राष्ट्रीय
कन्नूर (केरल), 23 अप्रैल । केरल में चुनाव प्रचार खत्म होने के एक दिन पहले मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) और केरल के 18 सांसदों, खासकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी की आलोचना की।
लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार बुधवार शाम को समाप्त हो जाएगा। केरल में 20 नए लोकसभा सांसदों को चुनने के लिए 26 अप्रैल को मतदान होगा।
2019 के चुनावों में, कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ ने 19 सीटें जीतीं और सीपीआई (एम) के नेतृत्व वाले वामपंथ को एक सीट मिली थी।
लेकिन, बाद में यूडीएफ की लोकसभा सदस्य थॉमस चाज़िकादान की पार्टी, केरल कांग्रेस (एम) वाम मोर्चे में शामिल हो गई।
सीएम विजयन ने राज्य के सभी 14 जिलों को कवर करते हुए अपने राज्यव्यापी चुनाव अभियान को समाप्त करने के बाद अपने गृह क्षेत्र कन्नूर में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि देश भर में आम भावना यह है कि मोदी सरकार को वापस नहीं आना चाहिए।
उन्होंने कहा, ''पूरे देश में मोदी विरोधी लहर है। पीएम मोदी बेहद आपत्तिजनक सांप्रदायिक बयान दे रहे हैं और यह समय है कि भारत के चुनाव आयोग को अपनी निष्पक्षता दिखाने के लिए हस्तक्षेप करना चाहिए, लेकिन कुछ नहीं हुआ। इसलिए एकमात्र विकल्प कानूनी रास्ता बचा है और इसे अपनाया जाएगा।”
फिर हमेशा की तरह कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए सीएम विजयन ने कहा, कांग्रेस नेताओं के बीच भी आम धारणा यह है कि राहुल अपनी यात्राओं के बाद बदल गए हैं।
“उन्होंने अपनी यात्रा के दौरान नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के बारे में एक शब्द भी नहीं बोला, न ही कांग्रेस के घोषणापत्र में इसके बारे में कुछ कहा गया है। ऐसा प्रतीत होता है कि वह आरएसएस और भाजपा की मदद कर रहे हैं।
सीएम विजयन ने कहा,“ केरल में, राहुल एक अलग स्वर में बोलते हैं, जबकि उन्हें वह कहना चाहिए, जो पूरे भारत में विपक्ष द्वारा कहा जा रहा है।”
सीएम कांग्रेस सांसद के इस बयान से नाराज हैं कि प्रवर्तन निदेशालय विजयन और उनकी बेटी की आईटी कंपनी के सौदों पर नरम रुख अपना रहा है।
सीएम विजयन ने यूडीएफ के 18 मौजूदा सांसदों की आलोचना की और कहा कि उन्होंने कभी भी संसद के अंदर केरल के लिए आवाज नहीं उठाई।
उन्होंने कहा,“मैंने दो बार बैठक बुलाई थी और राज्य की जरूरतों के लिए लड़ने के लिए यूडीएफ के 18 सांसदों का समर्थन मांगा था। वे हमारा समर्थन करने के लिए तैयार हो गए, लेकिन जब सौंपे जाने वाले ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने की बात आई, तो उन्होंने कहा कि ज्ञापन में एक वाक्य शामिल किया जाना चाहिए, कि राज्य के खराब शासन के कारण चीजें इस स्तर तक पहुंच गई हैं।
सीएम विजयन ने कहा,“यह स्पष्ट रूप से इन 18 सांसदों की मानसिकता को दर्शाता है क्योंकि वे राज्य के खिलाफ हैं। इस बार वामपंथियों की शानदार जीत होगी।”
(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 23 अप्रैल । लोकसभा चुनाव के बचे हुए छह चरणों में मतदाताओं को बूथ तक लाने के लिए भाजपा ने विशेष रणनीति तैयार कर ली है। पार्टी की कोशिश है कि अपने कार्यकर्ताओं को ज्यादा से ज्यादा उत्साहित कर मतदाताओं को वोटिंग वाले दिन मतदान करने के लिए प्रोत्साहित करें ताकि मतदान का प्रतिशत भी बढ़े और पार्टी की जीत का अंतर भी।
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को दिन में उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में जनसभा को संबोधित करते हुए पार्टी के कार्यकर्ताओं से लोगों के घर-घर जाकर वोटरों से सीधा संपर्क स्थापित करने और मतदान के दिन टोलियां बनाकर उत्सव मनाते हुए पोलिंग बूथ पर जाने का आह्वान किया था।
उन्होंने देशभर के पार्टी कार्यकर्ताओं को मतदाताओं को वोट करने के लिए प्रेरित करने की नसीहत देते हुए कहा था, "मेरा आपसे अनुरोध है कि आप घर-घर जाइए, सभी मतदाताओं के पास जाकर इन सारे विषयों के बारे में घर में बैठकर उन्हें बताइए और उनसे वादा लीजिए कि घर में शादी हो या छुट्टी हो लेकिन वे वोट करने जाएंगे। उनसे पक्का वादा लीजिए और और दूसरा काम, जब मतदान हो तो अपने पोलिंग बूथ पर उत्सव मनाइए। यह लोकतंत्र का उत्सव है, आनंद उत्सव होना चाहिए। छोटी-छोटी 15-20 लोगों की टोलियां बनाकर गीत गाते-गाते मतदान करने के लिए जाएं और हमारे गांव वाले तो तुरंत गीत बना भी लेते हैं। लोकतंत्र का जय-जयकार करते हुए जाए,उत्सव मनाएं और फिर मतदान कर वापस लौटें। तीसरा काम, हमें पोलिंग बूथ जीतना है। हमें एक भी पोलिंग बूथ हारना नहीं है। घर-घर जाना है। मतदाताओं को मिलकर सारी बातें बतानी है, सिर्फ दरवाजे पर पर्चा देकर नहीं आना है, बल्कि उनके घर में जाकर बैठना है, उनका पानी पीना है और उनसे 5-10 मिनट बात करनी है।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान के बाद सोमवार को ही देर रात भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर एक उच्च स्तरीय बैठक हुई। जिस बैठक में नड्डा के अलावा केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह, पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महासचिव बीएल संतोष, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव, राष्ट्रीय महासचिव सुनील बंसल, विनोद तावड़े, तरुण चुग, अरुण सिंह और दुष्यंत गौतम सहित अन्य कई नेता शामिल हुए।
सूत्रों के मुताबिक, सोमवार को देर रात तक चली बैठक में शाह और नड्डा ने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर देशभर में चलाए रहे चुनाव प्रचार अभियान, प्रथम चरण के तहत देश के 21 राज्यों और संघ शासित प्रदेशों की 102 लोकसभा सीटों पर हुए मतदान और पार्टी द्वारा चलाए जा रहे तमाम चुनावी अभियानों की समीक्षा की।
सूत्रों की मानें तो, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान के मुताबिक बैठक में बूथ स्तर तक जाकर चुनाव के बचे हुए 6 चरणों मे मतदान का प्रतिशत बढ़ाने के लिए विभिन्न उपायों पर चर्चा की गई। मतदाताओं से सीधा संपर्क स्थापित करने के लिए घर-घर जाकर उन्हें अयोध्या में बने भव्य राम मंदिर और कांग्रेस के घोषणापत्र सहित उन तमाम मुद्दों के बारे में जानकारी देने की रणनीति भी तैयार की गई, जिन मुद्दों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं अपनी चुनावी जनसभाओं में लगातार उठा रहे हैं।
भाजपा को यह भी लगता है कि भयंकर गर्मी की वजह से लोग कम तादाद में मतदान करने के लिए अपने घरों से निकलें और ऐसे में यह बताया जा रहा है कि पार्टी अपने बूथ अध्यक्षों एवं एजेंटों से तो विशेष व्यवस्था करने को कहेगी ही, लेकिन साथ ही पार्टी चुनाव आयोग से भी मुलाकात कर कुछ विशेष कदम उठाने का आग्रह कर सकती है ताकि भयंकर गर्मी के इस मौसम में लोगों को थोड़ी राहत महसूस हो और वे घरों से निकल कर वोट कर सकें।
भाजपा अपने कार्यकर्ताओं को इस बात के लिए उत्साहित करेगी कि वे सुबह मतदान शुरू होने के कुछ घंटों के अंदर ही ज्यादा से ज्यादा लोगों से वोट करवाने की कोशिश करें, वहीं दूसरी ओर चुनाव आयोग से भी पोलिंग बूथों पर पीने का पानी, छाया के लिए टेंट और कूलर जैसे इंतजाम करने का आग्रह भी कर सकती है।
