अंतरराष्ट्रीय
(ललित के झा)
वाशिंगटन, 24 जुलाई। इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ शुक्रवार को होने वाली बैठक से पहले अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को फलस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास से कहा कि सबकुछ ठीक हो जाएगा।
ट्रंप ने सोशल मीडिया मंच 'ट्रुथ सोशल' पर कहा, ''बेंजामिन नेतन्याहू के साथ शुक्रवार को होने वाली मुलाकाात का बेसब्री से इंतजार है और मध्य पूर्व में शांति स्थापित करने के लिए और भी अधिक तत्पर हूं!'' इसके साथ ही उन्होंने अब्बास द्वारा उन्हें लिखा गया एक पत्र भी संलग्न किया।
फलस्तीन के राष्ट्रपति ने ट्रंप पर चुनावी रैली के दौरान 13 जुलाई को हुए हमले के एक दिन बाद यह पत्र लिखा था।
राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने 14 जुलाई को ट्रंप को लिखे पत्र में कहा, '' आप पर हुए हमले की खबर सुनकर मुझे बहुत चिंता हो रही है। मैंने इसका वीडियो भी देखा।''
डोनाल्ड ट्रंप ने 'ट्रुथ सोशल' पर अब्बास के पत्र के जवाब में अपने हाथ से लिखे गए पत्र की तस्वीर साझा करते हुए कहा, ''महमूद, शुक्रिया। सब ठीक हो जाएगा।''
ट्रंप ने इससे पहले दिन में कहा था कि वह शुक्रवार को फ्लोरिडा के पाम बीच स्थित मार-ए-लागो में नेतन्याहू से मुलाकात करेंगे।
उन्होंने कहा, ''मेरे पहले कार्यकाल के दौरान हमने क्षेत्र में शांति और स्थिरता कायम की थी, यहां तक कि ऐतिहासिक अब्राहम समझौते पर भी हस्ताक्षर किए थे और हम पुन: शांति कायम करेंगे। जैसा कि मैंने हाल के सप्ताहों में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की और अन्य विश्व नेताओं के साथ की गई चर्चा में कहा है कि मेरा शक्ति के माध्यम से शांति का एजेंडा दुनिया को दिखाएगा कि इन भयानक घातक युद्धों और हिंसक संघर्षों को समाप्त किया जाना चाहिए। लाखों लोग मर रहे हैं और कमला हैरिस किसी भी तरह से इसे रोकने में सक्षम नहीं हैं।'' (भाषा)
(ललित के झा)
वाशिंगटन, 24 जुलाई। अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के एक सहयोगी ने बताया कि हैरिस इस सप्ताह व्हाइट हाउस में इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से मुलाकात करेंगी और उनसे कहेंगी कि युद्ध समाप्त करने का वक्त आ गया है।
हालांकि, वह नेतन्याहू द्वारा संबोधित किए जाने वाले अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र की अध्यक्षता नहीं कर पाएंगी।
डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद की संभावित उम्मीदवार हैरिस के एक सहयोगी ने ‘पीटीआई’ से कहा, ‘‘उपराष्ट्रपति इस सप्ताह व्हाइट हाउस में प्रधानमंत्री नेतन्याहू से मुलाकात कर रही हैं। यह बैठक राष्ट्रपति बाइडन की नियोजित बैठक से अलग होगी। उपराष्ट्रपति पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के लिए 24 जुलाई को इंडियानापोलिस जा रही हैं और वह प्रधानमंत्री नेतन्याहू के कांग्रेस के संयुक्त सत्र के पहले से निर्धारित संबोधन में भाग नहीं ले पाएंगी।’’
हैरिस के सहयोगी ने कहा, ‘‘ अनुमान है कि उपराष्ट्रपति नेतन्याहू से कहेंगी कि युद्ध को इस तरह से समाप्त करने का समय आ गया है कि इजराइल सुरक्षित हो, सभी बंधक रिहा हों, गाजा में फलस्तीनी नागरिकों की पीड़ा का अंत हो और फलस्तीन के लोग सम्मान, स्वतंत्रता और आत्मनिर्णय के अपने अधिकार का आनंद ले सकें।’’
नेतन्याहू का बुधवार को अमेरिकी कांग्रेस के एक संयुक्त सत्र को संबोधित करने का कार्यक्रम है। यह अमेरिकी संसद में नेतन्याहू का चौथा संबोधन है, जो किसी भी विदेशी नेता द्वारा अमेरिकी कांग्रेस में सबसे अधिक बार दिया जाने वाला संबोधन होगा। अमेरिकी संसद के संयुक्त सत्र की अध्यक्षता आम तौर पर उपराष्ट्रपति करते हैं।
अमेरिकी कांग्रेस के स्पीकर माइक जॉनसन ने इस संबोधन में भाग न लेने के लिए हैरिस की आलोचना की है।
‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ के अनुसार, डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर राष्ट्रपति पद की संभावित उम्मीदवार के तौर पर अपने पहले सप्ताह में हैरिस इजराइली प्रधानमंत्री की वाशिंगटन की आधिकारिक यात्रा के मद्देनजर अमेरिकी विदेश नीति में राजनीतिक रूप से सबसे ज्यादा विभाजनकारी मुद्दे का सामना करेंगी। (भाषा)
वाशिंगटन, 23 जुलाई। कमला हैरिस ने राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी की संभावित उम्मीदवार बनने के लिए पर्याप्त ‘डेलीगेट’ (प्रतिनिधि) का समर्थन हासिल कर लिया है। इससे पहले अमेरिकी उपराष्ट्रपति को संभावित प्रतिद्वंद्वियों, सांसदों, गवर्नर और प्रभावशाली समूहों से समर्थन मिला था।
सीएनएन की खबर के मुताबिक, भारतीय-अफ्रीकी मूल की हैरिस को 1976 ‘डेलीगेट’ का समर्थन मिल गया है जो राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी का उम्मीदवार बनने के लिए जरूरी संख्या से ज्यादा है।
हैरिस ने कहा, “ जब मैंने राष्ट्रपति पद के लिए अपने अभियान की घोषणा की थी, तो मैंने कहा था कि मैं यह नामांकन हासिल करना चाहती हूं। आज रात, मुझे इस बात पर गर्व है कि मुझे हमारी पार्टी का उम्मीदवार बनने के लिए आवश्यक समर्थन मिल गया है।”
हैरिस (59) ने कहा, “ मैं जल्द ही औपचारिक रूप से नामांकन स्वीकार करने की आशा करती हूं।”
राष्ट्रपति जो बाइडन ने रविवार को घोषणा की कि वह राष्ट्रपति पद का आगामी चुनाव नहीं लड़ेंगे। इसके साथ ही उन्होंने डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार के तौर पर उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के नाम का अनुमोदन किया।
बाइडन के राष्ट्रपति पद की दौड़ से बाहर होने के बाद डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रमुख नेता हैरिस के समर्थन में तत्काल खड़े हो गए। अमेरिका में इस साल पांच नवंबर को चुनाव होने हैं।
हैरिस ने कहा कि वह राष्ट्रपति बाइडन और डेमोक्रेटिक पार्टी के सभी लोगों की आभारी हैं जिन्होंने उन पर अपना विश्वास जताया है।
उन्होंने कहा कि वह अपने मुद्दे सीधे अमेरिकी लोगों के बीच लेकर जाएंगी।
हैरिस ने कहा, “ यह चुनाव दो अलग-अलग दृष्टिकोणों के बीच एक स्पष्ट विकल्प प्रस्तुत करेगा। डोनाल्ड ट्रम्प हमारे देश को उस दौर में वापस ले जाना चाहते हैं जब हममें से कई लोगों को पूर्ण स्वतंत्रता और समान अधिकार नहीं थे।”
हैरिस का जन्म प्रवासी माता-पिता (एक अश्वेत पिता और एक भारतीय मां) से हुआ। उनके पिता डोनाल्ड हैरिस जमैका के थे और उनकी मां श्यामला गोपालन चेन्नई की एक कैंसर शोधकर्ता और नागरिक अधिकार कार्यकर्ता थीं। (भाषा)
मुंबई, 23 जुलाई। मुंबई की एक विशेष अदालत ने धन शोधन के मामले में गिरफ्तार 80 वर्षीय व्यवसायी की याचिका खारिज करते हुए कहा कि अस्पताल में भर्ती होने की आड़ में किसी आरोपी को विलासिता की अनुमति नहीं दी जा सकती।
