अंतरराष्ट्रीय
हमास के नियंत्रण वाले स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि ग़ज़ा में हुए इसराइली हवाई हमलों में कम से कम 50 फ़लस्तीनियों की मौत हो गई है. इस हमले में कई लोग घायल भी हुए हैं.
इनमें से एक बड़ा हमला दक्षिणी शहर ख़ान युनूस में हुआ है जबकि दूसरा हमला सेंट्रल गज़ा में हुआ है.
हालाँकि इसराइली सेना का कहना है कि दोनों हमले फ़लस्तीनी हथियारबंद गुटों को निशाना बनाकर किया गया था और वह आम लोगों की मौत की ख़बरों पर नज़र बनाए हुए है.
इसराइल का दावा है कि बीते 9 महीनों में उसके हवाई हमले और ज़मीनी कार्रवाई में हमास के 14 हज़ार चरमपंथियों की मौत हो चुकी है. (bbc.com/hindi)
15 जुलाई को ओमान के पास समंदर में एक ऑयल टैंकर जहाज पलट गया था. जहाज पर अफ़्रीकी देश कोमोरोस का झंडा लगा हुआ था.
ओमान के समुद्री सुरक्षा केंद्र ने जहाज के पलटने की जानकारी सोशल मीडिया 'एक्स' पर साझा की है.
समुद्री सुरक्षा केंद्र के मुताबिक़ जहाज पलटने की सूचना मिलते ही तलाश और बचाव अभियान शुरू कर दिया गया था. जहाज पलटने के बाद से ही उस पर सवार 16 सदस्यीय दल लापता है.
इस जहाज का नाम 'प्रेस्टीज फॉल्कन' है.
जहाज पर सवार 16 सदस्यीय दल में से 13 भारतीय नागरिक हैं और तीन श्रीलंका के हैं. (bbc.com/hindi)
भारत के पड़ोसी बांग्लादेश में नौकरियों में आरक्षण के ख़िलाफ़ प्रदर्शनों में छह लोगों की मौत हो गई है. इस घटना के बाद देश भर के सभी स्कूल और यूनिवर्सिटी को अगले आदेश तक के लिए बंद कर दिया गया है.
बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में देश की आज़ादी के लिए लड़ने वालों के बच्चों को आरक्षण दिया गया है. साल 1971 में बांग्लादेश आज़ादी की लड़ाई के बाद पाकिस्तान से अलग हुआ था.
आलोचकों का कहना है कि आरक्षण की यह व्यवस्था बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख़ हसीना का समर्थन करने वाले सरकार समर्थक समूहों के बच्चों को अनुचित तौर पर लाभ पहुँचाने वाली है.
शेख़ हसीना ने जनवरी महीने में लगातार चौथे चुनाव में जीत हासिल की थी. वो बांग्लादेश के संस्थापक नेता शेख़ मुजीबुर्रहमान की बेटी हैं.
बांग्लादेश में पिछले कई दिनों से सरकारी नौकरियों में आरक्षण की इस व्यवस्था के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन चल रहा है.
इससे पहले कई हफ़्तों तक चले विरोध प्रदर्शनों के बाद साल 2018 से भर्ती की इस व्यवस्था पर रोक लगी हुई थी. पिछले महीने ही एक अदालत ने आरक्षण की इस व्यवस्था को दोबारा बहाल किया था. (bbc.com/hindi)
दीर अल बलाह(गाजा पट्टी), 16 जुलाई। इजराइल द्वारा सोमवार-मंगलवार की दरमियानी रात गाजा पट्टी के मध्य क्षेत्र पर की गई बमबारी में महिलाओं और बच्चों सहित 23 लोगों की मौत हो गई। अस्पताल के रिकार्ड के हवाले से यह जानकारी दी गई।
यह हमले ऐसे समय किए गए हैं जब इजराइल और हमास संघर्ष विराम के नवीनतम प्रस्ताव पर विचार कर रहे हैं।
नुसरियात और जोवाइदा में 10 महिलाओं और चार बच्चों की मौत हुई है। इससे कुछ दिन पहले ही हमास ने कहा था कि नौ महीने से चल रहे युद्ध को समाप्त करने के लिए संघर्ष विराम वार्ता जारी रहेगी, भले ही इजराइल ने संगठन के शीर्ष सैन्य कमांडर मोहम्मद दीफ को निशाना बनाया हो, जिनका भविष्य अभी अस्पष्ट है।
इजराइल ने कहा है कि एक हवाई हमले में एक अन्य शीर्ष हमास आतंकवादी मारा गया है।
आपात सेवा के कर्मचारियों ने बताया कि सोमवार-मंगलवार की दरमियानी रात को चार रिहायशी मकानों को निशाना बनाया गया। एसोसिएटेड प्रेस के संवाददाता ने मृतकों के शवों को देखा जिनमें से कुछ को नीले कंबल और चादर से ढक कर रखा गया था। शवों को दीर अल बलाह के अल अक्सा अस्पताल में पहुंचाया गया। इजराइली हमले के बाद शहर के ऊपर धुएं के गुबार उठते दिखे।
इजराइली सेना ने कहा कि उसने मध्य गाजा में ‘‘ आतंकवादियों पर लक्षित हमला किया।’’ हालांकि, इसकी विस्तृत जानकारी नहीं दी।
चिकित्सा अधिकारियों और एसोसिएटेड प्रेस के संवाददाताओं के मुताबिक दक्षिणी गाजा में सोमवार रात को किए गए दो अलग-अलग हमलों में नौ लोग मारे गए।
शवों को नसर अस्पताल ले जाने वाले एंबुलेंस कर्मियों ने बताया कि पूर्वी खान यूनिस में गोला एक मकान पर गिरा जिससे चार लोगों की मौत हो गई जबकि दक्षिणी छोर रफह में पांच लोग मारे गए।
इजराइली सेना ने बताया कि एक दिन पहले गाजा में कुल 40 ठिकानों को निशाना बनाया गया जिनमें हमास की निगरानी चौकी शामिल थी।
हमास संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि सात अक्टूबर 2023 में इजराइल पर हमास के हमले के बाद जवाबी कार्रवाई में अब तक गाजा में 38,600 से अधिक लोग मारे गए हैं। (एपी)
वाशिंगटन, 16 जुलाई अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने रिपब्लिकन पार्टी की ओर से उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार ओहायो के सीनेटर जे डी वेंस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि ‘‘देश से जुड़े मुद्दों पर उनका रुख ट्रंप के जैसा ही है।’’
शनिवार को एक रैली के दौरान पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर हुए जानलेवा हमले के बाद धीमे पड़े प्रचार अभियान ने रफ्तार पकड़ ली है।
ट्रंप (78) शनिवार को पेनसिल्वेनिया में एक रैली में उस समय बाल-बाल बच गए, जब 20 वर्षीय एक हमलावर ने उन पर कई गोलियां चलाईं। इस हमले में वह जख्मी हो गए और उनके दाहिने कान के ऊपरी हिस्से पर चोट आई।
प्रचार के सिलसिलेवार कार्यक्रम के लिए नेवाडा रवाना होने से कुछ समय पहले एंड्रयूज वायु सेना अड्डे पर संवाददाताओं से बातचीत में बाइडन ने कहा, ‘‘देश से जुड़े मुद्दों पर उनका (वेंस का) रुख ट्रंप जैसा ही है। मुझे दोनों में कोई फर्क नजर नहीं आता।’’
डोनाल्ड ट्रंप ने वेंस (39) को सोमवार को उपराष्ट्रपति पद के लिए अपना उम्मीदवार चुना। वेंस एक समय में ट्रंप के आलोचक थे लेकिन बाद में दोनों करीबी सहयोगी बन गये।
वेंस 2016 में अपने संस्मरण ‘हिलबिली एलेजी’ के प्रकाशन के साथ खबरों में आए थे। उन्हें 2022 में सीनेट में चुना गया था। (एपी)
