार्य फार्मेसी विभाग) के मार्गदर्शन में बी. फार्मा द्वितीय सेमेस्टर के छात्रों के लिए बाल्को मेडिकल सेंटर में एक-दिवसीय चिकित्सा दौरे का आयोजन किया। इस आयोजन के समन्वयक श्री दीपेंद्र सोनी (सहायक प्रोफेसर), सुश्री खुशबू गुप्ता (सहायक प्रोफेसर) और श्री प्रांजुल श्रीवास्तव (सहायक प्रोफेसर) फार्मेसी विभाग थे।
अंतर्राष्ट्रीय थैलेसीमिया दिवस बीमारी से पीडि़त रोगियों के संघर्ष का सम्मान करने के लिए जागरूकता पैदा करता है। थैलेसीमिया एक अनुवांशिक रक्त विकार है जो शरीर को पर्याप्त हीमोग्लोबिन बनाने नहीं देता है। यह रोग रक्त कोशिकाओं को कमजोर और नष्ट कर देता है। इस बीमारी से पीडि़त लोगों के जीवन में सुधार के लिए डॉक्टरों, वैज्ञानिकों और चिकित्सा कर्मचारियों के प्रयासों का सम्मान करने के लिए दुनिया भर में अंतर्राष्ट्रीय थैलेसीमिया दिवस मनाया जाता है।
यह दिन थैलेसीमिया रोग से पीडि़त रोगियों को समर्पित है और उन्हें एक सामान्य व्यक्ति की तरह जीने का एक विशेष अवसर प्रदान करता है और साथ ही समाज, राज्य, समुदाय, देश आदि में इस बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए जागरूकता का प्रसार करता है। सबसे पहले, छात्रों ने दौरा किया ब्लड बैंक सेंटर जहां प्रभारी श्री सी.पी. मिश्रा ने रक्त के भंडारण में शामिल उपकरणों और रक्त घटकों को अलग करने, रक्तदान करने वाले मानदंडों के साथ रक्त संग्रह की प्रक्रिया के बारे में बताया।
तत्पश्चात वैज्ञानिक सत्र का संचालन डॉ. नीलेश जैन एमबीबीएस, एमडी, पीडीएफ (हेमेटोलॉजी) कंसल्टेंट-ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन एंड हेमेटोलॉजी द्वारा किया गया। अपने विचार-विमर्श में उन्होंने छात्रों को रक्तआधान, रक्त समूह और थैलेसीमिया के बारे में अवगत कराया कि इनसे संबंधित शब्दावली और विभिन्न मानदंड क्या हैं, उन्होंने अपने भाषण में रक्तदान के महत्व को भी रेखाकित दिया।
डॉ जैन की वार्ता छात्रों के लिए अत्यंत उपयोगी रही और छात्रों ने डॉ जैन के साथ सक्रिय भागीदारी करते हुए अपनी जिज्ञासाएँ रखी जिनका डॉ. जैन ने बहुत अच्छी तरह से उत्तर दिया। इस दौरे में कुल 70 छात्रों ने भाग लिया।
रायपुर, 12 मई। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मगेलाल मालू, अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं मीडिय़ा प्रभारी संजय चौंबे ने बताया।
कैट ने बताया कि केंद्र सरकार के उपभोक्ता मामले मंत्रालय ने आज नई दिल्ली के विज्ञानं भवन में माप -तोल क़ानून, 2009 में दंडात्मक प्रावधानों को गैर आपराधिक श्रेणी में रखने के विषय पर एक राष्ट्रीय वर्कशॉप आयोजित की जिसका उद्घाटन केंद्रीय मंत्री श्री पियूष गोयल ने किया।
इस वर्कशॉप में कैट ने जोर देकर कहा की माप-तोल क़ानून में केवल मात्र तकनीकी गलतियों के लिए भी आपराधिक धारा है जिससे देश भर के व्यापारी बुरी तरह प्रताडि़त होते हैं एवं उनमे कारावास का प्रावधान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के व्यापार करने में आसानी के विजन के विरुद्ध है।