पीएमएलए अदालत ने सोमवार को ‘एसोसिएट हाई प्रेशर टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड’ (एएचपीटीपीएल) के अध्यक्ष मनोहरलाल अगीचा की अस्पताल में रहने की अवधि बढ़ाने की याचिका को खारिज करते हुए यह टिप्पणी की।
आरोपी व्यवसायी को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नवंबर 2023 में एक बैंक से 149.89 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में गिरफ्तार किया था।
विशेष पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम) अदालत के आदेश के अनुसार, न्यायिक हिरासत में रहते हुए अगीचा को मार्च 2024 में 15 दिनों के इलाज के लिए बांद्रा के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। तब से, आदेश को कई बार बढ़ाया गया और वह लगातार अस्पताल में भर्ती रहे।
हाल में, अगीचा ने आगे के इलाज के लिए अस्पताल में अपने रहने की अवधि को कुछ और महीनों के लिए बढ़ाने की याचिका दायर की। हालांकि, विशेष पीएमएलए अदालत के न्यायाधीश ए.सी. डागा ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया और आर्थर रोड जेल अधिकारियों को आरोपी को मध्य मुंबई की जेल में वापस ले जाने का निर्देश दिया।
अदालत ने कहा कि अस्पताल द्वारा प्रस्तुत एक रिपोर्ट से पता चलता है कि आरोपी ने अभी तक सर्जरी के संबंध में निर्णय नहीं लिया है क्योंकि मरीज कुछ और हफ्तों तक चिकित्सा निगरानी में रहना चाहता है। (भाषा)
लाहौर, 23 जुलाई। पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज ने मंगलवार को दावा किया कि जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के आवास का उपयोग ‘‘आतंकवादियों के लिए प्रशिक्षण केंद्र’’ के रूप में किया गया, जहां पेट्रोल बम बनाए गए और राज्य में हमलों की योजना बनाई गई।
मरियम ने दावा किया कि चार महीने की उस अवधि के दौरान खान ने नौ मई, 2023 को सरकारी भवनों और प्रमुख सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमले की योजना बनाई, जब पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के नेता ने पैर में चोट लगने का ‘‘नाटक’’ किया।
‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, एक बयान में मरियम ने खान की पार्टी की निंदा करते हुए आरोप लगाया कि यह समूह अराजकता पैदा करने और राज्य को नुकसान पहुंचाने पर ध्यान केंद्रित करता है।
खबर के मुताबिक, पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के सुप्रीमो नवाज शरीफ की बेटी मरियम ने आरोप लगाया कि क्रिकेटर से राजनेता बने खान का लाहौर स्थित आवास ‘आतंकवादियों के लिए प्रशिक्षण केंद्र’ बन गया।
खान को राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) द्वारा 19 करोड़ पाउंड के कथित भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार करने के बाद पिछले साल नौ मई को देशभर में व्यापक हिंसा भड़क गई थी।
नौ मई के विरोध प्रदर्शन के दौरान पीटीआई कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने सेना मुख्यालय और स्मारकों सहित सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला किया और तोड़फोड़ की। (भाषा)
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर हुए हमले के बाद अमेरिकी सीक्रेट सर्विस की निदेशक ने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया है.
किंबर्ली ने जो इस्तीफ़ा सीक्रेट सर्विस को भेजा है बीबीसी ने उसे देखा है. पत्र में वे पद छोड़ने की वजह बता रही हैं.
पत्र में उन्होंने लिखा है कि नौकरी छोड़ने का फ़ैसला काफ़ी मुश्किल था और ये कदम उन्होंने बड़े भारी मन से उठाया है.
किंबर्ली चीटल ने ट्रंप पर हुए हमले को ‘पिछले कई दशक में सीक्रेट सर्विस के काम में सबसे बड़ी असफलता’ कहा है.
किंबर्ली ने साल 1995 में अमेरिकी सीक्रेट सर्विस को जॉइन किया था. उन्होंने ही 9 सितंबर 2001 यानी 9/11 के हमले के वक़्त उस समय के उपराष्ट्रपति डिक चेनी को व्हाइट हाउस से बाहर निकाला था.
कई लोगों का मानना था कि उस वक्त चेनी ख़तरे में थे.
बाद में किंबर्ली चीटल जो बाइडन की सुरक्षा सुपरवाइज़र बनी थीं, जब बाइडन अमेरिका के उपराष्ट्रपति थे. उसके बाद किंबर्ली को सुरक्षा सेवा का उप सहायक निदेशक बनाया गया था.
चीटल अमेरिका के राष्ट्रपति और देश के अन्य महत्वपूर्ण लोगों की सुरक्षा की देखरेख के लिए तैनात की गई पहली महिला थीं.
राष्ट्रपति जो बाइडन ने साल 2022 में किंबर्ली चीटल को अमेरिकी सीक्रेट सर्विस का निदेशक बनाया था. (bbc.com/hindi)
इथियोपिया के गोफा के पहाड़ी क्षेत्र में भारी बारिश के बाद रविवार शाम और सोमवार सुबह भूस्खलन की दो घटनाएं हुईं हैं.
एक स्थानीय अधिकारी ने बीबीसी को बताया कि बचाव दल ने अब तक दक्षिणी इथियोपिया में हुए दो भूस्खलनों में मारे गए 229 लोगों के शवों को बाहर निकाला गया है.
गोफा क्षेत्र के प्रशासक दग्मावी अयेले ने बीबीसी को बताया कि मृतकों में वयस्क और बच्चे दोनों शामिल हैं और ज़िंदा बचाए गए 10 लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है.
दग्मावी ने बताया कि भारी बारिश के कारण रविवार को भूस्खलन हुआ था. सोमवार को जब पुलिस अधिकारी और आसपास के लोग खोज और बचाव कार्य में लगे थे तभी दूसरा भूस्खलन हुआ, जिससे वे भी मिट्टी के नीचे दब गए.
उन्होंने बीबीसी को बताया कि “हम अब भी खुदाई कर रहे हैं”
गोफा आपदा प्रबंधन के प्रमुख मार्कोस मॉलसे ने कहा कि अब तक 229 शव बरामद किए गए हैं
स्थानीय प्रशासन ने कहा कि ज़िंदा बचे लोगों की तलाश तेजी से जारी है लेकिन मृतकों की संख्या अभी बढ़ सकती है.
फुटेज में सैकड़ों लोगों को घटनास्थल पर एकत्रित होते और नीचे फंसे लोगों की तलाश में मिट्टी खोदते हुए देखा जा सकता है.
गोफा दक्षिण इथियोपिया राज्य का हिस्सा है. यह राजधानी अदीस अबाबा से लगभग 320 किमी दक्षिण पश्चिम की ओर स्थित है. (bbc.com/hindi)
संयुक्त राष्ट्र की दो संस्थाओं ने कहा कि सोमवार से अब तक ग़ज़ा के ख़ान यूनिस से 1.50 लाख से अधिक लोग पलायन कर चुके हैं.
ग़ज़ा पट्टी के दक्षिण में स्थित खान यूनिस एक नए इसराइली हमलों का केंद्र बना हुआ है.
इसराइल का कहना है कि ख़ान यूनिस में हमास फिर से अपनी सेना को इकठ्ठा करने का प्रयास कर रहा था, जिसको देखते हुए यह हमला किया गया है.
इसराइल डिफेंस फोर्सेस (आईडीएफ) ने सोमवार को ख़ान यूनिस के पूर्वी इलाके को ख़ाली करने का आदेश दिया था.
इसराइल का दावा है कि हमास के लड़ाके इस क्षेत्र का प्रयोग आतंकी गतिविधियों और रॉकेट से हमला करने के लिए कर रहे थे.
ग़ज़ा में हमास संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि इसराइल के अभियान शुरू करने के बाद कम से कम 80 फ़लस्तीनी मारे गए हैं.
फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी यूएनआरडब्लूए के अधिकारी ने बीबीसी के टुडे कार्यक्रम में बताया कि सोमवार को नए आदेश की घोषणा किए जाने के बाद से अब तक लगभग 1.50 लाख लोग पलायन कर चुके हैं.
