अंतरराष्ट्रीय
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को न्यूयॉर्क नागरिक धोखाधड़ी मामले में भुगतान किए गए 464 मिलियन डॉलर की गारंटी देने के लिए कोई निजी कंपनी नहीं मिल रही है.
पूर्व राष्ट्रपति को अपनी अपील जारी रखने के लिए या तो पूरी राशि नकद में चुकानी होगी या बॉन्ड सुरक्षित करना होगा.
अगर वो 25 मार्च तक ऐसा करने में असमर्थ रहें, तो उनकी कुछ अचल संपत्ति भी ज़ब्त की जा सकती है.
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने एक बयान में कहा है, ''जिस बॉन्ड का भुगतान करने के लिए उनसे कहा गया था, वह किसी भी कंपनी के लिए असंभव होगा, जिसमें मेरी जैसी सफल कंपनी भी शामिल है.''
उनके वकीलों ने कहा है कि उन्होंने तीस कंपनियों ने इसके लिए संपर्क किया, पर सभी प्रयास असफल रहे हैं. (bbc.com/hindi)
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने बीबीसी से कहा कि ग़ज़ा की 20 लाख की आबादी पर “गंभीर खाद्य संकट” का ख़तरा मंडरा रहा है.
इसराइल हमास जंग शुरू होने के बाद ये पहली बार है, जब ग़ज़ा की पूरी की पूरी आबादी के लिए इस तरह का बयान सामने आया है.
वहीं ग़ज़ा में काम कर रही संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों ने कहा है कि मई तक अगर युद्ध न रुका और ग़ज़ा में ज़रूरी मात्रा में राहत सामग्री न पहुंचाई गई तो ग़ज़ा भीषण भुखमरी का सामना कर सकता है.
एंटनी ब्लिंकन फ़िलहाल फ़िलिपीन्स के दौरे पर हैं. अमेरिकी अधिकारियों ने मंगलवार को कहा है कि वो जल्द मध्य पूर्व का दौरा करने वाले हैं.
अक्तूबर में हमास के ख़िलाफ़ इसराइल के हमले के बाद ये मध्य पूर्व का ब्लिंकन का छठा दौरा हैं. अपने दौरे में वो युद्धविराम बढ़ाने की संभावना को लेकर चर्चा करेंगे.
मंगलवार को क़तर में इसराइली मध्यस्थ एक बार फिर संभावित युद्धविराम को लेकर चर्चा कर रहे हैं. चर्चा में ग़ज़ा में राहत सामग्री पहुंचाने से लेकर हमास के कब्ज़े में मौजूदल इसराइली बंधकों को छुड़ाने पर भी चर्चा होनी है.
ब्लिंकन ने क्या कहा?
बीबीसी ने ब्लिंकन से सवाल किया था, कि अगर युद्धविराम न हुआ और मौजूदा हालात बरकरार रहे तो क्या इससे इलाक़े के भविष्य पर असर पड़ेगा.
इस सवााल के उत्तर में ब्लिंकन ने कहा, ”स्थिति का आकलन किया जाए तो ग़ज़ा की 100 फ़ीसदी आबादी गंभीर खाद्य संकट झेलने की कग़ार पर है. ये पहली बार है जब पूरी आबादी की स्थिति को इस तरह बताया जा रहा है.”
गंभीर खाद्य संकट वो स्थिति होती है, जब खाना न मिलने के कारण किसी व्यक्ति के जीवन पर तुरंत ख़तरा मंडराने लगे. हालात न सुधरे तो ये भुखमरी का कारण बन सकता है.(bbc.com/hindi)
बुल्गारिया के राष्ट्रपति रुमेन राडेव ने अपने देश के एक अपहृत जहाज़ एमवी रुएन और उसके चालक दल के सदस्यों को रिहा कराने के लिए भारत सरकार का शुक्रिया अदा किया है.
सोशल मीडिया साइट एक्स से किए एक ट्वीट में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद कहा है.
उन्होंने लिखा, "बुल्गारिया के अपहृत जहाज़ 'रुएन' और बुल्गारिया के सात नागरिकों सहित इसके चालक दल को बचाने की भारतीय नौसेना की बहादुरी भरी कार्रवाई के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति मेरा हार्दिक आभार!"
उनके इस ट्वीट के जवाब में पीएम मोदी ने लिखा, "राष्ट्रपति रुमेन राडेव जी, आपके मैसेज की सराहना करता हूं. हमें ख़ुशी है कि बुल्गारिया के सातों नागरिक सुरक्षित हैं और जल्द ही अपने घर लौट जाएंगे. भारत हिंद महासागर इलाक़े में नौवहन की स्वतंत्रता की सुरक्षा करने और लूट व आतंकवाद से लड़ने को लेकर वचनबद्ध है."
क्या है मामला
शनिवार को भारतीय नौसेना ने एक ट्वीट करके बताया था कि उसके युद्धक जहाज़ आईएनएस कोलकाता अरब सागर में सभी 35 समुद्री लुटेरों को घेरने और उन्हें आत्मसमर्पण करने को मजबूर करने में कामयाब रहा है.
