राष्ट्रीय
पटना, 22 जुलाई । बिहार सरकार में भाजपा कोटे से मंत्री नितिन नबीन ने विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) पर पलटवार किया है। उनका कहना है कि राजद के नेताओं के पास बिहार में पुल गिरने व कानून व्यवस्था जैसे मुद्दों पर बात करने का कोई नैतिक हक नहीं है। नितिन नबीन ने राजद पर हमला बोलते हुए कहा कि जिसकी राजनीति में गिरावट आती है, वह ऐसी बातें बोलते हैं। हमारी सरकार पुल गिरने पर कार्रवाई कर रही है। आपकी सरकार रहती तो फाइल बंद हो जाती।
आप इस मामले में जिम्मेदार एजेंसियों को बचाने का काम करते थे, हमने ऐसी एजेंसियों पर कार्रवाई करने का काम किया है। जनता जानती है कि हमारे और आपके काम करने का तरीका क्या है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार में हजारों पुल बने, आपकी सरकार में तो चरवाहा विद्यालय बना। आप लोगों ने अपहरण उद्योग खोला, और हम लोगों ने कई लोगों को रोजगार दिया।
कहीं ना कहीं आप 2005 में जंगलराज चलाते थे, और हम सुशासन की सरकार चलाते हैं। विपक्ष द्वारा कानून एवं व्यवस्था लचर होने की बात कहने के सवाल पर नितिन ने कहा कि हम अपराधियों को जेल भेजते हैं, आप अपराधियों को संरक्षण देते थे। उनको इस विषय पर बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। लोगों ने देखा है कि बड़े-बड़े अपराधी कैसे उनके संरक्षण में काम करते थे और टिकट पाते थे। हम ऐसे अपराधियों को जेल में भेजते हैं। जब-जब कानून एवं व्यवस्था की बात आई है तो सरकार ने कड़ी कार्रवाई की है, हमने किसी को नहीं बख्शा है। (आईएएनएस)
बेंगलुरु, 22 जुलाई । कर्नाटक भाजपा के अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने विधानसभा में भाजपा के विरोध प्रदर्शन पर बड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है। उन्होंने कहा कि राज्य की सिद्दारमैया सरकार सभी मोर्चों पर विफल साबित हुई है। हम भ्रष्टाचार के खिलाफ लगातार आंदोलन करते रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि कुछ ऐसे मुद्दे हैं, जिन्हें विधानसभा के अंदर उठाने का फैसला किया गया है। डेंगू और बाढ़ का प्रकोप मौजूदा वक्त में बड़ा मुद्दा है।
जिन लोगों का मकान टूटा है उन्हें उचित मुआवजा दिया जाना चाहिए। कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ में लगातार बारिश से आम जनजीवन व्यस्त है। मैंने उन लोगों के घरों का दौरा किया, जिन्होंने इस विषम परिस्थिति में अपने लोगों को खोया है। हमने लोगों को 5 लाख रुपये देना शुरू कर दिया है। हम सीएम से लोगों को और पैसे देने की गुजारिश करते हैं। उन्होंने बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि जब से राज्य में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनी है, तमाम घोटाले सामने आए हैं। ऐसे में विपक्षी दलों की जिम्मेदारी है कि इसे कर्नाटक के लोगों के सामने लाया जाए।
भाजपा पिछले कुछ समय से विभिन्न मुद्दों पर सीएम सिद्दारमैया के इस्तीफे की मांग कर रही है। उन्होंने कहा कि बेंगलुरु एक आईटी हब है, सभी हितधारकों को विश्वास में लिया जाना चाहिए। हम कन्नड लोगों के लिए नौकरी में आरक्षण के खिलाफ भी नहीं हैं लेकिन इस पर चर्चा होनी चाहिए। इस मुद्दे पर सीएम अकेले फैसला नहीं ले सकते। (आईएएनएस)
शिमला, 22 जुलाई । हिमाचल प्रदेश में राज्य की वित्तीय स्थिति को लेकर कांग्रेस और भाजपा के बीच बयानबाजियों का दौर शुरू हो गया है। इसी कड़ी में नेता प्रतिपक्ष और वरिष्ठ भाजपा नेता जयराम ठाकुर ने सुक्खू सरकार पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुक्खू यही रोना रोते रहते हैं कि कर्ज ले रखा है। भारतीय जनता पार्टी ने पांच साल के कार्यकाल में 19 हजार 600 करोड़ का कर्ज लिया था। उससे ज्यादा कर्ज कांग्रेस सरकार ने 15 महीने में ले लिया। अब वो दौर आने वाला है जब हिमाचल प्रदेश 1 लाख करोड़ रुपए के बोझ तले दबने वाला है।
सीएम सुक्खू के नेतृत्व में कर्ज लेने के मामले में एक नया कीर्तिमान बनने वाला है। सीएम सुक्खू हमारे कार्यकाल के दौरान कर्ज की बात कह रहे हैं। हमने भी कर्ज उसी बात के लिए लिया था, जो लगभग 50 हजार करोड़ का ऋण कांग्रेस पार्टी हिमाचल प्रदेश में छोड़कर गई थी, उसके ब्याज के साथ किस्तें अदा करने के लिए कर्ज लिया था। हमारी सरकार के दौरान अगर ऋण लिया गया तो काम हर तबके के साथ विधानसभा स्तर पर हुआ। सड़कें, स्कूल, अस्पताल से लेकर हर क्षेत्र में हमने विकास का कीर्तिमान स्थापित किया। जब से हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आई है ऋण लिये जा रहे हैं, लेकिन विकास कुछ हो नहीं रहा। सब काम ठप पड़ा हुआ है। उन्होंने हमला बोलते हुए कहा कि सीएम सुक्खू ने जो ऐलान किया है, वो अभी तक पूरा नहीं हुआ। सरकार के जो मंत्री हैं, उन्होंने जो ऐलान किया था, वो पूरा नहीं हुआ। मुख्यमंत्री जिस काम का उद्घाटन कर रहे हैं, तो इस बात का ख्याल रखें कि शिलान्यास की पट्टिका को भी देखें। सीएम सुक्खू ने जवाबी पलटवार करते हुए कहा कि जयराम ठाकुर राज्य की जो वित्तीय हालत छोड़ कर गए थे, उसमें हमने 20 प्रतिशत का सुधार किया है।
राज्य की वित्तीय हालत ठीक नहीं है और इसके लिए जिम्मेदारी केवल और केवल जयराम ठाकुर की है। इन्होंने अपनी सरकार के दौरान जो कर्ज ले रखा था, उसका ब्याज चुकाने के लिए मैं कर्ज ले रहा हूं। विकास के नाम पर इन्होंने कर्ज लिया लेकिन कोई काम नहीं हुआ। हमारी अर्थव्यवस्था में जो सुधार के संकेत मिल रहे हैं, वो विकास की नींव रखेंगे। रोजगार के मुद्दे पर सीएम सुक्खू ने पूर्ववर्ती ठाकुर सरकार को जमकर घेरा। उन्होंने कहा कि मैं एक बात बताना चाहूंगा कि कोई भी परिस्थिति रही हो, कोई भी चुनौती रही हो, हमारी सरकार ने पिछले 18 महीने में सरकारी क्षेत्र में 28 हजार रोजगार के अवसर पैदा किए। वहीं भारतीय जनता पार्टी ने पांच साल में 20 हजार रोजगार के अवसर पैदा किए। उसमें से भी आधे रोजगार के अवसर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के चक्कर काट रहे थे। हमारी सरकार फैसला कर उनको अपॉइंटमेंट लेटर देने जा रही है। -(आईएएनएस)
गोपालगंज, 22 जुलाई । बिहार के गोपालगंज जिले के कुचायकोट चेकपोस्ट से पुलिस ने सोमवार को हथियार के साथ दो लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस का दावा है कि दोनों का संबंध गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई गैंग से है। दोनों उस गैंग के शूटर हैं। गोपालगंज के पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात ने बताया कि सूचना के आधार पर दो लोगों को कुचायकोट चेकपोस्ट से गिरफ्तार किया गया है। दोनों उत्तर प्रदेश से बिहार में प्रवेश कर रहे थे। गिरफ्तार लोगों की पहचान राजस्थान के अजमेर जिला निवासी कमल रावत और मुजफ्फरपुर जिला के संतनु शिवम के रूप में की गई है। इनके पास से ऑस्ट्रिया निर्मित चार पिस्तौल बरामद की गई है।