लुईस वाटरिज ने कहा, "इज़राइली सेना ने ग़ज़ा पट्टी के 80% से अधिक हिस्से को ख़ाली करने के आदेश दे दिए हैं या उस क्षेत्र में जाने पर पाबंदी लगा दी है" (bbc.com/hindi)
(अदिति खन्ना)
लंदन, 23 जुलाई। ब्रिटेन की संसद में पूर्व प्रधानमंत्री ऋषि सुनक दो नवंबर तक अंतरिम नेता प्रतिपक्ष बने रहेंगे। कंजर्वेटिव पार्टी की समय सारिणी के अनुसार नवंबर तक उनके उत्तराधिकारी का चुनाव किया जाएगा और इसके लिए नामांकन प्रक्रिया बुधवार से शुरू होगी।
टोरी (कंजर्वेटिव पार्टी) का नेतृत्व कौन करेगा, यह तय करने के लिए संसद के बैकबेंच सदस्यों की 1922 समिति ने सोमवार शाम को दो चरण की चुनाव प्रक्रिया की जानकारी दी, जिसके तहत दो नवंबर को नए नेता की नियुक्ति की जाएगी।
ब्रिटिश भारतीय नेता ऋषि सुनक (44) ने आम चुनाव में पार्टी की सबसे बुरी हार के बाद पांच जुलाई को अपने इस्तीफे की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि जब तक उनका उत्तराधिकारी नहीं चुना जाता तब तक वह टोरी के अंतरिम नेता की जिम्मेदारी का निर्वहन करते रहेंगे।
सुनक ने कहा, ‘‘पार्टी का नेतृत्व हासिल करने के उम्मीदवारों या इससे जुड़े अभियान के बारे में कोई भी टिप्पणी करना मेरे लिए अनुचित होगा। मुझे विश्वास है कि पार्टी बोर्ड और 1922 समिति द्वारा तय की गई यह समय सारिणी एक विचारशील, पेशेवर और सम्मानजनक मुकाबले की अनुमति देगी।’’
नेता प्रतिपक्ष पद के लिए प्रतिस्पर्धा करने वाले कंजर्वेटिव पार्टी के प्रमुख नेताओं में भारतीय मूल की पूर्व गृह मंत्री प्रीति पटेल और सुएला ब्रेवरमैन, ‘शैडो’ मंत्री जेम्स क्लेवरली, केमी बेडेनोच, टॉम तुगेंदट, मेल स्ट्राइड और पूर्व मंत्री रॉबर्ट जेनरिक शामिल हैं। (भाषा)
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने ख़ुद को राष्ट्रपति पद की रेस से अलग करके राष्ट्रपति पद के लिए कमला हैरिस के नाम का समर्थन किया था.
उसके बाद से ही यह कयास लगाए जा रहे थे कि कमला हैरिस के नाम पर डेमोक्रेटिक पार्टी मुहर लगाएगी या नहीं.
अब प्रतिनिधि सभा की पूर्व अध्यक्ष नैंसी पेलोसी ने राष्ट्रपति की दावेदार कमला हैरिस का समर्थन किया है.
उन्होंने सोशल मीडिया वेबसाइट एक्स पर लिखा है कि 'अमेरिका के भविष्य के गर्व और उम्मीद के साथ मैं अमेरिका के राष्ट्रपति पद के लिए उपराष्ट्रपति कमला हैरिस का समर्थन करती हूं. मुझे पूरा विश्वास है कि वह हमें नवंबर में जीत दिलाएंगी.'
सोमवार को अमेरिका की पूर्व विदेश मंत्री और डेमोक्रेट हिलेरी क्लिंटन ने कमला हैरिस को अपना समर्थन दिया था.
हिलेरी क्लिंटन ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा है, “मैं कमला हैरिस को लंबे समय से जानती हूँ. वे प्रतिभाशाली वकील रह चुकी हैं. वे दोषी पाए गए अपराधी, डोनाल्ड ट्रम्प और हमारी आज़ादी छीनने के 'प्रोजेक्ट 2025' के एजेंडे के ख़िलाफ़ लड़ेंगी. लेकिन वे ये काम अकेली नहीं कर सकतीं.”
हिलेरी क्लिंटन ने लोगों से इस ‘ऐतिहासिक लड़ाई’ में कमला हैरिस के साथ खड़े होने की अपील की थी. (bbc.com/hindi)
अदीस अबाबा, 23 जुलाई इथियोपिया के एक दूरस्थ क्षेत्र में भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन में कम से कम 157 लोगों की मौत हो गयी। स्थानीय प्राधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
स्थानीय प्रशासक दागमावी आयेले ने बताया कि दक्षिणी इथियोपिया के केंचो शाचा गोजदी जिले में मिट्टी धंसने की घटना में मारे गए लोगों में बच्चे और गर्भवती महिलाएं शामिल हैं।
गोफा जोन के संचार कार्यालय के प्रमुख कासाहुन अबेयनेह ने बताया कि इलाके में तलाश अभियान जारी रहने के कारण मृतकों की संख्या मंगलवार को बढ़कर 157 हो गयी। सोमवार रात तक 55 लोगों की मौत की सूचना थी। गोफा जोन वह प्रशासनिक इलाका है जहां भूस्खलन हुआ है।
ज्यादातर लोग सोमवार सुबह हुए भूस्खलन में दब गए। उस समय बचावकर्मी एक दिन पहले हुए एक अन्य भूस्खलन के बाद पीड़ितों की तलाश कर रहे थे।
आयेले ने बताया कि मलबे से पांच लोगों को जीवित निकाला गया।
गोफा में एक अन्य अधिकारी मार्कोस मेलीसे ने बताया कि अन्य लोगों को बचाने की कोशिश करते वक्त भूस्खलन की चपेट में आए लोगों में से कई लापता हैं।
गोफा जोन में आपदा प्रतिक्रिया एजेंसी के निदेशक मेलीसे ने बताया, ‘‘हम अब भी लापता लोगों की तलाश कर रहे हैं।’’
उन्होंने बताया, ‘‘कई बच्चे हैं जो हादसे में अपनी मां, पिता, भाई और बहन समेत पूरे परिवार को खो चुके हैं तथा लाशों से लिपट कर रो रहे हैं।’’
इथियोपिया में जुलाई में शुरू होने वाले बारिश के मौसम में भूस्खलन होना आम है। बारिश का यह मौसम सितंबर मध्य तक जारी रहने की संभावना है। (एपी)
राष्ट्रपति बाइडेन ने घोषणा की है कि वह राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव नहीं लड़ेंगे. अब डेमोक्रैट्स अपना उम्मीदवार कैसे नामित करेंगे? ब्रोकेड कन्वेंशन क्या है? ऐसी सारी जानकारी, यहां.
डॉयचे वैले पर कार्ला ब्लाइकर की रिपोर्ट-
आलोचनाओं को खारिज करते आए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने 21 जुलाई को घोषणा कर ही दी कि वे वास्तव में फिर से चुनाव नहीं लड़ेंगे. बाइडेन और संभावित रिपब्लिकन उम्मीदवार डॉनल्ड ट्रंप के बीच 27 जून को हुई पहली सार्वजनिक बहस में उनके खराब प्रदर्शन के बाद डेमोक्रैटिक पार्टी के कई नेता उनपर चुनावी मुकाबले से हटने का दबाव बना रहे थे.
21 जुलाई को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किए एक बयान में बाइडेन ने कहा, "आपके राष्ट्रपति के रूप में सेवा करना मेरे जीवन का सबसे बड़ा सम्मान रहा है. मेरा इरादा फिर से चुनाव लड़ने का रहा है, लेकिन मेरा मानना है कि यह मेरी पार्टी और देश के सर्वोत्तम हित में है कि मैं इस दौड़ से हट जाऊं."
बाइडेन के पीछे हटने के बाद डेमोक्रैटिक पार्टी को राष्ट्रपति पद के लिए नया उम्मीदवार ढूंढना होगा. 5 नवंबर को होने वाले चुनाव से ठीक चार महीने पहले यह काम करना होगा, जानिए यह सब कैसे होगा.
डेमोक्रैटिक पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में क्या होता है?
इस साल की शुरूआत में पूरे देश में अमेरिकी मतदाताओं ने प्राइमरी में भाग लिया, यह वह प्रक्रिया है जिसके जरिए प्रत्येक राज्य में डेमोक्रैट्स और रिपब्लिकंस यह चुनते हैं कि वे 5 नवंबर को अपनी पार्टी का प्रतिनिधित्व किससे करवाना चाहते हैं.
प्रत्येक राज्य में सबसे ज्यादा वोट पाने वाला व्यक्ति उस राज्य के सभी प्रतिनिधि जीत जाता है. प्रत्येक राज्य में कितने प्रतिनिधि होंगे यह उसकी जनसंख्या पर निर्भर करता है. उदाहरण के लिए कैलिफोर्निया में जीतने पर आपको वैर्मोंट में जीतने से ज्यादा प्रतिनिधि मिलेंगे.
अगस्त में डेमोक्रैटिक नेशनल कन्वेंशन
अगस्त में डेमोक्रैटिक पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में डेमोक्रैट्स के प्रतिनिधि इकट्ठा होकर राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए मतदान करेंगे. प्राइमरी में बाइडेन ने बहुत ज्यादा संख्या में डेलिगेट्स जीते - लगभग 3,900, जिनमें से केवल 30 डेलिगेट्स ही बाइडेन से इतर, ऐसे प्राइमरी उम्मीदवारों के पास गए जिनके पास कोई मौका नहीं था. डेमोक्रैटिक पार्टी के नियमों के मुताबिक उन 3,900 डेलिगेट्स को आम तौर पर बाइडेन को वोट देने के लिए बाध्य होना चाहिए.
