अंतरराष्ट्रीय
-हाना रिची
एक ऑस्ट्रेलियाई व्यक्ति पर अपने तीन बच्चों की हत्या करने और घर में आग लगाकर परिवार के सभी सदस्यों को मारने को कोशिश करने का आरोप लगाया गया है.
रविवार की सुबह सिडनी के इलाक़े में हुई इस घटना में आग में पांच महीने की एक बच्ची, ढाई साल और छह साल के दो बच्चों की मौत हो गई.
ढाई साल का बच्चा बहुत बुरी हालत में घर से बाहर निकलने में कामयाब रहा, उसे अस्पताल पहुंचाया गया लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका.
पड़ोसियों और इमर्जेंसी सर्विस ने बाकी सदस्यों को घर से सुरक्षित निकालने की कोशिश की.
चार, सात और 11 साल की उम्र के तीन लड़के और एक नौ साल की लड़की अपनी मां के साथ बच गए.
28 वर्षीय व्यक्ति पर हत्या के तीन मामले, हत्या के प्रयास के पांच मामले और संपत्ति को नष्ट करने का एक आरोप है.
ये ख़बर ऐसे समय में आई है जब ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने घरेलू हिंसा को 'राष्ट्रीय संकट' घोषित किया हुआ. (bbc.com/hindi)
मॉस्को, 11 जुलाई। रूस के अभियोजक जनरल कार्यालय ने देश के प्रवासी समुदाय के बीच लोकप्रिय एक ऑनलाइन अखबार ‘द मॉस्को टाइम्स’ को बुधवार को ‘अवांछनीय संगठन’ घोषित कर दिया।
अभियोजक जनरल कार्यालय ने आलोचनात्मक मीडिया संगठनों और विपक्षी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई के बीच यह कदम उठाया।
‘अवांछनीय संगठन’ घोषित किए जाने का मतलब है कि ‘द मॉस्को टाइम्स’ को रूस में अपनी सभी गतिविधियां और कामकाज बंद करना होगा। इसके अलावा, अखबार का सहयोग करने वाले किसी भी रूसी व्यक्ति को पांच साल तक के कारावास का सामना करना पड़ सकता है।
यह पिछले साल नवंबर में अखबार को ‘विदेशी एजेंट’ घोषित किए जाने की तुलना में कहीं अधिक गंभीर कार्रवाई है। ‘विदेशी एजेंट’ का दर्जा अखबार से जुड़े व्यक्तियों और संगठनों पर न सिर्फ वित्तीय निगरानी बढ़ाता है, बल्कि उसकी किसी भी सार्वजनिक सामग्री के प्रकाशन में ‘वित्तीय एजेंट’ घोषित किए जाने की बात को प्रमुखता से शामिल करना अनिवार्य बनाता है।
वैसे, ‘द मॉस्को टाइम्स’ ने 2022 में रूसी सेना और यूक्रेन में उसके युद्ध के खिलाफ सामग्री प्रकाशित करने पर कड़ी सजा देने का प्रावधान करने वाला कानून पारित होने के बाद अपने संपादकीय कार्यों को रूस से बाहर स्थानांतरित कर दिया था। (एपी)
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवारी से हटने के लिए राष्ट्रपति जो बाइडन पर दबाव बढ़ रहा है.
इसके लिए दबाव डालने वालों की लिस्ट में ताज़ा नाम है डेमोक्रेट फ़ंडरेज़र और हॉलीवुड शख़्सियत जॉर्ज क्लूनी का.
उन्होंने न्यूयॉर्क टाइम्स में एक लेख लिखकर बाइडन से रेस से बाहर होने की अपील की. उन्होंने लिखा कि तीन हफ़्ते पहले एक फ़ंडरेज़र कार्यक्रम में वो बाइडन से मिले थे.
उन्होंने लिखा , "वो 2010 के बाइडन नहीं लगे. यहां तक कि 2020 के बाइडन भी नहीं लगे."
इससे पहले पूर्व हाऊस स्पीकर नैंसी पेलोसी ने 81 साल के बाइडन की उम्मीदवारी पर सवाल खड़े किए थे.
इसके अलावा वरमॉन्ट से अमेरिकी सीनेटर पीटर वेल्श ने वॉशिंगटन पोस्ट अख़बार में लेख लिखकर बाइडन से 'देश हित में उम्मीदवारी छोड़ने' की अपील की थी.
क्लूनी ने चेतावनी दी है कि बाइडन की उम्मीदवारी के साथ डेमोक्रेट यह चुनाव नहीं जीत सकते.
बाइडन की उम्मीदवारी को लेकर उठ रहे सवालों पर बातचीत करने के लिए आज राष्ट्रपति के वरिष्ठ राजनीतिक सलाहकार डेमोक्रेटिक सेनेटोरियल कैंपेन कमेटी से मुलाक़ात करेंगे. (bbc.com/hindi)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के दौरान रूस ने अपनी सेना में लड़ रहे भारतीयों को वापस उनके देश भेजने का वादा किया है.
भारत के विदेश मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी है. यह घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मॉस्को दौरे के अंत में की गई.
इस दौरे में ही राष्ट्रपति पुतिन के आगे इस मुद्दे को उठाया गया था. दिल्ली ने भारतीयों को वापस भेजने की अपील की थी.
इन भारतीयों का कहना है कि उन्हें सेना में लड़ाई से अलग यूनिटों में काम करने के नाम पर भर्ती किया गया था लेकिन बाद में उन्हें यूक्रेन की सक्रिय लड़ाई में भेज दिया गया.
यूक्रेन युद्ध में अब तक कम से कम चार भारतीय मारे गए हैं.
मंगलवार को विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने एक प्रेस ब्रीफ़िंग में कहा कि मोदी ने उन 'भारतीयों को वापस लाने का मुद्दा ज़ोर शोर' से उठाया, जो 'गुमराह करके रूसी सेना में भर्ती' किए गए थे.
क्वात्रा ने कहा कि रूसी सेना में 35-40 के क़रीब भारतीय हैं, जिनमें 10 को वापस लाया जा चुका है. बाक़ी लोगों को लाने के लिए बातचीत चल रही है.
रूस में फंसे भारतीयों ने कहा कि उन्हें अच्छा ख़ासा पैसा और रूसी पासपोर्ट के बदले भर्ती होने के लिए फुसलाया गया था.
इनमें से अधिकांश लोग ग़रीब परिवारों से हैं, जिन्हें रूसी सेना में हेल्पर के तौर पर नौकरी की पेशकश की गई थी. (bbc.com/hindi)
ब्रितानी सांसद बॉब ब्लैकमैन ने बुधवार को किंग जेम्स बाइबल के साथ हाथ में भागवत गीता लेकर शपथ ग्रहण किया.
कंज़र्वेटिव पार्टी के एमपी ब्लैकमैन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फ़ेसबुक पर लिखा, "आम चुनाव के बाद संसद वापस आने पर मुझे महामहिम किंग चार्ल्स के प्रति निष्ठा की शपथ किंग जेम्स बाइबिल और गीता पर लेने पर गर्व है."
बॉब ब्लैकमैन ग्रेटर लंदन के हैरो ईस्ट से सांसद हैं. यहां भारतीय समुदाय की अच्छी आबादी है. यहां रहने वाले ज़्यादातर भारतीय ब्लैकमैन के समर्थक माने जाते हैं. पिछले साल फ़रवरी में इन्होंने भारत का दौरा भी किया था.
साल 2020 में ब्लैकमैन को भारत के चौथे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पद्मश्री से सम्मानित किया गया था.
इससे पहले साल 2019 में आम चुनाव के बाद भी ब्लैकमैन ने बाइबल के साथ भागवत गीता पर शपथ ली थी. (bbc.com/hindi)
इसराइली सेना ने उत्तर में तेज सैन्य अभियानों के बीच, ग़ज़ा शहर के सभी निवासियों को दक्षिण से मध्य ग़ज़ा पट्टी तक खाली करने को कहा है.
