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नई दिल्ली, 17 अप्रैल । टेस्ला और स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क ने बुधवार को कहा कि एक बच्चे का पालन-पोषण करना प्रॉम्प्ट इंजीनियरिंग के समान है।
एलन मस्क ने एक्स डॉट कॉम पर एक पोस्ट में कहा, "मुझे अभी एहसास हुआ कि एक बच्चे का पालन-पोषण करना मूल रूप से 18 साल की प्रॉम्प्ट इंजीनियरिंग है।"
11 बच्चों के पिता एलन मस्क ने पहले कहा था, "बच्चे पैदा करना दुनिया को बचाना है।"
एलन मस्क ने बुधवार को अपने पोस्ट में इस बात पर भी आगाह किया कि स्कूल बच्चों को क्या पढ़ा सकते हैं।
एक यूजर ने एलन मस्क से पूछा, "हमारा पहला बच्चा अगले महीने पैदा होगा, आपकी सबसे बड़ी सलाह क्या है?"
एलन मस्क ने जवाब दिया, "स्कूल में आपके बच्चों को क्या पढ़ाया जाता है, इसके बारे में अत्यधिक सावधान रहें।"
एलन मस्क ने पहले भी शिक्षा के बारे में बात की थी। उन्होंने कहा था कि कॉलेज फन के लिए है, सीखने के लिए नहीं।
एलन मस्क एक वीडियो में कहते नजर आए, "आपको चीजें सीखने के लिए कॉलेज की जरूरत नहीं है। सब कुछ मूल रूप से फ्री में उपलब्ध है। आप जो कुछ भी चाहते हैं वह फ्री में सीख सकते हैं। यह सीखने का सवाल नहीं है। मुझे लगता है कि कॉलेज मूल रूप से फन के लिए होते हैं और यह साबित करने के लिए होते हैं कि आप अपना काम कर सकते हैं। लेकिन, वे सीखने के लिए नहीं हैं।''
एलन मस्क ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "इंटरनेट का धन्यवाद, आप जो चाहें सीख सकते हैं। कॉलेज की डिग्रियां केवल पूर्णता दिखाती हैं, समझ नहीं।''
(आईएएनएस)
-राघवेंद्र राव
सोमवार को समाचार एजेंसी एएनआई को दिए एक इंटरव्यू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इलेक्टोरल बॉन्ड को एक सक्सेस स्टोरी या कामयाबी की कहानी बताया. साथ ही ये भी कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड होने की वजह से आज एक मनी ट्रेल उपलब्ध है और ये पता चल पा रहा है कि किसने कितना पैसा किस पार्टी को दिया.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि चुनावों को काले धन से मुक्ति दिलवाने और चुनावी फंडिंग में पारदर्शिता लाने के लिए रास्ते खोजे जा रहे थे और इलेक्टोरल बॉन्ड के रूप में उन्हें एक 'छोटा सा रास्ता मिला' और उन्होंने कभी ये दावा नहीं किया कि ये रास्ता पूर्ण है.
लेकिन इलेक्टोरल बॉन्ड योजना की कल्पना से लेकर उसके असंवैधानिक घोषित किए जाने तक के घटनाक्रम पर एक सरसरी नज़र डालें तो ये साफ़ है कि पारदर्शिता की कमी ही इस योजना की सबसे बड़ी दिक़्क़त साबित हुई.
फरवरी में इस योजना को ख़ारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जहां गुप्त मतदान स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव को बढ़ावा देने के लिए ज़रूरी है वहीं राजनीतिक दलों की फंडिंग में पारदर्शिता--न कि गोपनीयता--एक ज़रूरी शर्त है.
साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि मतदान केंद्र की गोपनीयता को राजनीतिक दलों की फंडिंग की गुमनामी तक नहीं बढ़ाया जा सकता है.
'मैं नहीं चाहता था कि ये कैश वाला कारोबार चले'
एएनआई की संपादक स्मिता प्रकाश ने पीएम मोदी से पूछा कि क्या इलेक्टोरल बॉन्ड्स का फैसला गलत था?
जवाब में पीएम मोदी ने कहा, "हमारे देश में लम्बे अरसे से चर्चा चली है कि चुनावों में काले धन का एक बहुत बड़ा, ख़तरनाक खेल हो रहा है. देश के चुनावों को काले धन से मुक्ति मिले इसके लिए कुछ करना चाहिए. चुनाव में ख़र्च तो होता ही होता है, कोई इनकार नहीं कर सकता है. मेरी पार्टी भी करती है, सब पार्टियां करती हैं, कैंडिडेट भी करते हैं. और पैसे लोगों से लेने पड़ते हैं. सब पार्टियां लेती हैं."
"मैं चाहता था कि हम कुछ कोशिश करें कि इस काले धन से हमारे चुनाव को कैसे मुक्ति मिले...ट्रांसपेरेंसी (पारदर्शिता) कैसे आए. एक प्रामाणिक पवित्र विचार मेरे मन में था. रास्ते खोज रहे थे. एक छोटा सा रास्ता मिला. वही पूर्ण है ऐसा हमने उस समय भी क्लेम नहीं किया था. पार्लियामेंट में डिबेट में सबने उसको सराहा भी था.आज जो लोग उलट-पुलट बोल रहे हैं, उन्होंने सराहा था, पार्लियामेंट डिबेट देख लीजिए."
पीएम मोदी ने कहा, "हमने कैसे-कैसे काम किया. जैसे हज़ार और दो हज़ार के नोट ख़त्म कर दिए. चुनाव में वही बड़ी-बड़ी मात्रा में ट्रेवलिंग करते हैं. क्यों? क्योंकि ये काला धन ख़त्म हो. सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि बीस हज़ार रुपए तक पॉलिटिकल पार्टियां कैश ले सकती हैं. मैंने क़ानून बना कर, नियम बना कर के बीस हज़ार को ढाई हज़ार कर दिया. क्यों? क्योंकि मैं नहीं चाहता था कि ये कैश वाला क़ारोबार चले."
प्रधानमंत्री ने कहा, "सब व्यापारी लोग हमें आकर कहते थे कि चेक से हम पैसे दे ही नहीं सकते. हमने कहा क्यों नहीं दे सकते. बोले हम चेक से देंगे तो हमें लिखना पड़ेगा. हम लिखेंगे तो सरकार है वो देखेगी कि विपक्ष को इतना पैसा दिया. तो हमें तो वो परेशान करेगा. तो बोले हम पैसे देने के लिए तैयार हैं लेकिन चेक से नहीं देंगे. मुझे याद है कि नब्बे के दशक में चुनाव में हमको बड़ी दिक़्क़त आई थी. पैसे ही नहीं थे हमारे पास. और हम नियम लगा कर बैठे थे कि हम चेक से लेंगे. देने वाले देने के लिए तैयार थे, चेक से देने की उनकी हिम्मत नहीं थी. ये सारी चीज़ों का मुझे पता था."
इसके बाद मोदी ने इलेक्टोरल बॉन्ड की बात की.
उन्होंने कहा, "अब देखिए. इलेक्टोरल बॉन्ड अगर न होते तो किस व्यवस्था में वो ताक़त है कि वो ढूंढ के निकालते कि पैसा कहाँ से आया और कहाँ गया है. ये तो इलेक्टोरल बॉन्ड की सक्सेस स्टोरी है कि इलेक्टोरल बॉन्ड थे तो आपको ट्रेल मिल रहा है मनी का... कि किस कंपनी ने दिया, कैसे दिया, कहाँ दिया."
"अब उसमें अच्छा हुआ, बुरा हुआ वो विवाद का विषय हो सकता है... इसकी चर्चा हो. मुझे जो चिंता है...मैं ये कभी नहीं कहता हूँ कि निर्णय में कुछ कमी नहीं होती है. निर्णय को... चर्चा कर सीखते हैं, सुधारते हैं. इसमें भी सुधार के लिए बहुत सम्भावनाएं हैं. लेकिन आज पूरी तरह काले धन की तरफ देश को धकेल दिया है. और इसीलिए मैं कहता हूँ... सब लोग पछतायेंगे... जब बाद में ईमानदारी से सोचेंगे... सब लोग पछतायेंगे."
चुनाव आयोग और आरबीआई ने शुरू से गंभीर चिंता जताई थी
इस योजना की शुरुआत करते हुए भारत सरकार ने कहा था कि इलेक्टोरल बॉन्ड देश में राजनीतिक फ़ंडिंग की व्यवस्था को क्लीन बनाएंगे. प्रधानमंत्री मोदी ने भी हालिया साक्षात्कार में इस योजना के ज़रिए चुनावी फंडिंग में पारदर्शिता लाने की बात कही है.
लेकिन शुरू से ही पारदर्शिता को लेकर चिंताएं लगातार उठाई जा रही थीं. और चिंताएं उठाने वाले विपक्षी राजनीतिक दल नहीं बल्कि चुनाव आयोग और रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया थे.
