राष्ट्रीय
चमोली, 23 जुलाई । उत्तराखंड में कई दिनों से मूसलाधार बारिश हो रही है। इसके चलते कई सड़क मार्ग पर भारी बोल्डर गिर गए हैं। इसकी वजह से कई रास्ते बंद हो गए। सड़क मार्ग बंद होने से लोगों को आवाजाही में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस समस्या को देखते हुए पुलिस के एक जवान ने मार्ग से भारी बोल्डर को हथौड़े की मदद से तोड़ दिया। इसके बाद जाम की समस्या खत्म हो गई। चमोली के पंच पुलिया कर्णप्रयाग के पास पहाड़ी से भारी भरकम बोल्डर सड़क पर आ गिरा। इसके कारण बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग भी बंद हो गया। सड़क पर जाम की समस्या उत्पन्न हो गई। दो पहिया और चार पहिया वाहन लंबी कतार में खड़े नजर आए।
पुलिस-प्रशासन इस समस्या से निपटने के लिए अलर्ट मोड में आ चुका है। पुलिस अधीक्षक सर्वेश पंवार ने पुलिस विभाग समेत अन्य रेस्क्यू टीमों को भी किसी भी आपातकाल घटना से निपटने के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए हैं। पुलिस के जवान अपनी जिम्मेदारी को बहुत ही कर्तव्य निष्ठा और ईमानदारी के साथ निभा रहे हैं। इसकी एक जबरदस्त मिसाल कर्णप्रयाग कोतवाली में नियुक्त पुलिसकर्मी भगत लाल ने पेश की है। जेसीबी मशीन के समय पर नहीं पहुंचने के कारण उन्होंने हथौड़े की मदद से पत्थर तोड़कर रास्ता बनाना शुरू कर दिया। भारी भरकम बोल्डर को तोड़कर भगत लाल ने सड़क मार्ग को खुलवाया और यातायात सुचारू रूप से शुरू हुआ। --(आईएएनएस)
भोपाल, 23 जुलाई । मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बदलते हालातों की चर्चा करते हुए किसानों से कहा है कि अब वे अपनी जमीन नहीं बेचें। अब जमीन से उनकी आय बढ़ने वाली है। सीएम मोहन यादव ने भोपाल में आत्मनिर्भर पंचायत समृद्ध मध्यप्रदेश कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस दौरान सीएम ने राज्य की बदलती तस्वीर का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि किसानों को खेती के लिए पर्याप्त पानी मिले, इसके प्रयास किया जा रहे हैं।
वहीं पशुपालन को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। इससे किसानों की आय बढ़ेगी, इसलिए किसानों को अब जमीन नहीं बेचना चाहिए, भले ही जरूरत पड़ने पर वे कर्ज ले लें। पूरे प्रदेश के जिला पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, पंचायत अधिकारियों की मौजूदगी में आयोजित कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल, एंदल सिंह कंसाना, लखन पटेल, राधा सिंह समेत वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। सीएम मोहन यादव ने भारत को उसके गांवों से ही समझा जा सकता है। यह बात सही है कि गांव में भी शहर का असर पहुंच रहा है। लेकिन हजार साल तक गुलामी के बावजूद गांव की हकीकत व परिवेश नहीं बदला है।
सीएम मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राज्य को केन-बेतवा लिंक परियोजना, पार्वती-कालीसिंध परियोजना जैसी सौगात मिली है। इससे किसानों को भरपूर मात्रा में सिंचाई के लिए पानी मिलेगा और आय बढ़ेगी। वहीं पशुपालन को बढ़ावा देने के प्रयास चल रहे हैं। आवारा गोवंश के लिए सरकार की ओर से बनाई जा रही गौशालाओं की चर्चा करते हुए सीएम ने कहा कि पूर्व में गायों के लिए कांजी हाउस बनाए गए हैं, वास्तव में यह जेल है। राज्य सरकार ने गौशालाएं बनाने का फैसला लिया है। गायों के चारे के लिए प्रतिदिन 40 रुपये का प्रावधान किया जा रहा है, वहीं जो किसान परिवार 10 से ज्यादा गायों का पालन करते हैं, उन्हें और भी लाभ मिलेगा। दूध पर भी बोनस देने की तैयारी की जा रही है। --(आईएएनएस)
लखनऊ, 23 जुलाई । मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट मंगलवार को लोकसभा में पेश किया गया। इस पर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने प्रतिक्रिया दी है। इसके अलावा सपा और कांग्रेस नेताओं ने भी अपनी-अपनी बातें कही। बसपा मुखिया मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट कर कहा, "संसद में आज पेश केंद्रीय बजट अपने पुराने ढर्रे पर कुछ मुट्ठी भर अमीर व धन्नासेठों को छोड़कर देश के गरीबों, बेरोजगारों, किसानों, महिलाओं, मेहनतकशों, वंचितों व उपेक्षित बहुजनों के त्रस्त जीवन से मुक्ति हेतु 'अच्छे दिन' की उम्मीदों वाला कम, उन्हें मायूस करने वाला ज्यादा है।''
उन्होंने आगे लिखा, ''देश में छाई जबरदस्त गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई, पिछड़ापन तथा यहां के 125 करोड़ से अधिक कमजोर तबकों के उत्थान व उनके लिए जरूरी बुनियादी सुविधाओं के प्रति इस नई सरकार में भी अपेक्षित सुधारवादी नीति व नीयत का अभाव। बजट में ऐसे प्रावधानों से क्या लोगों का जीवन खुश व खुशहाल हो पाएगा?'' इसके साथ ही बसपा प्रमुख ने पोस्ट में लिखा, ''देश का विकास व लोगों का उत्थान आंकड़ों के भूल-भुलैया वाला न हो, बल्कि लोगों को त्रस्त जीवन से मुक्ति के लिए रोजगार के अवसर, जेब में खर्च के लिए पैसे/आमदनी जैसी बुनियादी तरक्की सभी को मिलकर महसूस भी हो। रेलवे का विकास भी अति-जरूरी। सरकार बीएसपी सरकार की तरह हर हाथ को काम दे।" इसके अलावा सपा के प्रदेश प्रवक्ता सुनील साजन ने कहा कि भाजपा ने जो आज बजट पेश किया है, इसने गरीब, किसान और aनौजवानों को निराश किया है। अपने पुराने बजट जैसा 11वीं बार पेश किया है। इसमें बड़े लोगों को फायदा है। गरीबों और छोटे तबकों की उम्मीदों पर सरकार ने पानी फेरा है। यूपी की उपेक्षा लगातार 10 सालों से हो रही है। यही उत्तर प्रदेश ने इन्हें सबसे ज्यादा दो बार सांसद दिया। खुद पीएम यहीं से चुने गए हैं।
लगता है यूपी ने इन्हें इस बार हरा दिया तो बदला ले रहे हैं। 2027 में इनको फिर उत्तर प्रदेश जवाब देगा। दूसरी तरफ कांग्रेस के प्रवक्ता अंशू अवस्थी ने कहा कि केंद्र सरकार का बजट सिर्फ हवा-हवाई और किताबी है। बजट में बेरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दों की घोर उपेक्षा की गई है। शायद भाजपा 2024 में चुनाव में जो सीटों में घट गई हैं, इसकी वजह से वह युवाओं और आम आदमी से अपनी कुंठा बजट में निकाल रही है। इस बजट में किसी भी वर्ग को राहत नहीं दी गई है। बजट से देशवासियों को निराशा हाथ लगी है। देश के आम आदमी, किसानों, युवाओं के लिए मोदी सरकार को कोई चिंता नहीं है। यह बजट भी खोखला साबित हुआ, जिसमें की गई घोषणाएं बाद में गायब हो जाएगी। (आईएएनएस)
पटना, 23 जुलाई । केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को लोकसभा में आम बजट पेश किया। इसमें बिहार को सड़क, स्वास्थ्य के साथ बाढ़ नियंत्रण को लेकर कई सौगात दी गई है। राजद ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिलने पर सरकार को घेरा। राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा कि पेश किये गए बजट में बिहार को कुछ लाभ नहीं मिला है। किसानों, मजदूरों के लिए कोई बड़ा ऐलान नहीं किया गया है। केवल और केवल कॉरपोरेट घरानों को ध्यान में रखते हुए बजट बनाया गया है। भाजपा विधायक लखेंद्र पासवान ने कहा कि बजट में बिहार के बुनियादी ढांचे का ख्याल रखा गया है।