भारतीय नौसेना के प्रवक्ता के एक्स हैंडल से किए एक ट्वीट में बताया गया कि 40 घंटे तक चले अभियान के बाद अपहृत जहाज़ एमवी रुएन से चालक दल के 17 सदस्य सकुशल बचा लिए गए.
इस ट्वीट में बताया गया, "आईएनएस कोलकाता ने भारत के तट से लगभग 1,400 नॉटिकल मील (2,600 कि.मी.) दूर समुद्री लुटेरों के जहाज़ रुएन को रोका था." (bbc.com/hindi)
(ललित के झा)
वाशिंगटन, 19 मार्च। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से कहा है कि वह इजराइल द्वारा गाजा सिटी और खान यूनिस की तरह ही रफह में बड़ा सैन्य अभियान चलाये जाने की आशंका से काफी चिंतित हैं। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन ने यह जानकारी दी।
सुलिवन ने सोमवार को अपने नियमित संवाददाता सम्मेलन में बताया कि नेतन्याहू सोमवार को बाइडन के साथ फोन पर हुई बातचीत में दक्षिणी गाजा के रफह शहर में हमास आतंकवादियों को निशाना बनाने के लिए किसी वैकल्पिक तरीके और जमीनी स्तर पर बड़ा हमला किए बगैर मिस्र-गाजा सीमा को सुरक्षित बनाने पर चर्चा करने के लिए इजराइली अधिकारियों का एक दल वाशिंगटन भेजने पर राजी हो गए।
यह एक महीने में पहली बार है जब दोनों नेताओं ने फोन पर बात की है।
सुलिवन ने बताया कि बाइडन और नेतन्याहू ने रफह को लेकर विस्तार से चर्चा की।
उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्रपति ने बताया कि वह इजराइल द्वारा गाजा सिटी और खान यूनिस की तरह ही रफह में बड़ा सैन्य अभियान चलाने की आशंका को लेकर वह क्यों इतने चिंतित हैं।’’
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने बताया कि 10 लाख से अधिक लोगों ने रफह में शरण ली है। उन्होंने कहा कि वे गाजा सिटी से खान यूनिस और फिर रफह गए, अब उनके पास कोई सुरक्षित जगह नहीं है। उन्होंने बताया कि गाजा के अन्य प्रमुख शहरों को बड़े पैमाने पर तबाह कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि इजराइल ने अमेरिका या दुनिया को यह योजना नहीं बतायी है कि वह कैसे या कहां उन नागरिकों को सुरक्षित स्थानांतरित करेगा।
सुलिवन ने कहा कि रफह मिस्र से गाजा में मानवीय सहायता पहुंचाने का प्रमुख प्रवेश बिन्दु है और शहर में सैन्य अभियान से यह बंद हो जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘रफह मिस्र के साथ लगती सीमा पर स्थित है और मिस्र ने वहां एक बड़े सैन्य अभियान को लेकर गहरी चिंता जतायी है तथा इसके परिणामस्वरूप इजराइल के साथ भविष्य में अपने संबंधों को लेकर सवाल भी उठाए हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि हमास को रफह या कहीं और पनाह न दी जाए। लेकिन वहां एक बड़ा जमीनी अभियान चलाना गलती होगी। इससे कई निर्दोष जान जाएंगी, पहले से ही गंभीर मानवीय संकट और बढ़ेगा, गाजा में अराजकता बढ़ेगी तथा इजराइल अंतरराष्ट्रीय रूप से और अलग-थलग होगा।’’
सुलिवन ने बताया कि दोनों नेताओं ने गाजा में हमास तथा अन्य आतंकवादियों द्वारा बंधक बनाए गए लोगों की रिहाई के बदले में कई हफ्तों के लिए तत्काल संघर्ष विराम को लेकर चल रही बातचीत पर भी चर्चा की।
बाइडन ने इजराइल की दीर्घकालीन सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपनी ‘‘अटूट प्रतिबद्धता’’ दोहरायी और कहा कि इजराइल को हमास पर हमले करने का अधिकार है जिसने नरसंहार के बाद से यहूदी लोगों पर सबसे वीभत्स हमला किया है। (भाषा)
(ललित के झा)
वाशिंगटन, 19 मार्च। अमेरिका के एक सीनेटर ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) लागू करने के वास्ते भारत सरकार द्वारा नियमों को अधिसूचित किये जाने पर चिंता जताते हुए कहा है कि जैसे-जैसे अमेरिका-भारत संबंध गहराते जा रहे हैं, यह अहम है कि सहयोग धर्म से परे सभी के मानवाधिकारों की रक्षा के साझा मूल्यों पर आधारित हो।
भारत सरकार ने पिछले हफ्ते नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2019 का लागू कर दिया था जिससे पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के ऐसे गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारतीय नागरिकता मिलने का रास्ता साफ हो गया है जिनके पास दस्तावेज़ नहीं हैं और वे 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आ गए थे।