ग़ौरतलब है कि साल 2019 में सुप्रीम कोर्ट के सामने दायर एक हलफ़नामे में चुनाव आयोग ने कहा था कि इलेक्टोरल बॉन्ड राजनीतिक फ़ंडिंग में पारदर्शिता को ख़त्म कर देंगे और इनका इस्तेमाल भारतीय राजनीति को प्रभावित करने के लिए विदेशी कॉर्पोरेट शक्तियों को आमंत्रण देने जैसा होगा.
चुनाव आयोग ने ये भी कहा था कि कई प्रमुख क़ानूनों में किए गए संशोधनों की वजह से ऐसी शेल कंपनियों के खुल जाने की संभावना बढ़ जाएगी, जिन्हें सिर्फ़ राजनीतिक पार्टियों को चंदा देने के इकलौते मक़सद से बनाया जाएगा.
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बार-बार चेतावनी दी थी कि इलेक्टोरल बॉन्ड का इस्तेमाल काले धन के प्रसार, मनी लॉन्ड्रिंग, और सीमा-पार जालसाज़ी को बढ़ाने के लिए हो सकता है.
इलेक्टोरल बॉन्ड को एक 'अपारदर्शी वित्तीय उपकरण' कहते हुए आरबीआई ने कहा था कि चूंकि ये बॉन्ड मुद्रा की तरह कई बार हाथ बदलते हैं, इसलिए उनकी गुमनामी का फ़ायदा मनी-लॉन्ड्रिंग के लिए किया जा सकता है.
'सरकारी प्रभाव के बाहर जांच होनी चाहिए'
अंजलि भारद्वाज एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं जो सूचना का अधिकार, पारदर्शिता और जवाबदेही के मुद्दों पर काम करती हैं.
वे कहती हैं, "ये बिलकुल सही बात है कि आरबीआई और इलेक्शन कमीशन दोनों ने वित्त मंत्रालय को इलेक्टोरल बॉन्ड योजना आने से पहले ही चिट्ठियां लिखीं. ये सारी चिट्ठियां आरटीआई के तहत बाहर निकल कर आई हैं. इन चिट्ठियों में कहा गया कि किस तरह ये इलेक्टोरल बॉन्ड योजना काले धन को बढ़ावा देगी और किस तरह से ये योजना शेल कंपनियों के ज़रिये पैसे के हेरफेर को बढ़ावा देगी और किस तरह से ये मनी लॉन्डरिंग (काले धन को वैध बनाना) को बढ़ावा देगी."
भारद्वाज कहती हैं, "आरबीआई और इलेक्शन कमीशन ने चेतावनी दी थी और बार-बार मना किया था कि आप इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम को मत लाइए. उसके बावजूद इस स्कीम को लाया गया और फिर सुप्रीम कोर्ट में भी इन सब चीज़ों पर चर्चा हुई. और अब जब ये सूचना निकल कर आ रही है तो वो यही ट्रेंड्स दिखा रही है कि कैसे संभावित शेल कम्पनियाँ बीजेपी को और अन्य राजनीतिक दलों को भी पैसे दे रही हैं. और घाटे में चल रही कम्पनियाँ बड़ी मात्रा में पैसे दे रही हैं तो वो कैसे हो रहा है."
भारद्वाज कहती हैं कि ये ट्रेंड सामने आ रहे हैं और एक स्वतंत्र जांच सच जानने के लिए इसलिए भी ज़रूरी है कि असल में क्या हो रहा था क्योंकि इसकी आशंका तो आरबीआई और चुनाव आयोग ने पहले ही जताई थी. उनके मुताबिक़ ये जाँच सरकार के प्रभाव से बाहर होनी चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट का डेटा सार्वजनिक करवाना सक्सेस स्टोरी है'
राजनीतिक विश्लेषक और वरिष्ठ पत्रकार नीरजा चौधरी कहती हैं कि "पीएम मोदी का ये कहना कि इलेक्टोरल बॉन्ड की वजह से पता लगा कि किसने कितना दिया और मनी ट्रेल उपलब्ध है.. वहां तक बात ठीक है, लेकिन जो सवाल उठे हैं वो उससे भी आगे जाते हैं. वो सवाल ये है कि इतने सारे लोगों ने...जिन पर रेड हुए हैं...उन्होंने तुरंत इसके बाद बीजेपी को पैसा दिया. वो जो चीज़ है उसका जवाब पीएम ने नहीं दिया."
नीरजा चौधरी कहती हैं, "क्षेत्रीय दल जो राज्यों में सत्ता में हैं उन्हें भी पैसा मिला. ये न तो क्षेत्रीय दलों के लिए और न ही भाजपा के लिए आरामदायक स्थिति है. हमें सोचना होगा. इतने सालों से इस पर चर्चा चल रही है, इतनी रिपोर्ट्स आयीं और फिर चुनावी बॉन्ड की कल्पना की गई और अब हमें पता चला की ये समाधान नहीं है बल्कि इसने ज़्यादा दिक्क़तें पैदा की हैं. अब आपको ड्राइंग बोर्ड पर वापस जाना होगा."
बीबीसी ने नीरजा चौधरी से पूछा कि प्रधानमंत्री का ये कहना कि इलेक्टोरल बॉन्ड योजना एक सक्सेस स्टोरी है, ये कहाँ तक ठीक है?
उन्होंने कहा, "इलेक्टोरल बॉन्ड एक सफलता की कहानी इस तरह है कि सर्वोच्च न्यायालय ने इसे सार्वजनिक कर दिया है. अब जनता को पता चल गया है कि क्या हुआ, किसने दिया, किसको दिया, किस वक़्त दिया. इसके मायने ये हैं कि एक तरह से पीएम सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले का स्वागत कर रहे हैं."
'बॉन्ड बनाए ही गोपनीयता के लिए थे'
अंजलि भारद्वाज कहती हैं कि ये बड़ी विडम्बना है कि सुप्रीम कोर्ट ने इस योजना को ख़ारिज ही इसीलिए किया क्योंकि इसमें पारदर्शिता ही नहीं थी और ये लोगों के जानने के अधिकार और उनकी अभिव्यक्ति और बोलने के अधिकार का उल्लंघन करता है.
भारद्वाज कहती हैं, "प्रधानमंत्री कह रहे हैं कि ये तो पारदर्शिता हो गयी और ये सक्सेस स्टोरी है इलेक्टोरल बॉन्ड की. वो बॉन्ड बनाए ही इसलिए गए कि किसी को मालूम न चल पाए कि इलेक्टोरल बॉन्ड्स के ज़रिये कौन किस राजनीतिक दल को पैसे दे रहे हैं."
उनके मुताबिक़ अब ये ज़रूर है कि सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया जिसकी वजह से सूचना बाहर आई वरना पिछले छह साल में तो कोई भी सूचना लोगों को नहीं मिल रही थी, और अगर सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला नहीं आता तो पर्दे के पीछे ये पूरा सिलसिला कायम रहता.
भारद्वाज कहती हैं, "मुझे लगता है सरकार इस बात का श्रेय नहीं ले सकती कि इलेक्टोरल बॉन्ड्स स्कीम सक्सेस स्टोरी है और पारदर्शिता लाई क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने जबरन स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया से सूचना एक तरह से निकलवाई है क्योंकि कोशिश तो यही जारी रही कि सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के बाद भी सूचना बाहर न आए. स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया तो चुनाव होने के बाद तक समय मांग रहा था जबकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ये जानने का अधिकार वोटरों को है कि किसने किस पॉलिटिकल पार्टी को पैसे दिए हैं."
एजेंसियों के दुरुपयोग का सवाल
इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी सार्वजनिक होने के बाद कई पैटर्न सामने आए हैं जिनको लेकर केंद्र सरकार और बीजेपी की कड़ी आलोचना हो रही है.
इन पैटर्न्स के मुताबिक़ कई निजी कंपनियों पर ईडी, सीबीआई या इनकम टैक्स विभाग की कार्रवाइयां हुईं और उसके बाद उन्होंने बीजेपी को करोड़ों रुपए के इलेक्टोरल बॉन्ड चंदे में दिए.
ऐसे पैटर्न भी हैं कि कंपनियों ने पहले चुनावी बॉन्ड दिए और बाद में उन पर जांच एजेंसियों की कार्रवाई हुई. विपक्षी पार्टियों ख़ासकर कांग्रेस का कहना है कि इलेक्टोरल बॉन्ड महज़ एक वसूली करने की योजना थी.
एएनआई को दिए इंटरव्यू में प्रधानमंत्री मोदी ने इस मुद्दे पर भी बात की. उन्होंने कहा कि देश में तीन हज़ार कंपनियों ने इलेक्टोरल बॉन्ड दिए हैं जिनमें से 26 कम्पनियाँ ऐसी हैं जिन पर कार्रवाई हुई है.
उन्होंने कहा, "तीन हज़ार डोनर हैं उसमें से सिर्फ़ 26 और उनमें से 16 कम्पनियाँ ऐसी थीं...छापा जब लगा..उस समय बॉन्ड ख़रीदा. कोई जोड़ सकता है इसको. अगर बॉन्ड खरीदा... लोग ये जोड़ रहे हैं... उसकी विशेषता ये है कि ये जो 16 कंपनियों ने बॉन्ड ख़रीदा उसमें से 37 पैसा अमाउंट बीजेपी को डोनेशन में मिला है. 63 पर्सेंट बीजेपी के विरोधी पार्टियों को मिला है."