(आईएएनएस)
हैदराबाद, 23 अप्रैल । तेलंगाना के पेद्दापल्ली जिले में मनैर नदी पर निर्माणाधीन पुल का एक हिस्सा सोमवार और मंगलवार की मध्यरात्रि को ढह गया। हालाकि, इस हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ है।
यह घटना मुथारम मंडल के ओडेडु गांव में घटी। तेज हवाओं के कारण पुल के दो गर्डर गिर गए।
ग्रामीणों ने मंगलवार को घटना की जानकारी पुलिस को दी।
एक किलोमीटर लंबे पुल पर 2016 से काम चल रहा है। इस पुल का निर्माण जयशंकर भूपालपल्ली जिले के ओडेडु को गार्मिलपल्ली गांव से जोड़ने के लिए किया जा रहा है।
पुल की नींव 2016 में रखी गई थी। इसकी अनुमानित लागत 47.40 करोड़ रुपये है और इसे एक साल के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था।
पुल का निर्माण पूरा होने पर मंथनी और परकल तथा भूपालपल्ली और जम्मीकुंटा कस्बों के बीच की दूरी लगभग 50 किलोमीटर कम होने की उम्मीद है।
(आईएएनएस)
मुंबई, 23 अप्रैल सीमा शुल्क विभाग ने मुंबई हवाई अड्डे पर नूडल्स के पैकेट में छिपाए गए हीरे और यात्रियों के शरीर के अंगों और उनके सामान में छिपाया गया सोना जब्त किया है, जिनकी कुल कीमत 6.46 करोड़ रुपये है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
अधिकारी ने सोमवार देर रात जारी की गई एक विज्ञप्ति में बताया कि सप्ताहांत में चार यात्रियों के पास से 4.44 करोड़ रुपये मूल्य का 6.815 किलोग्राम से अधिक सोना और 2.02 करोड़ रुपये के हीरे जब्त कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है।
सीमा शुल्क विभाग के अधिकारियों द्वारा मुंबई से बैंकॉक की ओर जा रहे एक भारतीय नागरिक की तलाशी लेने पर उसके ट्रॉली बैग के अंदर नूडल्स के पैकेट में छिपाए गये हीरे बरामद हुए थे। वह हीरे की तस्करी करने के प्रयास में था।
अधिकारी ने बताया कि बाद में यात्री को गिरफ्तार कर लिया गया।
उन्होंने बताया कि इसी तरह कोलंबो से मुंबई की यात्रा कर रहे एक विदेशी नागरिक को मुंबई हवाई अड्डे पर रोका गया। उसने अपने अंत: वस्त्र में कुल 321 ग्राम सोना छुपाया हुआ था।
विज्ञप्ति में बताया गया कि इसी तरह दस भारतीय नागरिकों को भी रोका गया था और उनके पास से कुल 6.199 किलोग्राम सोना बरामद किया गया, जिसकी कुल कीमत 4.04 करोड़ रुपये थी। उन्होंने सोने को अपने मलाशय और सामान में छुपाया हुआ था। (भाषा)
पटना, 23 अप्रैल । बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दूसरे चरण में 26 अप्रैल को प्रदेश की पांच लोकसभा क्षेत्रों में होने वाले मतदान के पहले मंगलवार को एक पत्र लिखा। पत्र में उन्होंने न केवल लोगों को 2005 से पहले की सरकार की याद दिलाई, बल्कि यह भी कहा कि बिहार की सेवा ही हमारा धर्म है। पूरा बिहार हमारा परिवार है।
जदयू ने इस पत्र को अपने एक्स हैंडल से भी पोस्ट किया है।
पत्र में कहा गया है कि आपको याद होगा कि 2005 से पहले की सरकार ने बिहार को किस हाल में पहुंचा दिया था। बिहार का खजाना खाली था। सड़क, बिजली, स्कूल, अस्पताल जैसी बुनियादी सुविधाओं पर कोई बात करने वाला नहीं था। घोटाले, अपराध, अपहरण, हत्या, डकैती, नरसंहार, माफिया राज बिहार की पहचान बन चुके थे। उद्योग-धंधे बंद हो गए थे।
पत्र में आगे लिखा कि यह कहना ठीक नहीं होगा कि बिहार में व्यवस्था चौपट हो चुकी थी, सच तो यह है कि उस समय बिहार में कोई व्यवस्था ही नहीं थी। बिहारवासियों को देश-दुनिया में अपमान झेलना पड़ता था। इसके बाद 2005 में घना अंधेरा छंटा। उम्मीदों का नया सूरज उगा। बिहार की देवतुल्य जनता ने राज्य में एनडीए की सरकार को मौका दिया। और हमने बिहार को अराजकता और अव्यवस्था से बाहर निकालकर विकास की राह पर ले जाने का संकल्प लिया।
उन्होंने पत्र में एनडीए सरकार में किये गए कार्यों का जिक्र करते हुए पत्र में लिखा कि बिहार को उसकी खोई हुई गरिमा वापस मिली। आज बिहार का परचम देश-दुनिया में लहरा रहा है।
पत्र में उन्होंने लोगों को विश्वास दिलाते हुए कहा कि आगे भी लाखों लोगों को सरकारी नौकरियां और रोजगार देते रहेंगे।
नीतीश कुमार ने पत्र में लिखा कि बिहार की सेवा ही हमारा धर्म है। पूरा बिहार हमारा परिवार है।
पत्र के आखिर में उन्होंने लिखा कि आपके संसदीय क्षेत्र में मतदान होने वाला है। हम सबका लक्ष्य इस बार बिहार की सभी 40 लोकसभा सीटें जीतने का है।
उन्होंने लोगों से एनडीए के प्रत्याशी को वोट देने की अपील भी की।
(आईएएनएस)
जयपुर, 23 अप्रैल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी ने अपने चुनावी घोषणापत्र में लोगों का धन छीनकर अपने 'खास' लोगों को बांटने की गहरी साजिश रची है।
प्रधानमंत्री मोदी मंगलवार को टोंक के उनियारा में चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि दो दिन पहले बांसवाड़ा में दिए उनके 90 सेकेंड के भाषण में वोट बैंक और तुष्टीकरण की राजनीति उजागर होने बाद कांग्रेस व विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' में भगदड़ मच गई है।
मोदी ने कहा, ''मैंने देश के सामने सत्य रखा। कांग्रेस आपकी संपत्ति छीनकर अपने खास लोगों को बांटने की गहरी साजिश रचकर बैठी है। दो से तीन दिन पहले मैंने कांग्रेस की इस वोटबैंक और तुष्टिकरण की राजनीति का पर्दाफाश किया था। इससे कांग्रेस और उसके इकोसिस्टम को इतनी मिर्ची लगी है कि वो हर तरफ मुझे गालियां देने में जुटे हैं।''
उन्होंने कहा, ''मैं कांग्रेस से जानना चाहता हूं कि आखिर वह सच्चाई से इतना डरती क्यों है? कांग्रेस क्यों अपनी नीतियों को छिपाने में लगी है? जब आपने नीति बनाई है, निर्णय लिया है तो अब-जब मोदी ने राज खोलकर रख दिया है और आपका 'हिडन एजेंडा' बाहर आ गया है तो कांप रहे हो।''
प्रधानमंत्री ने कहा, ''अरे हिम्मत है तो स्वीकार करो, हम आपसे मुकाबला करने के लिए तैयार हैं। ये बात देश को साफ-साफ बताना चाहता हूं कि कांग्रेस वोट बैंक की राजनीति के दलदल में इतना धंसी हुई है कि उसे बाबा साहेब के संविधान की भी परवाह नहीं है।''
उन्होंने कहा, ''आपको पता होगा उन्होंने घोषणापत्र में लिखा है कि आपकी संपत्ति का सर्वे करेंगे, हमारी माताओं-बहनों के पास जो स्त्रीधन होता है, मंगलसूत्र होता है उसका सर्वे करेंगे। फिर उनके एक नेता ने तो भाषण में कहा 'एक्स रे' किया जाएगा।''
मोदी ने कहा, ''कांग्रेस पार्टी की सोच हमेशा से तुष्टिकरण की रही है। कांग्रेस पार्टी देश की मुसीबत में अपने लिए भ्रष्टाचार के नए मौके तलाशती है।''
प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ दिन पहले कर्नाटक में एक दुकानदार को सिर्फ इसलिए पीटा गया क्योंकि वह अपनी दुकान में हनुमान चालीसा सुन रहा था।
उन्होंने कहा, ''आप कल्पना कर सकते हैं ...कांग्रेस के राज में हनुमान चालीसा सुनना भी गुनाह हो जाता है। कांग्रेस के राज में अपनी आस्था का पालन करना भी मुश्किल हो जाता है। राजस्थान तो खुद इसका भुगतभोगी रहा है।''