भारत सरकार ने एक विज्ञप्ति जारी कर कहा था कि इससे भारतीय मुस्लिमों को चिंतित होने की जरूरत नहीं, क्योंकि सीएए उनकी नागरिकता प्रभावित नहीं करता है और समुदाय का इससे कुछ लेना-देना नहीं जिनके पास हिंदुओं के समान ही अधिकार हैं।
सीनेट की शक्तिशाली विदेश संबंध समिति के अध्यक्ष सीनेटर बेन कार्डिन ने कहा, “मैं विवादास्पद नागरिकता संशोधन अधिनियम को अधिसूचित करने के भारत सरकार के फैसले से, खासकर भारत के मुस्लिम समुदाय पर इस कानून के संभावित प्रभाव से बहुत चिंतित हूं। मामले को बदतर बनाने वाली बात यह है कि इसे रमज़ान के पवित्र महीने के दौरान लागू किया जा रहा है।”
उन्होंने कहा, “जैसे-जैसे अमेरिका-भारत संबंध गहराते जा रहे हैं, यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि हमारा सहयोग धर्म से परे सभी व्यक्तियों के मानवाधिकारों की रक्षा के हमारे साझा मूल्यों पर आधारित हो।”
पिछले हफ्ते अमेरिका के विदेश विभाग ने भी सीएए को अधिसूचित करने को लेकर चिंता जताई थी और कहा था कि धार्मिक स्वतंत्रता का सम्मान और सभी समुदायों के लिए कानून के तहत समान व्यवहार मौलिक लोकतांत्रिक सिद्धांत हैं।
भारत ने अमेरिकी विदेश विभाग द्वारा सीएए की आलोचना पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा था कि यह "गलत सूचना पर आधारित और अनुचित" है।
एक अलग बयान में, ‘हिंदू पॉलिसी रिसर्च एंड एडवोकेसी कलेक्टिव (हिंदूपैक्ट)’ और ‘ग्लोबल हिंदू हैरिटेज फाउंडेशन’ ने सीएए का समर्थन किया है।
इन संगठनों ने कहा कि इस कानून में भारत के पड़ोसी देशों के प्रताड़ित हिंदू, ईसाई, सिख, बौद्ध, जैन और पारसी अल्पसंख्यकों को त्वरित नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान है।
उन्होंने कहा कि यह वैश्विक मानवीय सिद्धांतों के अनुरूप धार्मिक उत्पीड़न के खिलाफ व्यक्तियों और परिवारों की सुरक्षा के प्रति भारत के समर्पण को रेखांकित करता है।
‘हिंदूपैक्ट’ के संस्थापक और सह-संयोजक अजय शाह ने कहा, “सीएए भारत के किसी भी नागरिक को प्रभावित नहीं करता है। इस कानून को गैर-धर्मनिरपेक्ष बताया जाना निराधार है। भारत के पड़ोसी देशों में हिंदू अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव किया जाता है।”
उन्होंने कहा, “अमेरिकियों के तौर पर, हम इस बात से निराश हैं कि अमेरिकी मूल्यों और प्रताड़ित लोगों के मानवाधिकारों के लिए खड़े होने के बजाय, हमारी सरकार ने इस मानवीय प्रयास का विरोध करने का फैसला किया है।”
‘ग्लोबल हिंदू हैरिटेज फाउंडेशन’ के वीएस नायपॉल ने कहा, “नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 अल्पसंख्यकों की दुर्दशा से संबंधित है, जो हमारे पड़ोसी इस्लामी देशों में क्रूरता, उत्पीड़न, जबरन धर्मांतरण, हत्या, बलात्कार और सभी प्रकार के अत्याचारों का सामना कर रहे हैं, जहां धर्मनिरपेक्षता, शांति और मानवता का विचार टिक नहीं सकता है।”(भाषा)
रिपब्लिकन पार्टी से अमेरिकी राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनने की कोशिश कर चुके विवेक रामास्वामी उपराष्ट्रपति पद के लिए डोनाल्ड ट्रंप की पसंद नहीं हैं.
समाचार एजेंसी ब्लूमबर्ग के अनुसार, डोनाल्ड ट्रंप अगर अमेरिका के राष्ट्रपति बनने में दोबारा सफल रहे, तो वे रामास्वामी की जगह किसी और को उपराष्ट्रपति बना सकते हैं.
इसके अनुसार, डोनाल्ड ट्रंप ने विवेक रामास्वामी से निजी तौर पर कह दिया है कि वे उपराष्ट्रपति पद के लिए उनकी पसंद नहीं हैं.
हालांकि इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि विवेक रामास्वामी के संवाद कौशल और भारतीय मूल के अमेरिकी होने के कारण उन्हें होमलैंड सिक्योरिटी मंत्रालय का मंत्री बनाया जा सकता है.
रामास्वामी को यह ज़िम्मेदारी मिलने पर आप्रवासन नीति को लेकर अमेरिकी सरकार की आलोचना से निपटने में मदद मिल सकती है.
रिपब्लिकन पार्टी से राष्ट्रपति पद के लिए तीसरी बार उम्मीदवार बनने में सफल रहने के बाद ट्रंप ने हाल में अपने सहयोगियों से इस बात पर चर्चा की थी कि सरकार बनने में किन्हें कौन सा पद दिया जाएगा.