काठमांडू, 16 जुलाई नेपाल में यात्रियों की दो बसों के बीते शुक्रवार को भूस्खलन के मलबे के साथ बह जाने की घटना में बचावकर्मियों ने अब तक 14 शव निकाले हैं, जिनमें से छह शव भारतीय नागरिकों के हैं।
अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि दोनों बसों में कुल 65 यात्री सवार थे।
आठ शवों की शिनाख्त कर उन्हें परिजनों को सौंप दिया गया है। इसमें से छह भारतीय नागरिक हैं। अन्य की शिनाख्त के प्रयास जारी हैं।
नेपाल की राजधानी को देश के दक्षिणी हिस्सों से जोड़ने वाले मुख्य राजमार्ग पर काठमांडू से करीब 120 किलोमीटर पश्चिम में सिमलताल के पास शुक्रवार की सुबह दो बसें भूस्खलन के मलबे के साथ बह गई थीं।
चितवन जिला प्रशासन कार्यालय ने दोनों बसों में सवार कुल 65 लोगों के नाम और विवरण के साथ एक सूची प्रकाशित की। एक बस में 38 लोग और दूसरी में 27 लोग सवार थे। एक बस से किसी तरह बाहर निकलने के बाद तीन लोग बच गए।
पुलिस और सेना के सैकड़ों बचावकर्मियों ने मंगलवार को नदी और निचले इलाकों में खोज की, लेकिन उन्हें अभी तक दोनों लापता बसों का कोई सुराग नहीं मिल पाया है।
पहाड़ी इलाकों की वजह से नेपाल की नदियों का बहाव आम तौर पर तेज होता है। पिछले कुछ दिनों में हुई भारी बारिश के कारण जलमार्ग भी उफान पर हैं और कीचड़ तथा मलबे की वजह से उनके पानी रंग गहरा भूरा हो गया है, जिससे मलबे को देख पाना और भी मुश्किल हो गया है।
मानसून के मौसम में जून से सितंबर तक नेपाल में भारी बारिश होती है, जिससे अक्सर इस पर्वतीय हिमालयी देश में भूस्खलन की घटनाएं होती हैं। (भाषा)
मिलवाउकी (अमेरिका), 16 जुलाई रूस के साथ भारत के पुराने संबंधों का जिक्र करते हुए अमेरिका ने कहा है कि उसने नयी दिल्ली से आग्रह किया है कि वह मॉस्को के साथ अपने संबंधों का ‘‘इस्तेमाल कर’’ रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से यूक्रेन के खिलाफ ‘‘अवैध युद्ध’’ को समाप्त करने की अपील करे।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने सोमवार को अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘भारत के रूस के साथ बहुत पुराने संबंध हैं। मुझे लगता है कि यह बात सभी को पता है। हमने भारत को प्रोत्साहित किया है कि वह रूस के साथ इन पुराने संबंधों, अपनी अनूठी स्थिति का इस्तेमाल करे और राष्ट्रपति पुतिन से अपने अवैध युद्ध को समाप्त करने, इस संघर्ष में न्यायपूर्ण एवं स्थायी शांति हासिल करने और संयुक्त राष्ट्र चार्टर, यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता एवं संप्रभुता का सम्मान करने का आग्रह करे।’’
मिलर ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा, ‘‘हम भारत सरकार के समक्ष इस बात पर लगातार जोर देते रहेंगे। भारत रूस के साथ संबंधों के मामले में हमारा एक महत्वपूर्ण साझेदार है।’’
मिलर ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के रूस से रवाना होने के तुरंत बाद नौ जुलाई को भी इसी तरह की टिप्पणी की थी।
मोदी 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए आठ- नौ जुलाई को दो दिन रूस में थे। यूक्रेन में जारी संघर्ष के बीच उनकी इस यात्रा पर पश्चिमी देशों की भी करीबी नजर रही।
यह दो साल से अधिक समय पहले यूक्रेन पर किए गए रूस के आक्रमण के बाद मोदी की पहली रूस यात्रा थी।
प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेन में युद्ध की पृष्ठभूमि में नौ जुलाई को पुतिन से कहा था कि बम, बंदूकों एवं गोलियों के बीच शांति वार्ता सफल नहीं होती और किसी संघर्ष का कोई समाधान युद्धक्षेत्र में संभव नहीं है।
भारत रूस के साथ अपनी ‘‘विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी’’ का दृढ़ता से बचाव करता रहा है और उसने यूक्रेन में युद्ध के बावजूद रूस के साथ संबंधों में गति बनाए रखी है।
भारत ने 2022 में यूक्रेन पर किए गए रूस के आक्रमण की अभी तक निंदा नहीं की है और उसने निरंतर वार्ता एवं कूटनीति के जरिए संघर्ष के समाधान की वकालत की है। (भाषा)
मियामी गार्डन्स, 16 जुलाई कोलंबिया फुटबॉल महासंघ के अध्यक्ष और उनके बेटे समेत 27 लोगों को अर्जेटीना और कोलंबिया के बीच कोपा अमेरिका फाइनल में दर्शकों की भीड़ पर नियंत्रण की कोशिशों में गिरफ्तार किया गया ।
स्थानीय पुलिस अधिकारी आंद्रे मार्टिन ने बताया कि हार्ड रॉक स्टेडियम पर हुए फाइनल के दौरान दर्शकों के उपद्रव पर काबू पाने की कोशिशों में रेमन जेसुरन और उनके बेटे रेमन जमील जेसुरन को भी हिरासत में लिया गया ।
दोनों ने सुरक्षाकर्मियों से झगड़ा किया और एक अधिकारी पर हमला भी किया । दोनों ने एक सुरंग के रास्ते मैदान पर जाने की कोशिश की जहां मैच के बाद मीडिया जमा था । उन्हें सुरक्षाकर्मियों ने रोकने की कोशिश की तो उन्होंने हाथापाई की और सुरक्षागार्ड को घूंसे भी मारे ।
कोलंबिया फुटबॉल महासंघ ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है ।
रेमन 2015 से कोलंबिया फुटबॉल महासंघ के अध्यक्ष हैं औंर कोपा अमेरिका टूर्नामेंट कराने वाले दक्षिण अमेरिकी फुटबॉल महासंघ के उपाध्यक्ष भी हैं ।
संगठन ने सोमवार को जारी बयान में कहा कि अनगिनत दर्शक बिना टिकट मैदान में घुस गए और टूर्नामेंट की छवि खराब की जिसका उसे खेद है । इस वजह से खेल भी एक घंटे से अधिक देरी से शुरू हुआ । (एपी)
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की हत्या की कोशिश की जांच शुरू हो गई और अधिकारी यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर गोली चलाने वाला उनके इतने करीब एक छत तक पहुंच कैसे गया.
ट्रंप ने एक अमेरिकी मीडिया संगठन से रविवार को कहा कि उन्हें "मृत होना चाहिए." समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक अपने रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रीय सम्मलेन में शामिल होने के लिए मिल्वौकी जाने के रास्ते में ट्रंप ने न्यू यॉर्क पोस्ट को अपने हवाई जहाज पर दिए गए एक साक्षात्कार में बताया, "मुझे यहां नहीं होना था. मुझे तो मृत होना चाहिए."