विमान से गिराए गए पर्चे में सभी निवासियों को सुरक्षित मार्ग से ख़तरनाक युद्ध क्षेत्र को छोड़ने के लिए कहा गया है.
संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि ग़ज़ा में दिए जा रहे निकासी आदेशों को लेकर वह बेहद चिंतित है. युद्ध शुरू होने के बाद यह दूसरी बार है जब ग़ज़ा शहर को पूरी तरह से खाली करने के लिए कहा गया है.
पिछले दो हफ्तों में, इसराइली सेना ने ग़ज़ा शहर के कई ज़िलों में फिर से प्रवेश किया है. सेना का मानना है कि हमास और फ़लस्तीनी इस्लामिक जिहाद साल की शुरुआत से फिर से संगठित हो गए हैं.
इस पर हमास का कहना है, "इसराइल की नई गतिविधि से संभावित युद्धविराम और बंधक रिहाई समझौते पर बुधवार को क़तर में फिर से शुरू हुई बातचीत के पटरी से उतरने का ख़तरा है."
अनुमान है कि ग़ज़ा शहर में अभी भी ढाई लाख से अधिक लोग रह रहे हैं और कुछ लोगों को दक्षिण की ओर पलायन करते हुए देखा गया है. (bbc.com/hindi)
वाशिंगटन, 10 जुलाई अमेरिका के जो बाइडन प्रशासन ने कहा है कि रूस के साथ संबंधों को लेकर चिंताओं के बावजूद भारत वाशिंगटन का रणनीतिक साझेदार बना रहेगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 22वीं भारत-रूस शिखर वार्ता के लिए मॉस्को के दो दिवसीय दौरे पर गए थे। यूक्रेन में जारी युद्ध के बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ उनकी बातचीत पर पश्चिमी देशों की करीबी नजर थी।
मंगलवार को पुतिन से बातचीत में मोदी ने उनसे कहा कि यूक्रेन संघर्ष का समाधान युद्ध के मैदान पर संभव नहीं है और शांति के प्रयास बम और बुलेट के बीच सफल नहीं होते हैं।
अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन और विदेश विभाग के प्रवक्ताओं ने रूस के साथ भारत के रिश्तों और मोदी के मॉस्को दौरे से जुड़े सवालों पर मंगलवार को अलग-अलग प्रतिक्रिया दी।
पेंटागन के प्रेस सचिव मेजर जनरल पैट राइडर ने वाशिंगटन में संवाददाताओं से बातचीत में कहा, “भारत और रूस के बीच काफी लंबे समय से रिश्ते हैं। अमेरिका के नजरिये से, भारत एक रणनीतिक साझेदार है, जिसके साथ हम रूस से उसके रिश्तों को लेकर पूर्ण और स्पष्ट बातचीत करना जारी रख रहे हैं। चूंकि, यह इस हफ्ते होने वाले नाटो शिखर सम्मेलन से संबंधित है, इसलिए निश्चित रूप से, आपकी तरह ही दुनिया का ध्यान भी इस पर केंद्रित है।”
वहीं दूसरी ओर, अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अमेरिका “रूस से भारत के रिश्तों को लेकर अपनी चिंताओं के बारे में” बिल्कुल स्पष्ट रहा है। उन्होंने कहा, “हमने अपनी चिंताओं को निजी तौर पर सीधे भारत सरकार के समक्ष जाहिर किया है और हम ऐसा करना जारी रख रहे हैं। इसमें बदलाव नहीं हुआ है।”
भारत ने यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की अभी तक निंदा नहीं की है। वह लगातार बातचीत और कूटनीति के माध्यम से संघर्ष के समाधान की वकालत करता आया है।
राइडर ने कहा, “मुझे नहीं लगता कि अगर (रूस के) राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस यात्रा (मोदी का रूस दौरा) को कुछ ऐसे पेश करें, जिससे किसी तरह यह दिखाया जा सके कि वह बाकी दुनिया से अलग-थलग नहीं हैं, तो कोई भी आश्चर्यचकित होगा। सच तो यह है कि राष्ट्रपति पुतिन के युद्ध का विकल्प चुनने से रूस बाकी दुनिया से अलग-थलग हो गया है और उसे इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है।”
राइडर ने कहा, “उन्हें आक्रामकता की बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है और तथ्य इस बात की गवाही देते हैं। इसलिए, हम भारत को रणनीतिक साझेदार के तौर पर देखना जारी रखेंगे। हम उनके साथ ठोस बातचीत करना जारी रखेंगे।”
एक संवाददाता ने कहा कि पुतिन उतने अलग-थलग नहीं दिख रहे हैं, क्योंकि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का प्रमुख अभी मॉस्को में है और उनसे गर्मजोशी से मिल रहा है।
इस पर राइडर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से भी मुलाकात की थी और उन्हें आश्वस्त किया था कि भारत यूक्रेन युद्ध के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करने के लिए वह सब कुछ करना जारी रखेगा, जो उसके बस में है।
उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि हमें यकीन है कि भारत यूक्रेन में स्थायी और न्यायसंगत शांति कायम करने के प्रयासों का समर्थन करेगा और पुतिन को संयुक्त राष्ट्र चार्टर तथा संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता के सिद्धांतों का पालन करने के महत्व से अवगत कराएगा।”
मिलर ने कहा कि अमेरिका “भारत से यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता को बनाए रखने के लिए संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों के आधार पर देश में स्थायी और न्यायसंगत शांति कायम करने के प्रयासों का समर्थन करने का लगातार आग्रह करता है। और यह मुद्दा ऐसा है, जिस पर हम भारत से बातचीत जारी रखेंगे।” (भाषा)
गाजा, 10 जुलाई । दक्षिणी गाजा पट्टी के खान यूनिस शहर में एक स्कूल को निशाना बनाकर किए गए इजरायली हवाई हमले में कम से कम 25 फिलिस्तीनी मारे गए और कुछ अन्य घायल हो गए। दरअसल स्कूल के कैंपस में टेंट लगाकर कुछ लोग रह रहे थे जब इजरायल ने हमला किया। सुरक्षा सूत्रों ने मंगलवार को सिन्हुआ समाचार एजेंसी को बताया कि इजरायली विमानों ने मिसाइल से अल-अवदा स्कूल के गेट को निशाना बनाया। खान यूनिस के पूर्व में अबासन अल-कबीरा शहर में सैकड़ों विस्थापित लोग रह रहे हैं। सिन्हुआ समाचार एजेंसी ने बताया कि फिलिस्तीनी कार्यकर्ताओं द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर साझा किए गए वीडियो में दर्जनों शव खून से लथपथ जमीन पर पड़े हुए दिखाई दे रहे हैं।
चिकित्सा सूत्रों ने बताया कि इजरायली हवाई हमले में महिलाओं और बच्चों सहित कम से कम 25 लोग मारे गए और दर्जनों लोग घायल हुए। सूत्रों ने सिन्हुआ को बताया कि क्षेत्र में विस्थापित लोगों की अधिक भीड़ के कारण मरने वालों की संख्या बढ़ने की संभावना है। इस घटना के बारे में इजरायली सेना की ओर से तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की गई है। यह हमला पिछले चार दिनों में गाजा में शेल्टर के रूप में इस्तेमाल किए जा रहे स्कूल भवन पर किया गया चौथा इजरायली हमला है और यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब इजरायल ने खान यूनिस और गाजा शहर के कुछ हिस्सों को खाली करने के नए आदेश जारी किए हैं। इसके कारण हजारों लोगों को भागने पर मजबूर होना पड़ा है और तीन प्रमुख अस्पतालों को बंद करना पड़ा है। --(आईएएनएस)