मोदी ने कहा, "इसका मतलब की 63 पर्सेंट पैसा विपक्ष के पास जाए और आप आरोप हम पर लगाएं...लेकिन उनको गोलमोल बोलना है और भाग जाना है."
अंजलि भारद्वाज कहती हैं, "सीधी से बात है कि जो सारी ये कम्पनियाँ हैं जिनके ऊपर रेड चल रहे थे ईडी, सीबीआई या आईटी डिपार्टमेंट के इन्होंने बीजेपी को जो पैसे दिए हैं उस पर ये सवाल उठ रहा है कि क्या वो पैसे वसूली के रूप में आए? क्या उन पर रेड इसलिए हुए ताकि वसूली की जा सके. या जिनके ऊपर पहले से रेड चल रही थी क्या उन्होंने इलेक्टोरल बॉन्ड के ज़रिये पैसे देकर कार्रवाई और जाँच बंद कराने की कोशिश की."
भारद्वाज कहती हैं कि समझने की बात ये है कि और उन कंपनियों ने किसी विपक्षी पार्टी को पैसे दिए हों या न दिए हों या क्विड प्रो क्वो (कुछ पाने के एवज़ में कुछ देना) हुआ हो वो जांच का विषय है लेकिन जो बीजेपी के ऊपर जांच का विषय बनता है वो इसलिए बनता है कि वो केंद्र में सत्ताधारी पार्टी है और उनके पास ताक़त है कि वो इन सब जाँच एजेंसियों पर प्रभाव डाल सके.
वे कहती हैं, "तो चाहे बीजेपी को 37 या 40 फ़ीसदी के क़रीब पैसा ही मिला हो लेकिन वो जो पैसा मिला है क्या वो वसूली का था या जाँच पर प्रभाव डालने के लिए दिया गया ये सवाल बनता है. किसी और पार्टी को कंपनियों ने कितने भी पैसे दिए हों उससे इस सवाल का जवाब नहीं मिलता. जब जाँच होगी तो कंपनियों ने बीजेपी को पैसे दिए हैं, किस समय पर दिए हैं ये सब पता चलेगा."
यहाँ ये याद रखना ज़रूरी है कि 30 चरणों में 2018 से 2024 के बीच 16,518 करोड़ रुपए के इलेक्टोरल बॉन्ड बेचे गए जिसमें से क़रीब 25 करोड़ रुपए के बॉन्ड ऐसे थे जो भुनाए नहीं गए.
हाल में सार्वजनिक की गई जानकारियों से पता चला कि बीजेपी को सबसे ज़्यादा छह हज़ार साठ करोड़ रुपए के बॉन्ड मिले.
क़रीब 1609 करोड़ रुपए के बॉन्ड तृणमूल कांग्रेस को, 1421 करोड़ रुपए के बॉन्ड कांग्रेस, 1214 करोड़ रुपए के बॉन्ड भारत राष्ट्र समिति और 775 करोड़ रुपए के बॉन्ड बीजू जनता दल को मिले. (bbc.com/hindi)
नई दिल्ली, 17 अप्रैल । टीवी9 भारतवर्ष, पोलस्ट्रैट और पीपुल्स इनसाइट्स द्वारा कराए गए एक जनमत सर्वेक्षण के अनुसार, भाजपा के नेतृत्व वाले राजग को 360 से अधिक सीटों के साथ तीसरी बार आसानी से सत्ता में आने की उम्मीद है, जबकि इंडिया गठबंधन इस संख्या के केवल एक तिहाई के साथ पीछे रहेगा।
25 लाख उत्तरदाताओं के नमूना आकार के साथ 7 से 13 अप्रैल के बीच किए गए सर्वेक्षण के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले एनडीए को 362 सीटों के साथ समाप्त होने का अनुमान है, जबकि इंडिया गठबंधन को सिर्फ 120 सीटें मिलेंगी।
सर्वेक्षण यह भी संकेत देता है कि भाजपा उत्तर प्रदेश के महत्वपूर्ण क्षेत्र में अपनी प्रधानता बनाए रखेगी, 80 में से 64 सीटें जीतेगी, जबकि समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस को ज्यादा बढ़त मिलने की संभावना नहीं है।
हालांकि, महाराष्ट्र में प्रतिस्पर्धा, जो अपनी 48 सीटों के साथ दूसरा सबसे बड़ा युद्धक्षेत्र है, भाजपा, शिवसेना और राकांपा की महायुति के साथ अधिक समान दिखती है, जिसमें 28 सीटें मिलने की संभावना है, जबकि एमवीए, जिसमें शिव शामिल हैं। शेष 20 सीटें सेना-यूबीटी, एनसीपी-एसपी और कांग्रेस के जीतने की संभावना है।
(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 17 अप्रैल । दिल्ली पुलिस अधिकारियों के सात बच्चों ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सेवा परीक्षा में सफलता हासिल की है।
इस उपलब्धि की दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने प्रशंसा की। उन्होंने कामयाब बच्चों को मंगलवार को एक्स पर बधाई दी।
पुलिस कमिश्नर ने एक्स पर पोस्ट किया, "#यूपीएससी2024 परीक्षा में सफलता हासिल करने के लिए दिल्ली पुलिस परिवार के बच्चों और दोस्तों को बहुत-बहुत बधाई।"
दिल्ली पुलिस परिवार के सफल उम्मीदवारों में सृष्टि डबास शामिल हैं, जिन्होंने रैंक 6 हासिल की; रूपल राणा (रैंक 26), मनोज कुमार (रैंक 120), रिदम आनंद (रैंक 142), बुद्धि अखिल (रैंक 321), उदित कादियान (रैंक 375), और नमन जैन (रैंक 676)।
यूपीएससी ने मंगलवार को सिविल सेवा परीक्षा 2023 के नतीजों की घोषणा की, जिसमें आदित्य श्रीवास्तव ने शीर्ष स्थान हासिल किया।
यूपीएससी के अनुसार, कुल 180 उम्मीदवारों को भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), 200 उम्मीदवारों को भारतीय पुलिस सेवा (आईपीसी) और 37 उम्मीदवारों को भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) के लिए चुना गया है।
(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 17 अप्रैल । अंडमान निकोबार द्वीप समूह में बुधवार सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.8 मापी गई है।
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (एनसीएस) के मुताबिक, बुधवार सुबह 4:31 बजे भूकंप आया, जो 35 किमी की गहराई में था।
इससे पहले रात 12:18 बजे उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में 2.8 तीव्रता का भूकंप आया। हालांकि, किसी तरह के जान माल के नुकसान की खबर सामने नहीं आई है।
(आईएएनएस)
रांची, 17 अप्रैल । रांची के जमीन घोटाले मामले में ईडी ने मंगलवार देर रात झामुमो नेता अंतु तिर्की सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया है। इन सभी को आज पीएमएलए कोर्ट में पेश किया जाएगा।
ईडी ने मंगलवार सुबह रांची में चार लोगों के ठिकाने पर छापेमारी की थी। एजेंसी ने देर शाम झामुमो नेता अंतु तिर्की, बिपिन सिंह, प्रियरंजन सहाय और इरशाद का बयान दर्ज किया और इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
इन सभी के ठिकानों से कई दस्तावेज और साक्ष्य हाथ लगे हैं। एजेंसी इन सभी को अदालत में पेश करने के साथ उनसे पूछताछ के लिए रिमांड की मांग करेगी।
इससे पहले मंगलवार को दिन में ईडी ने इस मामले में मो. अफसर अली उर्फ अफ्सू को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार किए गए झामुमो नेता अंतु तिर्की पार्टी के महानगर अध्यक्ष रह चुके हैं।
वर्ष 2019 में उन्होंने झामुमो छोड़कर झारखंड विकास मोर्चा के टिकट से रांची की खिजरी सीट से विधानसभा का चुनाव लड़ा था। वह लंबे समय से जमीन का कारोबार करते रहे हैं।
बता दें कि जमीन घोटाले के इसी मामले में झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन, रांची के पूर्व उपायुक्त छवि रंजन सहित डेढ़ दर्जन से भी ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 17 अप्रैल । देशभर में बुधवार को रामनवमी का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने देशवासियों को रामनवमी की शुभकामनाएं दी।
पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने एक्स अकाउंट पर पोस्ट किया, "देशभर के मेरे परिवारजनों को भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव रामनवमी की अनंत शुभकामनाएं! इस पावन अवसर पर मेरा मन भावविभोर और कृतार्थ है। ये श्रीराम की परम कृपा है कि इसी वर्ष अपने कोटि-कोटि देशवासियों के साथ मैं अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा का साक्षी बना। अवधपुरी के उस क्षण की स्मृतियां अब भी उसी ऊर्जा से मेरे मन में स्पंदित होती हैं।
पीएम मोदी ने एक और पोस्ट करते हुए लिखा, "यह पहली रामनवमी है, जब अयोध्या के भव्य और दिव्य राम मंदिर में हमारे राम लला विराजमान हो चुके हैं। रामनवमी के इस उत्सव में आज अयोध्या एक अप्रतिम आनंद में है। 5 शताब्दियों की प्रतीक्षा के बाद आज हमें ये रामनवमी अयोध्या में इस तरह मनाने का सौभाग्य मिला है। यह देशवासियों की इतने वर्षों की कठिन तपस्या, त्याग और बलिदान का सुफल है।"
पीएम मोदी ने आगे लिखा, "प्रभु श्रीराम भारतीय जनमानस के रोम-रोम में रचे-बसे हैं, अंतर्मन में समाहित हैं। भव्य राम मंदिर की प्रथम रामनवमी का यह अवसर उन असंख्य राम भक्तों और संत-महात्माओं को स्मरण और नमन करने का भी है, जिन्होंने अपना पूरा जीवन राम मंदिर के निर्माण के लिए समर्पित कर दिया।"
मुझे पूर्ण विश्वास है कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का जीवन और उनके आदर्श विकसित भारत के निर्माण के सशक्त आधार बनेंगे। उनका आशीर्वाद आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को नई ऊर्जा प्रदान करेगा। प्रभु श्रीराम के चरणों में कोटि-कोटि नमन और वंदन!
