राष्ट्रीय
देहरादून, 23 जुलाई । केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार सुबह 11 बजे संसद में मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट पेश किया। वहीं, बजट पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खुशी जाहिर की। उन्होंने बजट को उत्तराखंड के लिए बहुत महत्वपूर्ण बताते हुए केंद्र सरकार की तरफ से मिले दैवीय आपदा राहत पैकेज को लैंडस्लाइड और बादल फटने से हुए नुकसान में बहुत उपयोगी बताया। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा, "यह बजट एक ऐतिहासिक और दूरदर्शी बजट है। समावेशी और सर्वग्राही बजट है। देश की जनता ने जिस प्रकार से मोदी जी के नेतृत्व में भाजपा की सरकार को अगले पांच साल के लिए निर्वाचित किया है।
सरकार का काम उसी प्रकार से अगले पांच सालों के अंदर होने वाला है। किस प्रकार से योजनाएं चलने वाली हैं?, किस प्रकार देश आगे बढ़ने वाला है?, ये बजट उसका एक स्वरूप है। प्रधानमंत्री मोदी का विकसित भारत का जो संकल्प है, उस विकसित भारत में यह बजट मील का पत्थर साबित होगा। यह बजट देश के हर वर्ग को राहत देने वाला है। इस बजट में युवा, गरीब, श्रमिक, महिलाएं, किसान जैसे सभी वर्गों के लिए चिंता कर उसका समावेश किया गया है।" उन्होंने कहा, "यह सरकार आमजन की खुशहाली के लिए पिछले 10 वर्षों से काम करती रही है। बजट में जो नौ प्रमुख विषय कृषि, रोजगार, सोशल जस्टिस, मैन्युफैक्चरिंग एंड सर्विस, अर्बन डेवलपमेंट, इंफ्रास्ट्रक्चर, इन्नोवेशन, रिसर्च एंड डेवलपमेंट और नेक्सट जेनरेशन रिफॉर्म पर मुख्यरूप से फोकस किया गया है।
इस बजट में प्रधानमंत्री ग्रामीण योजना को भी काफी विस्तार दिया गया है।" उत्तराखंड को मिले दैवीय आपदा पैकेज पर वित्तमंत्री का धन्यवाद देते हुए मुख्यमंत्री धामी ने कहा, "इस बजट में दैवीय आपदा में हुए नुकसान के लिए भी स्पेशन पैकेज देने की घोषणा की गई। इस घोषणा में उत्तराखंड का जिक्र विशेष रूप से किए जाने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का मैं धन्यवाद करता हूं।" बजट पर कांग्रेसी नेताओं के बयानों पर उन्होंने कहा, "जिनके मन में निराशा होगी, उनको हर जगह निराशा ही दिखाई देगी। 99 सीट जीतकर विश्व विजय जैसा घोषित करना कांग्रेस के लिए निराशा ही है।" - (आईएएनएस)
मुरादाबाद, 23 जुलाई । समाजवादी पार्टी नेता एसटी हसन ने केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए पूर्ण बजट पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि यह बेहद निराशाजनक बजट है। केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए बजट में आम लोगों के लिए कुछ भी नहीं है। उन्होंने कहा कि यह बजट काले धन को बढ़ावा देगा। उन्होंने कहा कि यह अच्छी बात है कि कैंसर की दवाइयों की कीमतों में छूट दी गई है, लेकिन कितने लोगों को कैंसर होगा? कितने लोग सोना-चांदी खरीदेंगे? यह बजट आम लोगों के किसी काम का नहीं है। उन्होंने कहा कि यह बजट कालेधन को बढ़ावा देगा। इस बजट में पूंजीगत लाभ पर टैक्स बढ़ा दिया गया।
शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन पर टैक्स 10 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी कर दिया गया। इससे शेयर बाजार में गिरावट आएगी। लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स पर 20 प्रतिशत टैक्स लगाया गया है। उन्होंने कहा कि यह बजट सिर्फ बिहार के लिए अच्छा है। उन्हें अपनी सरकार बचानी है। केंद्र सरकार सिर्फ बिहार पर ही मेहरबान क्यों रही? यूपी देश की सबसे बड़ी आबादी वाला राज्य है और देश के विकास में इसका सबसे ज्यादा योगदान है तो यूपी को कुछ क्यों नहीं मिला। उधर, शिवसेना उद्धव गुट के प्रवक्ता आनंद दुबे ने कहा कि संसद में पेश किया गया बजट कागजी बजट है।
उन्होंने कहा कि 3 से 7 लाख सालाना कमाने वालों पर 5 प्रतिशत टैक्स लगाकर मध्यम वर्ग की कमर तोड़ दी गई है। केंद्र में तीसरी बार मोदी सरकार बनी है लेकिन वर्तमान में उनकी कोई भी योजना जमीन पर लागू होती नहीं दिख रही है। - (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 23 जुलाई । कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने कहा कि कई महत्वपूर्ण बातों को इस बजट में अनदेखा कर दिया गया है, जिसकी आलोचना की जानी चाहिए। उन्होंने कहा, बजट के जरिए केंद्र की मोदी सरकार ने अपने खोखले वादों को प्रदर्शित करने का प्रयास किया। सरकार ने ऐसा कर यह दिखाने की कोशिश की है कि वो खोखले वादे करने में तनिक भी पीछे नहीं है, लेकिन इससे कुछ खास होने वाला नहीं है। जनता समझदार है, वो सब देखती है। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा, “बजट में केंद्र सरकार ने एक या दो नहीं, बल्कि कई महत्वपूर्ण बातों का जिक्र नहीं किया है। इसमें मनरेगा का जिक्र नहीं किया गया, जो गरीबों के लिए सबसे प्रमुख योजनाओं में से एक है।
इसके अलावा, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में तेजी लाने की दिशा में भी बजट में कोई विशेष ध्यान नहीं रखा गया है। उधर, मौजूदा जीडीपी की दर को कैसे बढ़ाना है, इस दिशा में भी सरकार ने बजट के जरिए यह बता दिया कि देश की जीडीपी कुछ भी रहे, हमें इससे कोई सरोकार नहीं है। लोगों के व्यक्तिगत आय में कैसे इजाफा हो, इस दिशा में भी सरकार पूरी तरह से निष्क्रिय नजर आ रही है। पिछले दस सालों में लोगों की आय में गिरावट देखने को मिल रही है। मुझे नहीं लगता कि इस बजट में कुछ ऐसा है, जिससे खुश हुआ जा सके।” उन्होंने आगे कहा, “शेयर मार्केट से जुड़े लोगों ने भी बजट को लेकर नकारात्मक प्रतिक्रिया ही दी है। मैं तो कुल मिलाकर यही कहूंगा कि इस बजट में ऐसा कुछ भी नहीं है, जिससे लोग खुश हो सकें। मुझे लगता है कि सरकार को अपने इस बजट को लेकर एक दफा फिर से आत्मचिंतन करने की आवश्यकता है। अगर सरकार ने ऐसा नहीं किया, तो उसे आगामी दिनों में निराशा का सामना करना पड़ सकता है।” बता दें कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को पूर्ण बजट पेश किया। सरकार का दावा है कि इसमें अर्थव्यवस्था के विभिन्न कारकों को सकारात्मक ऊर्जा से ओतप्रोत करने की कोशिश की गई है।
इसके अलावा, कैसे देश में विकास की गति को तेज किया जा सके, इस दिशा में भी बजट के जरिए नई रूपरेखा खींचने का प्रयास किया गया है। उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बजट की तारीफ की। उन्होंने इसे लोगों के कल्याण से जुड़ा बजट बताया। उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि इसमें लोगों के हितों को विशेष प्राथमिकता दी गई है। ध्यान दें, इससे पहले केंद्रीय वित्त मंत्री ने फरवरी में अंतरिम बजट पेश किया था। इसके बाद अब लोकसभा चुनाव संपन्न होने के बाद पूर्ण बजट पेश किया गया है। इसमें केंद्र सरकार ने समाज के विभिन्न तबकों के लोगों के हितों का विशेष ख्याल रखा गया है। -(आईएएनएस)
पटना, 23 जुलाई । बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बजट पर प्रसन्नता जताई। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से विशेष मदद मिलनी शुरू हो गई है। अब राज्य का और तेजी से विकास होगा। उन्होंने पत्रकारों से चर्चा के दौरान कहा कि विशेष राज्य के दर्जा को लेकर हम लोग पहले से ही आंदोलन कर रहे हैं। पहले ही हम लोग कह दिए थे कि अगर विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिल सकता है तो विशेष मदद की जाए। बिहार में सब कुछ किया जा रहा है।
आज केंद्रीय बजट में कई चीजों में मदद की घोषणा की गई है। उन्होंने कहा कि हम लोग काम कर रहे हैं, उसमें केंद्र से और अतिरिक्त मदद मिलेगी तो विकास को और गति मिलेगी। हम लोग विशेष राज्य के दर्जे की मांग कर रहे थे, लेकिन कहा गया कि इसे समाप्त कर दिया गया है। इसके बाद हम लोगों ने कहा कि बिहार को मदद मिलनी चाहिए। अब उसकी शुरुआत हो गई है। दूसरी तरफ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "बजट में बिहार को बाढ़ से बचाव के लिए भी बड़ा ऐलान किया गया है। कोशी-मेची नदी जोड़ परियोजना, नदी प्रदूषण न्यूनीकरण और सिंचाई परियोजनाओं के लिए विशेष आर्थिक मदद देने की घोषणा की गई है, जो स्वागत योग्य है।"