हम प्रधानमंत्री मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को धन्यवाद देना चाहेंगे, जिन्होंने पहले ही बिहार को 8 मंत्री देकर बड़ा सहयोग किया है और बजट में हमारे राज्य का ख्याल रखा है। बिहार के साथ सौतेलापन हुआ है। हम संसद से लेकर सड़क तक विशेष राज्य की मांग उठाते रहेंगे। पैकेज से काम नहीं चलेगा, बिहार को विशेष राज्य का दर्जा हमारी मांग है। उन्होंने कहा कि पेपर लीक बिल बिहार में लागू होना चाहिए और इसका समर्थन विपक्षी दलों को भी करना चाहिए। इस बिल के लागू होने से निश्चित तौर पर छात्रों को लाभ होगा। वित्त मंत्री ने बजट पेश करते हुए कहा कि हम नेपाल की तरफ से बाढ़ नियंत्रण के लिए काम करेंगे। हमारी सिंचाई की परियोजनाएं हैं, उसे वित्तीय समर्थन देंगे। इसमें 11,500 करोड़ रुपए का आवंटन किया जाएगा। गया के विष्णुपद मंदिर और बोधगया के महाबोधि मंदिर में धार्मिक पर्यटन विकसित किया जाएगा। नालंदा को भी पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए केंद्र सरकार सहायता देगी।
वित्त मंत्री ने बजट में बिहार में चार नए एक्सप्रेस वे बनाने के प्रस्ताव दिए हैं। आम बजट में बिहार में सड़क प्रोजेक्ट के लिए 26,000 करोड़ के पैकेज की घोषणा की गई। इसके अलावा 21,000 करोड़ के पावर प्लांट का भी ऐलान किया गया। केंद्र सरकार ने पटना से पूर्णिया के बीच एक्सप्रेस वे बनाने के लिए फंड देने का ऐलान किया है। इसके अलावा बक्सर से भागलपुर के बीच हाईवे बनाया जाएगा। साथ ही बोधगया से राजगीर, वैशाली होते हुए दरभंगा तक हाईवे बनेगा। बक्सर में गंगा नदी पर दो लेन का एक पुल भी बनाया जाएगा। केंद्र सरकार बिहार में कई एयरपोर्ट, मेडिकल कॉलेज और स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थापना करेगी। पीरपैंती में 2,400 मेगावाट का पावर प्लांट स्थापित किया जाएगा। --(आईएएनएस)
पटना, 23 जुलाई । वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को लोकसभा में मोदी सरकार 3.0 का पहला बजट पेश किया। बजट में मोदी सरकार ने बिहार के लिए कई बड़ी घोषणाएं की है। जिस पर जदयू नेताओं की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल ने मोदी सरकार के बजट की प्रशंसा की और कहा कि भारत सरकार ने बजट में बिहार को विशेष पैकेज से ज्यादा दे दिया है।
उन्होंने कहा कि बिहार में 26,000 करोड़ के हाईवे बनाने की घोषणा की गई है। केंद्र सरकार ने गंगा नदी पर दो नए पुल बनाने की घोषणा की है। बिहार के जिन जगहों में मेडिकल कॉलेज नहीं है, वहां केंद्र सरकार ने नए मेडिकल कॉलेज खोलने का प्रावधान किया है। जहां एयरपोर्ट नहीं है, वहां पर एयरपोर्ट बनाने के लिए बिहार सरकार से प्रस्ताव मांगा गया है। 2 लाख 66 हजार करोड़ ग्रामीण विकास विभाग को केंद्र सरकार ने दिया है, पीरपैंती में 2,400 मेगावाट का पावर प्लांट बनाने की घोषणा की गई है। इससे बिहार में बिजली संकट दूर हो जाएगा। पूर्णिया से पटना सिक्स लेन हाईवे बनाने की घोषणा होनी चाहिए। जदयू नेता नीरज कुमार ने कहा कि हमने साफ तौर पर कहा है कि विशेष राज्य का दर्जा अथवा विशेष पैकेज अथवा विशेष सहायता, जो हमें जानकारी मिली है, उसमें 26,000 करोड़ रुपए सड़क निर्माण के लिए स्वीकृति मिली है। यह सुकून भरी खबर है। राष्ट्रीय उच्च पथ विकसित राज्यों की अपेक्षा हमारे यहां कम थे। विशेष दर्जा के लिए मापदंड में बदलाव करना होगा।
जब पर्वतीय क्षेत्र बिहार में था, जब झारखंड एक साथ था, वर्ष 1990 से 2000 तक लालू प्रसाद यादव को याद नहीं आया था कि विशेष भी कुछ होता है। जब बिहार में आदिवासियों की बड़ी आबादी थी, जब बिहार का बंटवारा हो गया और झारखंड अलग हो गया। अब, नई घोषणा बिहार के विकास में सहायक होगा। बिहार के जल संसाधन सह संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि जो लोग कहना चाहते हैं, वो कहें और सरकार अपना पक्ष रखने के लिए तैयार है और ये वही लोग हैं, जिनके समय में सबसे पहले बिहार को विशेष राज्य के दर्जे की मांग खारिज हुई थी। बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को लोकसभा में आम बजट पेश करते हुए बिहार को सड़क, स्वास्थ्य के साथ बाढ़ नियंत्रण को लेकर कई सौगातें दी। उन्होंने बजट पेश करते हुए कहा कि हम नेपाल की तरफ से बाढ़ नियंत्रण के लिए काम करेंगे। हमारी सिंचाई की परियोजनाएं हैं, उसे वित्तीय समर्थन देंगे। इसमें 11,500 करोड़ रुपए का आवंटन किया जाएगा। बजट में अमृतसर-कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर की बात की गई है। इस कॉरिडोर के तहत गया में एक औद्योगिक केंद्र बनाया जाएगा, जिससे पूर्वोत्तर क्षेत्र के औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। वित्त मंत्री ने कहा कि गया का यह केंद्र प्राचीन सांस्कृतिक केंद्रों को आधुनिक अर्थव्यवस्था के साथ जोड़ेगा। गया के विष्णुपद मंदिर और बोधगया के महाबोधि मंदिर में धार्मिक पर्यटन विकसित किया जाएगा।
नालंदा को भी पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए केंद्र सरकार सहायता देगी। वित्त मंत्री ने बजट में बिहार में चार नए एक्सप्रेसवे बनाने के प्रस्ताव दिए हैं। आम बजट में बिहार में सड़क प्रोजेक्ट के लिए 26,000 करोड़ के पैकेज की घोषणा की गई। इसके अलावा 21,000 करोड़ के पावर प्लांट का भी ऐलान किया गया। केंद्र सरकार ने पटना से पूर्णिया के बीच एक्सप्रेसवे बनाने के लिए फंड देने का ऐलान किया है। इसके अलावा बक्सर से भागलपुर के बीच हाईवे बनाया जाएगा। साथ ही बोधगया से राजगीर, वैशाली होते हुए दरभंगा तक हाईवे बनेगा। बक्सर में गंगा नदी पर दो लेन का एक पुल भी बनाया जाएगा। केंद्र सरकार बिहार में कई एयरपोर्ट, मेडिकल कॉलेज और स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थापना करेगी। पीरपैंती में 2,400 मेगावाट का पावर प्लांट स्थापित किया जाएगा। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 23 जुलाई । एक शोध में यह बात सामने आई है कि लड़कियों के मुकाबले लड़कों में 'टाइप वन डायबिटीज' विकसित होने का खतरा अधिक होता है। शोध में खुलासा हुआ है कि 10 वर्ष की आयु के बाद लड़कियों में यह जोखिम काफी कम हो जाता है, जबकि लड़कों में जोखिम बना रहता है। इसके अलावा 'टाइप वन डायबिटीज' का खतरा उन लड़कों में काफी अधिक होता है जिनके शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा उत्पादित एकल ऑटो एंटीबॉडी प्रोटीन अन्य प्रोटीनों पर हमला करते हैं।
ब्रिटेन के एक्सेटर विश्वविद्यालय की टीम ने कहा, ''पुरुषों का शरीर ऑटो एंटीबॉडी विकास से जुड़ा हो सकता है, जो जोखिम के आकलन में उनके शामिल करने के महत्व को दर्शाता है।'' अध्ययन में महत्वपूर्ण बात यह सामने आई कि अधिकांश ऑटोइम्यून बीमारियों के विपरीत पुरुषों में 'टाइप वन डायबिटीज' होने का जोखिम अधिक रहता है। इस शोध से यह बात भी सामने आती है कि महिला और पुरुषों के बीच इम्यून सिस्टम, मेटाबोलिक और अन्य अंतर 'टाइप वन डायबिटीज' के चरणों के माध्यम से जोखिम पैदा कर सकते हैं। इस शोध के लिए टीम ने 'टाइप वन डायबिटीज' से पीड़ित 235,765 लोगों का अध्ययन किया।
