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नई दिल्ली, 11 अक्टूबर । ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस (ओयूपी) ने शुक्रवार को दुनिया भर के विद्यार्थियों के लिए संस्कृत भाषा को सुलभ बनाने के लिए त्रिभाषी संस्कृत-हिंदी-अंग्रेजी शब्दकोश के लॉन्च की घोषणा की। ओयूपी जल्द ही द्विभाषी डिक्शनरी, भारत पोर्टफोलियो, में शामिल भाषाओं की संख्या को बढ़ाकर 13 (जिसमें 9 शास्त्रीय भाषाएं शामिल हैं) करेगा। ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी अब संस्कृत, बंगाली, असमिया, कन्नड़, मलयालम, ओडिया, तमिल, तेलुगु, मराठी, गुजराती, पंजाबी, उर्दू और हिंदी में उपलब्ध हैं। ओयूपी इंडिया के प्रबंध निदेशक सुमंत दत्ता ने कहा, "ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस भाषाओं के संरक्षण और संवर्धन के लिए समर्पित है।
यह त्रिभाषी शब्दकोश भाषा सीखने और हमारी सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने की हमारी प्रतिबद्धता में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।" दत्ता ने कहा, "यह एनईपी 2020 और एनसीएफ 2023 दिशानिर्देशों को ध्यान में रखते हुए संस्कृत सीखने की यात्रा शुरू करने वाले छात्रों के लिए एक मूल्यवान संसाधन होगा।" नया शब्दकोष उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थानम (यूपीएसएस) के सहयोग से प्रकाशित किया गया है। नए ऑक्सफोर्ड संस्कृत-हिंदी-अंग्रेजी शब्दकोष में संस्कृत के विद्यार्थियों के लिए सावधानीपूर्वक चुने गए 25,000 से अधिक शब्द शामिल हैं।
इसमें शब्दों की प्रासंगिकता को ध्यान में रखते हुए यह दृष्टिकोण रखा गया है कि संस्कृत का प्रत्येक विद्यार्थी 10 वर्ष बाद सरल मानक संस्कृत में पारंगत और धाराप्रवाह हो जाए। इसके अलावा, ओयूपी ने तीन अन्य डिक्शनरी के विमोचन की भी घोषणा की। कॉम्पैक्ट इंग्लिश-इंग्लिश-उर्दू डिक्शनरी, मिनी हिंदी-इंग्लिश डिक्शनरी और इंग्लिश-हिंदी डिक्शनरी। इस वर्ष की शुरुआत में, ओयूपी ने अंग्रेजी-अंग्रेजी-असमिया शब्दकोश और मिनी अंग्रेजी-बंगाली शब्दकोश लॉन्च किया था। संस्कृत को 2005 में 'शास्त्रीय' दर्जा प्राप्त हुआ। भाषाविदों के मुताबिक संस्कृत और कई यूरोपीय भाषाओं की जड़ें एक ही पूर्वज से जुड़ी हैं, जिसे प्रोटो-इंडो-यूरोपियन के नाम से जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि सदियों पुरानी संस्कृत भाषा ने महाद्वीपों में फैले विविध भाषा परिवारों के लिए भाषाई ब्लूप्रिंट के रूप में काम किया। -(आईएएनएस)
मुंबई, 11 अक्टूबर । राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईईएलआईटी) और महाराष्ट्र सरकार ने स्वचालन और रोबोटिक्स के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव और महाराष्ट्र के उच्च और तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटिल उपस्थित थे। एमओयू पर हस्ताक्षर किए जाने के बाद चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि अश्विनी वैष्णव ने रेलवे और आईटी में कई उत्कृष्ट कार्य किए हैं। यह समझौता ज्ञापन महाराष्ट्र में तकनीकी शिक्षा को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
उन्होंने कहा कि राज्य में 9 पॉलिटेक्निक संस्थान स्थापित किए गए हैं और सरकारी क्षेत्र में 43 पॉलिटेक्निक हैं, जबकि 300 प्राइवेट पॉलिटेक्निक संस्थान भी कार्यरत हैं। पाटिल ने कहा कि केंद्र से मिली सहायता के माध्यम से इन संस्थानों का बड़ा विस्तार किया गया है, जिससे तकनीकी शिक्षा का स्तर और भी ऊंचा हुआ है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि एनआईईएलआईटी और महाराष्ट्र सरकार के बीच यह समझौता स्वचालन और रोबोटिक्स के क्षेत्र में नए अवसरों का सृजन करेगा और छात्रों को नवीनतम तकनीकों के साथ जुड़ने का मौका देगा। वहीं, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि चंद्रकांत दादा पाटिल इस एमओयू के एक प्रेरणास्त्रोत हैं। उन्होंने उस कौशल की कल्पना की है जिनकी युवाओं को आवश्यकता है, और इसलिए आज यह एमओयू हो रहा है।
महाराष्ट्र में उद्योग पिछले 150-200 वर्षों से अस्तित्व में हैं, लेकिन अब यह क्षेत्र बदल रहा है। राज्य सरकार ने इस दिशा में कार्य किया है कि युवाओं को किस कौशल की आवश्यकता है और उन्हें कौन सी तकनीक चाहिए। अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इसमें प्रधानमंत्री मोदी द्वारा लाई गई नई शिक्षा नीति का भी लाभ हुआ है। यह नीति टेक्नोलॉजी और शिक्षा के क्षेत्र में एक नया दृष्टिकोण प्रस्तुत करती है। उन्होंने जोर दिया कि तकनीक और नई शिक्षा नीति एक साथ आकर काम कर रहे हैं, जिससे युवाओं को उनके करियर में आवश्यक कौशल और तकनीकी ज्ञान प्राप्त होगा। देश की आईटी इंडस्ट्री का उपयोग युवा कर सकते हैं। यह न केवल उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान करेगा, बल्कि उन्हें अपनी क्षमताओं को और बढ़ाने का मौका भी देगा। उम्मीद जताई जा रही है कि इस समझौते से छात्रों और पेशेवरों को स्वचालन और रोबोटिक्स के क्षेत्र में उन्नत प्रशिक्षण प्राप्त होगा, जिससे वह भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए बेहतर तरीके से तैयार हो सकेंगे। यह पहल महाराष्ट्र की तकनीकी शिक्षा को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। -- (आईएएनएस)
मुंबई, 11 अक्टूबर । शिवसेना उद्धव (यूबीटी) के नेता और सांसद संजय राउत ने शिंदे सरकार की चुनावी घोषणाओं पर सवाल उठाते हुए कहा है कि चुनावों के पहले ऐसे निर्णयों की जल्दबाजी की जाती है। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार जनता को भ्रमित करने के लिए घोषणाओं की बारिश कर रही हैं, जबकि उनके पास वास्तविक विकास के लिए आवश्यक संसाधन नहीं हैं। सीएम शिंदे की घोषणाओं पर प्रतिक्रिया देते हुए राउत ने कहा कि महाराष्ट्र की जनता को यह समझ में आ गया है कि ये घोषणाएं सिर्फ चुनावी गणित का हिस्सा हैं। उन्होंने लाडली बहन योजना और मौलाना आजाद इंस्टीट्यूट से जुड़े निर्णयों का उदाहरण देते हुए कहा कि उनका उद्देश्य केवल वोट बैंक बढ़ाना है। राउत ने मदरसों के शिक्षकों की सैलरी बढ़ाने को लेकर भी सवाल उठाया।
उन्होंने कहा कि अंधभक्तों से मेरा सवाल है क्या यह वोट जिहाद नहीं है? क्या यह वोट के लिए नहीं किया गया है? राउत ने कहा कि उनका पेमेंट बढ़ना चाहिए, लेकिन यह चीज अगर हम लोग करते तो यह कहते हैं कि यह वोट जिहाद है, तो अब मेरा सवाल है, कि इन लोगों ने क्या किया है? हरियाणा के चुनाव में बीजेपी को मिले वोटों को लेकर राउत ने कहा कि बीजेपी को महज 0.6 प्रतिशत वोट ज्यादा मिले, लेकिन फिर भी उन्हें 30 सीटों का फायदा कैसे हुआ, यह गंभीर सवाल है। उन्होंने चुनाव आयोग पर भी सवाल उठाया और कहा कि जनता को यह सोचना चाहिए कि क्या यहां भी गड़बड़ी हो रही है। राउत ने कैबिनेट मीटिंग में अजीत पवार के अचानक उठकर चले जाने पर कहा कि यह सब 40 प्रतिशत कमीशन के झगड़ों का नतीजा है, जिसमें मंत्रालयों में बैठे लोग अपने हिस्से की वसूली के लिए आपस में लड़ रहे हैं। ये जो उनके फंड हैं, जो घोषणाओं की बारिश कर रहे है कि उसको 500 करोड़, इसको 700 करोड़ और किसी को 800 करोड़।
यह सब जो मंत्रालय में बादशाह बैठे है, इनकी 40 प्रतिशत कमीशन के झगड़े हैं। ये लोग जब किसी ठेकेदार को ठेकेदारी देते है तो पहले अपना 40 प्रतिशत कमीशन काट लेते हैं। 40 फीसदी में मुख्यमंत्री, दोनों उपमुख्यमंत्री और बाकी उनके तमाम चेले - चपाटों को पैसा मिलता है। यह 40 प्रतिशत का मामला है, इसलिए इनके झगड़े चल रहे है। राउत ने महाविकास आघाड़ी की सीटों के बंटवारे को लेकर कहा कि उनकी सभी चर्चाएं पूरी हो चुकी हैं।वे जल्द ही 210 विधानसभा सीटों की लिस्ट जारी करेंगे, जिसका कोई विशेष मुहूर्त नहीं होता। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव की तैयारी पूरी हो चुकी है और महायुति में सब कुछ गड़बड़ है। राउत ने यह भी कहा कि दशहरा रैली परंपरा के अनुसार होगी और उद्धव ठाकरे देश और महाराष्ट्र को संबोधित करेंगे। --(आईएएनएस)
ग्रेटर नोएडा, 11 अक्टूबर । ग्रेटर नोएडा में बीते दिनों टेस्ट ड्राइव के दौरान कार लूट कर ले जाने वाले तीन बदमाशों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इनको पकड़ने के लिए पुलिस ने 100 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरा को खंगाला है। उसके बाद इन्हें गिरफ्तार किया गया है। बताया जा रहा है कि तीनों छात्र हैं और मौज मस्ती के लिए टेस्ट ड्राइव के बहाने कार को लूट ले गए थे। थाना नॉलेज पार्क पुलिस ने इन तीनों को गिरफ्तार कर इनके कब्जे से लूटी गई हुंडई कार बरामद की है।
पुलिस ने बताया है कि 11 अक्टूबर को थाना नॉलेज पार्क पुलिस ने लोकल इंटेलिजेंस व गोपनीय सूचना की सहायता से चेकिंग के दौरान गाड़ी का ट्रॉयल लेने के बहाने कार लूट करने वाले 3 आरोपियों श्रेय नागर, दीपांशु भाटी और अनिकेत नागर को थाना नॉलेज पार्क क्षेत्र से गिरफ्तार किया है। अभियुक्तों के कब्जे से लूटी गयी कार हुंडई वेन्यू बरामद की गई है। पुलिस ने बताया है कि बीते 26 सितंबर को थाना नॉलेज पार्क क्षेत्र के अंतर्गत 3 व्यक्ति टेडी बिल्डिंग स्थित कार बाजार में हुंडई कार का ट्रायल के बहाने कार को लेकर भाग गये थे। जांच के दौरान 100 से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज को खंगाला गया है। जिसकी मदद से इन आरोपियों को पकड़ा जा सका है।
आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि यह तीनों अलग-अलग कॉलेज में पढ़ते हैं और दोस्त हैं। इन्होंने गाड़ी को इसलिए लूटा था ताकि ये उससे घूम फिर सकें और मौज मस्ती कर सकें। जिस समय इन्होंने यह कार लूटी थी उस समय इन्होंने कार बाजार के मालिक को बाहर धक्का देकर गिरा दिया था और कार लेकर फरार हो गए थे। -(आईएएनएस)
नोएडा, 11 अक्टूबर । नोएडा के अलग-अलग इलाकों में गरीबी रेखा के नीचे रहने वाली महिलाओं के लिए एक स्वास्थ्य अभियान चलाया गया। इस अभियान के तहत मलिन बस्तियों, सरकारी स्कूलों, गांव और झुग्गी झोपड़ी में महिलाओं की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को शिविरों में मौजूद महिला डॉक्टरों ने सुना और उनका समाधान किया। साथ ही साथ इन महिलाओं को अच्छे स्वास्थ्य के प्रति सचेत और जागरूक किया गया।
इस शिविर का समापन शुक्रवार को राम नवमी के दिन हुआ है। इस नवरात्रि कई मंदिरों में देवी दुर्गा की भव्य आराधना हुई, वहीं शीविंग्स फाउंडेशन और भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) ने पूजा का एक अनूठा तरीका अपनाया। गौतमबुद्ध नगर में 11 हजार से अधिक गरीबी रेखा से नीचे रहने वाली महिलाओं को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिला। इन शिविरों में विभिन्न स्थानों पर लगभग 11,300 महिलाएं लाभान्वित हुईं। इन स्वास्थ्य शिविरों को सदरपुर, नोएडा कन्या इंटर कॉलेज भंगेल, भंगेल गांव, सलारपुर गांव, सेक्टर 10 स्लम, आर्ष कन्या गुरुकुल सोरखा गांव, सेंचुरी अपार्टमेंट, सेक्टर 100 नोएडा, रजापुर ब्लॉक, जिला गाजियाबाद, चेतराम शर्मा इंटर कॉलेज, आगापुर के पास की झुग्गियां, फिल्म सिटी नाले के पास की झुग्गियां, सूरजपुर, मामूरा गांव और सेक्टर 12 नोएडा सरकारी जूनियर हाई स्कूल और गेझा में लगाया गया था। इन शिविरों को लगाने का उद्देश्य यह था कि जिन जगहों पर महिलाएं अपनी परेशानी और अपनी समस्या खुलकर किसी को नहीं बता पाती, वह महिला डॉक्टर के सामने अपनी समस्या का समाधान पा सकती है। इसके साथ ही बड़े अस्पताल में जाने से भी यह महिलाएं कतराती हैं।
इन शिविरों के जरिए न केवल जागरूकता फैलाई गई बल्कि गरीबी रेखा से नीचे रहने वाली महिलाओं को सस्ती और सुलभ चिकित्सा सेवाएं भी प्रदान की गई। इन शिविरों में मौजूद महिला रोग विशेषज्ञ डॉक्टर दीपा गुप्ता ने महिलाओं की सेहत से संबंधित जांच की और बहुत सारी भ्रांतियों को भी दूर भी किया। वहीं डॉ. ख़ुशबू जैन ने बताया कि मरीजों की देखभाल के दौरान धैर्य और समझ की जरूरत होती है, खासकर जब स्थिति तनावपूर्ण हो। हमारी टीम ने इसी समझ के साथ काम किया। इस कैंप में शामिल डॉ. नारवीर और डॉ. मनीषा शर्मा ने घरेलू महिलाओं पर पड़ने वाले मानसिक और शारीरिक दबाव की ओर ध्यान दिलाया है। उनका कहना था, "महिलाओं का स्वास्थ्य उनके परिवार के स्वास्थ्य से जुड़ा है। अगर महिलाएं स्वस्थ नहीं रहेंगी, तो उनके परिवार का स्वास्थ्य भी प्रभावित होगा।"
इस शिविर में प्रारंभिक चरण में बीमारियों का निदान, निःशुल्क परामर्श और सरकारी कार्यक्रमों के माध्यम से सस्ती सेवाओं का मार्गदर्शन किया गया। इसके साथ ही गर्भावस्था की जटिलताओं, पीसीओएस/पीसीओडी और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का निदान और समाधान भी किया गया। इस मौके पर शीविंग्स फाउंडेशन के संस्थापक, मदन मोहित भारद्वाज ने बीपीसीएल का आभार व्यक्त करते हुए कहा, "हमारे साथ जुड़ी प्रसिद्ध समाजसेवी पूनम यादव और विभा रावत ने हजारों महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया है। हम इस प्रयास के जरिए ‘स्वस्थ परिवार, खुशहाल देश’ की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं।" (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 11 अक्टूबर । अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में भी दिल्ली के 'फ्री की रेवड़ी' वाले मॉडल ने एंट्री मार ली है। ऐसा दावा आम आदमी पार्टी (आप) का करना है। यहां तक कि पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल की तारीफ के पुल बांधने में जुटे हैं। दरअसल, दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का एक वीडियो शेयर किया है। दोनों नेताओं ने ट्रंप के बिजली वाले ऐलान पर अपनी प्रतिक्रिया दी। इसके साथ ही ट्रंप के 'फ्री बिजली बिल' के बयान से 'आप' गदगद नजर आई और अपनी तारीफ के पुल बांध रही है।
एक तरफ जहां दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अमेरिका में मुफ्त की रेवड़ी पहुंचेगी। वहीं, आप नेता राघव चड्ढा ने कहा केजरीवाल का शासन का मॉडल सस्ती बिजली, मुफ्त पानी, गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा और मुफ्त विश्व स्तरीय शिक्षा, सही मायने में 'कल्याणवाद' का एक शानदार उदाहरण है। आप के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ट्रंप का वीडियो शेयर किया है, जिसमें अमेरिका में रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति उम्मीदवार ट्रंप ने मिशिगन में एक चुनावी कैंपेन में कहा कि मैं 12 महीनों के भीतर बिजली की कीमत आधी कर दूंगा। हम अपने पर्यावरण संबंधी अनुमोदनों में तेजी से गंभीरता लाएंगे और अपनी बिजली क्षमता को जल्दी से दोगुना कर देंगे। इससे मुद्रास्फीति कम होगी और अमेरिका और मिशिगन फैक्ट्री बनाने के लिए धरती पर सबसे अच्छी जगह बनेंगे। बता दें कि अमेरिका में नवंबर में राष्ट्रपति चुनाव होने वाले हैं। भारत की ही तरह अमेरिका में चुनावी अभियान में नागरिकों से कई लोकलुभावन वादे किए जा रहे हैं।
इसी वीडियो को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर करते हुए केजरीवाल ने लिखा, ''ट्रंप ने घोषणा की है कि वे बिजली की दरें आधी कर देंगे। अमेरिका में मुफ्त की रेवड़ी पहुंचेगी...'' डोनाल्ड ट्रंप का वीडियो आप सांसद राघव चड्ढा ने भी एक्स पर शेयर किया। उन्होंने लिखा, ''ट्रंप ने बिजली बिलों पर 50 प्रतिशत छूट देने की बात कही है। इससे पता चलता है कि अरविंद केजरीवाल ने कैसे विश्व स्तर पर शासन के लिए मानक स्थापित किए हैं। उनका शासन का मॉडल सस्ती बिजली, मुफ्त पानी, गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा और मुफ़्त विश्व स्तरीय शिक्षा, सही मायने में 'कल्याणवाद' का एक शानदार उदाहरण हैं। दुनिया का ध्यान इस पर है।'' --(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 11 अक्टूबर । भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज ने दिल्ली की खराब आर्थिक हालत के लिए आप सरकार और नेताओं पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया है कि दिल्ली की अर्थव्यवस्था के विध्वंस के लिए आम आदमी पार्टी की सरकार , पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल और वर्तमान मुख्यमंत्री आतिशी पूरी तरह जिम्मेदार है। उन्होंने इस पूरे मामले की कैग से जांच करवाने की भी मांग की है। भाजपा राष्ट्रीय मुख्यालय में मीडिया को संबोधित करते हुए बांसुरी स्वराज ने कहा कि दिल्ली फाइनेंस डिपार्टमेंट की जो रिपोर्ट आई है, उससे यह स्पष्ट हो गया है कि दिल्ली की अर्थव्यवस्था के विध्वंस के लिए अरविंद केजरीवाल, आम आदमी पार्टी की सरकार और मुख्यमंत्री आतिशी पूरी तरह जिम्मेदार हैं।
उन्होंने कहा कि आतिशी दिल्ली की मुख्यमंत्री होने के साथ ही वित्त मंत्री भी हैं। भाजपा सांसद ने आगे कहा कि ये बहुत ही अचंभे की बात है कि 31 साल में पहली बार दिल्ली का बजट घाटे में है और यह घाटा भी छोटा-मोटा नहीं है बल्कि दिल्ली 7 हजार करोड़ रुपए के घाटे में है।इसका अर्थ यह हुआ कि दिल्ली में खर्च, दिल्ली की आय से ज्यादा हो रहा है। ये घाटा जानबूझकर किया गया है। बजट पेश करते समय आतिशी ने यह दावा किया था कि दिल्ली के पास सरप्लस यानी फालतू पैसा है लेकिन आवश्यक कार्यों से जुड़े जरूरी खर्चों का बजट में प्रावधान ही नहीं किया गया क्योंकि आप सरकार झूठ बोलकर यह भ्रम फैलाना चाहती थी कि दिल्ली सरकार के पास सरप्लस पैसा है। बांसुरी स्वराज ने मांग की कि इस पूरे मामले की कैग से ऑडिट और जांच करवा कर कड़ी कार्रवाई की जाए।
उन्होंने आरोप लगाया कि आतिशी, केजरीवाल और आम आदमी पार्टी की सरकार को पता था कि दिल्ली के पास पैसे की किल्लत है। इसलिए अचानक उन्होंने एक पन्ने का आर्डर निकाला और 10 हजार बस मार्शल को बड़ी क्रूरता और निर्ममता से नौकरी से निकाल दिया, यहां तक कि उनकी 6 महीने की सैलरी भी उन्हें नहीं दी। उन्होंने कहा कि आप सरकार ने वोकेशनल शिक्षकों के साथ भी यही किया था लेकिन उपराज्यपाल के हस्तक्षेप के कारण उनकी नौकरी बच गई। आरआरटीएस मामले में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट तक ने आप सरकार को लताड़ लगाई थी। हाल ही में सबने देखा कि बारिश के समय दिल्ली की हालत कितनी खराब हो गई थी, जलभराव के कारण दिल्ली में मौत तक हो गई और यह जलभराव इसलिए हुआ था क्योंकि समय पर नाले की सफाई नहीं की गई थी। अब यह स्पष्ट हो गया है कि इसकी सफाई के लिए बजट में फंड का प्रावधान ही नहीं किया था। उन्होंने आरोप लगाया कि आप सरकार केवल प्रचार, प्रसार और भ्रष्टाचार में लिप्त है। यह एक ऐसी बेपरवाह सरकार है जिसके लापरवाह मुखिया केवल सत्ता की फिक्र करते हैं, दिल्लीवासियों की फिक्र नहीं करते हैं।
दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज द्वारा लगाए गए आरोपों के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि दिल्ली के पास फंड नहीं है और पहले से चल रहे प्रोजेक्ट्स और जरूरी सुविधाओं के लिए बजट में प्रावधान करना दिल्ली सरकार की ड्यूटी थी। उन्होंने भारद्वाज के आरोप पर पलटवार करते हुए यह भी कहा कि भाजपा शासित ऐसा कोई भी राज्य नहीं है जहां बजट के कारण जरूरी चीजों पर कोई असर पड़ रहा हो। लेकिन दिल्ली की हालत देखिए, यहां की कॉलोनियों में सोसायटियों के आगे कूड़े के ढ़ेर पड़े हुए हैं क्योंकि एमसीडी के पास कर्मचारियों को वेतन देने के लिए पैसे नहीं है और इसके लिए पूरी तरह अरविंद केजरीवाल और आप सरकार जिम्मेदार है। दिल्ली के सीएम के बंगले को लेकर आप द्वारा लगाए गए आरोपों के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए भाजपा सांसद ने कहा कि कोई भी सरकारी बंगला , किसी व्यक्ति विशेष की नहीं बल्कि सरकार की संपत्ति होती है।
उसे खाली करने और आवंटित करने की प्रक्रिया होती है और जब इसका पालन नहीं किया जाता है तो यह स्वाभाविक सी बात है कि वहां पर कार्रवाई की आवश्यकता होती है। नेता विपक्ष के पद के रोटेशन को लेकर आ रही खबरों पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने भी यह सुना है। अगर विपक्ष को यह लगता है कि राहुल गांधी नेता विपक्ष का पद नहीं संभाल पा रहे हैं और उन्हें इस तरह से बदलाव लाना चाहिए तो यह उनका अंदरूनी मामला है। कर्नाटक सरकार द्वारा हुबली में पुलिस स्टेशन और पुलिकर्मियों पर हमले के आरोपियों से मामले वापस लेने के फैसले की कड़ी आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि यह फैसला पूरी तरह से तुष्टिकरण की राजनीति से प्रेरित है। राज्य के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने स्वयं इस मामले में पत्र लिखा है। जब सरकार रक्षकों की ही रक्षा नहीं कर सकती है तो लोकतंत्र की रक्षा कैसे करेगी। --(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 11 अक्टूबर । बांग्लादेश के श्री श्री जेशोरेश्वरी मंदिर में देवी काली का सोने का मुकुट चोरी हो गया। यह मुकुट, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से उपहार में दिया गया था। गुरुवार दोपहर करीब तीन बजे इस घटना का पता चला। ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक मंदिर के सीसीटीवी फुटेज में एक युवक दोपहर 2:49 बजे मंदिर में प्रवेश करता हुआ दिखाई दे रहा है। वह मूर्ति के पीछे खड़ा होता है और कुछ ही पलों में मुकुट को अपनी टी-शर्ट के नीचे छिपा लेता है। जींस और सफेद टी-शर्ट पहने हुए इस व्यक्ति ने मुकुट लेने से पहले इधर-उधर देखा, हालांकि इस दौरान वह शांत और संयमित नजर आया।
रिपोर्ट के मुताबिक मंदिर के पुजारी दिलीप बनर्जी ने बताया कि वह मंदिर को बंद कर दोपहर 2 बजे के बाद घर चले गए थे। दोपहर करीब 2:30 बजे मंदिर की देखभाल की जिम्मेदारी संभाल रही रेखा रानी ने पूजा के लिए इस्तेमाल की जाने वाली थालियां और गिलास को साफ करने के लिए, प्रवेश द्वार का ताला खोला। कुछ सामान पास के भवन में रखने के बाद जब वह बाकी सामान लाने के लिए मंदिर लौटी तो देखा कि मूर्ति के सिर से मुकुट गायब था। उसने तुरंत सभी को घटना की जानकारी दी। ढाका ट्रिब्यून के मुताबिक श्यामनगर थाना प्रभारी (जांच) फकीर तैजुर रहमान ने बताया कि जानकारी मिलने पर पुलिस अधीक्षक और अन्य वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे।
उन्होंने यह जानकारी दी कि सेना के अधिकारी भी घटनास्थल पर पहुंचे और जांच शुरू कर दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 फरवरी, 2021 को मंदिर की अपनी यात्रा के दौरान मुकुट उपहार के रूप में दिया था। बांग्लादेश में भारतीय उच्चायोग ने भी इस घटना पर अपनी प्रतिक्रिया दी। अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर उच्चायोग ने कहा, 'हमने 2021 में पीएम मोदी की ओर से जेशोरेश्वरी काली मंदिर (सतखिरा) को भेंट किए गए मुकुट की चोरी की रिपोर्ट्स देखीं। इस घटना पर हम गहरी चिंता व्यक्त करते हैं और बांग्लादेश सरकार से चोरी की जांच करने, मुकुट को बरामद करने और अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह करते हैं।' -(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 11 अक्टूबर । बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने शुक्रवार को गठबंधन को लेकर बड़ा निर्णय लिया। बसपा प्रमुख ने सोशल मीडिया पर इस बात के संकेत दिए हैं कि उनकी पार्टी अब भविष्य किसी दल के साथ गठबंधन नहीं करेंगी। उन्होंने कहा कि हरियाणा विधानसभा के चुनाव परिणाम और इससे पहले पंजाब चुनाव के कड़वे अनुभव के मद्देनजर क्षेत्रीय पार्टियों से भी अब आगे गठबंधन नहीं होगा। जबकि, एनडीए और इंडिया गठबंधन से दूरी पहले की तरह ही जारी रहेगी। मायावती ने सोशल मीडिया पर एक के बाद एक कई पोस्ट कर इसकी जानकारी दी।
बसपा चीफ मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ''यूपी सहित दूसरे राज्यों के चुनाव में भी बीएसपी का वोट गठबंधन की पार्टी को ट्रांसफर हो जाने, किंतु उनका वोट बीएसपी को ट्रांसफर कराने की क्षमता उनमें नहीं होने के कारण अपेक्षित चुनाव परिणाम नहीं मिलने से पार्टी कैडर को निराशा और उससे होने वाले मूवमेंट की हानि को बचाना जरूरी है। इसी संदर्भ में हरियाणा विधानसभा के चुनाव परिणाम और इससे पहले पंजाब चुनाव के कड़वे अनुभव के मद्देनजर आज हरियाणा और पंजाब की समीक्षा बैठक में क्षेत्रीय पार्टियों से भी अब आगे गठबंधन नहीं करने का निर्णय लिया गया है, जबकि भाजपा/एनडीए और कांग्रेस/इंडिया गठबंधन से दूरी पहले की तरह ही जारी रहेगी।" एक अन्य पोस्ट में उन्होंने लिखा, ''देश की एकमात्र प्रतिष्ठित अम्बेडकरवादी पार्टी बीएसपी और उसके आत्म-सम्मान एवं स्वाभिमान मूवमेंट के कारवां को हर प्रकार से कमजोर करने की चौतरफा जातिवादी कोशिशें लगातार जारी हैं, जिस क्रम में अपना उद्धार स्वयं करने योग्य व शासक वर्ग बनने की प्रक्रिया पहले की तरह ही जारी रखनी जरूरी।''
आखिर में मायावती ने लिखा, ''बीएसपी विभिन्न पार्टियों/संगठनों व उनके स्वार्थी नेताओं को जोड़ने के लिए नहीं, बल्कि ’बहुजन समाज’ के विभिन्न अंगों को आपसी भाईचारा और सहयोग के बल पर संगठित होकर राजनीतिक शक्ति बनाने और उनको शासक वर्ग बनाने का आंदोलन है, जिसे अब इधर-उधर में ध्यान भटकाना अति-हानिकारक।'' बता दें कि हरियाणा विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने इंडियन नेशनल लोकदल (आईएनएलडी) के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा था। जहां भाजपा 48, कांग्रेस ने 37 सीटों पर जीत दर्ज की। वहीं, बसपा अपना खाता भी नहीं खोल पाई थी। हालांकि, इनेलो ने बसपा के साथ मिलकर दो सीटों पर जीत हासिल की। बसपा को कुल 1.82 फीसदी वोट हासिल हुए हैं। --(आईएएनएस)
भोपाल 11 अक्टूबर । भारतीय जनता पार्टी का सदस्यता अभियान संगठन पर्व जारी है, पार्टी के नेता और कार्यकर्ता सदस्य बनाने में जुटे हुए हैं। मध्य प्रदेश में पार्टी ने डेढ़ करोड़ सदस्य बनाए जाने का लक्ष्य रखा है। सभी को जिम्मेदारियां सौंपे जाने के साथ ही उनमें यह भी उम्मीद जगा दी है कि जो भी इकाई, नेता इस अभियान में तय लक्ष्य को हासिल करने या उसे पार करने में सफल होगा, उसे तोहफा मिल सकता है। वहीं सुस्ती बरतने वालों पर गाज भी गिर सकती है। भाजपा सदस्यता अभियान का पहला चरण पूरा हो चुका है और इस अवधि में राज्य में एक करोड़ से ज्यादा सदस्य बनाए गए है।
वहीं वर्तमान में दूसरा चरण चल रहा है और यह 15 अक्टूबर को समाप्त होगा। भाजपा राज्य में डेढ़ करोड़ सदस्य बनाने के लक्ष्य को हासिल करने में जुटी हुई है। पिछले सदस्यता अभियान में 96 लाख सदस्य ही बने थे और पार्टी इस बार नया कीर्तिमान बनाने की कोशिश कर रही है। पार्टी ने राज्य में डेढ करोड़ सदस्य बनाने के लिए सांसद, विधायक, महापौर, जिला पंचायत अध्यक्ष से लेकर अन्य निर्वाचित प्रतिनिधियों को लक्ष्य दिया है। वहीं संगठन से जुड़े पदाधिकारी से लेकर कार्यकर्ता तक को ज्यादा से ज्यादा सदस्य बनाने के लिए सक्रिय किया जा रहा है। दूसरे चरण में हर बूथ पर सौ सदस्य बनाने का लक्ष्य दिया गया है। राज्य के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव साफ कह चुके हैं कि जो भी नेता या कार्यकर्ता ज्यादा से ज्यादा सदस्य बनाएंगे, उनकी आने वाले समय में सरकार में हिस्सेदारी हो सकती है।
मुख्यमंत्री के इस बयान ने सदस्यता में जुटे नेताओं में नई उम्मीद भी जगा दी है, इसकी वजह भी है क्योंकि राज्य में विभिन्न समितियों से लेकर निगम-मंडलों में बड़ी संख्या में पद रिक्त हैं, यही कारण है कि निचले स्तर के पदाधिकारी और आम कार्यकर्ता ज्यादा से ज्यादा सदस्य बनाने में जुटे हैं। फिलहाल राज्य संगठन के पास जो रिपोर्ट आई है उसके मुताबिक 29 विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं जो अधिकतम सदस्य बनाने की ओर बढ़ रहे हैं। इन विधानसभा क्षेत्र में इंदौर दो, इंदौर एक ,भोपाल मध्य, आगर, ग्वालियर, उज्जैन दक्षिण, सतना, छिंदवाड़ा, इंदौर चार, सांवेर, राऊ, इंदौर तीन, उज्जैन उत्तर , गुना, देपालपुर, रीवा, मल्हारगढ़ ,भोपाल दक्षिण-पश्चिम, शिवपुरी, जबलपुर कैंट, जबलपुर पश्चिम, इंदौर पांच, अशोक नगर, धार, सीधी, चंदेरी, नर्मदा पुरम, सागर, डॉ अंबेडकर नगर मऊ शामिल है। इसके अलावा 10 विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं जो लक्ष्य की ओर बढ़ रहे है। राज्य में गैर राजनीतिक लोगों को जोड़ने के लिए ‘आईएम बीजेपी फ्यूचर फोर्स‘ के नाम से एक कार्यक्रम चलाया जा रहा है, जिसके जरिए उद्यमियों, बुद्धिजीवियों, प्रोफेशनल्स आदि को पार्टी से जोड़ा जा रहा है।