वियना, 10 जुलाई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ऑस्ट्रिया के चांसलर कार्ल नेहमर से बुधवार को मुलाकात की और कहा कि भारत और ऑस्ट्रिया के बीच प्रगाढ़ मित्रता है जो आने वाले वक्त में और मजबूत होगी।
दोनों नेताओं के बीच आज आधिकारिक तौर पर बातचीत होगी जिसमें दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय साझेदारी के व्यापक आयामों पर चर्चा होगी।
रूस की दो-दिवसीय यात्रा के बाद मोदी वियना पहुंचे हैं। यह 40 वर्ष से अधिक समय में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली ऑस्ट्रिया यात्रा है। इससे पहले 1983 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इस देश की यात्रा की थी।
ऑस्ट्रिया के विदेश मंत्री अलेक्जेंडर शेलेनबर्ग ने हवाई अड्डे पर मोदी का स्वागत किया।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने दोनों नेताओं की एक तस्वीर साझा करते हुए सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘भारत और ऑस्ट्रिया के बीच साझेदारी में मील का एक महत्वपूर्ण पत्थर ! प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मेजबानी ऑस्ट्रियाई चांसलर कार्ल नेहमर ने की। यह दोनों नेताओं के बीच पहली मुलाकात है। द्विपक्षीय साझेदारी के संबंध में चर्चा होगी।’’
एक तस्वीर में मोदी नेहमर को गले लगाते नजर आ रहे हैं, जबकि दूसरी तस्वीर में ऑस्ट्रियाई चांसलर प्रधानमंत्री के साथ सेल्फी लेते नजर आ रहे हैं।
नेहमर ने भी मोदी के साथ की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर साझा की और कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, वियना में आपका स्वागत है! ऑस्ट्रिया में आपका स्वागत करना हमारे लिए खुशी और सम्मान की बात है। ऑस्ट्रिया और भारत मित्र और साझेदार हैं। आपकी यात्रा के दौरान राजनीतिक और आर्थिक चर्चाओं को लेकर उत्सुक हूं।’’
प्रधानमंत्री ने ‘‘गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए’’ ऑस्ट्रियाई चांसलर का आभार व्यक्त किया और कहा कि वह ‘‘कल हमारे बीच होने वाली वार्ताओं को लेकर उत्सुक हैं। हमारे देश पूरी दुनिया की भलाई के लिए मिलकर काम करना जारी रखेंगे।’’
मोदी ने ‘एक्स’ पर एक अन्य पोस्ट में कहा, ‘‘ चांसलर कार्ल नेहमर, वियना में आपसे मिलकर खुशी हुई। भारत-ऑस्ट्रिया के बीच मजबूत मित्रता है जो आने वाले समय में और प्रगाढ़ होगी।’’
मोदी ऑस्ट्रिया के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर वान डेर बेलन से बुधवार को मुलाकात करेंगे और ऑस्ट्रिया के चांसलर कार्ल नेहमर के साथ भी आधिकारिक तौर पर वार्ता करेंगे। (भाषा)
अग्रणी इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी सैमसंग की दक्षिण कोरियाई फ़ैक्ट्री में 55 सालों में पहली बार 30,000 कर्मचारी मंगलवार को अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए.
यूनियन ने बेहतर वेतन और अन्य लाभों की मांग को लेकर हड़ताल की घोषणा की थी.
यह घोषणा नेशनल सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स यूनियन (एनएसईयू) की ओर से तीन दिवसीय आम हड़ताल के आखिरी दिन की गई.
यूनियन ने कहा कि उसे यह फैसला मजबूरन लेना पड़ा क्योंकि मैनेजमेंट उनकी मांगों पर बातचीत को तैयार नहीं था.
बीबीसी के सवाल पर सैमसंग ने तत्काल कोई जवाब नहीं दिया है.
यूनियन की वेबसाइट पर जारी एक बयान के अनुसार, "पहली आम हड़ताल के बाद भी कंपनी ने बातचीत करने की मंशा नहीं दिखाई, इसलिए हम 10 जुलाई से दूसरी अनिश्चतकालीन आम हड़ताल का आह्वान करते हैं."
एनएसईयू दक्षिण कोरिया में सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स में काम करने वाले एक चौथाई वर्करों का प्रतिनिधित्व करती है.
यूनियन ने कहा है कि इस हड़ताल से उत्पादन बाधित हुआ है, हालांकि सैमसंग ने इस दावे को ख़ारिज किया है.
फ़िबोनासी एसेट मैनेजमेंट ग्लोबल के जुंग इन यून ने बीबीसी न्यूज़ से कहा, "हमारे हिसाब से उत्पादन में कोई रुकावट नहीं होगी."
पिछले महीने कंपनी में पहली बार यूनियन हड़ताल पर गई थी. क़रीब 55 साल के कंपनी के इतिहास में बार ऐसा हुआ था.
सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स दुनिया का सबसे बड़ी मेमोरी चिप्स, स्मार्टफ़ोन और टेलीविज़न निर्माता कंपनी है.
दक्षिण कोरियाई कांग्लोमरेट सैमसंग ग्रुप की यह फ़्लैगशिप यूनिट है. इस हड़ताल के बाद कोरिया स्टॉक एक्सचेंज में सैमसंग के शेयरों में मंदी देखने को मिली है.
वर्करों का प्रतिनिधित्व करने वाली यूनियनों से वार्ता न करने के लिए सैमसंग ग्रुप को जाना जाता है लेकिन 2020 में इसके चेयरमैन पर बाज़ार में तिकड़म करने और रिश्वतखोरी के आरोप में मुकदमा चला जिसके बाद कंपनी के रुख़ में बदलाव आया. (bbc.com/hindi)
दक्षिणी ग़ज़ा में एक स्कूल के बाहर विस्थापित लोगों के कैंप पर हुए इसराइली हमले में कम से कम 29 लोगों के मारे जाने की ख़बर है.
हमास संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि ख़ान यूनिस के पूरब में स्थित अबसाना अल-कबीरा क़स्बे में अल-आवदा स्कूल के गेट पर पर हवाई हमला हुआ.
इसराइली सेना ने कहा है कि उसने "हमास के मिलिटरी विंग के टेररिस्ट" को निशाना बनाने के लिए "सटीक मार करने वाले हथियारों" का इस्तेमाल किया था.
सेना ने दावा किया कि संदिग्धों ने सात अक्टूबर को इसराइल पर हुए हमले में हिस्सा लिया था. इसराइली सेना ने कहा है कि इस हमले में अल-आवदा स्कूल के पास ही विस्थापित लोगों के कैंप में नागरिकों के हताहत होने की ख़बरों की जांच हो रही है.
एक सप्ताह पहले ही इसराइली सेना ने अबासान अल-कबीरा और ख़ान यूनिस के पूरब के इलाक़ों को खाली करने का आदेश दिया था. जिसकी वहज से हज़ारों लोग वहां से जा रहे थे.
बीबीसी ने प्रत्यक्षदर्शियों से बात की जिन्होंने बताया कि इलाके में उस समय 3,000 से अधिक विस्थापित मौजूद थे. उन्होंने हमले की भयावहता के बारे में भी बताया.
हमले में व्यापक तबाही हुई है और मरने वालों में महिलाएं और बच्चे शामिल हैं.
सात अक्टूबर को इसराइल पर हमला हुआ था जिसमें 1.200 लोग मारे गए थे 251 लोगों को बंधक बनाकर ग़ज़ा ले जाया गया था.
हमास संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इसके बाद शुरू हुई इसराइली सैन्य कार्रवाई में अबतक 38,240 लोग मारे जा चुके हैं. (bbc.com/hindi)
वॉशिंगटन डीसी में आयोजित अमेरिका की अगुवाई वाले सैन्य गुट नेटो की बैठक में राष्ट्रपति बाइडन ने यूक्रेन को दर्जनों एयर डिफ़ेंस सिस्टम देने की बात कही है.