उन्होंने आगे लिखा, "बजट में बिहार के लिए विशेष प्रावधान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को विशेष धन्यवाद। बजट में बिहार के लिए की गई इन घोषणाओं से बिहार के विकास में सहयोग मिलेगा। आशा है कि आगे भी अन्य आवश्यकताओं के लिए केंद्र सरकार इसी तरह बिहार के विकास में सहयोग करेगी।" -(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 23 जुलाई । बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने बजट में बिहार के लोगों की भावना का ख्याल रखने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को धन्यवाद कहा है। जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने कहा कि बिहार को लेकर उनकी यह मांग रही है कि राज्य को विशेष राज्य का दर्जा देना चाहिए और अगर इसमें नियमों के कारण कोई बाधा है तो बिहार को विशेष पैकेज और विशेष सहायता मिलनी चाहिए।
उन्होंने बजट में बिहार की मांग और बिहार के लोगों की भावना का ध्यान रखने के लिए प्रधानमंत्री मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को धन्यवाद देते हुए कहा कि बिहार बाढ़ से पीड़ित रहा है, राज्य सरकार के हजारों करोड़ रुपए इसमें खर्च होते हैं और पहली बार बजट में कहा गया है कि नेपाल में जो हाई डैम बनना है, उसमें प्रोग्रेस नहीं है। इस समस्या को दूर करने के लिए फंड दिया गया है। भविष्य में जरूरत पड़ने पर और फंड दिया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने बजट में बिहार को लेकर की गई घोषणाओं का जिक्र करते हुए कहा कि बजट में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जेडीयू की मांगों का ध्यान रखा गया है और यह सिर्फ शुरूआत है, अगले 5 साल में एनडीए सरकार बिहार का कायाकल्प कर देगी।
उन्होंने यह भी कहा कि जेडीयू हमेशा कहती है कि 'बिहार में बहार है और नीतीशे कुमार है।' बिहार की हालत के लिए आरजेडी और कांग्रेस दोनों को जिम्मेदार बताते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस बिहार की सबसे बड़ी दुश्मन रही है, बिहारियों के खिलाफ रही है और बिहार विरोधी है। दस साल तक उनकी यूपीए की सरकार रही। लेकिन, उन्होंने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया। कांग्रेस ने आरजेडी के साथ मिलकर 15 साल पहले सरकार चलाई थी और बिहार को गर्त में ढकेलने के लिए कांग्रेस भी उतनी ही जिम्मेदार है, जितनी आरजेडी है। -(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 23 जुलाई । केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को लोकसभा में आम बजट पेश किया। इस आम बजट के बाद तमाम नेताओं की तरफ से प्रतिक्रियाओं का दौर शुरू हो गया है। केंद्रीय गृह अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "बजट 2024-25 मोदी जी के नेतृत्व में एनडीए सरकार का देशवासियों की आशा, आकांक्षा व विश्वास पूर्ति के संकल्प का प्रतिबिम्ब है। यह बजट युवाओं और महिलाओं के सशक्तिकरण के साथ-साथ किसानों के लिए अनेक अवसर उपलब्ध करवाकर विकसित व आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की दिशा में महत्त्वपूर्ण कदम है।
इस बजट के माध्यम से देश की भावी पीढ़ी के आत्मबल को मजबूती देने के लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को बधाई देता हूं।" एक दूसरे पोस्ट में उन्होंने लिखा, "बजट 2024-25 न केवल पीएम मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के तहत भारत के नए उद्देश्य, उम्मीद और आशावाद की नई भावना का उदाहरण है, बल्कि उन्हें मजबूत भी करता है। भारत के युवाओं, नारी शक्ति और किसानों की शक्ति का उपयोग करते हुए यह बजट रोजगार और अवसरों के एक नए युग की शुरुआत कर एक विकसित राष्ट्र की नींव रखेगा। जन-समर्थक और विकास-समर्थक दूरदर्शी बजट के लिए पीएम मोदी और निर्मला सीतारमण का आभार।" विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक्स पोस्ट में लिखा, "वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को एक ऐसा बजट पेश करने के लिए बधाई जो विकसित भारत के लक्ष्य को आगे बढ़ाता है। यह बजट उन लोगों की आकांक्षाओं के लिए समर्पित है, जिन्होंने एनडीए सरकार को लगातार तीसरी बार जनादेश दिया है।
वित्त मंत्री द्वारा पेश की गई 9 प्राथमिकताएं भारत की व्यापक राष्ट्रीय शक्ति में योगदान देंगी और इससे अंतरराष्ट्रीय मंच पर हमारी छवि बढ़ेगी। यह बजट नेबरहुड फर्स्ट, एक्ट ईस्ट, ग्लोबल साउथ और विदेश यात्रा करने वाले भारतीयों के लिए सुविधाओं सहित प्रमुख नीतियों को निष्पादित करने के लिए विदेश मंत्रालय को संसाधन प्रदान करता है।" वहीं रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक्स पोस्ट पर लिखा, "पीएम नरेंद्र मोदी की आर्थिक नीतियों ने समावेशी विकास पर ध्यान केंद्रित किया है। यह बजट रोजगार और मध्यम वर्ग के कल्याण पर फोकस के साथ उसी दृष्टिकोण को साझा करता है। रोजगार सृजन के लिए 2 लाख करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं। यह एक बहुत बड़ी पहल है। युवा नागरिकों के सपनों को पूरा करने के लिए मैं पीएम नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को धन्यवाद देता हूं।" -- (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 23 जुलाई । केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पूर्ण बजट पेश किया। इससे पहले, उन्होंने फरवरी में अंतरिम बजट पेश किया था। अब तक वो बतौर वित्त मंत्री सात बजट पेश कर चुकी हैं। वहीं, उनके इस बजट पर पूरे देश की निगाहें लगी हुईं थीं। इस बजट में समाज के विभिन्न तबकों के हितों का विशेष ध्यान रखा गया है। इस पर अब विभिन्न क्षेत्रों के लोग अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे हैं। लगभग सभी ने बजट को शानदार बताया है। बजट को लेकर भारत, बांग्लादेश और श्रीलंका के कंट्री हेड, बायर उपभोक्ता स्वास्थ्य प्रभाग संदीप वर्मा ने आईएएनएस से बातचीत की।
उन्होंने कहा, “स्वास्थ्य उद्योग में मौजूदा समय में उपभोग में विषमता एक समस्या बनकर उभर रही है। इससे कोई अछूता नहीं है। मुझे बजट को देखकर ऐसा लग रहा है कि अगर इसमें कही गई बातों को जमीन पर उतारा जाता है, तो इससे स्वास्थ्य उद्योग में तेजी देखने को मिलेगी। इसके अलवा, किसानों, महिलाओं और युवाओं के हितों का भी विशेष ध्यान इस बजट में रखा गया है। उधर, बाजार में तेजी लाने के लिए भी बजट में कई सराहनीय कदम उठाए गए हैं, जिसकी मैं प्रशंसा करता हूं। अब बस इस बजट में कही गई बातों को जमीन पर उतारे जाने की जरूरत है। अगर हम ऐसा करते हैं, तो मुझे यह कहने में कोई गुरेज नहीं है कि इससे हमारी अर्थव्यवस्था में नई तेजी देखने को मिलेगी।” वारी एनर्जी लिमिटेड के सीईओ अमित पैठणकर ने भी बजट को लेकर अपनी बात रखी। उन्होंने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “मुझे ऐसा लगता है कि बजट में ऊर्जा क्षेत्र में तेजी लाने के मकसद से कई कदम उठाए गए हैं और यह जानकर खुशी मिली है कि ऊर्जा क्षेत्र को बजट में विशेष स्थान प्रदान किया गया है। खासकर पीएम सूर्य घर योजना विकास में तेजी लाने की दिशा में अहम भूमिका निभा रहा है। यह योजना वैसे भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्राथमिकता की सूची में शुमार रहा है। अब इसे बजट में भी विशेष स्थान दिया गया है। कई लोगों ने बीते दिनों इसे लेकर अपनी सकारात्मक प्रतिक्रिया भी व्यक्त की थी।