दाहिने कान पर पट्टी बंधवाए ट्रंप ने आगे कहा कि वह एक "बुरे सपने जैसे अनुभव था." मिल्वौकी में ट्रंप के नाम पर राष्ट्रपति चुनावों के लिए रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार के रूप में आधिकारिक रूप से मुहर लगनी है. लेकिन इस बीच उनकी हत्या की कोशिश ने चुनावों के पहले के माहौल को पूरी तरह से बदल दिया है.
150 मीटर भी दूर नहीं था शूटर
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस रैली में सुरक्षा के इंतजाम की स्वतंत्र जांच के आदेश दिए हैं. सीक्रेट सर्विस ने हमले की जांच शुरू कर दी है. जांच अधिकारी यह समझना चाह रहे हैं कि आखिर यह संभव कैसे हुआ कि एक बंदूकधारी व्यक्ति ट्रंप के मंच के इतनी पास एक छत पर पहुंच गया और वहां से गोली चला भी दी और ट्रंप को घायल कर दिया.
समाचार एजेंसी एपी ने इस रैली के एक दर्जन से भी ज्यादा तस्वीरों और वीडियो का विश्लेषण किया है. एजेंसी ने साथ ही सैटेलाइट से प्राप्त तस्वीरों का भी अध्ययन किया और पाया कि शूटर थॉमस मैथ्यू क्रुक्स ने जिस छत से गोलियां चलाईं वह ट्रंप के मंच से 150 मीटर से भी कम दूरी पर स्थित थी.
20 वर्षीय क्रुक्स पेंसिल्वेनिया के पिट्सबर्ग का रहने वाला था और एक नर्सिंग होम में काम करता था. वह ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी का ही एक पंजीकृत सदस्य था. उसका घर रैली के स्थान से करीब एक घंटे दूर था और उसने अपनी गाड़ी में विस्फोटक पदार्थ भरे हुए थे.
क्रुक्स के बारे में क्या जानकारी मिली है
अधिकारी अभी तक यह पता नहीं लगा पाए हैं कि क्रुक्स क्यों ट्रंप की हत्या करना चाहता था. फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टीगेशन (एफबीआई) को अभी तक क्रुक्स की तरफ से कोई संदेहास्पद विचारधारा के संकेत या कोई सोशल मीडिया पोस्ट के बारे में पता नहीं चला है. उसके खिलाफ पहले से कोई आपराधिक मामले दर्ज नहीं हैं.
एफबीआई का मानना है कि क्रुक्स ने अकेले ही इस घटना को अंजाम दिया. हमले की संभावित आंतरिक आतंकवादी हमले के तौर पर जांच की जा रही है. इस बीच राष्ट्रपति बाइडेन ने टीवी पर दिखाए राष्ट्र के नाम एक संबोधन में कहा कि राजनीतिक आवेग तेज हो सकता है लेकिन "हमें कभी भी हिंसा के स्तर पर नहीं उतरना चाहिए." उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका की स्थापना ऐसे लोकतांत्रिक सिद्धांतों पर हुई है जो बल से ज्यादा तर्क और संतुलन को प्राथमिकता देते हैं.
सीके/एए (एपी, एएफपी)
अमेरिका में रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने जेडी वेंस को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाने का फ़ैसला किया है.
उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बनने के अलावा जेडी वेंस की कई और पहचान हैं.
वो ओहायो से सीनेटर हैं. जेडी वेंस लेखक, निवेशक और डोनाल्ड ट्रंप के आलोचक रह चुके हैं.
जेडी वेंस की पत्नी का संबंध भारत से है.
इस रिपोर्ट में हम आपको जेडी वेंस के भारत कनेक्शन, पत्नी ऊषा और उनकी शख़्सियत के बारे में कुछ बातें बताएंगे.
जेडी वेंस ने भारतीय मूल की ऊषा चिलुकुरी से साल 2014 में शादी की थी.
दोनों की मुलाक़ात साल 2010 में येल यूनिवर्सिटी में हुई थी. ऊषा और जेडी के तीन बच्चे हैं. ईवान, विवेक और मीराबेल.
ऊषा के मां-बाप भारत से अमेरिका जाकर बसे थे. ऊषा सेन डियागो में पली बढ़ीं.
ऊषा का बैकग्राउंड अपने पति से काफ़ी अलग था. ऊषा ने येल से ग्रैजुएशन की पढ़ाई पूरी की और फिर कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से मास्टर डिग्री की.
वो सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस जॉन रॉबर्ट्स की क्लर्क के तौर पर भी काम कर चुकी हैं.
इन दिनों ऊषा वकालत कर रही हैं.
जेडी वेंस कई बार अपनी पत्नी ऊषा की तारीफ़ करते रहे हैं और वो उन्हें अपनी येल की 'आध्यात्मिक गुरु' बताते हैं.
फॉक्स न्यूज़ को बीते महीने दिए इंटरव्यू में ऊषा ने कहा था- मुझे जेडी पर भरोसा है और मैं उनसे बहुत प्यार करती हूं. हम देखते हैं कि हमारे जीवन में क्या होता है.
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक़- जेडी वेंस ने ऊषा के बारे में लिखा था, ''वो उन सवालों को समझ जाती हैं जो मुझे पता तक नहीं होते हैं. ऊषा हमेशा उन अवसरों को हासिल करने के लिए कहती हैं, जिनके होने के बारे में मुझे मालूम भी नहीं होता.''
जेडी वेंस ने कहा- लोगों को ये अहसास नहीं है कि वो कितनी कमाल की हैं. ऊषा एक हज़ार पन्नों की किताब कुछ घंटों में पूरी कर सकती हैं.
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एक ऐसी घटना, जो अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की दिशा बदल सकती है
''मुझे ट्रंप निंदनीय लगते हैं.''
ये बातें जेडी वेंस ने अपने कई इंटरव्यू और ट्विटर (एक्स) पर साल 2016 में कही थीं.
ये वो वक़्त था, जब 'हिलबिली एलीगी' नाम के संस्मरण छपने पर लेखक जेडी वेंस को शोहरत मिली थी.
जेडी वेंस की लिखी बेस्ट सेलर 'हिलबिली एलीगी' किताब पर फ़िल्म भी बनी है. ये फ़िल्म नेटफ्लिक्स पर उपलब्ध है.
जेडी वेंस ने 2016 में फ़ेसबुक पर एक एसोसिएट को निजी संदेश में कहा था- ''मैं ये सोचता हूं कि ट्रंप सनकी *** हैं या वो अमेरिका के हिटलर हैं.''
मगर इन बयानों के कुछ साल बाद ही जेडी वेंस ट्रंप के सहयोगी बन गए हैं.
जेडी वेंस ओहायो से पहली बार सीनेटर बने. एक तरह से कहा जा सकता है कि 2028 के राष्ट्रपति चुनाव में जेडी वेंस रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार बनने वालों की लिस्ट में शामिल हो गए हैं.
परंपरागत वोटिंग रिकॉर्ड और मिड वेस्टर्न जड़ों यानी उत्तरी मध्य क्षेत्र के चलते रिपब्लिकन पार्टी को उम्मीद है कि वोटिंग में समर्थन बढ़ेगा.
जेडी वेंस के बारे में कहा जा सकता है कि बदलाव उनकी आदत में शुमार है.
