ये आपका मैथ्स का होमवर्क कर सकता है। ये आपकी नौकरी के इंटरव्यू के सवालों के जवाब दे सकता है, यहां तक कि ये आपका थैरेपिस्ट भी हो सकता है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) अब सिर्फ एक बटन दबाने भर से सब कुछ कर पाने में सक्षम नजर आता है।
यह तकनीक रिकॉर्ड गति से आगे बढ़ रही है क्योंकि अलग-अलग प्लेटफ़ॉर्म एक-दूसरे को कड़ी टक्कर देते हुए लगातार नए और उन्नत फ़ीचर इसमें जोड़ रहे हैं।
चैटजीपीटी इतिहास की अब तक की सबसे तेजी से आगे बढऩे वाली टेक्नोलॉजी एप्लिकेशन में से एक है।
30 देशों की सरकारों और संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय संघ और आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (ओईसीडी) के सदस्यों की ओर से तैयार की गई इंटरनेशनल एआई सेफ़्टी रिपोर्ट बताती है कि लॉन्च होने के सिफऱ् पांच दिनों के अंदर चैटजीपीटी के 10 लाख से अधिक यूज़र्स हो गए थे। दो महीनों में ये आंकड़ा 10 करोड़ पहुंच गया था।
साल 2023 में अपना एआई असिस्टेंट को-पायलट लॉन्च करने वाले माइक्रोसॉफ्ट ने कहा है कि ऐसा अनुमान है कि साल 2025 की दूसरी तिमाही में एआई बिजनेस से मिलने वाला राजस्व 10 अरब डॉलर से अधिक हो जाएगा। साथ ही उसका कहना है कि उसने दुनिया के 60 क्षेत्रों में अपने डाटा केंद्रों का विस्तार किया है।
गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट के सीईओ सुंदर पिचाई के मुताबिक, गूगल के सर्च रिज़ल्ट में सबसे ऊपर आने वाली एआई-जेनरेटेड समरी जिसे एआई ओवरव्यूज़ कहा जाता है उसे हर महीने 200 से अधिक देशों और क्षेत्रों में 1।5 अरब बार इस्तेमाल किया जाता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह तकनीक अब हम सबके बीच रहने वाली है, इसलिए हमने उनसे पूछा कि इसका अधिक से अधिक फ़ायदा कैसे उठाया जा सकता है।
ओपन सोर्स एआई मॉडल्स के साथ काम करने वाले और गुड मशीन लर्निंग को लोकतंत्रात्मक बनाने की चाहत रखने वाले एक ग्लोबल स्टार्ट-अप ‘हगिंग फ़ेस’ में कनाडाई कंप्यूटर साइंटिस्ट साशा लुचियोनी जलवायु प्रमुख (क्लाइमेट लीड) हैं।
उन्होंने बीबीसी 100 वीमेन से कहा, ‘मैं मानवता की भलाई और बुराई दोनों मामलों में एआई को एक विस्तारक के रूप में देखती हूं, लेकिन हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम नियंत्रित रहें।’
यहां पर ऐसे चार सवाल उन्होंने सुझाए हैं जो किसी भी शख्स को एआई इस्तेमाल करने से पहले ख़ुद से पूछने चाहिए।