उन्होंने बताया कि सूचना मिलने के बाद दोनों की गिरफ्तारी के लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया था। गिरफ्तार लोगों से एसडीपीओ (सदर) के नेतृत्व में एसटीएफ, डीआईयू की टीम ने गहन पूछताछ की। पूछताछ के क्रम में पता चला कि गैंग का मुजफ्फरपुर और मोतिहारी जिले में बड़ी घटना को अंजाम देने का इरादा था। पूर्व में भी गैंग के सदस्यों ने दोनों जिलों में रेकी की थी। आगे की छानबीन के लिए अजमेर और अन्य संबंधित जिलों की पुलिस से संपर्क किया गया है। इससे पहले भी बिहार में गोपालगंज पुलिस ने लॉरेंस बिश्नोई के नाम पर व्यवसायियों से 20 लाख की रंगदारी मांगने वाले एक अपराधी को गिरफ्तार किया था। -(आईएएनएस)
करनाल, 22 जुलाई । बीजेपी के वरिष्ठ नेता व हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी सोमवार को करनाल पहुंचे। यहां उन्होंने ब्रह्म कुमारी आश्रम में पार्टी नेताओं से मुलाकात की। इस दौरान, उन्होंने पत्रकारों से बातचीत के दौरान विभिन्न मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखी। नायब सिंह सैनी से सवाल किया गया कि क्या आप इस बार करनाल से चुनाव लड़ेंगे? इस पर उन्होंने कहा, “यह मैं तय नहीं कर सकता हूं कि मैं कहां से चुनाव लड़ूंगा।
यह पार्टी की पार्लियामेंट्री बोर्ड की बैठक में तय किया जाएगा कि मुझे कहां से चुनाव लड़ना है। पार्टी ही मुझे कुरुक्षेत्र से करनाल लेकर आई थी। ऐसे में पार्टी जो भी फैसला लेगी, उसे मैं सहर्ष स्वीकार करूंगा, उससे पहले मैं इस विषय पर टिप्पणी नहीं कर सकता हूं।” इसके अलावा, उनसे ‘भर्ती रोको गैंग’ को लेकर सवाल किया गया। इस पर उन्होंने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा, “यह कांग्रेस के द्वारा खड़ा किया गया गैंग है, जिसे कुछ लोगों के द्वारा संचालित किया जा रहा है, क्योंकि कुछ लोग इस बात को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं कि कैसे हरियाणा के युवाओं को बिना पर्ची और खर्ची के नौकरी मिल जा रही है।
हम चाहते हैं कि हमारे युवाओं को अपने प्रदेश में ही रोजगार मिल सके, लेकिन कांग्रेस इस राह में रोड़ा अटकाना चाहती है, मगर हम ऐसा नहीं होने देंगे। जब तक बीजेपी सत्ता में है, मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि प्रदेश के युवाओं के हितों के समक्ष किसी भी प्रकार की बाधा उत्पन्न नहीं होगी, युवाओं का हित हमारे लिए सबसे बड़ी प्राथमिकता है।” नायब सिंह सैनी ने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा, “बड़े बुजुर्ग पहले ही कह चुके हैं कि काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती है। मौजूदा राजनीति में कांग्रेस के हालात भी कुछ ऐसे ही बने हुए हैं। कांग्रेस जनता के बीच अपना विश्वास खो चुकी है। कांग्रेस ने जिस तरह से जनता को छला है, उसे देखते हुए मुश्किल ही है कि अब यह पार्टी फिर कभी जनता का विश्वास अर्जित कर सके। कांग्रेस ने हमेशा से ही जनता के हितों का इस्तेमाल अपने राजनीतिक हित के लिए किया है, इसी वजह से आज कांग्रेस की ऐसी हालत है।” इसके अलावा, उन्होंने केंद्रीय बजट को लेकर भी अपनी बात रखी।
उन्होंने कहा, “यह बजट जनता की अपेक्षाओं और आकांक्षाओं पर खरा उतरेगा। विकसित भारत की नींव को खड़ा करने में यह बजट अहम भूमिका निभाएगा। इस बजट में भारत के विकास की रूपरेखा तय की गई है।” इसके साथ ही उन्होंने इस लोकसभा चुनाव में बीजेपी के प्रदर्शन की भी तारीफ की। उन्होंने पत्रकारों से कहा, “बीजेपी ने इस बार अच्छा प्रदर्शन किया है और यह सब कुछ पार्टी कार्यकर्ताओं के कठिन परिश्रम की वजह से मुमकिन हो पाया है। वहीं, उनसे जब यह सवाल किया गया कि क्या इस बार हरियाणा के विधानसभा चुनाव में बीजेपी बाजी मारने में सफल रहेगी, तो इस पर उन्होंने कहा इस बात में कोई दो मत नहीं है कि एक बार फिर हमारी पार्टी प्रदेश की सत्ता पर काबिज होगी। 'कमल' खिलाने से हमें कोई नहीं रोक सकता है। अगर किसी को लगता है कि हम इस बार सत्ता में आने नाकाम होंगे, तो उनसे कहना चाहता हूं कि वो अपनी इस गलतफहमी को निकालकर फेंक दें।” (आईएएनएस)
झज्जर, 22 जुलाई । हरियाणा के झज्जर में एक युवती को झूठा रेप केस दर्ज कराना महंगा पड़ गया। हरियाणा महिला आयोग ने युवती के खिलाफ केस दर्ज करने के आदेश दिए हैं। युवती पर आरोप है कि उसने लालच में आकर झूठा रेप केस किया और महिला आयोग में भी शिकायत दर्ज कराई। जांच के दौरान युवती आरोप साबित करने का कोई प्रमाण पेश नहीं कर पाई। इसके बाद सोमवार को लघु सचिवालय के सभागार में महिलाओं के खिलाफ अपराध सुनने आई महिला आयोग की उपाध्यक्ष सोनिया अग्रवाल ने युवती के खिलाफ शिकायत दर्ज करने के आदेश दिए।
हरियाणा महिला आयोग की उपाध्यक्ष सोनिया अग्रवाल ने कहा कि लघु सचिवालय के सभागार में हमारे सामने तीन रेप केस समेत कुल दस मामले सामने आए। सुनवाई के दौरान हमारे सामने एक ऐसा मामला आया जिसमें एक युवती ने झूठे रेप केस दर्ज कराए थे। मैं कहूंगी की भविष्य में कोई भी बेटी इस तरह की हरकत न करें। युवती ने गलती की है, इसलिए उस पर कार्रवाई होनी चाहिए और मैंने पुलिस को 182 की कार्रवाई करनी चाहिए, इस संबंध में मैंने पुलिस को निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि दस में से पांच मामला झज्जर और पांच मामला रेवाड़ी से संबंधित थे। कुछ को निपटा दिया गया है और कुछ पर अभी कार्रवाई की जा रही है। इन अपराध में अधिकांश अपराध महिला द्वारा पति और सास द्वारा तंग करने और घरेलू झगड़े के थे। मैट्रिमोनियल और फैमली केस ज्यादा सामने आ रहे हैं। -(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 22 जुलाई । टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी के बांग्लादेशी शरणार्थियों को बंगाल में शरण देने वाले बयान पर भाजपा ने पलटवार किया है। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने ममता बनर्जी पर देश की आंतरिक सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है। तरुण चुघ ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “ममता बनर्जी अवैध घुसपैठियों को बसाने के लिए जुटी हुई हैं। रोहिंग्या, देश और बंगाल का संतुलन बिगाड़ रहे हैं। केंद्र सरकार सीएए के तहत देश में हिंदू, जैन और बौद्ध धर्म के लोगों को नागरिकता दे रही है। लेकिन, ममता बनर्जी उन्हें नागरिकता देने का विरोध कर रही हैं।