सवाल ये है कि आख़िर जेडी वेंस अमेरिकी राजनीति में इतनी ऊंचाई तक कैसे पहुंचे?
जेम्स डेविड बोमैन यानी जेडी वेंस का जन्म ओहायो में हुआ. जेडी छोटे थे तभी उनके पिता घर छोड़कर चले गए थे.
जेडी को उनके दादा, दादी ने पाला. जेडी उनको मम्मा और पापा पुकारते थे.
2016 के अपने संस्मरण 'हिलबिली एलीगी' में जेडी वेंस ने अपने दादा, दादी के बारे में पूरी संवेदनशीलता के साथ लिखा था.
जेडी वेंस ओहायो के मिडिल टाउन से हैं. मगर वो अपने परिवार की जड़े पर्वती इलाके एपलाचिया की बताते हैं. ये अमेरिका के सबसे ग़रीब इलाक़ों में से एक है.
जेडी वेंस ने इस संस्मरण में अपने दोस्तों, परिवार के लिए बुरे फ़ैसलों के बारे में लिखा है. जेडी वेंस ने रूढ़िवादी रवैया भी अपनाया.
वेंस ने इन लोगों को सरकारी मदद पर आश्रित, खर्चीला और निठल्ला बताया था.
वेंस ने लिखा कि एपलाचिया के लोग ख़राब हालात में और बदतर तरीके से पेश आते या प्रतिक्रिया देते हैं. ये लोग ऐसी संस्कृति से आए लोग थे, जो किसी हालात से निपटने की बजाय उससे दूरी बढ़ाने पर ज़ोर देते.
किताब में वेंस ने लिखा- सच कड़वा होता है और पहाड़ी लोगों के लिए सबसे कठोर सत्य वो हैं, जो उन्हें ख़ुद से कहने चाहिए.
इस किताब ने वेंस को नए स्तर पर पहचान दिलवाई. ये किताब अब बेस्ट सेलर बन चुकी है.
किताब के आने से पहले जेडी वेंस मिडिल टाउन से बाहर निकल चुके थे.
पहले यूएस मरीन, फिर इराक में तैनाती. बाद में ओहायो स्टेट यूनिवर्सिटी और येल लॉ स्कूल.
बाद के दिनों में जेडी वेंस कैलिफॉर्निया में निवेशक की नौकरी करने लगे.
'हिलबिली एलीगी' किताब के कारण जेडी वेंस न सिर्फ़ सबसे ज़्यादा बिकने वाले लेखकों में शामिल हुए बल्कि वो टिप्पणीकार के तौर पर कार्यक्रमों में बुलाए जाने लगे.
जेडी वेंस से इन कार्यक्रमों में उम्मीद की जाती कि वो ट्रंप के वाइट और वर्किंग क्लास वोटर्स पर कही बातों पर टिप्पणी दें.
तब जेडी वेंस ट्रंप की आलोचना का कोई मौक़ा नहीं छोड़ते.
अक्तूबर 2016 के एक इंटरव्यू में जेडी वेंस ने कहा था- मुझे लगता है कि इस चुनाव का नकारात्मक असर हो रहा है, ख़ासकर वाइट वर्किंग क्लास पर.
वेंस ने कहा था- ''हो ये रहा है कि लोगों को एक-दूसरे पर उंगली उठाने का बहाना मिल जा रहा है. कभी मैक्सिकन शरणार्थियों की तरफ़, कभी चीनी व्यापार और कभी किसी और तरफ़.''
साल 2017 में वेंस ओहायो लौट आए और एक कंपनी में काम करने लगे थे.
जेडी वेंस के राजनीति में आने की कानाफूसी लंबे समय से चली आ रही थी. मगर ये हक़ीक़त तब बनी जब ओहायो से रिपब्लिकन सीनेटर रॉब पोर्टमैन ने 2022 में दोबारा नहीं लड़ने का फ़ैसला किया.
शुरुआत में जेडी वेंस का प्रचार काफी सुस्त चल रहा था. मगर इसे तेज़ शुरुआत तब मिली जब जेडी वेंस के पूर्व बॉस ने एक करोड़ डॉलर से उनकी मदद की.
मगर जेडी वेंस की राह के रोड़े वो पुराने बयान थे, जो उन्होंने ट्रंप की आलोचना में कहे थे. ओहायो में रिपब्लिकन्स की काफ़ी संख्या है.
जेडी वेंस ने अपने पुराने बयानों के लिए माफ़ी मांगी और ट्रंप का समर्थन पाने में भी वो कामयाब रहे.
इस पूरी प्रक्रिया में वेंस 'अमेरिका को फिर से महान बनाएंगे' की राजनीति में अहम भूमिका वाले खिलाड़ी बन गए. वो ट्रंप के एजेंडे को ही आगे बढ़ाने की कोशिश में दिखने लगे.
इसी की नतीजा है कि वो दुनिया के दूसरे सबसे ताक़तवर माने जाने वाले पद की रेस में शामिल हो गए हैं. (bbc.com/hindi)
संयुक्त राष्ट्र, 16 जुलाई। संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी वक्ताओं की अनंतिम सूची के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी यहां उच्च स्तरीय संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र को संभवत: 26 सितंबर को संबोधित करेंगे।
संयुक्त राष्ट्र महासभा के 79वें सत्र की उच्च स्तरीय आम बहस 24 से 30 सितंबर तक होगी।
संयुक्त राष्ट्र द्वारा सोमवार को जारी वक्ताओं की अनंतिम सूची के अनुसार, भारत के ‘‘राष्ट्राध्यक्ष’’ 26 सितंबर की दोपहर में उच्च स्तरीय सत्र को संबोधित करेंगे।
यह अंतिम सूची नहीं है। संयुक्त राष्ट्र उच्च स्तरीय सत्र से पहले के सप्ताहों में वक्ताओं की अद्यतन अनंतिम सूची जारी करता है, ताकि नेताओं, मंत्रियों और राजदूतों की उपस्थिति, कार्यक्रम और उनके बोलने के समय में हुए हर प्रकार के बदलाव की जानकारी दी जा सके।
ब्राजील इस चर्चा में परंपरागत रूप से प्रथम वक्ता होता है। वह 24 सितंबर को अपने संबोधन के साथ उच्च स्तरीय सत्र की शुरुआत करेगा। उसके बाद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन संयुक्त राष्ट्र को संबोधित करेंगे।
पिछले महीने ऐतिहासिक तीसरे कार्यकाल के लिए भारत के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने वाले मोदी ने इससे पहले सितंबर 2021 में वार्षिक उच्च स्तरीय यूएनजीए सत्र को संबोधित किया था।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस आम बहस शुरू होने से पहले अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे, जिसके बाद महासभा के 79वें सत्र के अध्यक्ष सभा को संबोधित करेंगे।
गुतारेस इस सप्ताह संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में महत्वाकांक्षी ‘समिट फॉर फ्यूचर’ (भविष्य का शिखर सम्मेलन) भी आयोजित कर रहे हैं जिसके तहत 20-21 सितंबर को कार्यवाही दिवस तथा 22-23 सितंबर को शिखर सम्मेलन आयोजित होगा।
विश्व के नेता भविष्य से जुड़े समझौते को अपनाने के लिए संयुक्त राष्ट्र में एकत्रित होंगे, जिसमें एक वैश्विक डिजिटल समझौता और भविष्य की पीढ़ियों संबंधी घोषणा शामिल होगी।
संयुक्त राष्ट्र ने कहा, ‘‘यह शिखर सम्मेलन एक उच्च स्तरीय आयोजन है, जो विश्व नेताओं को एक साथ लाकर इस बारे में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहमति बनाने का काम करेगा कि हम कैसे वर्तमान को बेहतर कर सकते हैं और कैसे भविष्य की सुरक्षा कर सकते हैं।’’ (भाषा)
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप खुद पर हुए हमले के बाद पहली बार सार्वजनिक तौर पर दिखे. रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रीय सम्मेलन के लिए मिलवाऊकी पहुंचे ट्रंप के कान पर पट्टी बंधी थी.
