राष्ट्रीय
नयी दिल्ली, 25 जुलाई दिल्ली की एक अदालत ने कथित आबकारी घोटाले से जुड़े धनशोधन और भ्रष्टाचार के मामलों में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत बृहस्पतिवार को बढ़ा दी।
विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से दर्ज धनशोधन मामले में केजरीवाल की हिरासत 31 जुलाई तक बढ़ा दी जबकि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार के एक मामले में उनकी न्यायिक हिरासत आठ अगस्त तक बढ़ा दी गई।
न्यायाधीश ने धनशोधन के मामले में आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, भारत राष्ट्र समिति की नेता के. कविता और अन्य आरोपियों की न्यायिक हिरासत भी 31 जुलाई तक बढ़ा दी।
आरोपियों को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अदालत में पेश किया गया।
उच्चतम न्यायालय ने इससे पहले ईडी द्वारा दर्ज मामले में केजरीवाल को अंतरिम जमानत दे दी थी लेकिन वह तिहाड़ जेल में ही बंद रहे क्योंकि उन्होंने मामले में जमानती मुचलका नहीं भरा।
केजरीवाल सीबीआई द्वारा दर्ज मामले में न्यायिक हिरासत में हैं। (भाषा)
मुंबई, 25 जुलाई । महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख द्वारा उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर लगाए गए आरोपों पर भाजपा विधायक राम कदम ने पलटवार किया है। भाजपा विधायक ने उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर पकड़े गए विस्फोटक पदार्थ को पूर्व गृह मंत्री का करीबी बताते हुए देवेंद्र फडणवीस को भगवान जैसा आदमी बताया। वह कहते हैं, “पुलिस द्वारा 100 करोड़ की वसूली में कई साल जेल में रहे, वर्तमान में जमानत पर जेल से बाहर आये शरद पवार गुट के नेता महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर आरोप लगा रहे हैं। क्या विधानसभा चुनाव नजदीक होने की वजह से सनसनी फैलाने के इरादे से लोगों को भ्रमित किया जा रहा है? अगर आरोपों में तथ्य थे तो पिछले दो सालों में चुप्पी का क्या कारण है?
क्या किसी ने आपकी बोलती बंद की थी”? उन्होंने आगे कहा, मनसुख हिरेन के मर्डर से लेकर सचिन वाजे जैसे वसूलीबाज को नौकरी में लेने का संबंध किससे था? देश से लेकर पूरी दुनिया ने देखा कि मुकेश अंबानी के घर के नीचे विस्फोटक पदार्थ रखा गया, उससे किसका संबंध था? जवाब है सचिन वाजे का। सचिन वाजे किसका आदमी है, जवाब है- शरद पवार के गुट के नेता का। जब यह कई सारे तार देश और दुनिया के सामने आएंगे तो शरद पवार गुट के नेता देश और दुनिया में मुंह दिखाने के काबिल नहीं बचेंगे”। “देवेंद्र फडणवीस की छवि महाराष्ट्र में एक नेक भगवान जैसे इंसान की है। विधानसभा चुनाव को लेकर उनकी छवि को धूमिल करने की साजिश को महाराष्ट्र की जनता भली-भांति जानती है”।
गौरतलब है कि इससे पहले अनिल देशमुख ने देवेंद्र फडणवीस पर आरोप लगाते हुए कहा था कि फडणवीस का एक सहयोगी मुझसे कई बार मिलने आया। उसने फोन से मेरी बातचीत फडणवीस से करवाई। फोन पर फडणवीस ने मुझसे कहा कि वह समीक्षा के लिए कुछ दस्तावेज भेज रहे हैं। इसके अलावा यह भी कहा कि अगर अजित पवार पर आरोप लगाना संभव नहीं है, तो मुझे उद्धव ठाकरे और अनिल परब (शिवसेना) के खिलाफ आगे बोलना चाहिए। -(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 25 जुलाई । आबकारी नीति घोटाले से जुड़े सीबीआई की ओर से दायर मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत बढ़ा दी गई है। न्यायिक हिरासत की अवधि समाप्त होने पर आज उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अदालत में पेश किया गया था। बता दें कि मुख्यमंत्री वर्तमान में ईडी और सीबीआई दोनों ही मामलों में जेल में बंद हैं। मनी लॉन्ड्रिंग के कथित आरोप में ईडी ने हिरासत में लिया था, जबकि सीबीआई ने 26 जून को भ्रष्टाचार मामले में उनका पर शिकंजा कसा था। दोनों ही जांच एजेंसियों द्वारा उठाया गया यह कदम केजरीवाल के लिए दोहरे झटके के समान है। ध्यान दें, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल चुकी है, जबकि सीबीआई का मामला अभी दिल्ली हाईकोर्ट में विचाराधीन है। उधर, केजरीवाल के अलावा मनीष सिसोदिया और के कविता को भी आज अदालत में पेश किया गया।
सिसोदिया और के कविता की न्यायिक हिरासत 31 जुलाई तक के लिए बढ़ा दी गई है, जबकि केजरीवाल को अब आठ अगस्त तक सलाखों के पीछे रहना होगा। केजरीवाल के अलावा मनीष सिसोदिया और के कविता के ऊपर भी शराब घोटाला मामले में गाज गिरी है। सीएम केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और के कविता शराब घोटाला मामले में अभी तिहाड़ जल में बंद है। तीनों के खिलाफ मामला कोर्ट में विचाराधीन है।
तीनों को लगातार अदालत से निराशा ही हाथ लग रही है। इससे पहले, केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 25 जुलाई के लिए बढ़ाई गई थी। न्यायिक हिरासत की अवधि समाप्त होने के बाद आज उन्हें अदालत के समक्ष वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए पेश किया गया। केजरीवाल 21 मार्च से दिल्ली शराब घोटाला मामले में जेल में बंद हैं। अब तक वो कई दफा राहत के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटा चुके हैं, लेकिन अभी तक उनके लिए राहत की कोई भी संभावना जन्म लेती हुई नजर नहीं आ रही है। बता दें कि दिल्ली शराब घोटाला मामले की जांच सीबीआई और ईडी दोनों ही जांच एजेंसियां कर रही हैं। ईडी जहां मनी लॉन्ड्रिंग एंगल से दिल्ली शराब घोटाले की जांच कर रही है, तो वहीं सीबीआई भ्रष्टाचार के एंगल से जांच कर रही है। उधर, आम आदमी पार्टी लगातार अपने नेताओं का बचाव करने में लगी हुई है। (आईएएनएस)
पुणे (महाराष्ट्र), 25 जुलाई । महाराष्ट्र के पुणे में रात भर हुई झमाझम बारिश से जिले के बड़े हिस्से बाढ़ के पानी में डूब गए हैं। लोगों की मदद के लिए नावों को तैनात किया गया है। वहीं बारिश के कारण स्कूल बंद कर दिए गए हैं। शहर की अग्निशमन ब्रिगेड, पुलिस, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें तथा अन्य एजेंसियां कई क्षेत्रों में पानी में फंसे लोगों को बचाने के लिए पहुंच गई हैं। गुरुवार सुबह लोग जब उठे तो उन्होंने खुद को 3-5 फीट गहरे पानी में फंसा पाया। टीमें नावों के माध्यम से फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रही हैं। बचावकर्मियों ने अपने घरों या दुकानों में फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए नावों और रस्सियों का इस्तेमाल किया। जबकि कुछ घरों में पानी छत तक पहुंच गया है।
एनडीआरएफ ने निंबज नगर, डेक्कन जिमखाना और सिंहगढ़ रोड इलाकों में बचाव अभियान शुरू किया है। ये इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। शहर में पिछले 24 घंटों में 200 मिमी से अधिक बारिश हुई है। केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री तथा पुणे के सांसद मुरलीधर मोहोल ने कहा कि खडकवासला बांध से 40 हजार क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़े जाने से स्थिति और खराब हो गई है। नाराज स्थानीय लोगों ने सरकार की आलोचना की है। उनका कहना है कि सरकार ने बिना कोई सूचना के सुबह करीब 4 बजे मुला-मुथा नदी बेसिन में बांध के गेट खोल दिए। यदि उन्हें पहले जानकारी दी जाती तो लोग सुरक्षित स्थानों पर जा सकते थे। लगभग पूरे शहर में सड़कें, गलियां और रास्ते बाढ़ के पानी में फंसे दोपहिया और चार पहिया वाहनों से अटे पड़े थे। लोग कमर से गर्दन तक गहरे पानी में घुसकर अपने सामान को बचाने का प्रयास कर रहे थे। भिड़े ब्रिज, होल्कर ब्रिज, संगम ब्रिज और आसपास की कॉलोनी, गरवारे कॉलेज के पास खिल्लारे कॉम्प्लेक्स, पीएमसी कार्यालय के सामने स्थित पुल जैसे प्रमुख मार्ग यातायात के लिए बंद कर दिए गए हैं। नदियां उफान पर हैं।