लेकिन अब जबकि बाइडेन ने राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी वापस ले ली है, तो उनके द्वारा जीते गए प्रतिनिधि अब उनके प्रति वचनबद्ध नहीं हैं. वे खुले अधिवेशन में जिसे चाहें, उसे वोट दे सकते हैं.
अधिवेशन में क्या होने वाला है?
19 से 22 अगस्त तक शिकागो में होने वाले डेमोक्रैटिक नेशनल कन्वेंशन से पहले डेमोक्रैटिक नेतृत्व जल्द से जल्द एक ऐसे उम्मीदवार को ढूंढने की कोशिश करेगा, जिसके नाम पर पार्टी एकजुट हो सके. लक्ष्य एक ऐसे उम्मीदवार को चुनना है जो नवंबर के मतदान में व्यापक विचारधारा वाले ज्यादा से ज्यादा डेमोक्रैट मतदाताओं को आकर्षित कर सके. अगर डेमोक्रैट उम्मीदवार पर्याप्त संख्या में अमेरिकियों को मतदान के लिए प्रेरित कर पाता है, तभी पार्टी डॉनल्ड ट्रंप को हराने में सफल हो सकती है.
पार्टी नेतृत्व द्वारा स्वीकृत उम्मीदवार और उनके साथी अगस्त में शिकागो में प्रतिनिधियों के वोट के लिए मुकाबला करेंगे, लेकिन कोई अन्य व्यक्ति भी ऐसा कर सकता है - यही एक खुला अधिवेशन होगा, अगर किसी को लगता है कि वे नेतृत्व द्वारा चुने गए उम्मीदवार से बेहतर राष्ट्रपति बन सकते हैं, तो वे प्रतिनिधियों को जीतने की कोशिश भी कर सकते हैं, जो कोई भी चुनाव लड़ना चाहता है, उसे केवल 600 प्रतिनिधियों के हस्ताक्षर जुटाने होंगे.
जैसे उपराष्ट्रपति कमला हैरिस नए राष्ट्रपति पद की संभावित उम्मीदवार हैं लेकिन वे सिर्फ इसलिए बाइडेन से उम्मीदवारी नहीं ले पाएंगी क्योंकि वे उनकी उपराष्ट्रपति हैं. जब कोई राष्ट्रपति पद पर रहते हुए अक्षम हो जाता है, तो उपराष्ट्रपति पद की जिम्मेदारी संभाल लेता है. लेकिन जब राष्ट्रपति ने फिर से चुनाव न लड़ने का फैसला किया हो, तो उम्मीदवार बनने के मामले में ऐसा नहीं है.
समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस के मुताबिक वर्तमान में कुल 3,939 प्रतिबद्ध प्रतिनिधि हैं. वे सभी पहले दौर में मतदान करते हैं. अगर किसी एक उम्मीदवार को 50 प्रतिशत से अधिक वोट मिलते हैं, तो वह 5 नवंबर को होने वाले आम चुनाव में अपने रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वी का सामना करने वाला नया डेमोक्रैटिक चैंपियन होगा.
बन सकती है 'मध्यस्थता सम्मेलन' की स्थिति
अगर पहले चरण में कोई भी उम्मीदवार 50 प्रतिशत से अधिक वोट नहीं जीत पाता है, तो यह घटना मध्यस्थ सम्मेलन के रूप में जानी जाएगी. अब इस स्थिति में डेमोक्रैटिक नेतृत्व, पार्टी के शक्तिशाली व्यक्ति और संभावित उम्मीदवार खुद प्रतिनिधियों से बात कर उन्हें अपने पक्ष में करने की कोशिश करेंगे. इस बिंदु पर नए गठबंधन बनने की संभावना है. उदाहरण के लिए जब कोई उम्मीदवार अपने प्रतिद्वंद्वी को यह समझाने का प्रयास करता है कि वह उसके खिलाफ चुनाव लड़ने के बजाय उसका साथी बन जाए.
डेमोक्रैट्स ने आखिरी बार 1952 में मध्यस्थता सम्मेलन आयोजित किया था. अब और अधिक मतदान होगा और अब, एक समूह जिसे पहले चरण में भाग लेने की अनुमति नहीं थी, उसे भी मतदान का मौका मिलेगा, जिनमें सुपरडेलीगेट्स या अनबाउंड डेलीगेट्स शामिल होंगे.
अमेरिकी राजनीति के लिए एक ऑनलाइन विश्वज्ञानकोश बैलटपीडिया के मुताबिक, ऐसे 739 नाम हैं, जिन्हें प्राथमिक प्रक्रिया के माध्यम से किसी एक उम्मीदवार के लिए प्रतिबद्ध नहीं किया गया है. इसके बजाय वे डेमोक्रैटिक नेशनल कमेटी (पार्टी का नेतृत्व), कांग्रेस के सदस्य, गवर्नर और प्रतिष्ठित पार्टी नेताओं के निर्वाचित सदस्य हैं. वे कभी भी किसी उम्मीदवार से बंधे नहीं होते हैं और दूसरे चरण में वे जिसे चाहें उसे वोट दे सकते हैं.
मतदान तब तक जारी रहेगा जब तक कि कोई एक उम्मीदवार सभी प्रतिनिधियों के 50 प्रतिशत से ज्यादा वोट हासिल नहीं कर लेता, चाहे इसके लिए कितने भी दौर का मतदान क्यों ना हों. मतदान के आखिर तक, हमें पता चल जाएगा कि 2024 के चुनावों में राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रैटिक उम्मीदवार के रूप में जो बाइडेन की जगह कौन लेगा. (dw.com)
बमाको, 23 जुलाई। बुर्किना फासो की सीमा के समीप माली के मध्य क्षेत्र के एक गांव पर एक सशस्त्र समूह द्वारा किए गए हमले में कम से कम 26 लोगों की मौत हो गई। एक सरकारी अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।
बैंकोस कस्बे के मेयर मौलाये गुइंडो ने बताया कि डेंबो गांव में हमलावरों ने रविवार शाम को ग्रामीणों पर उस समय हमला कर दिया, जब उनमें से अधिकतर लोग अपने खेतों में काम कर रहे थे।
देश की सैन्य सरकार उत्तरी क्षेत्र में हिंसा को रोकने के लिए संघर्ष कर रही है। मध्य माली में ऐसे हमले लगातार बढ़ रहे हैं।
रविवार के हुए हमले की जिम्मेदारी किसी भी समूह ने नहीं ली है, लेकिन इसके पीछे अल-कायदा से जुड़े चरमपंथी संगठन ‘जेएनआईएम’ का हाथ माना जा रहा है जो क्षेत्र के ग्रामीणों को अक्सर निशाना बनाता है।
विद्रोहियों ने जुलाई में भी इसी तरह एक विवाह समारोह पर हमला किया था और कम से कम 21 लोगों की हत्या कर दी थी। (एपी)
(ललित के झा)
वाशिंगटन, 23 जुलाई। अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने राष्ट्रपति पद के लिए अपने चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप पर तीखे हमले के साथ की। उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व राष्ट्रपति देश को पीछे ले जाना चाहते हैं।
डेलावेयर के विलमिंगटन में सोमवार को अपनी प्रचार टीम को संबोधित करते हुए कमला (59) ने कहा कि ट्रंप का विवादित प्रोजेक्ट 2025 ‘‘मध्यम वर्ग को कमजोर करेगा और हमें एक बार फिर उन विफल नीतियों की ओर ले जाएगा, जिनके तहत अरबपतियों और बड़ी कंपनियों को करों में भारी छूट दी गई और कामकाजी लोगों से इसकी भरपाई करवाई गई।’’
राष्ट्रपति जो बाइडन (81) के गत रविवार को राष्ट्रपति पद की दौड़ से बाहर होने की अचानक घोषणा कर सबको चौंका दिया था। उन्होंने डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के लिए भारतीय-अफ्रीकी मूल की कमला (59) के नाम की सिफारिश की थी। इसके अगले दिन बाइडन की प्रचार अभियान टीम का नाम बदलकर ‘हैरिस कैंपेन’ कर दिया गया था।
कमला ने प्रचार टीम के सदस्यों से कहा कि वह ‘बाइडन-हैरिस कैंपेन टीम’ को बरकरार रख रही हैं।
ट्रंप पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘‘डोनाल्ड ट्रंप हमारे देश को उस दौर में ले जाना चाहते हैं, जब कई अमेरिकियों को पूर्ण स्वतंत्रता और अधिकार हासिल नहीं थे। लेकिन हम एक उज्जवल भविष्य में यकीन करते हैं, जिसमें सभी अमेरिकियों के लिए जगह है। हम एक ऐसे भविष्य में यकीन करते हैं, जहां हर व्यक्ति के पास न केवल आजीविका जुटाने का, बल्कि आगे बढ़ने का भी मौका हो।’’