उन्होंने 'टाइप वन डायबिटीज' के जोखिम की गणना करने के लिए कंप्यूटर और सांख्यिकीय मॉडल का उपयोग किया, जिसे भ्रमित करने वाले कारकों को समायोजित करने के बाद महिलाओं और पुरुषों के लिए अनुमानित पांच साल के जोखिम के रूप में देखा गया। पुरुषों में ऑटो एंटीबॉडी अधिक पाए गए। बता दें कि महिलाओं में यह स्तर 5.0 प्रतिशत और पुरुषों में यह 5.4 प्रतिशत रहता है। पुरुषों में कई ऑटो एंटीबॉडी के लिए सकारात्मक जांच की संभावना के साथ 'टाइप वन डायबिटीज' होने की संभावना भी अधिक थी। इस बारे में अधिक शोध करने की सिफारिश करते हुए टीम ने कहा, ''लगभग 10 वर्ष की आयु में इस जोखिम से यह परिकल्पना उभरती है कि युवा अवस्था में कई तरह के हार्मोन इसमें भूमिका निभा सकते हैं।'' शोध के ये निष्कर्ष 9 से 13 सितंबर तक स्पेन के मैड्रिड में होने वाली यूरोपीय मधुमेह अध्ययन संघ की इस वर्ष की वार्षिक बैठक में प्रस्तुत किए जाएंगे। -- (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 23 जुलाई । केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को बजट पेश करते समय कई योजनाओं की शुरुआत की। पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि वित्त मंत्री ने 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए जारी कांग्रेस का घोषणापत्र पढ़ा है। पूर्व वित्त मंत्री ने एक्स पर लिखा, "मुझे यह जानकर खुशी हुई कि माननीय वित्त मंत्री ने चुनाव परिणाम के बाद कांग्रेस का घोषणापत्र 2024 पढ़ा।" उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की भी खुशी है कि वित्त मंत्री ने रोजगार से जुड़े प्रोत्साहन (ईएलआई) को अपना लिया है, जो कांग्रेस के घोषणापत्र के पेज नंबर 30 पर है।
पूर्व वित्त मंत्री ने कहा, "मुझे इस बात की भी खुशी है कि उन्होंने कांग्रेस के घोषणापत्र के पेज 11 से प्रत्येक ट्रेनी को भत्ते के साथ ट्रेनिंग योजना शुरू की है।" उन्होंने वित्त मंत्री पर कटाक्ष करते हुए कहा कि काश निर्मला सीतारमण कांग्रेस के घोषणापत्र से कुछ और विचार कॉपी कर पातीं। पूर्व वित्त मंत्री ने एक्स पर लिखा, "मुझे यह सुनकर खुशी हुई कि वित्त मंत्री ने एंजल टैक्स को खत्म कर दिया है। कांग्रेस कई सालों से इसे खत्म करने की मांग कर रही थी और घोषणापत्र में पेज 31 पर भी ऐसा ही कहा गया है।" हालांकि, उन्होंने कहा कि वह जल्द ही इस पर आगे बात करेंगे। इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार की नौ प्राथमिकताओं को सामने रखा, जिसमें रोजगार, कौशल, कृषि और विनिर्माण पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
वित्त मंत्री सीतारमण ने अपना सातवां बजट पेश करते हुए कहा, "इस बजट में हम रोजगार, कौशल, एमएसएमई और मध्यम वर्ग पर फोकस करेंगे। उत्पादकता बढ़ाने और जलवायु अनुकूल किस्मों के लिए कृषि अनुसंधान को बदला जाएगा।" उन्होंने कहा कि भारत के लोगों ने पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में अपना विश्वास जताया है और ऐतिहासिक तीसरे कार्यकाल के लिए इसे फिर से चुना है। -(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 23 जुलाई । पाकिस्तान में अगले साल चैम्पियंस ट्रॉफी होनी है, लेकिन भारतीय टीम के जाने को लेकर स्थिति अभी साफ नहीं है। इस बीच पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर बासित अली ने बीसीसीआई सचिव जय शाह की कड़ी आलोचना करते हुए उन पर निशाना साधा है। भारत ने 2025 चैंपियंस ट्रॉफी के लिए पाकिस्तान जाने से इनकार कर दिया है। इस मुद्दे को लेकर बासित अली ने जय शाह पर अपनी प्राथमिकताओं के अनुसार अन्य क्रिकेट बोर्डों पर अनुचित प्रभाव डालने का भी आरोप लगाया। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने पहले ही इस आयोजन की तैयारियां शुरू कर दी हैं, जिसमें स्टेडियम का नवीनीकरण शामिल है।
हालांकि भारत की भागीदारी इस टूर्नामेंट में सस्पेंस में बनी हुआ है, जिससे टूर्नामेंट की योजना पर असर पड़ रहा है। चैंपियंस ट्रॉफी का आयोजन अगले साल में फरवरी- मार्च के महीने में होना है जिसकी मेजबानी पाकिस्तान के पास है। बीसीसीआई ने टीम इंडिया के पाकिस्तान दौरा करने से साफ इनकार कर दिया है। बीसीसीआई ने आईसीसी से भारत के चैंपियंस ट्रॉफी मैचों को किसी न्यूट्रल वेन्यू पर शिफ्ट करने का अनुरोध किया। यह कदम इसलिए उठाया जा रहा है क्योंकि भारत सरकार टीम की पाकिस्तान यात्रा के लिए मंजूरी देने से इनकार कर सकती है। बीसीसीआई के रुख से निराश बासित अली ने अपने यूट्यूब चैनल पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा, "5-6 बोर्ड हैं, वे जय शाह की कही गई बातों को आसानी से मान लेंगे। अगर वह कहते हैं कि चैंपियंस ट्रॉफी पाकिस्तान में होगी, तो वे सहमत होंगे।
अगर वह कहते हैं कि यह एक हाइब्रिड मॉडल होगा, तो वे उस पर भी सहमत होंगे।" पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर ने बताया कि शाह ने आईपीएल में खिलाड़ियों की भागीदारी के लिए पर्याप्त भुगतान की पेशकश करके प्रमुख क्रिकेट बोर्डों का समर्थन हासिल किया है। बासित अली ने कहा, "अन्य देशों के खिलाड़ी भारत में आईपीएल खेलते हैं, तो बीसीसीआई बड़ी रकम का भुगतान करता है। चाहे वह इंग्लिश बोर्ड, न्यूजीलैंड बोर्ड, वेस्टइंडीज बोर्ड या फिर ऑस्ट्रेलिया बोर्ड ही क्यों न हो।" हाल ही में कोलंबो में आईसीसी के वार्षिक सम्मेलन में 2025 चैंपियंस ट्रॉफी के बजट को आधिकारिक तौर पर मंजूरी दी गई। मेजबान देश पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व पीसीबी प्रमुख मोहसिन नक़वी ने किया। बजट को आईसीसी के मुख्य वित्त अधिकारी अंकुर खन्ना और पीसीबी के मुख्य वित्त अधिकारी जावेद मुर्तजा ने तैयार किया है। चैंपियंस ट्रॉफी 19 फरवरी से 9 मार्च, 2025 तक चलेगी। (आईएएनएस)
पटियाला, 23 जुलाई । पंजाब सरकार यातायात नियमों को लेकर सख्त रुख अपना चुकी है। अब नाबालिग बच्चे सड़कों पर वाहन लेकर घूमते हुए नजर आए तो उनकी खैर नहीं। पंजाब सरकार ने ऐसे बच्चों के माता-पिता के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्णय लिया है। उन्हें 25 हजार तक का जुर्माना और 3 साल कारावास में बिताना पड़ सकता है। एडीजीपी ट्रैफिक एंड रोड सेफ्टी फोर्स की ओर से एक पत्र जारी किया गया है।
इसमें कहा गया है कि 18 साल से कम उम्र के बच्चे यदि दो पहिया या चार पहिया वाहन चलाते हुए पकड़े जाते हैं तो उनके माता-पिता के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस पत्र के जरिए पंजाब के हर जिले के एसएसपी और कमिश्नर को यातायात नियमों को सख्ती से पालन कराने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही 31 जुलाई 2024 तक एक अभियान चलाकर बच्चों और अभिभावकों को यातायात नियमों का पालन करने के लिए जागरूक किया जाए। जागरूकता अभियान में कहा जाएगा कि 18 साल से कम उम्र के बच्चों को दोपहिया और चार पहिया वाहनों के इस्तेमाल पर पूरी तरह से पाबंदी लगाई जाए। अगर कोई नाबालिग गाड़ी चलाते हुए पाया गया तो उनके माता-पिता को अधिकतम 25,000 तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है। इसके अलावा तीन साल की सजा भी हो सकती है।
इसी कड़ी में पटियाला के डीएसपी ट्रैफिक कर्नल सिंह ने मंगलवार को पटियाला के लीला भवन चौक पर एक जागरूकता कैंप का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में 18 साल से कम उम्र के बच्चों को यातायात नियमों को जानकारी दी गई। साथ ही उनके माता-पिता को भी बच्चों को दोपहिया और चार पहिया वाहन चलाने से रोकने की अपील की गई। इस दौरान डीएसपी ट्रैफिक करनैल सिंह ने कहा कि हम इस अभियान के जरिए नाबालिग बच्चों के माता-पिता को जागरूक कर रहे हैं। अक्सर सड़क दुर्घटना में कई नाबालिग बच्चों की जान चली जाती है। इसलिए नियमानुसार उन्हें बालिग होने तक दो पहिया या चार पहिया वाहन चलाने से रोका जा रहा है। -(आईएएनएस)