उनके दाहिने कान पर बड़ी पट्टी लगी थी,जिसे हमलावर की गोली छूती हुई निकल गई थी.
उनके साथ बाईं ओर उप राष्ट्रपति पद के रिपब्लिकन उम्मीदवार जेडी वेंस भी मौजूद थे. पार्टी के सीनेटर बेरन डोनाल्ड्स दाहिने खड़े थे. उनके साथ बॉक्स में बेटे एरिक और डोनाल्ड जूनियर भी थे. परिवार के दूसरे सदस्य भी साथ खड़े थे.
राष्ट्रीय सम्मेलन में वक्ताओं के भाषण के दौरान ट्रंप मुस्कुराते दिखे. वो बीच-बीच में तालियां बजा रहे थे. ट्रंप वेंस और डोनाल्ड्स की ओर मुड़ कर भाषणों पर टिप्पणी करते दिखे.
रविवार को पेंस्लिवेनिया के बटलर में रिपब्लिकन पार्टी की रैली में ट्रंप भाषण दे रहे ते तभी उन्हें निशाना लगाकर गोली चलाई गई थी. गोली ट्रंप के बिल्कुल बगल से गुज़री थी.
गोली उनके दाहिने कान को छूती हुई निकल गई. हमलावर मैथ्यू थॉमस क्रुक्स को पुलिस ने मार दिया था. (bbc.com/hindi)
केप कैनावेरल (अमेरिका), 15 जुलाई। वैज्ञानिकों ने चंद्रमा पर एक गुफा होने की पुष्टि की है, जो उस स्थान से ज्यादा दूर नहीं है जहां 55 वर्ष पहले नील आर्मस्ट्रांग और बज एल्ड्रिन उतरे थे।
वैज्ञानिकों के अनुसार, वहां सैकड़ों और गुफाएं हो सकती हैं जिनमें भविष्य में अंतरिक्ष यात्री आश्रय ले सकते हैं।
इतालवी वैज्ञानिकों के नेतृत्व में एक टीम ने सोमवार को बताया कि चंद्रमा पर एक बड़ी गुफा होने के सबूत मिले हैं। यह अपोलो 11 के लैंडिंग स्थल से महज 250 मील (400 किलोमीटर) दूर ‘सी ऑफ ट्रैंक्विलिटी’ में स्थित है।
यह गड्ढा, वहां खोजे गए 200 से अधिक अन्य गड्ढों की तरह, एक लावा ट्यूब के ढहने से बना था।
शोधार्थियों ने नासा के लूनर रिकॉनिसेंस ऑर्बिटर द्वारा रडार मापों का विश्लेषण किया और पृथ्वी पर लावा ट्यूबों के साथ परिणामों की तुलना की। उनके निष्कर्ष ‘नेचर एस्ट्रोनॉमी’ पत्रिका में प्रकाशित हुए हैं। (एपी)
बीबीसी की पड़ताल में पता चला है कि ट्रंप पर गोली चलाने वाले 20 वर्षीय थॉमस क्रूक्स को हाई स्कूल राइफ़ल टीम में शामिल करने से मना कर दिया गया था.
ट्रंप पर हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने क्रूक्स को भी गोली मार दी थी जिससे उसकी मौत हो गई.
क्रूक्स के एक सहपाठी ने एबीसी न्यूज़ को बताया कि प्रीसेशन सीज़न के बाद हाई स्कूल ने क्रूक्स को वापस टीम में आने से मना कर दिया था.
जेम्सन मायर्स ने कहा, "क्रूक्स टीम में जगह भी नहीं बना पाया और उसे टीम में वापस ना आने के लिए भी कहा गया. इसकी वजह थी कि उसका शॉट काफी ख़राब और ख़तरनाक माना गया था."
वहीं उसकी टीम के एक और सदस्य ने बताया कि थॉमस क्रूक्स कितने ख़राब शॉट लगाता था और वह राइफ़ल टीम में शामिल होने के लिए बिलकुल भी फिट नहीं था.
स्कूल डिस्ट्रिक्ट ने भी बताया कि क्रूक्स ने दोबारा कभी टीम में शामिल होने की कोशिश नहीं की और ना ही कभी वो रोस्टर में शामिल हुआ.
हालांकि क्रूक्स कम से कम एक साल तक स्थानीय शूटिंग क्लब क्लेयरटन स्पोर्ट्समेन्स क्लब से जुड़ा रहा. (bbc.com/hindi)
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खु़द पर हुए जानलेवा हमले के दौरान सुरक्षाकर्मियों से अपने जूतों के बारे में पूछा था.
यह जानकारी ट्रंप के न्यूयॉर्क पोस्ट के साथ हुए एक इंटरव्यू से बाहर निकल कर आई है.
ट्रंप पर हुए जानलेवा हमले के एक वीडियो में ट्रंप को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि 'मैं अपने जूते चाहता हूं.'
इस बारे में ट्रंप ने न्यूयॉर्क पोस्ट को बताया कि जब उन पर गोली चली तो सुरक्षा एजेंसियों के एजेंटों ने उनको घेर लिया और ज़मीन पर लिटा दिया, वह सब इतनी जल्दी हुआ कि जूता पैर से निकल गया.
उन्होंने अख़बार को बताया, "मेरा जूता टाइट था."
इसके अलावा उस इंटरव्यू में ट्रंप ने सीक्रेट सर्विस की सराहना करते हुए हमलावर को गोली मारने के लिए उनकी तारीफ़ भी की. (bbc.com/hindi)
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ओहायो से रिपब्लिकन सीनेटर जेडी वेंस को अपने उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर चुना है.
ट्रंप ने सोमवार को अपने ट्रुथ सोशल नेटवर्क पर इसका ऐलान किया. वेंस ट्रंप के आलोचक रहे हैं लेकिन बाद में उनके सहयोगी बन गए.
ओहायो से पहली बार सीनेटर चुने गए वेंस के पास कंजर्वेटिव वोटों का अच्छा आधार रहा है. वेंस को उप राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाने से बड़ी संख्या में कंजर्वेटिव वोटर रिपब्लिकन पार्टी की ओर आकर्षित हो सकते हैं. वेंस वेंचर पूंजावादी रहे हैं.
वेंस की लंबे समय से रिपब्लिकन पार्टी के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने की उम्मीद जताई जा रही थी. जब ओहायो के रिपब्लिकन सीनेटर रॉब पोर्टमैन ने 2022 के चुनाव में दोबारा चुनाव नहीं लड़ने का फ़ैसला किया तभी से वेंस की दावेदारी और मज़बूत हो गई. (bbc.com/hindi)
नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने डॉ. आरज़ू राणा देऊबा को विदेश मंत्री बनाया है. सोमवार को उन्होंने अपना पद संभाल लिया.
पद संभालते ही उन्होंने कहा कि सीमा विवाद तथ्यों और सबूतों को आधार पर सुलझाए जाने चाहिए. इससे पड़ोसी देशों के साथ अनावश्यक विवाद ख़त्म हो जाएंगे.