उन्होंने कहा, ''राजस्थान ये बखूबी जानता है कि सुरक्षित राष्ट्र और स्थायी सरकार कितनी जरूरी है। इसलिए चाहे 2014 हो या 2019 हो, राजस्थान ने एकजुट होकर देश में भाजपा की ताकतवर सरकार बनाने के लिए अपना आशीर्वाद दिया था। आपने 25 की 25 सीटें भाजपा को दी थीं।''
मोदी ने कहा, ''एकजुटता ही राजस्थान की सबसे बड़ी पूंजी है। याद रखिएगा, जब-जब हम बंटे हैं, तब-तब देश के दुश्मनों ने फायदा उठाया है। अब भी राजस्थान को बांटने की, यहां के लोगों को बांटने की पूरी कोशिशें हो रही हैं। इससे राजस्थान को सावधान रहने की जरूरत है।'' (भाषा)
नयी दिल्ली/पटना, 23 अप्रैल पटना में लोकसभा चुनाव प्रचार के लिए लगे एक पोस्टर में लिखा ‘विरासत भी, विकास भी’ का नारा 20 वर्षीय छात्र अमन लाल को बिहार की राजधानी के साथ ‘क्रूर मजाक’ लगता है जहां पिछले कुछ साल में कई ऐतिहासिक इमारतों को ध्वस्त किया जा चुका है।
पटना कॉलेज से स्नातक कर रहे अमन इस चुनाव में पहली बार मतदान करेंगे। उनका कहना है कि इस शहर में धरोहर इमारतों को बड़े स्तर पर नुकसान होने के बावजूद नेताओं और जनता के लिए यह चुनावी मुद्दा नहीं है।
हालांकि, सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने 2024 के चुनाव घोषणापत्र में उल्लेख किया है कि वह ‘काशी विश्वनाथ कॉरिडोर मॉडल’ की तर्ज पर धार्मिक और पर्यटन स्थलों का विकास करेगी और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण स्मारकों का संरक्षण करेगी, वहीं कांग्रेस ने वादा किया है कि सत्ता में आने पर एएसआई को और अधिक धन और मानव संसाधन मुहैया कराएगी।
ऐसे चुनावी वादों के बावजूद दिल्ली से पटना और बेंगलुरु से मुंबई तक बड़ी संख्या में मतदाता ‘धरोहर भवनों’ की बात चुनावी मुद्दे के रूप में नहीं होने पर निराश हैं।
पिछले कुछ साल में पटना में कई ऐतिहासिक इमारतों को गिरा दिया गया है। इनमें एक पटना कलेक्टोरेट है जिसे 2022 में नए परिसर के निर्माण के लिए गिरा दिया गया था और कई इतिहासकारों, विद्वानों तथा शिल्पकारों ने इसकी आलोचना की थी।
अमन ने कहा कि विश्व धरोहर दिवस के एक दिन बाद 19 अप्रैल को मतदान शुरू हुआ लेकिन राजनीतिक भाषणों में इसकी कोई चर्चा नहीं हो रही है।
दक्षिण भारत में भी लोगों के मन में इसी तरह के भाव हैं। बेंगलुरु निवासी यशस्विनी शर्मा के अनुसार चुनावी चर्चा और रैलियों के भाषणों में ऐतिहासिक इमारतों की बात कोई नहीं कर रहा।
स्थापत्य संरक्षण के क्षेत्र में काम करने वाली शर्मा ने कहा कि बेंगलुरु में पिछले कुछ सालों में ऐसे कई ऐतिहासिक स्थल अपना महत्व खो चुके हैं।
वह बेंगलुरु के बीचोंबीच स्थित जनता बाजार (एशियाटिक बिल्डिंग) और 1880 के दशक में बने ऐतिहासिक देवराजा मार्केट का उदाहरण देती हैं।
उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘चुनावी रैलियों में भारी भीड़ उमड़ती है, और राजनेता तथा नेता इस अवसर का उपयोग हमारी सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत के बारे में अधिक जागरूकता पैदा करने और हमारे विरासत स्थलों के लिए गर्व की भावना पैदा करने के लिए कर सकते हैं, लेकिन वास्तव में, वे अब तक इस अवसर का लाभ नहीं उठा रहे हैं।’’
पुरानी दिल्ली में धरोहरों के क्षरण पर मुखर रुख रखने वाले और इनके संरक्षण की वकालत करने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय गोयल ने कहा, ‘‘धरोहरों को चुनावी मुद्दा बनाया जाना चाहिए।’’
उन्होंने दावा किया कि आज विरासत या तो ‘फैशन और स्टेटस की चीज बन गई हैं’ या ‘केवल आलेखों और कहानियों में सिमट कर रह गई है।’ (भाषा)
जयपुर, 23 अप्रैल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि देश में दलितों, पिछड़ों व आदिवासियों का आरक्षण न खत्म होगा न ही उसे धर्म के नाम पर बांटने दिया जाएगा।
मोदी ने आरक्षण के मुद्दे पर कांग्रेस को ललकारते हुए कहा कि क्या कांग्रेस ऐलान करेगी कि वे संविधान में दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों के आरक्षण को कम करके इसे मुसलमानों को नहीं बांटेगी?'
मोदी ने टोंक के उनियारा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, ''सच्चाई यह है कि जब कांग्रेस और उसका गठबंधन सत्ता में था तो ये लोग दलितों, पिछड़ों के आरक्षण में सेंधमारी कर वोट बैंक की राजनीति के लिए अपनी खास जमात को अलग से आरक्षण देना चाहते थे, जो संविधान के बिलकुल खिलाफ है।''
उन्होंने कहा, ''आरक्षण का जो हक बाबा साहब ने दलित, पिछड़ों और आदिवासियों को दिया कांग्रेस और उसका गठबंधन उसे मजहब के आधार पर मुसलमानों को देना चाहते थे।''
मोदी ने कहा, ''मैं कांग्रेस से पूछना चाहता हूं, क्या कांग्रेस ऐलान करेगी की संविधान में दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों के आरक्षण को कम कर इसे मुसलमानों को नहीं बांटेगी। वे देश की जनता से वादा करे।''
उन्होंने कहा, ''कांग्रेस वालों से पूछो... कर्नाटक, आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में इन्होंने आरक्षण को मजहब के आधार पर बांटने का खेल क्यों शुरू किया था?''
प्रधानमंत्री ने कहा, ''कांग्रेस की इन साजिशों के बीच मोदी आपको खुले मंच से गारंटी दे रहा है कि दलितों, पिछड़ों व आदिवासियों का आरक्षण खत्म नहीं होगा। ये मोदी की गारंटी है।''
मोदी ने कहा, ''आरक्षण न खत्म होगा और न ही उसे धर्म के नाम पर बांटने दिया जाएगा। ये मोदी की गारंटी है।''
उन्होंने कहा, ''मोदी, संविधान को समझता है। मोदी संविधान को समर्पित है, मोदी बाबा साहब आंबेडकर की पूजा करने वाला व्यक्ति है।'' (भाषा)
गुवाहाटी, 23 अप्रैल । असम के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने आरोप लगाया है कि असम में लोगों की परेशानियों के लिए कांग्रेस जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि राज्य के लोग ऐसे लोगोें को वोट नहीं देंगे, जिनके पास उनके विकास के लिए कोई विजन न हो, जिन्होंने उनके राज्य को उग्रवाद में धकेला हो।
उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र और राज्य दोनों में सत्ता में रहने के बावजूद कांग्रेस उग्रवाद को रोकन में विफल रही।
आईएएनएस के साथ एक साक्षात्कार में, केंद्रीय मंत्री सोनोवाल ने कहा, "हर किसी को याद है कि असम आंदोलन के बाद कांग्रेस ने लोगों को कैसे धोखा दिया, कैसे वह उग्रवाद को नियंत्रित करने में विफल रही, कैसे वर्षों तक असम के युवक-युवतियां मारे जाते रहे।"
उन्होंने कहा, "हमें लोगों का सम्मान करना चाहिए और पांच वर्षों के लिए एक विजन पेश करना चाहिए। लोग ऐसे लोगों को वोट नहीं देंगे, जिनके पास कोई विजन न हो।"
2014 में केंद्रीय मंत्री सोनोवाल लखीमपुर संसदीय सीट से लोकसभा के लिए चुने गए थे। इस बार वह डिब्रूगढ़ लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैंं।
केंद्रीय मंत्री के मुताबिक, लोग देश के विकास के साथ-साथ सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का कुशल कार्यान्वयन भी चाहते हैं, ताकि उनके जीवन स्तर में सुधार हो सके।
उन्होंने कहा, "छह दशकों तक, कांग्रेस सरकार ने अपने कुशासन से लोगों को धोखा दिया है। भाजपा नेता ने कहा कि 2014 के बाद से, असम के लोगों ने पहली बार देखा है कि अगर इरादे सही हों, तो विकास कैसे संभव है और कैसे मोदी जी ने इसे उनके दरवाजे तक पहुंचाया है।''