यह रवैया उनके दोहरे मापदंड को दिखाता है। उन्होंने हमेशा देश की आंतरिक सुरक्षा को खतरे में डालने का काम किया है।” भाजपा महासचिव तरुण चुघ ने सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस की गतिविधियों में शामिल होने पर लगे प्रतिबंध को खत्म किए जाने के निर्णय का स्वागत किया। उन्होंने कहा, “दशकों पहले आरएसएस पर प्रतिबंध लगाना असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक कदम था। लेकिन, अब सरकार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर लगा प्रतिबंध हटा दिया है। सालों से संघ राष्ट्र निर्माण के काम में लगा हुआ है।” उन्होंने आगे कहा कि संघ, राष्ट्र को सर्वप्रिय मानने वाला सामाजिक संगठन है। कई बार देश के न्यायालयों द्वारा भी संघ के कार्यों की सराहना की गई है। देश में कुछ लोग ऐसे हैं, जो संघ को सर्टिफिकेट बांट रहे हैं। संघ को किसी भी सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है।
उन्होंने मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहल बजट पर भी बात की। उन्होंने कहा, “पूरे देश को इस बजट से काफी उम्मीदें हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार का 11वां बजट लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरेगा। ये बजट गरीबों, महिलाओं और किसानों के जीवन में परिवर्तन लाएगा। पिछले 10 बजटों में देश के 25 करोड़ गरीबों को गरीबी रेखा से ऊपर उठाया गया है। इस बार भी बजट भारत की जनता के लिए फायदेमंद साबित होगा।” -(आईएएनएस)
नूंह, 22 जुलाई । हरियाणा के नूंह में सावन के पहले सोमवार को होने वाली ब्रजमंडल यात्रा के लिए महामंडलेश्वर स्वामी धर्मदेव जी महाराज नूंह पहुंच गए हैं। उन्होंने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “यह बड़ा ही सुखद अवसर है। बड़ा प्यारा अवसर है। सावन का महीना है। बड़ी पवित्र भावना को लेकर लोग इस यात्रा को निकालते हैं। आज भी बड़े उत्साह के साथ यह यात्रा चलती है। नल्हड़ेश्वर मंदिर से झिरकेश्वर मंदिर यात्रा जाती है। उसके बाद श्रृंगेश्वर मंदिर में जाकर यह पूरी होगी।“ उन्होंने आगे कहा, “हमारा भारतवर्ष आस्था का देश है। हम ऐसे संकल्प को लेकर चलते हैं कि लोग प्यार से, भाईचारे से रहें। कोई भी पर्व या त्यौहार आपस में मिलजुल कर मनाते रहे हैं।
भारत की धरती पर सब आए हैं। परमात्मा ने भेजा है, परमात्मा को मानते हुए नेकियां कमाएं और अच्छे रास्ते पर चलें।“ नूंह में सुरक्षा पूरी तरह से चाक चौबंद है। डॉग स्क्वॉयड की मदद से पुलिस गाड़ियों की चेकिंग कर रही है ताकि किसी प्रकार का कोई हथियार, लाठी-डंडा या विस्फोटक सामग्री ब्रजमंडल शोभा यात्रा तक ना पहुंच सके। इसके अलावा पुलिस घोड़े से भी लगातार निगरानी कर रही है ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके। घोड़ा पुलिस के जवानों को पहाड़ों पर भी क्रिमिनलों के खिलाफ अभियान चलाने की ट्रेनिंग होती है। इसके अलावा नल्हड़ेश्वर मंदिर प्रांगण में भीड़ पर नजर रखने के लिए ड्रोन कैमरे की मदद ली जा रही है।
यात्रा शाम करीब 5 बजे जिले के सबसे बड़े गांव सिंगार स्थित श्रृंगेश्वर मंदिर में समाप्त हो जाएगी। इस यात्रा में देश भर से बड़े-बड़े साधु-संत भी भाग लेते हैं। गौरतलब है कि पिछले वर्ष इसी यात्रा में हुए पथराव और आगजनी में सात लोगों की मौत हुई थी और कई लोग घायल हो गए थे। नूंह एक मुस्लिम बाहुल्य इलाका है जहां करीब 79 फीसदी आबादी मुस्लिम है। -(आईएएनएस)
लखनऊ, 22 जुलाई । उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार ने कांवड़ यात्रा मार्ग में सभी दुकानों पर नेमप्लेट लगाने का आदेश जारी किया था। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को रोक लगा दी। इस मामले में कांग्रेस और सपा ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। दोनों दलों ने कहा कि सरकार के ऐसे निर्णयों से भाईचारा खत्म होगा। कांग्रेस प्रवक्ता अंशू अवस्थी ने कहा कि न्यायालय ने यूपी की योगी सरकार के समाज में जहर घोलने वाले नाम लिखने वाले आदेश पर रोक लगाकर इस देश के भाईचारे को मजबूती दी है। भाजपा की योगी र को अलग-अलग न्यायालय द्वारा बार-बार किरकिरी का सामना करना पड़ रहा है, फिर भी सीख नहीं लेते हैं।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी प्रदेश और परिवार बड़े मन और उदार भाव से चलता है। कभी भी इस तरीके के समाज में जहर बोलने वाले निर्णय को करने से पहले सौ बार आपको जरूर सोचना चाहिए और आज के न्यायालय के इस निर्णय से मुख्यमंत्री आपको सीख लेनी चाहिए। सपा प्रवक्ता सुनील साजन ने कहा कि जब ऐसा आदेश सरकार लाई तभी हमारे नेता ने कहा था कि ऐसे निर्णयों पर कोर्ट को स्वत: संज्ञान लेना चाहिए।
भाजपा जब जनता की अदालत में गई तो उन्होंने ठीक कर दिया, फिर कोर्ट में मुंह की खानी पड़ी। उन्होंने आगे कहा कि भाजपा को समझना चाहिए कि देश जाति-धर्म के नाम पर बंटवारा से नहीं चलेगा। यहां की संस्कृति-सभ्यता एक दूसरे के सम्मान और एक दूसरे से मिलकर है। अभी जब यह उपचुनाव में जाएंगे तो इन्हें फिर मुंह की खानी पड़ेगी। क्योंकि यह अपने नफरत और बंटवारे वाले एजेंडे से हट नहीं पा रहे हैं। -(आईएएनएस)
पटना, 22 जुलाई । बिहार में लगातार गिरते पुलों को लेकर राजद सहित अन्य विपक्षी दलों ने सोमवार को बीजेपी के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया। राजद विधायक मुकेश रोशन ने पोस्टर लेकर बिहार सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाए। उन्होंने अपने पोस्टर में लिखा -- पुल गिरे तो गिरे, लेकिन सरकार नहीं गिरनी चाहिए। उन्होंने कहा, प्रदेश में भ्रष्टाचार का बोलबाला है। इस सरकार को जनता के हितों से कोई लेना-देना नहीं है। मुकेश रोशन ने कहा, “मैं कोई कटाक्ष नहीं कर रहा हूं। मैं अपने पोस्टर के माध्यम से राज्य सरकार की सच्चाई बयां करने की कोशिश कर रहा हूं कि पुल गिरे तो गिरे, लेकिन सरकार नहीं गिरनी चाहिए।
डबल इंजन की सरकार है। इसलिए हम लोग अवाम के मुद्दों को लेकर सदन में पुरजोर तरीके से उठाने का काम करेंगे। जिस तरह से मुख्यमंत्री को पदाधिकारियों के सामने गिरगिराना पड़ रहा है, उससे यह साफ जाहिर है कि वो थक चुके हैं। उनकी वार्ता शैली और कार्यशैली यह साफ बता रही है कि वो अब बिहार संभाल पाने की स्थिति में नहीं हैं।” वहीं, एआईएमआईएम के विधायक अख्तरुल इमाम ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, “सीमांचल का सबसे बड़ा मुद्दा कटाव और विस्थापन है। हमारे यहां हजारों लोग विस्थापित हो चुके हैं। वहीं सरकार ने अब तक फूटी कौड़ी भी नहीं दी है।