मैं इस बजट को अच्छा कहूंगा, क्योंकि यह हमारी इंडस्ट्री को आगामी दिनों नई ऊर्जा से भरने जा रहा है।” उधर, पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स के वरिष्ठ उपाध्यक्ष हेमंत जैन ने भी बजट को लेकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा, “यह बजट बहुत ही अच्छा है। सरकार ने इस बजट के जरिए सभी को कुछ न कुछ सौगात देने का प्रयास किया है, जिसकी मैं तारीफ करता हूं। कुल मिलाकर यह कह सकते हैं कि इस बजट में सभी के हितों का विशेष ख्याल रखा गया है। मैं यह कहूंगा कि यह लोकलुभाना है, क्योंकि इसमें किसानों से लेकर महिलाओं और युवाओं को भी कुछ न कुछ देने का प्रयास किया गया है, जिसका हम सभी खुलकर स्वागत करते हैं। वित्त मंत्री ने खुद अपने भाषण में इस बात पर जोर दिया है कि सभी लोगों का हित ही हमारी प्राथमिकता है। कुल मिलाकर मैं यही कहूंगा कि यह बजट शानदार है। अब सिर्फ बजट में कही गई बातों को जमीन पर उतारे जाने की जरूरत है, जो मुझे लगता है कि नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल में होकर रहेगा। इससे पहले, जब वित्त मंत्री ने अंतरिम बजट पेश किया था, तब भी समाज के विभिन्न तबके के लोगों का विशेष ख्याल रखा गया था और अब जब लोकसभा चुनाव संपन्न होने क बाद केंद्र सरकार ने बजट पेश किया है, तब भी सभी लोगों के हितों का विशेख ख्याल रखा गया है।” एसोचैम चंडीगढ़, यूटी विकास परिषद और सीएफओ के अध्यक्ष राकेश भल्ला ने भी बजट को लेकर अपनी बात रखी। उन्होंने आईएएनएस से कहा, “बजट पेश होने से पहले ही यह कहा जा रहा था कि इसमें लोकसभा चुनाव के नतीजों का असर देखने को मिलेगा, जो हमें देखने को भी मिला है। सबसे पहले इस बजट में रोजगार और कौशल को निखारने की दिशा में विशेष ध्यान रखा गया है। रोजगार को लेकर हमेशा से ही विपक्षी दल केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावर रहे हैं, इसका बजट में विशेष ख्याल रखा गया है। पूंजीगत निवेश को भी बढ़ाने की बात बजट में कही गई है। अगर ऐसा होता है, तो इससे रोजगार के भी साधन बढ़ेंगे।
उधर, कृषि क्षेत्र पर भी बजट में विशेष ध्यान रखा गया है। इससे हमारे किसान भाइयों को खास ख्याल रखा गया है, लेकिन मुझे लगता है कि इस बजट में ऑटो सेक्टर में कोई खास रियायतें नहीं दीं गई हैं, लेकिन मुझे लगता है कि आगामी दिनों में शायद सरकार इस दिशा में कोई कदम उठाए।” पीएचडीसीसीआई की सह-अध्यक्ष डॉ. पल्लवी दिनोदिया गुप्ता ने कहा, “बजट पेश होने से पहले ही हम सभी लोगों की यह उम्मीद थी कि मौजूदा समय में जिस तरह से आम लोग बढ़ती महंगाई से परेशान हैं, उससे निजात दिलाने की दिशा में बजट में प्रावधान किया जाए और किस तरह से आम लोगों की आय में इजाफा करना है, इस दिशा में कोई कदम उठाया जाए, जो बजट में बखूबी देखने को मिला है। इस बजट में लोगों के हितों का विशेष ध्यान रखा गया है और इसके अलावा कई लोकलुभावन वादे भी किए गए हैं, जिन्हें जमीन पर उतारे जाने की जरूरत है।” -(आईएएनएस)
पटना, 23 जुलाई । मोदी सरकार 3.0 का पहला बजट मंगलवार को पेश हुआ। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लगातार सातवीं बार सदन में बजट पेश किया। बजट 2024-25 में बिहार को हजारों करोड़ रुपए का स्पेशल पैकेज दिया गया है। इसको लेकर नीतीश कुमार कैबिनेट के मंत्रियों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। बजट 2024-25 को लेकर बिहार के डिप्टी सीएम एवं भाजपा नेता सम्राट चौधरी ने कहा, "अभी बजट का पूरा स्वरूप आना बाकी है। केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण और देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को बिहार की तरफ से धन्यवाद देता हूं कि बिहार को इतना बड़ा आर्थिक पैकेज देने का काम किया गया है।"
सम्राट चौधरी ने आगे कहा कि हाईवे के लिए 26,000 करोड़ रुपए, बिजली क्षेत्र के लिए 21,000 करोड़ रुपए और बाढ़ नियंत्रण के लिए 11,500 करोड़ रुपए दिया गया। इसके अलावा करीब 13 लाख प्रधानमंत्री आवास योजना की स्वीकृति मिलनी है। कई योजनाएं जिसमें मेडिकल कॉलेज बनाना, एयरपोर्ट बनाना, धार्मिक स्थानों के लिए कॉरिडोर बनाना अभी बिहार में होना है। कई सारे विश्वविद्यालयों की स्वीकृति मिली है। जेडीयू नेता अशोक चौधरी ने बजट 2024-25 और बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलने के सवाल पर कहा कि अभी तो शुरुआत है। विशेष राज्य का दर्जा देने के लिए यूपीए सरकार के समय प्लानिंग कमीशन था, इस तरह का प्रावधान कराया गया जिसमें किसी भी राज्य को विशेष राज्य का दर्ज़ा देना संभव नहीं था। जब सरकार बनी तो हमने बार-बार कहा कि प्लानिंग कमीशन और प्लानिंग बोर्ड चेंज करें और इसमें बदलाव होना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा, "अन्य राज्य की परिस्थिति को देखते हुए वर्तमान भारत सरकार द्वारा बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देना संभव नहीं है। इसलिए हमने कहा कि अगर विशेष राज्य का दर्जा नहीं तो विशेष पैकेज मिलना चाहिए जिससे बिहार को ताकत देने और विकसित करने में मदद मिले।" बिहार सरकार के मंत्री एवं जेडीयू नेता जमां खान ने पटना में विधानसभा सत्र को लेकर कहा कि मैं अपने नेता को धन्यवाद देना चाहता हूं। अभी हाल ही में कैबिनेट में तीन आवासीय विद्यालय बनाने की स्वीकृति मिली है। -(आईएएनएस)
चेन्नई, 23 जुलाई । तमिलनाडु में कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र क्षेत्र के पास घूम रहे छह रूसी नागरिकों और तीन भारतीयों को पुलिस ने पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि स्थानीय लोगों ने संयंत्र क्षेत्र के आसपास विदेशियों की मौजूदगी की सूचना दी। इसके बाद उन्हें सोमवार शाम को हिरासत में लिया गया।
पुलिस ने एक महिला समेत छह रूसियों के अलावा, तमिलनाडु के दो मूल निवासी और एक केरल के तिरुवनंतपुरम निवासी को भी हिरासत में लिया। तमिलनाडु पुलिस के सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि केंद्रीय एजेंसियों ने हिरासत में लिए गए लोगों से पूछताछ शुरू कर दी है। पुलिस के अनुसार, तिरुवनंतपुरम का निवासी वह व्यक्ति उस टैक्सी का ड्राइवर है जिसमें रूसी नागरिक आए थे।
बता दें कि दक्षिणी तमिलनाडु के तिरुनेलवेली में कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा परियोजना रूस के सहयोग से शुरू की गई थी। मार्च 2022 में जब संयंत्र का निर्माण शुरू हुआ था, तब लोगों ने इसका कड़ा विरोध किया था। कुडनकुलम में रूसी सहायता से निर्मित 1000 मेगावाट के दो परमाणु रिएक्टर हैं और इसी परिसर में चार और ऐसी इकाइयां स्थापित की जाने की संभावना है। (आईएएनएस)
नयी दिल्ली, 23 जुलाई जमीनी स्तर पर खेलों को बढ़ावा देने के लिए सरकार की प्रमुख परियोजना खेलो इंडिया को एक बार फिर खेल मंत्रालय के लिए केंद्रीय बजट में सबसे अधिक राशि आवंटित हुई है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन द्वारा मंगलवार को पेश केंद्रीय बजट में खेल मंत्रालय के लिए 3,442.32 करोड़ रुपये में से खेलो इंडिया के लिए 900 करोड़ रुपये आवंटित किए गये हैं।
यह रकम पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान 880 करोड़ रुपये के संशोधित आवंटन से 20 करोड़ रुपये अधिक है।
इस साल अगस्त में पेरिस ओलंपिक चक्र समाप्त होने वाला है और राष्ट्रमंडल खेलों और एशियाई खेलों अभी भी दो साल का समय है। ऐसे में खेल मंत्रालय के बजट में पिछले चक्र की तुलना में केवल 45.36 करोड़ रुपये की मामूली वृद्धि की गयी है।
खेल मंत्रालय के लिए पिछले वित्तीय वर्ष के लिए पिछले चक्र का बजट 3,396.96 करोड़ रुपये था।
सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में खेलो इंडिया में भारी निवेश किया है क्योंकि यह कार्यक्रम देश के सभी हिस्सों से प्रतिभाओं को सामने लाने का काम करता है।
वित्तीय वर्ष 2022-23 में खेलो इंडिया का वास्तविक आवंटन 596.39 करोड़ रुपये था। अगले साल (2023-24) के बजट में लगभग 400 करोड़ रुपये से अधिक बढ़ाकर 1,000 करोड़ रुपये कर दिया गया था। इसे हालांकि संशोधित कर 880 करोड़ रुपये किया गया था।
खेलो इंडिया युवा खेलों 2018 (केआईवाईजी) की शुरुआत के बाद से सरकार ने इसमें और खेल आयोजनों को जोड़ना जारी रखा है।
मंत्रालय ने उसी वर्ष खेलो इंडिया शीतकालीन खेल और 2023 में खेलो इंडिया पैरा खेलों शुरू करने के साथ 2020 में खेलो इंडिया विश्वविद्यालय खेलों की शुरुआत की।