नेटो की बैठक में अपने भाषण में बाइडन ने कहा कि अमेरिका और चार अन्य पश्चिमी देश एयर डिफ़ेंस सिस्टम देंगे तो आने वाले महीनों में यूक्रेन को दे दिए जाएंगे.
अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि इस पैकेज में पैट्रियल मिसाइल सिस्टम, अन्य टैक्टिकल एयर डिफ़ेंस सिस्टम और इसके पार्ट्स शामिल होंगे.
अमेरिका के अलावा जर्मनी, नीदरलैंड्स, रोमानिया और इटली एयर डिफ़ेंस सिस्टम की आपूर्ति करेंगे.
इस साल के अंत तक एयर डिफ़ेंस सिस्टम के बारे में आगे फैसला किया जाएगा और इसमें ब्रिटेन, कनाडा, नॉर्वे स्पेन शामिल होंगे.
रूस के ताज़ा मिसाइल हमलों के बाद मंगलवार को यूक्रेन के अधिकारियों ने अतिरिक्त एयर डिफ़ेंस सिस्टम मुहैया कराने की अपील की थी.
यूक्रेन में बच्चों के एक अस्पताल पर मिसाइल गिरने की वजह से 36 लोग मारे गए और 140 लोग घायल हुए हैं.
नेटो देशों की बैठक में बाइडन का भाषण पहले प्रेसिडेंशियल डिबेट के मुकाबले जोशीला और सधा हुआ था.
विश्लेषक मान रहे हैं कि अपने राजनीतिक भविष्य पर मंडराते आशंका के बादलों के बीच बाइडन ने बहुत सधा हुआ संदेश दिया और राष्ट्रपति चुनाव प्रचार अभियान के दौरान आलोचकों के लिए कुछ ऐसा नहीें छोड़ा जिसकी वो आलोचना कर सकें.
बाइडन नेटो को और मजबूत करने की बात कही.
पूर्व राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन को कोट करते हुए बाइडन ने कहा, "अगर आप ख़तरे में हैं, तो हम भी ख़तरे में हैं.
अगर आप शांति में नहीं हैं तो हम भी शांति से नहीं रह सकते." बाइडन ने नेटो के सेक्रेटरी जनरल जेन्स स्टोल्टेनबर्ग को सर्वोच्च नागरिक सम्मान प्रेसिडेंशियल मेडल ऑफ़ फ़्रीडम से नवाज़ा. (bbc.com/hindi)
मॉस्को, 9 जुलाई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से कहा कि बम, बंदूकों और गोलियों के बीच शांति वार्ता सफल नहीं होती और किसी संघर्ष का कोई समाधान युद्धक्षेत्र में संभव नहीं है।
दोनों नेताओं ने यूक्रेन संघर्ष की पृष्ठभूमि में बातचीत की।
टेलीविजन पर प्रसारित अपने प्रारंभिक वक्तव्य में मोदी ने पुतिन और वैश्विक समुदाय को आश्वासन दिया कि भारत शांति के पक्ष में है और यूक्रेन में संघर्ष समाप्त करने में योगदान करने को तैयार है।
उन्होंने कहा, ‘‘नई पीढ़ी के लिए उज्ज्वल भविष्य के नाते शांति अत्यंत आवश्यक है....बम, बंदूकों और गोलियों के बीच शांति वार्ता सफल नहीं होती।’’
प्रधानमंत्री ने सोमवार को पुतिन के साथ हुई अनौपचारिक बातचीत का भी जिक्र किया और कहा कि रूस के राष्ट्रपति को सुनने से उम्मीद बनी।
मोदी ने कहा, ‘‘अगर लोगों की जान जाती है तो मानवता में विश्वास करने वाला हर व्यक्ति दुखी होता है। उस पर भी यदि बेगुनाह बच्चों की हत्या हो, निर्दोष बच्चे मरें तो यह हृदय-विदारक और बहुत पीड़ादायी होता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कल हमारी बैठक में हमने यूक्रेन के मुद्दे पर एक दूसरे के विचारों को सुना और मैंने आपके समक्ष शांति तथा स्थिरता पर ‘ग्लोबल साउथ’ की आकांक्षाओं को भी रखा।’’
प्रधानमंत्री ने ऊर्जा क्षेत्र में रूस द्वारा भारत की मदद का भी उल्लेख किया।
उन्होंने कहा कि जब दुनिया खाद्य पदार्थों, ईंधन और उर्वरक की कमी का सामना कर रही थी, तब हमने अपने किसानों के समक्ष कोई समस्या नहीं आने दी और रूस के साथ हमारी दोस्ती ने इसमें भूमिका निभाई।
मोदी ने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि रूस के साथ हमारा सहयोग और बढ़े ताकि हमारे किसानों का कल्याण हो।’’
उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच मजबूत संबंध लोगों को अत्यंत लाभ पहुंचाएंगे।
प्रधानमंत्री ने आतंकवाद की चुनौतियों को लेकर भी चिंता व्यक्त की।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत करीब 40 साल से आतंकवाद की चुनौती का सामना कर रहा है। मैं आतंकवाद के सभी स्वरूपों की निंदा करता हूं।’’
मोदी ने कहा कि दुनिया को पिछले पांच साल में अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ा है जिनमें पहली कोविड-19 की वजह से थी और फिर अनेक संघर्षों के कारण सामने आईं। (भाषा)
मॉस्को, 9 जुलाई प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को रूस को भारत का ‘सुख-दुख का साथी’ और ‘सबसे भरोसेमंद दोस्त’ बताते हुए पिछले दो दशकों में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के नेतृत्व की प्रशंसा की।
यूक्रेन युद्ध को लेकर रूसी नेता को अलग-थलग करने के पश्चिमी देशों के प्रयासों के बीच यहां भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने पुतिन की यह प्रशंसा की।
प्रधानमंत्री ने वैश्विक गरीबी से लेकर जलवायु परिवर्तन तक विभिन्न चुनौतियों का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत हर चुनौती को चुनौती देने में सबसे आगे रहेगा और चुनौती देना तो उनके ‘डीएनए’ में है।
मोदी ने कहा, ‘‘दशकों से भारत और रूस के बीच जो अनोखा रिश्ता रहा है, मैं उसका कायल रहा हूं। रूस शब्द सुनते ही हर भारतीय के मन में पहला शब्द आता है... भारत के सुख-दुख का साथी। भारत का भरोसेमंद दोस्त। हमारे रूसी दोस्त इसे ‘द्रुजवा’ कहते हैं और हम हिन्दी में इसे ‘दोस्ती’ कहते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘रूस में सर्दी के मौसम में तापमान कितना भी माइनस में नीचे क्यों न चला जाए लेकिन भारत और रूस की दोस्ती हमेशा प्लस में रही है, गर्मजोशी भरी रही है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह रिश्ता पारस्परिक विश्वास और सम्मान की मजबूत नींव पर बना है।
प्रसिद्ध अभिनेता राज कपूर की मशहूर फिल्म ‘श्री 420’ के लोकप्रिय गीत ‘सर पे लाल टोपी रूसी’ का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि यह गीत भले ही पुराना हो गया हो लेकिन इसकी भावना ‘सदाबहार’ है।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत-रूस की दोस्ती को हमारे सिनेमा ने भी आगे बढ़ाया है। आज आप सभी भारत और उसके रिश्तों को नयी ऊंचाई दे रहे हैं। हमारे रिश्तों की दृढ़ता अनेक बार परखी गई है और हर बार हमारी दोस्ती बहुत मजबूत होकर उभरी है।’’
मोदी ने कहा कि पिछले दो दशकों में भारत-रूस मित्रता को नयी ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए वह अपने मित्र राष्ट्रपति पुतिन की विशेष रूप से सराहना करते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि लंबे समय से दुनिया ने ‘प्रभावोन्मुखी वैश्विक व्यवस्था’ देखी है।