सोनोवाल ने कहा, ''सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के अलावा, लखीमपुर और डिब्रूगढ़ को बोगीबील पुल से जोड़ा गया। यह इंजीनियरिंग का एक चमत्कार है। कांग्रेस सरकार ने दशकों तक इसकी उपेक्षा की।"
उन्होंने कहा, "इस तरह नरेंद्र मोदी सरकार के एक दशक के सुशासन ने लोगों की धारणा बदल दी है।"
केंद्रीय मंत्री सोनोवाल ने यह भी दावा किया कि लोकसभा चुनाव में अल्पसंख्यक समुदाय के लोग बीजेपी को वोट देंगे।
उन्होंने कहा," लोककल्याण के दौरान भाजपा किसी के साथ भेदभाव नहीं करती। योजनाओं का लाभ हर नागरिक तक पहुंचता है। ऐसे में 'मुस्लिम समुदाय के लोग मजबूती से मोदी जी के साथ खड़े हैं।''
भाजपा नेता ने कहा,“देश के लोग नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा लोगों के जीवन को बेहतर बनाने, आधुनिकीकरण करने और सभी की सामाजिक-आर्थिक स्थितियों मेंं सुधार करने के लिए पीएम मोदी के साथ खड़े हैं। "
सर्बानंद सोनोवाल 2016-21 के दौरान असम के मुख्यमंत्री थे और बाद में वह केंद्रीय राजनीति में चले गए और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने हिमंत बिस्वा सरमा को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया।
यह पूछे जाने पर कि क्या वह राज्य की राजनीति में लौटने का इरादा रखते हैं, केंद्रीय मंत्री सोनोवाल ने कहा, "मैंने राज्य की राजनीति कभी नहीं छोड़ी। यह मेरा घर है, यहीं मैं बड़ा हुआ हूं। मेरी राजनीतिक यात्रा असम में शुरू हुई और मैं वर्तमान में राज्य के लोगों का प्रतिनिधित्व कर रहा हूं।"
उन्होंने कहा, "मेरा दायित्व बदल सकता है, लेकिन डिब्रूगढ़ और असम के लोगों के कल्याण के प्रति मैं प्रतिबद्ध हूं।"
(आईएएनएस)
बेंगलुरु, 23 अप्रैल । कर्नाटक के हुबली शहर में एक मुस्लिम युवक को एक हिंदू लड़की के साथ कथित तौर पर मारपीट करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पीड़िता ने एक एमसीए छात्र और कांग्रेस नेता की बेटी नेहा हीरेमथ की एक मुस्लिम द्वारा कथित हत्या के बाद उसके साथ 'दोस्ती' खत्म करने का फैसला किया था।
पुलिस ने सोमवार को बताया कि गिरफ्तार व्यक्ति की पहचान फल विक्रेता आफताब के रूप में हुई है।
लड़की ने पुलिस को बताया कि उसका परिचय आफताब से एक अन्य मुस्लिम लड़की के माध्यम से हुआ था जो उसकी सहपाठी थी।
लड़की ने मीडिया को बताया, "आफताब दो साल से मेरा पीछा कर रहा था। उसने बैग और अन्य सामान उपहार में दिए थे। मैंने उससे दोस्ती करने की कोशिश की। हालांकि, नेहा हत्याकांड के बाद, मुझे आफताब के इरादों के बारे में आशंका होने लगी और मैंने उससे कहा कि वह हमारे बीच सभी संबंध खत्म कर दे।
"उसने मुझसे अपने द्वारा दिए गए सभी उपहार वापस करने को कहा। जब मैं उपहार वापस करने आई और उससे दोस्ती खत्म करने के लिए कहा, तो उसने मेरे साथ मारपीट की और सार्वजनिक स्थान पर मेरे सिर पर वार किया।"
आफताब ने सड़क किनारे लड़की द्वारा लौटाए गए उपहारों में भी आग लगा दी।
पीड़िता ने कहा, "मुझ पर हमला होते देख राहगीर मेरी मदद के लिए आए और वे आफताब को ले गए।"
लड़की को बचाने वाले कथित हमले के एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि उसने अचानक देखा कि सार्वजनिक स्थान पर दिन के उजाले में एक युवा लड़की पर हमला किया गया था।
उसने कहा, "मैं उसकी मदद के लिए दौड़ा और उसे दूर धकेल दिया। उसके पास चाकू था।"
लड़की ने पुलिस को दी अपनी शिकायत में कहा कि आफताब ने उसे जबरदस्ती बैग और अन्य सामान गिफ्ट कर दिया। उसने दावा किया कि उसने उस पर संबंध जारी रखने के लिए भी दबाव डाला और उसके साथ मारपीट की।
पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
हुबली-धारवाड़ पुलिस आयुक्त रेणुका सुकुमार ने सोमवार को कहा कि पुलिस ने मामले के सिलसिले में आरोपी आफताब को गिरफ्तार कर लिया है।
(आईएएनएस)
हासन (कर्नाटक), 23 अप्रैल कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया को कानून की पढ़ाई करने वाली प्रथम वर्ष की एक छात्रा ने बस की मुफ्त टिकट से बनी एक माला भेंट की, जिससे वह बहुत खुश हुए।
कांग्रेस के पांच प्रमुख चुनावी वादों में से एक 'शक्ति' गारंटी योजना शुरू करने के लिए छात्रा ने सिद्धरमैया के प्रति आभार जताने के लिए ये माला भेंट की।
पिछले साल जून में शुरू की गई इस योजना से राज्य की गैर-लक्जरी सरकारी बसों में महिलाएं मुफ्त यात्रा करती हैं।
परिवहन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, इस योजना की शुरुआत के बाद 194.39 करोड़ मुफ्त यात्रा की गई हैं, जिसमें राज्य के खजाने पर 4,673.56 करोड़ रुपये का भार पड़ा।
एम. ए. जयश्री ने सोमवार शाम को इस जिले के अरसीकेरे में एक चुनावी रैली के दौरान सिद्धरमैया को माला भेंट की थी।
जयश्री ने सिद्धरमैया को माला भेंट करते हुए कहा, ''आपने मुझे बसों में मुफ्त यात्रा करने की सुविधा दी, जिससे मैं कानून की पढ़ाई कर सकूं।''
सिद्धरमैया के कार्यालय द्वारा जारी एक बयान में जयश्री के हवाले से बताया गया कि उसने माला भेंट करते हुए कहा, ''इसलिए मैंने बस के सारे मुफ्त टिकट जमा किये थे और उनसे ये माला बनाई। मैं आपको इसे देने के लिए महीनों से इंतजार कर रही हूं। जब मुझे पता चला कि आप आज अरसीकेरे आ रहे हैं, तो मैं यह माला लेकर यहां आ गई।''
मुख्यमंत्री इस भाव से अभिभूत हुए और उन्होंने इसे "हमारी सरकार की उपलब्धियों की माला" के तौर पर स्वीकार किया।
मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर विपक्षियों द्वारा कांग्रेस की गारंटी योजना की आलोचना किये जाने पर कटाक्ष करते हुए कहा, ''वह कानून की पढ़ाई पूरी करके एक अच्छी वकील बनकर समाज की सेवा करना चाहती है और उन गुमराह लोगों को सही रास्ता दिखाना चाहती है जो गारंटी योजनाओं के कारण लड़कियों के भटकने का आरोप लगाते हैं।" (भाषा)
नई दिल्ली, 23 अप्रैल । आम आदमी पार्टी के सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि ईडी की गिरफ्तारी के बाद तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पहली बार इंसुलिन दिया गया।
आप सूत्रों ने दावा किया, ''केजरीवाल का शुगर लेवल लगातार बढ़ता जा रहा था और यह 320 तक पहुंच गया था।''
हालांकि, इंसुलिन के बारे में तिहाड़ जेल प्रशासन ने अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है।
इस बीच, आप नेता ने तिहाड़ में बंद केजरीवाल को दिए गए इंसुलिन के बारे में एक्स पर जानकारी शेयर की।
दिल्ली में आप के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने एक्स पर लिखा,“हनुमान जयंती पर अच्छी खबर। आखिरकार जेल प्रशासन ने मुख्यमंत्री को उनके बढ़ते शुगर लेवल के लिए इंसुलिन दिया। आज देश की राजधानी के मुख्यमंत्री को इंसुलिन के लिए भी कोर्ट जाना पड़ रहा है। भाजपा और केंद्र सरकार के अधिकारियों का कहना है कि सभी कैदी एक जैसे हैं।''
उन्होंने आगे कहा,“क्या तिहाड़ के सभी कैदी इंसुलिन के लिए अदालत जाते हैं? क्या सभी कैदियों को इलाज के लिए अदालत जाना पड़ता है? क्या सभी कैदियों को इंसुलिन के बारे में बहस करते हुए एक सप्ताह टीवी और अखबारों में बिताना होगा?”