खंडाला-लोनावला, पिंपरी-चिंचवाड़, मुलशी, खेड़, भोर, मावल, हवेली, बारामती और अन्य स्थानों के साथ-साथ लवासा शहर में पिछले 24 घंटों में 300 मिमी से ज्यादा भारी बारिश हुई है। पुणे शहर और अन्य कस्बों के कई इलाकों में बचाव एजेंसियों और पुलिस ने लोगों से घरों के अंदर रहने की अपील की है। बहुमंजिला इमारतों में फंसे लोगों से वहीं रहने का आग्रह किया गया है। एहतियात के तौर पर कुछ इलाकों में बिजली काट दी गई, जिससे समस्याएं और बढ़ गई हैं। डिप्टी सीएम अजित पवार ने कलेक्टर सुहास दिवासे से बात की और कहा कि पुणे के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। सभी टीमें हाई अलर्ट पर हैं। बाढ़ से उत्पन्न स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कोशिशें जारी हैं। -(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 25 जुलाई । आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को सुरक्षित और विश्वसनीय बनाने के लिए केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को स्पष्ट संदेश दिया है कि उन्हें आईटी नियम 2021 के तहत डीपफेक, गलत जानकारी और दुष्प्रचार रोकने के लिए कड़े कदम उठाने होंगे। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्यमंत्री जितिन प्रसाद ने कहा कि सरकार इस बात से अवगत है कि एआई को सुरक्षित और विश्वसनीय बनाने के लिए एक सीमा बनानी होगी। आईटी नियम 2021 सोशल मीडिया इंटरमीडिएरी और प्लेटफार्म की इंटरनेट को सुरक्षित और विश्वसनीय बनाए रखने के लिए जवाबदेही तय करता है।
लोकसभा में एक सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अगर सोशल मीडिया इंटरमीडिएरी और प्लेटफार्म ऐसा करने में असमर्थ होते हैं तो आईटी नियम 2021 में उन पर कार्रवाई किए जाने का प्रावधान है। डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट 2023 को भी पिछले वर्ष ही पारित किया गया है। इसमें डिजिटल पर्सनल डेटा को सुरक्षित रखने के लिए डेटा को मैनेज करने वाली कंपनियों की जवाबदेही तय की गई है। डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट 2023 में नियमों की अनदेखी करने वाली कंपनियों के लिए 50 करोड़ रुपये से लेकर 250 करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान रहै, जिससे नागरिकों के डेटा को सुरक्षित रखते हुए डिजिटल मार्केट को आगे बढ़ाया जा सके। यह बिल भारत में डिजिटल पर्सनल डेटा के प्रोसेसिंग, ऑनलाइन और ऑफलाइन एकत्रीकरण और डिजिटाइजेशन को लेकर है। यह बिल देश के बाहर हुई डेटा प्रोसेसिंग पर भी लागू होता है अगर वस्तुएं और सेवाएं भारत में ऑफर की जा रही हैं। --(आईएएनएस)
पटना, 25 जुलाई । बिहार विधानसभा के मानसून सत्र के चौथे दिन गुरुवार को भी विपक्ष का हंगामा जारी है। इस बीच, युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर हुए पुलिस लाठीचार्ज के विरोध में गुरुवार को कांग्रेस के विधायक मुंह पर काली पट्टी बांधकर विधानसभा पहुंचे। इधर, सदन की कार्यवाही शुरू होने पर भी विपक्ष के सदस्यों का हंगामा जारी रहा। मानसून सत्र के चौथे दिन की शुरुआत के पहले विपक्षी सदस्य आक्रामक दिखे। कांग्रेस के विधायकों ने मुंह पर काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन किया।
कांग्रेस के विधायक राजेश राम ने कहा कि मुख्यमंत्री विरोधियों पर लाठी चलाते रहते हैं। जब भाजपा विपक्ष में थी, तब उन पर लाठी चलवाई और अब कांग्रेस पर। उन्होंने कहा कि कल युवा कांग्रेस के कार्यकर्ता शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे और पुलिस ने लाठीचार्ज किया। इधर, भाजपा के विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने कहा कि जो भी नियम तोड़ेगा उन पर पुलिस कार्रवाई करती है। दरअसल, विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है।
उल्लेखनीय है कि बिहार की राजधानी पटना में प्रदेश युवा कांग्रेस ने बुधवार को विधानसभा घेराव की कोशिश की। इस दौरान पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए लाठीचार्ज किया, जिसके बाद कांग्रेस भड़क उठी है। बिहार में कानून-व्यवस्था की खराब हालत, बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी और पेपर लीक का आरोप लगाकर प्रदेश युवा कांग्रेस ने विधानसभा घेराव का ऐलान किया था। इसी कड़ी में बुधवार को युवा कांग्रेस के कार्यकर्ता राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी के नेतृत्व में विधानसभा घेराव करने निकले थे और पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया था, जिसमें कई कार्यकर्ता घायल हो गए थे। इस बीच, गुरुवार को विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने के बाद ही विपक्षी सदस्यों ने विभिन्न मुद्दों को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। विपक्ष के सदस्य वेल में पहुंच गए और हंगामा करने लगे। विधानसभा अध्यक्ष नन्द किशोर यादव विपक्ष के सदस्यों को अपने स्थान पर जाने का आग्रह करते रहे लेकिन उनका हंगामा जारी है। हालांकि विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही जारी है। -(आईएएनएस)
पुणे, 25 जुलाई । महाराष्ट्र के पुणे में भारी बारिश से लगातार स्थिति बिगड़ती जा रही है। हालात ऐसे हैं कि सरकार ने जिला प्रशासन एवं आपदा प्रबंधन विभाग के लिए अलर्ट जारी किया है। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने गुरुवार को पुणे में भारी बारिश से पैदा हुए हालातों को लेकर अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। उन्होंने जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन को अलर्ट रहने के लिए कहा। साथ ही प्रभावित क्षेत्रों में लोगों तक राहत पहुंचाने का भी निर्देश दिया। डिप्टी सीएम अजित पवार ने पुणे की स्थिति के बारे में कलेक्टर और आपदा निवारण प्राधिकरण के प्रमुख से जानकारी ली। उन्होंने पुणे में भारी बारिश से हुए नुकसान का भी आकलन किया। इसके अलावा उन्होंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का निर्देश दिया।
पुणे में बीते कुछ दिनों से भारी बारिश हो रही है। इसके कारण पुणे के खडकवासला, पिंपरी चिंचवड़ और ग्रामीणों क्षेत्रों में पानी भर गया है। भारी बारिश को देखते हुए प्रशासन की ओर से लगातार अनाउसमेंट कर ग्रामीणों को सावधान किया जा रहा है। ग्रामीणों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से दूरी बनाने के लिए कहा है। इस बीच पुणे में भारी बारिश की स्थिति के मद्देनजर एनडीआरएफ की तीन टीमें तैनात कर दी गई हैं।
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल ने बताया कि दो टीमों को एकता नगर और एक टीम को सिंहगढ़ रोड में तैनात किया गया है। गुरुवार तड़के करंट की चपेट में आने से तीन युवकों की जान चली गई। बता दें कि पुणे में भारी बारिश के कारण शहर के कई हिस्सों में पानी घुस गया है। सिंहगढ़ रोड इलाके की 25 सोसाइटियों में एक हजार से अधिक लोग पानी के कारण फंसे हुए हैं। बताया जा रहा है कि भारी बारिश के चलते 40 दोपहिया वाहन और पांच कारें भी बह गईं। इसके अलावा ठाणे जिला प्रशासन ने भारी बारिश की स्थिति को देखते हुए गुरुवार को सभी स्कूल और कॉलेजों में छुट्टी की घोषणा की गई है। -(आईएएनएस)