मोदी ने कहा, ‘‘लेकिन दुनिया को अभी प्रभाव नहीं बल्कि संगम की जरूरत है और भारत से बेहतर कोई भी यह संदेश नहीं दे सकता है, जहां संगमों की पूजा करने की मजबूत परंपरा रही है।’’
उन्होंने कहा कि आज विश्व बंधु के रूप में भारत दुनिया को नया भरोसा दे रहा है और उसकी बढ़ती क्षमताओं ने पूरी दुनिया को स्थिरता और समृद्धि की उम्मीद दी है।
उन्होंने कहा, ‘‘नए उभरते बहुध्रवीय विश्व ऑर्डर में भारत को एक मजबूत स्तंभ के रूप में देखा जा रहा है।’’
उन्होंने कहा कि आज भारत और रूस वैश्विक समृद्धि को नयी ऊर्जा देने के लिए कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं और यहां रहने वाले भारतीय समुदाय के लोग दोनों देशों के संबंधों को और नई ऊंचाई दे रहे हैं।
मोदी ने कहा कि बीते 10 सालों में वह छठी बार रूस आए हैं और इन सालों में पुतिन के साथ 17 बार उनकी मुलाकात हुई है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 10 साल भारत ने विकास का ‘ट्रेलर’ देखा जबकि आने वाले 10 साल तेज वृद्धि के होंगे तथा देश की नयी गति दुनिया के विकास का नया अध्याय लिखेगी।
यहां भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए मोदी ने यह भी कहा कि पिछले 10 वर्षों में देश ने विकास की जो रफ्तार पकड़ी है, उसे देखकर दुनिया हैरान है।
उन्होंने कहा, ‘‘दुनिया के लोग जब भारत आते हैं, तो कहते हैं कि भारत बदल रहा है। भारत का कायाकल्प, भारत का नव-निर्माण वे साफ-साफ देख पा रहे हैं।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत आज वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि में 15 प्रतिशत योगदान कर रहा है और आने वाले समय में इसका और ज्यादा विस्तार होना तय है।
उन्होंने कहा, ‘‘चुनाव के दौरान मैं कहता था कि बीते 10 सालों में भारत ने जो विकास किया है, वह तो सिर्फ एक ट्रेलर है। आने वाले 10 साल और भी तेज वृद्धि के होने वाले हैं।’’
मोदी ने कहा, ‘‘सेमीकंडक्टर से इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण और ग्रीन हाइड्रोजन से इलेक्ट्रिक गाड़ियों तक विश्व स्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर... भारत की नयी गति दुनिया के विकास का अध्याय लिखेगी।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि वैश्विक गरीबी से लेकर जलवायु परिवर्तन तक हर चुनौती को चुनौती देने में भारत सबसे आगे रहेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘और मेरे तो डीएनए में है हर चुनौती को चुनौती देना।’’
मोदी ने कहा कि भारत बदल रहा है क्योंकि वह अपने 140 करोड़ नागरिकों की ताकत में विश्वास करता है जो अब 'विकसित भारत' के संकल्प को हकीकत में बदलने का सपना देख रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘आज का भारत आत्मविश्वास से भरा है, 2014 से पहले की स्थिति के विपरीत..., और यह हमारी सबसे बड़ी पूंजी है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘जब आप जैसे लोग हमें आशीर्वाद देते हैं, तो बड़े से बड़े लक्ष्य को भी प्राप्त किया जा सकता है। आप सभी जानते हैं कि आज का भारत जिस भी लक्ष्य को प्राप्त करने का इरादा रखता है, उसे वह हासिल करके रहता है।’’
मोदी ने कहा कि आज से ठीक एक महीने पहले उन्होंने लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी और तब उन्होंने देश की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए तीन गुना ताकत और गति से काम करने का संकल्प लिया था।
‘मोदी-मोदी’ और ‘मोदी है तो मुमकिन है’ के नारों के बीच प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हमारी सरकार भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने, गरीबों के लिए तीन करोड़ घर बनाने और गांवों की तीन करोड़ गरीब महिलाओं को 'लखपति दीदी' बनाने के लक्ष्य को हासिल करके रहेगी।’’
उन्होंने कहा कि सरकार के कई लक्ष्यों में तीन का महत्व रहा है।
उन्होंने कहा कि भारत ही वह देश है जिसने चंद्रयान को चांद पर ऐसे स्थान पर भेजा जहां पहले कोई देश नहीं गया है और वह डिजिटल लेन-देन के मामले में भी सबसे भरोसेमंद मॉडल के रूप में उभरा है। (भाषा)
मॉस्को, 9 जुलाई ऊर्जा, व्यापार, विनिर्माण और उर्वरक जैसे क्षेत्रों में भारत-रूस सहयोग को और बढ़ावा देने के उपाय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच मॉस्को में मंगलवार को होने वाली शिखर वार्ता के केंद्र में हो सकते हैं।
वार्ता में यूक्रेन युद्ध का मुद्दा भी प्रमुखता से उठ सकता है। शीर्ष सूत्रों ने यह भी कहा कि वार्ता में भारतीय पक्ष अपने इस रुख की फिर से पुष्टि कर सकता है कि बातचीत और कूटनीति ही संघर्ष के समाधान का एकमात्र जरिया हैं, क्योंकि युद्ध के मैदान पर कोई हल नहीं निकाला जा सकता।
प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रपति पुतिन के साथ 22वीं भारत-रूस वार्षिक शिखर बैठक के लिए सोमवार को रूस की दो दिवसीय यात्रा पर पहुंचे। यह यूक्रेन पर मॉस्को के आक्रमण के बाद मोदी की पहली रूस यात्रा है।
पुतिन ने सोमवार रात मॉस्को के बाहरी इलाके में स्थित अपने सरकारी आवास ‘नोवो-ओगरियोवो’ पर मोदी के लिए एक निजी रात्रि भोज का आयोजन किया।
सूत्रों ने कहा कि मोदी की यात्रा के दौरान एक आर्थिक एजेंडे को आगे बढ़ाने पर जोर होगा, खासकर ऊर्जा, व्यापार, विनिर्माण और उर्वरक जैसे क्षेत्रों में।
मॉस्को पहुंचने के कुछ देर बाद मोदी ने कहा कि वह भविष्य के क्षेत्रों में द्विपक्षीय साझेदारी को गहरा करने के लिए उत्सुक हैं और भारत-रूस के बीच मजबूत रिश्तों से “हमारे लोगों को बहुत फायदा होगा।”
वहीं, रूस रवाना होने से पहले जारी बयान में मोदी ने कहा था कि भारत एक शांतिपूर्ण और स्थिर क्षेत्र के लिए ‘सहयोगात्मक भूमिका’ निभाने का इच्छुक है। उनके इस बयान को यूक्रेन संघर्ष के स्पष्ट संदर्भ के रूप में देखा जा रहा है।
भारत ने यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की अभी तक निंदा नहीं की है। वह लगातार बातचीत और कूटनीति के माध्यम से संघर्ष के समाधान की वकालत करता आया है।
सूत्रों के मुताबिक, शिखर वार्ता में मोदी के, रूसी सेना में सहायक कर्मियों के रूप में भारतीयों की भर्ती बंद करने और बल में कार्यरत भारतीयों की स्वदेश वापसी सुनिश्चित करने के आग्रह पर रूस मोटे तौर पर सहमत हो गया है।