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी देशवासियों को रामनवमी की शुभकामनाएं दी। अमित शाह ने अपने एक्स अकाउंट पर पोस्ट किया, "जय श्री राम! सभी को रामनवमी के पावन पर्व की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का जीवन न्याय, जनकल्याण व स्वाभिमान के लिए संघर्ष का प्रतीक है। प्रभु ने अपने जीवन से सत्य व धर्म के लिए त्याग का सर्वोच्च आदर्श स्थापित कर समूचे विश्व को युगों-युगों तक मार्गदर्शित करने का कार्य किया। इस वर्ष 500 सालों बाद प्रभु का जन्मोत्सव अपने जन्मभूमि के मंदिर में मनाया जाना सारे रामभक्तों के लिए गौरव का विषय है। प्रभु से सभी के कल्याण की प्रार्थना करता हूं।"
बता दें कि पीएम मोदी और अमित शाह के अलावा भी राजनीतिक दलों के नेताओं और अन्य ने देशवासियों को रामनवमी की शुभकामनाएं दी हैं।
(आईएएनएस)
अयोध्या, 17 अप्रैल। अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली बार अयोध्या के राम मंदिर में रामनवमी मनाई जा रही है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया कि श्री रामनवमी की पावन बेला में आज, श्री राम जन्मभूमि मंदिर में प्रभु श्री रामलला सरकार का दिव्य अभिषेक किया गया।
सुबह से ही भक्तों की उमड़ी भीड़ है। रामनवमी के अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु अयोध्या में राम मंदिर में भगवान रामलला के दर्शन करने के लिए पहुंचे हैं। रामनवमी के अवसर पर अयोध्या में राम मंदिर के साथ ही हनुमानगढ़ी में भी बड़ी संख्या में भक्तों की रौनक है।
रामनवमी पर अयोध्या में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर अयोध्या रेंज के आईजी प्रवीण कुमार ने बताया, "व्यवस्था पहले से ही की गई है। हमने इलाकों को दो सेक्टर में बांटा है।"
दर्शन सुबह 3:30 बजे से शुरू हो गए हैं। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने एक्स पर तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा, "श्री रामनवमी की पावन बेला में आज, श्री राम जन्मभूमि मंदिर में प्रभु श्री रामलला सरकार का दिव्य अभिषेक किया गया।"
धर्म के जानकारों का कहना है कि बुधवार दोपहर 12 बजे अभिजीत मुहूर्त में रामलला का 3 मिनट तक सूर्य तिलक होगा। सुबह 3:30 बजे से मंदिर के कपाट खुल गए हैं। हालांकि, आम दिनों में कपाट 6.30 बजे खुलते हैं।
श्रद्धालु रात 11.30 बजे तक (20 घंटे) दर्शन कर सकेंगे। सुबह कपाट खुलने के बाद रामलला का दूध से अभिषेक, फिर श्रृंगार किया गया। इस दौरान भक्त रामलला का दर्शन भी करते रहे। सुबह 5 बजे मंगला आरती हुई। राम जन्मभूमि परिसर में लंबी लाइनें लगी हैं।
राम पथ, भक्ति पथ और जन्मभूमि पथ पर काफी भीड़ है। शयन आरती के बाद रात 11:30 बजे रामलला के कपाट बंद किए जाएंगे।
उधर, रामनवमी पर 40 रामभक्त जयपुर से 700 किलोमीटर पैदल चलकर अयोध्या पहुंचे हैं। रामभक्तों का कहना है कि 21 मार्च को सिर पर 750 ग्राम चांदी की चरण पादुका, अखंड ज्योति और ध्वजा लेकर रवाना हुए थे। हम सभी भगवान का नाम लेते हुए अयोध्या पहुंचे।
आज चरण पादुका को नगर भ्रमण करवाया। हनुमानगढ़ी ले गए। फिर सरयू में स्नान कराया। इसके बाद रामलला को समर्पित करेंगे।
रामलला को आज गुलाबी वस्त्र पहनाए गए हैं। जिस पर सूर्य का चिह्न बना है। उन्हें सोने का मुकुट, हार आदि पहनाया गया है, जिसमें हीरा-पन्ना, माणिक्य, नीलम जैसे रतन जड़े हैं।
रामलला की पूजा में गुलाब, कमल, गेंदा, चंपा, चमेली जैसे फूलों का प्रयोग किया गया है। इन फूलों से बने दिव्य हार भी उनको पहनाए गए हैं।
(आईएएनएस)
गाजियाबाद, 17 अप्रैल। गाजियाबाद में राहुल गांधी और अखिलेश यादव ने बुधवार को एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने भाजपा और पीएम मोदी पर निशाना साधा। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने बेरोजगारी और नौजवानों का मुद्दा उठाया तो राहुल गांधी ने इलेक्टोरल बॉन्ड के मुद्दे पर भाजपा को घेरा।
अखिलेश यादव ने कहा कि आने वाले दिनों में पश्चिम का माहौल बदलने जा रहा है। गाजियाबाद से गाजीपुर तक इंडिया गठबंधन सफाया करने का काम करेगा। आज किसान दुखी है। तमाम जो वादे किए थे, भाजपा की हर बात झूठी निकली। न आय दोगुनी हुई। न नौजवान को नौकरी मिली।
उन्होंने कहा, जो विकास के सपने दिखाए, वो भी अधूरे हैं। नैतिकता का बुलबुला भी फूट गया है। इलेक्टोरल बॉन्ड ने इनका बैंड बजा दिया। भाजपा सभी भ्रष्टाचारियों का गोदाम बन गई है।
अखिलेश ने कहा, ''होर्डिंग देखिए। डबल इंजन की बात करते थे, लेकिन वहां अकेले दिखाई देते हैं। इनके प्रत्याशी होर्डिंग से गायब हैं। चुनाव बाद जो होर्डिंग पर हैं, वो भी गायब हो जाएंगे। चुनाव बाद इनका सफाया होने जा रहा है। इनका एक ही नारा है झूठ बोलने का और लूटने का। लूट और झूठ भाजपा की पहचान बन गई है।''
उन्होंने आगे कहा कि सरकार ने 60 लाख नौजवानों का भविष्य अंधेरे में डाला। भाजपा का 2 लाख 25 हजार वोट हर लोकसभा में कम हुआ है। इसलिए एक भी वोट बंट न पाए। जहां हमें मतदान करना है, वहीं हमें सावधान भी रहना है। तभी भाजपा का सफाया होगा। ये देश का चुनाव है। देश की जनता बदलाव चाहती है। बदलाव की हवा पश्चिम यूपी से चल रही है।
राहुल गांधी ने पहले देशवासियों को रामनवमी की शुभकामनाएं दीं। इसके बाद उन्होंने कहा कि ये चुनाव विचारधारा का चुनाव है। एक तरफ आरएसएस, भाजपा है जो संविधान को खत्म करने की कोशिश कर रही है। दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन है जो लोकतंत्र और संविधान की रक्षा कर रहा है। चुनाव में दो-तीन बड़े मुद्दे हैं।
प्रमुख मुद्दे बेरोजगारी, महंगाई, भागीदारी हैं। कभी प्रधानमंत्री समुद्र के नीचे चले जाते हैं, कभी सी प्लेन पर चले जाते हैं। मगर मुद्दों पर न प्रधानमंत्री और न भाजपा बात करती है। कुछ दिन पहले पीएम मोदी ने समाचार एजेंसी को लंबा इंटरव्यू दिया। स्क्रिप्टेड था, फ्लॉप शो था।
राहुल गांधी ने कहा कि पीएम मोदी ने उस इंटरव्यू में इलेक्टोरल बॉन्ड समझाने की कोशिश की। वे कहते हैं कि ये सिस्टम ट्रांसपेरेंसी के लिए लाया गया है। राजनीति को साफ करने के लिए लाया गया है। अगर ये सच है तो उस सिस्टम को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द क्यों किया?