उन्होंने कहा कि पहले की तरह ये ज़रूरी नहीं है कि पड़ोसी देशों के साथ सीमा विवाद सीमा पर लगे पिलर्स की गिनती करके सुलझाया जाए.
उन्होंने कहा, ''हम भारत के साथ अपने सीमा विवाद भूगोल, इतिहास और जीपीएस आधारित नए वैज्ञानिक नक्शों के मुताबिक़ सुलझाएंगे, हमारे पास पहले की तुलना में अब ज्यादा जानकारी, तथ्य और सुबूत हैं. इसलिए इस बात पर अब चिंता करने की जरूरत नहीं है कि कौन सी बाउंड्री पिलर कहां है.''
आरज़ू देऊबा ने कहा,''अब तथ्य सामने हैं. लिहाजा अब हम अपने सीमा विवाद सुलझा सकते हैं. मेरी जानकारी में महाकाली सीमाई नदी है. भारत और नेपाल दोनों के पास इस तक पहुंच है. इसलिए इस मामले में हमेशा विवाद रहा है.''
राणा नेपाल की चौथी महिला विदेश मंत्री हैं . उनसे पहले बिमला राय पौडेल, सुजाता कोइराला और सहाना प्रधान नेपाल की विदेश मंत्री रह चुकी हैं. (bbc.com/hindi)
पेशावर, 15 जुलाई। पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में एक सैन्य प्रतिष्ठान की बाहरी दीवार के पास सोमवार तड़के एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटकों से लदे वाहन को धमाका कर उड़ा दिया। साथ ही उसके एक साथी ने अपनी जैकेट में विस्फोट कर दिया, जिससे आठ नागरिक घायल हो गए और आसपास के घरों को नुकसान पहुंचा। एक स्थानीय पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी।
पुलिस अधिकारी ताहिर खान ने बताया कि हमलावरों ने बन्नू शहर स्थित सेना के कार्यालय और सुरक्षाबलों के आवास में घुसने के प्रयास में यह हमला किया था, हालांकि सुरक्षाबलों ने इस 'समन्वित हमले' में तुरंत कार्रवाई करते हुए हमलावरों के प्रयास को विफल कर दिया।
उन्होंने बताया कि सुरक्षाबलों ने आतंकवादियों का पता लगाने के लिए इलाके में तलाश-अभियान शुरू कर दिया है और हेलीकॉप्टर के जरिए इलाके में निगरानी की जा रही है।
स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि इस हमले में कई जवान भी घायल हुए हैं।
सरकार या सेना ने इस हमले पर तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की है।
बन्नू अफगानिस्तान की सीमा से लगे खैबर पख्तूनख्तवा प्रांत में है और हाल के वर्षों में इस प्रांत में आतंकवादी हमलों में वृद्धि हुई है। जनवरी 2023 में एक आत्मघाती हमलावर ने पुलिसकर्मी के वेश में उत्तर-पश्चिमी शहर पेशावर की एक मस्जिद पर हमला किया था, जिसमें 101 लोग मारे गए थे। मृतकों में ज्यादातर पुलिस अधिकारी थे।
अभी तक किसी भी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन संदेह है कि पाकिस्तानी तालिबान इस हमले के लिए जिम्मेदार है।
पाकिस्तानी तालिबान ने हाल के महीनों में देशभर में सुरक्षा बलों पर कई हमले किए हैं।
पाकिस्तानी तालिबान को तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के नाम से जाना जाता है। यह अलग समूह है लेकिन इसे अफगान तालिबान का सहयोगी माना जाता है। (एपी)
(एम्मा शॉर्टिस, सहायक सीनियर फेलो, स्कूल ऑफ ग्लोबल, अर्बन एंड सोशल स्टडीज, आरएमआईटी यूनिवर्सिटी)
मेलबर्न, 15 जुलाई। पेंसिल्वेनिया में शनिवार को एक रैली में डोनाल्ड ट्रंप पर चलाई गईं गोलियों की जांच पूर्व राष्ट्रपति और रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद के वर्तमान उम्मीदवार की हत्या के प्रयास के रूप में की जा रही है।
पूरे अमेरिकी इतिहास में राष्ट्रपतियों और राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों पर हत्या के प्रयास भरे पड़े हैं। पेन्सिलवेनिया में जो हुआ वह भयावह है, लेकिन दुख की बात है कि यह आश्चर्यजनक नहीं है।
मैं वास्तव में इस बात से चकित हूं कि अमेरिका में कितने वरिष्ठ राजनीतिक लोग गोलीबारी के बाद बाहर आए और कहा कि राजनीतिक हिंसा के लिए अमेरिका में कोई जगह नहीं है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि अमेरिका में इस तरह की हिंसा "पहले सुनी नहीं गई" है।
यह काफी आश्चर्यजनक है। अमेरिका की स्थापना राजनीतिक हिंसा पर हुई थी, और राजनीतिक हिंसा की घटनाएं इसके पूरे इतिहास को चिह्नित करती हैं।
वास्तव में, बाइडेन ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत खुद को इसी तरह के हमलों में मारे गए कैनेडी भाइयों का राजनीतिक उत्तराधिकारी बताकर की थी। राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी, जिनकी 1963 में हत्या कर दी गई थी, और रॉबर्ट एफ कैनेडी, जिनकी 1968 में हत्या कर दी गई थी।
हालाँकि, अब तक के राष्ट्रपति अभियान की अस्थिर प्रकृति और अमेरिका में गहरे विभाजन को देखते हुए, इस क्षण में यह घटना घटित होना बेहद चिंताजनक है।
जिस तरह से सोशल मीडिया पर इतनी तेजी से गोलीबारी को हथियार बनाया गया - वास्तविक समय में साजिश के सिद्धांत सामने आने के साथ - इसका मतलब है कि इस तरह की हिंसा के बढ़ने की संभावना बहुत अधिक है।
आपको केवल 6 जनवरी 2021 को यूएस कैपिटल के विद्रोह को देखना होगा कि अमेरिका में राजनीतिक हिंसा कितनी तेजी से भड़क सकती है।
इसका कारण, कम से कम कुछ हद तक, हाल के वर्षों में धुर दक्षिणपंथी तत्वों द्वारा जानबूझकर हिंसक बयानबाजी को बढ़ावा देना है। विशेष रूप से, 2016 में राष्ट्रपति पद के लिए अपनी पहली दौड़ की शुरुआत के बाद से ट्रम्प की रैलियों में राजनीतिक हिंसा की लहरें उबल रही हैं।
हिंसा का खतरा ट्रम्प की राजनीतिक छवि, उनकी अपील और उनके समर्थक आधार के लिए केंद्रबिंदु बन गया है। हिंसा के बारे में उनकी बात सुनने के लिए आपको ट्रम्प की हर रैली और हर ट्रम्प भाषण के केवल कुछ क्षण देखने होंगे, अक्सर ग्राफिक विस्तार से और बड़े आनंद के साथ।
उदाहरण के लिए, उन्होंने 2022 में पूर्व अमेरिकी हाउस स्पीकर नैन्सी पेलोसी के पति, पॉल के खिलाफ उनके घर पर हुए हमले का वर्णन करते समय बार-बार साजिश के सिद्धांतों का उल्लेख किया है, साथ ही उनका मजाक उड़ाया और हमले का मजाक उड़ाया।
यह ट्रंप के अभियान और उनके पीछे चल रहे आंदोलन की एक विशेषता है, कोई कल्पना नहीं।