भारत के प्रधानमंत्री और रूस के राष्ट्रपति के बीच वार्षिक शिखर वार्ता दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी में सर्वोच्च संस्थागत संवाद प्रक्रिया है।
वार्षिक शिखर वार्ता एक-एक बार भारत और रूस में आयोजित की जाती है।
पिछली शिखर वार्ता छह दिसंबर 2021 को नयी दिल्ली में आयोजित हुई थी। राष्ट्रपति पुतिन इसमें हिस्सा लेने के लिए भारत आए थे। (भाषा)
वारसॉ, 9 जुलाई । यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की और पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क ने वारसॉ में एक द्विपक्षीय सुरक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किया है। वाशिंगटन में मंगलवार से शुरू हो रहे उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) शिखर सम्मेलन से एक दिन पहले दोनों देशों द्वारा द्विपक्षीय सुरक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने सोमवार को बताया कि समझौते में यूक्रेन के लिए पोलैंड के निरंतर रक्षा समर्थन, विशेष रूप से वायु रक्षा का जिक्र है। इसके साथ ही पोलैंड ने यूक्रेन को ऊर्जा सुरक्षा का समर्थन करने और पुनर्निर्माण में भाग लेने का भी आश्वासन दिया है। पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क ने कहा कि यूरोपीय संघ (ईयू) और 19 देशों ने यूक्रेन के साथ इसी तरह के समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं।
उन्होंने कहा कि दस्तावेज में व्यावहारिक द्विपक्षीय प्रतिबद्धताएं शामिल हैं, न कि केवल खोखले वादे। वहीं, यूक्रेन के राष्ट्रपति ने वोलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा कि रक्षा सहयोग और यूक्रेन के सुरक्षाबलों की जरूरतें उनकी सरकार की मुख्य प्राथमिकताएं हैं। वह एक शांतिपूर्ण और मजबूत यूक्रेन के साथ-साथ एक शांतिपूर्ण और मजबूत पोलैंड के निर्माण में विश्वास करते हैं। इससे पहले सोमवार को यूक्रेनी राष्ट्रपति ने पोलैंड के राष्ट्रपति आंद्रेज डूडा से मुलाकात की। वोलोडिमिर जेलेंस्की ने रूसी हमलों के बारे में पोलैंड के राष्ट्रपति को जानकारी दी। जेलेंस्की ने बताया कि हमने इस बात पर चर्चा की कि हमारे लोगों को अधिक सुरक्षा देने के लिए क्या आवश्यक है। उन्होंने उद्घाटन शांति शिखर सम्मेलन के महत्व के साथ-साथ यूक्रेन और पोलैंड के बीच सुरक्षा समझौते पर भी ध्यान दिया। -(आईएएनएस)
पेशावर (पाकिस्तान), 9 जुलाई पाकिस्तान के अशांत उत्तरपश्चिमी खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में मंगलवार को अज्ञात बंदूकधारियों ने एक वाहन पर घात लगाकर हमला कर दिया जिसमें एक पुलिस अधिकारी और दो बच्चों की मौत हो गयी।
पुलिस ने बताया कि यह घटना खैबर पख्तूनख्वा के अशांत लक्की मारवत जिले में हुई जब एक मोटरसाइकिल पर सवार बंदूकधारियों ने पुलिस अधिकारी की कार पर हमला कर दिया था। कार में सवार दो महिलाएं किसी तरह बच गयीं।
इस घटना में आठ से 12 साल के दो बच्चों की मौत हो गयी।
पुलिस अधिकारी का परिवार चिकित्सा उपचार के लिए पेशावर जा रहा था तभी बंदूकधारियों ने कुर्रम टोल प्लाजा के समीप उनके वाहन पर गोलियां चलानी शुरू कर दी।
बचाव दलों ने पीड़ितों को एक स्थानीय अस्पताल पहुंचाया।
पुलिस ने इलाके की घेराबंदी कर दी और दोषियों को पकड़ने के लिए एक तलाश अभियान चलाया है। (भाषा)
संयुक्त राष्ट्र, 9 जुलाई । यूक्रेन में बच्चों के अस्पताल पर रूस के हमले पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद मंगलवार को एक बैठक करेगी। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने इस हमले की कड़े शब्दों में निंदा की है। यूक्रेन के सबसे बड़े बच्चों के स्वास्थ्य केंद्र पर सोमवार को रूसी हमला हुआ। उसी दिन रूस ने देश के अन्य हिस्सों में 40 मिसाइलें दागी। रूस इस महीने के लिए सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष है। वह तीन स्थायी सदस्य, अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस और अस्थायी सदस्य इक्वाडोर और स्लोवेनिया के अनुरोध पर बुलाई गई बैठक की अध्यक्षता करेगा।
गुटेरेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा, "अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून के तहत नागरिकों और नागरिक संरचनाओं पर सीधे हमले करना प्रतिबंधित है, और इस तरह का कोई भी हमला स्वीकार नहीं किया जा सकता। इसे तुरंत समाप्त किया जाना चाहिए"। उन्होंने कहा कि कीव में ओखमतदित राष्ट्रीय बाल विशेष अस्पताल के अलावा, राजधानी में एक अन्य चिकित्सा सुविधा पर भी मिसाइलों से हमला किया गया। उन्होंने कहा कि गुटेरेस का एक प्रतिनिधि सुरक्षा परिषद की बैठक में हिस्सा लेगा।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, हमले में बच्चों के अस्पताल में दो बच्चों और एक डॉक्टर की मौत हो गई। यहां युद्ध के कई पीड़ित बच्चों का इलाज चल रहा था। सोमवार को देश भर में हुए हमलों में कुल मिलाकर लगभग 40 लोग मारे गए। रूस और चीन द्वारा वीटो किए जाने के कारण परिषद यूक्रेन पर कार्रवाई करने में असमर्थ रही है - और इन हमलों पर कार्रवाई करने का कोई भी प्रयास भी विफल हो जाएगा क्योंकि रूस ही इस महीने सुरक्षा परिषद का प्रेसिडेंट है। --(आईएएनएस)
मॉस्को, 9 जुलाई रूस अपनी सेना में सहायक कर्मियों के रूप में भारतीयों की भर्ती बंद करने और बल में कार्यरत भारतीयों की स्वदेश वापसी सुनिश्चित करने के भारत के आह्वान पर मोटे तौर पर सहमत हो गया है। शीर्ष सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार रात रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ अनौपचारिक मुलाकात के दौरान यह मुद्दा उठाया था। उन्होंने बताया कि मंगलवार को मोदी और पुतिन के बीच शिखर वार्ता के बाद रूसी सेना में सहायक स्टाफ के रूप में कार्यरत सभी भारतीयों को सेवामुक्त करने के मॉस्को के फैसले की घोषणा होने की उम्मीद है।
सूत्रों ने कहा कि रूस इस मुद्दे पर हमारे अनुरोध पर मोटे तौर पर सहमत हो गया है।
पिछले महीने, विदेश मंत्रालय (एमईए) ने कहा था कि रूस-यूक्रेन युद्ध में रूसी सेना में कार्यरत दो और भारतीय नागरिक मारे गए हैं। इसी के साथ, रूस-यूक्रेन युद्ध में जान गंवाने वाले उन भारतीय नागरिकों की संख्या बढ़कर चार हो गई है, जो रूसी सेना में सहायक कर्मी के रूप में कार्यरत हैं।