लखनऊ, 23 जुलाई। समाजवादी पार्टी (सपा) विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष तय करने के बाद जल्द ही विधानसभा में भी नेता प्रतिपक्ष का नाम तय करेगी। इसके लिए भी पार्टी पीडीए का फॉर्मूला लागू करेगी। राजनीतिक सूत्र बताते हैं कि सपा ने विधान परिषद में जिस प्रकार से पिछड़े वर्ग के यादव बिरादरी को आगे लाया है। अब विधानसभा में दलित वर्ग से आने वाले किसी को नेता प्रतिपक्ष का बनाया जा सकता है। सूत्रों की मानें तो इस पद के लिए अब सपा के वरिष्ठ नेता इंद्रजीत सरोज का नाम सबसे आगे है। वह पासी बिरादरी से आते हैं। सरोज के अलावा ओबीसी वर्ग से राम अचल राजभर का नाम भी चर्चा में है।
वरिष्ठ नेता शिवपाल यादव और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय का नाम भी चर्चा में बताया जा रहा है। सपा के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि विधान परिषद में लाल बिहारी यादव के नेता प्रतिपक्ष बनने से अब शायद किसी दूसरे यादव को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाने की गुंजाइश कम ही बची है। विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष चयन में सपा पीडीए के फार्मूले के तहत ही किसी और को जिम्मेदारी देगी। सपा के प्रवक्ता आशुतोष वर्मा ने बताया कि हमारी राजनीति का मुख्य आयाम पीडीए ही है। पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक और आधी आबादी है। यही हमारी जीत का मंत्र है। चाहे विधान परिषद हो या विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष, इसी को वरीयता दी जाएगी। सपा ने 2022 का विधानसभा हो या 2024 का लोकसभा चुनाव, पार्टी ने सबसे ज्यादा पीडीए को ही प्रतिनिधित्व दिया है।
बता दें कि 29 जुलाई से विधानमंडल सत्र शुरू हो रहा है। ऐसे में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष पर जल्द फैसला होगा। अखिलेश यादव अभी तक सदन में नेता प्रतिपक्ष थे। 2024 के लोकसभा चुनाव में वह कन्नौज सीट से सांसद चुने गए हैं। साथ ही उन्होंने करहल से विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा भी दे दिया है। ऐसे में नेता प्रतिपक्ष का पद खाली है। उधर लोकसभा चुनाव नतीजे के बाद यह पहला सत्र है। इन चुनावों में सपा को 37 सीटें मिली हैं। इसका असर सदन में देखने को मिल सकता है। विपक्ष हमलावर नजर आ सकता है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 23 जुलाई । केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बजट में बिहार और आंध्र प्रदेश को दिए गए विशेष पैकेज पर विपक्ष हमलावर हो गया है। केंद्रीय बजट पर तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि यह 'कुर्सी बचाओ' बजट है। उन्होंने कहा कि ये बजट एनडीए के नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू को साथ रखने के लिए है, ये बजट देश के लिए नहीं है। इसमें बंगाल के लिए कुछ नहीं है, इनको बंगाल से कोई लेना देना नहीं है। बंगाल से इनका सफाया हो जाएगा। केंद्रीय बजट को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि जब तक किसान और नौजवानों की पक्की नौकरी का इंतजाम नहीं होगा तब तक जनता को कोई बड़ा लाभ नहीं पहुंचेगा।
उन्होंने कहा, "अगर हम उत्तर प्रदेश को देखें तो निवेश की क्या स्थिति है? जो परियोजनाएं वे चला रहे हैं, वे कभी समय पर पूरी नहीं होतीं। यह अच्छी बात है कि बिहार और आंध्र प्रदेश को विशेष योजनाओं से जोड़ा गया है, लेकिन क्या उत्तर प्रदेश जैसे राज्य के किसानों के लिए बजट में कुछ है जो प्रधानमंत्री देते हैं?" वहीं, केंद्रीय बजट 2024 पर मैनपुरी से सपा सांसद डिंपल यादव ने कहा, "महिलाओं की सुरक्षा के लिए कुछ होना चाहिए था, बजट में कुछ भी नहीं है, रसोई का ख्याल नहीं रखा गया है। सरकार महंगाई को लेकर कोई कदम नहीं उठाना चाहती।" बता दें कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले बजट में बिहार और आंध्र प्रदेश को अतिरिक्त वित्तीय सहायता देने की घोषणा की है। सीतारमण ने बिहार को अतिरिक्त आर्थिक मदद देने को लेकर कहा, "बिहार के पीरपैंती में 21,400 करोड़ रुपये की लागत से 2400 मेगावाट का नया बिजली संयंत्र स्थापित करने सहित बिजली परियोजनाएं शुरू की जाएंगी।
बिहार में नए हवाई अड्डे, मेडिकल कॉलेज और खेल बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जाएगा। बहुपक्षीय विकास बैंकों से बाहरी सहायता के लिए बिहार सरकार के अनुरोध पर शीघ्रता से कार्रवाई की जाएगी।" इसके अलावा और भी योजनाएं बिहार को दी गई हैं। उधर आंध्र प्रदेश को लेकर वित्त मंत्री ने कहा, "हमारी सरकार ने आंध्र प्रदेश पुनर्वित्त अधिनियम की जरूरतों को पूरा करने की कोशिश की है। राज्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए हम बहु-कार्यात्मक पुनर्गठन अधिनियम के माध्यम से विशेष वित्तीय संस्थान की बात कर रहे हैं। हम सहायता सुविधा दे रहे हैं। चालू वित्त वर्ष में 15,000 करोड़ रुपये की व्यवस्था की जाएगी और भविष्य के वर्षों में अतिरिक्त राशि दी जाएगी।" (आईएएनएस)
नयी दिल्ली, 23 जुलाई सरकार ने मंगलवार को कहा कि वह रोजगार से जुड़ी तीन योजनाएं शुरू करेगी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में 2024-25 के लिए केंद्रीय बजट पेश करते हुए कहा कि ये योजनाएं कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) में नामांकन पर आधारित होंगी।
पहली योजना के तहत सभी क्षेत्रों में कार्यबल में प्रवेश करने वालों को एक महीने का वेतन प्रदान किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि दूसरी योजना में पहली बार काम करने वाले कर्मचारियों के रोजगार से जुड़े विनिर्माण क्षेत्र में अतिरिक्त रोजगार को प्रोत्साहित करेगी।
वित्त मंत्री ने कहा, “रोजगार के पहले चार वर्षों में ईपीएफओ अंशदान के संबंध में कर्मचारी और नियोक्ता को सीधे निर्दिष्ट पैमाने पर प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा। इस योजना से 30 लाख युवाओं और उनके नियोक्ताओं को लाभ मिलने की उम्मीद है।”
सीतारमण ने कहा कि तीसरी योजना के तहत सभी क्षेत्रों में अतिरिक्त रोजगार को लिया जाएगा।
उन्होंने कहा, “एक लाख रुपये तक मासिक वेतन के अंतर्गत सभी अतिरिक्त रोजगार को गिना जाएगा।”
सीतारमण ने कहा कि सरकार प्रत्येक अतिरिक्त कर्मचारी के लिए ईएफपीओ अंशदान के रूप में नियोक्ताओं को दो वर्षों तक 3,000 रुपये प्रतिमाह तक की राशि प्रतिपूर्ति करेगी।
मंत्री ने यह भी घोषणा की कि कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए देश में कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास स्थापित किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि सरकार जलवायु-अनुकूल बीज विकसित करने के लिए निजी क्षेत्र, क्षेत्र विशेषज्ञों और अन्य को धन मुहैया कराएगी। (भाषा)
नयी दिल्ली, 23 जुलाई वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि सरकार जीएसटी (माल एवं सेवा कर) को अधिक सरल और युक्तिसंगत बनाने का प्रयास करेगी। यह एक ऐसा कदम है जो कारोबारी सुगमता को बढ़ावा देने में मदद करेगा।
सरकार ने सीमा शुल्क दरों को युक्तिसंगत बनाने का भी प्रस्ताव रखा।
मंत्री ने कैंसर के इलाज में इस्तेमाल होने वाली तीन और दवाओं पर सीमा शुल्क छूट की घोषणा की।
उन्होंने कहा कि जीएसटी ने आम आदमी पर कर का बोझ कम किया है और उद्योग के लिए लॉजिस्टिक लागत कम की है। (भाषा)
नयी दिल्ली, 23 जुलाई केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को घोषणा की कि सरकार घरेलू संस्थानों में उच्च शिक्षा के लिए 10 लाख रुपये तक के ऋण के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।
