भुज (गुजरात), 21 नवंबर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि सरकार देश से हर ‘‘घुसपैठिये’’ को बाहर निकाल देगी। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ राजनीतिक दल एसआईआर प्रक्रिया का विरोध कर रहे हैं क्योंकि वे चाहते हैं कि घुसपैठियों के नाम मतदाता सूची में बने रहें।
वह गुजरात के कच्छ जिले के भुज में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के हीरक जयंती (61वें स्थापना दिवस) समारोह को संबोधित कर रहे थे।
मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर शाह की टिप्पणी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार को कड़े शब्दों में पत्र लिखे जाने के एक दिन बाद आई है, जिसमें उन्होंने (बनर्जी ने) इस प्रक्रिया को तुरंत रोकने का अनुरोध किया था।
शाह ने कहा, ‘‘आज बीएसएफ देश की सभी सीमाओं पर घुसपैठ रोकने में लगा हुआ है। घुसपैठ रोकना न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बल्कि देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को दूषित होने से बचाने के लिए भी आवश्यक है।’’
एसआईआर को मतदाता सूची का “शुद्धिकरण” बताते हुए शाह ने कुछ राजनीतिक दलों पर अवैध घुसपैठियों के खिलाफ सरकार के अभियान को कमजोर करने का प्रयास करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि ये पार्टियां निर्वाचन आयोग द्वारा जारी एसआईआर का विरोध कर रही हैं, क्योंकि वे यह सुनिश्चित करना चाहती हैं कि घुसपैठियों के नाम मतदाता सूची में बने रहें।
शाह ने कहा, ‘‘मैं इस हीरक जयंती समारोह में बहुत स्पष्ट करना चाहता हूं कि हम इस देश से एक-एक घुसपैठिये को चुन-चुन कर बाहर निकालेंगे। यह हमारा प्रण है। एक-एक घुसपैठिए को देश से बाहर निकालना मोदी सरकार का संकल्प है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘देश के किसी भी राज्य का मुख्यमंत्री कौन होगा या देश का प्रधानमंत्री कौन होगा, यह निर्णय केवल भारत के नागरिक ही कर सकते हैं। घुसपैठियों को हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था को दूषित करने और हमारे लोकतांत्रिक निर्णयों को प्रभावित करने का कोई अधिकार नहीं है।’’
गृह मंत्री ने कहा कि एसआईआर भारत के लोकतंत्र को सुरक्षित और शुद्ध करने की एक प्रक्रिया है और हर नागरिक को इसका पूरा समर्थन करना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं उन राजनीतिक दलों को भी आगाह करना चाहता हूं जो इन घुसपैठियों को बचाने में लगे हैं। बिहार चुनाव देश की जनता का जनादेश था। और यह जनादेश हमारे देश में घुसपैठियों की मौजूदगी के खिलाफ है।’’
शाह ने कहा, ‘‘मतदाता सूची में घुसपैठियों की जगह सुनिश्चित करने के लिए काम करने वाले दलों को पता होना चाहिए कि देश की जनता ऐसे इरादों का कभी समर्थन नहीं करेगी।’’
बीएसएफ के हीरक जयंती समारोह के दौरान शाह ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बल की भूमिका की सराहना की।
उन्होंने कहा कि सभी सुरक्षा बलों के संयुक्त प्रयासों की बदौलत भारत बहुत जल्द नक्सली समस्या से मुक्त हो जाएगा।
शाह ने कहा, ‘‘हम 31 मार्च 2026 तक देश को नक्सल समस्या से हमेशा के लिए मुक्त करने और अपने आदिवासी भाइयों-बहनों के विकास का मार्ग प्रशस्त करने के लिए दृढ़संकल्पित हैं। तिरुपति से पशुपति तक का पूरा कॉरिडोर सुरक्षित रहेगा और शेष भारत की तरह प्रगति करेगा। छत्तीसगढ़ में बीएसएफ ने 127 माओवादियों को आत्मसमर्पण के लिए मजबूर किया है, 73 को गिरफ्तार किया है और 22 को मार गिराया है।’’
उन्होंने कहा कि न केवल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बल्कि पूरा देश बीएसएफ जवानों की बहादुरी और अनुकरणीय साहस को सलाम करता है। उन्होंने उपस्थित लोगों को बताया कि अब तक बीएसएफ के 2,013 बहादुर जवानों ने देश की सीमाओं की सुरक्षा करते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया है।
इस अवसर पर शाह ने कहा कि बीएसएफ में अब 193 बटालियन और 2.76 लाख से ज़्यादा जवान हैं। उन्होंने बताया कि यह बल वर्तमान में पाकिस्तान से लगी 2,289 किलोमीटर लंबी सीमा और बांग्लादेश से लगी 4,095 किलोमीटर लंबी सीमा की सुरक्षा और निगरानी करता है।
शाह ने कहा कि आने वाला वर्ष बल के कर्मियों और उनके परिवारों के कल्याण के लिए समर्पित होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘बीएसएफ और गृह विभाग अपने कर्मियों और उनके परिवारों के कल्याण के लिए विभिन्न पहल करेंगे। इसके अतिरिक्त, आने वाला वर्ष बल के आधुनिकीकरण के लिए समर्पित होगा, जिसका लक्ष्य पांच वर्षों के भीतर इसे दुनिया का सबसे आधुनिक और सबसे सक्षम सीमा सुरक्षा बल बनाना है।’’
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘आने वाले दिनों में हम ई-सीमा सुरक्षा नामक एक नई अवधारणा भी पेश कर रहे हैं। हमने इसका परीक्षण चरण पूरा कर लिया है। मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि ई-सीमा सुरक्षा अवधारणा को लागू करने में बीएसएफ ने प्रमुख भूमिका निभाई है और इसकी पहल भी बीएसएफ ने ही की है।’’
शाह ने पहलगाम आतंकवादी हमले का बदला लेने के लिए भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान बीएसएफ की भूमिका की भी प्रशंसा की।
उन्होंने कहा, ‘‘ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने आतंकवादियों पर हमारे हमले को अपने ऊपर हमला समझा और जब पाकिस्तानी सेना हरकत में आई तो हमारे बीएसएफ जवानों ने उन्हें मुंहतोड़ जवाब देने में कोई कसर नहीं छोड़ी।’’
शाह ने कहा, ‘‘बीएसएफ और सेना के प्रयासों से पाकिस्तान ने एकतरफा संघर्ष विराम की घोषणा की और इससे पूरी दुनिया को यह स्पष्ट हो गया कि भारत की सीमा का उल्लंघन नहीं किया जाना चाहिए। अन्यथा उन्हें इसके परिणाम भुगतने होंगे।’’ (भाषा)