देश भर में सैकड़ों खेलो इंडिया राज्य उत्कृष्टता केंद्र (केआईएससीई) स्थापित किए गए हैं, जिनका उद्देश्य प्रतिभाशाली उदीयमान खिलाड़ियों को सुविधाएं प्रदान करना है। खेलो इंडिया के कई एथलीट वर्तमान में भारतीय ओलंपिक दल में शामिल हैं।
राष्ट्रीय खेल महासंघों (एनएसएफ) को सरकार की सहायता में भी 15 करोड़ रुपये की वृद्धि की गई है । यह 2023-24 में 325 करोड़ रुपये से बढ़कर नवीनतम बजट में 340 करोड़ रुपये हो गई है।
भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) का बजट भी 795.77 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 822.60 करोड़ रुपये कर दिया गया है। इसमें 26.83 करोड़ रुपये का उछाल है। साइ देश भर में अपने स्टेडियमों के रख रखाव अलावा वैश्विक खेल प्रतियोगिताओं के लिए खिलाड़ियों को तैयार करने के लिए टारगेट ओलंपिक पोडियम योजना (टॉप्स) का प्रबंधन भी करता है।
राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) और राष्ट्रीय डोप परीक्षण प्रयोगशाला (एनडीटीएल) को बजट में मामूली वृद्धि मिली है। नाडा और एनडीटीएल का काम खिलाड़ियों की डोपिंग जांच करना है।
नाडा के बजट को 21.73 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 22.30 करोड़ रुपये कर दिया गया है जबकि एनडीटीएल के बजट को 19.50 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 22 करोड़ कर दिया गया है। (भाषा)
कोलकाता, 23 जुलाई पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को केंद्रीय बजट 2024-25 को ‘राजनीतिक रूप से पक्षपातपूर्ण और गरीब विरोधी’ करार दिया और राज्य को (लाभ से) ‘वंचित’ करने के लिए केंद्र की आलोचना की।
मुख्यमंत्री ने आश्चर्य प्रकट करते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल ने ऐसी कौन सी गलती है कि उसे केंद्र ने ‘वंचित’ कर दिया है।
उन्होंने विधानसभा परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘ इस केंद्रीय बजट में बंगाल को पूरी तरह से वंचित किया गया है। इसमें गरीबों के हितों का खयाल नहीं रखा गया है। यह बजट राजनीतिक रूप से पक्षपातपूर्ण है। यह दिशाहीन है और उसमें कोई दृष्टि नहीं है। यह बस राजनीतिक मिशन को पूरा करने के लिए है।’’
इससे पहले, दिन में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए केंद्रीय बजट पेश किया। (भाषा)
लखनऊ, 23 जुलाई संसद में मंगलवार को पेश केंद्रीय बजट की सराहना करते हुए जहां सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने इसे रामराज्य की अवधारणा को साकार करने वाला बताया वहीं समाजवादी पार्टी (सपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने इसे मायूस करने वाला और निरर्थक करार दिया।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को संसद में पेश किये गए केंद्रीय बजट को 140 करोड़ देशवासियों की आशाओं, आकांक्षाओं और अमृत काल के सभी संकल्पों को सिद्ध करने वाला बजट बताया है।
योगी आदित्यनाथ ने पत्रकारों से कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत आम बजट (2024-25) सर्वस्पर्शी, सर्वसमावेशी, विकासोन्मुखी होने के साथ ही 140 करोड़ देशवासियों की आशाओं, आकांक्षाओं और अमृत काल के सभी संकल्पों को सिद्ध करने वाला है।
योगी ने कहा, ‘‘समाज के हर तबके के लिए बजट में किया गया प्रावधान रामराज्य की अवधारणा को साकार करने वाला है।’’
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने प्रस्तुत बजट के लिए प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री के प्रति आभार प्रकट करते हुए ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत 18वीं लोकसभा का बजट 2024-25 में विशेष रूप से अन्नदाताओं, महिलाओं की समृद्धि, युवाओं के रोजगार, कौशल प्रशिक्षण, एमएसएमई और मध्यम वर्ग पर ध्यान केंद्रित करने वाला बजट है।’’
मौर्य ने कहा कि यह कृषि क्षेत्र में उत्पादकता और लचीलापन, रोजगार एवं कौशल, समावेशी मानव संसाधन विकास एवं सामाजिक न्याय, विनिर्माण एवं सेवा क्षेत्र, शहरी विकास, ऊर्जा संरक्षण, अवसंरचना, नवाचार, अनुसंधान एवं विकास और नई पीढ़ी के सुधार, चतुर्दिक समृद्धि एवं सशक्त विकास को समर्पित बजट है।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार का बजट विकसित भारत की मजबूत इमारत, देश को विश्व की तीसरी अर्थव्यवस्था बनाने और इसके सर्वांगीण विकास,युवाओं-महिलाओं और गरीबों के उत्थान के लिए समर्पित शानदार बजट है।
उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने ‘एक्स’ पर अपने एक पोस्ट में कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत केंद्रीय बजट 2024-25 सामाजिक न्याय, समानता और समान अवसर की अवधारणा को चरितार्थ करने वाला एवं आधुनिक भारत के निर्माण में सहायक सिद्ध होगा।
बजट के लिए मोदी और सीतारमण के प्रति आभार व्यक्त करते हुए एक अन्य पोस्ट में पाठक ने कहा कि केंद्रीय बजट 2024-25 में युवा शक्ति के लिए बड़ा ऐलान किया गया है। उन्होंने कहा कि दो लाख करोड़ रुपये के बजट आवंटन के साथ पांच साल की अवधि में 4.1 करोड़ युवाओं के लिए रोजगार, कौशल एवं अन्य अवसरों के लिए पांच योजनाओं और पहलों का जिक्र किया गया है।
लोकसभा चुनाव में वाराणसी संसदीय क्षेत्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रमुख प्रतिद्वंद्वी रहे उप्र कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय ने ‘एक्स’ पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि यह बजट देश की जनता को भ्रमित करने वाला है और इसमें महंगाई, रोजगार, स्वास्थ्य या शिक्षा का कोई जिक्र नहीं है।
राय ने कहा कि इस बजट में उत्तर प्रदेश या वाराणसी के लिए कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री अपने संसदीय क्षेत्र के लिए कुछ नहीं दे पा रहे हैं तो यह पूरा बजट ही निरर्थक है, इसमें आम जनता के हित के लिए कुछ भी नहीं है।
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष और उप्र की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने मंगलवार को संसद में पेश केन्द्रीय बजट को ‘अच्छे दिन’ की उम्मीदों वाला कम मायूस करने वाला ज्यादा बताया।
बसपा प्रमुख मायावती ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा, ‘‘संसद में आज पेश केन्द्रीय बजट अपने पुराने ढर्रे पर कुछ मुट्ठी भर अमीर व धन्नासेठों को छोड़कर देश के गरीबों, बेरोजगारों, किसानों, महिलाओं, मेहनतकशों, वंचितों और उपेक्षित बहुजनों को त्रस्त जीवन से मुक्ति दिलाने वाले ’अच्छे दिन’ की उम्मीदों वाला कम बल्कि उन्हें मायूस करने वाला ज्यादा है।’’
सपा के वरिष्ठ नेता पूर्व राष्ट्रीय प्रवक्ता आईपी सिंह ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में सवाल उठाया कि ‘‘मोदी भक्त बताएं कि उप्र को बजट में क्या मिला।’’ इस पोस्ट में उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि मोदी जी ने उत्तर प्रदेश से हार का बदला ले लिया है।
‘आल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन’ के अध्यक्ष शैलेंद्र दुबे ने बजट को नौकरीपेशा कर्मचारियों और शिक्षकों के लिए बेहद निराशाजनक बताया है। उन्होंने कहा कि ऊर्जा क्षेत्र खासकर ‘ट्रांसमिशन सेक्टर’ और राज्यों की विद्युत वितरण कंपनियों के लिए बजट में कुछ भी नहीं है। उन्होंने कहा कि बजट कर्मचारियों और शिक्षकों के लिए बेहद निराशाजनक है और आयकर में पुरानी व्यवस्था में कोई राहत नहीं दी गई है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने ‘एक्स’ पर कहा कि ‘‘वर्ष 2024-25 का आम बजट भारत को 2047 तक ‘विकसित भारत’ बनाने की दिशा में अत्यंत महत्वपूर्ण है।’’ चौधरी ने कहा कि अंत्योदय को समर्पित बजट निसंदेह गांव, गरीब, किसान, महिला, युवा समेत समाज के समस्त वर्गों की उम्मीदों एवं आकांक्षाओं पर खरा उतरने वाला है।
चौधरी ने कहा कि अंत्योदय के प्रण और समग्र विकास के संकल्प को आकार देता यह बजट नीवन भारत के स्वर्णिम युग को और मजबूती प्रदान करेगा।