आतिशी ने मंगलवार को एक्स पर लिखा,“तिहाड़ प्रशासन ने आखिरकार अरविंद केजरीवाल को इंसुलिन दिया। यह हनुमानजी के आशीर्वाद और दिल्ली की जनता के संघर्ष का परिणाम है। संघर्ष के इस दौर में, बजरंगबली का आशीर्वाद हम सभी पर बना हुआ है।”
इससे एक दिन पहले दिल्ली की एक अदालत ने जेल में बंद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के उस आवेदन को खारिज कर दिया था, जिसमें उन्होंने अपने "तीव्र" मधुमेह और "उतार-चढ़ाव वाले" रक्त शर्करा के स्तर के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से रोजाना 15 मिनट के लिए अपनी पसंद के निजी डॉक्टर से परामर्श करने की अनुमति मांगी थी।
(आईएएनएस)
नयी दिल्ली, 23 अप्रैल योग गुरु रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के प्रबंध निदेशक (एमडी) बालकृष्ण ने उच्चतम न्यायालय से मंगलवार को कहा कि उन्होंने भ्रामक विज्ञापन मामले में अपनी ओर से हुई गलतियों के लिए समाचार पत्रों में बिना शर्त माफी प्रकाशित की है।
न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने रामदेव और बालकृष्ण के वकील से समाचार पत्रों में प्रकाशित माफीनामे को दो दिनों के भीतर रिकॉर्ड में पेश करने को कहा।
रामदेव और बालकृष्ण की ओर से पेश वकील ने पीठ से कहा कि वे अपनी गलतियों के लिए बिना शर्त माफी मांगते हुए अतिरिक्त विज्ञापन भी जारी करेंगे।
दोनों की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि उन्होंने सोमवार को देश भर के 67 समाचार पत्रों में माफीनामा प्रकाशित कराया है।
पीठ ने मामले में आगे की सुनवाई के लिए 30 अप्रैल की तारीख तय की।
न्यायालय ने रामदेव और बालकृष्ण को 16 अप्रैल को हिदायत दी थी कि वे ‘‘एलोपैथी को नीचा दिखाने’’ का कोई प्रयास नहीं करें। न्यायालय ने उन्हें पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के भ्रामक विज्ञापन के मामले में एक सप्ताह के भीतर "सार्वजनिक रूप से माफी मांगने और पछतावा प्रकट करने" की अनुमति दी थी।
शीर्ष अदालत ने यह भी स्पष्ट किया था कि वह अभी उन्हें इस चरण में राहत नहीं देगी।
शीर्ष अदालत 2022 में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिसमें कोविड टीकाकरण और आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों के खिलाफ एक दुष्प्रचार अभियान चलाने का आरोप लगाया गया है। (भाषा)
भोपाल, 23 अप्रैल । मध्य प्रदेश में लोकसभा के तीसरे चरण का चुनाव रोचक है। इस चरण में दो पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और शिवराज सिंह चौहान के अलावा केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाग्य का फैसला होने वाला है।
राज्य में लोकसभा की 29 सीटें हैं और यहां चार चरणों में मतदान हो रहा है। पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को हो चुका है और दूसरे चरण का मतदान 26 अप्रैल को होना है। तीसरे चरण में मतदान सात मई को होना है। तीसरे चरण में नौ संसदीय क्षेत्र हैं। इनमें विदिशा, राजगढ़, गुना, मुरैना, सागर, ग्वालियर, भिंड, भोपाल और बैतूल शामिल है।
इनमें से तीन राजगढ़, विदिशा और गुना पर सबकी नजर है। राजगढ़ से कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को उम्मीदवार बनाया है और उनके यहां मुकाबला भाजपा के रोडमल नागर से है।
विदिशा में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भाजपा के उम्मीदवार के तौर पर मैदान में हैं और उनके सामने कांग्रेस के प्रताप भानु शर्मा हैं। वहीं गुना में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पहली बार भाजपा के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं और उनके सामने कांग्रेस के यादवेंद्र सिंह यादव हैं।
राजगढ़ में दिग्विजय सिंह लगभग तीन दशक बाद लोकसभा का चुनाव लड़ने पहुंचे हैं। वे यहां से वर्ष 1984 और 1991 में सांसद रह चुके हैं। पिछला चुनाव उन्होंने भोपाल से लड़ा था और वह भाजपा की प्रज्ञा सिंह ठाकुर से मात खा गए थे।
इस बार राजगढ़ हाई प्रोफाइल सीटों में गिना जा रहा है। वहीं शिवराज सिंह चौहान एक बार फिर विदिशा से चुनाव लड़ रहे हैं। वह 1991 से 2004 तक पांच बार इस संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। यह उनका यहां से छठा चुनाव है।
गुना संसदीय क्षेत्र को सिंधिया परिवार का गढ़ माना जाता है, मगर पिछला चुनाव ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस के उम्मीदवार के तौर पर लड़ा था जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। यहां से विजयाराजे सिंधिया और माधवराव सिंधिया भी निर्वाचित हुए हैं।
राज्य के तीसरे चरण में दिग्गजों के चुनाव मैदान में होने के कारण मुकाबला रोमांचक हो गया है। दोनों ही राजनीतिक दल भाजपा और कांग्रेस इन स्थानों पर जीत दर्ज करने के लिए पूरा जोर लगा रही है। साथ ही यह चुनाव इन दिग्गजों के राजनीतिक भविष्य का निर्धारण करने वाले भी होंगे।
(आईएएनएस)
नयी दिल्ली, 23 अप्रैल विमानन नियामक डीजीसीए ने एयरलाइनों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि उड़ान के दौरान 12 वर्ष तक के बच्चों को उनके माता-पिता या अभिभावकों में से कम से कम एक के साथ सीट आवंटित की जाए।
बीते दिनों ऐसे कई मामले सामने आए थे, जहां 12 वर्ष से कम आयु के बच्चों को उड़ान के दौरान उनके माता-पिता या अभिभावकों के साथ सीट आवंटित नहीं की गई थी। यह निर्देश ऐसे मामलों की पृष्ठभूमि में आया है।
नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने मंगलवार को एक बयान में कहा, ''एयरलाइंस को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि 12 वर्ष तक के बच्चों को एक ही पीएनआर पर यात्रा कर रहे उनके माता-पिता/ अभिभावकों में कम से कम एक के साथ सीट आवंटित की जाए और इसका रिकॉर्ड रखा जाए।''
इस संबंध में नियामक ने अनुसूचित एयरलाइनों के सेवाओं और शुल्क को अनियंत्रित करने के संबंध में जारी अपने परिपत्र को संशोधित किया है।
मानदंडों के अनुसार तरजीही सीट आवंटन, भोजन/नाश्ता/पेय शुल्क और संगीत वाद्ययंत्र ले जाने के लिए शुल्क लेने जैसी कुछ सेवाओं की अनुमति है।
डीजीसीए ने कहा कि ऐसी सेवाएं एयरलाइनों द्वारा स्वैच्छिक आधार पर दी जाती हैं और ये अनिवार्य नहीं हैं। (भाषा)
नई दिल्ली, 23 अप्रैल । भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर के बयान की आलोचना करते हुए कहा है कि उन्हें गर्व है कि मोदी सरकार ने गरीबों के बैंक खाते खुलवाए, जिन गरीबों की चिंता कांग्रेस ने कभी नहीं की।
नड्डा ने पलटवार करते हुए यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस को सिर्फ वोट बैंक और एक राजवंश के ही बैंक अकाउंट की चिंता रही है।
भाजपा अध्यक्ष ने यह भी दावा किया कि केरल ऐसे लोगों को हराने जा रहा है।
दरअसल, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नेता एवं केरल के तिरुवनंतपुरम लोकसभा सीट से पार्टी के उम्मीदवार शशि थरूर ने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा था कि केरल में भाजपा केवल बैंक खाते खोल सकती है, जीत को भूल जाए।
जेपी नड्डा ने शशि थरूर के बयान से जुड़ी खबर को शेयर करते हुए एक्स पर लिखा, "तिरस्कार, अभिजात्यवाद और अहंकार को देखिए! ठेठ कांग्रेस। हमें गर्व है कि हमारी सरकार गरीबों के लिए बैंक खाते खोलती है ! कांग्रेस ने कभी इसकी चिंता नहीं की क्योंकि उसे केवल वोट बैंक और एक राजवंश के बैंक खातों की परवाह थी।"
केरल में कांग्रेस की हार का दावा करते हुए नड्डा ने आगे यह भी कहा, "केरल ऐसे विच्छिन्न तत्वों को परास्त करेगा!"
(आईएएनएस)
हैदराबाद, 23 अप्रैल । हैदराबाद संसदीय सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की उम्मीदवार माधवी लता ने एआईएमआईएम प्रत्याशी असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई है।
भाजपा उम्मीदवार ने वायरल हो रहे एक वीडियो का हवाला देते हुए बताया कि हैदराबाद के पुराने शहर में अपने चुनाव प्रचार के दौरान असदुद्दीन ओवैसी कसाइयों को गाय काटने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वीडियो में वह "काटते रहो" कहकर कसाइयों को उकसाते हैं। साथ ही "बीफ जिंदाबाद" का नारा भी लगाया जाता है।
माधवी लता ने कहा कि असदुद्दीन ओवैसी अपनी टिप्पणियों से गोमांस खाने का समर्थन करते हैं, इससे एक समुदाय विशेष की भावनाएं आहत होती हैं। उन्होंने कहा कि चुनावी लाभ के लिए ओवैसी इस तरह के बयान दे रहे हैं।
(आईएएनएस)
पूर्णिया, 23 अप्रैल । लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में 26 अप्रैल को बिहार के सीमांचल इलाके की सीट पूर्णिया के मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर अपना जनप्रतिनिधि चुनेंगे। बिहार की अधिकांश सीटों पर महागठबंधन और एनडीए के बीच सीधा मुकाबला है, लेकिन पूर्णिया की स्थिति अलग है।
पूर्णिया में पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने बतौर निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरकर दोनों गठबंधनों के समीकरण को बिगाड़ दिया है। यादव का दावा है कि उन्हें कांग्रेस का समर्थन प्राप्त है।
गौर करने वाली बात है कि यहां के लोग भी एनडीए और महागठबंधन की जीत-हार के बदले यह जानने को उत्सुक हैं कि पप्पू यादव जीतेंगे या हारेंगे।
महागठबंधन ने यहां से राजद की नेता बीमा भारती को चुनावी मैदान में उतारा है, जबकि एनडीए की ओर से निवर्तमान सांसद जदयू के नेता संतोष कुशवाहा चुनावी रण में ताल ठोक रहे हैं। पिछले चुनाव में संतोष कुशवाहा ने कांग्रेस के उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह को बड़े अंतर से हराया था। इस चुनाव के कुछ ही दिन पहले पप्पू यादव ने अपनी जन अधिकार पार्टी के कांग्रेस में विलय कर यह साफ संकेत दे दिया था कि वे कांग्रेस के टिकट पर पूर्णिया से चुनाव लड़ेंगे। हालांकि बाद में यह सीट महागठबंधन में राजद के कोटे में चली गयी।
इसके बाद पप्पू यादव बतौर निर्दलीय चुनावी मैदान में उतर गए। पप्पू दावा कहते हैं कि उन्हें न केवल कांग्रेस का बल्कि भाजपा और राजद के लोगों का भी समर्थन प्राप्त है। उन्होंने कहा कि वे पूर्णिया के बेटे के तौर पर चुनावी मैदान में हैं। पप्पू यादव पूर्णिया में आम नागरिक की तरह चुनाव प्रचार में लगे हैं। कभी वे सड़कों पर मोटर साइकिल दौड़ाते नजर आ रहे हैं तो कभी किसी के घर भात खाते।
वैसे, राजद के नेता तेजस्वी यादव किसी हाल में एमवाई समीकरण में सेंधमारी को लेकर चौकन्ने हैं। दो दिनों से तेजस्वी पूर्णिया में जमकर प्रचार कर रहे हैं। नेपाल और बंगाल से सटे पूर्णिया में पप्पू यादव न केवल राजद के वोट बैंक में सेंधमारी को लेकर जुगत में हैं, बल्कि जदयू इस वोट बैंक की लड़ाई और मोदी की लहर को लेकर उत्साहित है।
राजद किसी हाल में निर्दलीय पप्पू यादव को जीतना नहीं देखना चाहती। यही कारण है कि सोमवार को एक चुनावी सभा में तेजस्वी यादव ने लोगों को यह संकेत भी दे दिए। उन्होंने कहा कि आप इंडिया गठबंधन को चुनिए। अगर आप इंडिया गठबंधन की बीमा भारती को नहीं चुनते हैं, तो आप एनडीए उम्मीदवार को चुनिए।
तेजस्वी ने लोगों को सचेत करते हुए कहा कि किसी के धोखे में नहीं रहना है। उन्होंने कहा कि यह किसी एक व्यक्ति का चुनाव नहीं है। या तो इंडिया या एनडीए।
कहा तो यह भी जा रहा है कि राजद ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी की चुनावी सभा कराने को लेकर कांग्रेस पर दबाव बनाया था, लेकिन कांग्रेस इसके लिए तैयार नहीं हुई।
बहरहाल, पूर्णिया में पप्पू यादव के मुकाबले में उतरने से मुकाबला त्रिकोणात्मक हो गया है। अब देखने वाली बात होगी कि पूर्णिया में मोदी की लहर चलती है महागठबंधन बाजी मारेगा या पप्पू की भावनात्मक अपील लोगों को पसंद आएगी। इसका पता तो चार जून को परिणाम के बाद ही चलेगा। वैसे, कहा यह भी जाता है कि चर्चा में बने रहना और चुनावी अखाड़े में परचम लहराने में काफी अंतर है।
(आईएएनएस)
भारत के सुप्रीम कोर्ट ने एक नाबालिग रेप पीड़िता के गर्भपात की इजाजत दी है. कोर्ट ने फैसला सुनाते वक्त कहा कि ऐसे मामलों में पीड़िता के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी जानी चाहिए.