एक तरफ जहां मुख्यमंत्री कहते हैं कि राहत कोष पर सबसे पहला अधिकार आपदा पीड़ितों का है और यह आपदा पीड़ित नालंदा के होंगे तभी होगा, क्या सीमांचल के होंगे तो नहीं होगा। अपनी इसी बात को मैं सरकार तक पहुंचाने के लिए यहां आया हूं। अब तक सीमांचल क्षेत्र में कई मकान डूब चुके हैं, लेकिन सरकार इस दिशा में कोई काम नहीं कर रही है।” कांग्रेस विधायक शकील अहमद ने अनोखे अंदाज में प्रदर्शन किया। उन्होंने विभिन्न प्रकार की सब्जियों को साथ में लेकर विधानसभा परिसर के सामने प्रदर्शन किया। कांग्रेस नेता ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, “जिस तरह आप (बीजेपी) लोगों को अपनी दुकान के आगे नेमप्लेट लगाने के लिए कह रहे हैं कि ये हिंदू का है या मुस्लिम का, या अगड़ा का है या पिछड़ा का, या उसका है या इसका, आखिर आप लोग ऐसा क्यों कर रहे हैं।
आखिर आप लोग क्यों धर्म के आधार पर लोगों को बांटने का काम कर रहे हैं। मैं आपको बता दूं कि इससे कुछ हासिल नहीं होने वाला है। क्या संविधान में ऐसा लिखा हुआ है कि दुकानें अलग-अलग धर्म के लोग लगाएंगे, अलग-अलग जगह पर लगाएंगे। अगर आप ऐसा करते हैं, तो मैं आपको बता दूं कि जब हम वैष्णो देवी मंदिर जाते हैं, तो वहां ज्यादातर दुकानदार मुस्लिम समुदाय के होते हैं, तो क्या आप उन्हें भी बदलेंगे। बीजेपी द्वारा बनाई गई यह स्थिति भयावह है। इससे आप लोग धर्म के आधार पर लोगों को बांटने का काम करेंगे।
इससे समाज में वैमनस्यता ही फैलेगी, इसलिए आज हम लोग विभिन्न प्रकार की सब्जी लेकर एकत्रित हुए हैं, ये बताने के लिए कि जिस तरह से आप लोग सब्जियों के रंग को नहीं बदल सकते ठीक उसी तरह आप लोग संविधान को भी नहीं बदल पाओगे।” वहीं, कांग्रेस विधायक राजेश राम ने भी बीजेपी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा, “मौजूदा सरकार की कार्यशैली की वजह से देश और संविधान दोनों ही खतरे में है। अगर समय रहते सरकार ने अपनी प्रवृत्ति नहीं बदली, तो आगामी दिनों में स्थिति और विकराल हो सकती है।” --(आईएएनएस)
रांची, 22 जुलाई । सेंट्रल अफ्रीका के कैमरून में फंसे झारखंड के 27 कामगारों की सुरक्षित वापसी हो गई है। ये लोग वहां एक कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट में 29 मार्च 2024 से काम कर रहे थे, लेकिन उनकी मजदूरी का भुगतान नहीं किया जा रहा था और उन्हें जबरन काम करने को मजबूर किया जा रहा था। सभी कामगार गिरिडीह, हजारीबाग और बोकारो के रहने वाले हैं। उन्होंने एक सप्ताह पहले वीडियो मैसेज जारी कर झारखंड और केंद्र की सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप की गुहार लगाई थी। इसके बाद झारखंड सरकार के श्रम, रोजगार, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग के सचिव ने मामले को लेकर विदेश मंत्रालय को पत्र लिखा था।
विदेश मंत्रालय ने हस्तक्षेप किया तो कंपनी की ओर से मजदूरों के साथ बैठक की गई और सभी कामगारों को बकाया मजदूरी का भुगतान कर दिया गया। सभी को वापस जाने की भी इजाजत दे दी गई। रविवार देर रात सभी कामगार कैमरून से मुंबई पहुंचे और उसके बाद सोमवार को सभी अपने घर लौट आए। कामगारों ने सुरक्षित वापसी और बकाया मजदूरी भुगतान के लिए केंद्र एवं राज्य सरकार का आभार जताया है।
कामगारों के परिजनों ने भी राहत की सांस ली है। वापस आए कामगारों में गिरिडीह जिला के सरिया थाना क्षेत्र के शुकर महतो, डुमरी थाना क्षेत्र के अंतर्गत अतकी के रमेश महतो, विजय कुमार महतो, दूधपनिया के दौलत कुमार महतो, हजारीबाग के बिसुन, जोबार के टेकलाल महतो, खरना के छत्रधारी महतो, भीखन महतो, चानो के चिंतामण महतो, बोकारो जिला के पेंक नारायणपुर थाना क्षेत्र के मोहन महतो, डेगलाल महतो, गोविंद महतो, चुरामन महतो, जगदीश महतो, मुरारी महतो, लखीराम, पुसन महतो, गोनियाटो के कमलेश कुमार महतो, महेश कुमार महतो, दामोदर महतो, मुकुंद कुमार नायक, नारायणपुर परमेश्वर महतो, धवैया के अनु महतो, धनेश्वर महतो, रालीबेडा के शीतल महतो और कुलदीप हंसदा शामिल हैं। -(आईएएनएस)
भोपाल, 22 जुलाई । मध्य प्रदेश में पहले विधानसभा और फिर लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस जमीनी हालात की जानकारी जुटाने में लग गई है। सोमवार को पार्टी के प्रदेश कार्यालय में भोपाल संभाग के पदाधिकारी सहित अन्य नेताओं की बैठक चल रही है। पार्टी के प्रदेश कार्यालय में प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी भोपाल संभाग के जिला अध्यक्ष, ब्लॉक अध्यक्ष, मंडल, सेक्टर अध्यक्षों सहित तमाम पदाधिकारी की बैठक ले रहे हैं।
इस बैठक का मकसद लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार की जमीनी वजह का पता करना है। इसके लिए एक-एक पदाधिकारी से उसके क्षेत्र में कांग्रेस की क्या स्थिति है, इसको लेकर सिलसिलेवार चर्चा की जा रही है। सूत्रों का कहना है कि इस चर्चा और संवाद के दौरान पार्टी में जमीनी स्तर पर व्याप्त गुटबाजी को भी हार की बड़ी वजह बताया जा रहा है। इतना ही नहीं चुनाव से पहले राज्य के अलग-अलग हिस्सों में हुए दल-बदल ने भी पार्टी को कमजोर करने का काम किया है। यह बात कई पदाधिकारी ने बैठक में चर्चा के दौरान कही है। साथ ही आगामी समय में राज्य सरकार की नीतियों के खिलाफ आंदोलन करने पर भी कई नेताओं ने अपनी राय व्यक्त की। बैठक में आगामी समय में होने वाले विधानसभा उपचुनाव पर भी चर्चा हो रही है।
भोपाल संभाग के सीहोर जिले की बुधनी सीट में भी आगामी समय में उपचुनाव संभावित है। ज्ञात हो कि दो दिन पहले राजनीतिक मामलों की समिति की भी भोपाल में बैठक हुई थी। इस बैठक में पार्टी के प्रदेश प्रभारी जितेंद्र सिंह, राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह, प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार सहित कई अन्य नेता भी शामिल हुए थे। इस बैठक में संगठन को और मजबूत कैसे किया जाए, इसको लेकर विचार हुआ था। --(आईएएनएस)
रांची, 22 जुलाई । रांची के बुढ़मू थाना क्षेत्र में साड़म गांव की संगीता देवी और उसकी तीन साल की बेटी अनुष्का के शव सोमवार को गांव के एक तालाब से बरामद किए गए। संगीता देवी के मायके वालों ने उसके पति डब्लू यादव पर मां-बेटी की हत्या कर मामले को आत्महत्या का रूप देने की साजिश का आरोप लगाया है। उनकी शिकायत पर पुलिस ने डब्लू यादव को हिरासत में लिया है। उससे पूछताछ की जा रही है। शवों को पोस्टमार्टम के लिए रिम्स भेजा गया है।
मृतका के पिता डहरू यादव ने पुलिस को दिए बयान में बताया है कि 2020 में शादी के बाद से ही उनकी बेटी संगीता के साथ उसका पति और ससुराल वाले मारपीट करते थे। वे शादी के बाद भी मायके से दहेज लाने की मांग करते थे। दो संतानें होने के बाद भी यह सिलसिला नहीं रुका। पिछले कुछ महीनों से संगीता अपने दो बच्चों के साथ मायके में ही थी। रविवार को डब्लू यादव उन्हें लेकर अपने गांव आया था और इसके अगले ही दिन संगीता और उसकी तीन साल की बच्ची के शव तालाब में मिले।