कमला ने कहा, ‘‘हम ऐसे भविष्य में यकीन करते हैं, जहां किसी भी बच्चे को गरीबी में न पलना-बढ़ना पड़े, जहां हर व्यक्ति घर खरीद सके, परिवार बढ़ा सके और धन अर्जित कर सके, जहां हर व्यक्ति को सवैतनिक पारिवारिक अवकाश और बच्चों की किफायती देखभाल की सुविधा मिले। हम ऐसा ही भविष्य चाहते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम साथ मिलकर एक ऐसे राष्ट्र का निर्माण करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, जहां हर व्यक्ति को किफायती स्वास्थ्य देखभाल मिले, जहां हर कर्मचारी को उचित वेतन मिले, और जहां हर वरिष्ठ नागरिक सम्मान के साथ सेवानिवृत्त हो सके। ये सब मेरे राष्ट्रपति कार्यकाल के अहम लक्ष्य होंगे, क्योंकि हम जानते हैं कि हमारा मध्यम वर्ग मजबूत होगा, तो अमेरिका मजबूत होगा।’’
कमला ने आरोप लगाया कि यह वह भविष्य नहीं है, जिसके लिए डोनाल्ड ट्रंप लड़ रहे हैं।
उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘‘ट्रंप और उनका विवादित ‘प्रोजेक्ट-2025’ मध्यम वर्ग को कमजोर कर देगा। यह हमें उन विफल नीतियों की ओर वापस ले जाएगा, जिनके तहत अरबपतियों और बड़ी कंपनियों को भारी कर छूट दी गई और कामकाजी वर्ग से इसकी भरपाई करवाई गई।’’
कमला ने याद दिलाया कि उपराष्ट्रपति बनने या सीनेट के लिए चुने जाने से पहले वह कैलिफोर्निया की अटॉर्नी जनरल थीं। उन्होंने लंबे समय तक वकालत भी की।
कमला ने कहा, ‘‘उन भूमिकाओं में मैंने सभी तरह के अपराधियों के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ी, इनमें महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार करने वाले, उपभोक्ताओं के साथ धोखाधड़ी करने वाले, व्यक्तिगत लाभ के लिए नियम तोड़ने वाले शामिल हैं। इसलिए, जब मैं कहती हूं कि मुझे पता है कि डोनाल्ड ट्रंप किस तरह के हैं, तो मेरी बात पर गौर किया करें।’’
उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘‘प्रचार अभियान के दौरान मैं गर्व से ट्रंप के खिलाफ अपना रिकॉर्ड रखूंगी। एक युवा अभियोजक के रूप में जब मैं कैलिफोर्निया के अल्मेडा काउंटी जिला अटॉर्नी के कार्यालय में थी, तो मैंने यौन शोषण से जुड़े मामलों में विशेषज्ञता हासिल की। डोनाल्ड ट्रंप को एक ज्यूरी ने यौन शोषण के मामले में दोषी पाया था।’’
कमला ने 2021 में अमेरिका की पहली महिला, पहली अश्वेत और पहली दक्षिण एशियाई उपराष्ट्रपति बनकर इतिहास रचा था। राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के लिए उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन का समर्थन हासिल कर लिया है। इससे पार्टी सम्मेलन के दौरान उनके आवश्यक प्रतिनिधियों का समर्थन जीतने की संभावनाएं बढ़ गई हैं। (भाषा)
अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने कहा है कि राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपने एक ही कार्यकाल में, अमेरिका के ज़्यादातर राष्ट्रपति के दो कार्यकाल की विरासत को पीछे छोड़ दिया है.
डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से जो बाइडन के राष्ट्रपति पद की दोबारा दावेदारी छोड़ने के बाद कमला हैरिस का ये पहला संबोधन है.
कमला हैरिस पेरिस ओलंपिक से पहले, व्हाइट हाउस में अमेरिकी खिलाड़ियों के लिए हुए सम्मान समारोह में बोल रही थीं.
उन्होंने व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति जो बाइडन की तरफ से खिलाड़ियों का स्वागत किया और उन्हें शुभकामनाएँ भी दीं.
कमला हैरिस ने कहा, "मैंने उनकी (जो बाइडन) ईमानदारी, अखंडता, देश के प्रति प्यार और समर्पण को अनुभव किया है. मैं इसकी गवाह रही हूँ. पिछले तीन साल की उनकी विरासत का कोई सानी नहीं है.”
कमला हैरिस ने बताया कि राष्ट्रपति बाइडन के स्वास्थ्य में तेज़ी से सुधार हो रहा है. कुछ ही दिन पहले जो बाइडन कोविड-19 से संक्रमित हो गए थे.
राष्ट्रपति बाइडन ने अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए अपनी उम्मीदवारी छोड़ने के बाद इसके लिए कमला हैरिस के नाम का समर्थन किया है. (bbc.com/hindi)
ग़ज़ा में हमास संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि दक्षिणी शहर ख़ान यूनिस में इसराइली हमले में कम से कम 70 लोग मारे गए हैं.
ऐसा तब हुआ है, जब इसराइल ने फ़लस्तीनी चरमपंथियों के खिलाफ़ एक ऑपरेशन से पहले ग़ज़ा के रिहायशी इलाक़े को ख़ाली करने का आदेश दिया था.
इसराइली सेना ने सोमवार सुबह बताया कि ख़ान यूनिस के पूर्वी इलाक़ों से महत्वपूर्ण आतंकी गतिविधियां और रॉकेट से हमले हुए थे. उस क्षेत्र में रह रहे लोगों को अल- मवासी रिहायशी इलाक़े में जाने के लिए कहा गया है.
इसराइली सेना ने बताया कि इसके बाद क्षेत्र में भारी बमबारी की गई, जिससे आतंकियों और उनके बूनियादी ढांचे को ध्वस्त कर दिया गया है.
वहाँ पर सैकड़ों लोगों को पैदल और कारों से भागते देखा गया.
इस बीच फ़लस्तीनी रेड क्रिसेंट ने बताया है कि अल अमल अस्पताल में पांच शवों और 33 घायलों को लाया गया है.
स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि इसराइल के इस आदेश के बाद ख़ान यूनिस से दो किमी पूर्व स्थित मान और बानी सुहैला कस्बे में स्थित उनके क्लिनिक में सेवाएं ठप हो गई हैं.
इसराइली अधिकारियों का कहना है कि उनका आदेश अस्पतालों पर नहीं लागू होता है. (bbc.com/hindi)
क्रोएशिया के एक नर्सिंग होम में हुई गोलीबारी में कम से कम 6 लोगों की मौत हो गई है.
हमले के बाद से देश में बंदूक नियंत्रण को सख़्त करने की मांग उठने लगी है.
पूर्वी शहर दारुवर स्थित एक नर्सिंग होम में हुई गोलीबारी में एक कर्मचारी सहित पाँच लोगों की मौत हो गई जबकि एक अन्य व्यक्ति की बाद में अस्पताल में मौत हो गई.
पुलिस ने बताया कि हमले में कई लोग घायल हुए हैं और चार की हालत गंभीर बनी हुई है.
क्रोएशिया के मीडिया के अनुसार, हमलावर हमले के बाद मौक़े से भाग गया था, जिसे बाद में एक कैफ़े से गिरफ़्तार किया गया है. उसके पास से हथियार भी बरामद कर लिया गया है.
क्रोएशिया के राष्ट्रपति ज़ोरान मिलानोविक ने कहा कि वह इस गोलीबारी से स्तब्ध हैं. उन्होंने देश में बंदूक के नियमों को “और भी अधिक कड़े” बनाने की बात कही है.
राष्ट्रपति मिलानोविक ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा है कि “यह एक भयावह चेतावनी है और सभी संस्थाओं के लिए यह आह्वान है कि समाज में हिंसा को रोकने के लिए और अधिक प्रयास करने की आवश्यकता है”
प्रधानमंत्री आंद्रेज प्लेंकोविक ने इसे "भयावह हमला" बताया है और प्रभावित लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है.