पटना, 25 जुलाई । बिहार की राजधानी पटना के सगुना मोड़ इलाके में गुरुवार की सुबह एक कार सर्विस सेंटर में आग लग गई। इस घटना में करोड़ों रुपए की संपत्ति के नुकसान का अनुमान है। हालांकि इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ है। पुलिस के मुताबिक, गुरुवार को दानापुर थाना अंतर्गत सगुना मोड़ के पास कार सर्विस सेंटर में आग लग गई। इस घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस तत्काल घटनास्थल पर पहुंच गई। 12 अग्निशमन की गाड़ियां मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाने की कोशिश में लगी है।
पुलिस के अनुसार, आग पर लगभग काबू पा लिया गया है। बताया जा रहा है कि इस इलाके में आसपास कई घर हैं, जिसे खाली करा दिया गया है। इस घटना में कई गाड़ियों के जलने की भी खबर है। लोगों का कहना है कि सर्विस सेंटर में करोड़ों रुपये के नुकसान की सूचना मिल रही है। आग लगने के कारणों का अब तक पता नहीं चल पाया है, लेकिन शार्ट सर्किट की आशंका व्यक्त की जा रही है। मौके पर बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हैं। इस घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। -(आईएएनएस)
जम्मू, 25 जुलाई । कारगिल विजय की रजत जयंती से पहले शहीदों की याद में जम्मू-कश्मीर में शक्ति उद्घोष फाउंडेशन ने बाइक रैली का आयोजन किया। टूरिज्म विभाग की जॉइंट डायरेक्टर ने बाइक रैली को हरी झंडी दिखाकर सियाचिन के लिए रवाना किया। अहम बात ये है कि सभी बाइकर्स महिलाएं हैं। महिलाओं की यह बाइक रैली जम्मू से शुरू होकर सियाचिन में समाप्त होगी। यहां बाइकर्स द्वारा शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि दी जाएगी। टूरिज्म विभाग की जॉइंट डायरेक्टर सुनेना मेहता ने बताया कि टूरिज्म डायरेक्टर की तरफ से सभी बाइकर्स के लिए रहने की व्यवस्था की गई है। बाइकर्स की जम्मू से सियाचिन बैस कैंप की यात्रा को सुगम बनाने के लिए हमारी ओर से पूरा समर्थन है।
ताकि वह जम्मू से सियाचिन बैस कैंप तक के अपने सफर को सफल बना सकें। उन्होंने कहा, “हमारे वीर जवानों का हौसला बढ़ाने के लिए आज नारी शक्ति बाइक पर सवार होकर सियाचिन के लिए निकली है। हम सबको अपनी तरफ से देश की सेवा के लिए प्रयास करने चाहिए।” बाइकर प्रीति चौधरी ने कहा, “जम्मू से सियाचिन एक बाइक यात्रा लेकर जा रहे हैं, शक्ति उद्घोष फाउंडेशन महिलाओं के उत्थान के लिए काम कर रहा है। जो भारत के साथ हमेशा खड़ा है। हमारा मकसद सभी युवाओं को भारत मां और बॉर्डर पर खड़े जवानों के प्रति प्रेरित करना हैं।” उन्होंने बताया कि बाइकर्स बेटियां जम्मू से सियाचिन जा रही हैं।
हम इस यात्रा के माध्यम से एक कीर्तिमान स्थापित करेंगे, ताकि हर भारत के नागरिक को इस रैली के माध्यम से प्रेरित कर सकें। हम सियाचिन पहुंचकर शहीद स्मारक जाएंगे। यहां कारगिल शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाएगी। इस टोली का हिस्सा शिवानी गौरव भी हैं। उन्होंने कहा, “मैंने इस तरह की रैली में पहली बार हिस्सा लिया है। हम आज सियाचिन के लिए रवाना हो रहे हैं। वहां हम भारत के मां सपूतों को श्रद्धांजलि देंगे, जिन्होंने देश के लिए अपनी शहादत दी।” उन्होंने कहा कि देश की लड़कियां किसी से कम नहीं है। उन्हें भी आगे बढ़ाने की जरूरत है, ताकि वह देश का नाम रोशन कर सकें। अगर आप कुछ भी करना चाहते हो तो आप कर सकते हैं। किसी भी काम को करने के लिए दिल में जज्बा होना चाहिए। -(आईएएनएस)
साबरकांठा, 25 जुलाई । गुजरात के साबरकांठा जिले में भारी बारिश के चलते एक बड़ा हादसा हो गया। भारी बारिश की वजह से कच्चे मकान की दीवार ढह जाने से मकान में सो रहे मां-बेटे की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि एक मां और उसका चार साल का बच्चा अपने कच्चे मकान में सो रहे थे। तभी रात में भारी बारिश की वजह से कच्चे मकान की दीवार उनके ऊपर गिर गई। जिससे दोनों दीवार के मलबे में दब गए। घटना की जानकारी होते ही स्थानीय लोगों ने आनन-फानन में दोनों को पास के ही एक अस्पताल में भर्ती कराया। जहां डॉक्टरों ने मां को मृत घोषित कर दिया। इसके बाद इलाज के दौरान बच्चे की भी मौत हो गई। घटना में दोनों की मौत की खबर से पूरे परिवार में मातम पसर गया। बता दें गुजरात इन दिनों भारी मानसूनी बारिश से जूझ रहा है।
भारी बारिश की वजह से पूरे प्रदेश में जलभराव से जनजीवन अस्त-व्यस्त है। प्रदेश के कई जिलों में घरों के अंदर तक पानी भरने की वजह से लोगों को बचाव और राहत दल ने राहत शिविरों में भेजा है। इसके अलावा कई लोग भारी बारिश की वजह से अपने घरों में बंद रहने को मजबूर हैं। प्रदेश के मौसम विभाग ने भी प्रदेश की कई जगहों पर भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है, साथ ही लोगों को जलाशयों और निचले इलाकों में न जाने की एडवाइजरी जारी की गई है। साबरकांठा जिले में भी भारी बारिश और पूरे इलाके में जलभराव होने की वजह से लोग घरों के अंदर ही रहने को मजबूर हैं। एनडीआरएफ और जिला प्रशासन की कई टीमें आपदा में फंसे लोगों को निकालने के लिए अभियान चला रही है। अब तक कई परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है। --(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 25 जुलाई । लोकसभा चुनाव के बाद से भाजपा में बैठकों का दौर जारी है। इस बीच दिल्ली में भाजपा मुख्यालय में प्रदेश संगठन महामंत्रियों की दो दिवसीय बैठक गुरुवार से शुरू हो गई। जानकारी के अनुसार, इस बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बी एल संतोष मौजूद रहेंगे। इसके अलावा सभी प्रदेशों के संगठन महामंत्री भी बैठक में मौजूद रहेंगे।
भाजपा की प्रदेश संगठन महामंत्रियों की बैठक में लोकसभा चुनाव समेत कई मुद्दों पर चर्चा हो सकती है। बताया जा रहा है कि भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के नेतृत्व में होने वाली बैठक में संगठन के आगामी कार्यक्रमों को लेकर भी चर्चा हो सकती है। इसके साथ ही महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड में होने वाले आगामी चुनाव पर भी फोकस रहेगा। बता दें कि एक दिन पहले 24 जुलाई को दिल्ली के सभी भाजपा सांसदों ने पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। इस दौरान पीएम मोदी और सांसदों के बीच सकारात्मक चर्चा हुई।
इस मुलाकात के दौरान नई दिल्ली सीट से सांसद बांसुरी स्वराज, चांदनी चौक सीट से सांसद प्रवीण खंडेलवाल, पूर्वी दिल्ली सीट से सांसद हर्ष मल्होत्रा, उत्तर-पूर्वी दिल्ली सीट से सांसद मनोज तिवारी, उत्तर-पश्चिमी दिल्ली सीट से सांसद योगेंद्र चंदोलिया, पश्चिमी दिल्ली सीट से सांसद कमलजीत सहरावत, दक्षिणी दिल्ली सीट से सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी मौजूद रहे। 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने दिल्ली की सभी सीटों पर क्लीन स्वीप किया था। हालांकि, भाजपा को लोकसभा चुनाव में सबसे अधिक नुकसान महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश में हुआ है। इसके अलावा राजस्थान में भी कई सीटों पर भाजपा को हार मिली। - (आईएएनएस)