वर्ष 2024-25 का बजट पेश करते हुए उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य के लिए हर साल एक लाख छात्रों को सीधे ई-वाउचर दिए जाएंगे, जिसमें ऋण राशि का तीन प्रतिशत ब्याज अनुदान भी दिया जाएगा।
कौशल विकास क्षेत्र के लिए वित्त मंत्री द्वारा घोषित उपायों में 1,000 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) को ‘हब और स्पोक मॉडल’ में उन्नत करना, पाठ्यक्रम सामग्री को उद्योगों की कौशल आवश्यकताओं के अनुरूप बनाना तथा मॉडल कौशल ऋण योजना में संशोधन करना शामिल है।
सीतारमण ने कहा, ‘‘सरकार की योजनाओं और नीतियों के तहत किसी भी लाभ के लिए पात्र नहीं रहे हमारे युवाओं की मदद के लिए सरकार घरेलू संस्थानों में उच्च शिक्षा के लिए 10 लाख रुपये तक के ऋण के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। इस उद्देश्य के लिए ई-वाउचर हर साल एक लाख छात्रों को सीधे दिए जाएंगे, जिसमें ऋण राशि का तीन प्रतिशत ब्याज अनुदान होगा।’’
केंद्रीय बजट 2024-25 में शिक्षा, रोजगार और कौशल के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। (भाषा)
नयी दिल्ली, 23 जुलाई वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि मध्यम और उच्च मध्यम वर्ग के लिए कुछ वित्तीय परिसंपत्तियों पर पूंजीगत लाभ छूट सीमा को बढ़ाकर 1.25 लाख रुपये सालाना करने की योजना है।
उन्होंने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए बजट पेश करते हुए वायदा एवं विकल्प प्रतिभूतियों के मामले में प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) 0.02 प्रतिशत और 0.1 प्रतिशत बढ़ाने का प्रस्ताव किया।
सीतारमण ने कहा कि शेयर पुनर्खरीद से होने वाली आय पर कर लगेगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि कर विवाद कम करने के लिए सरकार विवाद से विश्वास योजना 2024 लाने की तैयारी कर रही है।
उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी 2.0 के लिए 10 लाख करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया गया है। इसके तहत एक करोड़ गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों की आवासीय जरूरतों को पूरा किया जाएगा।
सीतारमण ने राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम के तहत 12 नये औद्योगिक पार्क विकसित किए जाने की भी घोषणा की। (भाषा)
नयी दिल्ली, 23 जुलाई कांग्रेस ने केंद्रीय बजट पेश होने के बाद केंद्र सरकार पर ‘कॉपी-पेस्ट’ सरकार होने का आरोप लगाया और कहा कि उसे मुख्य विपक्षी दल का धन्यवाद करना चाहिए क्योंकि उसने जिस इंटर्नशिप योजना की घोषणा की है वह इस लोकसभा चुनाव के विपक्षी पार्टी के घोषणापत्र में किए गए प्रशिक्षुता के अधिकार के वादे पर आधारित है।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह दावा भी किया कि सीतारमण का बजट भाषण दिखावे पर ज्यादा केंद्रित रहा है तथा केंद्र सरकार ने 10 साल तक इनकार करने के बाद स्वीकार किया है कि बेरोजगारी राष्ट्रीय संकट है जिस पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है।
वित्त मंत्री सीतारमण ने केंद्रीय बजट-2024-25 में प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना की घोषणा की है जिसके तहत युवाओं को इंटर्नशिप के साथ 5,000 रुपये का मासिक भत्ता मिलेगा।
कांग्रेस ने हाल में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव के लिए जारी अपने घोषणापत्र (न्याय पत्र) में प्रशिक्षुता के अधिकार का वादा किया था जिसके तहत उसने डिप्लोमा एवं डिग्रीधारक बेरोजगार युवाओं को प्रशिक्षण के साथ एक साल तक हर महीने 8500 रुपये देने का वादा किया था। कांग्रेस ने इस कार्यक्रम को ‘पहली नौकरी पक्की’ नाम भी दिया था।
रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘वित्त मंत्री ने कांग्रेस के न्याय पत्र-2024 से सीख ली है और इसका ‘इंटर्नशिप’ कार्यक्रम स्पष्ट रूप से कांग्रेस के प्रस्तावित प्रशिक्षुता कार्यक्रम पर आधारित है, जिसे ‘पहली नौकरी पक्की’ कहा गया था। हालांकि, अपनी चिर-परिचित शैली में योजना को सभी डिप्लोमा धारकों और स्नातकों के लिए गारंटी के बजाय मनमाने लक्ष्य (एक करोड़ इंटर्नशिप) के साथ, सुर्खियां बटोरने के लिए डिज़ाइन किया गया है।’’
उन्होंने दावा किया, ‘‘10 साल के इनकार के बाद ऐसा लगता है कि केंद्र सरकार अंततः चुपचाप स्वीकार करने के लिए आगे आई है कि बड़े पैमाने पर बेरोजगारी एक राष्ट्रीय संकट है जिस पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है।’’
रमेश ने कहा कि अब तक बहुत देर हो चुकी है और लगता है कि बजट भाषण कदम उठाने की तुलना में दिखावे पर अधिक केंद्रित है।
उन्होंने यह दावा भी किया, ‘‘यह बेहद निराशाजनक है कि डेटा और सांख्यिकी पर वित्त मंत्री की घोषणा में दशकीय जनसंख्या जनगणना के लिए फंड जारी करने का कोई उल्लेख नहीं है। दशकीय जनसंख्या 2021 में होनी थी, लेकिन अब तक नहीं की गई है। आज़ादी के बाद यह पहली बार है कि जनगणना समय पर नहीं हुई है। जनगणना का समय पर न होना राज्य की प्रशासनिक क्षमताओं के सामने एक बड़ी बाधा है।’’
रमेश ने कहा, ‘‘इसके गंभीर दुष्परिणाम हैं। उदाहरण के तौर पर बात करें तो जनगणना नहीं होने से 10-12 करोड़ लोगों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के दायरे से बाहर रखा गया है। इसका मतलब यह भी है कि सरकार अपने राजग के सहयोगियों की मांग के बावजूद, सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना से बचती रहेगी।’’
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कटाक्ष करते हुए कहा कि उन्हें इस बात की खुशी हुई है कि लोकसभा चुनाव के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मुख्य विपक्षी दल का घोषणापत्र पढ़ा।
पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘मुझे यह जानकर खुशी हुई कि माननीय वित्त मंत्री ने चुनाव परिणामों के बाद कांग्रेस का लोकसभा 2024 का घोषणापत्र पढ़ा है। मुझे इस बात की भी खुशी है कि उन्होंने कांग्रेस घोषणापत्र के पृष्ठ 30 पर उल्लिखित रोजगार से जुड़े प्रोत्साहन (ईएलआई) को वस्तुतः अपना लिया है।’’
उनका कहना है, ‘‘मुझे इस बात की भी खुशी है कि उन्होंने कांग्रेस घोषणापत्र के पृष्ठ 11 पर उल्लिखित प्रत्येक प्रशिक्षु के लिए भत्ते के साथ-साथ प्रशिक्षुता योजना भी शुरू की है। काश, वित्त मंत्री ने कांग्रेस घोषणापत्र में कुछ अन्य विचारों की नकल की होती। मैं शीघ्र ही छूटे हुए बिंदुओं की सूची बनाऊंगा।’’
कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘कॉपी-पेस्ट सरकार। 2024-25 के बजट में कांग्रेस की घोषणा पत्र का असर। निर्मला सीतारमण को कांग्रेस के ‘न्याय पत्र 2024’ का सहारा लेना पड़ा। कांग्रेस के 5 ‘न्याय’ में सबसे पहला युवा न्याय। पहली नौकरी पक्की: युवा न्याय के तहत हर डिग्री/ डिप्लोमा धारक को एक लाख रुपये मानदेय देने का वादा किया गया था’’
उन्होंने कहा, ‘‘बजट 2024-25 में सिर्फ एक करोड़ युवाओं के लिए इंटर्नशिप का प्रावधान, इंटर्नशिप के दौरान साठ हजार रुपये का प्रावधान। हालांकि, मोदी सरकार को इस विचार के लिए कांग्रेस को धन्यवाद देना चाहिए।’’ (भाषा)
23 जुलाई को आम बजट पेश करने के एक दिन पहले भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 22 जुलाई को संसद में आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया.