डब्लू और उसके घरवालों ने गांव में यह शोर मचाया कि संगीता ने खुद अपनी बच्ची के साथ तालाब में कूदकर जान दी है। परिजनों की मानें तो संगीता के गले, आंख और चेहरे पर चोट के निशान हैं। बुढ़मू थाना के एक अफसर ने बताया कि मृतका के पिता की शिकायत पर आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। शवों के पोस्टमार्टम से भी स्थिति स्पष्ट होगी। मामले की तहकीकात जारी है। -(आईएएनएस)
पटना, 22 जुलाई । जनता दल (यूनाइटेड) बिहार को विशेष राज्य के दर्जे की मांग को लेकर शुरू से मुखर रही है। इसी बीच केंद्र सरकार ने सोमवार को साफ कर दिया कि मौजूदा प्रावधानों के तहत बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिल सकता है। इसके बाद यह साफ हो गया कि फिलहाल बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिलने वाला है। मंत्री विजय कुमार चौधरी ने सोमवार को कहा कि बिहार को तेजी से विकास के लिए विशेष सहायता की जरूरत है।
बिहार सरकार और जदयू विशेष राज्य के दर्जा की मांग शुरू से करती रही है। हमलोग अपने सीमित संसाधनों से विकास करते रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम लोग यह भी कहते रहे हैं कि विशेष राज्य में अगर कोई तकनीकी दिक्कत हो तो बिहार को विशेष सहायता मिलनी चाहिए। विशेष मदद मिलनी चाहिए। हम लोग अपने संसाधनों के बल पर तेजी से विकास कर रहे हैं और अगर केंद्र सरकार अतिरिक्त सहायता मुहैया कराती है तो हम और तेजी से विकास करेंगे। उन्होंने कहा कि अंत में तो बात विशेष मदद की ही होती है। बिहार के विकास के लिए, योजनाओं को कार्यान्वित करने के लिए, विशेष मदद की जरूरत होती है। किसी भी रूप में मदद हो।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी कहा है। हम लोग यानी पूरा एनडीए आशांवित है कि बिहार को कुछ विशेष मदद मिलेगी। इससे पहले संसद के बजट सत्र के दौरान बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग उठाई गई, जिस पर केंद्र सरकार ने जवाब दिया। केंद्र सरकार ने मौजूदा प्रावधानों का हवाला देते हुए बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की संभावना से इनकार कर दिया है। --(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 22 जुलाई । एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर आप स्मार्टफोन और गूगल को समय देने के बजाय सरल दैनिक आदतों की ओर ध्यान दें तो यह आपके मस्तिष्क को स्वस्थ रखने के साथ मनोभ्रंश (डिमेंशिया) के जोखिम को भी कम कर सकता है। वाटरलू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर मोहम्मद आई. एल्मासरी ने अपनी नई पुस्तक आईमाइंड: आर्टिफिशियल एंड रियल इंटेलिजेंस में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की तुलना में सरल दैनिक आदतों पर ध्यान देने को कहा है। उन्होंने कहा है कि लोगों का फोकस सेल्फ लर्निंग से हटकर गूगल पर निर्भर हो गया है, जिसके गंभीर दूरगामी परिणाम हो सकते है।
उन्होंने अपनी किताब आईमाइंड में कहा है कि कोई भी चीज मानव मस्तिष्क-मन की क्षमता, भंडारण, दीर्घायु, ऊर्जा दक्षता या आत्म उपचार क्षमताओं की नकल नहीं कर सकती। वर्तमान स्मार्टफोन की उपयोगी जीवन प्रत्याशा लगभग 10 वर्ष है। जबकि एक स्वस्थ मानव शरीर के अंदर एक स्वस्थ मस्तिष्क-मन 100 वर्ष या उससे अधिक समय तक जीवित रह सकता है। स्मार्ट डिवाइस तेजी से अपनी जगह बना रहे हैं, लेकिन वह मानव मस्तिष्क की भंडारण क्षमता या स्व-उपचार क्षमताओं की नकल कभी नहीं कर सकते। इस किताब में मनोभ्रंश के कारण होने वाले व्यक्तिगत नुकसान के बारे में बात की गई है।
उन्होंने मस्तिष्क की दीर्घकालिक क्षमता की तुलना स्मार्टफोन के सीमित जीवनकाल से करते हुए कहा कि यदि स्वस्थ मस्तिष्क का पोषण किया जाए तो वह 100 वर्षों से अधिक समय तक चल सकता है। दैनिक मस्तिष्क व्यायाम जैसे मेमोरी वर्कआउट, एसोसिएटिव मेमोरी विकसित करना, शराब को नियंत्रित करना, आराम करना और नियमित झपकी लेना जैसे दैनिक व्यायाम मस्तिष्क के स्वास्थ्य को बढ़ाने में मदद करते हैं। -(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 22 जुलाई । उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर सभी दुकानों पर नेमप्लेट लगाने का आदेश जारी किया था। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को रोक लगा दी। कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित सभी भोजनालयों और ढाबों पर मालिकों और कर्मचारियों के नाम लिखने का आदेश दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राजनीतिक दलों की ओर से प्रतिक्रियाएं आई। भाजपा सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि कोर्ट का आज जो आदेश आया है, मैं उस पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा। जदयू और कांग्रेस ने कांवड़ यात्रा नेम प्लेट विवाद पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया।
जदयू नेता केसी. त्यागी ने कहा, "हम फैसले का स्वागत करते हैं। कोर्ट ने राज्य सरकार के फैसले पर रोक लगाई। इस आदेश से समाज में विभाजन पैदा होता। कोर्ट का फैसला सराहनीय है।" कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कोर्ट के आदेश का जिक्र कर भाजपा शासित राज्य सरकारों पर हमला बोला। उन्होंने कहा, "आज सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों के गैर संवैधानिक आदेश पर रोक लगा दी है। ये आदेश अलपसंख्यक, आदिवासी और पिछड़ी जाति के खिलाफ था और इसके पीछे आरएसएस की सोच दिखाई दे रही थी।" उन्होंने पीएम मोदी से अपील करते हुए कहा कि हमारा अनुरोध है कि प्रधानमंत्री, भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को राजधर्म की याद दिलाएं। हालांकि, पीएम मोदी अपनी पार्टी में ही कमजोर हो गए हैं और मुख्यमंत्री उनकी बात नहीं सुनते हैं। फिर भी वह उन्हें बताएं कि देश में नफरत पैदा नहीं करें। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा, "मैं सुप्रीम कोर्ट का शुक्रिया अदा करता हूं, जिन्होंने ये बता दिया कि हमारा देश संविधान से चलेगा।
किसी सरकार के फरमान से नहीं, जो समाज और देश को बांटने की कोशिश करता हो। ये देश मोहब्बत से चलेगा। हमारे देश में हिंदू-मुसलमान मिलकर कांवड़ियों का स्वागत करते हैं। गंगा-जमुनी तहजीब को भाजपा सरकार ने बांटने की कोशिश की थी, उसे सुप्रीम कोर्ट ने बेनकाब किया है।" यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा, "सर्वोच्च न्यायालय ने स्वागत योग्य फैसला दिया है। भाजपा ने समाज को बांटने का काम किया है। कांग्रेस पार्टी, सुप्रीम कोर्ट के आदेश का समर्थन करती है। भाजपा के लोग गरीब आदमी की मदद नहीं करते।" समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अब्बास हैदर ने कांवड़ यात्रा नेम प्लेट विवाद को लेकर योगी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, "हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं। उत्तर प्रदेश सरकार सांप्रदायिक एजेंडे के तहत ये आदेश लाई थी।" -(आईएएनएस)