राज्य में विधानसभा की कुल 230 सीटें हैं जिनमें से भाजपा का 163 पर कब्जा है। भाजपा संगठन के पास अब तक जो रिपोर्ट आई है वह बताती है कि राज्य की 39 विधानसभा सीटें ऐसी हैं जहां सदस्यता के मामले में प्रदर्शन बेहतर है। कई विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं जहां से पार्टी के पास सदस्यता के मामले में अच्छी खबर नहीं आ रही है, लिहाजा इन क्षेत्रों के पदाधिकारी पर गाज भी गिर सकती है। इस बार के सदस्यता अभियान में भाजपा पिछले अभियान से ज्यादा सतर्क है और जिन्हें सदस्य बनाया जा रहा है, उनका पुराना रिकॉर्ड भी खंगाला जा रहा है, ताकि साफ सुथरी छवि के लोग ही भाजपा के सदस्य बनें। पार्टी के मीडिया विभाग के प्रमुख आशीष अग्रवाल ने आईएएनएस को बताया है कि एक करोड़ 25 लाख से ज्यादा सदस्य बनाए जा चुके है और 15 अक्टूबर तक तय लक्ष्य को हासिल कर लिया जाएगा। --(आईएएनएस)
पटना, 11 अक्टूबर । केरल विधानसभा में वन नेशन वन इलेक्शन के खिलाफ प्रस्ताव पास किया गया है। इस पर शुक्रवार को केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह ने आईएएनएस से बातचीत के दौरान कहा, देश के लिए वन नेशन वन इलेक्शन जरूरी है। उन्होंने कहा, मुझे समझ में नहीं आता है कि कांग्रेस के लोगों को वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर पेट में दर्द क्यों हो रहा है। यह होना चाहिए, नहीं होने से विकास रुकता है। साल भर चुनाव होते रहते हैं। देश में अगर साल भर चुनाव ही होते रहेंगे तो विकास कैसे होगा। इसलिए वन नेशन वन इलेक्शन जरूरी है। बंगाल में आरजे कर मामले को लेकर डॉक्टरों द्वारा भूख हड़ताल जारी है।
इस पर केंद्रीय मंत्री ने कहा, बंगाल की सरकार अपराधियों को बचाने का प्रयास कर रही है। सरकार ने अपराधियों के दस्तावेजों को अपने पास रख लिए, जिसे सीबीआई को देना चाहिए था। सारे अपराधियों को सरकार का संरक्षण प्राप्त है। उन्होंने आगे कहा, भूख हड़ताल पर डॉक्टरों की तबियत बिगड़ने लगी है। एक जूनियर डॉक्टर के अनुसार, 9 लोग भूख हड़ताल पर थे। जिसमें एक डॉक्टर की तबियत बिगड़ गई। जिसके बाद उसे आरजी कर अस्पताल में भर्ती कराया गया। भूख हड़ताल पर बैठे डॉक्टरों का कहना है कि बंगाल सरकार में मुख्य सचिव ने मिलने के लिए हमें बुलाया था। मुख्य सचिव की ओर से एक मेल भेजा गया था।
मुख्य सचिव के साथ हम बैठक में बैठे थे। हमें इस बैठक से उम्मीद थी कि जिन मांगों को लेकर भूख हड़ताल कर रहे हैं। वे हमारी मांगों को सुनेंगे और उन्हें संबोधित करेंगे और उन्हें पूरा करेंगे। लेकिन हमने पाया कि वो केवल मौखिक आश्वासन दे रहे थे। उन्होंने हमारी पूरी बात भी नहीं सुनी है। हमें उनकी ओर से सिर्फ अस्पष्ट आश्वासन मिला है। जिसमें कहा गया है कि वह इस पर विचार करेंगे। हमारी मांगों को पूरा किए बगैर वह हमसे कह रहे हैं कि भूख हड़ताल खत्म कर दें। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 11 अक्टूबर । भारतीय जनता पार्टी महासचिव और जम्मू-कश्मीर प्रभारी तरुण चुघ ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर तंज कसा है। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस को हरियाणा और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों में मिली हार बताती है कि जनता को इनके नेता, नीति और नीयत पर विश्वास नहीं है। उन्होंने आईएएनएस से बात की। कहा, “जम्मू-कश्मीर और हरियाणा विधानसभा चुनाव के परिणाम आ चुके हैं।
राहुल गांधी ने हाल ही में एक बैठक बुलाई, जिसमें मल्लिकार्जुन खड़गे ने मामले को गहराई से समझने के लिए समिति के गठन की बात की। कांग्रेस के युवराज की पंद्रहवीं लॉन्चिंग एक बार फिर असफल रही है। जो लोग अपने अहंकार और वंशवाद के चलते पार्टी की नीतियों और विचारधारा को दरकिनार कर चुके हैं, वही आज निर्णय लेने की बात कर रहे हैं। राहुल गांधी की विवेकहीनता का बोझ कांग्रेस और देश दशकों से उठा रहा है।” उन्होंने आगे कहा, “जनता ने स्पष्ट रूप से राहुल गांधी और कांग्रेस की तुष्टिकरण, जातिवाद को बढ़ावा देने वाली सोच, विदेश में भारत को बदनाम करने और टुकड़े-टुकड़े गैंग की राजनीति को नकार दिया है।
कांग्रेस के पास न तो नेता हैं, न नीति, और न ही कोई सच्ची नीयत है।” केरल विधानसभा ने केंद्र सरकार के "एक राष्ट्र-एक चुनाव" प्रस्ताव के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया है, जिसमें सरकार से इस प्रस्ताव को वापस लेने का आग्रह किया गया है। इस प्रस्ताव में इसे असंवैधानिक भी घोषित किया गया है। इस पर तरुण चुघ ने टिप्पणी की। उन्होंने कहा, “चुनावी खर्चे को कम करना जरूरी है, और देश की वित्तीय स्थिरता को आगे बढ़ाना चाहिए। लेकिन कांग्रेस और उसके गठबंधन के सहयोगी हमेशा अच्छे निर्णयों में रुकावट डालते हैं। 'एक राष्ट्र-एक चुनाव' देश की आवश्यकता है, और इस गंभीर विषय पर सदन में चर्चा होनी चाहिए, न कि इस पर राजनीति की जानी चाहिए।"(आईएएनएस)
बेंगलुरू, 11 अक्टूबर । पूर्व भारतीय पुरुष हॉकी टीम के कप्तान सरदार सिंह हॉकी इंडिया लीग की वापसी से बेहद खुश हैं, और उन्हें उम्मीद है कि दो दिन में होने वाली नीलामी काफी रोमांचक होगी। एचआईएल 2024-25 खिलाड़ियों की नीलामी के लिए 1,000 से अधिक खिलाड़ियों ने रजिस्टर किया है, जिसमें पुरुषों की नीलामी 13 और 14 अक्टूबर को होगी जबकि महिलाओं की ऐतिहासिक नीलामी 15 अक्टूबर को होगी। सरदार सिंह ने कहा, "एचआईएल एक अविस्मरणीय अनुभव था; हम लंबे समय तक उच्च प्रदर्शन वाले माहौल में थे, जहां हमने दुनिया के कुछ सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों के साथ और उनके खिलाफ खेला।
इससे खिलाड़ियों के लिए सीखने का माहौल बना और उन्हें विभिन्न संस्कृतियों और मानसिकताओं से परिचित कराया गया। एक प्रभावशाली युवा खिलाड़ी के लिए यह अनुभव उसके करियर के लिए बहुत महत्वपूर्ण होगा।" 2013 में पहले संस्करण में, 38 वर्षीय खिलाड़ी को प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट चुना गया था। उन्होंने लीग के सभी संस्करणों में खेला, जिसमें जेमी ड्वायर, मोरिट्ज़ फर्स्टे और कई अन्य खिलाड़ियों के साथ दिल्ली वेवराइडर्स के लिए शानदार प्रदर्शन किया।
सरदार सिंह भारतीय टीम की कप्तानी करने वाले सबसे युवा खिलाड़ी थे, जब उन्होंने 2008 के सुल्तान अजलान शाह कप में टीम की अगवाई की थी, तब उनकी उम्र 21 साल थी। तब से उन्होंने कप्तान और कोच के तौर पर अनगिनत खिलाड़ियों को तैयार किया है। 2017 में एचआईएल के अपने आखिरी सीजन में सरदार सिंह जेपी पंजाब वॉरियर्स के सह-कप्तान थे और मौजूदा भारतीय पुरुष हॉकी टीम के उप कप्तान हार्दिक सिंह के मेंटॉर थे। अपने आदर्श की नकल करते हुए, हार्दिक एक कमांडिंग मिडफील्डर के रूप में विकसित हुए हैं और उन्होंने दो ओलंपिक कांस्य पदक जीते हैं। --(आईएएनएस)
नोएडा, 11 अक्टूबर । नोएडा में रास्ते के विवाद को लेकर दो पक्षों में जमकर मारपीट हुई है। इसका एक वीडियो भी सामने आया है। जिसके मुताबिक दो लड़कों को कुछ लोग मारते पीटते दिखाई दे रहे हैं। बताया जा रहा है पहले दोनों पक्षों के बीच मारपीट शुरू हुई उसके बाद एक पक्ष मारपीट में भारी पड़ गया। सेक्टर-45 स्थित कांशीराम कॉलोनी में यह विवाद हुआ है। युवकों की पिटाई का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। थाना सेक्टर-39 पुलिस ने संज्ञान लेते हुए एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक कांशीराम कॉलोनी में रास्ते को लेकर विवाद चल रहा है।
दिन पहले दो युवक उस रास्ते से गुजर रहे थे। इसी दौरान दूसरे पक्ष के लोगों ने रास्ते से गुजरने पर विरोध किया। युवकों ने एक महिला से अभद्रता कर दी। इस पर महिला ने अपने परिवार के लोगों को बुला लिया। महिला के परिजनों ने युवकों पर डंडों से हमला कर दिया। इसी बीच एक व्यक्ति ने मोबाइल पर वीडियो भी बना लिया। 28 सेकंड के वीडियो में युवकों को डंडों से पीटा जा रहा है। महिला ने युवक के बाल पकड़ रखे हैं। महिला के पक्ष का युवक उस युवक की टांगों में डंडे मार रहा है। युवक भागने का प्रयास करता है तो महिला उसे दौड़कर पकड़ लेती है। हाथ में डंडा लिए युवक दोबारा मारने लगता है। दोनों युवक कराहते हुए किसी तरह बच निकलते हैं। एसीपी प्रथम प्रवीण कुमार सिंह का कहना है कि वीडियो सामने आने पर पुलिस ने इसका संज्ञान लिया है। जिसके बाद आरोपी युवक को गिरफ्तार कर लिया गया है। आगे की कार्रवाई की जा रही है। --(आईएएनएस)