अगर आप ट्रांसपेरेंसी लाना चाहते हैं तो जिन्होंने भाजपा को हजारों करोड़ दिए, उनका नाम आपने क्यों छुपाया। चंदा देने की तारीखें भी छिपाईं। पता चला है कि हजारों करोड़ का ठेका किसी कंपनी को मिलता है, उसके तुरंत बाद वो कंपनी भाजपा को चंदा देती है।
उन्होंने कहा, सीबीआई, ईडी की कार्रवाई शुरू होते ही कंपनी भाजपा को करोड़ों रुपये देती है। उसके बाद ये कार्रवाई बंद हो जाती है। इसको एक्सटॉर्शन कहते हैं। इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम देश की सबसे बड़ी एक्सटॉर्शन स्कीम है।
राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा को 20 दिन पहले लग रहा था कि 180 तक सीटें तक जाएंगे। अब मुझे लगता है कि भाजपा की 150 तक सीटें ही आएंगी। मुझे हर राज्य से ऐसी ही रिपोर्ट आ रही है।
(आईएएनएस)
नई दिल्ली/अयोध्या, 17 अप्रैल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या के भव्य राम मंदिर में रामलला के विराजमान हो जाने के बाद की पहली रामनवमी की अनंत शुभकामनाएं देते हुए भगवान राम को भारत की आस्था और भारत का आधार बताया है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने 5 शताब्दियों की प्रतीक्षा का जिक्र करते हुए उन असंख्य राम भक्तों और संत-महात्माओं को नमन भी किया, जिन्होंने अपना पूरा जीवन राम मंदिर के निर्माण के लिए समर्पित कर दिया।
रामनवमी के इस पावन पर्व पर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने अयोध्या में विशेष तैयारी की है। अयोध्या में रामलला के मस्तक पर आज अद्भुत सूर्य तिलक किया जाएगा।
वहीं विश्व हिंदू परिषद देशभर में समरस समाज की पुनर्स्थापना के संकल्प के साथ एक लाख से ज्यादा स्थानों पर रामनवमी को लेकर कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन कर रही है।
हिंदू समाज से जुड़ी अन्य कई संस्थाएं भी पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु सहित देश के सभी राज्यों में बड़े पैमाने पर रामनवमी मना रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को रामनवमी की शुभकामनाएं देते हुए एक्स पर पोस्ट कर कहा, "देशभर के मेरे परिवारजनों को भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव रामनवमी की अनंत शुभकामनाएं! इस पावन अवसर पर मेरा मन भावविभोर और कृतार्थ है। ये श्रीराम की परम कृपा है कि इसी वर्ष अपने कोटि-कोटि देशवासियों के साथ मैं अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा का साक्षी बना। अवधपुरी के उस क्षण की स्मृतियां अब भी उसी ऊर्जा से मेरे मन में स्पंदित होती हैं।"
अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर के निर्माण के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित करने वाले व्यक्तियों को नमन करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा, "यह पहली रामनवमी है, जब अयोध्या के भव्य और दिव्य राम मंदिर में हमारे राम लला विराजमान हो चुके हैं। रामनवमी के इस उत्सव में आज अयोध्या एक अप्रतिम आनंद में है। 5 शताब्दियों की प्रतीक्षा के बाद आज हमें ये रामनवमी अयोध्या में इस तरह मनाने का सौभाग्य मिला है। यह देशवासियों की इतने वर्षों की कठिन तपस्या, त्याग और बलिदान का सुफल है। प्रभु श्रीराम भारतीय जनमानस के रोम-रोम में रचे-बसे हैं, अंतर्मन में समाहित हैं। भव्य राम मंदिर की प्रथम रामनवमी का यह अवसर उन असंख्य राम भक्तों और संत-महात्माओं को स्मरण और नमन करने का भी है, जिन्होंने अपना पूरा जीवन राम मंदिर के निर्माण के लिए समर्पित कर दिया।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विकसित भारत के संकल्प का जिक्र करते हुए कहा, "मुझे पूर्ण विश्वास है कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का जीवन और उनके आदर्श विकसित भारत के निर्माण के सशक्त आधार बनेंगे। उनका आशीर्वाद आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को नई ऊर्जा प्रदान करेगा। प्रभु श्रीराम के चरणों में कोटि-कोटि नमन और वंदन!"
रामनवमी के इस पावन पर्व पर अयोध्या में रामलला के मस्तक पर आज अद्भुत सूर्य तिलक किया जाएगा। अयोध्या में भव्य राम मंदिर में रामलला के विराजमान हो जाने के बाद रामनवमी का यह पावन पर्व भव्य अंदाज में मनाया जा रहा है। रामनवमी के दिन दोपहर 12 बजे जब भगवान श्रीराम का जन्म होगा, उसी के बाद उनके माथे पर सूर्य की किरण पड़ेगी यानी अयोध्या के मंदिर में आज भगवान राम के अद्भुत सूर्य तिलक का नजारा देखने को मिलेगा।
भगवान राम का यह सूर्य अभिषेक विज्ञान के फॉर्मूले के तहत किया जा रहा है। इस अद्भुत पल के साक्षी देश के साथ-साथ दुनियाभर में बैठे राम भक्त बनेंगे जो इस नजारे को लाइव देख पाएंगे। वहीं विश्व हिंदू परिषद और हिंदू समाज से जुड़ी अन्य कई संस्थाएं भी देशभर में बड़े पैमाने पर रामनवमी का यह पावन पर्व मना रही है, जिसमें संघ परिवार और भाजपा से जुड़े कार्यकर्ता भी हर्षोल्लास के साथ शामिल हो रहे हैं।
विश्व हिंदू परिषद देशभर में समरस समाज की पुनर्स्थापना के संकल्प के साथ एक लाख से ज्यादा स्थानों पर रामनवमी को लेकर कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन कर रही है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देशवासियों को रामनवमी की शुभकामनाएं देते हुए एक्स पर पोस्ट कर कहा, "जय श्री राम! सभी को रामनवमी के पावन पर्व की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का जीवन न्याय, जनकल्याण व स्वाभिमान के लिए संघर्ष का प्रतीक है। प्रभु ने अपने जीवन से सत्य व धर्म के लिए त्याग का सर्वोच्च आदर्श स्थापित कर समूचे विश्व को युगों-युगों तक मार्गदर्शित करने का कार्य किया। इस वर्ष 500 सालों बाद प्रभु का जन्मोत्सव अपने जन्मभूमि के मंदिर में मनाया जाना सारे रामभक्तों के लिए गौरव का विषय है। प्रभु से सभी के कल्याण की प्रार्थना करता हूं।"
आपको बता दें कि अयोध्या में बने राम मंदिर के बाद अब रामनवमी के त्योहार को लेकर भी देश में राजनीति शुरू हो गई है। लोकसभा चुनाव के लिए चुनाव प्रचार का दौर लगातार जारी है और कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी एवं विपक्षी गठबंधन के अन्य नेता राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के सवाल को उठा कर भाजपा को घेरने का प्रयास कर रहे हैं तो वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत भाजपा के तमाम नेता कांग्रेस द्वारा रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल नहीं होने के लिए सीधे गांधी परिवार को ही घेर रहे हैं और साथ ही हिंदू धर्म और सनातन के विरोध में दिए गए बयानों को लेकर डीएमके सहित पूरे विपक्षी गठबंधन पर निशाना साध रहे हैं।
राजनीतिक विश्लेषक भी यह मान रहे हैं कि लोकसभा चुनाव में राम मंदिर एक बड़ा मुद्दा बनता हुआ नजर आ रहा है।
(आईएएनएस)
कांकेर और नांदगांव दो हिस्सों में बंटा गांव
विशेष रिपोर्ट : प्रदीप मेश्राम
राजनांदगांव, 17 अप्रैल (‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता)। शहर से लगभग 15 किमी दूर स्थित रानीतराई के बाशिंदे 26 अप्रैल को दूसरे चरण के चुनाव में दो लोकसभा सांसदों की किस्मत पर ईवीएम में बटन दबाएंगे।
रानीतराई एक ऐसा गांव हैं, जिसका एक हिस्सा राजनंादगांव और दूसरा हिस्सा कांकेर लोकसभा के अधीन है। इस गांव के मतदाता न सिर्फ बल्कि सभी चुनाव में दो हिस्सों में बंटकर मतदान करते हैं। दिलचस्प बात यह है कि गांव में कई ऐसे पड़ोसी भी हैं, जो राजनांदगांव और कांकेर लोस के लिए वोट डालते हैं।
इन दिनों गांव में चुनावी स्थिति को लेकर ग्रामीणों की आपसी चर्चाएं भी चल रही है। होटल अथवा गांव के चौपाल में उम्मीदवारों को लेकर ग्रामीण तार्किक रूप से सवाल-जवाब कर रहे हैं। यह भी सच है कि ग्रामीणों के दिलो-दिमाग में राजनीतिक दलों की स्थिति को लेकर नाराजगी बसी हुई है।