चौधरी ने कहा कि वह इस बजट के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के प्रति समस्त देशवासियों और प्रदेशवासियों की तरफ से हार्दिक आभार प्रकट करते हैं।
बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए राष्ट्रीय किसान मंच के अध्यक्ष और आम आदमी पार्टी के नेता शेखर दीक्षित ने कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि सरकार के पास देश की गरीब जनता और किसानों के लिए कुछ भी ठोस नहीं है।’’
उन्होंने कहा कि जब देश की 90 प्रतिशत आबादी के लिए कुछ नहीं है तो ऐसा लगता है कि यह उद्योगपतियों के लिए बजट है, इस बजट का देश की गरीब जनता और किसानों से क्या लेना-देना है? (भाषा)
मुंबई, 23 जुलाई । हाल ही में स्ट्रीमिंग फिल्म 'भक्षक' में नजर आने वाली बॉलीवुड एक्ट्रेस भूमि पेडनेकर ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सिक्किम सरकार के कार्यों की प्रशंसा की है। सिक्किम के पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन विभाग द्वारा हाल ही में जारी आधिकारिक आदेश के अनुसार अब सिक्किम में प्रवेश करने वाले सभी पर्यटक वाहनों को अनिवार्य रूप से एक बड़ा गार्बेज बैग ले जाना होगा।
आदेश में कहा गया है कि इसका उद्देश्य पर्यावरणीय स्थिरता का लक्ष्य प्राप्त करने में सामुदायिक भागीदारी सुनिश्चित करना है। एक्ट्रेस ने हाल ही में अपनी इंस्टाग्राम स्टोरीज पर एक रील शेयर की है, जिसमें यह बताया गया है कि इस योजना से लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता कैसे बढ़ेगी। काम की बात करें तो भूमि 'दलदल' के साथ अपनी ओटीटी सीरीज डेब्यू के लिए तैयार हैं। इस सीरीज में वह एक पुलिस अधिकारी की चुनौतीपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
अभिनेत्री ने शो में अपने किरदार को एक सुपर अचीवर बताया है जो पुरुष प्रधान दुनिया के नियमों को फिर से परिभाषित करती हैं। भूमि ने पहले कई कारणों से 'दलदल' को अपने सबसे खास प्रोजेक्ट में से एक कहा था। एक्ट्रेस ने इसकी शूटिंग शुरू कर दी है और कहा है कि यह निस्संदेह उनकी अब तक की सबसे चुनौतीपूर्ण भूमिकाओं में से एक है। भूमि ने कहा कि एक कलाकार के रूप में यह उनके लिए बहुत ही रोमांचक साल रहा है। -- (आईएएनएस)
नयी दिल्ली, 23 जुलाई वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को पेश आम बजट में आयकर मोर्चे पर कुछ बदलावों की घोषणा करते हुए मध्यम वर्ग और नौकरीपेशा लोगों को राहत दी। साथ ही अगले पांच साल में रोजगार सृजन से जुड़ी योजनाओं के लिए दो लाख करोड़ रुपये के व्यय और नए गठबंधन सहयोगियों के राज्यों के लिए अधिक राशि का प्रावधान किया गया।
भाजपा को लोकसभा में चुनाव में बहुमत नहीं मिलने के लिए ग्रामीण संकट और बेरोजगारी को जिम्मेदार ठहराया गया। इसके बीच सीतारमण ने बजट में ग्रामीण विकास के लिए 2.66 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया और आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए 11.11 लाख करोड़ रुपये रखे हैं।
उन्होंने अपना सातवां और नरेन्द्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश करते हुए स्टार्टअप में सभी श्रेणी के निवेशकों के लिए ‘एंजल कर’ समाप्त करने की घोषणा की। साथ ही मोबाइल फोन और सोने पर सीमा शुल्क में कटौती की और पूंजीगत लाभ कर को सरल बनाया।
हालांकि, उन्होंने प्रतिभूतियों के वायदा और विकल्प खंड में प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) बढ़ा दिया। इस कदम से शेयर बाजारों में गिरावट आई।
सीतारमण ने कहा, ‘‘ऐसे समय जब दुनिया में अनिश्चिततताएं हैं, भारत की आर्थिक वृद्धि एक अपवाद बनी हुई है और आने वाले वर्षों में भी ऐसा ही रहेगा।''
उन्होंने कहा, ‘‘इस बजट में हम विशेष रूप से रोजगार, कौशल विकास, एमएसएमई और मध्यम वर्ग और पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।’’
वित्त मंत्री ने कहा कि 4.1 करोड़ युवाओं के लिए रोजगार, कौशल विकास और अन्य अवसर उपलब्ध कराने की योजनाओं और उपायों के लिए पांच साल की अवधि में दो लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा शिक्षा, रोजगार और कौशल के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपये का निर्धारण किया गया है।’’
वित्त मंत्री ने बिहार के लिए एक्सप्रेसवे, बिजलीघर, हेरिटेज कॉरिडोर और नए हवाई अड्डों जैसी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर 60,000 करोड़ रुपये खर्च करने की घोषणा की। राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं।
बिहार को समर्थन पूंजीगत परियोजनाओं के रूप में है। यह सब्सिडी या नकद सहायता के रूप में नहीं है।
उल्लेखनीय है कि बिहार में सत्तारूढ़ दल और भाजपा की सहयोगी जदयू (जनता दल यूनाइटेड) राज्य के लिए आर्थिक पैकेज और विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग कर रही है।
इसी तरह, आंध्र प्रदेश के लिए बहुपक्षीय एजेंसियों के माध्यम से वित्तीय सहायता में 15,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। आंध्र प्रदेश की सत्तारूढ़ पार्टी तेदेपा हाल ही में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए में शामिल हुई है।
मध्यम वर्ग के लिए, उन्होंने मानक कटौती 50 प्रतिशत बढ़ाकर 75,000 रुपये कर दी और नई आयकर व्यवस्था का विकल्प चुनने वाले करदाताओं के लिए कर स्लैब में बदलाव किया। मानक कटौती के तहत आयकर की गणना करने से पहले वर्ष में अर्जित कुल वेतन में से निश्चित राशि घाटा दी जाती है।
उन्होंने कहा कि इससे करदाताओं को नई कर व्यवस्था के तहत सालाना 17,500 रुपये तक की बचत होगी। नई व्यवस्था में कर की दरें कम हैं। हालांकि, इसमें कोई छूट भी नहीं है।
रोजगार को बढ़ावा देने के लिए, बजट में कंपनियों के लिए प्रोत्साहन का प्रावधान किया गया है। इसमें पहली बार काम करने वाले कर्मचारियों के लिए एक महीने के वेतन का भुगतान और रोजगार के पहले चार वर्षों में उनके सेवानिवृत्ति निधि योगदान के संबंध में नियोक्ताओं को प्रत्येक अतिरिक्त कर्मचारी के ईपीएफओ योगदान के लिए दो साल के लिए 3,000 रुपये प्रति माह तक का ‘रिम्बर्समेंट’ शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा, कौशल में सुधार के साथ छात्रों के लिए इंटर्नशिप के लिए एक कार्यक्रम चलाया जाएगा। उच्च शिक्षा के लिए रियायती कर्ज भी प्रदान किया जाएगा।
शहरी क्षेत्रों में भारत की आधिकारिक बेरोजगारी दर 6.7 प्रतिशत आंकी गई है, लेकिन निजी एजेंसियां इसे कहीं अधिक ऊंचे स्तर पर रखती हैं।
सीतारमण ने कहा कि सरकार का राजकोषीय घाटा 2024-25 में सकल घरेलू उत्पाद का 4.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है। यह 2024-25 के लिए फरवरी में पेश अंतरिम बजट में अनुमानित 5.1 प्रतिशत से कम है। इसका कारण मजबूत कर संग्रह और भारतीय रिजर्व बैंक से अपेक्षा से अधिक लाभांश प्राप्ति है।
उन्होंने सकल बाजार उधारी को मामूली घटाकर 14.01 लाख करोड़ रुपये कर दिया।
वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में तीन करोड़ किफायती आवास इकाइयों के निर्माण के लिए सहायता, छोटे और मझोले उद्यमों को कर्ज सहायता प्रदान की गई है।
इसके अलावा, मुद्रा योजना के तहत छोटे उद्यमों के लिए कर्ज सीमा बढ़ाकर 20 लाख रुपये, 12 औद्योगिक पार्क स्थापित करने का प्रस्ताव और अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए 1,000 करोड़ रुपये का उद्यम पूंजी कोष स्थापित करने का प्रस्ताव किया गया है।
बजट में उधारियों को छोड़कर कुल प्राप्तियां 32.07 लाख करोड़ और व्यय 48.21 लाख करोड़ रहने का अनुमान लगाया गया है। शुद्ध कर प्राप्ति 25.83 लाख करोड़ रुपये अनुमानित है। (भाषा)
नयी दिल्ली, 23 जुलाई सरकार ने मंगलवार को 2024-25 के रक्षा बजट के लिए 6,21,940 करोड़ रुपये आवंटित किए, जो पिछले साल के 5.94 लाख करोड़ रुपये से अधिक है।
पूंजीगत व्यय 1,72,000 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है।