डॉयचे वैले पर रितिका की रिपोर्ट-
30 हफ्ते की नाबालिग गर्भवती के साथ बलात्कार हुआ था. उसकी उम्र 14 साल बताई गई है. सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि यह प्रेग्नेंसी पीड़िता के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकती है. अदालत ने यह भी कहा कि ऐसे मामले बेहद असाधारण होते हैं, जहां हमें बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होती है. हर गुजरता घंटा पीड़िता के लिए बेहद अहम है.
मीडिया में आई खबरों के मुताबिक कोर्ट ने यह फैसला एक मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर सुनाया है. मुंबई के सायन अस्पताल के मेडिकल बोर्ड ने भी अपनी रिपोर्ट में गर्भपात का समर्थन किया था. पीड़ित के साथ बलात्कार हुआ था, इसलिए कोर्ट ने अस्पताल को आगे भी इस प्रेग्नेंसी के असर पर नजर रखने का निर्देश दिया है.
क्या कहता है भारत में गर्भपात का कानून
सुप्रीम कोर्ट से पहले पीड़िता की मां ने बॉम्बे हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी. हालांकि, बॉम्बे हाई कोर्ट ने पीड़िता को गर्भपात की अनुमति देने से इनकार कर दिया था. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर पिछले हफ्ते तत्काल सुनवाई की. कोर्ट ने गर्भपात की अनुमति देने के लिए संविधान के अनुच्छेद 142 का इस्तेमाल किया. यह अनुच्छेद कोर्ट को किसी भी लंबित मामले में न्याय सुनिश्चित करने का अधिकार देता है.
भारत में गर्भपात का अधिकार मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट के तहत मिलता है. 2021 में इस एक्ट में जरूरी संशोधन भी किए गए थे. बलात्कार के मामलों में गर्भपात की समय सीमा 20 हफ्ते से बढ़ाकर 24 हफ्ते तक कर दी गई थी. तब इन संशोधनों को बेहद प्रगतिशील माना गया था.
इस मामले में नाबालिग पीड़िता करीब 30 हफ्ते की गर्भवती थी. इस एक्ट के अनुसार 24 हफ्ते के बाद गर्भपात के लिए एक मेडिकल बोर्ड की इजाजत लेनी होती है. इसलिए कोर्ट ने सायन अस्पताल की रिपोर्ट के आधार पर फैसला लिया.
रेप के मामले में गर्भपात का अधिकार और अदालतों के फैसले
सुप्रीम कोर्ट के इस हालिया फैसले को भविष्य में उदाहरण के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है जहां अदालत ने पीड़िता के स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी है. इससे पहले कई भारतीय अदालतों ने ऐसे मामलों में गर्भपात की इजाजत देने से इनकार कर दिया था.
राजस्थान हाई कोर्ट ने इसी साल एक 11 साल की बलात्कार पीड़िता को गर्भपात की इजाजत नहीं दी थी. पीड़िता 32 हफ्ते की गर्भवती थी. उसने कोर्ट में दलील दी कि वह इसलिए गर्भपात करवाना चाहती है क्योंकि वह बच्चा उसके साथ हुए अपराध की हमेशा याद दिलाता रहेगा. दूसरी तरफ कोर्ट ने दलील दी कि एक पूरी तरह से विकसित भ्रूण के पास भी जीने का अधिकार है.
2023 में गुजरात हाई कोर्ट ने एक 25 साल की बलात्कार पीड़िता को भी गर्भपात की इजाजत नहीं दी थी. हालांकि सुप्रीम कोर्ट में अपील के बाद पीड़िता को गर्भपात की इजाजत दे दी गई थी. इसी साल बॉम्बे हाई कोर्ट की औरंगाबाद बेंच ने भी एक 15 साल की बलात्कार पीड़िता को गर्भपात की अनुमति नहीं दी थी. डॉक्टरों ने कहा था कि पीड़िता 28 हफ्ते की गर्भवती है और ऐसी स्थिति में गर्भपात करने पर भ्रूण के जिंदा होने की संभावना है.
बलात्कार की पीड़िता को प्राथमिकता
संयुक्त राष्ट्र की अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार समिति यह कहती है कि अगर एक बलात्कार पीड़िता गर्भपात करवाना चाहती है तो ऐसी स्थिति में पीड़िता की मांग को प्राथमिकता दी जानी चाहिए. अधिकतर देशों में जहां गर्भपात के कठोर कानून हैं, वहां भी बलात्कार के मामलों में पीड़ित को गर्भपात का अधिकार मिला है. हालांकि, अदालती कार्यवाही में देरी पीड़ितों के सामने एक कड़ी चुनौती होती है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन का सुझाव है कि बलात्कार के मामलों में पीड़ितों को सबूतों और पुलिस की जांच की बजाय पीड़ित की शिकायत के आधार पर जल्द से जल्द गर्भपात की सुविधा देने की जिम्मेदारी सरकार को लेनी चाहिए. संगठन का कहना है कि पुलिस रिपोर्ट और सबूतों की कानूनी प्रक्रिया में लंबा वक्त लगता है, जिससे अधिकतर मामलों में पीड़िता की प्रेग्नेंसी गर्भपात की समय सीमा को पार कर जाती है. (dw.com)
भारत में हाल के दिनों में जो वीडियो वायरल हुए उनमें दो ऐसे वीडियो भी हैं, जिनमें एक्टर आमिर खान और रणवीर सिंह लोगों से कांग्रेस पार्टी के लिए वोट मांगते नजर आए.
बॉलीवुड अभिनेता आमिर खान वाला वीडियो 30 सेकेंड का है जबकि रणवीर सिंह वाला 41 सेकेंड का. वीडियो में इनको प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करते देखा जा सकता है, जहां उनके दोनों कार्यकाल में चुनावी वादे पूरे नहीं करने, और आर्थिक सुधारों को लागू करने में नाकाम रहने की बात की जा रही है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से बनाए गए दोनों वीडियो कांग्रेस के चुनाव निशान और स्लोगन के साथ खत्म होते हैं, "न्याय के लिए वोट दें, कांग्रेस को वोट दें."
समाचार एजेंसी रॉयटर्स की समीक्षा दिखाती है कि पिछले हफ्ते इन दोनों वीडियो को सोशल मीडिया पर 5 लाख से ज्यादा बार देखा गया. एआई से तैयार फेक या डीपफेक का इस्तेमाल अमेरिका, पाकिस्तान और इंडोनेशिया समेत पूरी दुनिया के चुनावों में दिख रहा है.
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल
भारत में चुनाव प्रचार लंबे समय से घर-घर जा कर और रैलियों के माध्यम से होता रहा है. हालांकि 2019 से वाट्सऐप और फेसबुक का प्रचार के उपकरण के रूप में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होने लगा. इस बार भारत के लोकसभा चुनाव में पहली बार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल हो रहा है.
कांग्रेस प्रवक्ता सुजाता पॉल ने रणवीर सिंह का वीडियो अपने 16,000 फॉलोवरों को 17 अप्रैल को एक्स पर शेयर किया. शनिवार शाम यानी 19 अप्रैल तक उनके इस पोस्ट को 2,900 बार रिट्वीट किया गया, 8,700 लोगों ने इसे लाइक किया और 438,000 बार इसे देखा गया.
पॉल ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स से टेलिफोन पर बातचीत में कहा कि वह जानती हैं कि एक्स ने इस वीडियो को "मैनिपुलेटेड मीडिया" के रूप में दर्ज किया है, लेकिन वह इसे डिलीट नहीं करना चाहतीं क्योंकि पोस्ट करते समय, उन्होंने सोचा कि यह आदमी रणवीर सिंह जैसा दिखता है और, "निश्चित रूप से यह क्रिएटिविटी है." रॉयटर्स ने इस मामले पर कांग्रेस के मीडिया सेल प्रमुख से प्रतिक्रिया लेनी चाही तो कोई जवाब नहीं मिला. इसके कुछ घंटे बाद रविवार से यह पोस्ट एक्स पर दिखना बंद हो गया.