कैट ने कहा की व्यापारी तो पैक्ड सामान जो व्यापारियों को निर्माताओं, उत्पादक अथवा आयातकर्ता द्वारा दिया जाता है, को देने का साधन मात्र है । इसलिए उन पर आपराधिक धारा लगाना कतई उचित नहीं है। कैट ने कहा की न्याय के प्राकृतिक सिद्धांत को देखते हुए इस क़ानून के तहत दंडात्मक प्रावधानों को गैर आपराधिक बनाया जाना चाहिए और इस सन्दर्भ में केवल निर्माता की जिम्मेदारी ही तय होनी चाहिए । ज्ञातव्य है की कैट एक लम्बे समय से इस क़ानून के अंतर्गत दंडात्मक प्रावधानों को गैर आपराधिक श्रेणी में रखने की मांग उठाता रहा है ।
कैट ने इस राष्ट्रीय वर्कशॉप को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा व्यापार करने में आसानी के विजन को आगे बढ़ाने के लिए मंत्रालय की सराहना की और उम्मीद जताई की इस क़ानून के पालन में यदि कोई त्रुटि होती है तो सिविल कार्यवाही का प्रावधान न्यायसंगत होगा जिससे देश में भयमुक्त व्यापार हो सकेगा।
कैट ने इस बात पर सहमति जताई की खुदरा ग्राहक के हितों को देखते हुए यह जरूरी हैं की खरीदा गया उत्पाद प्रामाणिक है और पैकेट/उत्पाद पर प्रदर्शित मात्रा के अनुरूप है तथा वस्तु की कीमत गुणवत्ता के हिसाब से ठीक है। किसी भी तरह से ग्राहकों के अधिकारों का हनन नहीं होना चाहिए लेकिन इसके लिए व्यापारियों को बेवजह दंडित भी नहीं होना चाहिए।
कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री अमर पारवानी एवं प्रदेश अध्यक्ष श्री जितेन्द्र दोशी ने बताया की केंद्रीय वाणिज्य मंत्री श्री पीयूष गोयल ने हाल ही में उपभोक्ता दिवस पर मंत्रालय द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में बताया था की इस क़ानून के तहत पंजीकृत लगभग 60 प्रतिशत मामले असत्यापित बाट और माप के उपयोग हेतु अधिनियम की धारा 33 के तहत हैं।
उनमें से 25 प्रतिशत धारा 36 के तहत हैं वहीं गैर-मानक पैकेजिंग की बिक्री के लिए और गैर-मानक वजन और माप के उपयोग के लिए 8-10 प्रतिशत मामले धारा 25 के तहत हैं। यह आँकड़ा दर्शाता है कि अधिनियम अपने नियमों जैसे लीगल मेट्रोलॉजी (पैकेज्ड कमोडिटीज) नियम, 2011 के साथ व्यापारियों पर अत्यधिक दायित्व डालता है और सुविधापूर्वक व्यापार करने में एक बड़ी बाधा है।
श्री पारवानी एवं श्री दोशी ने कहा की किसी भी किये गए अपराध को क्रिमिनल अपराध मानने के लिए सिविल अपराधों की तुलना में क्रिमिनल अपराध तय करने के लिए उच्च स्तर के प्रमाण की जरूरत होती है जो उचित एवं संदेह से परे हों लेकिन इस क़ानून में मात्र तकनीकी गलती के लिए भी आपराधिक धारा लगाई जा सकती है। इसके अलावा इस क़ानून का उल्लंघन अनजानी मानवीय त्रुटि से भी हो सकता है और उसमें हर समय एक आपराधिक मंशा नहीं देखी जा सकती है।
इस क़ानून के गैर-अनुपालन को हमेशा धोखाधड़ी के रूप में नहीं देखा जा सकता है, यह लापरवाही या अनजाने में चूक का परिणाम भी हो सकता है। श्री पारवानी एवं श्री दोशी ने कहा की इस अधिनियम की धारा 49 के अंतर्गत किसी भी प्रतिष्ठान अथवा कम्पनी के शीर्ष प्रबंधन को किसी भी उल्लंघन के लिए कारावास की सजा दी सकती है भले ही वे अपराध की घटना के समय उपस्थित न हों, यह अमानवीय है।