डॉयचे वैले पर आमिर अंसारी की रिपोर्ट-
आर्थिक सर्वेक्षण देश की आर्थिक स्थिति की साफ तस्वीर पेश करने में भारत सरकार की मदद करता है. आर्थिक सर्वेक्षण में पिछले एक साल की आर्थिक गतिविधियों, रोजगार के आंकड़े, महंगाई और बजट घाटा जैसी अहम जानकारियां शामिल होती हैं.
सोमवार, 22 जुलाई को बजट सत्र के पहले दिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में आर्थिक सर्वेक्षण 2023-2024 पेश किया. आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था लचीली है और महामारी के बाद इसमें मजबूत सुधार हुआ है. सर्वेक्षण में अनुमान लगाया गया है कि वित्त वर्ष 2025 में भारत की वास्तविक जीडीपी लगभग 6.6-7 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी.
महंगाई किस ओर जा रही है
आर्थिक सर्वे में कहा गया, "महामारी और उसके बाद के भू-राजनीतिक तनावों ने महंगाई के प्रबंधन में वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए काफी चुनौतियां पेश कीं. महामारी के कारण सप्लाई चेन पर असर पड़ा और वैश्विक संघर्षों के कारण वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी ने भारत को काफी प्रभावित किया. इसके नतीजतन वित्त वर्ष 2022 और वित्त वर्ष 2023 में मुख्य उपभोक्ता वस्तुओं और सेवाओं में मूल्य दबाव देखा गया."
सर्वे की रिपोर्ट के मुताबिक, "पिछले दो सालों में कठोर मौसम की स्थिति के कारण खाद्य कीमतों पर असर पड़ा है. इन घटनाक्रमों का असर वित्त वर्ष 2023 और वित्त वर्ष 2024 में महंगाई के दबाव में वृद्धि के रूप में सामने आया."
आर्थिक सर्वे की रिपोर्ट में मॉनसून के सामान्य रहने की उम्मीद जताई गई है. ऐसे में महंगाई में गिरावट आ सकती है. इससे पहले भारतीय रिजर्व बैंक ने भी चालू वित्त वर्ष के लिए महंगाई दर के 4.5 फीसदी पर रहने का अनुमान जताया था.
सर्वेक्षण में कहा गया है कि मुख्य मुद्रास्फीति दर काफी हद तक नियंत्रण में है. हालांकि कुछ खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति दर बढ़ी हुई है. वित्त वर्ष 2024 में व्यापार घाटा वित्त वर्ष 2023 की तुलना में कम था, और 2024 के लिए चालू खाता घाटा जीडीपी का लगभग 0.7 प्रतिशत है.
6.5 से 7 प्रतिशत जीडीपी विकास दर
आर्थिक सर्वे में साल 2024-25 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर 6.5 से 7.0 प्रतिशत के दायरे में रहने का अनुमान है. साल 2023-24 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में अनुमानित 8.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी. आर्थिक सर्वे में दावा किया गया है कि सरकार द्वारा लगातार मजबूत सुधारों से देश की आर्थिक बढ़ोतरी की संभावनाएं मजबूत हुईं हैं.
विपक्षी सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने आर्थिक सर्वेक्षण पेश किए जाने पर कहा कि देश के सामने आर्थिक सर्वेक्षण स्पष्ट है. उन्होंने कहा, "केंद्र सरकार भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, महंगाई आदि मुद्दों को नियंत्रित करने में विफल रही है. देश ने पहले ही इस आर्थिक सर्वेक्षण की असली तस्वीर देख ली है, यही कारण है कि लोगों ने केंद्र सरकार को पूर्ण बहुमत नहीं दिया."
वहीं बजट पेश होने से पहले कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स (पू्र्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर केंद्र सरकार से किसानों की कर्ज माफी का मुद्दा उठाया है.
उन्होंने एक्स पर लिखा कि बजट में किसान कल्याण के लिए तीन अहम घोषणाओं की जरूरत है- न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को कानूनी दर्जा, स्वामीनाथन फार्मूला के आधार पर एमएसपी तय करना और किसानों के लिए कर्ज माफी.
बजट सत्र की शुरूआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए कहा कि मंगलवार को पेश किए जाने वाला बजट अमृत काल का महत्वपूर्ण बजट होगा. मोदी ने कहा, "यह बजट सरकार के इस कार्यकाल के पांच वर्ष की दिशा तय करेगा और यह 2047 के विकसित भारत अभियान के सपने की नींव बनेगा."
उन्होंने कहा कि पिछले तीन सालों में लगभग आठ प्रतिशत की वृद्धि के साथ भारत प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से बढ़ने वाला देश बना है. मोदी के मुताबिक, "आज सकारात्मक दृष्टिकोण, निवेश और प्रदर्शन के कारण देश दुनियाभर में हर क्षेत्र में परचम लहरा रहा है."
वित्त मंत्री सीतारमण 23 जुलाई को लोकसभा में नरेंद्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश करेंगी. वित्त मंत्री ने लोक सभा चुनावों से पहले फरवरी में अंतरिम बजट पेश किया था. (dw.com)
हरिद्वार, 22 जुलाई (आईएएनएस)। कांवड़ विवाद को लेकर इन दिनों सियासत गरम है। आरोप-प्रत्यारोप के बीच हरिद्वार के कई ऐसे मुस्लिम परिवार हैं, जिन्होंने भाईचारे की मिसाल कायम की है।
दरअसल हरिद्वार के ज्वालापुर में रहने वाले कई मुस्लिम परिवार हैं, जिन्होंने पिछले कई सालों से अपने हाथों से कांवड़ तैयार कर ना सिर्फ हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल पेश की है बल्कि अपने लिए रोजगार भी जुटाया है।
कांवड़ बनाने वाले कुछ कारीगर ऐसे हैं जो कई पीढ़ियों से हर साल इसे तैयार करते हैं। कई तरह के कांवड़ बनाने में माहिर कारीगर मोहम्मद सिकंदर का कहना है कि वे पिछले 35 सालों से कांवड़ बनाते आ रहे हैं। उनसे पहले भी पिछली पीढ़ियां भी यह काम करती थी। रमजान के महीने से कांवड़ बनाने की शुरुआत कर दी जाती है। कांवड़ बनाते वक्त उसमें साफ सफाई और शुद्धता का ख्याल रखा जाता है। कांवड़ मेला आने पर बाजार में जाकर बेचा जाता है।
वहीं एक और कांवड़ कारीगर का कहना है कि मैं अपने परिवार के साथ लगभग 30 सालों से इस काम में जुटा हुआ हूं। इस काम को करने से दिल को एक सुकून मिलता है। हमने हिंदू मुस्लिम एकता को कायम रखा है। रमजान में हम लोग कांवड़ बनाना शुरू करते हैं। पूरी शुद्धता के साथ हम इस काम को करते हैं। भगवान शंकर के प्रति हमारे मन में भी आस्था है।
हरिद्वार के अलावा दूसरे कई शहरों में भी मुस्लिम कारीगर ही कांवड़ बनाते हैं। हरिद्वार के ज्वालापुर क्षेत्र में लालपुल रेलवे लाइन के पास बसी मुस्लिम बस्ती के दर्जनों परिवार पिछले कई दशकों से रंग बिरंगे कांवड़ बना रहे हैं। उनका कहना है कि कांवड़ बनाने से उनके मन को सुकून भी मिलता है और ये उनका रोजगार भी है।
नई दिल्ली, 22 जुलाई। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर सभी दुकानों पर नेम प्लेट लगाने का आदेश जारी किया था। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को रोक लगा दी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर विभिन्न दलों के नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।
उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जो आदेश दिया है, उसका तो पालन होगा ही होगा। पूरे विषय का अध्ययन कर सरकार की तरफ से कोर्ट में जवाब दाखिल किया जाएगा। आगे जो भी आदेश होगा, सरकार उसके अनुसार काम करेगी।
कांवड़ रूट पर नेम प्लेट लगाने के फैसले पर अंतरिम रोक लगाये जाने को लेकर बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर कुछ टिप्पणी नहीं करूंगा। लेकिन मुझे लगता है कि व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर नेम प्लेट लगाने की पुरानी परंपरा रही है, ये हर्ज का विषय नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर एमआईएम के राष्ट्रीय प्रवक्ता वारिस पठान ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं। ये अच्छा फैसला है। योगी और उत्तराखंड सरकार की ओर से कांवड़ यात्रा को लेकर जारी आदेश अवैध और असंवैधानिक है। ये भाजपा का मुस्लिमों के खिलाफ नफरत को दिखाता है।