वित्त वर्ष 2024-25 के लिए रक्षा क्षेत्र का कुल बजट भारत सरकार के कुल बजट का 12.9 प्रतिशत है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि घरेलू पूंजी खरीद के लिए 1,05,518 करोड़ रुपये का आवंटन रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को और गति प्रदान करेगा।
सिंह ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘जहां तक रक्षा मंत्रालय के लिए आवंटन की बात है, मैं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को 6,21,940.85 करोड़ रुपये के सर्वाधिक आवंटन के लिए धन्यवाद देता हूं जो 2024-25 के लिए सरकार के कुल बजट का 12.9 प्रतिशत है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘1,72,000 करोड़ रुपये का पूंजीगत परिव्यय सशस्त्र बलों की क्षमताओं को और मजबूत करेगा। घरेलू पूंजीगत खरीद के लिए 1,05,518.43 करोड़ रुपये का प्रावधान आत्मनिर्भरता को और बढ़ावा देगा।’’
सिंह ने कहा, ‘‘मुझे खुशी है कि सीमा सड़क संगठन के लिए पूंजीगत मद में पिछले बजट की तुलना में 30 प्रतिशत अधिक आवंटन किया गया है। बीआरओ को 6,500 करोड़ रुपये का यह आवंटन हमारे सीमावर्ती बुनियादी ढांचे को और गति देगा।’’ (भाषा)
नयी दिल्ली, 23 जुलाई केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से मंगलवार को संसद में पेश किए गए 2024-25 के आम बजट को दूरदर्शी, जनहितैषी और विकासोन्मुखी करार दिया और कहा कि यह रोजगार तथा अवसरों के एक नए युग की शुरुआत करके देश को एक विकसित राष्ट्र के रूप में उभरने की राह पर ले जाएगा।
उन्होंने यह भी कहा कि बजट भारत की उद्यमशीलता को बढ़ाने और व्यापार करने में सुगमता के साथ आर्थिक विकास को दिशा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘दृढ़ प्रतिबद्धता’ को दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि बजट में कर आकलन नियमों को सरल बनाकर करदाताओं को राहत दी गई है।
शाह ने कहा कि यह न केवल भारत के उद्देश्य, उम्मीद और आशावाद की नयी भावना का उदाहरण प्रस्तुत करता है, बल्कि उन्हें मजबूत भी करता है।
उन्होंने हैशटैग ‘बजटफॉरविकसितभारत’ के साथ ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘भारत के युवाओं, महिलाओं और किसानों की शक्ति का उपयोग करते हुए यह बजट रोजगार और अवसरों के एक नए युग की शुरुआत करके एक विकसित राष्ट्र के रूप में उभरने के मार्ग पर राष्ट्र की गति को बढ़ावा देता है।’’
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि बजट देशवासियों की आशाओं, आकांक्षाओं और विश्वास को पूरा करने के लिए मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार के संकल्प का परिचायक भी है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह बजट युवाओं और महिलाओं को सशक्त बनाने के साथ-साथ किसानों के लिए कई अवसर प्रदान करते हुए एक विकसित और आत्मनिर्भर भारत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जनहितैषी और विकासोन्मुखी दूरदर्शी बजट के लिए मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का आभार व्यक्त करता हूं।’’
सीतारमण ने बजट में अर्थव्यवस्था में पर्याप्त अवसर उत्पन्न करने के लिए नौ प्राथमिकताओं की घोषणा की। इन नौ प्राथमिकताओं में उत्पादकता, रोजगार, सामाजिक न्याय, शहरी विकास, ऊर्जा सुरक्षा, बुनियादी ढांचा, नवाचार और सुधार शामिल हैं।
उन्होंने रोजगार से जुड़ी तीन योजनाएं शुरू करने की भी घोषणा की।
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार नौकरी बाजार में प्रवेश करने वाले 30 लाख युवाओं को एक महीने का पीएफ (भविष्य निधि) योगदान देकर प्रोत्साहन देगी।
उन्होंने घोषणा की कि कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए देश में कामकाजी महिलाओं के लिए हॉस्टल स्थापित किए जाएंगे। (भाषा)
नयी दिल्ली, 23 जुलाई वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को वित्त वर्ष 2024-25 में कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये के आवंटन की घोषणा की। लोकसभा में 2024-25 का बजट पेश करते हुए सीतारमण ने कहा कि अनुसंधान, टिकाऊ खेती को बढ़ावा देने, तिलहन और दलहन उत्पादन को बढ़ाने और कृषि परिदृश्य में प्रौद्योगिकी को एकीकृत करने के लिए एक व्यापक योजना की रूपरेखा तैयार की गई है।
अपने बजट भाषण में, सीतारमण ने उत्पादकता बढ़ाने और जलवायु-सहिष्णु फसल किस्मों को विकसित करने के लिए कृषि अनुसंधान ढांचे की गहन समीक्षा की आवश्यकता पर बल दिया।
वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘हमारी सरकार उत्पादकता बढ़ाने और जलवायु-सहिष्णु किस्मों को विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कृषि अनुसंधान ‘सेटअप’ की व्यापक समीक्षा करेगी।’’
शोध निधि चुनौती-आधारित होगी और निजी क्षेत्र की भागीदारी के लिए खुली होगी, जिसमें किसी विशेष क्षेत्र के विशेषज्ञ शोध के संचालन की देखरेख करेंगे।
सीतारमण ने घोषणा की कि किसानों की जल्द ही 32 खेत और बागवानी फसलों में 109 नई उच्च उपज वाली, जलवायु-सहिष्णु किस्मों तक पहुंच होगी।
महत्वपूर्ण फसलों में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए, मंत्री ने दलहन और तिलहन पर केंद्रित मिशन की योजनाओं का खुलासा किया, जिसका उद्देश्य उनके उत्पादन, भंडारण और विपणन बुनियादी ढांचे को मजबूत करना है।
सीतारमण ने कहा, ‘‘अंतरिम बजट में घोषित की गई रणनीति के अनुसार, सरसों, मूंगफली, तिल, सोयाबीन और सूरजमुखी जैसे तिलहनों के लिए 'आत्मनिर्भरता' हासिल करने के लिए एक रणनीति बनाई जा रही है।’’
अनुसंधान और फसल विविधीकरण पर सरकार का जोर टिकाऊ खेती के तरीकों को बढ़ावा देने के साथ-साथ आता है।
सीतारमण ने अगले दो वर्षों में एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती के तहत लाने की पहल की घोषणा की, जिसे प्रमाणन और ब्रांडिंग प्रयासों द्वारा समर्थित किया जाएगा।
इस क्षेत्र को आधुनिक बनाने के लिए उन्होंने तीन वर्षों में किसानों और उनकी भूमि को कवर करते हुए कृषि में डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (डीपीआई) को लागू करने की योजनाओं की रूपरेखा तैयार की। इस पहल में डिजिटल फसल सर्वेक्षण और किसान और भूमि रजिस्ट्री का निर्माण शामिल है।
सीतारमण ने कहा, ‘‘चालू वित्त वर्ष में सरकार 400 जिलों में डीपीआई का उपयोग करके खरीफ मौसम के लिए डिजिटल फसल सर्वेक्षण करेगी। छह करोड़ किसानों और उनकी भूमि का विवरण किसान और भूमि रजिस्ट्री में लाया जाएगा।’’
बजट में प्रमुख उपभोग केंद्रों के पास बड़े पैमाने पर सब्जी उत्पादन क्लस्टर विकसित करने, आपूर्ति श्रृंखला में किसान-उत्पादक संगठनों और स्टार्टअप को बढ़ावा देने के प्रावधान भी शामिल हैं।
मत्स्य पालन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सीतारमण ने झींगा मछली उत्पादन और निर्यात के लिए नाबार्ड के माध्यम से न्यूक्लियस प्रजनन केंद्रों का एक नेटवर्क स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता की घोषणा की।
उन्होंने कुछ ब्रूडस्टॉक, पॉलीचेट वर्म, झींगा और मछली चारे पर मूल सीमा शुल्क को घटाकर पांच प्रतिशत करने तथा झींगा एवं मछली चारे के निर्माण के लिए विभिन्न आदानों पर सीमा शुल्क में छूट देने का भी प्रस्ताव रखा।
वित्त मंत्री ने सहकारी क्षेत्र को व्यवस्थित रूप से विकसित करने के लिए राष्ट्रीय सहयोग नीति की योजनाओं का खुलासा किया। इसके अतिरिक्त, पांच राज्यों में जन समर्थ-आधारित किसान क्रेडिट कार्ड जारी करने को सक्षम किया जाएगा।
कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये का आवंटन ग्रामीण आर्थिक विकास और रोजगार सृजन के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।
यह आवंटन कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के लिए वित्त वर्ष 2023-24 के 1.31 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। (भाषा)