वीडियो पर पुलिस की जांच
दोनों अभिनेताओं ने कहा है कि ये वीडियो फेक थे. फेसबुक, एक्स और कम से कम आठ फैक्ट चेकिंग वेबसाइटों ने कहा है कि उनसे या तो छेड़छाड़ की गई है या फिर वो मैनिपुलेटेड हैं. रॉयटर्स डिजिटल वेरिफिकेशन यूनिट ने भी इसकी पुष्टि कर दी है.
अब तक यह पता नहीं चल सका है कि ये वीडियो किसने बनाए. आमिर खान और रणवीर सिंह दोनों की टीम का कहना है कि वो इस मामले को देख रहे हैं. रणवीर सिंह ने एक्स पर लिखा है, "डीफफेक से सावधान रहें दोस्तों." नरेंद्र मोदी के दफ्तर और भारतीय जनता पार्टी के आईटी प्रमुख ने इस बारे में पूछे सवालों का जवाब नहीं दिया.
वीडियो के कुछ वर्जन सोशल मीडिया पर ब्लॉक कर दिए गए हालांकि इसके बाद भी कम से कम 14 वीडियो सोशल मीडिया पर शनिवार की शाम तक एक्स पर देखे जा सकते थे. रॉयटर्स ने कंपनी को जब जानकारी दी तो फेसबुक ने दो वीडियो डिलीट कर दिए लेकिन एक वीडियो फिर भी दिख रहा था. फेसबुक ने एक बयान में कहा कि उसने कंपनी की नीतियों का उल्लंघन करने की वजह से "वीडियो हटा दिए हैं." एक्स ने रॉयटर्स के सवालों पर कोई जवाब नहीं दिया.
पुलिस इन वीडियो की छानबीन कर रही है. आमिर खान ने मुंबई में अज्ञात लोगों के खिलाफ फेक वीडियो बनाने के लिए धोखाधड़ी और कथित हमशक्ल बनाने के आरोप में मामला दर्ज कराया है. मुंबई पुलिस ने इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी लेकिन जांच में शामिल दो अधिकारियों ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया कि उन्होंने फेसबुक और एक्स को वीडियो हटाने के लिए लिखा है और कंपनियों का कहना है कि उन्हें हटा दिया गया है.
मृत पिता का एआई वीडियो
इस साल चुनाव में राजनेता दूसरे तरीकों से भी एआई का इस्तेमाल कर रहे हैं. दक्षिण भारत में कांग्रेस नेता विजय वसंत के प्रवक्ता ने बताया कि उनकी टीम ने एआई का इस्तेमाल कर 2 मिनट की एक ऑडियो वीडियो क्लिप बनाई है. सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर दिखाई जा रही इस क्लिप में उनके पिता उनके लिए वोट मांगते नजर आ रहे हैं. वसंत के पिता एच. वसंत कुमार मशहूर राजनेता थे लेकिन अब मर चुके हैं. इस वीडियो में एच वसंत कुमार को यह भी कहते सुना जा सकता है, "भले ही मेरा शरीर आप सबको छोड़ कर चला गया, लेकिन मेरी आत्मा आपके आस पास ही है."
यूट्यूब पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-मार्क्सवादी (सीपीएम) ने जो वीडियो डाले हैं उनमें साड़ी पहने एक एआई से बनाई गई न्यूज एंकर दिखाई देती है. यह एंकर अपने बोलचाल और हावभाव में न्यूज चैनलों की नकल करती है और पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी की आलोचना करती है.
भारत में करीब 90 करोड़ लोगों की इंटरनेट सुविधा तक पहुंच है. रिसर्च इंस्टिट्यूट एसीसा सेंटर और इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट बिजनेस स्कूल के सर्वे में पता चला है कि औसत भारतीय हर दिन 3 घंटे से ज्यादा वक्त सोशल मीडिया पर बिताते हैं. भारत में लगभग एक अरब मतदाता हैं. अंदाजा लगाना ज्यादा मुश्किल नहीं है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई से तैयार कंटेंट भारत के चुनाव में कहां तक जा सकते हैं.
एनआर/आरपी (रॉयटर्स)
भारत में इस साल हो रहे आम चुनाव 6 हफ्ते चलेंगे. ऐसे में टेक कंपनियों के सामने अफवाहों और दुष्प्रचार रोकने की बड़ी चुनौती है. क्या कंपनियां इस दिशा में कुछ कर रही हैं?
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स ने बुधवार को भारत में राजनीतिक भाषणों वालों कई ट्वीट ब्लॉक कर दिए. भारत में शुक्रवार से आम चुनाव हो रहे हैं और चुनाव के मद्देनजर ही अधिकारियों ने एक्स से ये ट्वीट हटाने का आदेश दिया था.
एक्स के मालिक इलॉन मस्क ने कहा कि वह इस आदेश से सहमत तो नहीं हैं, लेकिन चुनाव खत्म होने तक ये पोस्ट भारत के लोगों को नहीं दिखेंगे. इससे पहले एक्स के अकाउंट से भी यही सूचना दी गई थी, जिसके साथ कहा गया था कि इन पोस्ट में मौजूद राजनीतिक भाषणों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार होना चाहिए.
एक्स की हटाई सामग्री में ऐसे पोस्ट हैं, जिनमें नेता या पार्टियां अपने विरोधियों के निजी जीवन के बारे में अपुष्ट दावे कर रहे हैं. भारतीय चुनाव आयोग ने इसे आचार संहिता का उल्लंधन माना है.
भारत में इस साल हो रहे लोकसभा चुनाव19 अप्रैल से शुरू हुए जो 1 जून तक चलेंगे. एक ओर राजनीतिक पार्टियां अपनी पूरी ताकत झोंक रही हैं. वहीं सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों को भी खूब मेहनत करनी पड़ रही है. इसकी वजह है कि लोग गलत जानकारी से गुमराह ना हों और अफवाहों के शिकार ना बनें.
फेसबुक ने पहले से की थी तैयारी
फेसबुक की पेरेंट कंपनी मेटा ने 3 अप्रैल को जानकारी दी थी कि भारत के आम चुनाव देखते हुए कंपनी पहले से कमर कस रही है. मेटा की सूचना में पहला वाक्य ही यही था कि इस चुनाव से पहले उन्होंने भारत में अपने थर्ड-पार्टी फैक्ट-चेकर नेटवर्क का विस्तार करने के लिए और निवेश किया है.
फेसबुक ने भारत की सबसे बड़ी न्यूज एजेंसी प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया, पीटीआई की फैक्ट-चेकिंग यूनिट के साथ भी समझौता किया है. वहीं जो स्वतंत्र फैक्ट-चेकर पहले से फेसबुक के साथ काम कर रहे हैं, वे भी इस सिस्टम से जुड़े रहेंगे.
फेसबुक ने यह भी बताया कि वे 'जेनएआई' जैसी नई तकनीकों के जिम्मेदार इस्तेमाल को लेकर सतर्क हैं. वे एआई डिटेक्शन को लेकर इस क्षेत्र के बड़े खिलाड़ियों के साथ साझेदारी कर रहे हैं. साथ ही, वे AI से तैयार ऐसी सामग्री पर भी निगाह बनाए हुए हैं, जो भ्रामक होती हैं और लोगों को गुमराह करती हैं.
मिलजुलकर काम कर रहीं कंपनियां
फेसबुक ने बताया कि वह 'टेक अकॉर्ड' के साथ मिलकर चुनाव में भ्रामक जानकारियां फैलने से रोकेगी. 'टेक अकॉर्ड' टेक क्षेत्र की 20 दिग्गज कंपनियों की साझेदारी है, जिसमें उन्होंने 2024 में हो रहे सभी चुनावों में एआई से बने खतरनाक और नुकसानदेह कंटेंट से निपटने की शपथ ली है.
इस साझेदारी में एडॉब, ऐमजॉन, गूगल, आईबीएम, लिंक्डइन, मेटा, माइक्रोसॉफ्ट, ओपेन एआई, एक्स और टिकटॉक जैसी कंपनियां हैं. इन्होंने मतदाताओं को गुमराह करने वाली सामग्री से निपटने के लिए आर्थिक और तकनीकी निवेश की बात भी कही थी.
वहीं गूगल ने भी मार्च में कहा था कि सर्च में और अपनी सहायक कंपनी यूट्यूब पर आधिकारिक चुनावी जानकारी को प्रमुखता से पेश करेगा और चुनावी विज्ञापनों को लेकर पारदर्शिता रखेगा. फेक न्यूज से निपटने के लिए गूगल ने फैक्ट-चेकर्स और एआई की मदद लेने की बात कही थी.
वॉट्सऐप की कोशिश
वॉट्सऐप लोगों के मेसेज फॉरवर्ड करने पर लगी सीमाएं बरकरार रखेगा. पिछले साल ही वॉट्सऐप नया नियम लाया था, जिसके तहत फॉरवर्ड किया जा रहा मैसेज एक बार में सिर्फ एक ग्रुप में ही भेजा सकता है. उससे पहले लोग किसी मैसेज को एक साथ पांच ग्रुप में फॉरवर्ड कर सकते थे.