जम्मू, 25 जुलाई । जम्मू-कश्मीर पुलिस ने गुरुवार को कठुआ आतंकी हमले में जैश-ए-मुहम्मद (जेईएम) के दो मददगारों को गिरफ्तार कर एक बड़ी सफलता पाने का दावा किया है। इन दोनों ने आतंकी हमले में जैश की मदद की थी। पुलिस सूत्रों ने बताया कि कठुआ जिले के पहाड़ी इलाके से जैश के दो मददगारों को गिरफ्तार किया गया है। सूत्रों ने कहा, "इन दो आतंकी मददगारों से लगातार पूछताछ की जा रही है। इनसे आतंकवादियों को रणनीतिक और दूसरी सहायता देने में शामिल और लोगों की जानकारी मिलने की संभावना है। उसके बाद उनकी गिरफ्तारी की जाएगी।"
10 जुलाई को कठुआ कस्बे से 150 दूर बदनोटा गांव में सेना के वाहन पर आतंकवादियों ने घात लगाकर हमला किया था जिसमें चार सैनिक और एक स्थानीय पुलिसकर्मी सहित पांच सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे। राजौरी, पुंछ, डोडा, कठुआ, रियासी और उधमपुर सहित जम्मू संभाग के पहाड़ी जिलों में 40 कट्टर विदेशी आतंकवादियों की मौजूदगी की सेना को सूचना मिली है। सेना ने शांतिपूर्ण जम्मू संभाग से आतंकवाद को खत्म करने के लिए 4,000 से अधिक सैनिकों को तैनात किया है, जिनमें शीर्ष पैरा कमांडो और जंगल युद्ध में प्रशिक्षित सैनिक शामिल हैं। --(आईएएनएस)
पुणे, 25 जुलाई। महाराष्ट्र में बारिश लोगों पर कहर बनकर टूट रही है। कई जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति है। पुणे में भारी बारिश के चलते पानी में करंट दौड़ गया और तीन लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। मृतकों की पहचान अभिषेक अजय घाणेकर (25), आकाश विनायक (21), बहादुर परिहार (18) के तौर पर हुई है। बताया जा रहा है कि गुरुवार तड़के करीब तीन बजे भिड़े ब्रिज क्षेत्र में जेड ब्रिज के नीचे अंडा भुर्जी का ठेला को हटाने के लिए तीन शख्स पहुंचे थे। स्थानीय नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा था। पानी के बहाव में स्टॉल बह न जाए। वह तीनों स्टॉल को हटाने के लिए पहुंचे। वह जैसे-तैसे करके स्टॉल को सुरक्षित स्थान पर ले गए। लेकिन, इसी दौरान तीनों करंट की चपेट में आ गए। तीनों को स्थानीय लोगों की मदद से नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
जहां डॉक्टरों ने सुबह 5 बजे उन्हें मृत घोषित कर दिया। बता दें, पुणे में भारी बारिश के कारण शहर के कई हिस्सों में पानी घुस गया है। सिंहगढ़ रोड इलाके की 25 सोसाइटियों में एक हजार से अधिक लोग पानी के कारण फंसे हुए हैं। बताया जा रहा है कि भारी बारिश के चलते 40 दोपहिया वाहन और पांच कारें भी बह गईं। इसके अलावा ठाणे जिला प्रशासन ने भारी बारिश की स्थिति को देखते हुए गुरुवार को सभी स्कूल और कॉलेजों में छुट्टी की घोषणा की गई है। तीनों लोगों की मौत करंट से हुई, इसके पीछे स्थानीय लोग स्थानीय प्रशासन पर आरोप लगा रहे हैं। बताया जा रहा है कि तीनों के परिवार का रोजगार इसी स्टॉल से चलता था। --(आईएएनएस)
भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है, प्राइवेट सेक्टर का विस्तार हो रहा है, लेकिन कई पढ़े- लिखे युवा सरकारी नौकरी की चाहत में सालों-साल जुटे रहते हैं. कुछ ही को सफलता मिलती है, बाकी को दूसरा विकल्प चुनना पड़ता है.
डॉयचे वैले पर आमिर अंसारी की रिपोर्ट-
30 साल के सुनील कुमार ने पिछले नौ साल सरकारी नौकरी पाने की चाहत में बिता दिए. उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में सुनील ने अपने जैसे अन्य युवाओं के साथ टिन की छतों वाली अस्थायी कक्षाओं में कई सरकारी नौकरियों की परीक्षाओं के लिए तैयारी की. इनमें यूपीएससी की प्रतिष्ठित सिविल सेवा परीक्षा भी शामिल है.
सुनील उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं. उन्होंने प्रदेश की सरकारी नौकरी के लिए भी कोशिश की और राज्य के निचले स्तर के सरकारी पदों के लिए दो परीक्षाएं भी दी हैं. सुनील अब तक नौकरी पाने की 13 कोशिशों में असफल रहे हैं. सुनील का कहना है कि वह 32 साल की उम्र तक सरकारी नौकरी के लिए प्रयास करते रहेंगे. समाचार एजेंसी रॉयटर्स से बातचीत में उन्होंने कहा, "सरकारी नौकरियों में सुरक्षा अधिक है. अगर यह दो-तीन सालों में हो जाए, तो 10 साल का संघर्ष सफल हो जाएगा."
उम्मीदवार ज्यादा नौकरी कम
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 2014 से 2022 के बीच 22 करोड़ उम्मीदवारों ने केंद्र सरकार की नौकरियों के लिए आवेदन किया. इनमें से 7,22,000 का चयन किया गया. उनमें से कई उम्मीदवार ऐसे होंगे जिन्होंने कई बार कोशिश की होगी.
भले ही भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही हो और निजी क्षेत्र का विस्तार हो रहा हो, लेकिन हर साल लाखों युवा सरकारी नौकरियों की तलाश में रहते हैं. भारत के कई लोग अनिश्चित रोजगार बाजार से जूझ रहे हैं, जहां नौकरी के मौके और रोजगार की सुरक्षा तो दूर, जॉब मिलना भी मुश्किल है.
दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश, भारत में कई लोग सरकारी नौकरी को प्राइवेट सेक्टर की नौकरियों से अधिक सुरक्षित मानते हैं. सरकारी नौकरी के लिए कोचिंग इंस्टिट्यूट चलाने वाले जफर बख्श रॉयटर्स से कहते हैं, "अगर परिवार में एक भी व्यक्ति सरकारी नौकरी पा जाता है, तो परिवार को लगता है कि वे जीवन भर के लिए सुरक्षित हो गए हैं."
2022 में भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पहली बार 3.5 ट्रिलियन डॉलर, यानी 3.50 लाख करोड़ डॉलर को पार कर गया और और चालू वर्ष में इसके 7.2 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है.
22 जुलाई को लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2023-24 का आर्थिक सर्वे पेश किया. इस सर्वे के मुताबिक, सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान जीडीपी की वृद्धि दर 6.5 से 7 फीसदी रहने का अनुमान जताया है. सर्वे में बताया गया कि कोरोना महामारी के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था में व्यवस्थित तरीके से सुधार आया है.
सरकारी नौकरी क्यों पसंद
सरकारी नौकरी की चाहत रखने वालों का कहना है कि इसमें सरकार आजीवन सुरक्षा, स्वास्थ्य लाभ, पेंशन और घर देती है, जो उन्हें प्राइवेट सेक्टर की नौकरी में नहीं मिल सकता है. बहुत कम लोग इसे मानेंगे, लेकिन कई सरकारी नौकरियों में रिश्वत के रूप में 'अतिरिक्त आमदनी' की भी संभावना होती है.
बख्श ने कहा कि रट्टा मरवाने वाले कोचिंग इंस्टिट्यूट की बढ़ती मांग ने बड़े खिलाड़ियों को इस ओर आकर्षित किया है और क्लासें ऑनलाइन भी हो गई हैं. बख्श इसे एक आकर्षक और सदाबहार बिजनेस के तौर पर देखते हैं. उन्होंने कहा, "डिमांड तो हमेशा ही रहेगी."
अच्छी नौकरी की कमी
विश्लेषकों का कहना है कि रोजगार के मौकों को लेकर असंतोष के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पार्टी बीजेपी लोकसभा चुनाव 2024 में अपने दम पर बहुमत हासिल नहीं कर पाई और उसे सत्ता में लौटने के लिए सहयोगी दलों का समर्थन लेना पड़ा.
हाल ही में जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 2017-18 से देश में हर साल दो करोड़ नए रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं, लेकिन निजी अर्थशास्त्रियों का कहना है कि इनमें से ज्यादातर नियमित वेतन वाले औपचारिक पदों के बजाय स्व-रोजगार और अस्थायी कृषि रोजगार के मौके थे.
अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी के सतत रोजगार केंद्र में सहायक प्रोफेसर रोजा अब्राहम ने रॉयटर्स से कहा, "बात सिर्फ इतनी नहीं है कि पर्याप्त नौकरियां नहीं हैं, बल्कि बात यह भी है कि वहां पर्याप्त नौकरियां नहीं हैं जिनमें अच्छा वेतन मिले और आपको जॉब के दौरान सुरक्षा और अन्य लाभ मिलें."