पटना, 11 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह ने गुरुवार को हिंदुओं से एकजुट होने की अपील की। उन्होंने कहा, “मैं 18 से 22 अक्टूबर तक यात्रा करूंगा। इस यात्रा का नाम ‘हिंदू स्वाभिमान यात्रा’ होगा। इस यात्रा के अंतर्गत, मैं हिंदुओं को जागरूक करूंगा, क्योंकि राहुल गांधी जैसे नेता हिंदुओं को जातियों के नाम पर बांटने की कोशिश करते हैं, जबकि मुसलमानों की जाति नहीं बताते हैं। ये लोग कोशिश करते हैं कि मुसलमानों का एकतरफा वोट अपने हिस्से में ले लें, इसलिए मैं अब हिंदुओं को यही संदेश देना चाहता हूं कि बंटोगे तो कटोगे, हम लोगों ने पाकिस्तान की स्थिति देख ली, बांग्लादेश की स्थिति देख ली। ऐसे अब हम सभी हिंदू भाइयों-बहनों के लिए समय आ चुका है कि हम एकजुट रहें, ताकि इन लोगों से लड़ सकें। अगर हम आपस में ही विभाजित हो जाएंगे, तो इन लोगों से लड़ना मुश्किल हो जाएगा।” उन्होंने कहा, "अगर बंटोगे, तो कटोगे, इसलिए मैं सभी हिंदू भाइयों से यही अपील करता हूं कि वे एकजुट रहें। हमने देख लिया है कि अलग होने का हश्र क्या होता है। लिहाजा हम सभी के लिए यही उचित रहेगा कि हम एकजुट रहें।" उन्होंने कहा, “हम सब जानते हैं कि आजादी के बाद देश के विभाजन के परिणामस्वरूप पाकिस्तान अस्तित्व में आया, जहां हिंदुओं के ऊपर बहुत अत्याचार हुए। वहां हरिजनों को मारा गया। जबरन धर्मांतरण कराया गया।” उन्होंने कहा, “आज बांग्लादेश में हिंदुओं के ऊपर हो रहे अत्याचार को देखकर असहनीय पीड़ा हो रही है। इस बीच, भारत में भी कुछ ऐसे लोग सामने आएं, जिन्होंने यह कहने से कोई गुरेज नहीं किया कि भारत में भी बांग्लादेश जैसी स्थिति पैदा होगी। यह सुनने के बाद मुझे अत्यंत पीड़ा हुई। इसके बाद, मैंने फैसला किया कि मैं हिंदुओं को जगाने का काम करूं।” --आईएएनएस
चंडीगढ़, 11 अक्टूबर (आईएएनएस)। हरियाणा विधानसभा रिजल्ट ने देश और प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस को एक बार फिर सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आखिर चुनाव वाले दिन और उसके बाद सामने आए एग्जिट पोल तक या यूं कहें कि मतगणना के शुरुआती रुझानों तक जहां पार्टी जीत दर्ज करती हुई दिखाई दे रही थी, वहीं नतीजा कुछ और ही निकला। हालांकि कांग्रेस के साथ ऐसा पहली बार नहीं हुआ, इससे पहले भी मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में भी पार्टी के साथ ऐसा ही कुछ हुआ था। हरियाणा चुनाव पर नजदीक से नजर बनाए हुए कई राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पार्टी को इस बार कांग्रेस को टिकट बंटवारे में गड़बड़ी और अति आत्मविश्वास का शिकार होना पड़ा है। अगर कुछ कोर पाइंट की बात करें तो सबसे पहला बिंदु यह है कि जहां कांग्रेस ने आखिरी वक्त पर अपने प्रत्याशियों की सूची जारी की थी। उसमें भी पार्टी का टिकट सही उम्मीदवारों को नहीं मिला। हरियाणा के अंदर दल को गुटबाजी का भी शिकार होना पड़ा। चुनाव से पहले ही हरियाणा में कांग्रेस दो गुटों में बंट गई थी, यहां पर कुमारी शैलजा और भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बीच की व्यक्तिगत महत्वकांक्षा से सभी वाकिफ हैं जिसके कारण कुमारी शैलजा ने अपने प्रचार का सिलसिला काफी देरी से शुरू किया। प्रदेश के अंदर एक माहौल बन गया था कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है तो पार्टी को एक नए विवाद मुख्यमंत्री चुनाव से जूझना पड़ेगा। वहीं, इस मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी ने आदर्श प्रदर्शन किया, यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा। दरअसल, मुख्यमंत्री पद की दावेदारी के लिए भारतीय जनता पार्टी के अंदर भी एक साथ कई स्वर उठ रहे थे, लेकिन व्यक्तिगत महत्वकांक्षा को छोड़कर पार्टी पहले एकजुट होकर चुनाव लड़ना ठीक समझा, जिसका नतीजा आज सबके सामने है। भाजपा ने न सिर्फ लगातार तीसरी बार हरियाणा में विधानसभा चुनाव जीतकर हैट्रिक लगाई, बल्कि अपने वोट सीटों के साथ-साथ वोट प्रतिशत शेयर में भी इजाफा किया। अगर, चुनावी नतीजों को ध्यान से देखे तो हरियाणा में पिछली बार की तुलना में जितने वोट प्रतिशत की वृद्धि हुई है, भाजपा के खाते में भी करीब उतने ही वोट प्रतिशत में बढ़ोतरी देखी गई। दरअसल, पिछली बार 2019 में पार्टी को 36.49 प्रतिशत मत प्राप्त हुए थे और 40 सीटों पर जीत मिली थी और पार्टी को बहुमत के आंकड़े को पार करने के लिए क्षेत्रीय पार्टी जजपा के बैसाखी की मदद लेनी पड़ी थी। वहीं, इस बार भाजपा ने 39.94 प्रतिशत वोटों के साथ 48 सीटों पर जीत दर्ज की है। पार्टी के इस कामयाबी के लिए नायब सिंह सैनी की भी तारीफ करनी होगी कि उन्होंने चुनाव के वक्त पार्टी का सही से नेतृत्व किया और किसी मुद्दे पर पार्टी को घिरने से बचाए रखा। --आईएएनएस
नई दिल्ली, 11 अक्टूबर (आईएएनएस)। नवरात्रि के नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की उपासना की जाती है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मां सिद्धिदात्री की प्रार्थना की। उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट शेयर कर मां सिद्धिदात्री को नमन करते हुए उनके आशीर्वाद की कामना की। प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर मां सिद्धिदात्री की स्तुति करते हुए लिखा, "नवरात्रि में मां सिद्धिदात्री को कोटि-कोटि नमन। उनकी कृपा से सभी उपासकों को लक्ष्य-सिद्धि का आशीर्वाद मिले। मां सिद्धिदात्री की यह स्तुति आप सभी के लिए..." वहीं, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक्स पर लिखा, "सिद्धगन्धर्वयक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि। सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी॥ जगज्जननी मां दुर्गा की नवम स्वरूप, सर्वसिद्धियां प्रदान करने वाली मां सिद्धिदात्री से यही प्रार्थना है कि उनकी कृपा संपूर्ण सृष्टि पर बनी रहे। हर घर धन-धान्य से परिपूर्ण हो। जय मां सिद्धिदात्री!" केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी देवी पर्व की शुभेच्छा एक्स पर दी। लिखा, "महानवमी के पावन पर्व की अनंत शुभकामनाएं। मां सिद्धिदात्री से सभी की उन्नति, समृद्धि और समस्त मनोकामनाओं की सिद्धि की प्रार्थना करता हूं।" मां सिद्धिदात्री देवी दुर्गा के नौ रूपों में से एक हैं, जो विशेष रूप से सिद्धि, सुख, और सफलता की देवी मानी जाती हैं। नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है, और नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। इस दिन भक्तजन मां से अपनी इच्छाओं की पूर्ति और लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करते हैं। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एक्स पर लिखा, "ॐ देवी सिद्धिदात्र्यै नमः॥ समस्त देशवासियों को महानवमी के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं। नवरात्रि के नौवें दिन आज मां सिद्धिदात्री के चरणों में नमन। मां आप सभी के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि प्रदान करें।" भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और लोकसभा सांसद संबित पात्रा ने अपनी आवाज में देवी स्तुति का क्लिप पोस्ट किया। एक्स पर लिखा,"आप सभी को पावन पर्व महानवमी की हार्दिक बधाई बधाई एवं शुभकामनाएं। नवरात्रि के नौवें दिन आज मां सिद्धिदात्री पूजन के साथ ही नौ दिनों का यह महापर्व पूर्ण हो रहा है। सर्वसिद्धियां प्रदान करने वाली माता सबकी मनोकामनाएं पूरी करें, यही प्रार्थना है।" --आईएएनएस
नई दिल्ली, 11 अक्टूबर (आईएएनएस)। राजधानी दिल्ली में मुख्यमंत्री आवास को लेकर भाजपा और आम आदमी पार्टी में तकरार जारी है। कांग्रेस इस बारे में क्या सोचती है? इस सवाल पर कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने सभी को नसीहत दी। इसके साथ ही हरियाणा चुनाव, जम्मू कश्मीर की सियासत पर भी अपनी राय रखी। पवन खेड़ा ने आईएएनएस से कहा, दिल्ली की लोगों की प्राथमिकताएं और उनकी समस्याएं, इन सब विवादों से कहीं हटकर, विकराल और बड़ी है। सभी को वहां अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए। आपस में बंगला-बंगला खेलने से कोई लाभ नहीं होगा। वहीं, हरियाणा चुनाव के बाद हुई मीटिंग में राहुल गांधी नाराज बताए जा रहे हैं, राहुल गांधी ने कहा कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी हित में नहीं बल्कि व्यक्तिगत हित का ध्यान रखा। इस पर पवन खेड़ा ने कहा, पार्टी के भीतर की मीटिंग की बात, मुझे नहीं लगता किसी को चर्चा करनी चाहिए। कम से कम मैं तो चर्चा नहीं करूंगा। केरल विधानसभा में वन नेशन वन इलेक्शन के विरोध में प्रस्ताव पास हुआ है। इस पर पवन खेड़ा ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नए नए नारों से देश का ध्यान भटकाने का प्रयास करते हैं। वन नेशन वन इलेक्शन का कोई औचित्य नहीं है। इस तरह की बाते करना संवैधानिक व्यवस्थाओं के खिलाफ है। उत्तर प्रदेश में जयप्रकाश नारायण की जयंती पर विवाद हो गया है। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव आरोप लगा रहे हैं कि उन्हें योगी सरकार जाने नहीं दे रही है। इस पर जब कांग्रेस नेता पवन खेड़ा से प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने कहा, उत्तर प्रदेश में लोकतंत्र की यह स्थिति है कि कोई अपनी ओर से श्रद्धांजलि अर्पित करने जाए तो उसे रोक दिया जाए। पुलिस द्वारा उनके घर के बाहर घेराबंदी कर दी जाती है। ऐसे प्रतीत हो रहा है कि जैसे उन्हें हाउस अरेस्ट कर दिया है। उमर अब्दुल्ला को चार निर्दलीय विधायकों ने अपना समर्थन दिया है। क्या कांग्रेस सरकार में शामिल होगी। इस पर पवन खेड़ा ने कहा, यह फैसले मीडिया बाइट के दौरान नहीं लिए जाते हैं। निर्णय के लिए प्रक्रिया होती है। आईएएनएस