इसी दौरान रामास्वामी के नाम पर भी विचार किया गया था. इस घटनाक्रम से जुड़े लोगों ने बताया है कि वफादारी, वैचारिक मेल और वोट जुटाने की काबिलियत के आधार पर ट्रंप विभिन्न पद के लिए उम्मीदवारों के नामों पर विचार कर रहे हैं.
बताया गया है कि डग बरगम, एलिस स्टेफेनिक और रॉबर्ट लाइटहाइजर कैबिनेट पोस्ट के लिए ट्रंप और उनकी टीम की पसंद है.
बताया गया है कि ट्रंप ऐसे शख़्स को उपराष्ट्रपति बनाना चाहते हैं, जो लाइमलाइट से प्रभावित न हो, बल्कि राष्ट्रपति जो बाइडन के ख़िलाफ़ चुनाव जीतने में उनकी मदद करे.
ट्रंप के क़रीबियों के अनुसार, अभी जो भी नाम चर्चा में हैं, उनमें से कोई भी उपराष्ट्रपति पद के लिए डोनाल्ड ट्रंप की पसंद नहीं हैं. (bbc.com/hindi)
महसा अमीनीसंयुक्त राष्ट्र के एक फैक्ट फ़ाइंडिंग मिशन ने पाया है कि ईरान में महिलाओं के साथ अभी भी बड़े पैमाने पर भेदभाव हो रहा है.
वहीं मिशन ने अपनी जांच में पाया है कि दो साल पहले हुई महसा अमीनी की मौत ग़ैरक़ानूनी थी और उनकी मौत पुलिस हिंसा में हुई थी.
जिनेवा में ह्यूमन राइट्स काउंसिल की बैठक में मिशन की प्रमुख सारा हुसैन ने कहा है कि देश में एआई और तकनीक की मदद से महिलाओं पर नज़र रखी जा रही है. वो हिजाब के नियमों का पालन कर रही हैं या नहीं, इसके लिए सरकार हर मशीनरी का प्रयोग कर रही है.
उन्होंने बताया कि ईरान में पिछले साल कम से कम 834 लोगों को मौत की सज़ा दी गई है.
बीजिंग, 18 मार्च । रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार को कहा कि रूस-चीन संबंध गहरे और विकसित होते रहेंगे, नई उपलब्धियां हासिल करेंगे और दोनों देशों के लोगों को लाभ होगा।
पुतिन ने चुनाव के बाद आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में भाषण दिया और मतदाताओं को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया। चीनी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि वर्षों के विकास के बाद, रूस-चीन संबंध बहुत स्थिर और अत्यधिक पूरक हैं।
पुतिन ने बताया कि रूस और चीन के बीच आर्थिक, कूटनीतिक और अन्य क्षेत्रों में अभिसरण के कई बिंदु हैं। जहां तक यूरेशियाई क्षेत्र के विकास का सवाल है, रूस-चीन संबंध एक महत्वपूर्ण स्थिर कारक हैं, और चीन द्वारा प्रस्तावित "बेल्ट एंड रोड" के सह- निर्माण वाली पहल बहुत महत्वपूर्ण है।
पुतिन ने चीन की विकास उपलब्धियों पर सकारात्मक बात की। उनका मानना है कि चीन बड़े आत्मविश्वास के साथ तेजी से विकास हासिल कर रहा है और अभिनव अर्थव्यवस्था में तब्दील हो रहा है। चीन अंतरराष्ट्रीय मंच पर दिन-ब-दिन सक्रिय है और बड़ी सफलता हासिल की है, दुनिया भर में उसके कई दोस्त हैं।
पुतिन ने इस बात पर जोर दिया कि थाईवान चीन का एक अविभाज्य हिस्सा है। थाईवान के चारों ओर उकसावे भड़काने और चीन के विकास को रोकने के लिए विभिन्न उपाय करने की कु-चेष्टा निस्संदेह पूरी तरह से विफल हो जाएगी। (आईएएनएस)
बीजिंग, 18 मार्च । चीन में दक्षिण-से-उत्तर जल मोड़ परियोजना समूह से मिली खबर के अनुसार, इस परियोजना के पूर्व और मध्य लाइनों के पहले चरण में कुल 70 अरब घन मीटर पानी स्थानांतरित किया गया, जिससे 17.6 करोड़ लोगों को लाभ हुआ है।
12 दिसंबर 2014 को, दक्षिण-से-उत्तर जल मोड़ परियोजना के पूर्व और मध्य लाइनों का पहला चरण पूरी तरह से पानी के लिए खोल दिया गया था। 18 मार्च, 2024 के दोपहर बाद 2 बजे तक, 70 अरब घन मीटर पानी दक्षिण चीन से उत्तर चीन तक मोड़ा गया।
मध्य लाइन से पेइचिंग और थ्येनचिन दोनों शहरों, हनान और हपेई दोनों प्रांतों तक कुल 62.593 अरब घन मीटर पानी को पहुंचाया गया, जबकि, पूर्व लाइन से शानतोंग प्रांत तक 6.777 अरब घन मीटर पानी को मोड़ा गया।