कांकेर और राजनांदगांव लोकसभा के लिए पिछले आम चुनाव में वोट डालने वाले गांव के मतदाता भाजपा सांसद संतोष पांडे और कांकेर के निवर्तमान सांसद मोहन मंडावी के कार्यशैली से बेहद दुखी हैं। पिछले चुनाव के बाद दोनों ने गांव का रूख नहीं किया।
मतदाता 26 अप्रैल को होने वाले मतदान को लेकर चुप्पी साधे हुए हैं। यानी रानीतराई गांव के बाशिंदों ने चुनाव को लेकर अपना पक्ष साफ नहीं किया है।
गांव के बुजुर्ग बाबूलाल साहू राजनांदगांव लोकसभा के मतदाता हैं। उनका कहना है कि वह सांसद पांडे के कामकाज से खफा हैं। मतदान करने के पूर्व सभी तरह की परिस्थितियों के आधार पर फैसला लेकर वोट करेंगे।
इसी तरह कांकेर लोकसभा के मोहनलाल साहू ने कहा कि गांव के विकास को लेकर कभी भी सांसद मोहन मंडावी ने रूचि नहीं ली। उन्हें कोई पहचानता भी नहीं है। जबकि चुनाव पूर्व कई तरह के वादे किए गए थे।
चंद्रहास साहू का कहना है कि उनके लिए सभी प्रत्याशी समान है, लेकिन वह इस बात को लेकर दुखी हैं कि राजनंादगांव सांसद ने गांव का रूख नहीं किया।
ग्रामीणों को राजनीतिक स्थितियों का बखूबी ज्ञान है। यानी वह अपने क्षेत्रीय विधायक और सांसद की स्थिति को लेकर जानकारी लेते रहे हैं।
राजनांदगांव जिले के रानीतराई और आश्रित ग्राम आलीखूंटा में कुल 1266 मतदाता हैं, जिसमें 639 महिलाएं और 627 पुरूष हैं। वहीं कांकेर लोकसभा के बालोद जिले के रानीतराई में बोईरडीह आश्रित ग्राम है। यहां 1286 मतदाता हैं, जिसमें 651 महिला और 635 पुरूष हैं।
ग्रामीणों की ओर से लोकसभा चुनाव के बीच पूरे गांव को राजनांदगांव जिले में शामिल करने की मांग की है। रानीतराई के ग्रामीण कांकेर की दूरी को लेकर काफी परेशान हैं। उनके लिए राजनांदगांव शहर नजदीक है। गांव में चुनावी शोर एकदम से सुस्त पड़ा हुआ है।
भाजपा-कांग्रेस के दिग्गज नेताओं की अनुपस्थिति में क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि मोर्चा सम्हाले हुए हैं, लेकिन उससे माहौल नहीं बन पाया है।
श्रीनगर, 17 अप्रैल । जम्मू एवं कश्मीर से ग्यारह उम्मीदवारों ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) सिविल सेवा परीक्षा पास की है, जिसके परिणाम मंगलवार को घोषित किए गए।
यूपीएससी द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि इस साल की सिविल सेवा परीक्षा में 1,016 उम्मीदवार उत्तीर्ण हुए हैं, जिसमें उत्तर प्रदेश के आदित्य श्रीवास्तव ने चयन सूची में शीर्ष स्थान हासिल किया।
डोडा जिले की चौबीस साल की अनमोल राठौड़ ने परीक्षा में सातवीं अखिल भारतीय रैंक (एआईआर) हासिल की है।
उन्होंने जम्मू-कश्मीर सिविल सेवा परीक्षा (जेकेसीएसई) 2022 में भी टॉप किया था और वर्तमान में जम्मू में राजस्व प्रशिक्षण संस्थान में प्रशिक्षण ले रही हैं।
अनमोल ने कहा कि उन्होंने कुछ मॉक टेस्ट और यूपीएससी मेन्स टेस्ट सीरीज़ को छोड़कर अपनी पढ़ाई अपने घर से पूरी की।
उन्होंने कहा, "मैंने ऑनलाइन उपलब्ध सामग्री का उपयोग कर खुद ही तैयारी की। मैं कहूंगी कि इस क्षेत्र के युवाओं में बहुत क्षमता है, बशर्ते उनकी ऊर्जा सही दिशा में हो।"
एक अन्य उम्मीदवार, कठुआ जिले के अर्जुन गुप्ता ने चयन सूची में 32वीं रैंक हासिल की है।
श्रीनगर जिले के मनन भट्ट ने इस साल 88वीं रैंक हासिल की। उन्होंने पहले भी 231 रैंक हासिल कर सिविल सेवा परीक्षा के लिए क्वालीफाई किया था। वर्तमान में भट्ट तेलंगाना कैडर में एक आईपीएस अधिकारी हैं।
जम्मू के हरनीत सिंह सूदन ने 177, मोहम्मद हारिस मीर ने 345, मोहम्मद फरहान सेह ने 369, अपराजिता आर्यन ने 381, गुलाम माया दीन ने 388, सुवन शर्मा ने 412, सीरत बाजी ने 516 और दिनेश कुमार ने 1003 रैंक हासिल की है।
(आईएएनएस)
हैदराबाद, 17 अप्रैल। सिविल सेवा परीक्षा में पहला स्थान हासिल करने वाले आदित्य श्रीवास्तव ने मंगलवार को कहा कि आईएएस के लिए चयन होना उनके लिए एक सपने के सच होने जैसा है।
यहां राष्ट्रीय पुलिस अकादमी (एनपीए) में आईपीएस प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे श्रीवास्तव ने कहा कि वह भगवान से प्रार्थना कर रहे थे कि उन्हें शीर्ष 70 में जगह मिले और जब उन्हें पता चला कि वह पहले स्थान पर हैं तो कुछ देर के लिए उन्हें यकीन ही नहीं हुआ।
संघ लोकसेवा आयोग ने मंगलवार को सिविल सेवा परीक्षा 2023 के परिणाम घोषित किए, जिसमें श्रीवास्तव ने पहला स्थान हासिल किया है।
उन्होंने पीटीआई की वीडियो सेवा से कहा, ‘‘आईएएस बनना लंबे समय से सपना था, मैं इसे हकीकत में बदलना चाहता था और इसीलिए मैं एनपीए आने के बाद भी इसमें लगा रहा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ इसकी शुरुआत (सिविल सेवा परीक्षा देने की यात्रा) मेरे जीवन में काफी पहले हो चुकी थी। क्योंकि उत्तर प्रदेश, बिहार में यह एक आम बात है कि लोग आपको सिविल सेवाओं के लिए प्रोत्साहित करते हैं। वह एक शुरुआत थी, उसके बाद आईआईटी और उससे मिले अवसर के कारण मैं कॉरपोरेट सेक्टर में भी गया। लेकिन फिर मैं सिविल सेवाओं के लिए लौट आया।’’
उत्तर प्रदेश के लखनऊ के रहने श्रीवास्तव (27) ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बीटेक की पढ़ाई पूरी की और उनके पास एमटेक की डिग्री भी है। यूपीएससी परीक्षा में उनका वैकल्पिक विषय इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग था।
श्रीवास्तव ने कहा कि परीक्षाओं में सफल होने के लिए निरंतरता व कड़ी मेहनत जरूरी है इसके अलावा पिछले वर्षों के प्रश्नों का विश्लेषण और खुद को इस दिशा में आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करना कुछ ऐसी चीजें हैं जिनकी इस परीक्षा को पास करने के लिए सभी को जरूरत होती है।
उनके पिता एक सरकारी कर्मचारी और माता गृहिणी हैं।
श्रीवास्तव ने कहा कि माता-पिता के सहयोग के बिना इस मंजिल तक पहुंचना संभव नहीं था। (भाषा)
इंदौर (मध्यप्रदेश), 17 अप्रैल। इंदौर जिले में पटाखा कारखाने में हुए विस्फोट में बुरी तरह झुलसे तीन मजदूरों में शामिल 20 वर्षीय युवक एक अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच झूल रहा है, जबकि इस इकाई का संचालक घटना के बाद फरार हो गया है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
चोइथराम हॉस्पिटल के उप निदेशक (स्वास्थ्य सेवाएं) डॉ. अमित भट्ट ने ‘‘पीटीआई-भाषा’’ को बताया कि पटाखा कारखाने में हुए विस्फोट में गंभीर रूप से घायल रोहित परमानंद (20) घटना के बाद से सदमे में है और उसे जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया है।
उन्होंने बताया कि पटाखा कारखाने में हुए विस्फोट में बुरी तरह झुलसे दो अन्य मजदूरों-अर्जुन राठौर (27) और उमेश चौहान (29) की हालत इलाज के दौरान स्थिर बनी हुई है।
पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) उमाकांत चौधरी ने बताया कि पटाखा कारखाने के संचालक मोहम्मद शाकिर खान के खिलाफ विस्फोटक अधिनियम के साथ ही भारतीय दंड संहिता की धारा 308 (मानव वध का प्रयास) के तहत महू थाने में मामला दर्ज किया गया है।
उन्होंने बताया कि पटाखा कारखाने में विस्फोट के बाद से खान फरार है और पुलिस के अलग-अलग दल उसकी तलाश कर रहे हैं।
चौधरी ने बताया कि इंदौर शहर से करीब 25 किलोमीटर दूर जंगली इलाके में एक खेत में चलाए जा रहे कारखाने में मंगलवार को रस्सी बम बनाए जाने के दौरान विस्फोट हुआ था।
अनुविभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) चरणजीत सिंह हुड्डा ने बताया कि ‘‘अली फायर वर्क्स’’ नाम की कंपनी का मालिक मोहम्मद शाकिर खान इस कारखाने को संचालित करता था।
उन्होंने बताया, ‘‘ कारखाने में एक बार में केवल 15 किलोग्राम बारूद रखने की मंजूरी दी गई थी, लेकिन घटनास्थल का मुआयना करने के बाद पता चला कि वहां इससे काफी ज्यादा मात्रा में बारूद रखा गया था।’’ (भाषा)