नोएडा, । नोएडा में रास्ते के विवाद को लेकर दो पक्षों में जमकर मारपीट हुई है। इसका एक वीडियो भी सामने आया है। जिसके मुताबिक दो लड़कों को कुछ लोग मारते पीटते दिखाई दे रहे हैं। बताया जा रहा है पहले दोनों पक्षों के बीच मारपीट शुरू हुई उसके बाद एक पक्ष मारपीट में भारी पड़ गया। सेक्टर-45 स्थित कांशीराम कॉलोनी में यह विवाद हुआ है। युवकों की पिटाई का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। थाना सेक्टर-39 पुलिस ने संज्ञान लेते हुए एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक कांशीराम कॉलोनी में रास्ते को लेकर विवाद चल रहा है। दो दिन पहले दो युवक उस रास्ते से गुजर रहे थे। इसी दौरान दूसरे पक्ष के लोगों ने रास्ते से गुजरने पर विरोध किया। युवकों ने एक महिला से अभद्रता कर दी। इस पर महिला ने अपने परिवार के लोगों को बुला लिया। महिला के परिजनों ने युवकों पर डंडों से हमला कर दिया। इसी बीच एक व्यक्ति ने मोबाइल पर वीडियो भी बना लिया। 28 सेकंड के वीडियो में युवकों को डंडों से पीटा जा रहा है। महिला ने युवक के बाल पकड़ रखे हैं। महिला के पक्ष का युवक उस युवक की टांगों में डंडे मार रहा है। युवक भागने का प्रयास करता है तो महिला उसे दौड़कर पकड़ लेती है। हाथ में डंडा लिए युवक दोबारा मारने लगता है। दोनों युवक कराहते हुए किसी तरह बच निकलते हैं। एसीपी प्रथम प्रवीण कुमार सिंह का कहना है कि वीडियो सामने आने पर पुलिस ने इसका संज्ञान लिया है। जिसके बाद आरोपी युवक को गिरफ्तार कर लिया गया है। आगे की कार्रवाई की जा रही है।
विएंतियान (लाओस), 11 अक्टूबर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विश्व के विभिन्न भागों में जारी संघर्षों का सबसे अधिक नकारात्मक प्रभाव ‘ग्लोबल साउथ’ के देशों पर पड़ने का उल्लेख करते हुए शुक्रवार को यूरेशिया और पश्चिम एशिया में शांति एवं स्थिरता की बहाली का आह्वान किया।
मोदी ने 19वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (ईएएस) को संबोधित करते हुए कहा कि समस्याओं का समाधान युद्ध के मैदान से नहीं निकल सकता।
उन्होंने यह भी कहा कि स्वतंत्र, मुक्त, समावेशी, समृद्ध और नियम-आधारित हिंद-प्रशांत पूरे क्षेत्र में शांति तथा प्रगति के लिए महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि दक्षिण चीन सागर में शांति, सुरक्षा और स्थिरता पूरे हिंद-प्रशांत क्षेत्र के हित में है।
मोदी ने कहा, “हमारा मानना है कि समुद्री गतिविधियां संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून संधि (यूएनसीएलओएस) के तहत संचालित की जानी चाहिए। नौवहन और वायु क्षेत्र की स्वतंत्रता सुनिश्चित करना आवश्यक है। एक मजबूत और प्रभावी आचार संहिता बनाई जानी चाहिए। और इससे क्षेत्रीय देशों की विदेश नीति पर कोई अंकुश नहीं लगना चाहिए।”
उन्होंने कहा, “हमारा दृष्टिकोण विकासवाद का होना चाहिए, न कि विस्तारवाद का।”
विश्व के विभिन्न भागों में चल रहे संघर्षों का सबसे अधिक नकारात्मक प्रभाव ‘ग्लोबल साउथ’ के देशों पर पड़ने का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि चाहे वह यूरेशिया हो या पश्चिम एशिया, हर कोई चाहता है कि यथाशीघ्र शांति और स्थिरता बहाल होनी चाहिए।
उन्होंने कहा, “मैं बुद्ध की धरती से आता हूं और मैंने बार-बार कहा है कि यह युद्ध का युग नहीं है। समस्याओं का समाधान युद्ध के मैदान से नहीं निकल सकता।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का सम्मान करना आवश्यक है। मानवीय दृष्टिकोण रखते हुए बातचीत और कूटनीति को प्राथमिकता देनी होगी।”
उन्होंने कहा कि विश्वबंधु की जिम्मेदारी निभाते हुए भारत इस दिशा में हरसंभव योगदान देता रहेगा।
उनकी यह टिप्पणी यूरेशिया में यूक्रेन और रूस के बीच संघर्ष तथा पश्चिम एशिया में इजराइल-हमास युद्ध के बीच आई है।
मोदी ने कहा, “आतंकवाद वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए भी एक गंभीर चुनौती है। इसका सामना करने के लिए मानवता में विश्वास रखने वाली ताकतों को मिलकर काम करना होगा।”
अपने संबोधन की शुरुआत में उन्होंने “तूफान यागी” से प्रभावित लोगों के प्रति अपनी गहरी संवेदना भी व्यक्त की। यागी एक विनाशकारी उष्णकटिबंधीय चक्रवात था, जिसने इस वर्ष सितंबर में दक्षिण पूर्व एशिया और दक्षिण चीन को प्रभावित किया था।
मोदी ने कहा, “इस कठिन समय में हमने ऑपरेशन सद्भाव के जरिये मानवीय सहायता प्रदान की है।”
उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने हमेशा आसियान (दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठन) की एकता और प्रमुखता का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि आसियान भारत के हिंद-प्रशांत दृष्टिकोण और क्वाड सहयोग के केन्द्र में भी है।
उन्होंने कहा, “भारत की ‘हिंद-प्रशांत महासागर पहल’ और ‘हिंद-प्रशांत पर आसियान के दृष्टिकोण’ के बीच गहरी समानताएं हैं।”
मोदी ने कहा, “हम म्यांमा की स्थिति के प्रति आसियान के दृष्टिकोण का समर्थन करते हैं। हम पांच सूत्री सहमति का भी समर्थन करते हैं। साथ ही, हमारा मानना है कि वहां मानवीय सहायता को बनाए रखना महत्वपूर्ण है।”
उन्होंने वहां लोकतंत्र की बहाली के लिए उचित कदम उठाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “हमारा मानना है कि इसके लिए म्यांमा को शामिल किया जाना चाहिए, अलग-थलग नहीं किया जाना चाहिए।”
उन्होंने कहा कि पड़ोसी देश के रूप में भारत अपनी जिम्मेदारी निभाता रहेगा। मोदी ने कहा कि पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन भारत की ‘एक्ट ईस्ट नीति’ का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। (भाषा)
जयपुर, 11 अक्टूबर राजस्थान के उदयपुर जिले में एक ग्रामीण पर हमला करने वाले तेंदुए को ग्रामीणों ने कथित तौर पर मार डाला।
यह घटना इलाके में 'आदमखोर' तेंदुए के कई हमलों के बीच हुई है और अधिकारियों के अनुसार मामले की जांच की जा रही है।
पुलिस के अनुसार, यह घटना गोगुंदा से करीब 20 किलोमीटर दूर सायरा थाना के कमोल गांव में हुई। तेंदुए के हमले में घायल देवराम (55) को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
यह इलाका उस जगह से करीब 25 किलोमीटर दूर है, जहां पिछले कई दिनों से वन और पुलिस की टीमें 'आदमखोर' तेंदुए की तलाश कर रही थीं।
पुलिस ने बताया कि एक तेंदुए ने देवाराम के घर के बाहर उनके मवेशियों पर हमला किया। मवेशियों की उछलकूद एवं हंगामा सुनकर जब देवाराम बाहर आया तो तेंदुए ने उस पर भी हमला कर दिया, जिससे वह घायल हो गया।
देवाराम ने शोर मचाया। इसके कुछ देर बाद ही कई ग्रामीण इकट्ठा हो गए और उस जगह को घेर लिया, जहां तेंदुआ छिपा हुआ था। जैसे ही ग्रामीणों ने तेंदुए को देखा, उस पर लाठी-डंडों और कुल्हाड़ी जैसी धारदार चीजों से हमला कर दिया। पुलिस ने बताया कि तेंदुए की मौके पर ही मौत हो गई।
पुलिस और वन विभाग की टीम भी मौके पर पहुंची। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि यह वही आदमखोर तेंदुआ है जिसकी कई दिनों से तलाश की जा रही थी, या कोई और। (भाषा)
भारत सरकार ने 450 अरब रुपयों की लागत से देश में परमाणु ऊर्जा से चलने वाली दो नई लड़ाकू पनडुब्बियों के उत्पादन की इजाजत दे दी है. जानकारों का कहना है कि भारत अपनी नौसैनिक क्षमताओं को और बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है.
डॉयचे वैले पर चारु कार्तिकेय की रिपोर्ट-
हिंद महासागर इलाके में चीन की बढ़ती मौजूदगी का सामना करने के लिए भारत अपनी सेना के आधुनिकीकरण की कोशिश में लगा हुआ है. इन कोशिशों के तहत भारत अपनी नौसैनिक क्षमताओं को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है.
देश के रक्षा मंत्रालय के दो अधिकारियों ने रॉयटर्स को बताया कि बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इन दो परमाणु पनडुब्बियों के उत्पादन के प्रस्ताव को हरी झंडी दिखा दी. भारतीय नौसेना नए किस्म की छह पनडुब्बियां बनाना चाहती है, जिनमें से यह पहली दो होंगी.
10-12 साल में तैयार होंगी पनडुब्बियां
इन दोनों अधिकारियों ने अपना नाम ना बताने की शर्त रखी. उन्होंने यह भी नहीं बताया कि दोनों पनडुब्बियों के कब तक बनकर तैयार हो जाने की उम्मीद है. नई पनडुब्बियां विशाखापत्तनम में स्थित जहाज बनाने के सरकारी केंद्र में बनेंगी. एक अधिकारी ने यह बताया कि निर्माण कंपनी लार्सन एंड टूब्रो भी इस परियोजना में शामिल हो सकती है.
टाइम्स ऑफ इंडिया अखबार के मुताबिक इन दोनों पनडुब्बियों को बनाने की परियोजना का नाम 'प्रोजेक्ट 77' है. ये पनडुब्बियां पारंपरिक मिसाइलों, टॉरपीडो और अन्य हथियारों से लैस होंगी.
अखबार का दावा है कि इनमें से पहली पनडुब्बी को तैयार होने में 10-12 साल लग सकते हैं. दोनों पनडुब्बियां करीब 95 प्रतिशत भारत निर्मित होंगी. डिजाइन कंसल्टेंसी के लिए विदेशी मदद ली जाएगी.
ये पनडुब्बियां उन अरिहंत परमाणु पनडुब्बियों से अलग होंगी, जो अभी भारत में बन रही हैं. परमाणु हथियार लॉन्च करने की क्षमता रखने वाली अरिहंत पनडुब्बियों में से एक बन चुकी है और दूसरी को इसी साल अगस्त में कमीशन किया गया था.
अपनी परमाणु पनडुब्बियां बनाने से पहले भारत ने रूस से दो पनडुब्बियां लीज पर ली थीं और फिर वापस दे दी थीं. हालांकि इस समय देश एक और पनडुब्बी लीज पर लेने के लिए रूस से बातचीत कर रहा है.