सरकारी नौकरी की उम्मीद रखने वाले 22 साल के प्रदीप गुप्ता के लिए निजी क्षेत्र में काम करना "आखिरी विकल्प" है. प्रयागराज के एक कोचिंग इंस्टिट्यूट में पढ़ने वाले प्रदीप ने रॉयटर्स से कहा, "सरकारी नौकरी में सम्मान, नौकरी की सुरक्षा और कम दबाव होता है."
2024 की शुरूआत में उत्तर प्रदेश पुलिस की भर्ती के लिए करीब 50 लाख छात्रों ने आवेदन दिया था, जबकि पद सिर्फ 60,000 थे. इसी तरह केंद्रीय सुरक्षा बल के 26,000 कांस्टेबल के पदों के लिए 47 लाख उम्मीदवारों ने आवेदन किया था.
मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने अनुमान लगाया है कि सशस्त्र बलों, स्कूलों, हेल्थ सर्विस और सेना समेत सरकार के सभी स्तरों पर लगभग 60 लाख पद खाली पड़े हैं. रॉयटर्स ने सरकारी नौकरी और खाली पदों के बारे में जानकारी मांगने के लिए केंद्र सरकार को ईमेल भेजा, उसका जवाब नहीं मिला.
चोखा धंधा
प्रयागराज में 2014 से कोचिंग इंस्टिट्यूट चला रहे मारूफ अहमद के लिए यह एक अच्छा बिजनेस है. उन्होंने रॉयटर्स को बताया कि "उनकी एकेडमी की पांच ब्रांच हैं, जो हर साल लगभग 25 से 30 हजार छात्रों को फिजिकल मोड और ऑनलाइन क्लास के जरिए से ट्यूशन देती हैं." अहमद ने कहा कि नौकरी पाने वालों की दर लगभग 5-10 प्रतिशत है, लेकिन मांग हमेशा बनी रहती है.
देश भर में ऐसे कोचिंग इंस्टिट्यूट्स की संख्या के बारे में कोई डाटा मौजूद नहीं है क्योंकि उद्योग अनौपचारिक और असंगठित तरीके से चल रहा है.
23 जुलाई को पेश आम बजट में सरकार ने तीन योजनाओं का एलान किया है. इनके जरिए सरकार रोजगार को बढ़ावा देना चाहती है. बजट में रोजगार के लिए 1.48 लाख करोड़ का प्रावधान किया गया है. इसी के साथ अगले पांच साल में 20 लाख युवाओं का कौशल विकास करने की घोषणा की गई. इसके अलावा पहली बार नौकरी करने वालों को एक महीने का वेतन दिया जाएगा. यह योजना कर्मचारी भविष्य निधि संस्था (ईपीएफओ) पर आधारित होगी. (dw.com)
भोपाल, 25 जुलाई । मध्य प्रदेश में हाईकोर्ट के निर्देशों के बावजूद एक बार फिर सहकारी समितियों के चुनाव टलना तय हो गया है। चुनाव अब कब होंगे, यह चिंता सहकारी जगत के नेताओं को सताने लगी है। राज्य में प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक और अपेक्स बैंक के चुनाव हर पांच साल में होते हैं। इनका अंतिम चुनाव वर्ष 2013 में हुआ था, उसके बाद से ही लगातार चुनाव प्रक्रिया टलती जा रही है। पिछले दिनों मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने सरकार को सहकारी समितियां के चुनाव कराने के निर्देश दिए थे। इन निर्देशों के आधार पर राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकारी ने 26 जून से नौ सितंबर के बीच चुनाव कराने का कार्यक्रम भी जारी कर दिया था। चार चरणों में मतदान भी प्रस्तावित था, लेकिन किसानों के कृषि कार्य में व्यस्त होने और सदस्यता सूची तैयार न होने का हवाला देकर फिलहाल चुनाव को टाला जा रहा है।
अब विभाग की ओर से कहा जा रहा है कि संभव है कि खरीफ फसलों की बोवनी होने के बाद चुनाव अक्टूबर-नवंबर में कराए जा सकते हैं। यह पहली बार नहीं हो रहा है बल्कि लगातार यह सिलसिला बीते वर्षों से जारी है। इन संस्थाओं के चुनाव न होने से यहां पर प्रशासकों का कब्जा बना हुआ है। इसके चलते इन समितियां से जुड़े किसानों को भी कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जानकारी के मुताबिक, राज्य में साढ़े चार हजार सादिक प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियां हैं, जिनसे लगभग 50 लाख किसान जुड़े हुए हैं। यहां चुनाव वर्ष 2013 में हुए थे और नियम अनुसार 2018 में चुनाव होना थे, लेकिन बीते छह साल से यह चुनाव नहीं हो पा रहे हैं। इन समितियां के चुनाव गैर-दलीय आधार पर होते हैं, इसके बावजूद राजनीति से जुड़े लोगों की इनमें खास दिलचस्पी होती है।
यही कारण है कि तमाम राजनीतिक दलों में सहकारिता प्रकोष्ठ भी हैं। चुनाव के लिए समितियां भी बन गईं और बैठकों का दौर भी चल पड़ा। किसान नेता केदार सिरोही का कहना है कि कृषि सख्त समितियां किसानों की ताकत होती हैं, किसानों के प्रतिनिधि के इन समितियों में होने से तमाम समस्याओं का निपटारा हो जाता है, मगर सरकारें तो सहकारी आंदोलन को ही खत्म कर देना चाहती हैं। सिर्फ कृषि साख सहकारी समिति ही नहीं मंडी और नहर पंचायत तक के चुनाव नहीं हो पा रहे हैं। इससे ग्रामीण स्तर से निकल कर उभरने वाले नेतृत्व का भी संकट आने वाले समय में खड़ा हो सकता है।(आईएएनएस)
साल 2020 के दिल्ली दंगों के दौरान मारे गए एक मुस्लिम युवक का केस हाई कोर्ट ने सीबीआई को सौंप दिया है. हाई कोर्ट ने कहा कि पुलिस की जांच से भरोसा नहीं जगता, खासकर तब जब पुलिस 4 साल में आरोपियों की पहचान करने में विफल रही.
डॉयचे वैले पर आमिर अंसारी की रिपोर्ट-
साल 2020 में भारत की राजधानी दिल्ली के उत्तर-पूर्वी हिस्से में हुए दंगों के दौरान 23 साल के फैजान की मौत हो गई थी. 23 जुलाई को हाई कोर्ट ने फैजान के केस की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने का आदेश दिया. इससे पहले यह मामला दिल्ली पुलिस के पास था और उसकी अपनी भूमिका पर सवाल थे. आरोपों के मुताबिक, फैजान की पिटाई अज्ञात पुलिसकर्मियों ने की थी और उसे राष्ट्रगान गाने के लिए मजबूर किया गया था.
घटना फरवरी 2020 की है, जब एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें फैजान और चार अन्य मुसलमानों को कथित तौर पर पुलिसकर्मियों द्वारा डंडों से पीटा जा रहा था और राष्ट्रगान व 'वंदे मातरम' गाने के लिए मजबूर किया जा रहा था. वीडियो क्लिप में फैजान और चार अन्य लोग पुलिस से रहम की गुहार लगा रहे थे.
फैजान की मां किस्मतुन ने कोर्ट की निगरानी में स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) द्वारा जांच की मांग को लेकर याचिका दायर की. यह याचिका 2020 में दायर की गई थी और अब 23 जुलाई को हाई कोर्ट ने याचिका स्वीकार कर ली.
हाई कोर्ट ने कहा, यह "घृणा अपराध" के बराबर
हाई कोर्ट के जस्टिस अनूप जयराम भंभानी ने पुलिस से चार साल की जांच के बाद भी मामले में शामिल पुलिसकर्मियों की पहचान करने में विफल रहने पर सवाल किया. जस्टिस भंभानी ने कहा, "साढ़े चार साल से अधिक समय बीत चुका है. अब तक की जांच के दौरान दुर्व्यवहार और हमले में शामिल एक भी पुलिसकर्मी की पहचान नहीं हो पाई है."
जस्टिस भंभानी ने आगे कहा, "यह मामला मानवाधिकारों के घोर उल्लंघन के आरोपों को पेश करता है क्योंकि पुलिसकर्मियों की गैरकानूनी कार्रवाई, जिनकी अभी तक पहचान नहीं की गई है, धार्मिक कट्टरता से प्रेरित थी और इसलिए यह हेट क्राइम के बराबर होगी."