नयी दिल्ली, 17 अप्रैल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को देशवासियों को रामनवमी की शुभकामनाएं दीं और कहा कि अयोध्या नगरी अतुलनीय आनंद में है क्योंकि वहां राम मंदिर बनने के बाद यह पहली रामनवमी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट में कहा, ‘‘अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली रामनवमी एक मील का पत्थर है जो सदियों की भक्ति को आशा और प्रगति के एक नए युग से जोड़ती है। यह वह दिन है जिसका करोड़ों भारतीयों को इंतजार था।''
उन्होंने कहा कि यह देशवासियों की वर्षों की मेहनत और बलिदान का फल है।
रामनवमी का त्योहार भगवान राम के जन्मोत्सव पर मनाया जाता है और हाल ही में उसी स्थान पर राम मंदिर का निर्माण किया गया है जहां ऐसी मान्यता है कि भगवान राम का जन्म हुआ था।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ''प्रभु श्री राम का आशीर्वाद हम पर हमेशा बना रहे और हमारे जीवन को ज्ञान और साहस से रोशन करते हुए हमें धर्म और शांति की ओर ले जाए।''
मोदी ने कहा कि इस पावन अवसर पर ‘‘मेरा मन भावविभोर और कृतार्थ है। ये श्रीराम की परम कृपा है कि इसी वर्ष अपने देशवासियों के साथ मैं अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा का साक्षी बना। उस क्षण की स्मृतियां अब भी उसी ऊर्जा से मेरे मन में बसी हैं।’’
प्रधानमंत्री ने कहा, ''भगवान राम भारतीयों के रोम-रोम में बसे हैं। रामनवमी उन असंख्य राम भक्तों और संत-महात्माओं को स्मरण और नमन करने का भी दिन है, जिन्होंने अपना पूरा जीवन राम मंदिर के निर्माण के लिए समर्पित कर दिया।''
उन्होंने कहा, ''मुझे पूर्ण विश्वास है कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का जीवन और उनके आदर्श विकसित भारत के निर्माण का सशक्त आधार बनेंगे। उनका आशीर्वाद आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को नई ऊर्जा प्रदान करेगा।'' (भाषा)
गाजियाबाद, 17 अप्रैल। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को आरोप लगाया कि चुनावी बॉण्ड योजना दुनिया की सबसे बड़ी वसूली योजना है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 'भ्रष्टाचार के चैंपियन' हैं।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने यह दावा भी किया कि इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की 150 से आधिक सीट नहीं आ रही हैं।
अखिलेश यादव ने कहा कि इस लोकसभा चुनाव में भाजपा का गाजियाबाद से गाजीपुर तक सफाया हो जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि 'एनडीए' (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ) को 'पीडीए' (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) हराएगा।
राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हालिया साक्षात्कार का हवाला देते हुए कहा, "प्रधानमंत्री ने कहा कि चुनावी बॉण्ड योजना राजनीति को साफ करने के लिए लायी गई थी। अगर ऐसा है तो उच्चतम न्यायालय ने इसे रद्द क्यों किया?"
उन्होंने आरोप लगाया, "चुनावी बॉण्ड योजना दुनिया की सबसे बड़ी वसूली योजना है। प्रधानमंत्री चाहे भी कितनी भी सफाई दे दें, लोग जानते हैं कि वह भ्रष्टाचार के चैंपियन हैं।"
उन्होंने कहा कि असल मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश की जा रही है। (भाषा)
बेंगलुरु,17 अप्रैल। कांग्रेस नेता राहुल गांधी पार्टी उम्मीदवारों के पक्ष में बुधवार को कर्नाटक के मांड्या और कोलार में जनसभाओं को संबोधित करेंगे।
कांग्रेस सूत्रों के अनुसार वह करीब 1:20 बेंगलुरु पहुंचेंगे, जहां से वह हेलीकॉप्टर से मांड्या जाएंगे और करीब 2:10 बजे चुनावी रैली को संबोधित करेंगे। इसके बाद वह करीब चार बजे होने वाली जनसभा को संबोधित करने के लिए कोलार रवाना हो जाएंगे।
कर्नाटक में दो चरण में चुनाव होंगे। मांड्या और कोलार दोनों में पहले चरण में मतदान होगा। राज्य की 14 सीट पर 26 अप्रैल को पहले चरण में वोट डाले जाएंगे जबकि दूसरे चरण में सात मई को शेष सीटों पर वोटिंग होगी।
एक महीने पहले चुनाव कार्यक्रम की घोषणा होने के बाद गांधी की राज्य की यह पहली यात्रा है। मांड्या और कोलार में कांग्रेस का मुकाबला भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सहयोगी दल जनता दल (सेक्युलर) से है।
मांड्या में जद (एस) के नेता एचडी कुमारस्वामी और 'स्टार चंद्रू' के नाम से मशहूर कांग्रेस के वेंकटरमणे गौड़ा के बीच मुकाबला है, वहीं कोलार में कांग्रेस के केवी गौतम और जद(एस) के उम्मीदवार एम. मल्लेश बाबू आमने-सामने होंगे। (भाषा)
रांची, 17 अप्रैल। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और अन्य के खिलाफ दर्ज धनशोधन मामले में चार और लोगों को गिरफ्तार किया है। आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत हिरासत में लिए गए लोगों की पहचान अंतु तिर्की, प्रिय रंजन सहाय, बिपिन सिंह और इरशाद के रूप में हुई है।
ईडी ने मंगलवार को यहां तिर्की और कुछ अन्य लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की थी।
ईडी द्वारा चार और लोगों को गिरफ्तार किये जाने के बाद इस मामले में अब तक कुल आठ लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
ईडी ने जनवरी में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के कुछ ही देर बाद सोरेन (48) को गिरफ्तार कर लिया था।
वह फिलहाल रांची के होटवार में स्थित बिरसा मुंडा जेल में न्यायिक हिरासत में हैं। प्रसाद और मोहम्मद सद्दाम हुसैन को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।
मुख्य आरोपी व राजस्व विभाग के पूर्व उप-निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद, मोहम्मद सद्दाम हुसैन और अफसर अली को भी गिरफ्तार किया गया है।
सोरेन के खिलाफ जांच रांची में 8.86 एकड़ जमीन से संबंधित है। ईडी ने आरोप लगाया है कि पूर्व मुख्यमंत्री ने अवैध रूप से यह जमीन हासिल की थी।
एजेंसी ने 30 मार्च को यहां एक विशेष पीएमएलए अदालत के समक्ष प्रसाद, हेमंत सोरेन, उनके सहयोगियों राज कुमार पाहन और हिलरिया कछप तथा राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बिनोद सिंह के कथित सहयोगी के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था।
ईडी ने रांची में स्थित जमीन भी कुर्क कर ली है और अदालत से भूखंड को जब्त करने का अनुरोध किया है।
झारखंड पुलिस द्वारा राज्य सरकार के अधिकारियों समेत कई लोगों के खिलाफ जमीन घोटाले में प्राथमिकी दर्ज करने के बाद इस मामले में धनशोधन की जांच शुरू की गई थी। (भाषा)
मुंबई, 17 अप्रैल। निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक दलों को चुनाव प्रचार में इस्तेमाल किए जा रहे विमान और हेलीकॉप्टर का विवरण साझा करने का निर्देश दिया है।
मुंबई के उप-निर्वाचन अधिकारी तेजस समेल ने इस संबंध में 12 अप्रैल को एक पत्र जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि दलों को अपनी यात्रा से तीन दिन पहले ऐसी जानकारी जिला निर्वाचन कार्यालय को देनी होगी लेकिन बाद में इस अवधि को घटाकर 24 घंटे कर दिया गया।
समेल ने मंगलवार रात ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हम 17 अप्रैल को एक संशोधित पत्र भेज रहे हैं, जिसके तहत राजनीतिक दलों को तीन दिन के बजाय अपनी यात्रा से 24 घंटे पहले हमारे साथ विवरण साझा करना होगा।''
उन्होंने कहा कि इस विवरण में यात्रा करने वाले लोगों की जानकारी शामिल होनी चाहिए।
पत्र में कहा गया कि यह जानकारी आदर्श आचार संहिता के तहत मांगी गई है जिसे निर्वाचन आयोग को भेजा जायेगा।
महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीट पर 19 अप्रैल से 20 मई के बीच पांच चरणों में मतदान होगा। (भाषा)