श्री पारवानी एवं श्री दोशी ने यह भी कहा की एक व्यापारी से यह उम्मीद नहीं की जा सकती कि वह पहले से पैक किए गए प्रत्येक उत्पाद को मापेगा या तौलेगा। इससे निर्मित उत्पाद की प्रामाणिकता समाप्त हो जाएगी। किसी उत्पाद की कीमत उसके वजन या माप तथा किस स्तर की गुणवत्ता है, से निर्धारित होती है।
ग्राहक को आश्वस्त होना चाहिए कि बेचा गया उत्पाद प्रदर्शित वजन या माप की मात्रा के अनुरूप है, इसलिए उत्पाद के निर्माता और वजन और माप को आपराधिक रूप से उत्तरदायी ठहराया जाना चाहिए। इसी तरह बिना लाइसेंस के बाट और माप के निर्माण पर प्रतिबंध प्रामाणिकता को बनाए रखने के लिए बना रहना चाहिए। वजन और माप में गुणवत्ता और सटीकता किसी भी उत्पाद में किसी भी प्रामाणिकता की नींव है।
प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों की आवश्यकता है कि ग्राहक के अधिकार सुरक्षित हैं और प्रदर्शित मात्रा या माप के संबंध में किसी भी धोखाधड़ी के खिलाफ उसे बचाया जाता है। इसके अभाव में अराजकता होगी। कोई भी व्यापारिक लेन-देन चाहे वो व्यापारियों के बीच हो अथवा व्यापारियों और ग्राहकों के बीच हो, उसमें 100 प्रतिशत पारदर्शिता और सटीकता होनी चाहिए।
श्री पारवानी एवं श्री दोशी ने कहा भारत दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और इस दृष्टि से हमें अपने व्यापारिक बाजारों में सख्त गुणवत्ता और मात्रा नियंत्रण की आवश्यकता है। किसी भी सामान की मात्रा नियंत्रण उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि गुणवत्ता नियंत्रण, केवल तभी हम भारत को एक प्रामाणिक बाजार के रूप में बनाए रख सकते हैं।
ग्राहकों को ऐसे उत्पाद की आपूर्ति करने के लिए सर्वोत्तम संभव जांच और यदि सामान खऱाब है तो ग्राहक को उसके द्वारा दी गई राशि को तत्काल अवश्य वापिस मिलनी चाहिए । इसी से व्यापारियों एवं ग्राहकों के बीच आपसी भरोसा बढ़ेगा जो स्वस्थ व्यापार के लिए बेहद आवश्यक है।
श्री पारवानी एवं श्री दोशी ने कहा की वर्तमान में क़ानून उल्लंघन के लिए इस क़ानून में कारावास का प्रावधान कानूनी दृष्टिकोण से आपराधिक अपराध की मानक सीमा के अनुरूप नहीं है। इसके अलावा एक सिविल गलती के लिए इन आपराधिक प्रावधानों ने उत्पादों की पैकेजिंग और लेबलिंग को बढ़ावा देने में कोई मदद नहीं की है जो की वास्तव में इस क़ानून का मूल इरादा था।
इसलिए ऐसे प्रावधानों की आवश्यकता पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है और वैकल्पिक रूप से इस क़ानून के अंतर्गत की गई किसी भी गलती को सिविल अपराध माना जाना चाहिए और इन्हे गैर आपराधिक बनाया जाना चाहिए।
नोट: इस क़ानून की धारा 25 में गैर-मानक वजन, माप या अंक के उपयोग के लिए दंड का प्रावधान है और धारा 26 में बाट और माप के मानकों में छेड़छाड़ या परिवर्तन करने के लिए दंड का प्रावधान है। इन दोनों धाराओं में जुर्माने का प्रावधान है जो 25000 रुपये तक हो सकता है और बाद के अपराध के लिए छह महीने तक की कैद भी हो सकती है यहीं धारा 28-37, 39 और 41-47 में किये गए अपराध के लिए एक वर्ष तक के कारावास का प्रावधान है।