दो और भारतीयों की मौत के बाद, भारत ने रूसी सेना में भारतीय नागरिकों की भर्ती पर ‘सत्यापित रोक’ लगाने की मांग की थी।
विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा था कि रूसी सेना में कार्यरत भारतीय नागरिकों का मुद्दा ‘अत्यंत चिंता’ का विषय बना हुआ है। उसने मॉस्को से इस संबंध में कार्रवाई की मांग की थी।
इस साल मार्च में हैदराबाद निवासी 30 वर्षीय मोहम्मद असफान की यूक्रेन युद्ध में अग्रिम मोर्चे पर रूसी सैनिकों के साथ तैनाती के दौरान लगी चोटों के कारण मौत हो गई थी।
इससे पहले फरवरी में सूरत निवासी 23 वर्षीय हेमल अश्विनभाई मंगुआ दोनेत्स्क क्षेत्र में ‘सुरक्षा सहायक’ के रूप में तैनाती के दौरान यूक्रेन के हवाई हमले की चपेट में आ गए थे, जिससे उनकी मौत हो गई थी। (भाषा)
वाशिंगटन, 9 जुलाई मॉस्को में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की द्विपक्षीय बैठक के बीच अमेरिका ने सोमवार को कहा कि भारत एक रणनीतिक साझेदार है, जिसके साथ वह पूर्ण और स्पष्ट बातचीत करता है।
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा, “भारत एक रणनीतिक साझेदार है, जिसके साथ हम पूर्ण और स्पष्ट बातचीत करते हैं। और इसमें रूस के साथ भारत के संबंधों के बारे में हमारी चिंताएं भी शामिल हैं।”
मिलर, पुतिन के साथ द्विपक्षीय वार्ता के लिए मोदी की मॉस्को यात्रा से जुड़े सवालों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा, “हमने अभी मोदी को (हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर) ओरबान की तरह (यूक्रेन के) राष्ट्रपति (वोलोदिमिर) जेलेंस्की से मिलते देखा। हमने सोचा कि यह एक महत्वपूर्ण कदम है। और हम भारत से यह स्पष्ट करने के लिए आग्रह करेंगे, जैसा कि हम किसी भी देश से करते हैं जब वह रूस के साथ जुड़ता है, कि यूक्रेन में संघर्ष का कोई भी समाधान ऐसा होना चाहिए, जो संयुक्त राष्ट्र चार्टर का सम्मान करता हो, जो यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता, यूक्रेन की संप्रभुता का सम्मान करता हो।”
एक सवाल के जवाब में मिलर ने कहा, “मैं प्रधानमंत्री मोदी के बयान देखूंगा, यह जानने के लिए कि उन्होंने क्या बात की। लेकिन जैसा कि मैंने कहा, हमने रूस के साथ संबंधों को लेकर भारत को अपनी चिंताओं से पहले ही स्पष्ट कर दिया है। इसलिए हम आशा करेंगे कि भारत और कोई भी अन्य देश, जब रूस के साथ जुड़ें, तो यह स्पष्ट करेंगे कि रूस को संयुक्त राष्ट्र चार्टर का सम्मान करना चाहिए, यूक्रेन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करना चाहिए।”
पुतिन ने सोमवार रात अपने सरकारी आवास ‘नोवो-ओगरियोवो’ पर एक ‘निजी मुलाकात’ के लिए मोदी का स्वागत किया। इस दौरान उन्होंने देश की प्रगति के वास्ते किए गए कार्यों के लिए मोदी की तारीफ की।
यह दो साल से अधिक समय पहले यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद मोदी की पहली रूस यात्रा है। (भाषा)
संयुक्त राष्ट्र, 9 जुलाई । संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि गाजा के 90 प्रतिशत लोग अपने घरों से विस्थापित हो चुके हैं, कुछ लोग तो कई बार विस्थापित हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र कार्यालय ने सोमवार को कहा कि इजरायली सेना ने रविवार और सोमवार को गाजा में 19 ब्लॉकों में रहने वाले हजारों लोगों को तुरंत खाली करने का निर्देश दिया। सिन्हुआ समाचार एजेंसी ने बताया, रविवार को कुछ लोगों को पश्चिमी गाजा शहर में खाली करने का आदेश दिया गया था, जबकि सोमवार को डेर अल बलाह शिविर को खाली करने का निर्देश दिया गया। इसने कहा, "सीधे तौर पर प्रभावित दो क्षेत्रों में 13 स्वास्थ्य सुविधाएं शामिल हैं, जो हाल ही में चालू हुई थीं, जिनमें दो अस्पताल, दो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और नौ चिकित्सा केंद्र शामिल हैं।"
गाजा पट्टी में 36 में से 13 अस्पताल केवल आंशिक रूप से चालू हैं। कार्यालय ने कहा कि गाजा में हर 10 में से नौ लोगों के विस्थापित होने का अनुमान है, विस्थापन की नई लहरें मुख्य रूप से उन लोगों को प्रभावित कर रही हैं, जो पहले भी कई बार विस्थापित हो चुके हैं, लेकिन फिर से उन्हें भागने के लिए मजबूर होना पड़ा है। उन्हें बार-बार अपना जीवन फिर से शुरू करने के लिए मजबूर होना पड़ता है। गाजा में लोग, खासकर बच्चे, हर दिन पानी इकट्ठा करने के लिए घंटों कतार में खड़े रहते हैं। आपातकालीन स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच भी एक बड़ी चुनौती है। उत्तरी गाजा में, आंतरिक रूप से विस्थापित 80,000 लोगों के लिए कोई शिविर नहीं है, इन्हें जून के अंत में यहां आने के लिए मजबूर होना पड़ा। कई लोग ठोस कचरे और मलबे के बीच सोते हुए पाए गए, उनके पास गद्दे या कपड़े भी नहीं थे, और कुछ ने आंशिक रूप से नष्ट हो चुकी संयुक्त राष्ट्र सुविधाओं और आवासीय भवनों में आश्रय लिया था।
मानवीय मामलों के संयुक्त राष्ट्र कार्यालय ने कहा कि इजरायली सेना ने इन क्षेत्रों को निकासी क्षेत्र के रूप में नामित किया, जिससे पिछले दो हफ्तों में छोटे बच्चों और बुजुर्गों सहित कई परिवारों को विस्थापन की लहरों से गुजरना पड़ा। "यहां मानवीय कार्यों को जारी रखने के लिए ईंधन और दूसरी चीजों की गंभीर कमी हो गई है, साथ ही गर्मी के कारण आपूर्ति (विशेष रूप से भोजन) के खराब होने और संक्रमण का जोखिम भी बढ़ गया है।" गाजा में 18 बेकरी में से केवल सात ही चालू हैं, सभी देर अल बलाह में हैं, और पहले से ही आंशिक क्षमता पर काम कर रही छह बेकरी को अब ईंधन की कमी के कारण पूरी तरह से बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
कार्यालय ने कहा कि खाना पकाने की गैस और खाद्य आपूर्ति की कमी के चलते सामुदायिक रसोई भी काम करने के लिए संघर्ष कर रही हैं। यहां पका हुआ भोजन मिलना मुश्किल हो गया है। विस्थापित परिवार खाना पकाने के लिए फर्नीचर और कचरे से लकड़ी और प्लास्टिक जलाने पर निर्भर हैं, जिससे स्वास्थ्य जोखिम और पर्यावरणीय खतरे बढ़ रहे हैं। खाना पकाने के लिए, मानवीय एजेंसी ने कहा कि वे गेहूं का आटा और डिब्बाबंद भोजन वितरित कर रहे हैं लेकिन एरेज़ वेस्ट क्रॉसिंग बंद होने से अब इसमें भी बाधा आ रही है। संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन और संयुक्त राष्ट्र उपग्रह केंद्र द्वारा किए गए एक संयुक्त आकलन में अनुमान लगाया गया है कि गाजा की लगभग 57 प्रतिशत कृषि योग्य भूमि और उसके एक तिहाई ग्रीनहाउस क्षतिग्रस्त हो गए हैं। स्थानीय बाजार में मांस और मुर्गी जैसे भोजन की भी भारी कमी है, स्थानीय रूप से उत्पादित कुछ सब्जियां ही सस्ती कीमतों पर उपलब्ध हैं। --(आईएएनएस)