परमाणु पनडुब्बियां डीजल से चलने वाली पारंपरिक पनडुब्बियों के मुकाबले ज्यादा शांत होती हैं और ज्यादा समय तक पानी के नीचे रह सकती हैं. इस वजह से उनका पता लगाना भी ज्यादा मुश्किल होता है. इन्हें दुनिया के सबसे ताकतवर नौसैनिक हथियारों में से एक माना जाता है.
इस समय सिर्फ मुट्ठी भर देश इन्हें बनाते हैं. इनमें चीन, फ्रांस, रूस और अमेरिका शामिल हैं. चीन को इस समय दुनिया की सबसे बड़ी नौसैनिक शक्ति माना जाता है. उसके पास 370 से ज्यादा जहाज हैं.
साथ ही प्रिडेटर ड्रोन भी खरीदेगा भारत
टाइम्स ऑफ इंडिया का कहना है कि इन पनडुब्बियों के साथ साथ केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अमेरिका से 31 विशेष ड्रोन खरीदने की भी इजाजत दे दी. इन्हें एमक्यू-नाइनबी प्रिडेटर ड्रोन कहा जाता है. इनमें से 15 नौसेना के लिए, आठ थल सेना के लिए और आठ वायु सेना के लिए खरीदे जाएंगे.
उम्मीद की जा रही है कि इस संधि पर जल्द ही हस्ताक्षर कर लिए जाएंगे. पहला ड्रोन तीन सालों में मिल जाने की उम्मीद है. यह ड्रोन 40,000 फुट की ऊंचाई पर करीब 40 घंटों तक उड़ते रह सकते हैं और ये हेलफायर मिसाइलों, बम आदि जैसे हथियारों से लैस होते हैं. (dw.com)
"कुदरत गुम होती जा रही है और इसके नतीजे हम सबके लिए गंभीर होंगे," इस चेतावनी के साथ ताजा 'लिविंग प्लेनेट इंडेक्स' जारी किया गया है. इसने वन्यजीवन और जैव विविधता को हुए नुकसान की जो तस्वीर दिखाई है, वो बहुत गंभीर है.
डॉयचे वैले पर स्वाति मिश्रा की रिपोर्ट-
पिछली आधी सदी में (1970-2020) के बीच वन्यजीव आबादी का औसत आकार 73 फीसदी तक घट गया है. यह आंकड़ा उस वाइल्डलाइफ का है, जिसकी हम निगरानी कर पा रहे हैं.
इनमें उभयचर (पानी और जमीन, दोनों पर रहने वाले) जीव, पक्षी, मछली, स्तनधारी और सरीसृप (रेंगने वाले) जीवों की 5,495 प्रजातियां हैं. सबसे ज्यादा कमी ताजे पानी में रहने वाले जीवों में हुई है. जमीनी जल स्रोतों में यह गिरावट 69 प्रतिशत है और समुद्री जीवन में 56 प्रतिशत.
दुनिया के किस हिस्से पर सबसे ज्यादा असर?
यह जानकारी ताजा 'लिविंग प्लेनेट इंडेक्स' (एलपीआई) से मिली है. यह इंडेक्स 'वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फाउंडेशन' (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) और जूलॉजिकल सोसायटी ऑफ लंदन (जेडएसएल) ने जारी किया है. यह इंडेक्स एक 'अर्ली वॉर्निंग सिस्टम' जैसा है, जो जीवों के विलुप्त होने के जोखिम पर सचेत करता है. साथ ही, यह हमारे कुदरती परिवेशों और ईकोसिस्टम की सेहत का भी बैरोमीटर है.
यूं तो समूची दुनिया ही वन्यजीवन की कमी से प्रभावित है, लेकिन कुछ हिस्सों पर बाकियों से ज्यादा गाढ़ा असर देखा गया है. लैटिन अमेरिका और कैरेबियन (कैरेबियन सागर और इसके द्वीप) में सबसे ज्यादा 95 फीसदी तक की गिरावट आई है. अफ्रीका में यह कमी 76 फीसदी, एशिया और प्रशांत क्षेत्र में 60 प्रतिशत है. यूरोप और मध्य एशिया (35 फीसदी) व उत्तरी अमेरिका (39 प्रतिशत) में स्थितियां अपेक्षाकृत बेहतर हैं.
कुदरती परिवेशों में आई गिरावट और उनका लुप्त होना, प्रकृति को हो रहे व्यापक नुकसान में सबसे ज्यादा चिंताजनक पक्ष है. रिपोर्ट में हमारी खाद्य व्यवस्था को इसका प्रमुख कारण माना गया है. इसके बाद प्राकृतिक संसाधनों और क्षेत्रों को बेतहाशा निचोड़ना, घुसपैठिया प्रजातियां और बीमारियां नेचर लॉस के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार पाए गए.
जलवायु परिवर्तन भी एक बड़ा जोखिम है और लैटिन अमेरिका व कैरेबियन सबसे ज्यादा संवेदनशील इलाकों में हैं. वहीं उत्तरी अमेरिका, एशिया व प्रशांत इलाकों के लिए प्रदूषण बड़ा खतरा है. रिपोर्ट ने एकबार फिर पुष्टि की है कि वन्यजीवन में आ रही कमी का बड़ा कारण इंसान और इंसानी गतिविधियां हैं.
क्या इंसान जैव विविधता का हिस्सा है?
जब हम जैव विविधता की बात करते हैं, तो ये ऐसा नहीं है कि आप भारत के एक शहर में बैठकर तंजानिया के किसी गांव का हाल सुन रहे हों. ना हम प्रकृति से अलग हैं, ना ईको सिस्टम से. मानव और मानव संस्कृति जैव विविधता का हिस्सा है. जिन जीवों को "बचाने" में हमारी अपेक्षाकृत ज्यादा दिलचस्पी है, जैसे कि बाघ, और जिन जीवों का शायद हमने कभी नाम भी नहीं सुना हो, वे सभी यानी "आम से लेकर खास" जैव विविधता का हिस्सा हैं. आंखों को नजर आने वाले जीवों से लेकर सूक्ष्म से सूक्ष्मतर जीव, पेड़-पौधे, फंगी... अपने तमाम रूपों में फैले विविध जीवन का विस्तार बायो डायवर्सिटी है.
अगर किसी भी जीव की आबादी अपनी स्वाभाविक मौजूदगी की तुलना में काफी गिर जाएगी, तो खाद्य शृंखला में उसकी तय भूमिका पर असर पड़ेगा. वह प्रजाति अपने प्राकृतिक दायित्व पूरे नहीं कर पाएगी, या फिर उसका योगदान घट जाएगा. पारिस्थितिकीय गुणवत्ता को मापने के लिए कई 'इंडिकेटर प्रजातियां' हैं. जैसे कि गौरैया, मेढक, तितली, मधुमक्खी, उल्लू, कोरल रीफ (मूंगे की चट्टानें). इनकी मौजूदगी और सेहत के हाल से विशेषज्ञ यह पता करते हैं कि ईकोसिस्टम की सेहत कैसी है. प्रजातियों का गायब होना, या संख्या में घट जाना बताता है कि चीजें ठीक नहीं हैं.
क्या हैं टिपिंग पॉइंट?
रिपोर्ट में चेताया गया है कि एलपीआई समेत कई अन्य इंडिकेटर बताते हैं कि प्रकृति बहुत चिंताजनक तेजी से गायब हो रही है. कुछ बदलाव छोटे या धीमे हो सकते हैं, लेकिन साथ मिलकर ये सभी एक तेज रफ्तार और विस्तृत असर पैदा करेंगे. रिपोर्ट में कहा गया है, "अगर मौजूदा रुझानों को यूं ही जारी रहने दिया गया, तो प्राकृतिक संसार में कई टिपिंग पॉइंट आने की आशंका बहुत ज्यादा है. संभावित तौर पर इसके नतीजे विनाशकारी होंगे."
जलवायु के संदर्भ में टिपिंग पॉइंट्स से तात्पर्य स्थितियों का उस बिंदु तक पहुंच जाना है, जिसके परे प्राकृतिक व्यवस्था में कोई बदलाव अप्रत्याशित, स्थायी और खतरनाक नतीजे पैदा कर सकता है. एलपीआई में ऐसे कुछ टिपिंग पॉइंट रेखांकित किए गए हैं. जैसे कि, बड़ी तादाद में कोरल खत्म होना. इससे मछलियां नष्ट होंगी. भोजन और रोजगार के लिए मछलियों पर निर्भर करोड़ों लोग प्रभावित हैं. खाद्य सुरक्षा और पोषण पर गंभीर असर पड़ेगा.
मूंगे की चट्टानें एक कुदरती दीवार या अवरोधक हैं, जो समुद्री लहरों की तीव्रता (वेव एनर्जी) को 97 फीसदी तक घटाते हैं. इस तरह वे तटों और तटीय इलाकों को मारक लहरों, तूफानों और बाढ़ जैसे खतरों से बचाती हैं. साल 2018 में नेचर पत्रिका में छपे एक शोध के मुताबिक, कोरल रीफ्स का यह योगदान सालाना चार बिलियन डॉलर से ज्यादा की बचत करता है.
एक और बड़ा टिपिंग पॉइंट है, पृथ्वी के जमे हुए हिस्सों का पिघलना. ग्रीनलैंड और पश्चिमी अंटार्कटिक की बर्फीली परतों के पिघलने से समुद्र का स्तर कई मीटर बढ़ जाएगा. बड़े स्तर पर पर्माफ्रॉस्ट के पिघलने से वातावारण में कार्बन और मीथेन का विशालकाय उत्सर्जन होगा. एलपीआई ने चेताया है कि सस्टेनेबल भविष्य की दिशा में तय किए गए संवेदनशील लक्ष्य हासिल करने से बहुत दूर हैं.
कुछ जीव हैं केस स्टडी
रिपोर्ट में कुछ जीवों का खास जिक्र है. ये उदाहरण वन्यजीव जनसंख्या में हो रहे बदलावों को और स्पष्टता से समझने में मदद करते हैं. मसलन, चिनस्ट्रैप पेंगुइन. 1980 से 2019 के बीच अंटार्कटिक की करीब 94 कॉलोनियों में इस जीव की आबादी 61 फीसदी तक कम हुई है.
इसका संबंध समुद्र की बर्फ में हो रहे बदलाव और जलवायु परिवर्तन के कारण पेंगुइनों के लिए खाने की कमी से है. उनका ज्यादा समय खाने की तलाश में बीत रहा है, जिससे प्रजनन घटने की आशंका है. इसी तरह अमेरिका की सैकरेमैंटो नदी में चिनूक सालमन की आबादी में 1970 से अब तक 88 फीसदी की कमी दर्ज की गई है.
ऑस्ट्रेलिया के उत्तरपूर्वी क्वीन्सलैंड में मिलमन आइलैंड पर रहने वाले संरक्षित हॉक्सबिल टर्टलों की जनसंख्या पिछले 28 साल में करीब 57 फीसदी घट गई है. जबकि, ग्रेट बैरियर रीफ के इस क्षेत्र में बड़े स्तर पर संरक्षण के उपाय लागू हैं.
रिपोर्ट में भारत की क्या स्थिति?
एलपीआई ने जून 2019 में चेन्नई में पैदा हुए गंभीर जल संकट का उदाहरण दिया है कि किस तरह "डे जीरो" को चेन्नई के एक करोड़ से ज्यादा लोगों के पास पीने का पानी नहीं बचा था. रिपोर्ट के मुताबिक, तेजी से हुए शहरी विस्तार के कारण इलाके के वेटलैंड्स में 85 प्रतिशत गिरावट आई. इसके कारण भूमिगत जल का रिचार्ज होना काफी कम हो गया जो कि बाढ़ जैसी स्थितियों की कुदरती रोकथाम का एक तरीका था. नतीजतन, लोग सूखा और औचक बाढ़ दोनों का जोखिम झेल रहे हैं.