हाई कोर्ट ने टिप्पणी की, "मौजूदा मामले में जांच स्पष्ट रूप से धीमी, अधूरी रही है और उन लोगों को सुविधाजनक रूप से छोड़ दिया गया है, जिनपर याचिकाकर्ता के बेटे पर क्रूरतापूर्वक हमले में शामिल होने का शक है."
संदिग्ध आरोपी पुलिसकर्मियों पर कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा, "इससे भी बुरी बात यह है कि संदिग्धों को कानून के संरक्षक के रूप में कार्य करने का जिम्मा सौंपा गया था. वे शक्तिशाली और अधिकार प्राप्त पदों पर थे, लेकिन ऐसा लगता है कि वे कट्टरपंथी मानसिकता से प्रेरित थे."
फैजान की मां ने क्या आरोप लगाए
फैजान की 65 साल की मां किस्मतुन ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि रिहा करने से पहले उनके बेटे को पुलिस हिरासत में बुरी तरह यातना दी गई. ज्योति नगर पुलिस स्टेशन से रिहाई के 24 घंटे के भीतर 26 फरवरी 2020 को गुरु तेग बहादुर अस्पताल (जीटीबी) अस्पताल में फैजान की मौत हो गई थी, जहां उसे पुलिस अधिकारियों द्वारा कथित रूप से हमला किए जाने के बाद ले जाया गया था.
किस्मतुन का यह भी आरोप है कि जब वह थाने गईं, तो पुलिस ने उन्हें फैजान से नहीं मिलने दिया. उनका यह भी कहना है कि फैजान को कुछ देर के लिए अस्पताल ले जाने के बाद उसे वापस थाने ले जाया गया था. हाई कोर्ट ने कहा कि फैजान को जीटीबी अस्पताल से ज्योति नगर पुलिस थाने में लाए जाने के बाद वहां क्या हुआ, इस संबंध में अभी तक कोई जांच नहीं की गई है.
फैजान के साथ मारपीट की कथित घटना 24 फरवरी 2020 को हुई थी, लेकिन दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने पहली बार किस्मतुन से 18 मार्च 2020 को पूछताछ की थी.
याचिका में आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की जांच एक दिखावा है, जो दोषी पुलिसकर्मियों को बचाने के लिए की गई है. किस्मतुन की वकील वृंदा ग्रोवर ने कोर्ट में पुलिस पर आरोप लगाया कि उसने फैजान को गैरकानूनी रूप से हिरासत में रखा और उसे महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच नहीं दिया.
33 पन्नों के फैसले में हाई कोर्ट ने दो वीडियो फुटेज की ओर ध्यान दिया. एक वीडियो में फैजान को अकेले पुलिसकर्मियों द्वारा घेरकर बेरहमी से पीटा जा रहा है और दूसरे वीडियो में फैजान समेत कई युवक करदमपुरी पुलिया और 66 फुटा रोड के पास सड़क पर घायल अवस्था में पड़े हैं, और कथित तौर पर पुलिसकर्मियों द्वारा उन्हें घेर कर बेरहमी से पीटा जा रहा है.
2020 का दिल्ली दंगा
अगस्त 2020 में एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों पर अपनी रिपोर्ट में फैजान की मौत का जिक्र किया था. एमनेस्टी ने कहा था कि फैजान को कथित तौर पर पुलिस ने बिना किसी आरोप के करीब 36 घंटे तक हिरासत में रखा और फिर उसकी हालत बिगड़ने के बाद उसे उसकी मां को सौंप दिया.
फैजान की मौत का मामला 28 फरवरी 2020 को भजनपुरा पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था. बाद में जांच दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर कर दी गई थी.
फरवरी 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में हिंसा हुई थी. दंगे 23 से 29 फरवरी 2020 तक चले थे और इनमें कम-से-कम 50 लोग मारे गए थे. हजारों लोग बेघर भी हो गए थे. ये दंगे शहर में दशकों की सबसे घातक सांप्रदायिक हिंसा थी. महीनों तक जारी रहे नए नागरिकता कानून विरोधी प्रदर्शनों के बाद ये दंगे हुए थे.
अलग-अलग अदालतों में चल रहे दिल्ली दंगों से जुड़े मामलों में करीब 47 लोग दोषी पाए जा चुके हैं. कई मामलों की सुनवाई में अदालत, दिल्ली पुलिस के रवैये पर सवाल भी उठा चुकी है. (dw.com)
कोलकाता, 24 जुलाई । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी गुरुवार से दिल्ली के तीन दिन के दौरे पर रहेंगी। इस दौरान उनके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिलने की संभावना है। राज्य सचिवालय के अंदरूनी सूत्रों ने बताया, "मुख्यमंत्री कार्यालय ने प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को एक पत्र भेजकर मुलाकात के लिए समय मांगा है।" सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ प्रस्तावित बैठक का मुख्य एजेंडा विभिन्न केंद्र प्रायोजित योजनाओं के तहत राज्य सरकार को मिलने वाला लंबित केंद्रीय बकाया होगा। सीएम ममता बनर्जी ने मंगलवार को 2024-25 के केंद्रीय बजट प्रस्तावों पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार को विभिन्न केंद्र प्रायोजित योजनाओं के तहत केंद्र से अब भी 1.75 लाख करोड़ रुपये मिलने बाकी हैं। कार्यक्रम के अनुसार, सीएम ममता बनर्जी गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के लिए रवाना होंगी।
वह 27 जून को नीति आयोग गवर्निंग काउंसिल की बैठक में भी शामिल हो सकती हैं। बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। बैठक में सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को आमंत्रित किया गया है। तृणमूल कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, सीएम ममता बनर्जी लोकसभा और राज्यसभा के पार्टी सांसदों के साथ भी बैठक कर सकती हैं और आने वाले दिनों के लिए संसद में पार्टी की रणनीति को अंतिम रूप दे सकती हैं। हालांकि, अब तक इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि ममता बनर्जी अपनी यात्रा के दौरान विपक्षी 'इंडिया' ब्लॉक के अन्य दलों के नेताओं से या किसी गैर-भाजपा शासित राज्य के मुख्यमंत्री से मिलेंगी या नहीं, जो नीति आयोग गवर्निंग काउंसिल की बैठक में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली में हो सकते हैं। --(आईएएनएस)
सिवनी/भोपाल, 24 जुलाई । इन दिनों मध्य प्रदेश में बारिश का दौर जारी है। इन विपरीत हालातों के बीच भी सरकारी अमला जिम्मेदारी का बेहतर तरीके से निर्वहन कर रहा है। इसकी मिसाल है सिवनी जिला। जहां बाढ़ में फंसी एक महिला का प्रसव कराया गया। राज्य के उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने स्वास्थ्य अमले की कर्तव्य निष्ठा की सराहना की है और जच्चा-बच्चा को बधाई दी है। मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार को सिवनी जिले में भारी बारिश के कारण बाढ़ से कई गांवों का संपर्क टूट गया, जिनमें से एक जोराबाड़ी गांव भी शामिल था। इस गांव में गर्भवती महिला रवीना बंशीलाल उइके को अचानक प्रसव पीड़ा होने लगी। परिवार ने उन्हें जिला अस्पताल सिवनी ले जाने का प्रयास किया, लेकिन सभी रास्ते बंद थे।
परिवार ने आशा कार्यकर्ता से संपर्क किया, जो पहले से ही जिला अस्पताल में थी। आपातकालीन स्थिति में, आशा कार्यकर्ता ने जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनीषा सिरसाम को सूचना दी। डॉ. सिरसाम ने कलेक्टर संस्कृति जैन को स्थिति से अवगत कराया। कलेक्टर ने तुरंत चिकित्सकीय दल को गांव भेजने के निर्देश दिए। बताया गया है कि अधिकारियों के निर्देश मिलने के बाद डॉ. मनीषा सिरसाम, नर्स सुनीता यादव, मेंटर कविता वाहने और आशा कार्यकर्ता कामता मरावी के साथ एसडीआरएफ टीम गांव के समीप पहुंची, लेकिन नाले में अधिक जलस्तर के कारण रुक गई। ऐसी स्थिति में डॉ. सिरसाम ने फोन पर गांव की प्रशिक्षित दाई को निर्देश दिए।
दाई ने निर्देशों का पालन करते हुए रवीना का सुरक्षित प्रसव कराया। बाढ़ का पानी कम होने पर, चिकित्सकीय दल जच्चा और बच्चा को 108 वाहन से लेकर जिला अस्पताल पहुंचाया। मां और जुड़वा बच्चे स्वस्थ हैं। राज्य के उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने विषम परिस्थितियों में भी जनसेवा की भावना को प्राथमिकता देकर कर्तव्यनिष्ठा की मिसाल पेश करने वाली सिवनी की डॉ. मनीषा सिरसाम की सराहना की और कहा कि मानव सेवा ही देव सेवा है। -- (आईएएनएस)