और इसका वास्तविक दुनिया पर प्रभाव पड़ता है। 2020 में एबीसी न्यूज (अमेरिकी मीडिया संगठन) द्वारा की गई एक राष्ट्रव्यापी समीक्षा में 54 आपराधिक मामलों की पहचान की गई जिसमें ट्रम्प को "हिंसक कृत्यों, हिंसा की धमकियों या हमले के आरोपों से सीधे तौर पर" शामिल किया गया था।
अभी कुछ हफ्ते पहले, दक्षिणपंथी थिंक टैंक हेरिटेज फाउंडेशन के अध्यक्ष (ट्रम्प के दूसरे कार्यकाल के तहत अमेरिकी सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए प्रोजेक्ट 2025 योजना के वास्तुकार) केविन रॉबर्ट्स ने "दूसरी अमेरिकी क्रांति" के बारे में बात की थी और कहा था, "यदि वामपंथ इसकी अनुमति देता है तो रक्तहीन ही रहेगा।"
यह देखते हुए कि हिंसा का यह खतरा कितना सन्निकट हो गया है, यह शायद अधिक आश्चर्य की बात है कि इस परिमाण की घटना अधिक बार नहीं होती है, या पहले भी नहीं हुई है।
एक अभियान-परिभाषित करने वाली छवि
यह भी आश्चर्यजनक है कि ट्रंप राजनीतिक छवि के कितने माहिर खिलाड़ी हैं। आप इसे पेंसिल्वेनिया में शूटिंग के फुटेज में देख सकते हैं: ट्रम्प के खड़े होने के बाद, वह उस छवि को कैद करने के लिए अपनी मुट्ठी को रक्षात्मक रूप से ऊपर उठाते हैं।
वह छवि, यदि ट्रम्प के पूरे राष्ट्रपति अभियान को नहीं तो निश्चित रूप से इस क्षण को परिभाषित करने वाली है, ।
इस अभियान में अब तक कई महत्वपूर्ण बिंदु आए हैं, और यह निर्णायक भी हो सकता है। यह ट्रम्प को उनके समर्थकों की नज़र में एक शहीद से एक संत में बदल सकता है।
यह देखना बहुत महत्वपूर्ण होगा कि ट्रम्प, उनका अभियान और उनके आस-पास के लोग इस कथा का उपयोग कैसे करते हैं, खासकर रिपब्लिकन नेशनल कन्वेंशन से पहले, जो आने वाले दिनों में विस्कॉन्सिन में शुरू होने वाला है।
हाल के सप्ताहों में बाइडेन के बहस प्रदर्शन के नतीजों को देखते हुए, दोनों उम्मीदवारों की एक विपरीत छवि भी उभर रही है और आगे भी मजबूत हो सकती है - भले ही यह उन्हें सटीक रूप से प्रतिबिंबित न करे।
उठी हुई मुट्ठी के साथ लहूलुहान ट्रंप की वह छवि निश्चित रूप से उनके पूरे अभियान को रेखांकित कर सकती है और उनके लिए समर्थन जुटा सकती है।
तो फिर, यह पूरी तरह से संभव है कि यही वह क्षण हो जब ट्रम्प अमेरिकी राष्ट्रपति का चुनाव जीत जाएं। (द कन्वरसेशन)
मोगादिशू (सोमालिया), 15 जुलाई। सोमालिया की राजधानी मोगादिशू में रविवार को एक कैफे के बाहर हुए बम विस्फोट में कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई। पुलिस ने यह जानकारी दी।
सोमाली पुलिस के प्रवक्ता मेजर अब्दिफिताह अदेन हस्सा ने बताया कि कुछ लोग कैफे के अंदर टीवी पर स्पेन और इंग्लैंड के बीच यूरोपियन चैंपियनशिप फुटबॉल मैच का फाइनल देख रहे थे तभी बाहर एक कार में विस्फोट हो गया। यह कार विस्फोटकों से भरी हुई थी।
उन्होंने पत्रकारों को बताया कि हमले में कम से कम 20 अन्य लोग घायल हुए हैं।
घटनास्थल की बताई जा रहीं कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर आई हैं जिनमें विस्फोट के बाद कैफे के बाहर आग दिखाई दे रही है।
चश्मदीद इस्माइल अदेन ने फोन पर बताया, "कुछ दर्शक कैफे की दीवार फांदने की कोशिश करते हुए घायल हो गए जबकि कुछ भगदड़ में घायल हो गए।"
उन्होंने कहा कि विस्फोट के समय अधिकतर पीड़ित सड़क पर थे।
यह तुरंत स्पष्ट नहीं हो पाया कि हमले के लिए कौन जिम्मेदार है।
सोमालिया की सरकार चरमपंथी समूह ‘अल-शबाब’ के खिलाफ आक्रामक अभियान चला रही है। इस समूह को अमेरिका ने अल-कायदा के सबसे खतरनाक संगठनों में से एक बताया है। (एपी)
(ललित के झा)
मिलवाउकी (अमेरिका), 15 जुलाई। अमेरिका में संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि पेनसिल्वेनिया में एक चुनावी रैली में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर गोली चलाने वाले युवक ने अकेले इस घटना को अंजाम दिया।
एफबीआई इस घटना की जांच ‘‘घरेलू आतंकवाद’’ के पहलू से भी कर रही है।
बंदूकधारी की पहचान थॉमस मैथ्यू क्रुक्स (20) के रूप में की गयी है।
एफबीआई की राष्ट्रीय सुरक्षा शाखा के कार्यकारी सहायक निदेशक रॉबर्ट वेल्स ने कहा, ‘‘जांच में इस चरण में ऐसा प्रतीत होता है कि उसने अकेले घटना को अंजाम दिया लेकिन हमें अब भी काफी जांच-पड़ताल करनी है।’’
उन्होंने कहा कि एफबीआई इस घटना की, हत्या के प्रयास तथा ‘‘संभावित रूप से घरेलू आतंकवाद’’ के पहलू से भी जांच कर रही है।
उन्होंने बताया कि आतंकवाद रोधी प्रभाग और आपराधिक प्रभाग इस घटना के कारण का पता लगाने के लिए एक साथ मिलकर काम कर रहे हैं।
ट्रंप को शनिवार को पेनसिल्वेनिया में एक रैली के दौरान उनके दाहिने कान के ऊपरी हिस्से में एक गोली लगी थी। वह अब ठीक हैं और उन्होंने काम करना शुरू कर दिया है जिसमें रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रीय सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए मिलवाउकी जाना भी शामिल है। इस सम्मेलन में उन्हें पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद का आधिकारिक उम्मीदवार बनाया जाएगा।
एफबीआई निदेशक क्रिस्टोफर व्रे ने कहा, ‘‘हमलावर बेशक मर गया लेकिन जांच जारी है। इस वजह से हम अभी ज्यादा कुछ कह नहीं सकते हैं।’’
उन्होंने वाशिंगटन में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘कल हमने जो देखा वह लोकतंत्र और हमारी लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर हमले से कम नहीं था।’’
एफबीआई के एक अधिकारी के अनुसार, हमलावर की जांच में अभी तक उसके किसी मानसिक समस्या से पीड़ित होने, सोशल मीडिया पर धमकी भरे पोस्ट करने या किसी अन्य मंशा का पता नहीं चला है। लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी।
एफबीआई के अनुसार, हमलावर ने 5.56एमएम की एआर-शैली की राइफल का इस्तेमाल किया।
क्रुक्स ने दो महीने पहले एलेगनी काउंटी के कम्युनिटी कॉलेज से स्नातक किया और इंजीनियरिंग साइंस में एसोसिएट की डिग्री हासिल की। कॉलेज के अधिकारियों ने एक बयान में बताया कि वे इस घटना से स्तब्ध व दुखी हैं। (भाषा)
अपने ऊपर जानलेवा हमले के बाद पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पहली बार इंटरव्यू दिया है.