लॉस एंजिलिस, 9 जुलाई। अमेरिका के लॉस एंजिलिस में यूनाइटेड एयरलाइंस के बोइंग जेट विमान का पहिया सोमवार को उड़ान भरते समय निकल गया। हालांकि, बाद में विमान को डेनवर में सुरक्षित उतार लिया गया। विमानन कंपनी ने यह जानकारी दी।
कंपनी ने एक बयान में कहा कि इस घटना में किसी के घायल होने की खबर नहीं है।
बयान के मुताबिक, “लॉस एंजिलिस में विमान का पहिया बरामद कर लिया गया है। हम घटना के पीछे की वजहों की जांच कर रहे हैं।”
घटना के समय बोइंग 757-200 विमान में 174 यात्री और चालक दल के सात सदस्य सवार थे।
इससे पहले, सात मार्च को सैन फ्रांसिस्को से उड़ान भरने वाले यूनाइटेड एयरलाइन के बोइंग बी777-200 जेट विमान का पहिया बीच हवा में टूटकर गिर गया था। घटना के कारण विमान हवाई अड्डे के पार्किंग क्षेत्र में एक कार के ऊपर जा गिरा था। हालांकि, इससे कोई घायल नहीं हुआ था। (एपी)
ह्यूस्टन, 9 जुलाई। अमेरिका के टेक्सास प्रांत में सोमवार तड़के आए शक्तिशाली तूफान ‘बेरिल’ के असर से बाढ़ के हालात हैं जिसके कारण कम से कम चार लोगों की मौत हो गई और करीब 30 लाख घरों और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों की बिजली गुल हो गई है।
‘नेशनल हरिकेन सेंटर’ ने सोमवार शाम को कहा कि ‘बेरिल’ ने श्रेणी-एक के तूफान के रूप में माटागोर्डा के पास दस्तक दी जिसके बाद स्कूलों, वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों, कार्यालयों और वित्तीय संस्थानों को बंद कर दिया गया।
केंद्र ने कहा कि पूर्वी टेक्सास, पश्चिमी लुइसियाना और अरकांसस के कुछ हिस्सों में बाढ़, बारिश और तेज आंधी के आसार हैं।
घरों पर पेड़ गिरने से दो लोगों की मौत हो गई और बाढ़ के पानी में फंसने के कारण ह्यूस्टन पुलिस विभाग के एक कर्मचारी की जान चली गई।
आग लगने की घटना में एक अन्य व्यक्ति के मारे जाने की सूचना है।
फिलहाल बाढ़ का पानी उतरने लगा है और कर्मचारियों ने नुकसान का आकलन करना शुरू कर दिया है। अधिकारियों ने सोमवार रात स्थानीय लोगों से फिलहाल घर पर ही रहने की अपील की।
मेयर जॉन व्हिटमायर ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘साफ आसमान को देखकर यह न समझें कि खतरा टल गया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘परिस्थितियां अभी भी खतरनाक हैं। कितना नुकसान हुआ है फिलहाल इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सका।’’ (भाषा)
(गुरदीप सिंह)
सिंगापुर, 9 जुलाई। सिंगापुर की एक अदालत ने भारतीय मूल के एक व्यक्ति को नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में दोषी ठहराते हुए सोमवार को 13 वर्ष चार सप्ताह की जेल और नौ कोड़े मारने की सजा सुनाई।
समाचार चैनल ‘न्यूज एशिया’ की खबर के मुताबिक, राज कुमार बाला (42) को पीड़िता के साथ दुष्कर्म और छेड़छाड़ के अलग-अलग आरोपों के अलावा ‘चिल्ड्रन एंड यंग पर्सन एक्ट’ के तहत भगोड़ों को शरण देने के मामले में भी दोषी ठहराया गया।
दोषी बाला भारतीय मूल का नागरिक है, जिसके पास अब सिंगापुर की नागरिकता है और वह देश में एक बार का संचालन करता है।
खबर के अनुसार, बचाव पक्ष के वकील रमेश तिवारी ने कहा कि उनके मुवक्किल ने अपील लंबित रहने तक जमानत पर रिहा करने का अनुरोध किया है।
अदालत को बताया गया कि पीड़िता फरवरी 2020 में सिंगापुर बालिका गृह से भाग गई थी और उस समय उसकी उम्र 17 वर्ष थी।
उसी की तरह भागी एक अन्य लड़की के माध्यम से उसे डनलप स्ट्रीट पर स्थित बाला के बार ‘डॉन बार और बिस्ट्रो’ में नौकरी के बारे में पता चला।
अदालत को बताया गया कि पीड़िता जब साक्षात्कार के लिए बार पहुंची, तो बाला ने उससे कहा कि उसे ग्राहकों को शराब परोसने जैसे काम करने होंगे। बाला ने उसे नौकरी के साथ भागी हुई अन्य लड़कियों के साथ बार में रहने का प्रस्ताव भी दिया।
अदालत को बताया गया कि पीड़िता ने बाला का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया और बार में नौकरी करने लगी। इस बीच, पुलिस को सूचना मिली कि बार में भागी हुई लड़कियों को शरण दी जाती है, जिसके बाद उसने वहां छापा मारा।
अदालत को बताया गया कि पीड़िता पुलिस की कार्रवाई से बचने के लिए कुछ अन्य लड़कियों के साथ वहां से भाग गई, लेकिन उसे रास्ते में बाला मिला। बाला यह कहते हुए उन्हें अपने घर ले गया कि वे वहां सुरक्षित रहेंगी।
अदालत को बताया गया कि घर में बाला ने पीड़िता के साथ शराब पी और उसके साथ दुष्कर्म किया। यह भी आरोप है कि बाला ने अन्य लड़कियों का भी यौन शोषण किया।
‘द स्ट्रेट्स टाइम्स’ की एक खबर के मुताबिक, बाला 22 और आरोपों का सामना कर रहा है, जो पांच अन्य लड़कियों से संबंधित हैं। इनमें मुख्य रूप से यौन अपराध से जुड़े मामले शामिल हैं, जिनकी सुनवाई लंबित है। (भाषा)
(अदिति खन्ना)
लंदन, 8 जुलाई। ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री ने पिछले सप्ताह हुए आम चुनाव में कंजर्वेटिव पार्टी के पराजित उम्मीदवारों को सप्ताहांत पर कॉल कर पार्टी के खराब प्रदर्शन के लिए खेद जताया।
कंजर्वेटिव पार्टी ‘हाउस कॉमन्स’ में सिर्फ 121 सीट जीत सकी है।
कई पूर्व सांसदों ने 'द डेली टेलीग्राफ' को ब्रिटिश भारतीय सांसद से आए "बहुत सहानुभूतिपूर्ण कॉल" के बारे में बताया। सुनक ने यॉर्कशायर में रिचमंड और नॉर्थलेरटन की अपनी सीट जीती है और पार्टी द्वारा उनके उत्तराधिकारी का चयन किए जाने तक वह विपक्ष के नेता बने रहेंगे ।
पार्टी के एक पराजित उम्मीदवार ने कहा, “उन्होंने शनिवार की रात मुझे फोन करने के लिए समय निकाला और मुझे लगता है कि उन्होंने अन्य सांसदों को भी फोन करने के लिए समय निकाला है। वह यह कहने के लिए फोन कर रहे थे कि उन्हें बेहद खेद है कि मैं अपनी सीट हार गया हूं।”
सुनक ने पिछले सप्ताह अपने भाषण में कहा कि कंजर्वेटिव उम्मीदवारों और प्रचारकों ने अथक परिश्रम किया लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। उन्होंने कहा, “ मुझे खेद है कि हम आपके प्रयासों के अनुरूप परिणाम नहीं दे सके।"
इस बीच, नए प्रधानमंत्री कीअर स्टॉर्मर ने अपने कार्यकाल का पहला सप्ताहांत ब्रिटेन के विभिन्न हिस्सों की यात्रा में बिताया। (भाषा)