बता दें कि दक्षिण-से-उत्तर जल मोड़ परियोजना चीन में राष्ट्रीय जल नेटवर्क का मुख्य ढांचा है। इस परियोजना के माध्यम से देश के दक्षिण में पर्याप्त पानी को उत्तरी भागों में पहुंचाया जाता है, जिससे पानी प्राप्त क्षेत्रों में लोगों को पेयजल सुरक्षा की गारंटी मिली, और स्थानीय आर्थिक सामाजिक उच्च गुणवत्ता वाले विकास को समर्थन मिला। (आईएएनएस)
बीजिंग, 18 मार्च । चीन में नवीन ऊर्जा वाहन के विकास को न सिर्फ सरकारी विभाग, बल्कि उद्यम भी सक्रियता से बढ़ाते हैं। ऑनलाइन-ऑफलाइन और पुराने के बदले नए वाहनों के तरीके से कारों की खपत बढ़ रही है।
चीन की तोंगफंग मोटर कंपनी ने सबसे पहले पूरे देश में पुराने वाहनों से नये वाहन बदलने का कदम उठाया। इससे उपभोक्ता को तोंगफंग मोटर के अधीनस्थ 50 से अधिक मॉडल के कार खरीदने में छूट मिलती है। ऑनलाइन प्लेटफोर्म जेडी डॉट कॉम ने 16 मार्च को कार खपत बढ़ाने के लिए 50 कार ब्रांडों के साथ 50 करोड़ युआन तक सब्सिडी बढ़ाने की घोषणा की।
चीनी वाणिज्य मंत्रालय के संबंधित अधिकारी ने कहा कि इस साल पुराने के बदले नए वाहन खरीदने को प्राथमिकता दी जाएगी। संपूर्ण उद्योग श्रृंखला और पूरी प्रक्रिया में नवीन ऊर्जा वाहन के बाजार का विस्तार किया जाएगा। नई गुणवत्ता वाली उत्पादक शक्तियों के सहारे नवीन ऊर्जा वाहन की खपत बढ़ाई गई। इससे पहले एक पारंपरिक ईंधन वाहन बनाने में लगभग 200 चिप्स की आवश्यकता होती थी, अब एक स्मार्ट नवीन ऊर्जा वाहन को 1,000 से अधिक चिप्स की जरूरत है।
नई गुणवत्ता वाली उत्पादक शक्तियों के तेज विकास से चिप्स की क्षमता उन्नत होगी और उपभोक्ताओं को बेहतर अनुभव दिया जाएगा। चीन दुनिया में नवीन ऊर्जा वाहन का सबसे बड़ा उपभोक्ता देश है। दुनिया भर में नवीन ऊर्जा वाहन के उत्पादन और बिक्री में चीन का 60 प्रतिशत से अधिक हिस्सा है। चीनी उद्यम अंतर्राष्ट्रीय बाजार के विस्तार में लगातार प्रयास करेंगे। (आईएएनएस)
बीजिंग, 18 मार्च । चीन के यांग्त्ज़ी नदी डेल्टा में इस साल वसंत की सैर के लिए रेलवे पर परिवहन 15 मार्च से 15 अप्रैल तक चलेगा, जो 32 दिन होगा।
वसंत की सैर शुरू होने के बाद पहले सप्ताहांत यानी 16 और 17 मार्च को लोगों ने 76 लाख बार यात्रा की। प्रतिदिन औसतन 25 लाख से अधिक यात्रियों को भेजा गया, जो पिछले सप्ताहांत की तुलना में प्रतिदिन करीब 2 लाख अधिक है।
अनुमान है कि वसंत की सैर के दौरान यात्री कुल 7 करोड़ 80 लाख बार पर्यटन करेंगे। प्रतिदिन औसतन 24 लाख 38 हजार यात्रियों को भेजा जाएगा। इस साल अधिकतर पर्यटक सप्ताहांत में यात्रा करेंगे। इसके साथ खेल आयोजन और सेलिब्रिटी संगीत समारोह के लिए ट्रेनों में लोगों की भारी भीड़ होगी। इसके लिए रेलवे विभाग ट्रेन में भीड़ के अनुरूप उचित कदम उठाएंगे। (आईएएनएस)
तेल अवीव, 18 मार्च। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमास के साथ विनाशकारी युद्ध के बीच अपने नेतृत्व के खिलाफ अमेरिका की बढ़ती आलोचना पर रविवार को पलटवार किया और नए सिरे से चुनाव के आह्वान को पूरी तरह से अनुचित बताया।
हाल के दिनों में अमेरिकी सीनेट के बहुसंख्यक नेता चक शूमर ने इज़राइल से नए सिरे से चुनाव कराने का आह्वान करते हुए कहा था कि नेतन्याहू रास्ता भटक चुके हैं।
राष्ट्रपति जो बाइडेन ने शूमर के भाषण का समर्थन किया था।
इससे पहले बाइडेन गाजा में बड़ी संख्या में नागरिकों की मौत को लेकर नेतन्याहू पर इजरायल को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया था।
नेतन्याहू ने टीवी चैनल 'फॉक्स' न्यूज को बताया कि 11 सितंबर 2001 के हमलों के बाद इज़राइल ने कभी भी नए सिरे से अमेरिका में चुनाव कराने का आह्वान नहीं किया होगा। उन्होंने शूमर की टिप्पणियों को अनुचित बताया।
उन्होंने कहा "हम कोई साधारण गणराज्य नहीं हैं। इज़राइल के लोग तय करेंगे कि उनके यहां चुनाव कब होंगे और वे किसे चुनेंगे और यह कोई ऐसी चीज़ नहीं है जिसे हम पर थोपा जाएगा।"