अलीगढ़, 24 जुलाई । अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में पुरानी रंजिश को लेकर फायरिंग हुई है। इस गोली की जद में आकर दो कर्मचारी घायल हो गए, जिन्हें उपचार के लिए जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया गया है। हमलावर तमंचा लहराकर मौके से फरार होने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन पकड़ लिए गए। इस वारदात की जानकारी मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने आरोपियों की तलाश तेज कर दी है। सिविल लाइंस थाने में मिंटू सर्किल स्कूल के पास इस घटना को अंजाम दिया गया। वहीं, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के प्रॉक्टर ने घटना के संबंध में जानकारी देते हुए बताया, “एएमयू कैंपस में जो भी गोली का शिकार हुए हैं, उन्हें उपचार के लिए नजदीकी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। इसके अलावा, हमारे सिक्योरिटी कर्मचारियों ने उन्हें पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। आरोपियों को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ जारी है।
जैसे ही कोई जानकारी सामने आती है, तो आपके साथ उसे साझा किया जाएगा। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, हमलावर स्थानीय थे। हमलावरों में से एक का नाम नदी और दूसरे का नाम कलीम बताया जा रहा है। दोनों आपस में भाई बताए जा रहे हैं। दोनों ने तीन से चार राउंड गोलियां चलाईं। हमलावरों का यूनिवर्सिटी से कोई ताल्लुक नहीं है। पहले माना जा रहा था कि दोनों हमलावरों यूनिवर्सिटी के छात्र हो सकते हैं, लेकिन अब पुलिस ने स्पष्ट कर दिया है कि इन दोनों का यूनिवर्सिटी के कोई कनेक्शन नहीं है। ये दोनों ही स्थानीय हैं। इसके अलावा, इस घटना पर पुलिस का बयान भी सामने आया है। पुलिस ने अपने बयान में कहा कि हम इस पूरे मामले की जांच कर रहे हैं। किसी ने भी यूनिवर्सिटी की शांति-व्यवस्था में खलल पैदा करने की कोशिश की है। इस मामले में कड़ी कार्रवाई की जाएगी।(आईएएनएस)
पटना, 24 जुलाई । आम बजट में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा न मिलने से बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी आरजेडी खफा है। बिहार की उजियारपुर सीट से विधायक और पूर्व मंत्री आलोक कुमार मेहता ने इसको लेकर नाराजगी जताई है। बिहार विधानसभा में सत्र के बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने ‘नार्थ ईस्ट कोरीडोर’ को बिहार के खाते में डालने की बात कही। साथ ही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमलावर होते हुए उन्होंने कहा, “विशेष राज्य का दर्जा सबसे पहले राजद की ही मांग थी, नीतीश कुमार जी उसमें बाद में शामिल हुए। बिहार के लिए विशेष राज्य का दर्जा बिहार के आम लोगों की मांग है। यह आम अवाम की आवश्यकता है इसलिए इस एजेंडे को नहीं छोड़ा जा सकता। हमें इस बात पर आश्चर्य है कि नीतीश कुमार जी कैसे इस एजेंडे को छोड़ कर चले गए। पिछले दिनों नीतीश जी ने ही कहा था कि बिहार को विशेष राज्य के दर्जे से कुछ भी कम स्वीकार नहीं होगा।”
आम बजट में बिहार को मिले पैकेज पर नाराजगी व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा, जिस पैकेज की आज बात की जा रही है वह ईस्टर्न कॉरिडोर बनाने का एक प्रयास है, जिसे बिहार के खाते में डाला जा रहा है। वह पैसा बिहार का नहीं है। पूर्वोत्तर को मुख्यधारा से जोड़ने का काम किया जा रहा है जो अच्छी बात है, लेकिन यह बिहार का मामला नहीं है, यह केंद्र का मामला है। आप कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक रोड बनाइये और रास्ते में पड़ने वाले राज्यों को कहिए कि वह पैसा राज्यों का है, तो यह गलत बात है।” बता दें कि बिहार में भी इन दिनों विधानसभा का सत्र चल रहा है। देश में बढ़ते पेपर लीक के मामलों को देखते हुए विधानसभा में बिहार लोक परीक्षा (अनुचित साधन निवारण) विधेयक बुधवार को पास करने के साथ साथ कई और कानूनों को पारित किया गया है। --(आईएएनएस)
नयी दिल्ली, 24 जुलाई रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि महाराष्ट्र में वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्र में वडसा-गढ़चिरौली रेलवे लाइन के लिए जमीन अधिग्रहण और वन मंजूरियों के बाद काम ने रफ्तार पकड़ ली है।
लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान गढ़चिरौली-चिमूर संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस के सदस्य किरसन नामदेव के पूरक प्रश्न का उत्तर देते हुए वैष्णव ने कहा कि परियोजना महत्वपूर्ण है क्योंकि यह वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों से होकर गुजरती है।
उन्होंने कहा, ‘‘वडसा-गढ़चिरौली एक महत्वपूर्ण परियोजना है। इससे वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों को भी लाभ मिलेगा। यह क्षेत्र के गरीब लोगों के लिए महत्वपूर्ण परियोजना है।’’
रेल मंत्री ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे नीत पूर्ववर्ती सरकार ने इस परियोजना के लिए आवश्यक मंजूरी नहीं दी थी और भूमि अधिग्रहण में भी सहयोग नहीं दिया।
उन्होंने कहा कि इसके बाद शिवसेना-भाजपा की सरकार बनने के बाद भूमि अधिग्रहण की दिशा में अच्छी तरह काम हुआ।
वैष्णव ने कहा, ‘‘करीब 220 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता थी। आवश्यक जमीन का अधिग्रहण कर लिया गया है। कार्य प्रगति पर है।’’
वडसा-गढ़चिरौली परियोजना को दिसंबर 2015 में एक विशेष रेलवे परियोजना घोषित किया गया था। 52.36 किलोमीटर लंबी यह रेल लाइन यात्रियों के आसान परिवहन के साथ-साथ कृषि और वन उपज की सुगम ढुलाई की सुविधा भी प्रदान करेगी।
वैष्णव ने समाजवादी पार्टी के वीरेंद्र सिंह, नीरज मौर्य और अन्य दलों के कुछ सदस्यों के उनके क्षेत्रों में रेलवे परियोजनाओं से संबंधित पूरक प्रश्नों पर कहा कि सदस्य व्यक्तिगत रूप से उनसे आकर मिल सकते हैं और परियोजनाओं पर चर्चा कर सकते हैं।
वैष्णव ने कहा, ‘‘प्रश्न वडसा-गढ़चिरौली परियोजना से संबंधित था। देशभर में रोजाना करीब 20 हजार रेलगाड़ियां चलती हैं। सभी परियोजनाओं पर यहां चर्चा नहीं कर सकता। सभी सदस्यों का रेल भवन में स्वागत है। सभी परियोजनाओं के विकास और रेलगाड़ियों के ठहराव आदि के बारे में बैठकर चर्चा कर सकते हैं।’’
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि सदन में जब रेलवे की अनुदान मांगों पर चर्चा होगी तो सदस्य विस्तार से अपनी बात रख सकते हैं। (भाषा)
पटना, 24 जुलाई । बिहार विधानसभा का घेराव करने निकले युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर बुधवार को पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। पटना में बिहार विधानसभा घेराव के दौरान युवा कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास समेत प्रदेश युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर जमकर लाठीचार्ज किया गया। इस दौरान युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बिहार सरकार और पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। हालांकि पुलिस ने पहले विधानसभा की ओर मार्च कर रहे युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं को रुकने को कहा, लेकिन जब वे आगे बढ़ने पर अड़े रहे तो पुलिस ने बल प्रयोग किया। पटना के एडीएम श्रीकांत कुंडली खांडेकर ने बताया कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बिना अनुमति के जुलूस निकाला था। जिस इलाके में प्रदर्शन किया गया, वह प्रतिबंधित इलाका है। यह इलाका काफी भीड़ भाड़ वाला है और यहां कई स्कूल भी हैं। इसलिए उनसे शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने की अपील की गई थी।