जलवायु परिवर्तन के कारण हालात और बदतर हुए हैं. रिपोर्ट में लिखा है, "विडंबना यह है कि इस क्षेत्र के वेटलैंड ईकोसिस्टमों को हुए नुकसान के कारण 2015 और 2023 में यहां के निवासियों को अत्यधिक बारिश के कारण आई बाढ़ का सामना करना पड़ा. हालांकि, 2015 में बारिश काफी ज्यादा हुई थी, लेकिन यह अभूतपूर्व नहीं थी. प्रजातियों से संपन्न आर्दभूमि और प्राकृतिक जल निकासी व्यवस्थाओं की बर्बादी ने शहर को हुए नुकसान को और गंभीर बना दिया. ये व्यवस्थाएं पहले सूखा और बाढ़, दोनों के ही सबसे बदतर असर से लोगों की ढाल बनते थे."
आंध्र प्रदेश के एक अभियान की प्रशंसा
रिपोर्ट में दक्षिण भारत के एक सामुदायिक अभियान 'आंध्र प्रदेश कम्यूनिटी-मैनेज्ड नैचुरल फार्मिंग' (एपीसीएनएफ) की तारीफ की गई है और इसे प्रकृति के लिए सकारात्मक खाद्य उत्पादन के अच्छे सामाजिक-आर्थिक असर की बढ़िया मिसाल बताया गया है. एपीसीएनएफ, खेती के बेहतर तरीके अपनाने में किसानों की मदद करता है.
इसके माध्यम से ग्रामीण रोजगार, पौष्टिक खाने की उपलब्धता, जैव विविधता को नुकसान से बचाना, जल संकट से निपटना और प्रदूषण कम करने जैसी कई चुनौतियों से निपटने में भी मदद मिल रही है. 6,30,000 किसानों की भागीदारी वाले इस अभियान को एलपीआई रिपोर्ट में "एग्रोईकोलॉजी की ओर बढ़ने" का दुनिया का सबसे बड़ा प्रयास बताया गया है. इसके कारण फसलों की विविधता बढ़ी है. मुख्य फसलों की उपज में औसतन 11 फीसदी का इजाफा हुआ है. साथ ही, किसानों की आय और परिवार के आहार में विविधता भी बढ़ी है.
डब्ल्यूडब्ल्यूएफ का यह इंडेक्स काफी अहम माना जाता है, लेकिन इसकी आलोचना भी होती है. समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक, जर्नल साइंस में छपे कई वैज्ञानिक शोधों में संस्थान पर इंडेक्स तैयार करने के क्रम में पूर्वाग्रही प्रणाली अपनाने के आरोप लगाए गए हैं जिसके कारण जानवरों की संख्या में आई कमी को कथित तौर पर बढ़ा-चढ़ाकर पेश किए जाने की स्थिति बनती है. (dw.com)
नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो समेत राज्य के चर्च और सामाजिक संगठनों के विरोध के बाद लंदन में 19वीं सदी के एक इंसानी खोपड़ी की नीलामी भले रुक गई हो, पर इस मुद्दे पर असंतोष लगातार तेज हो रहा है.
डॉयचे वैले पर प्रभाकर मणि तिवारी की रिपोर्ट-
नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो समेत राज्य के चर्च और सामाजिक संगठनों के विरोध के बाद लंदन में 19वीं सदी के एक इंसानी खोपड़ी की नीलामी भले रुक गई हो, इस मुद्दे पर ब्रिटिश शासकों के खिलाफ असंतोष लगातार तेज हो रहा है. राज्य के आम लोगों और सामाजिक संगठनों का कहना है कि ब्रिटिश अधिकारी उनके पूर्वजों की कई अनमोल विरासत अपने साथ ब्रिटेन ले गए थे. अब नागा इंसानी खोपड़ी की नीलामी करने को वे अपने पूर्वजों की समृद्ध विरासत का अपमान मानते हैं.
क्या है नीलामी का पूरा मामला?
ब्रिटेन के टेट्सवर्थ में स्वान नामक नीलामी घर की ओर से नागा समुदाय की एक इंसानी खोपड़ी की नीलामी का आयोजन किया गया था. यह नौ अक्तूबर को होनी थी. इसे '19वीं सदी की सींग वाली नागा इंसानी खोपड़ी' के तौर पर सूचीबद्ध किया गया था. इसकी कीमत साढ़े तीन से चार हजार ब्रिटिश पाउंड रखी गई थी. जानकारी के मुताबिक, यह खोपड़ी बेल्जियम के एक्स फ्रांसियोस कोपेन्स संग्रह के पास थी.
लेकिन मुख्यमंत्री समेत विभिन्न संगठनों के भारी विरोध के कारण फिलहाल वह नीलामी रोक दी गई है.इस नीलामी का सबसे मुखर विरोध करने वाले फोरम फॉर नागा रिकॉन्सिलिएशन (एफएनआर) के संयोजक वाटी एअर डीडब्ल्यू से कहते हैं, "हमारे पूर्वजों की खोपड़ी की नीलामी बेहद अमानवीय है. यह हमारे लिए बेहद पवित्र और भावनात्मक मुद्दा है. केंद्र सरकार को नागालैंड के लोगों की अमानत वापस लाने का प्रयास करना चाहिए. अंग्रेज यहां से हमारी कई चीजें छीन ले गए थे." उनका कहना है कि सरकार को ऐसे कदम उठाने चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी किसी वस्तु की नीलामी नहीं हो जो हमारे लिए बेहद पवित्र हो. संभव हो तो उनको वापस लाने का प्रयास किया जाना चाहिए.
नागालैंड सरकार क्या कर रही है
नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो डीडब्ल्यू से कहते हैं, "यह पूरे नागा समाज के लिए एक बेहद भावनात्मक मुद्दा है. हमारे समाज में मृतकों के अवशेषों को सर्वोच्च सम्मान देने की परंपरा है." यहां इस बात का जिक्र जरूरी है कि उक्त नीलामी रोकने के लिए रियो ने विदेश मंत्री एस.जयशंकर को पत्र लिखा था.
एफएनआर के सदस्य एलेन कोन्याक कहते हैं कि नीलामीकर्ता ने भारी विरोध के बाद खोपड़ी की नीलामी रोक जरूर दी है. उसे शायद इस मामले की भावनात्मक अहमियत का अनुमान नहीं था. लेकिन यह मुद्दा पूरे नागा समाज के लिए बेहद भावनात्मक है. सरकार को कोशिश करनी चाहिए कि ऐसी घटना की पुनरावृत्ति नहीं हो.
वो डीडब्ल्यू से कहते हैं, "ब्रिटिश शासकों ने जबरन नागा लोगों की जमीन पर कब्जा किया था. उस दौरान नागा लोगों ने ब्रिटिश शासकों का भारी विरोध किया था. उसके बाद देश छोड़ते समय प्रतिहिंसा की भावना के कारण ब्रिटिश लोग हमारी कई बहुमूल्य विरासत अपने साथ ले गए."
ब्रिटिश राज के दौर से
ब्रिटिश शासन के नागा समाज पर प्रभाव के मुद्दे पर शोध करने वाले नागालैंड विश्वविद्यालय के शोधकर्ता चुख्पा के. डीडब्ल्यू से कहते हैं, "ब्रिटिश शासक बदले की भावना से राज्य से कितनी बहुमूल्य अमानत और हमारे पूर्वजों की विरासत साथ ले गए थे. इनमें से कई चीजें कुछ निजी संग्रहकर्ताओं के पास हैं. इस बारे में कोई आधिकारिक दस्तावेज उपलब्ध नहीं है. पहली बार नीलामी में सूचीबद्ध होने के बाद इसका पता चला. पता नहीं आगे अभी ऐसी कितनी चीजें सामने आएंगी. सरकार को हमारे आदिवासी विरासत को संरक्षित करने और दोबारा हासिल करने की पहल करनी चाहिए."
एक नागा इतिहासकार केसी अपांग कहते हैं, "पूर्वजों और नागा जनजाति की विरासत की रक्षा के लिए एकजुट होना जरूरी है. इस विरोध के बाद आगे से ऐसी किसी सार्वजनिक नीलामी पर शायद रोक लग सके."
नागा समाज लंबे समय से इंग्लैंड के ऑक्सफोर्ड स्थित पिट्स रिवर म्यूजियम से नागा पूर्वजों के मानव अवशेषों को दोबारा हासिल करने का प्रयास कर रहा है. ऐसे करीब साढ़े छह हजार अवशेष उस म्यूजियम में मौजूद हैं. इन सबको ब्रिटिश शासनकाल के दौरान भारत से ले जाया गया था. एफएनआर ही इस अभियान की अगुवाई कर रहा है. संगठन ने मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो को भेजे एक पत्र में कहा है कि ताजा मामले से साफ है कि पूर्वजों के अवशेषों की वापसी की मुहिम और तेज की जानी चाहिए. (dw.com)
नई दिल्ली, 10 अक्टूबर । केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के 119वें वार्षिक अधिवेशन को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने रतन टाटा को याद करते हुए कहा कि उनका निधन भारतीय औद्योगिक क्षेत्र के लिए एक बड़ा नुकसान है। लेकिन, उनके द्वारा छोड़ी गई विरासत आने वाले समय में मार्गदर्शक बनेगी। अमित शाह ने कहा कि आज रतन टाटा हमारे साथ नहीं रहे हैं, लेकिन जो लिगेसी वह छोड़कर गए हैं, वह देश के औद्योगिक क्षेत्र में काम करने वाले लोगों के लिए पथ प्रदर्शक बनेगी। उनके योगदान की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि टाटा समूह ने हमेशा उत्कृष्टता का उदाहरण प्रस्तुत किया है और रतन टाटा के नेतृत्व में इस समूह ने कई सफलता प्राप्त की है।
मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि उनकी आत्मा को परम शांति दें। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह गुरुवार शाम भारत सरकार की ओर से रतन टाटा के अंतिम संस्कार में भाग लेंगे। 86 वर्षीय रतन टाटा के पार्थिव शरीर को लोगों के अंतिम दर्शन के लिए दक्षिण मुंबई के नेशनल सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स में रखा गया है। इसके बाद, शाम करीब 4 बजे रतन टाटा का पार्थिव शरीर अंतिम संस्कार के लिए नरीमन पॉइंट से वर्ली श्मशान प्रार्थना हॉल की ओर निकलेगा।
रतन टाटा ने ब्रीच कैंडी अस्पताल में बुधवार को अंतिम सांस ली। उन्हें सोमवार को कुछ आयु-संबंधी स्वास्थ्य समस्याओं के कारण भर्ती कराया गया था। टाटा के निधन से पूरे उद्योग जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। उनके परिवार, सहयोगियों और सभी उन लोगों के प्रति संवेदनाएं प्रकट की जा रही हैं, जिन्होंने उन्हें निकटता से जाना और उनके साथ काम किया। रतन टाटा के निधन पर राजनीति से लेकर उद्योग जगत और फिल्म जगत के दिग्गजों ने शोक व्यक्त किया है। पीएम मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, उद्योगपति गौतम अदाणी, आनंद महिद्रा समेत कई दिग्गजों ने टाटा के निधन को बड़ी क्षति बताई है। --(आईएएनएस)