सीएनएन द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या वह युद्ध समाप्त होने के बाद नए चुनाव के लिए प्रतिबद्ध होंगे, नेतन्याहू ने कहा "मुझे लगता है कि यह इजराइली जनता को तय करना है।" (एपी)
मुजफ्फरनगर (उप्र), 18 मार्च। वाराणसी से बोर्ड परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाएं लेकर मुजफ्फरनगर एसडी इंटर कॉलेज आए एक शिक्षक की पुलिस के एक मुख्य आरक्षी ने आपसी विवाद के बाद गोली मारकर हत्या कर दी।
अपर पुलिस अधीक्षक (नगर) सत्यनारायण प्रजापत ने सोमवार को यहां बताया कि वाराणसी के शिक्षा विभाग की एक टीम पुलिस की सुरक्षा में मुजफ्फरनगर के सिविल लाइंस क्षेत्र में स्थित एसडी इंटर कॉलेज में बोर्ड परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाएं लेकर आई थी। शिक्षा विभाग की टीम में शिक्षक धर्मेंद्र कुमार, संतोष कुमार और दो चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी शामिल थे। कॉलेज का द्वार बंद होने के कारण टीम के सदस्य वाहन में ही बैठे हुए थे।
उन्होंने बताया कि रविवार रात को कॉलेज के बाहर वाहन में सोते समय शिक्षक धर्मेंद्र और मुख्य आरक्षी चंद्र प्रकाश के बीच किसी बात को लेकर झड़प हो गई तथा इसी दौरान चंद्र प्रकाश ने अपनी सरकारी बंदूक से धर्मेंद्र को गोली मार दी।
प्रजापत ने बताया कि गंभीर रूप से घायल शिक्षक धर्मेंद्र कुमार को अस्पताल ले जाया गया जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। शिक्षक के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है।
उन्होंने बताया कि पुलिस ने आरोपी मुख्य आरक्षी के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। (भाषा)
उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया और अमेरिका के संयुक्त सैन्य अभ्यास के एक दिन बाद अपने पूर्वी समुद्री इलाक़े की ओर कई शॉर्ट रेंज मिसाइलें दागीं.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़ जापान के प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा ने संसद के एक सत्र के दौरान कहा कि उत्तर कोरिया ने कोरिया प्रायद्वीप और जापान के बीच जल क्षेत्र में कई मिसाइलें दागी हैं.
उन्होंने कहा, ''ये मिसाइलें जापान के एक्सक्लूसिव इकनॉमिक ज़ोन के बाहर गिरी हैं और इससे किसी नुक़सान की ख़बर नहीं है. किशिदा ने कहा कि उत्तरी कोरिया की इस कार्रवाई जापान की शांति और सुरक्षा के लिए चेतावनी है. यह इस क्षेत्र और अंतरराष्ट्रीय जगत दोनों के लिए ख़तरा है. उत्तर कोरिया ने मिसाइलें दाग कर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव का उल्लंघन किया है.''
सुरक्षा परिषद ने उत्तर कोरिया की मिसाइल गतिविधियों को प्रतिबंधित कर दिया है. उत्तर कोरिया के पड़ोसी देश दक्षिण कोरिया की सेना ने भी कहा है कि उसे भी शॉर्ट रेंज की कुछ संदिग्ध मिसाइलें मिली हैं.
उत्तर कोरिया के नजदीक दक्षिण कोरिया और अमेरिका के बीच 11 दिनों का कंप्यूटर सिमुलेटेड कमांड पोस्ट ट्रेनिंग चल रही थी. इस सैन्य अभ्यास के दौरान 48 फील्ड एक्सरसाइज को अंजाम दिया है. यह पिछले से साल से दोगुनी एक्सरसाइज है. (bbc.com/hindi)
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अगर वो नवंबर में राष्ट्रपति चुनाव नहीं जीतते हैं तो इसका मतलब ये होगा कि अमेरिका में अब लोकतंत्र ख़त्म हो सकता है.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक़ आयातित कारों पर टैरिफ लगाने और अमेरिकी वाहन उद्योग को विदेशी प्रतियोगिता से बचाने के विषय पर दिए जा रहे भाषण में अचानक ट्रंप ने कहा,''अगर मैं नहीं जीता तो पूरे देश में ख़ूनख़राबा हो सकता है.''
ट्रंप ने कहा,''अगर हम चुनाव नहीं जीते तो मुझे नहीं लगता कि देश अब कोई चुनाव नहीं होगा.''
रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति उम्मीदवार की दौड़ में सबसे आगे चल रहे ट्रंप ने ओहायो में अपने समर्थकों को संबोधन के दौरान ये दावा किया. इससे पहले वो कई बार ये कह चुके हैं कि 2020 में वो चुनाव में धांधली की वजह से जो बाइडन से हार गए थे.
ट्रंप के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए जो बाइडन के चुनाव अभियान के प्रवक्ता जेम्स सिंगर ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति बदला लेने के लिए आतुर है.
यह उनके अतिवाद को दिखाता है. ट्रंप राजनीतिक हिंसा की धमकी दे रहे हैं. अपने भाषण में ट्रंप ने देश में अवैध प्रवासियों का भी मुद्दा उठाया. हालांकि उन्होंने ब्लैक और हिस्पैनिक मतदाताओं से वोट देने की अपील की.
दोबारा राष्ट्रपति बनने की कोशिश में जुड़े ट्रंप को सहयोगियों का विरोध का भी सामना करना पड़ रहा है. पूर्व उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने कहा है कि वो नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप का समर्थन नहीं करेंगे.
पेंस ने शुक्रवार को कहा इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि मैं इस वर्ष डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन नहीं करूंगा. रिपब्लिकन पार्टी की ओर से राष्ट्रपति चुनाव में प्रत्याशी बनने की दौड़ में पेंस भी ट्रंप को चुनौती देने वालों में शामिल थे. लेकिन पिछले वर्ष अक्टूबर में वह पीछे हट गए थे. (bbc.com/hindi)
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने चुनावों में धांधली रोकने के लिए देश में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से मतदान कराने की वकालत की है.
सोशल मीडिया पर जारी एक वीडियो और एक्स पर किए एक ट्वीट में इमरान ख़ान ने कहा, "अगर पाकिस्तान में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन होती, तो चुनाव में धांधली का मामला एक घंटे में हल हो जाता."
पाकिस्तान तहरीक़-ए-इंसाफ़ के संस्थापक इमरान ख़ान का यह बयान शनिवार को रावलपिंडी की अदियाला जेल में पत्रकारों से हुई उनकी बातचीत के दौरान आया.
इस बातचीत के दौरान उन्होंने आम चुनावों में धांधली होने और सब कुछ पहले से फिक्स होने का आरोप लगाया है.
इमरान ख़ान ने 'जनादेश की चोरी करने' और देशद्रोह करने का आरोप भी लगाया है.
उन्होंने एलान किया है कि चुनाव में हुई धांधली के सबूतों के साथ वे अगले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट जाएंगे.
उन्होंने दावा किया कि इस समय देश एक ओर खड़ा है, जबकि सत्ता प्रतिष्ठान और कुछ दल दूसरी ओर खड़े हैं. (bbc.com/hindi)
व्लादिमीर पुतिन ने राष्ट्रपति चुनाव में भारी अंतर से जीत का दावा किया है. इस जीत के बाद रूस के मौजूदा राष्ट्रपति पुतिन पांचवीं बार इस पद की जिम्मेदारी संभालेंगे.
पुतिन लगातार ये दावा कर रहे थे कि पांचवीं बार भी उनकी जीत होगी. चुनाव नतीजों के बाद जब उन्होंने 87 फ़ीसदी वोट मिलने का दावा किया गया. इस एलान के बाद उन्होंने कहा कि रूस का लोकतंत्र कई पश्चिमी देशों की तुलना में ज़्यादा पारदर्शी है. राष्ट्रपति चुनाव में पुतिन के ख़िलाफ़ खड़े तीन उम्मीदवारों को 'रबर-स्टैम्प' कहा जा रहा था.
बीबीसी न्यूज़ के मुताबिक़ वास्तव में किसी भी विश्वसनीय विपक्षी नेता को खड़े होने की इजाज़त नहीं दी गई थी. चुनाव नतीजों के एलान के बाद पुतिन के सबसे मुखर आलोचक रहे विपक्षी नेता एलेक्सी नवेलनी के समर्थकों ने सांकेतिक प्रदर्शन किया.