स्थानीय मीडिया की अपुष्ट रिपोर्ट्स के मुताबिक हमलावर एक पूर्व एक सैनिक है. (bbc.com/hindi)
दीर अल बलाह, 22 जुलाई। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि इजराइल के हमले में अब तक गाजा पट्टी क्षेत्र में 39,000 से अधिक फलस्तीनी मारे जा चुके हैं और 89,800 से अधिक घायल हुए हैं।
दक्षिणी गाजा और क्षेत्र के अन्य हिस्सों में इजराइली हवाई हमलों में कई दर्जन लोगों की मौत के बीच युद्ध में हताहतों की यह नयी संख्या सामने आई है।
मंत्रालय की गणना में सैनिकों और असैन्य नागरिकों दोनों को शामिल किया गया है।
हमास द्वारा सात अक्टूबर को दक्षिणी इजराइल पर हमला किए जाने के बाद इजराइल ने गाजा पर हमला शुरू किया था। हमास के आतंकवादियों ने हमले में लगभग 1,200 लोगों की हत्या कर दी थी और 250 अन्य को बंधक बना लिया था। (एपी)
नयी दिल्ली, 22 जुलाई। चीन के साथ तनावपूर्ण संबंधों के बीच सोमवार को संसद में पेश बजट-पूर्व आर्थिक समीक्षा 2023-24 में स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देने और निर्यात बाजार का दोहन करने के लिए पड़ोसी देश (चीन) से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) बढ़ाने की वकालत की गई है।
आर्थिक समीक्षा कहती है, चूंकि अमेरिका और यूरोप अपनी तात्कालिक आपूर्ति चीन से हटा रहे हैं, इसलिए पड़ोसी देश से आयात करने के बजाय चीनी कंपनियों द्वारा भारत में निवेश करना और फिर इन बाजारों में उत्पादों का निर्यात करना अधिक प्रभावी है।
भारत वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं (जीवीसी) में अपनी भागीदारी को बढ़ाना चाहता है। इसलिए उसे पूर्वी एशिया की अर्थव्यवस्थाओं की सफलताओं तथा रणनीतियों पर भी ध्यान देने की जरूरत है। इन अर्थव्यवस्थाओं ने आमतौर पर दो मुख्य रणनीतियों का अनुसरण किया है...व्यापार लागत को कम करना और विदेशी निवेश को सुगम बनाना।
समीक्षा में कहा गया कि भारत के पास ‘चीन प्लस वन’ रणनीति से लाभ उठाने के लिए दो विकल्प हैं.. या तो वह चीन की आपूर्ति श्रृंखला में शामिल हो जाए या फिर चीन से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को बढ़ावा दे।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में पेश आर्थिक समीक्षा में कहा गया है, ‘‘इन विकल्पों में से चीन से एफडीआई पर ध्यान केंद्रित करना अमेरिका को भारत के निर्यात को बढ़ाने के लिए अधिक आशाजनक प्रतीत होता है, जैसा कि पूर्व में पूर्वी एशियाई अर्थव्यवस्थाओं ने किया था।’’
इसके अलावा, ‘चीन प्लस वन’ दृष्टिकोण से लाभ प्राप्त करने के लिए एफडीआई को एक रणनीति के रूप में चुनना, व्यापार पर निर्भर रहने की तुलना में अधिक लाभप्रद प्रतीत होता है।
समीक्षा कहती है, ‘‘ऐसा इसलिए है क्योंकि चीन, भारत का शीर्ष आयात भागीदार है और चीन के साथ व्यापार घाटा बढ़ रहा है। चूंकि अमेरिका तथा यूरोप अपनी तत्काल आपूर्ति चीन से हटा रहे हैं, इसलिए चीनी कंपनियों द्वारा भारत में निवेश करना और फिर इन बाजारों में उत्पादों का निर्यात करना अधिक प्रभावी है, बजाय इसके कि वे चीन से आयात करें, न्यूनतम मूल्य जोड़ें और फिर उन्हें पुनः निर्यात करें।’’
इसमें बताया गया कि चीन से एफडीआई प्रवाह में वृद्धि से निर्यात को बढ़ावा देने के साथ-साथ भारत की वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में भागीदारी बढ़ाने में मदद मिल सकती है।
किसी भी क्षेत्र में वर्तमान में चीन से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के लिए सरकार की मंजूरी की जरूरत होती है।
भारत में अप्रैल, 2000 से मार्च, 2024 के दौरान कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश इक्विटी प्रवाह में चीन केवल 0.37 प्रतिशत (2.5 अरब अमेरिकी डॉलर) हिस्सेदारी के साथ 22वें स्थान पर था।
इस संबंध में पूछे जाने पर मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी अनंत नागेश्वरन ने कहा कि इसके माध्यम से वह केंद्र से चीन से एफडीआई निवेश के संबंध में नीति की फिर से समीक्षा करने का आग्रह कर रहे हैं।
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, “मैं पुनः समीक्षा की मांग कर रहा हूं...मैं कह रहा हूं कि माल आयात और पूंजी आयात करने के बीच संतुलन की आवश्यकता है। मैंने ब्राजील और तुर्की द्वारा किए गए काम का उदाहरण दिया। उन्होंने वाहनों के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया, लेकिन फिर उन्होंने उन्हें अपने देश में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया।”
उन्होंने कहा कि भारत का चीन के साथ बड़ा व्यापार घाटा है और यदि भारत आयात जारी रखेगा तो व्यापार घाटा बढ़ता रहेगा।
नागेश्वरन ने कहा, “इसका यह भी अर्थ है कि आप स्वयं को असुरक्षित बना रहे हैं...उन क्षेत्रों का चयन करें जिनमें आप निवेश कर सकते हैं, तब आपके पास भारतीय उद्यमियों के लिए तकनीकी ज्ञान प्राप्त करने और एक समय पर आत्मनिर्भर बनने का भी मौका होगा।”
वर्तमान में, भारत में आने वाला ज्यादातर विदेशी निवेश स्वत: मंजूर मार्ग से आता है। हालांकि, भारत के साथ स्थलीय सीमा साझा करने वाले देशों से आने वाले एफडीआई के लिए किसी भी क्षेत्र में अनिवार्य रूप से सरकारी अनुमोदन की आवश्यकता होती है। (भाषा)
गाजा, 22 जुलाई। सोमवार को दक्षिणी गाजा पट्टी के खान यूनिस शहर में इजरायली हमलों में लगभग 14 फिलिस्तीनी मारे गए। मरने वालों में छह बच्चे और चार महिलाएं शामिल हैं। वहीं 36 अन्य लोगों के घायल होने की खबर है। गाजा स्थित स्वास्थ्य अधिकारियों ने ये जानकारी दी।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, स्वास्थ्य अधिकारियों ने शहर के नासेर मेडिकल कॉम्प्लेक्स में स्थानीय लोगों से घायलों के लिए तत्काल रक्तदान करने का आह्वान किया है। यहां ब्लड यूनिट की भारी कमी है।
फिलिस्तीनी सरकारी समाचार एजेंसी ने बताया, ''तत्काल निकासी आदेश जारी होने के बाद इजरायली युद्धक विमानों ने खान यूनिस के पूर्वी इलाकों पर भारी बमबारी की। पूर्वी इलाकों में शहर के पश्चिम की ओर, विशेष रूप से अल-मवासी की ओर बड़े पैमाने पर विस्थापन देखा गया।''
इजराइली रक्षा बलों ने सोमवार सुबह एक बयान में कहा कि वह आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने जा रहा है और इसलिए खान यूनिस के पूर्वी इलाकों में बचे हुए लोगों से अपील करता है कि वे अस्थायी रूप से अल-मवासी इलाके में चले जाएं।
अस्थायी निकासी के लिए निवासियों को एसएमएस, फोन कॉल और अरबी में मीडिया प्रसारण के माध्यम से सूचित किया गया।
रविवार को गाजा स्थित स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि गाजा पट्टी में चल रहे इजरायली हमलों में मरने वाले फिलिस्तीनियों की संख्या बढ़कर 38,983 हो गई है।
बता दें कि इजरायल-हमास युद्ध के बीच इजरायली सेना गाजा के अलावा अन्य जगहों पर भी कार्रवाई कर रही है। इस बीच इजरायली सेना ने दक्षिणी लेबनान के विभिन्न इलाकों में हवाई हमले किए हैं।
इजरायल के हवाई हमले के बीच हिजबुल्लाह ने एक बयान में कहा कि उसके लड़ाकों ने अल-मनारा साइट के क्षेत्र में मौजूद इजरायली सैनिकों को निशाना बनाया है।
वहीं, लेबनान में संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बलों के प्रवक्ता एंड्रिया टेनेंटी ने शनिवार को कहा कि लेबनान और इजरायल के बीच कूटनीतिक समाधान संभव है। उन्होंने दोनों पक्षों से युद्ध विराम का भी आह्वान किया।
टेनेंटी ने कहा कि लेबनान और इजरायल ने दुश्मनी को खत्म करने और स्थायी युद्ध विराम की दिशा में आगे बढ़ने के लिए संयुक्त राष्ट्र संकल्प 1701 के महत्व पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक और कूटनीतिक समाधान ही एकमात्र रास्ता है। हम तनाव कम करने व शांति की दिशा में संयुक्त राष्ट्र संकल्प 1701 के पूर्ण कार्यान्वयन के लिए अपनी शक्ति के मुताबिक सब कुछ करना जारी रखेंगे। (आईएएनएस)