पटना, 22 जुलाई । संसद के बजट सत्र के दौरान सोमवार को केंद्र सरकार ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने से इनकार कर दिया, जिस पर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने प्रतिक्रिया दी। राजद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "बिहार को नहीं मिलेगा विशेष राज्य का दर्जा!" - संसद में मोदी सरकार। नीतीश कुमार और जेडीयू वाले अब आराम से केंद्र में सत्ता का रसास्वादन करते हुए 'विशेष राज्य के दर्जे' पर ढोंग की राजनीति करते रहें!" राज्यसभा में राजद सांसद मनोज झा ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि विशेष राज्य का दर्जा भी लेंगे और विशेष पैकेज भी। उन्होंने कहा कि इसके लिए हम संसद से लेकर सड़क तक लड़ाई लड़ेंगे।
बिहार को संवेदना से देखने की जरूरत है। केंद्र सरकार ने लोकसभा में मौजूदा प्रावधानों का हवाला देते हुए बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की संभावना से इनकार कर दिया है। सरकार ने कहा कि मौजूदा प्रावधानों में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देना संभव नहीं है। सरकार ने लोकसभा में बताया कि राष्ट्रीय विकास परिषद (एनडीसी) द्वारा पूर्व में कुछ राज्यों को विशेष श्रेणी का दर्जा दिया गया था, जिनकी कई विशेषताएं थी, जिन पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता थी।
इन विशेषताओं में पहाड़ी और कठिन भूभाग, कम जनसंख्या घनत्व या जनजातीय आबादी का बड़ा हिस्सा, पड़ोसी देशों के साथ सीमाओं पर रणनीतिक स्थान, आर्थिक और अवसंरचनात्मक पिछड़ापन और राज्य वित्त की गैर-व्यवहार्य प्रकृति शामिल थी। यह निर्णय ऊपर सूचीबद्ध सभी कारकों और राज्य की विशिष्ट स्थिति पर एकीकृत विचार के आधार पर लिया गया था। इससे पहले, विशेष श्रेणी के दर्जे के लिए बिहार के अनुरोध पर एक अंतर-मंत्रालयी समूह (आईएमजी) द्वारा विचार किया गया था, जिसने 30 मार्च, 2012 को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। आईएमजी इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि मौजूदा एनडीसी मानदंडों के आधार पर बिहार के लिए विशेष दर्जा का मामला नहीं बनता है। -(आईएएनएस)
नूंह, 22 जुलाई । हरियाणा के नूंह में सावन के पहले सोमवार को होने वाली ब्रजमंडल यात्रा के लिए पुलिस ने तैयारियां पूरी कर ली हैं। यात्रा मार्ग में शांति सुनिश्चित करने के लिए पूरे जिले में सीआरपीएफ, आरएएफ की कई कंपनियों के साथ हरियाणा पुलिस के कमांडो और जवानों के साथ होमगार्ड जवानों को भारी संख्या में तैनात किया गया है। यात्रा शुरू होने से पहले उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा ने मीडिया कर्मियों से बात करते हुए सुरक्षा ब्रीफिंग दी। उन्होंने कहा, “जिले में माहौल शांतिपूर्ण है। लोगों में यात्रा को लेकर उत्साह है। मंदिर परिसर के आसपास काफी भीड़ है। दोनों समुदाय के लोग यात्रा का स्वागत करने के लिए जुटे हुए हैं। सड़क के दोनों तरफ पंडाल लगे हुए हैं।
जहां हिंदू-मुस्लिम संगठन, व्यापार संगठन से जुड़े हुए लोग यात्रा का स्वागत करेंगे। पिछली बार जो हिंसा हुई थी, उसको भुलाकर लोग एक नई मुहिम शुरू करना चाहते हैं।“ इसके बाद उन्होंने हिंसा की पुर्नावृत्ति रोकने का संकल्प लेते हुए कहा, “हम एक ऐसी मिसाल पेश करना चाहते हैं कि दुनिया को दिखा सकें कि हम शांतिप्रिय लोग हैं। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि पिछली बार जो एक हादसा हुआ था, उसकी दोबारा पुनरावृत्ति न हो।“ वह आगे कहते हैं कि नल्हडेश्वर मंदिर के साथ कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेस के रेवासन नाके का उन्होंने दौरा किया।“ उन्होंने आगे कहा, “यह यात्रा शांतिपूर्वक ढंग से संपन्न होगी। पिछली बार जो हिंसा हुई थी, उससे सीख लेते हुए इंटरनेट की सेवाएं जिले में पूरी तरह बंद कर दी गई हैं। कोई शरारती तत्व गड़बड़ ना करे, इसलिए एहतियात के तौर पर इंटरनेट की सेवाएं 24 घंटे बंद करने का फैसला लिया गया।
ज्यादा से ज्यादा लोग जलाभिषेक यात्रा में आएं और जलाभिषेक करें। तीनों मंदिरों में जाएं, किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं है।“ आयोजकों पर पूछे गए एक सवाल पर वह कहते हैं कि “आयोजकों ने अपने-अपने तरीके से व्यवस्था की है। जिन्होंने पंडाल लगाए हैं, उन्होंने भी प्रशासन से अनुमति ली है। सावन का पहला सोमवार है। पिछले साल हिंसा हुई थी, लोग उसको भुलाकर मंदिरों में जलाभिषेक करें। जो पहले मनमुटाव था, वह मनमुटाव आज नहीं है। यहां आपसी सौहार्द से सब मिलजुल कर रह रहे हैं। और जलाभिषेक यात्रा में जो श्रद्धालु शामिल होंगे, उनके लिए कोल्ड ड्रिंक, फल, पानी की बोतल, शीतल जीरा पेय पदार्थ सहित तमाम इंतजाम किए गए हैं। चाहे श्रवण कुमार हो और चाहे आस मोहम्मद हो, सब एक टेंट के अंदर बैठकर एकजुटता का संदेश दे रहे हैं।“ इसके अलावा रेवासन, गांधीग्राम, घासेड़ा, पुलिस लाइन, सलम्बा, पलवल टी पॉइंट सहित पूरे मेवात में सड़क की दोनों तरफ स्टॉल लगे हुए हैं। हिंदू-मुस्लिम समाज के लोग एकजुट होकर बैठे हुए हैं। - (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 22 जुलाई । यूपी और उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा मार्ग पर नेमप्लेट लगाने के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट की रोक के बावजूद विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने दिल्ली में कांवड़ यात्रा मार्ग पर पड़ने वाली सभी दुकानों के बाहर नेमप्लेट लगाने का आदेश जारी करने की मांग की है। विहिप इंद्रप्रस्थ के प्रांत मंत्री सुरेन्द्र गुप्ता ने सोमवार को दिल्ली के उपराज्यपाल विजय कुमार सक्सेना को पत्र लिखकर निवेदन किया कि यूपी की तर्ज पर दिल्ली के भी सभी दुकानदार और रेहड़ी पटरी वाले अपनी दुकान के बाहर नाम का बोर्ड टांगे ताकि किसी भी शिवभक्त की धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ न हो पाए।
उन्होंने अपने पत्र में लिखा कि श्रावण महीने में शिवभक्त कांवड़िये जल लेकर पैदल चलकर अपने गांव के शिव मंदिर पर शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं। कांवड़िये पूरे मार्ग नंगे पैर चलते हैं और कांवड की पवित्रता का अपनी जान से भी ज्यादा ध्यान रखते हैं। इस दुर्गम यात्रा को सुगम बनाने के लिए स्थानीय हिन्दू सेवा शिविर लगाते हैं। उन्होंने दिल्ली पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि आनन्द नगर इंद्रलोक में 35 वर्षों से जो शिविर लग रहा था, दिल्ली पुलिस उसको लगाने नहीं दे रही है। दिल्ली पुलिस पूरी तरह से हिन्दुओं की धार्मिक आस्था को दबाने का प्रयास कर रही है। हमारी शोभायात्रा नहीं निकलने देती है।