कई पश्चिमी देशों ने कहा है कि रूस का राष्ट्रपति चुनाव न तो स्वतंत्र था और न पारदर्शी. जर्मनी ने इसे एक अधिनायकवादी नेता के तहत कराया गया 'छद्म चुनाव' करार दिया. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने कहा,''रूसी तानाशाह एक और चुनाव का नाटक कर रहा है.'' (bbc.com/hindi)
इस्लामाबाद, 17 मार्च। दक्षिणी अफगानिस्तान में एक सड़क दुर्घटना में कम से कम 21 लोगों की मौत हो गई और 38 अन्य घायल हो गए। प्रांतीय यातायात विभाग की तरफ से यह जानकारी दी गई।
हेलमंद में विभाग की ओर से एक बयान में कहा गया है कि दुर्घटना रविवार सुबह दक्षिणी कंधार और पश्चिमी हेरात प्रांतों के बीच मुख्य राजमार्ग पर हेलमंद प्रांत के गेराश्क जिले में हुई।
हेलमंद में एक यातायात अधिकारी कादरतुल्ला ने कहा कि एक मोटरसाइकिल सवार अपने वाहन समेत एक यात्री बस से टकरा गया। इसके बाद बस सड़क के विपरीत दिशा में एक ईंधन टैंकर से टकरा गई। उन्होंने कहा कि दुर्घटना की जांच चल रही है।
हेलमंद पुलिस प्रमुख के प्रवक्ता एज़ातुल्ला हक्कानी ने कहा कि 38 घायल लोगों में से 11 को गंभीर चोटों के कारण अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
सड़कों की खराब स्थिति और वाहन चालकों की लापरवाही के कारण अफगानिस्तान में सड़क दुर्घटनाओं के मामले अक्सर सामने आते रहे हैं। (एपी)
बेरूत, 17 मार्च। इजराइल ने शनिवार देर रात दक्षिणी सीरिया में कई स्थानों पर हवाई हमले किए जिसमें एक सैनिक घायल हो गया।
सीरिया की सरकारी समाचार एजेंसी ‘सना’ ने एक अज्ञात सैन्य अधिकारी के हवाले से बताया कि वायु रक्षा प्रणाली ने इजराइल के कब्जे वाले गोलन हाइट्स की ओर से देर रात स्थानीय समयानुसार 12:42 बजे आयी कुछ मिसाइलों को मार गिराया।
एक बयान में कहा गया है कि इन हमलों से नुकसान पहुंचा है और एक सैनिक घायल हो गया है।
युद्ध पर निगरानी रखने वाले ब्रिटेन स्थित संगठन ‘सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमैन राइट्स’ ने बताया कि इजराइली हवाई हमलों में दमिश्क के उत्तरपूर्वी कलमौन पर्वत पर स्थित दो सैन्य अड्डों को निशाना बनाया गया। इस इलाके में लेबनान का चरमपंथी समूह हिजबुल्ला की मौजूदगी है।
उसने बताया कि हमलों में हथियारों की एक खेप को निशाना बनाया गया।
ब्रिटिश संगठन ने बताया कि यह 2024 में सीरिया में इजराइल का 24वां हमला है। उन्होंने हिजबुल्ला और ईरान के अर्द्धसैनिक बल रेवोल्यूशनरी गार्ड समेत विभिन्न समूहों के 43 लड़ाके मार गिराए हैं और नौ नागरिकों की भी मौत हुई है।
इजराइली अधिकारियों ने फिलहाल इन हमलों पर कोई बयान नहीं दिया है।
एपी गोला नोमान नोमान 1703 0822 बेरूत (एपी)
हांगकांग में लोकतंत्र के समर्थन में 2019 में हुए प्रदर्शन में शामिल रहने पर एक्टर ग्रेगरी वॉन्ग सहित कुल 12 लोगों को जेल की सज़ा सुनाई गई है.
वहां की ज़िला अदालत ने शनिवार को एक्टर वॉन्ग को छह साल से अधिक की सज़ा सुनाई.
एक्टिविस्ट वेंटस लाउ विंग-होंग और ओवन चाउ को भी क़ैद की सज़ा दी गई है.
वहीं दो पत्रकारों को लेजिस्लेटिव काउंसिल के चैंबर में बिना अनुमति के घुसने पर जुर्माना लगाया गया है.
दोषी क़रार दिए गए लोगों में से ज़्यादातर पर दंगे कराने के आरोप थे.
क्या था मामला
यह मामला जुलाई 2019 का है, जब हांगकांग में एक विवादास्पद क़ानून लाया जा रहा था.
इसके तहत, यहां के लोगों को चीन की मुख्य भूमि में प्रत्यर्पण किया जा सकता था.
इस क़ानून के विरोध में हांगकांग में काफ़ी विरोध प्रदर्शन हुए थे. सैकड़ों प्रदर्शनकारी लेजिस्लेटिव काउंसिल में घुस गए थे और दीवारों पर अपना संदेश पेंट कर दिया था. (bbc.com/hindi)
कीव, 16 मार्च । रूस ने यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खार्किव पर हमले किए, जिसमें दो लोग घायल हो गए। हमलों से महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को भी नुकसान पहुंचा है। गवर्नर ओलेह सिनीहुबोव ने शनिवार को यह जानकारी दी।
द कीव इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेन की वायुसेना ने कहा कि शुक्रवार शाम खार्किव क्षेत्र में दो हमलावर ड्रोनों को मार गिराया है। खार्किव क्षेत्र के सीमावर्ती इलाकों में रूसी सेना हर रोज हमला करती है।
द कीव इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट के अनुसार, गवर्नर ओलेह सिनीहुबोव का कहना है कि रूसी सीमा से 10 किमी से भी कम दूरी पर स्थित ओख्रीमिव्का गांव पर रूसी ड्रोन हमले में दो लोग घायल हो गए।
ड्रोन ने कोजाचा लोपन गांव में एक अज्ञात महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा स्थल पर भी हमला किया, जिससे क्षति हुई। सिनीहुबोव ने कहा कि एक रूसी निर्देशित हवाई बम ने सिनेलनीकोव गांव में एक घर को क्षतिग्रस्त कर दिया।
(आईएएनएस)