दरअसल योगी और धामी सरकार ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित सभी भोजनालयों और ढाबों पर उनके मालिकों और कर्मचारियों के नाम लिखने का आदेश दिया था।
यूपी सरकार ने सबसे पहले आदेश जारी कर इन दुकानों पर मालिकों के नाम लिखने का आदेश जारी किया था, ताकि श्रद्धालु अपनी पसंद की दुकान से सामान खरीद सकें। उसके बाद ऐसा ही आदेश उत्तराखंड सरकार ने भी जारी किया।
इस आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश ऋषिकेश रॉय और एसवीएन भट्टी की पीठ ने इस पर रोक लगा दी। (आईएएनएस)
नोएडा, 22 जुलाई। नोएडा पुलिस ने ऑन डिमांड लग्जरी गाड़ियां चुराने वाले एक गैंग का पर्दाफाश करते हुए गिरोह के सरगना समेत 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से 10 लग्जरी गाड़ियां भी बरामद हुई हैं। चोरी की गाड़ियों को गैंग महाराष्ट्र, तमिलनाडु समेत कई अन्य राज्यों में बेचा करता था।
इस गिरोह में शामिल एक आरोपी गाड़ियों में लगे सॉफ्टवेयर को हैक कर इलेक्ट्रॉनिक चाबी बना लेता था। उसके बाद गाड़ी चुराकर छिपा दिया जाता था। गिरोह में शामिल अन्य आरोपी ग्राहकों को गाड़ियों की डिटेल्स भेजकर डिलीवरी देते थे। गैंग कई सालों से लग्जरी गाड़ियों को चुराने का काम कर रहा था। इनका नेटवर्क देशभर के अलग-अलग राज्यों में फैला हुआ था।
डीसीपी रामबदन सिंह ने बताया कि नोएडा की सेक्टर-113 पुलिस ने वाहनों की चोरी करने वाले कुख्यात गिरोह के सरगना समेत 6 लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरोह महंगी गाड़ियों को 5 मिनट में चोरी करते थे। इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की मदद से डुप्लीकेट चाबी बनाते थे और गाड़ी के सिस्टम को हैक कर लिया करते थे। आरोपी के पास 10 महंगी गाड़ियां बरामद हुई हैं। आरोपियों पर एनसीआर में दर्जनों मुकदमे दर्ज हैं।
उन्होंने बताया कि गिरोह ने देश के अलग-अलग राज्यों में अपना नेटवर्क बना रखा था और ऑन डिमांड गाड़ियां चोरी करता था। चोरी की गाड़ियां यूपी, दिल्ली, हरियाणा, महाराष्ट्र, चेन्नई और नॉर्थ ईस्ट में बेची जाती थी। गैंग का सरगना सोनू टेक्निकल तरीके से चोरी करता था। अभी तक पुलिस को मिली जानकारी के मुताबिक गैंग 100 से ज्यादा गाड़ियों की चोरी कर चुका है।
(आईएएनएस)
देहरादून, 22 जुलाई । देहरादून स्थित मुख्य सेवक सदन में सोमवार को नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान सीएम पुष्कर सिंह धामी ने 153 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए। सीएम धामी ने उत्तराखंड लोक सेवा आयोग द्वारा उच्च शिक्षा विभाग के अन्तर्गत असिस्टेंट प्रोफेसर एवं शहरी विकास विभाग के अधिशासी अधिकारी कर व राजस्व निरीक्षकों के लिए आयोजित नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम में चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए।
सीएम ने सभी चयनित अभ्यर्थियों को शुभकामनाएं और बधाईयां दी। उन्होंने अभ्यर्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि आप सभी लोग अपनी लगन और निष्ठा से उत्तराखंड के उज्ज्वल भविष्य निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। हमारी सरकार युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए विभिन्न विभागों में रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया गतिमान है। इसके अलावा स्वरोजगार के माध्यम से भी युवा शक्ति को सुदृढ़ बनाने के प्रयास जारी हैं। उन्होंने कहा कि जब मैं शहरी विकास की बात करता हूं तो एक बात जरूर कहता हूं कि शहर किसी भी सभ्यता, राज्य और राष्ट्र की समृद्धि के सूचक होते हैं।
शहरों को विकास का इंजन भी माना जाता है। हमारी सरकार प्रदेश के सभी छोटे-बड़े शहरों को अधिक विकसित करने के लिए काम कर रही है। भारत सरकार के सहयोग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में हमारे यहां शहरों के नवीनीकरण का काम बहुत तेजी से चल रहा है। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश के अंदर शहरी विकास के क्षेत्र में अनेक विकास योजनाओं पर कार्य चल रहा है। इन योजनाओं का मुख्य उद्देश्य है कि बिना प्रकृति के साथ छेड़छाड़ किए विकास करना। हमें इकोलॉजी को बचाना और इकोनॉमी को बढ़ाना है। दोनों में सामंजस्य स्थापित करके हमें आगे बढ़ना है क्योंकि विकास भी जरूरी है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 22 जुलाई । केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मंगलवार को संसद में मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट पेश करेंगी। लोकसभा में बजट पर बुधवार से चर्चा शुरू होगी। लोकसभा की कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) की बैठक में बजट पर चर्चा के लिए समय आवंटित कर दिया गया है। बजट पर चर्चा के लिए लोकसभा में 20 घंटे का समय रखा गया है। हालांकि, वक्ताओं की संख्या और राजनीतिक दलों के आग्रह को देखते हुए इस आवंटित समय में बढ़ोतरी की भी संभावना है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लोकसभा में बजट पर हुई चर्चा का जवाब सदन में 30 जुलाई को दे सकती हैं। रेलवे, शिक्षा, स्वास्थ्य, एमएसएमई और फूड प्रोसेसिंग जैसे बड़े मंत्रालयों की डिमांड और ग्रांट पर चर्चा के लिए 5-5 घंटे का समय निर्धारित किया गया है। सूत्रों के मुताबिक, बीएसी की बैठक में लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने सभी दलों के नेताओं को नसीहत देते हुए कहा कि सदन में विरोध तो कर सकते हैं, लेकिन, तख्तियां लहराने को कतई स्वीकार नहीं किया जाएगा। सदन के अंदर तख्तियां लहराने वाले सांसदों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इसके साथ ही स्पीकर ओम बिरला ने बीएसी की बैठक में यह आश्वासन भी दिया कि नेताओं को सदन में अपनी बात रखने और मुद्दे उठाने का पूरा मौका दिया जाएगा। लेकिन, सांसदों को भी सदन का माहौल बिगाड़ने से बचना चाहिए। (आईएएनएस)
बेंगलुरु, 22 जुलाई । आईटी सेक्टर में कार्यरत कर्मचारियों के ड्यूटी आवर्स को बढ़ाने के प्रस्ताव को लेकर आलोचनाओं से घिरी कर्नाटक सरकार का बचाव करते हुए श्रम मंत्री संतोष लाड का बयान सामने आया है। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि इस प्रस्ताव से सरकार का कोई लेना-देना नहीं है। यह प्रस्ताव आईटी सेक्टर में कार्यरत दिग्गजों द्वारा प्रस्तावित किया गया है। इसमें सरकार की कोई भूमिका नहीं है। इस बीच, संतोष लाड ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान ना महज अपनी सरकार का बचाव किया, बल्कि पीएम मोदी और बीजेपी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, “सबसे पहले आप यह समझिए कि यह प्रस्ताव हमारी सरकार द्वारा नहीं, बल्कि आईटी इंडस्ट्री के क्षेत्र में कार्यरत दिग्गजों द्वारा लगाया गया है। इस बिल को लाने में हमारी कोई भूमिका नहीं है।