दूसरी तरफ ताजिया को पूरी सुरक्षा के साथ निकलवा रही है। उन्होंने आगे कहा कि सभी हिन्दू संगठन चाहते हैं कि कांवड़ यात्रा मार्ग में दिल्ली में भी दुकानदार और रेहड़ी पटरी वाले अपने असली नाम के बोर्ड टांगे ताकि किसी भी शिवभक्त का धर्म भ्रष्ट करने की कोशिश ना हो और कानून व्यवस्था बनी रहे। हमें जानकारी मिल रही है कि कुछ लोग नकली नाम से दुकान लगाकर दूषित फल और सब्जी बेचने का प्रयास कर रहे हैं। इसलिए, दिल्ली सरकार के मुखिया होने के नाते वीएचपी दिल्ली प्रांत एलजी से आग्रह करता है कि इस दिशा में उचित कार्रवाई करने का आदेश जारी करें। -- (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 22 जुलाई । असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने सोमवार को राजधानी दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस मुलाकात की फोटो असम के मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर की। उन्होंने बताया कि पीएम मोदी को असम में आई बाढ़ की स्थिति के बारे में जानकारी दी। इसके साथ ही असम की जनता की ओर से उन्हें तीसरे कार्यकाल की शुरुआत करने पर शुभकामनाएं भी दी।
असम के सीएम सरमा ने एक्स पर लिखा, ''आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आशीर्वाद और मार्गदर्शन प्राप्त करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। हमारी इस मुलाकात के दौरान, मैंने उन्हें असम में बाढ़ की स्थिति के बारे में जानकारी दी और लोगों के सामने आने वाली चुनौतियों को कम करने के लिए चल रहे विभिन्न प्रयासों से अवगत कराया। मैंने राज्य में चल रहे विकास कार्यों की स्थिति पर भी चर्चा की। असम के लोगों की ओर से, मैं एक बार फिर उन्हें ऐतिहासिक तीसरे कार्यकाल की शुरुआत करने पर हार्दिक बधाई देता हूं।'' बता दें कि इन दिनों असम में बाढ़ का कहर देखने को मिल रहा है।
बाढ़ के चलते कई गांवों-घरों में पानी घुस गया है। इसके कारण जनजीवन अस्तव्यस्त है। कई लोगों को अपना घर छोड़ने पर भी मजबूर होना पड़ रहा है। बाढ़ के कारण सौ से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 30 जिलों के 24 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। इससे पहले झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने असम के बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद के लिए राज्य सरकार को दो करोड़ रुपये की मदद का ऐलान किया था। सीएम हिमंता सरमा ने लिखा, ''झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बाढ़ प्रभावित लोगों की सहायता के लिए असम के मुख्यमंत्री राहत कोष में 2 करोड़ रुपये की राशि देने की कृपा की है। असम के लोगों की ओर से मैं झारखंड के लोगों और मुख्यमंत्री की उदारता की तहे दिल से सराहना करता हूं।'' (आईएएनएस)
सोलन (हिमाचल प्रदेश), 22 जुलाई । संसद में मंगलवार को आम बजट पेश किया जाएगा। देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी। मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का यह पहला बजट है। आने वाले बजट पर पूरे देश की नजरें हैं। हिमाचल प्रदेश के सोलन शहर के कुछ निवासियों ने इस बजट को लेकर अपनी उम्मीदें जाहिर की हैं। बजट को लेकर खिलाड़ी सेजल ने कहा कि सरकार जो बजट बना रही है, उसमें खिलाड़ियों के लिए वित्तीय प्रावधान होना चाहिए।
कुछ प्रतिभाशाली खिलाड़ी अपनी आर्थिक समस्याओं के कारण खेलों का खर्च नहीं उठा पाते हैं। इस वजह से बहुत सारी प्रतिभाएं छूट जाती हैं। इसलिए खिलाड़ियों के लिए वित्तीय प्रावधान जरूरी है और खिलाड़ियों के जीतने पर नौकरी का प्रावधान भी होना चाहिए। शहरवासी मुकेश शर्मा ने कहा कि आम लोगों के लिए वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में भारी वृद्धि को कम किया जाना चाहिए। ब्याज दर भी बहुत अधिक है। टैक्स स्लैब में नरमी होनी चाहिए। इससे करदाता को राहत मिलेगी। देश में बेरोजगारी दर बढ़ी है, इसके लिए इंफ्रास्ट्रक्चर और रोजगार के लिए फंड बनाया जाना चाहिए। मनीष साहनी ने कहा कि देश में जिस तेजी से महंगाई बढ़ रही है, उसके हिसाब से टैक्स में कोई राहत नहीं दी गई है। वेतनभोगी लोगों को टैक्स में छूट मिलनी चाहिए। इस समय देश में नौकरियां बहुत कम हैं।
इसके लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) के तहत देश में कई जगह फैक्ट्रियां लगाई जानी चाहिए ताकि नौकरियां पैदा हों। देश में रिसर्च सेंटर के लिए फंड लाया जाना चाहिए, तभी कहीं जाकर देश आगे बढ़ेगा। मुकेश गुप्ता ने कहा कि 65 वर्ष की आयु के बाद वेतनभोगी लोगों को उनके द्वारा चुकाए गए आयकर के अनुसार पेंशन मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को पर्यावरण को बचाने और प्रदूषण को कम करने के लिए प्रावधान में अधिक धनराशि उपलब्ध करानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जीएसटी को सरल बनाना और उनमें बदलाव करना जरूरी है। वहीं एक व्यापारी ने कहा कि व्यापारी सरकार को आयकर और जीएसटी देते हैं। व्यापारियों के लिए एक निश्चित आयु के बाद पेंशन या बीमा योजना शुरू की जानी चाहिए, ताकि व्यापारी बुढ़ापे में गुजारा कर सकें। -(आईएएनएस)
करनाल, 22 जुलाई । हरियाणा के करनाल में सोमवार सुबह 3 बजे नाके पर ड्यूटी कर रहे एक पुलिसकर्मी को एक कार सवार टक्कर मारकर फरार हो गया। इसके बाद शहर में आगे मौजूद पुलिस की टीम ने अभियुक्त को पकड़ कर हवालात में बंद कर दिया। मामले में आरोपी कार चालक से पूछताछ जारी है। मामला रामनगर थाना क्षेत्र के काछवा पुल के पास बने पुलिस नाके का है। पुलिस नाके पर सुबह 3 बजे के करीब एक संदिग्ध क्रेटा कार निकली। जब नाके पर मौजूद पुलिसकर्मी ने चेकिंग करने के लिए गाड़ी को रोकना चाहा तो क्रेटा कार का ड्राइवर ड्यूटी पर मौजूद कांस्टेबल मनोज को टक्कर मारते हुए गाड़ी लेकर मौके से फरार हो गया।
इसकी सूचना तुरंत आगे पुलिस थानों में दी गई। इसके बाद पुलिस ने गाड़ी चालक को पकड़ तक गिरफ्तार कर लिया। घायल कांस्टेबल के शरीर पर कई चोटें आई हैं। उसे जिले के ही कल्पना चावला अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस पूरे मामले में एसपी मोहित हांडा गाड़ी को संदिग्ध मानते हैं और ड्राइवर पर जानबूझकर कांस्टेबल को टक्कर मारने की बात कहते हैं। वह आगे कहते हैं, “अपराध नियंत्रण की दृष्टि से रात को नाकाबंदी की जाती है। आज सुबह 3 बजे के करीब हमारा नाका काचपा रोड पर लगा हुआ था, तो एक संदिग्ध गाड़ी क्रेटा नाके पर आई। जब नाके पर मौजूद पुलिस बल ने चेकिंग करने के लिए गाड़ी को रोकना चाहा तो क्रेटा के ड्राइवर ने ड्यूटी पर मौजूद कांस्टेबल मनोज को जान से मारने की कोशिश करने की नीयत से, उस पर गाड़ी चढ़ाने की कोशिश की और मौके से फरार हो गया।