उन्होंने बताया कि जब पुलिस कार्यकर्ताओं को नियंत्रित करने की कोशिश कर रही थी, तो कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर लाठियां चलानी शुरू कर दीं। इस दौरान कई पुलिसकर्मी घायल हो गए और एक पुलिसकर्मी का सिर फूट गया। इसके बाद प्रशासन ने हल्का बल प्रयोग कर भीड़ को तितर-बितर किया। बिहार विधानसभा का मानसून सत्र चल रहा है। इस सत्र के दौरान युवा कांग्रेस के कार्यकर्ता विधानसभा के बाहर पहुंचकर प्रदर्शन करने की कोशिश कर रहे थे। पुलिस ने पहले ही उन्हें आगे न बढ़ने के लिए कहा था। इसके बावजूद युवा कांग्रेस के कार्यकर्ता अपनी जिद पर अड़े रहे और आगे बढ़ने की कोशिश की। पुलिस और युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच टकराव के कारण बोरिंग रोड पर कुछ देर के लिए अफरातफरी मच गई। --(आईएएनएस)
नयी दिल्ली, 24 जुलाई लोकसभा की बैठक बुधवार को हंगामे के साथ शुरू हुई और विपक्षी सदस्यों ने राज्यों के बजटीय आवंटन का मुद्दा सदन में उठाने का प्रयास किया लेकिन आसन से अनुमति नहीं मिलने पर उन्होंने सदन से वाकआउट किया जिसके बाद सदन में कामकाज सुचारू तरीके से हुआ।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि सदन में प्रश्नकाल में किसी भी पक्ष के सदस्य को अन्य कोई विषय उठाने की अनुमति नहीं दी जाएगी और इस दौरान केवल प्रश्नकाल ही चलेगा।
सदन की कार्यवाही प्रारंभ हुई तो अध्यक्ष बिरला ने प्रश्नकाल शुरू कराया। उधर कांग्रेस समेत विपक्ष के सदस्य केंद्रीय बजट में विपक्षी दलों के शासन वाले राज्यों के साथ भेदभाव का आरोप लगाते हुए हंगामा करने लगे। कुछ सदस्य इस दौरान अपनी बात रखना चाह रहे थे।
बिरला ने कहा, ‘‘मैं आप सभी से आग्रह करता हूं कि प्रश्नकाल में किसी अन्य विषय को नहीं उठाना चाहिए। मैं व्यवस्था दे रहा हूं कि सत्तापक्ष, प्रतिपक्ष किसी को भी प्रश्नकाल में बोलने की अनुमति नहीं होगी। इस दौरान केवल प्रश्नकाल ही चलेगा। सदन आगे भी इसी व्यवस्था से चलेगा।’’
उन्होंने कहा कि प्रश्नकाल महत्वपूर्ण समय होता है और सदस्यों का समय होता है। उन्होंने कहा कि यह परंपरा रही है और आगे इस परंपरा को ही कायम रखा जाएगा।
अध्यक्ष ने संसद परिसर में विपक्षी दलों के प्रदर्शन का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘सदन में नियोजित तरीके से व्यवधान डालना सही नहीं है। संसद में प्रदर्शन करते समय इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि किसी भी संसद सदस्य को द्वार से अंदर आने में अवरोध पैदा नहीं हो। कई सांसदों ने मुझे पत्र लिखकर इस बात की जानकारी दी है।’’
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने भी कहा कि आज संसद के मुख्य द्वार पर विपक्षी सदस्यों के प्रदर्शन के कारण कई सदस्यों के प्रवेश में अवरोध उत्पन्न हुआ।
विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के घटक दलों के सांसदों ने केंद्रीय बजट में विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों के साथ भेदभाव का आरोप लगाते हुए बुधवार को संसद भवन परिसर में प्रदर्शन किया।
रीजीजू ने लोकसभा में विपक्ष के हंगामे पर सवाल खड़ा करते हुए कहा, ‘‘प्रश्नकाल में विपक्षी सदस्यों ने जो किया है वह निंदनीय है। सर्वदलीय बैठक में सभी दलों के नेताओं ने कहा था कि सदन में कार्यवाही अच्छे से चलनी चाहिए। वहां कार्यवाही चलाने की बात करते हैं और यहां आकर हंगामा करते हैं, यह ठीक नहीं है।’’
इस दौरान विपक्षी सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया।
इसके बाद प्रश्नकाल सुगम तरीके से चला और मंत्रियों ने आकांक्षी जिलों, रेल पटरियों के विकास तथा कोयला खदान से संबंधित पूरक प्रश्नों के उत्तर दिए। (भाषा)
भुवनेश्वर, 24 जुलाई ओडिशा की 17वीं विधानसभा के पहले सत्र की कार्यवाही के तीसरे दिन भी विपक्षी दलों के सदस्यों ने राजभवन के एक सहायक सुरक्षा अधिकारी (एएसओ) पर इस महीने की शुरुआत में हुए कथित हमले के लिए राज्यपाल रघुबर दास के बेटे के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग को लेकर हंगामा किया, जिससे सदन की कार्यवाही बाधित रही।
प्रश्नकाल के लिए सदन की कार्यवाही शुरू होते ही बीजू जनता दल (बीजद) के नेताओं ने इस मुद्दे पर पुलिस की निष्क्रियता का आरोप लगाते हुए सदन से बहिर्गमन कर दिया जबकि कांग्रेस विधायक केंद्रीय बजट में ओडिशा को तवज्जो न देने के लिए प्रदर्शन करते हुए आसन के नजदीक आ गए।
पुरी स्थित राजभवन के अंदर सात जुलाई को सहायक अनुभाग अधिकारी (एएसओ) बैकुंठ प्रधान पर राज्यपाल के बेटे ललित कुमार ने कथित तौर पर हमला किया था।
ओडिशा विधानसभा में विपक्षी दलों द्वारा हंगामा किए जाने के चलते अध्यक्ष सुरमा पाधी ने सदन की कार्यवाही पहले पूर्वाह्न 11.30 बजे तक, फिर दोपहर 12 बजे तक और उसके बाद शाम चार बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
पाधी ने विधानसभा में बने गतिरोध को दूर करने और मुद्दे को सुलझाने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई है।
विपक्षी बीजद ने राज्य में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर 'राज्यपाल के बेटे को बचाने' का आरोप लगाया है और उसकी गिरफ्तारी की मांग की है। साथ ही पार्टी ने गृह विभाग संभाल रहे मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी से इस मुद्दे पर बयान देने करने की भी मांग की है।
बीजद और कांग्रेस ने सोमवार को विधानसभा सत्र के पहले दिन राज्यपाल के अभिभाषण का बहिष्कार किया था। (भाषा)
नयी दिल्ली, 24 जुलाई केरल, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र समेत देश के अनेक हिस्सों में मानव-पशु संघर्ष के बढ़ते मामलों पर चिंता जताते हुए बुधवार को लोकसभा में कुछ दलों के सदस्यों ने सरकार से मांग की कि वन संरक्षण अधिनियम में बदलाव किया जाना चाहिए और खेतों में आने वाले क्रूर पशुओं को मारने की अनुमति मिलनी चाहिए।
शून्यकाल में कांग्रेस के डीन कुरियाकोस ने इस मुद्दे को उठाते हुए सरकार से अनुरोध किया कि वन संरक्षण अधिनियम में संशोधन का यह सही समय है और वन्य क्षेत्र से निकलकर खेतों में आने वाले क्रूर पशुओं को मारने की और पशुओं की जन्मदर नियंत्रण की नीति अपनानी होगी।
केरल के इडुक्की से सांसद कुरियाकोस ने हाल में अपने क्षेत्र में 48 वर्षीय एक आदिवासी पुरुष को हाथियों द्वारा मारे जाने की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि केंद्र ही नहीं राज्य सरकार ने भी पशुओं से मनुष्य की रक्षा के मुद्दे पर ध्यान नहीं दिया है।
उत्तर प्रदेश के बिजनौर से राष्ट्रीय लोकदल के सदस्य चंदन चौहान ने भी हाल में अपने क्षेत्र में 15 साल की एक बालिका को तेंदुए द्वारा मारे जाने की घटना का जिक्र करते हुए सरकार से मांग की कि क्षेत्र में तेंदुओं के बढ़ते प्रकोप से लोगों को बचाने के लिए क्षेत्र में अधिक से अधिक पिंजड़ों और बचाव वाहनों को तैनात किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों में किए गए प्रयासों के कारण अभयारण्यों में बाघों की संख्या बढ़ी है जो अच्छी बात है, लेकिन इसके कारण तेंदुए वन क्षेत्र से बाहर आकर ग्रामीण और शहरी इलाकों में घुस रहे हैं।
चौहान ने सरकार से इस ओर ध्यान देने का अनुरोध किया। (भाषा)