अगर किसी को लगता है कि इस बिल को लाने में हमारी सरकार की भूमिका है, तो मैं आपको बता दूं कि यह उनकी गलतफहमी है, लिहाजा वो अपनी इस गलतफहमी को जितनी जल्दी हो सके, दूर कर लें।” उन्होंने आगे कहा, “यह बिल हमारे पास आ चुका है, तो मैं चाहता हूं कि आईटी इंडस्ट्री के जितने भी दिग्गज हैं। वो इस पर खुलकर चर्चा करें और इस बात पर खुलकर विचार करें कि क्या यह कदम उचित रहेगा? अब यह बिल लोगों के बीच आ चुका हूं, तो मैं चाहता हूं कि आप लोग इस पर खुलकर चर्चा करें, ताकि जल्द से जल्द किसी नतीजे पर पहुंचा जा सके, लेकिन जिन लोगों को भी ऐसा लगता है कि इस बिल को लाने में सरकार की भूमिका है, तो मैं एक बार फिर से इस बात को दोहराना चाहता हूं कि इसमें सरकार की कोई भूमिका नहीं है।” बता दें कि आईटी इंडस्ट्री की ओर से एक बिल सरकार के पास भेजा गया है, जिसमें कहा गया है कि इस क्षेत्र में कार्यकर्ता कर्मचारियों के ड्यूटी आवर को आठ से बढ़ाकर 10 से 12 घंटे कर दिया जाए।
वहीं, मंत्री से जब पत्रकारों ने सवाल किया कि अगर इस बिल को लाया गया, तो इससे आईटी क्षेत्र में कर्मचारियों के सामाजिक और स्वास्थ्य जीवन पर नकारात्मक असर पड़ेगा, तो उन्होंने कहा, “इसलिए मैं चाहता हूं कि जल्द से जल्द आईटी क्षेत्र के जितने भी दिग्गज हैं, वो वार्ता की मेज पर आएं और सभी मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखें, ताकि हम कोई ऐसा फैसला ले सकें, जिसमें सभी का हित समाहित हो, लेकिन मुझे समझ में आ रहा है कि वो लोग इस पर खुलकर चर्चा करने से बच रहे हैं। इसके विपरीत ये लोग सरकार पर दबाव बना रहे हैं कि हम इसे लागू करें, लेकिन मुझे लगता है कि यह अच्छा हुआ कि अब यह बिल पब्लिक डोमेन में आ चुका है, जिस पर लोग खुलकर चर्चा करना चाहते हैं।” इसके अलावा, उन्होंने इस मुद्दे को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर भी निशाना साधा।
उन्होंने कहा, “यह आज के समय का दुर्भाग्य है कि केंद्र की मोदी सरकार भारत के संविधान को भूल चुकी है। यह सरकार जनता के हितों को ताक पर रखते हुए संविधान की खुलेआम धज्जियां उड़ा रही है। लेकिन यह समझ पाना मुश्किल है कि आखिर वो ऐसा क्यों कर रही है, मगर मैं एक बात आप लोगों के माध्यम से केंद्र सरकार से कहना चाहता हूं कि वो संविधान की अस्मिता पर प्रहार करना बंद करें। अगर वो ऐसा नहीं करेंगे, तो एक दिन ऐसा भी आएगा, जब उनको जनता के कोप का शिकार होना पड़ेगा।” बता दें कि हाल ही में कर्नाटक में निजी नौकरियों में कन्नड लोगों को आरक्षण देने के मकसद से बिल लाया गया था। इसमें कन्नड भाषियों को 50 से 100 फीसद आरक्षण देने का मार्ग प्रशस्त किया गया था, लेकिन सरकार ने इस पर रोक लगा दी थी। वहीं राज्य सरकार को अपने इस कदम को लेकर भारी आलोचनाओं का शिकार होना पड़ा है। --(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 22 जुलाई । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा एक रैली में बांग्लादेश के लोगों को शरण देने के बयान को देश में काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। देश के आम लोगों से लेकर कई नेता इस बयान का विरोध कर रहे हैं। विश्व हिंदू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय महासचिव सुरेंद्र जैन ने ममता बनर्जी के इस बयान की निंदा की है। उन्होंने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, ”बांग्लादेश में जो कुछ भी हो रहा है, वह दुर्भाग्यपूर्ण है। भारत ने बांग्लादेश को जन्म दिया है। इसलिए बांग्लादेश में कुछ भी होता है, इसका सीधा असर भारत पर पड़ता है। बांग्लादेश में लगभग 12000 भारतीय छात्र पढ़ाई कर रहे हैं, उनका जीवन संकट में है।
अगर ममता बनर्जी बांग्लादेशी घुसपैठियों के स्वागत की बजाए यह कहती कि वह केंद्र सरकार के साथ मिलकर उन विद्यार्थियों को सकुशल भारत लाने में सहयोग करेंगी तो पता चलता कि ममता बनर्जी का कहीं न कहीं पश्चिम बंगाल के साथ लगाव है। वह पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री हैं, यह शर्म की बात है कि इस त्रासदी में भी वह अपने वोट बैंक का अवसर ढूंढ रही हैं।” वह आगे कहते हैं, “ममता इस आपदा में वोट बैंक बढ़ाने का अवसर ढूंढ रही हैं। आप बांग्लादेशी मुसलमानों को लाना चाहती हैं। क्या बांग्लादेश में रहने वाला हिंदू, हिंदू नहीं है। आप बंगाल की अस्मिता की बात करती हैं।
बांग्लादेश में हिंदुओं की लड़कियों को उठाया जा रहा है, मंदिरों को तोड़ा जा रहा है। वहां नरसंहार हो रहा है। बांग्लादेश के कई क्षेत्र हिंदुओं के लिए कब्रिस्तान बनते जा रहे हैं। इस आपदा में अगर आप यह कहती कि खबरदार बांग्लादेश में बंगालियों की तरफ अगर किसी ने अगर आंख भी उठाई, तो समझ में आता कि आपको पश्चिम बंगाल के लोगों की चिंता है। ना आपको देश की चिंता है, ना आपको बंगाल की चिंता है। बांग्लादेशी घुसपैठियों का यह खेल आत्मघाती है, जो ना आपके लिए हितकर है और ना ही पश्चिमी बंगाल के लिए। इसलिए बांग्लादेशी घुसपैठियों की चिंता को छोड़कर पश्चिम बंगाल की चिंता करो, देश की चिंता करो, संविधान की चिंता करो क्योंकि बांग्लादेशी घुसपैठियों का स्वागत किसी हाल में नहीं हो सकता।“ --(आईएएनएस)
आजमगढ़, 22 जुलाई । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को एक दिवसीय दौरे पर आजमगढ़ पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कलक्ट्रेट सभागार में विकास कार्यों को लेकर मंडलीय समीक्षा बैठक की। बैठक में आजमगढ़ जनपद के अधिकारी और मंडल के जनप्रतिनधि शामिल रहे। जबकि, अन्य जनपदों के अधिकारियों ने वर्चुअल माध्यम से प्रतिभाग किया। उन्होंने कहा कि अफसर परियोजनाओं की समीक्षा हर 15 दिन में स्वयं करें। इसके साथ ही मंडल के तीनों जिलों आजमगढ़, बलिया और मऊ के कानून-व्यवस्था की भी अधिकारियों से जानकारी ली।
उन्होंने राजस्व, कानून और बिजली व्यवस्था और गोशालाओं से संबंधित जानकारी ली और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। इसके अलावा उन्होंने मंडल के जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक की। मुख्यमंत्री योगी ने हरिहर में निर्माणाधीन संगीत महाविद्यालय का भी निरीक्षण किया। लोकसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री का जिले में पहली बार आगमन हुआ। सीएम योगी ने शासन की जनहित एवं जनकल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन समयबद्ध तरीके से गुणवत्ता के साथ सुनिश्चित कराए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विकास परियोजनाओं की नियमित रूप से निगरानी की जाए।
हर परियोजना के लिए एक अलग नोडल अधिकारी नियुक्त करें, जो हर सप्ताह प्रगति की रिपोर्ट दे। वरिष्ठ अधिकारी हर 15 दिन पर परियोजनाओं की समीक्षा करें। उन्होंने कहा कि सभी परियोजनाओं को निर्धारित समय सीमा में पूरा किया जाए। गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखा जाए। कोई परियोजना लेट नहीं होनी चाहिए। जाम की समस्या नहीं होने पाए, सड़क पर गाड़ियां खड़ी नहीं हों, पटरी व्यवसायियों को भी व्यवस्थित किया जाए।
मुख्यमंत्री ने सगड़ी तहसील के देवरा क्षेत्र में बहने वाली घाघरा नदी के जलस्तर की जानकारी ली। उन्होंने बाढ़ को लेकर सतर्क रहने के निर्देश दिए। साथ ही तैयारियों के बारे में जानकारी ली। इसके अलावा सीएम योगी ने कानून व्यवस्था को लेकर भी समीक्षा बैठक की। उन्होंने कहा कि अपराधियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। हर प्रकार के माफिया पर सख्त कार्रवाई की जाए। - (आईएएनएस)