इसके अलावा लोग यह भी तय कर सकते हैं कि कौन उन्हें किसी ग्रुप में जोड़ सकता है और कौन नहीं. संदिग्ध यूजरों को ब्लॉक और रिपोर्ट करने जैसे कुछ और विकल्प भी दिए गए हैं. इससे लोगों की निजता की और सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी.
प्लेटफॉर्मों की निष्ठा पर संदेह भी
2021 में समाचार एजेंसी एपी के हाथ कुछ दस्तावेज लगे थे. इनमें उन्हें पता चला कि फेसबुक, वॉट्सऐप और इंस्टाग्राम भारत में नफरती भाषण, गलत सूचना और भड़काऊ पोस्ट, खासकर मुस्लिमों के खिलाफ, पर अंकुश लगाने में सुविधानुसार फैसले लेते रहे हैं. जो अकाउंट गलत और नफरती कंटेंट फैला रहे थे, उनमें भी कइयों का सरकारी तंत्र से नाता है.
खुद भारत के आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव कह चुके हैं कि एआई से बनाई गई ऑडियो-वीडियो सामग्री 'लोकतंत्र के लिए खतरा' है. वहीं चुनाव को ध्यान में रखते हुए भारत की कुछ राजनीतिक पार्टियां अपने प्रचार में एआई की मदद ले रही हैं.
अमेरिका में भी उठी थी आवाज
पिछले महीने ही अमेरिकी सांसद माइकल बेनेट ने भी अमेरिकी सोशल मीडिया कंपनियों से पूछा था कि भारत समेत कई देशों में होने जा रहे आम चुनावों को देखते हुए उन्होंने क्या तैयारियां की हैं.
बेनेट ने कहा था, "आपके प्लेटफॉर्म चुनावों के लिए जो चुनौतियां पेश करते हैं, वे नई नहीं हैं. लोग डीपफेक और फर्जी सामग्री शेयर करते थे, लेकिन अब एआई से तो लोकतांत्रिक प्रक्रिया और राजनीतिक स्थिरता पर ही खतरा पैदा हो गया है. एआई से तो कोई भी बेहद खतरनाक फोटो, वीडियो या ऑडियो बना सकता है, जो नकली हो सकता है."
2024 में दुनिया के 70 देशों में चुनाव हैं, जिनमें दो अरब से ज्यादा लोग मतदान करेंगे. इसीलिए 2024 को 'लोकतंत्र का साल' कहा जा रहा है. चुनाव वाले देशों की लिस्ट में भारत समेत ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, क्रोएशिया, यूरोपीय संघ, फिनलैंड, घाना, आइसलैंड, लिथुआनिया, नामीबिया, मेक्सिको, मोल्दोवा, रोमानिया, मंगोलिया, दक्षिण अफ्रीका और यूनाइटेड किंगडम जैसे देश हैं.
वीएस/एनआर (एएफपी, एपी, रॉयटर्स)
बेगूसराय, 23 अप्रैल । केंद्रीय मंत्री और बिहार के बेगूसराय से भाजपा के प्रत्याशी गिरिराज सिंह ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकतंत्र के सबसे बड़े प्रहरी हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने बाबा साहब के संविधान के अनुरूप गरीबों को ताकत दी है।
पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने राजद नेता तेजस्वी यादव के पूर्णिया में महागठबंधन को नहीं तो एनडीए को वोट देने की अपील को लेकर कहा कि अब महागठबंधन और तेजस्वी यादव अपनी हार स्वीकार कर चुके हैं, यही कारण है कि उन्होंने ऐसा कहा है। मुझे खुशी है कि वे मेरे लिए अपील कर रहे हैं।
उन्होंने एक प्रश्न के उत्तर में एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी पर निशाना साधते हुए कहा कि ओवैसी ब्रदर्स और सारे लोगों को मैं चुनौती के साथ कहता हूं कि वे इस चुनाव में घोषणा करें कि हम जनसंख्या नियंत्रण कानून लाएंगे। मैं समझ लूं कि वे अधिक बच्चा पैदा करने वाले समूह को समर्थन नहीं करते।
विपक्ष के केंद्र सरकार पर हिटलरशाही के आरोपों पर उन्होंने कहा कि अगर हिटलरशाही होती तो ओवैसी की जुबान खुलती? उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि वे भारत माता को गाली देते?
(आईएएनएस)
हैदराबाद, 22 अप्रैल । हैदराबाद के पुलिस आयुक्त के. श्रीनिवास रेड्डी ने हैदराबाद लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार के. माधवी लता को गले लगाने वाली एएसआई को निलंबित कर दिया है।
सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में, सैदाबाद थाने की एएसआई उमा देवी भाजपा उम्मीदवार माधवी लता से हाथ मिलाते और उन्हें गले लगाते देखी गईं।
जब भाजपा नेता सैदाबाद थाने की सीमा के अंतर्गत एक क्षेत्र में चुनाव प्रचार कर रही थीं, तब पुलिस अधिकारी वर्दी में ड्यूटी पर थीं।
पुलिस आयुक्त ने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने के आरोप में पुलिस अधिकारी को निलंबित कर दिया।
माधवी लता ने पिछले सप्ताह रामनवमी पर निकाले गए जुलूस के दौरान कथित रूप से एक मस्जिद की ओर काल्पनिक तीर चलाकर विवाद पैदा कर दिया था।
पुलिस ने उनके खिलाफ अपने भड़काऊ हाव-भाव से एक समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का मामला दर्ज किया है।
शेख इमरान की शिकायत पर उनके खिलाफ बेगम बाजार थाने में मामला दर्ज किया गया है।
उन पर धारा 295-ए (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य, जिसका उद्देश्य किसी वर्ग के धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करके उसकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना है) और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 125 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
(आईएएनएस)
ग्रेटर नोएडा, 22 अप्रैल । ग्रेटर नोएडा में एक चलती कार में आग लग गई, आग ने कार को पूरी तरह अपनी चपेट में ले लिया। देखते ही देखते पल भर में कार जलकर राख हो गई।
दरअसल, कार चालक ग्रेटर नोएडा से सूरजपुर की तरफ जा रहा था। आग लगते ही चालक ने कार से कूदकर अपनी जान बचाई।
आग लगने की सूचना फायर ब्रिगेड को दी गई। मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की टीम ने आग पर काबू पाया। यह पूरी घटना सूरजपुर थाना इलाके में हुई है।
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक सोमवार दिन में 1.27 बजे सूरजपुर इलाके एलजी गोलचक्कर के पास एक गाड़ी में आग लग गई थी। सूचना पर फायर सर्विस यूनिट रवाना हुई। आग एलजी गोल चक्कर से सूरजपुर की तरफ जा रही महिंद्रा मराजो गाड़ी (एचआर 38 एबी 5023) में लगी थी। यूनिट ने आग बुझा दिया। फिलहाल घटना में कोई जनहानि नहीं हुई है।
बता दें कि कार में आग लगने की यह कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी कई गाड़ियों में लगातार आग लगने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं।
(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 22 अप्रैल। देश की प्रमुख सर्वे एजेंसी एक्सिस माई इंडिया ने अपने नाम पर एक फर्जी जनमत सर्वेक्षण लगातार वायरल होने को लेकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
एक्सिस माई इंडिया ने @MahuaMoitraFans और @amoxciillin1 जैसे कुछ एक्स हैंडल्स और उन लिंक्स के खिलाफ अपनी शिकायत दर्ज कराया, जिनके जरिए सोशल मीडिया पर फर्जी ओपिनियन पोल को आगे बढ़ाया गया। एक्सिस माई इंडिया एजेंसी ने कहा कि इंडिया ब्लॉक के बारे में सकारात्मक राय बनाने के मकसद के साथ उनका मकसद संगठन का नाम खराब करने का था।
'बीजेपी को कोई बहुमत नहीं, एनडीए को थोड़ी बढ़त' शीर्षक वाले ओपिनियन पोल में कथित तौर पर दिखाया गया है कि 2024 का आम चुनाव किस तरह बराबरी का होगा और एनडीए को इसमें बढ़त नहीं मिलेगी, जैसा कि मीडिया में अनुमान लगाया गया है।
इससे पहले, एक्सिस माई इंडिया के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक (सीएमडी) प्रदीप गुप्ता ने उनकी एजेंसी के नाम पर फर्जी ओपिनियन पोल पर आपत्ति जताई थी और कहा था कि विपक्षी दल चुनावी मौसम में मतदाताओं के बीच 'अनुकूल' धारणा बनाने के लिए जानबूझकर अपने एजेंडे को आगे बढ़ा रहे हैं।
एक्सिस माई इंडिया के सीएमडी प्रदीप गुप्ता ने आईएएनएस से बात करते हुए बताया था कि उनकी कंपनी केवल एग्जिट पोल और पोस्ट-पोल अध्ययन करती है, ओपिनियन पोल नहीं।
उन्होंने यह भी कहा कि यह 'चुनावी लाभ' के लिए विपक्षी दलों द्वारा किया गया एक अवैध और धोखाधड़ी वाला कृत्य है और इसके लिए वे लोग उनकी सर्वे एजेंसी के नाम का दुरुपयोग कर रहे हैं।
विशेष रूप से, एक्सिस माई इंडिया के ओपिनियन पोल का दावा करने वाली कुछ तस्वीरें कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया पर वायरल हुईं, जिसमें भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए और कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए के बीच करीबी मुकाबले की भविष्यवाणी की गई थी। फर्जी ओपिनियन पोल में एनडीए को 243 सीटें और इंडिया ब्लॉक को 242 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया था।
(आईएएनएस)