नयी दिल्ली, 23 जुलाई दिल्ली पुलिस ने एक फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है और सरकारी योजनाओं के तहत ऋण मुहैया कराने के बहाने लोगों को ठगने के आरोप में नौ महिलाओं सहित 20 लोगों को गिरफ्तार किया है। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
पुलिस उपायुक्त (दक्षिण) अंकित चौहान ने कहा, "अनुमान है कि 400 से अधिक पीड़ित कॉल सेंटर की धोखाधड़ी का शिकार हुए हैं, जिसके कारण कुल 40 लाख रुपये की ठगी हुई है। पुलिस पहले ही देश भर में 50 से अधिक पीड़ितों की पहचान कर चुकी है।"
डीसीपी ने बताया कि दक्षिणी दिल्ली के लाडो सराय इलाके से संचालित यह फर्जी कॉल सेंटर सरकारी योजनाओं के तहत लोन दिलाने के नाम पर लोगों को ठगता था। डीसीपी ने बताया कि वे एकत्रित किए गए विवरणों का इस्तेमाल अपने खातों में पैसे हस्तांतरित करने के लिए करते थे।
डीसीपी ने बताया कि पुलिस ने सोमवार को नौ महिला टेली-कॉलर्स समेत 20 लोगों को गिरफ्तार किया।
डीसीपी ने कहा, "उनके पास से कुल 32 मोबाइल फोन, 48 फर्जी सिम कार्ड, चार लैपटॉप और 23 बैंक खाते जब्त किए गए। मामले की आगे की जांच जारी है।" (भाषा)
लखनऊ, 23 जुलाई । केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को लोकसभा में आम बजट पेश किया। इस आम बजट में कई बड़े ऐलान किए गए हैं। यूपी डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा है कि इससे विकसित भारत का संकल्प पूरा होगा। उन्होंने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जो बजट पेश किया है, वो आधुनिक भारत के निर्माण में सहायक सिद्ध होगा। इस बजट के जरिये 2047 तक विकसित भारत बनाने का सपना पीएम मोदी के नेतृत्व में पूरा होगा।
इस बजट में किसानों, छात्रों, मध्यम वर्ग के साथ सामान्य मानवीय जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के लिए कदम उठाए गए हैं। टैक्स स्लैब में छूट प्रदान की गई है। छात्रों के ऋण की व्यवस्था की गई है। हर वर्ग का ख्याल रखा गया है। उन्होंने कहा कि इनकम टैक्स सीमा में छूट देकर सरकारी कर्मचारियों को बढ़ा तोहफा भारत सरकार ने देने का काम किया है। इस बजट का स्वागत करते हुए हम पीएम मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का आभार जताते हैं। वहीं उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि मोदी सरकार का यह बजट बहुत शानदार है। इस बजट में गरीबों, महिलाओं, युवाओं और अन्नदाताओं के लिए अपना खजाना खोल दिया गया है।
इनकम टैक्स सीमा में छूट जैसे 3 लाख की इनकम तक पर कोई टैक्स नहीं, इससे मध्यम वर्ग को बड़ी राहत मिलेगी। 4 करोड़ युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने का इस बजट के माध्यम से ऐलान हुआ है। जो राशन मिल रहा था, वो मिलता रहेगा। 3 करोड़ नये आवास बनाए जाएंगे। हर क्षेत्र का इस बजट में ख्याल रखा गया है। उन्होंने कहा कि यह बजट देश की तीसरी अर्थव्यवस्था बनाने का संकेत है। इस बजट के माध्यम से हम 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को पूरा करेंगे। मोदी सरकार का बजट विकसित भारत की मजबूत इमारत, विश्व की तीसरी अर्थव्यवस्था बनाने, देश का सर्वांगीण विकास, युवाओं, महिलाओं, गरीबों के उत्थान के लिए समर्पित शानदार बजट है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत बजट का स्वागत करता हूं। -- (आईएएनएस)
रांची, 23 जुलाई । केंद्रीय बजट में झारखंड और जनजातीय आबादी को लेकर महत्वपूर्ण घोषणाएं की गई हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में 'पूर्वोदय' नामक योजना शुरू करने का ऐलान किया है, जिसके अंतर्गत झारखंड के अलावा बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और आंध्र प्रदेश को शामिल किया गया है। इस योजना का लक्ष्य इन पांचों राज्यों में चहुंमुखी विकास को गति देने के लिए मानव संसाधन विकास, अवसंरचना और आर्थिक अवसरों का सृजन करना है, ताकि यह क्षेत्र विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में अग्रणी भूमिका निभाए।
बजट में आदिवासी समुदायों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिए प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान शुरू करने का ऐलान किया गया है। करीब 27 फीसदी जनजातीय आबादी वाले झारखंड के इस योजना से विशेष तौर पर लाभांवित होने की उम्मीद जताई जा रही है। यह योजना आदिवासी-बहुल गांवों और आकांक्षी जिलों में आदिवासी परिवारों को कवरेज देगा। इससे 63 हजार गांवों को कवर किया जाएगा, जिससे 5 करोड़ आदिवासियों को लाभ होगा। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य आदिवासी समुदायों की आर्थिक-सामाजिक स्थिति में सुधार लाना होगा। -(आईएएनएस)
बेंगलुरु, 23 जुलाई । विधान परिषद में विपक्ष के नवनियुक्त नेता चलवाडी नारायणस्वामी का कहना है कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया को कोई नहीं बचा सकता है। उन्होंने कहा, "सीएम सिद्दारमैया के लिए घर जाने का समय आ गया है। वह सत्ता पर काबिज रहने की कोशिश कर रहे हैं।" सी. नारायणस्वामी ने यह बयान मंगलवार को बेंगलुरु के मल्लेश्वरम स्थित भाजपा के राज्य दफ्तर जगन्नाथ भवन के दौरा के दौरान दिया।
उन्होंने कहा, "कांग्रेस के नेता भी कुछ नहीं कर पा रहे। उनके घर जाने का समय आ गया है। यह इस बारे में नहीं है कि चोर ने सेंध लगाने के बाद कितना चुराया और न ही यह इस बारे में है कि वह सामने के दरवाजे से आया या पीछे के दरवाजे से। जरूरी बात यह है कि सीएम सिद्दारमैया ने कहा है कि चोरी हुई है और लूटपाट हुई है। इसके लिए हमें उनका शुक्रिया अदा करना चाहिए।" नारायणस्वामी ने कहा, "केवल कांग्रेस ही जानती है कि खजाना कैसे लूटना है। कांग्रेस जानती है कि अनुसूचित जाति निगमों के विकास के लिए निर्धारित धन को निजी खातों में कैसे ट्रांसफर करना है और फिर उस धन का उपयोग कैसे करना है।"
उन्होंने कहा, "अब वे पकड़े गए हैं। हम सौ लड़ाइयां लड़ते हैं और उन्हें लड़ने के लिए कम से कम एक तो मिल ही जाएगी, है ना? इसलिए आज वे ईडी के खिलाफ लड़ रहे हैं। इसमें कोई दम नहीं है।" उन्होंने सवाल किया, "क्या कांग्रेस सरकार ने ही ईडी और सीबीआई का गठन नहीं किया था? इसके बाद आप कैसे कह सकते हैं कि उन्हें काम नहीं करना चाहिए? उनके पास सवाल करने का क्या अधिकार है?" उन्होंने दावा किया कि परिषद में विपक्ष के नेता के पद तक पहुंचने के लिए कांग्रेस में प्रभाव की जरूरत होती है। उन्होंने इस महत्वपूर्ण जिम्मेदारी के लिए आभार व्यक्त किया और कहा कि उनकी पार्टी ने उनकी निष्ठा और समर्पण को मान्यता दी है। -(आईएएनएस)
रायपुर, 23 जुलाई । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट आ चुका है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को संसद में बजट पेश किया। बजट में महिलाओं के लिए 3 लाख करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। आम बजट का बेसब्री से इंतजार हर वर्ग का व्यक्ति कर रहा था। बजट को लेकर छत्तीसगढ़ की महिलाओं ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। वर्षा ठाकुर ने कहा कि सरकार इस बार अच्छा बजट लेकर आई है, लेकिन महंगाई पर नियंत्रण करना जरूरी है। रसोई गैस का दाम बहुत बढ़ गया है, इसके दाम में कमी होनी चाहिए। दाल, आटा, चावल तेल जैसी खाने-पीने की चीजों की कीमतें भी कम होनी चाहिए। महंगाई कम होगी तो हम अपने जीवन को बेहतर बना सकेंगे। मनीषा कुर्रे ने कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद हमें मोदी सरकार से काफी उम्मीदें थी। हमें उम्मीद थी कि इस बार बजट में महिलाओं के लिए कुछ विशेष किया जाएगा। साथ ही महंगाई में भी कमी आएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सरकार को महिलाओं के लिए कोई नई योजना लानी चाहिए थी।