वाशिंगटन, 22 जुलाई । अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने राष्ट्रपति पद की रेस से खुद के हटने का ऐलान कर दिया है। पिछले महीने रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप के साथ हुई एक बहस में खराब प्रदर्शन के बाद से ही आशंका जताई जा रही थी कि बाइडेन राष्ट्रपति की होड़ से बाहर हो सकते हैं। राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रविवार को एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि वह डोनाल्ड ट्रम्प के खिलाफ चुनाव अभियान से हट रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश व डेमोक्रेटिक पार्टी के सर्वोत्तम हित में मैं यह फैसला कर रहा हूं। 81 वर्षीय बाइडेन ने उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को उनकी जगह डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से उम्मीदवार नामांकित करने का समर्थन किया।
उन्होंने कहा, "मैं कमला को हमारी पार्टी का उम्मीदवार बनाने के लिए अपना पूरा समर्थन देता हूं। डेमोक्रेट को अब एक साथ आकर डोनाल्ड ट्रम्प को हराने का समय आ गया है।" अगर अगस्त में होने वाले कन्वेंशन में कमला हैरिस को डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से नामांकित किया जाता है, तो वह व्हाइट हाउस के लिए नामांकन हासिल करने वाली पहली अफ्रीकी-अमेरिकी महिला और पहली भारतीय-अमेरिकी बन जाएंगी। राष्ट्रपति जो बाइडेन ने देशवासियों को संबोधित एक पत्र में लिखा, "पिछले साढ़े तीन वर्षों में, हमने एक राष्ट्र के रूप में बहुत प्रगति की है। आज, अमेरिका दुनिया की सबसे मजबूत अर्थव्यवस्था है। हमने अपने राष्ट्र के पुनर्निर्माण, वरिष्ठ नागरिकों के लिए दवा की लागत कम करने और रिकॉर्ड संख्या में अमेरिकियों के लिए सस्ती स्वास्थ्य सेवा का विस्तार करने में रिकॉर्ड खर्च किया है।
हमने 30 वर्षों में पहला बंदूक सुरक्षा कानून पारित किया। "सुप्रीम कोर्ट में पहली अफ्रीकी-अमेरिकी महिला को नियुक्त किया और दुनिया के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण जलवायु कानून पारित किया। मुझे पता है कि आप अमेरिकी लोगों के बिना यह सब संभव नहीं हो पाता। हमने साथ मिलकर सदी में एक बार आने वाली महामारी और महामंदी के बाद के सबसे बुरे आर्थिक संकट पर विजय प्राप्त की है। हमने अपने लोकतंत्र की रक्षा की है और उसे बनाए रखा और दुनिया भर में अपने गठबंधनों को पुनर्जीवित और मजबूत किया है।" बाइडेन ने कहा, "आपके राष्ट्रपति के रूप में सेवा करना मेरे जीवन का सबसे बड़ा सम्मान रहा है।
मेरा इरादा फिर से चुनाव लड़ने का रहा है, लेकिन अब मेरा मानना है कि मेरे लिए यह मेरी पार्टी और देश के सर्वोत्तम हित में है कि मैं इस होड़ से बाहर हो जाऊं और अपने शेष कार्यकाल के लिए राष्ट्रपति के रूप में अपने कर्तव्यों को पूरा करने पर ध्यान केंद्रित करूं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा,"मैं उन सभी के प्रति अपनी गहरी कृतज्ञता व्यक्त करता हूं, जिन्होंने मुझे फिर से निर्वाचित होते देखने के लिए इतनी मेहनत की है। मैं इस काम में असाधारण भागीदार होने के लिए उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को धन्यवाद देना चाहता हूं और मैं अमेरिकी लोगों का आभार जताता हूं, जिन्होंने मुझ पर विश्वास और भरोसा जताया।" गौरतलब है कि इस साल नवंबर में अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होगा। चुनाव में जीत हासिल करने वाले को अगले साल 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई जाएगी। अमेरिका में मुख्य रूप से रिपब्लिकन व डेमोक्रेटिक पार्टियां ही राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल होती हैं। --(आईएएनएस)
वाशिंगटन, 22 जुलाई । जो बाइडेन के अमेरिकी राष्ट्रपति पद की रेस से हटने के बाद अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने इस पद के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी का नामांकन प्राप्त करने का अपना अभियान तेज कर दिया है। हैरिस ने पार्टी के सांसदों, नेताओं, अधिकारियों और बाहरी समर्थन समूहों से संपर्क स्थापित करना शुरू कर दिया है। हैरिस ने कुछ ही समय में कुछ महत्वपूर्ण समर्थन प्राप्त कर लिए हैं, जिनमें पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन और पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन, सीनेटर क्रिस कून और एमी क्लोबूचर और पेंसिल्वेनिया के गवर्नर जोश शापिरो, नार्थ कैरोलाइना के रॉय कूपर और कैलिफोर्निया के गेविन न्यूजॉम शामिल हैं। हैरिस को अमेरिकी कांग्रेस में अश्वेत और हिस्पैनिक कॉकस का भी समर्थन मिल गया है। डेमोक्रेटिक पार्टी के लिए धन जुटाने के लिए एक ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म एक्टब्लू ने हैरिस के राष्ट्रपति अभियान के पहले पांच घंटों में 27.5 मिलियन डॉलर जुटाने की बात कही। बाइडेन की उम्मीदवारी पर असमंजस को लेकर डोनेशन रोक दिए गए थे। अब जब बाइडेन रेस से बाहर हो गए हैं तो दूसरे उम्मीदवार के लिए रास्ता साफ हो गया है।
बाइडेन के रेस से बाहर होने के बाद हैरिस ने अपनी पहली टिप्पणी में कहा, "मेरा इरादा इस नामांकन को हासिल करना और जीतना है" और केवल उपराष्ट्रपति के आधार पर इसका दावा नहीं करना है। उन्होंने एक टीम बनाने की तैयारी कर ली है। डेमोक्रेट्स 9 अगस्त को शिकागो, इलिनोइस में पार्टी सम्मेलन में आधिकारिक रूप से अपने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की घोषणा करने वाले हैं। यह प्रक्रिया आमतौर पर डेमोक्रेटिक प्राइमरी के विजेता को नामांकित करने की औपचारिकता होती है। बाइडेन ने पार्टी प्राइमरी में भाग लेने वाले 14 मिलियन डेमोक्रेट्स का समर्थन हासिल करते हुए करीब 3,000 प्रतिनिधियों को जीता था।
अगर हैरिस को चुनौती देने वाले सामने आते हैं तो दौड़ खुल जाएगी, ऐसी स्थिति में उम्मीदवार का निर्धारण दावेदारों के बीच एक मुकाबले के बाद होगा। अब तक सीनेटर जो मैनचिन ने स्वतंत्र उम्मीदवार बनने का फैसला किया है। डेमोक्रेट्स के पास पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को रोकने के लिए पर्याप्त समय नहीं है, यही कारण है कि पार्टी ने राष्ट्रपति बाइडेन पर प्राइमरी जीतने के बाद भी दौड़ से हटने के लिए दबाव डाला। हैरिस के पास नामांकन हासिल करने के लिए दो सप्ताह हैं। इससे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रविवार को घोषणा की कि वह राष्ट्रपति पद का आगामी चुनाव नहीं लड़ेंगे। बाइडेन ने राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी की दौड़ से हटने का एलान करते हुए कहा कि ‘‘यह मेरी पार्टी और देश के सर्वोत्तम हित में है।'' बाइडेन 81 साल के हो गए हैं। उनका यह निर्णय अमेरिका में पांच नवंबर को होने वाले मतदान से चार महीने पहले आया है। उन्होंने अपनी जगह भारतीय मूल की कमला हैरिस को समर्थन दिया है।
कमला हैरिस वर्तमान में अमेरिका की पहली भारतवंशी अश्वेत उपराष्ट्रपति हैं। उन्हें फीमेल ओबामा भी कहा जाता है। हैरिस 59 साल की हैं। वह सैन फ्रांसिस्को की डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी बनने वाली पहली महिला, पहली भारतवंशी और पहली अश्वेत अमेरिकी हैं। राष्ट्रपति चुनाव 2020 के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से उम्मीदवार रहे जो बाइडेन ने अगस्त में उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार के रूप में हैरिस को चुना था। 20 अक्टूबर 1964 को जन्मी कमला देवी हैरिस की मां श्यामला गोपालन 1960 में भारत के तमिलनाडु से बर्कले पहुंची थीं, जबकि उनके पिता डोनाल्ड जे हैरिस 1961 में ब्रिटिश जमैका से इकोनॉमिक्स में स्नातक की पढ़ाई करने बर्कले आए थे। यहीं अध्ययन के दौरान दोनों की मुलाकात हुई और मानव अधिकार आंदोलनों में भाग लेने के दौरान उन्होंने विवाह करने का फैसला कर लिया। -(आईएएनएस)