अपने पहले इंटरव्यू में ट्रंप ने कहा है कि उन्होंने रिपब्लिकन पार्टी के सम्मेलन में दिए जाने वाले भाषण को पूरी तरह नए सिरे से लिखा है. इसमें उन्होंने बाइडन की आलोचना के बजाय ‘’एकता’’ का संदेश देने पर फोकस किया है.
डोनाल्ड ट्रंप रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रीय सम्मेलन में हिस्सा लेने मिलवाउकी पहुंचे हैं. मंगलवार से यहां पार्टी का चार दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन शुरू हो रहा है. इसमें ट्रंप आधिकारिक तौर पर रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति उम्मीदवार घोषित होंगे.
उन्होंने मीडिया आउटलेट ‘वॉशिंगटन एक्जामिनर’ को दिए इंटरव्यू में कहा कि वो जो भाषण देने जा रहे हैं वो ज़बरदस्त होगा.
उन्होंने कहा, ''अगर ये नहीं होता (हमला) तो ये अब तक के सबसे असाधारण भाषणों में से एक होता. इसमें राष्ट्रपति बाइडन की नीतियों की आलोचना होती. लेकिन अब ईमानदारी से कहूं तो अब ये बिल्कुल अलग भाषण होने जा रहा है. ये देश को एक साथ लेने का मौका है. मुझे ये मौका मिला है.''
उन्होंने कहा कि शनिवार को जो हुआ उसकी वास्तविकता अब सामने आ रही है. उन्होंने उस वक़्त के बारे में बताया जब उन्हें गोली मारी गई थी.
ट्रंप ने कहा कि 'उनके अंदर जो ऊर्जा दिख रही है वो जनता से आ रही है. रैली में जो लोग उस वक़्त थे ये उन्हीं के उत्साह का नतीजा है.' (bbc.com/hindi)
इसराइली सेना ने कहा है कि शनिवार को ग़ज़ा में उसके हवाई हमले में हमास के सीनियर कमांडर रफा सलामा मारे गए हैं. हालांकि हमास ने इसकी पुष्टि नहीं की है.
इसराइली सेना ने कहा है कि सलामा ख़ान यूनिस ब्रिगेड के कमांडर थे. सेना का कहना है कि सलामा 7 अक्टूबर को इसराइल पर हमास के हमले के ‘मास्टरमाइंड्स’ में शामिल थे. वो हमास के सैन्य दस्ते के कमांडर मोहम्मद डेफड के क़रीबी सहयोगी थे.
जबकि हमास संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि इसराइल ने ग़ज़ा में ख़ान यूनिस के एक ऐसे शरणार्थी कैंप पर हमला किया जो मानवीय जोन में था.
इमेज कैप्शन,हमले में तबाह हुई जगह के पास एक फ़लस्तीनी महिला. अल-मवासी इलाक़े को हमले के पहले तक सुरक्षित माना जा रहा था.
मंत्रालय ने दावा किया है कि ख़ान यूनिस के नज़दीक अल-मसावी इलाके़ में हुए हमले में 114 फ़लस्तीनी मारे गए हैं और 400 घायल हुए हैं.
इसराइल ने हमले को जायज ठहराया है. उसने कहा है कि यहां हमास के सीनियर लीडर में मौजूद थे और वो उन्हें ही निशाना बना रहा था.
लेकिन हमास नेताओं ने कहा है कि इसराइल का ये दावा गलत है.
हमास नेताओं की मौजूदगी का बहाना बना कर वो नागरिकों को निशाना बना रहा है. (bbc.com/hindi)
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पत्नी मेलानिया ने कहा है कि प्यार, अलग-अलग विचारधारा, नीति और राजनीति से ऊपर है.
शनिवार को पेंसिल्वेनिया के बटलर में एक रैली में डोनाल्ड ट्रंप पर हुए जानलेवा हमले के बाद उनकी पत्नी मेलानिया ने एक बयान जारी कर देशवासियों से एकजुट रहने की अपील की है.
अब से थोड़ी देर पहले मेलानिया ने ट्रंप के एक्स हैंडल पर दो पन्नों का एक बयान पोस्ट किया जिसमें उन्होंन लिखा, "जब मैंने देखा कि एक गोली मेरे पति डोनाल्ड ट्रंप को लगी, तो मुझे अहसास हुआ कि मेरी ज़िंदगी, हमारी ज़िंदगी एक बड़े बदलाव के मोड़ पर है."
उन्होंने लिखा, "मैं सीक्रेट सर्विस एजेंटों और लॉ एनफोर्समेन्ट अधिकारियों की शुक्रगुज़ार हूँ जिन्होंने अपनी जान जोख़िम में डालकर मेरे पति की जान बचाई है. इस घृणित कृत्य के कारण जो मासूम लोग हताहत हुए हैं मेरी संवेदना उनके परिवारों के साथ है."
"हमें ये नहीं भूलना चाहिए कि अलग-अलग विचारधारा, नीति और राजनीति क्यों न हो, ये सब प्यार से बढ़कर नहीं है."
"हमें ये याद रखना चाहिए कि किसी दिन जब हम वामपंथ या दक्षिणपंथ, या लाल या नीले से हटकर देखेंगे तो हम सभी ऐसे परिवारों से आए हैं जिनमें एक बेहतर ज़िंदगी के लिए लड़ने का जूनून है." (bbc.com/hindi)
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने अब से थोड़ी देर पहले राष्ट्र के नाम संबोधन में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर जानलेवा हमले की निंदा की है. उन्होंने इस हमले में मारे गए एक व्यक्ति के परिजनों के प्रति संवेदना जताई.
उन्होंने अमेरिकी समाज में हिंसा पर कहा, ''हम इस रास्ते पर नहीं जा सकते हैं. हमें इस पर जाना भी नहीं जाना चाहिए. हम अपने इतिहास में काफ़ी हिंसा झेल चुके हैं.''
ओवल ऑफिस से दिए गए अपने दस मिनट से कम समय के भाषण में उन्होंने राष्ट्रीय एकता पर ज़ोर दिया और कहा कि अमेरिका में गर्म राजनीतिक बयानबाज़ियों के इस दौर में ‘शांत’ रहने का समय है.
हालांकि बाइडन ने कुछ रिपबल्किन नेताओं की ओर लगाए गए आरोपों के बारे मे कुछ नहीं कहा. कई रिपबल्किन नेता आरोप लगा रहे हैं कि बाइडन ट्रंप के ख़िलाफ़ विभाजनकारी विमर्श को बढ़ावा दे रहे हैं.
बाइडन ने रविवार को पेंसिल्वेनिया की एक रैली में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर हुए जानलेवा हमले के बाद राष्ट्र के संबोधित किया है. ट्रंप पर एक शूटर ने गोली गोली चलाई थी. गोली ट्रंप के बहुत क़रीब से गुज़री थी. इस हमले में एक शख़्स की मौत हो गई थी और दो लोग घायल हुए थे. (bbc.com/hindi)