इसकी सूचना तुरंत शहर के हर थाने में दी गई। इसके बाद पुलिस द्वारा इस गाड़ी को काबू किया गया। घायल कांस्टेबल जिसके शरीर पर कई चोटें आईं, वह यहां कल्पना चावला अस्पताल में उपचाराधीन है। मैंने स्वयं मनोज से बात की है। पुलिस विभाग के द्वारा यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उसका बेस्ट ट्रीटमेंट हो। घायल जवान के सभी टेस्ट और स्क्रीनिंग की जा रही है। साथ ही मैंने कल्पना चावला अस्पताल के डायरेक्टर से भी इस विषय में बात की है। अभियुक्त को पकड़ लिया गया है। उससे पूछताछ की जा रही है। साथ ही यह सुनिश्चित किया जाएगा कि जिसने भी यह दुस्साहस किया है, उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।“ --(आईएएनएस)
अंबाला, 22 जुलाई । अपने ही भाई के परिवार की हत्या करने वाला शख्स रिटायर्ड फौजी बताया जा रहा है। जो हत्या के बाद मौका ए वारदात से फरार हो गया। हत्यारोपी की बहन के मुताबिक परिवार में जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। घटना अंबाला के नारायणगढ़ के गांव रातोर की है। बताया जा रहा है कि रिटायर्ड फौजी ने रविवार देर रात हत्या को अंजाम दिया और देर रात तीन बजे शवों को जलाने की भी कोशिश की।
जानकारी के अनुसार, आरोपी ने धारदार हथियार से जिन लोगों की हत्या की है। उसमें मां, भाई, भाई की पत्नी और उसके दो बच्चे शामिल है। मृतकों की पहचान 35 वर्षीय हरीश कुमार, 32 वर्षीय सोनिया, 65 वर्षीय सरोपी देवी, पांच वर्षीय यशिका और छह महीने का मयंक के रूप में हुई है। इसके अलावा दो लोग गंभीर रुप से घायल हुए हैं, जिन्हें इलाज के लिए चंडीगढ़ रेफर किया गया है।
मृतक की बहन ने बताया कि परिवार में पिछले कुछ समय से जमीन को लेकर झगड़ा चल रहा था। ये घटना क्यों की गई है, इस बारे में मुझे भी ज्यादा जानकारी नहीं है। पुलिस के अनुसार, इस हत्याकांड के पीछे की वजह जमीनी विवाद बताई जा रही है। घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी फरार है। अंबाला के एसपी ने घटनास्थल का मुआइना किया और पुलिस ने अधजले शवों को कब्जे में लेकर अंबाला कैंट हॉस्पिटल में पोस्टमार्टम के लिए भेजा। बता दें कि आग की चपेट में आने से एक बच्ची करीब 90 फीसदी जल गई और उसका इलाज चल रहा है। वहीं, अस्पताल के एक डॉक्टर के अनुसार, अंबाला कैंट सिविल अस्पताल में पांच शव लाए गए थे। जिनमें पति-पत्नी, एक बुजुर्ग महिला और दो बच्चों के शव शामिल हैं। फिलहाल पुलिस ने इस हत्याकांड के बाद आरोपी की गिरफ्तारी के लिए टीमें बना दी है। साथ ही पुलिस की टीम आरोपी की तलाश में कई स्थानों पर दबिश दे रही है। - (आईएएनएस)
पटना, 22 जुलाई । बिहार की राजधानी पटना से नीट पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किए गए तीन आरोपियों को सीबीआई ने 10 दिनों की रिमांड पर ले लिया है। सीबीआई ने एक दिन पहले ही दो सॉल्वर और एक अन्य आरोपी को गिरफ्तार किया था। जानकारी के अनुसार, सीबीआई ने नीट पेपर लीक मामले में सॉल्वर दीपेंद्र शर्मा और कुमार मंगलम विश्नोई और सेटर शशिकांत पासवान को गिरफ्तार किया था। सॉल्वर दीपेंद्र शर्मा और कुमार मंगलम विश्नोई भरतपुर मेडिकल कॉलेज के छात्र हैं, जबकि तीसरा शख्स शशिकांत पासवान, पटना का रहने वाला है। सीबीआई ने तीनों आरोपियों को 10 दिनों की रिमांड पर लिया है।
जांच एजेंसी नीट पेपर लीक मामले में उनसे पूछताछ करेगी। सीबीआई को पेपर लीक केस में बड़े सुराग हाथ लगने की उम्मीद है। इससे पहले सीबीआई ने सॉल्वर गैंग से जुड़े पटना एम्स के चार मेडिकल छात्रों को गिरफ्तार किया था। साथ ही रांची स्थित मेडिकल कॉलेज रिम्स की फर्स्ट ईयर की छात्रा सुरभि कुमारी को हिरासत में लिया गया था। छात्रा इस सॉल्वर गैंग की सदस्य बताई जा रही है।
नीट यूजी पेपर लीक मामले का मास्टरमाइंड राकेश रंजन उर्फ रॉकी है। बताया जा रहा है कि उसका पटना और रांची के कई एमबीबीएस छात्रों और डॉक्टरों से संबंध है। बता दें कि नीट-यूजी परीक्षा रद्द करने की याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली खंडपीठ मामले की सुनवाई करेगी। खंडपीठ में न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और मनोज मिश्रा भी शामिल हैं। -- (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 22 जुलाई । लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने सभी राजनीतिक दलों के नेताओं से सोमवार से शुरू हो रहे संसद के बजट सत्र के दौरान सदन में सकारात्मक सहयोग देने और सार्थक चर्चा करने की अपील की है। लोकसभा स्पीकर बिरला ने संसद सत्र को लेकर सभी राजनीतिक दलों के नेताओं से अपील करते हुए एक्स पर पोस्ट कर कहा, "18वीं लोकसभा का बजट सत्र आज से प्रारंभ हो रहा है। आशा है कि सदन में सभी दलों के नेताओं और माननीय सदस्यों के सकारात्मक सहयोग व सार्थक चर्चा-संवाद के परिणामस्वरूप हम मिलकर देश में आर्थिक और सामाजिक बदलाव के साथ राष्ट्र की उन्नति में सहभागिता निभाएंगे।" आपको बता दें कि संसद का बजट सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है।
मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के इस दूसरे संसद सत्र के 12 अगस्त तक चलने की संभावना है। सत्र में 22 दिनों की अवधि के दौरान कुल 16 बैठकें होंगी। सत्र के पहले दिन, सोमवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भारत के आर्थिक सर्वेक्षण को संसद के पटल पर पेश करेंगी। यह सत्र मुख्य रूप से 2024-25 के लिए केंद्रीय बजट से संबंधित फाइनेंशियल बिजनेस के लिए समर्पित होगा। सत्र के दूसरे दिन, मंगलवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट संसद में पेश करेंगी। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर का बजट भी 23 जुलाई को ही पेश किया जाएगा।
18वीं लोकसभा के दूसरे सत्र और राज्यसभा के 265वें सत्र के दौरान सरकार संसद में वित्त (नंबर 2) विधेयक- 2024, आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक-2024, बॉयलर बिल-2024, भारतीय वायुयान विधायक- 2024, कॉफ़ी (संवर्धन और विकास) विधेयक- 2024 और रबर (संवर्धन और विकास) विधेयक- 2024 सहित 6 विधेयकों को पेश कर पारित करवाने का प्रयास करेगी। इसके साथ ही 3 वित्तीय विषय- केंद्रीय बजट, 2024-25 पर सामान्य चर्चा, वर्ष 2024-25 के लिए अनुदान की मांगों पर चर्चा एवं मतदान और संबंधित विनियोग विधेयक का परिचय, विचार और पारित करवाने के साथ ही वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर की अनुदान मांगों पर चर्चा और मतदान और संबंधित विनियोग विधेयक का परिचय, विचार और पारित करवाना भी सरकार के एजेंडे में हैं। - (आईएएनएस)