टोक्यो, 22 जुलाई । जापान की राजधानी टोक्यो के उत्तर-पूर्व में सोमवार को भूकंप के झटके महसूस किए गए। जापानी मौसम विभाग ने बताया कि स्थानीय समयानुसार सुबह 10:07 बजे भूकंप आया, जिसकी तीव्रता 4.8 दर्ज की गई। हालांकि, भूकंप के कारण जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है। लेकिन, झटकों के बाद लोग सहम गए और घरों से निकल कर सड़क पर आ गए।
शिन्हुआ समाचार एजेंसी के अनुसार, "भूकंप की गहराई का केंद्र 90 किलोमीटर था। जो उत्तरी इबाराकी प्रांत के 36.8 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 140.8 डिग्री पूर्वी देशांतर के करीब आया।" भूकंप के झटके मध्य टोक्यो तक महसूस किए गए, लेकिन मौसम विभाग की ओर से सुनामी की कोई चेतावनी जारी नहीं की गई। बता दें कि जून 2024 में भी जापान में भूकंप के झटके लगे थे। जापान के फुकुशिमा में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.9 मापी गई। -(आईएएनएस)
(ललित के झा)
वाशिंगटन, 22 जुलाई। रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति चुनाव की दौड़ से अचानक पीछे हटने के लिए निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडन पर निशाना साधा और दावा किया कि ‘‘बाइडन के चिकित्सक समेत उनके इर्द-गिर्द मौजूद सभी लोग जानते थे कि वह राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ने या राष्ट्रपति बनने के योग्य नहीं हैं।’’
ट्रंप ने यह टिप्पणी तब की है, जब बाइडन (81) ने रविवार को यह घोषणा कर सभी को हैरत में डाल दिया कि वह राष्ट्रपति पद की दौड़ से पीछे हट रहे हैं और उन्होंने डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के लिए भारतीय-अफ्रीकी मूल की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के नाम का अनुमोदन किया।
ट्रंप ने बाइडन के कोविड-19 से संक्रमित होने को लेकर संदेह भी जताया।
उन्होंने अपने सोशल मीडिया मंच ‘‘ट्रुथ सोशल’’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘तो अब हम कुटिल जो बाइडन से लड़ने के लिए समय और पैसा खर्च करने के लिए मजबूर हैं, बहस में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद वह चुनाव मैदान से पीछे हट गए। अब हमें सब कुछ फिर से शुरू करना होगा।’’
पूर्व राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘क्या रिपब्लिकन पार्टी को धोखाधड़ी के लिए मुआवजा नहीं देना चाहिए कि जो बाइडन के चिकित्सक समेत उनके इर्द-गिर्द मौजूद हर व्यक्ति और फर्जी मीडिया यह जानती थी कि वह राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ने या राष्ट्रपति बनने के समक्ष नहीं है? केवल पूछ रहा हूं।’’
ट्रंप ने कहा कि बाइडन के साथ उनकी बहस का प्रसारण ‘एबीसी न्यूज’ पर सितंबर में होना था। उन्होंने बाइडन को अमेरिका के इतिहास में ‘‘सबसे खराब’’ राष्ट्रपति बताया।
ट्रंप ने कहा, ‘‘अब बाइडन इस दौड़ से बाहर निकल गए हैं, मुझे लगता है कि बहस का प्रसारण पक्षपातपूर्ण एबीसी के बजाय ‘फॉक्स न्यूज’ पर होना चाहिए था।’’
एक अन्य पोस्ट में ट्रंप (78) ने कहा, ‘‘क्या किसी को वाकई लगता है कि कुटिल जो बाइडन को कोविड था? नहीं, वह 27 जून को बहस वाली रात के बाद से ही पीछे हटना चाहते थे, जब उन्हें पूरी तरह से खत्म कर दिया गया था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘वह जो बाइडन के अंत की दिशा में एक बड़ा क्षण था। जो बाइडन राष्ट्रपति बनने के योग्य नहीं हैं। वह हमारे देश को बर्बाद कर रहे हैं।’’
बाइडन 17 जुलाई को कोविड-19 से संक्रमित पाए गए थे। इसके बाद उन्हें ऐसे अहम वक्त पर प्रचार अभियान रोकना पड़ा था, जब उन पर उनके स्वास्थ्य को लेकर जारी अटकलों के बीच राष्ट्रपति पद की दावेदारी छोड़ने का दबाव बढ़ रहा था।
बाइडन संक्रमण की पुष्टि के बाद डेलवेयर में अपने आवास पर पृथकवास में रह रहे थे। वह वहीं से राष्ट्रपति पद की जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहे थे। (भाषा)
(ललित के झा)
वाशिंगटन, 22 जुलाई। अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने कहा कि वह राष्ट्रपति पद के चुनाव में जो बाइडन द्वारा डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवारी के लिए उनके नाम की सिफारिश किए जाने से सम्मानित महसूस कर रही हैं।
कमला ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति “डोनाल्ड ट्रंप और उनके ‘प्रोजेक्ट 2025 एजेंडे’ को हराने” के लिए देश को एकजुट करना उनका लक्ष्य है।
उपराष्ट्रपति की यह टिप्पणी राष्ट्रपति बाइडन (81) के रविवार को राष्ट्रपति पद की दौड़ से बाहर होने की अचानक घोषणा करने और डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवारी के लिए भारतीय-अफ्रीकी मूल की कमला (59) के नाम की सिफारिश करने के बाद आई।
बाइडन के जून में अपने रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वी डोनाल्ड ट्रंप के साथ बहस में खराब प्रदर्शन के बाद से ही डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता उन पर राष्ट्रपति पद की दौड़ से बाहर होने का दबाव बना रहे थे।
कमला ने कहा, “मैं राष्ट्रपति का समर्थन पाकर सम्मानित महसूस कर रही हूं। मेरा मकसद अब राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी की दौड़ में जीत हासिल करना है।” कमला जनवरी 2021 से उपराष्ट्रपति के रूप में सेवाएं दे रही हैं। वह अमेरिका की पहली ऐसी महिला, पहली ऐसी अश्वेत और पहली ऐसी दक्षिण एशियाई मूल की नागरिक हैं जो इस पद पर आसीन हुई हैं।
बाइडन की सिफारिश से डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार के रूप में कमला की दावेदारी को काफी बल मिला है, लेकिन उनके लिए शिकागो में अगले महीने प्रस्तावित ‘डेमोक्रेटिक नेशनल कन्वेंशन’ के दौरान पार्टी प्रतिनिधियों का समर्थन हासिल करना जरूरी है।
कमला ने कहा, “मैं राष्ट्रपति के रूप में बाइडन के असाधारण नेतृत्व और हमारे देश की कई दशकों तक सेवा करने के लिए अमेरिका के लोगों की तरफ से उनका शुक्रिया अदा करना चाहती हूं।”
उन्होंने कहा कि पिछले साल उन्होंने पूरे देश की यात्रा की और अमेरिकियों से इस महत्वपूर्ण चुनाव में उनके पसंदीदा उम्मीदवार और उससे उनकी अपेक्षाओं के बारे में जाना।
कमला ने कहा, “और आने वाले दिनों और हफ्तों में भी मैं यहीं करती रहूंगी। मैं डेमोक्रेटिक पार्टी और हमारे देश को एकजुट करने के लिए, डोनाल्ड ट्रंप और उनके विवादित ‘प्रोजेक्ट 2025 एजेंडे’ को हराने के लिए वह सब कुछ करूंगी, जो मेरे बस में है... अभी चुनाव में 107 दिन बचे हैं। हम साथ मिलकर लड़ेंगे। हम साथ मिलकर जीतेंगे।”
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन और पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने भी राष्ट्रपति पद की डेमोक्रेटिक उम्मीदवारी के लिए कमला के नाम की पैरवी की। क्लिंटन दंपति ने एक संयुक्त बयान में कहा, “हमने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं, लेकिन हमें हमारे देश के लिए ट्रंप के दूसरे कार्यकाल से उत्पन्न खतरे से ज्यादा किसी और चीज को लेकर चिंता नहीं हुई।”
बयान में कहा गया है, “उन्होंने (ट्रंप) पहले ही दिन से तानाशाह बनने का वादा किया है और ‘सुप्रीम कोर्ट’ के हालिया फैसले से उन्हें संविधान को और अधिक खंडित करने का साहस मिलेगा। अब समय आ गया है कि हम कमला हैरिस को समर्थन दें और उन्हें राष्ट्रपति बनाने के लिए हरसंभव कोशिश करें।” (भाषा)