वाशिंगटन, 17 अप्रैल। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने आतंकवादियों को मारने के लिए सीमा पार करने संबंधी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के कथित बयानों पर कहा कि अमेरिका इस मसले में बीच में नहीं पड़ेगा लेकिन उसने ‘‘भारत और पाकिस्तान को तनाव बढ़ाने से बचने और बातचीत के माध्यम से समाधान तलाशने’’ का अनुरोध किया है।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने मंगलवार को संवाददाताओं से बातचीत में यह बात कही। उनसे आतंकवादियों के सफाए के लिए अन्य देशों में भारत के कथित अभियानों के बारे में प्रश्न पूछा गया था।
यह पूछे जाने पर कि क्या मोदी और सिंह की टिप्पणियों को कनाडा में (खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह) निज्जर की कथित हत्या, (घोषित आतंकवादी गुरपतवंत सिंह) पन्नू की न्यूयॉर्क में हत्या की साजिश और पाकिस्तान में हत्याओं के संदर्भ में ‘‘इकबालिया बयान’’ के रूप में देखा जा सकता है, इसपर मिलर ने कहा कि अमेरिका इस मसले में नहीं पड़ेगा।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘अमेरिका इसमें नहीं पड़ेगा लेकिन हम भारत और पाकिस्तान दोनों को तनाव से बचने और बातचीत के माध्यम से समाधान तलाशने का आग्रह करते हैं।’’
अमेरिका ने इस मामले में भारत पर प्रतिबंध लगाने के संबंध में विचार क्यों नहीं किया, इस प्रश्न के उत्तर में मिलर ने कहा,‘‘ मैं प्रतिबंधों के बारे में कुछ नहीं कहूंगा। अगर आप प्रतिबंधों के बारे में मुझसे पूछते हैं तो मेरा जवाब है कि हम इस पर सार्वजनिक तौर पर बात नहीं करते....।’’
दरअसल इस महीने की शुरुआत में रक्षा मंत्री सिंह ने सीमा पार आतंकवाद से निपटने के लिए भारत के दृढ़ रुख का जिक्र करते हुए कहा था कि यदि आतंकवादी भारत में शांति भंग करने या आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने की कोशिश करते हैं तो उन्हें करारा जवाब दिया जाएगा और अगर वे पाकिस्तान भाग जाते हैं तो भारत पड़ोसी देश में घुस कर उन्हें मारेगा।
हाल ही में ब्रिटेन के अखबार ‘द गार्डियन’ ने अपनी एक खबर में कहा था कि भारतीय खुफिया एजेंसियों ने 2019 के बाद से राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति कठोर रुख अपनाते हुए पाकिस्तान में आतंकवादियों की हत्याएं कीं हैं। रक्षा मंत्री से इसी संबंध में प्रश्न किया गया था।
प्रधानमंत्री मोदी ने भी सीमा पार आतंकवाद से निपटने के लिए कथित तौर पर इसी प्रकार की कार्रवाई की बात कई बार दोहराई है। (भाषा)
गाजियाबाद, 16 अप्रैल। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में मोटरसाइकिल सवार दो हमलावरों ने मंगलवार अपराह्न यहां जिला सहकारी बैंक के पास राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के एक स्थानीय नेता पर गोलियां चलाईं। पुलिस ने यह जानकारी दी।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि रालोद नेता लोकेश चौधरी (37) को एक निजी अस्पताल ले जाया गया जहां उनका इलाज जारी है। चौधरी रालोद के टिकट पर निकाय चुनाव लड़ चुके हैं।
पुलिस अधिकारी ने कहा कि इस घटना के सिलसिले में पुलिस की चार टीम तैनात की गई हैं। उन्होंने कहा कि इलाके के सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है। (भाषा)
छत्रपति संभाजीनगर (महाराष्ट्र), 16 अप्रैल। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने मंगलवार को वंचित बहुजन आघाडी (वीबीए) नेता प्रकाश आंबेडकर को अपनी पार्टी का समर्थन देने की घोषणा की।
आंबेडकर अकोला लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं।
एआईएमआईएम और वीबीए ने 2019 के लोकसभा चुनावों के लिए गठबंधन किया था, लेकिन उस साल के अंत में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के दौरान यह गठबंधन टूट गया था।
ओवैसी ने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि दलितों को नेतृत्व मिलना चाहिए। मैं अकोला में एआईएमआईएम टीम से प्रकाश आंबेडकर को वोट देने की अपील करता हूं।’’ (भाषा)
भुवनेश्वर, 16 अप्रैल। संबलपुर के भाजपा सांसद नितेश गंगा देव की पत्नी अरुंधति देवी और उनके बेटे नमन गंगा देव ओडिशा में सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) में मंगलवार को शामिल हो गए और उन्होंने यहां मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से मुलाकात की।
पश्चिमी ओडिशा के देवगढ़ के पूर्व शाही परिवार से ताल्लुक रखने वाले गंगा देव को संबलपुर लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी का टिकट नहीं मिला और उन्हें किसी विधानसभा क्षेत्र से भी टिकट नहीं दिया गया। पार्टी ने यहां से केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को टिकट दिया है।
बीजद सूत्रों ने कहा कि अरुंधति देवी को देवगढ़ विधानसभा सीट से पार्टी का टिकट मिल सकता है।
नितेश गंगा देव ने 2004 और 2014 में क्रमशः कांग्रेस और भाजपा के टिकट पर देवगढ़ विधानसभा सीट जीती थी। (भाषा)
चाईबासा (झारखंड), 16 अप्रैल। झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले में एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी और दो नाबालिग बेटियों की कथित तौर पर कुल्हाड़ी मारकर हत्या कर दी। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
आरोपी व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया है और वारदात के दौरान वह कथित तौर पर नशे में था।
घटना सोमवार और मंगलवार की मध्यरात्रि मुफस्सिल थाना क्षेत्र के लुदराबासा गांव में हुई।
पुलिस ने बताया कि गुरुचरण पाडिया की शराब पीने की आदत को लेकर उसमें और उसकी पत्नी जानो में अक्सर झगड़ा होता रहता था।
पुलिस ने कहा कि मंगलवार को देर रात लगभग ढाई बजे उनके बीच किसी मुद्दे पर झगड़ा हुआ और गुस्से में पाडिया ने एक कुल्हाड़ी उठाई और अपनी पत्नी तथा पांच साल व एवं साल की बेटियों की हत्या कर दी।
उन्होंने बताया कि शवों को पोस्टमार्टम के लिये भेजा गया है। (भाषा)
लोकसभा चुनाव 2024 की पहली वोटिंग 19 अप्रैल को होनी है.
मगर सबसे ज़्यादा सीटों वाले उत्तर प्रदेश की दो चर्चित सीटों पर बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने ही अपने उम्मीदवारों का एलान नहीं किया है.
कैसरगंज और रायबरेली सीटों पर बीजेपी और कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों का एलान नहीं किया है.
हिंदुस्तान टाइम्स की ख़बर के मुताबिक़, इन सीटों पर 20 मई को चुनाव होने हैं. नामांकन दाखिल करने की आख़िरी तारीख़ तीन मई है.
रायबरेली से गांधी परिवार चुनाव लड़ता रहा है. मगर इस बार सोनिया गांधी ने रायबरेली से चुनाव नहीं लड़ने का फ़ैसला किया है. 2014, 2019 में भी इस सीट पर बीजेपी कांग्रेस को हरा नहीं सकी थी.
बीजेपी संभवत: कांग्रेस के उम्मीदवार के नाम का एलान किए जाने की प्रतीक्षा कर रही है.
यूपी कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता मनीष हिंदवी ने कहा- कांग्रेस आलाकमान सही वक़्त आने पर इस बारे में फैसला लेगी, पार्टी ने चुनावों की तैयारी शुरू कर दी है.
वहीं कैसरगंज सीट पर बीजेपी के बृजभूषण शरण सिंह सांसद रहे हैं. बीते महीनों में उन पर महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे.
इस सीट पर बृजभूषण शरण की मज़बूत पकड़ बताई जाती है. मगर बीजेपी ने अब तक इस सीट पर अपने उम्मीदवार के नाम का एलान नहीं किया है.
बसपा और सपा ने भी इस सीट पर अपने उम्मीदवार का नाम नहीं बताया है.
माना जा रहा है कि ये सभी दल बीजेपी के फ़ैसले के बाद ही कदम उठाएंगी. वैसे यूपी की एक चर्चित सीट अमेठी भी है, जहां से राहुल गांधी साल 2019 में स्मृति इरानी के ख़िलाफ़ हार गए थे.
इन चुनावों में बीजेपी ने स्मृति इरानी को फिर टिकट दिया है. मगर कांग्रेस ने इस सीट पर अपने उम्मीदवार के नाम का एलान नहीं किया है. (bbc.com/hindi)