हमें सरकार से उम्मीद है कि भविष्य में वो महिलाओं के लिए कुछ बेहतर करेगी। महेश्वरी साहू ने भी सरकार से महंगाई कम करने की अपील की। उन्होंने कहा कि बजट बहुत अच्छा है, लेकिन महिलाओं को महंगाई के इस दौर में घर चलाना पड़ता है। इसलिए घरेलू गैस और खाद्य सामग्री की कीमतों में कमी होनी चाहिए। बता दें कि केंद्र सरकार ने बजट 2024 में महिलाओं के विकास के लिए तीन लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया है। साथ ही कई योजनाओं का भी ऐलान किया है। सरकार ने 20 लाख युवतियों को कौशलयुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके अलावा महिलाओं के नाम पर प्रॉपर्टी खरीदने पर रजिस्ट्री के दौरान लगने वाली स्टाम्प ड्यूटी पर राहत देने की घोषणा भी की गई है। सरकार ने महिलाओं को नौकरी के दौरान किसी भी प्रकार की समस्या नहीं हो, इसका भी ध्यान रखा है
। इसके लिए कार्यस्थल पर छोटे बच्चों की देखभाल के लिए क्रेच बनाने का ऐलान किया गया है। वित्त मंत्री सीतारमण ने अपने बजट भाषण के दौरान विकसित भारत के लिए मोदी सरकार की 9 प्राथमिकताएं भी बताईं है। जिनमें कृषि क्षेत्र में उत्पादकता और लचीलापन, रोजगार एवं कौशल, समावेशी मानव संसाधन विकास एवं सामाजिक न्याय, विनिर्माण एवं सेवाएं, शहरी विकास, ऊर्जा संरक्षण, अवसंरचना, नवाचार अनुसंधान एवं विकास, नई पीढ़ी के सुधार शामिल हैं। -- (आईएएनएस)
बेंगलुरु, 23 जुलाई । विधान परिषद में विपक्ष के नवनियुक्त नेता चलवाडी नारायणस्वामी का कहना है कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया को कोई नहीं बचा सकता है। उन्होंने कहा, "सीएम सिद्दारमैया के लिए घर जाने का समय आ गया है। वह सत्ता पर काबिज रहने की कोशिश कर रहे हैं।" सी. नारायणस्वामी ने यह बयान मंगलवार को बेंगलुरु के मल्लेश्वरम स्थित भाजपा के राज्य दफ्तर जगन्नाथ भवन के दौरा के दौरान दिया। उन्होंने कहा, "कांग्रेस के नेता भी कुछ नहीं कर पा रहे। उनके घर जाने का समय आ गया है। यह इस बारे में नहीं है कि चोर ने सेंध लगाने के बाद कितना चुराया और न ही यह इस बारे में है कि वह सामने के दरवाजे से आया या पीछे के दरवाजे से। जरूरी बात यह है कि सीएम सिद्दारमैया ने कहा है कि चोरी हुई है और लूटपाट हुई है। इसके लिए हमें उनका शुक्रिया अदा करना चाहिए।"
नारायणस्वामी ने कहा, "केवल कांग्रेस ही जानती है कि खजाना कैसे लूटना है। कांग्रेस जानती है कि अनुसूचित जाति निगमों के विकास के लिए निर्धारित धन को निजी खातों में कैसे ट्रांसफर करना है और फिर उस धन का उपयोग कैसे करना है।" उन्होंने कहा, "अब वे पकड़े गए हैं। हम सौ लड़ाइयां लड़ते हैं और उन्हें लड़ने के लिए कम से कम एक तो मिल ही जाएगी, है ना? इसलिए आज वे ईडी के खिलाफ लड़ रहे हैं। इसमें कोई दम नहीं है।"
उन्होंने सवाल किया, "क्या कांग्रेस सरकार ने ही ईडी और सीबीआई का गठन नहीं किया था? इसके बाद आप कैसे कह सकते हैं कि उन्हें काम नहीं करना चाहिए? उनके पास सवाल करने का क्या अधिकार है?" उन्होंने दावा किया कि परिषद में विपक्ष के नेता के पद तक पहुंचने के लिए कांग्रेस में प्रभाव की जरूरत होती है। उन्होंने इस महत्वपूर्ण जिम्मेदारी के लिए आभार व्यक्त किया और कहा कि उनकी पार्टी ने उनकी निष्ठा और समर्पण को मान्यता दी है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 23 जुलाई । केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को लोकसभा में आम बजट पेश किया। इस आम बजट में कई बड़े ऐलान के साथ तमाम मंत्रालयों के लिए धन का आवंटन किया गया है। इसी कड़ी में राजनाथ सिंह ने रक्षा मंत्रालय को आवंटित बजट के लिए मोदी सरकार का आभार जताया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "जहां तक रक्षा मंत्रालय के आवंटन का सवाल है, मैं 6,21,940.85 करोड़ रुपये का उच्चतम आवंटन देने के लिए वित्त मंत्री को धन्यवाद देता हूं, जो वित्त वर्ष 2024-25 के लिए भारत सरकार के कुल बजट का 12.9 प्रतिशत है। 1,72,000 करोड़ रुपये का पूंजीगत परिव्यय सशस्त्र बलों की क्षमताओं को और मजबूत करेगा।
घरेलू पूंजीगत खरीद के लिए 1,05,518.43 करोड़ रुपये निर्धारित करने से आत्मनिभर्रता को और गति मिलेगी। उन्होंने आगे लिखा, "मुझे खुशी है कि सीमा सड़कों को पूंजीगत मद के तहत पिछले बजट की तुलना में आवंटन में 30 प्रतिशत की वृद्धि दी गई है। बीआरओ को 6,500 करोड़ रुपये का यह आवंटन हमारे बॉर्डर इंफ्रास्ट्रक्चर को और गति देगा। रक्षा उद्योगों में स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लिए, स्टार्टअप्स, एमएसएमई और इनोवेटर्स द्वारा दिए गए तकनीकी समाधानों को वित्तपोषित करने के लिए आईडीईएक्स योजना के लिए 518 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।" उन्होंने आगे लिखा, "वित्त वर्ष 2024-25 बजट पेश करने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को बधाई। यह बजट एक समृद्ध और आत्मनिर्भर 'विकसित भारत' बनाने की दिशा में बड़ा कदम है।
समावेशी और तेज गति वाले विकास की दृष्टि से यह बजट भारत के आर्थिक परिवर्तन को गति देगा। यह बजट कई मायनों में अद्वितीय है और सर्वांगीण और समावेशी विकास के लिए एनडीए सरकार की 9 प्रमुख प्राथमिकताओं को स्पष्ट रूप से रेखांकित करता है।" उन्होंने आगे लिखा, "यह बजट 2027 तक भारत को पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में अहम भूमिका निभाएगा। भारत के किसानों, युवाओं, महिलाओं और समाज के अन्य कमजोर वर्गों के समर्थन के लिए कई नीतियों और कार्यक्रमों की भी घोषणा की गई है। बुनियादी ढांचे, कृषि, बैंकिंग, ऊर्जा, उद्योग, अनुसंधान एवं विकास, एमएसएमई और रक्षा जैसे क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया गया है।" --(आईएएनएस)
वाराणसी, 23 जुलाई । केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार सुबह 11 बजे संसद में मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट पेश किय़ा। वित्त मंत्री सीतारमण ने लगातार सातवीं बार केंद्रीय बजट पेश किया। बजट पर देश की धार्मिक नगरी काशी के बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के छात्रों की मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली। हालांकि ज्यादातर छात्र शिक्षा क्षेत्र को ज्यादा महत्व नहीं मिलने से नाखुश हैं। विश्वविद्यालय के अनुसंधान के छात्र विकास मिश्रा बजट पर नाखुशी जाहिर करते हुए कहते हैं कि “बजट में छात्रों के लिए कुछ भी विशेष नहीं है। हालांकि कुछ चीजें अच्छी रही हैं। छात्रों को लोन देने का प्रस्ताव सबसे अच्छा प्रस्ताव रहा।
दूसरी सबसे अच्छी चीज आईआईटी के लड़कों को देश की टॉप 10 कंपनियों में ट्रेनिंग का प्रस्ताव भी अच्छा रहा। इसके अलावा बेरोजगार छात्रों को पांच हजार रुपये भत्ता देने के प्रस्ताव पर मैं उन्हें बहुत बधाई देता हूं। अनुसंधान के ही छात्र रामाशीष मिश्रा कहते हैं, “छात्रों को इस बजट से बहुत उम्मीदें थींं, लेकिन उसके अनुरूप छात्रों को इस बजट में कुछ नहीं मिला।“ कैंपस की ही एक छात्रा बजट पर खुशी जताते हुए कहती है, “बजट अच्छा है, खासकर महिलाओं के लिए इसमें कई प्रावधान किए गए हैं। देश के विकास में महिलाओं काेे भागीदार बनाया गया है।“
बता दें कि केंद्रीय बजट में निर्मला सीतारमण ने 2024-25 में हर साल 25 हजार छात्रों की मदद के लिए मॉडल कौशल ऋण योजना में संशोधन का प्रस्ताव किया है। साथ ही देश के युवाओं के लिए बजट में वित्त मंत्री ने जो ऐलान किया है, उसके अनुसार रोजगार व कौशल प्रशिक्षण से जुड़ी पांच योजनाओं के लिए दो लाख करोड़ रुपए की राशि रखी गई है। इसमें 500 टॉप कंपनियों में पांच करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप देने का प्रावधान भी है। इसके अलावा पहली जॉब ज्वाइन करने वाले युवाओं के लिए 15 हजार की तीन किश्त सीधे उनके ईपीएफओ खाते में डाला जाएगा। बजट भाषण में वित्त मंत्री ने बताया कि पहली नौकरी वालों के लिए एक लाख रुपए से कम सैलेरी होने पर ईपीएफओ में पहली बार रजिस्टर होने पर 15 हजार रुपए की मदद तीन किश्तों में मिलेगी। वहीं महिलाओं और लड़कियों को लाभ पहुंचाने वाली योजनाओं के लिए तीन लाख करोड़ रुपये की राशि का प्रस्ताव दिया गया है। साथ ही पूर्वोत्तर क्षेत्र में इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक की 100 से अधिक शाखाएं स्थापित की जाएंगी। --(आईएएनएस)