राजनीति
नई दिल्ली, 24 दिसंबर | केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर तंज कसते हुए गुरुवार को कहा कि "उनकी बातों को कांग्रेस भी गंभीरता से नहीं लेती।" नए कृषि और किसान आंदोलन को लेकर राहुल गांधी द्वारा केंद्र सरकार की आलोचना किए जाने के संबंध में यहां संवाददाताओं एक सवाल पर केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा, "राहुल गांधी जो कुछ बोलते हैं, उसको कांग्रेस भी गंभीरता से नहीं लेती। देश का तो सवाल ही नहीं उठता है।"
उन्होंने यह बात यहां कृषि भवन में उनसे मिलने आए किसानों के एक संगठन से मिलने के बाद कही। उत्तर प्रदेश के बागपत से किसान मजदूर संघ का एक प्रतिनिधिमंडल गुरुवार को केंद्रीय कृषि मंत्री से मिला और केंद्र सरकार द्वारा लागू नए कृषि कानूनों का समर्थन किया।
तोमर ने संवाददाताओं के सवाल का जवाब देते हुए आगे कहा, "आज जब वह (राहुल गांधी) राष्ट्रपति के पास विरोध व्यक्त करने गए, तब मैंने इन किसानों से पूछा तो इन्होंने कहा कि कांग्रेस का कोई आदमी इनसे दस्तखत कराने नहीं आया और किसी किसान ने दस्तखत नहीं की है।"
उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, "अगर राहुल गांधी को किसानों की इतनी चिंता थी तो जब उनकी सरकार थी, तब वह सरकार के माध्यम से कुछ न कुछ कर सकते थे। कांग्रेस का हमेशा से चरित्र किसान विरोधी रहा है।"
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा, "ये तीनों बिलों (केंद्र सरकार द्वारा लागू तीन कृषि कानून) के बारे में 2019 के घोषणापत्र में राहुल गांधी ने कहा था कि हम सरकार में आएंगे तो एपीएमसी को खत्म करेंगे और बिना टैक्स के किसानों की फसलों की खरीद हो यह सुनिश्चित करेंगे। कांट्रैक्ट फार्मिग को बढ़ावा दिया जाएगा और आवश्यक वस्तु अधिनियम को समाप्त करके उसको नया बनाया जाएगा।"
तोमर ने सवालिया लहजे में कहा, "अब मैं राहुल गांधी को कहना चाहता हूं कि 2019 में आपने जब अपना घोषणापत्र जारी किया उस समय आप झूठ बोल रहे थे या आप आज झूठ बोल रहे हैं। यह कांग्रेस को स्पष्ट करना चाहिए।"
इससे पहले, राहुल गांधी ने किसानों के मसले को लेकर गुरुवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की। उनके साथ कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद और अधीर रंजन चौधरी भी थे।
राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने कहा कि केंद्र सरकार का रवैया किसान विरोधी है। केंद्र सरकार द्वारा लागू कृषि कानूनों को किसान के लिए नुकसानदेह करार देते हुए उन्होंने कहा, "भारत के किसान ऐसी त्रासदी से बचने के लिए कृषि-विरोधी कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। इस सत्याग्रह में हम सबको देश के अन्नदाता का साथ देना होगा।" (आईएएनएस)
भागलपुर, 24 दिसंबर | बिहार में विपक्षी दलों के महागठबंधन में शामिल कांग्रेस ने गुरुवार को हाल के दिनों के केंद्र सरकार के बनाए गए कृषि कानूनों को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। कांग्रेस का आरोप है कि केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानून देश के अन्नदाताओं का हक छीनकर उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए हैं। बिहार युवक कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और हाल में हुए विधानसभा चुनाव में सुल्तानगंज से महागठबंधन के प्रत्याशी ललन कुमार ने सुल्तानगंज में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र की राजग सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानून के खिलाफ करोड़ों किसान कंपकंपाती ठंड में जीविका बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के साथ हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में महागठबंधन अन्नदाता किसानों के साथ चट्टानी एकता के साथ खड़ा है।
ललन कुमार ने कहा कि, "सरकार कह रही है कि निजी क्षेत्र के आने से किसानों को लंबे समय में फायदा होगा। यह दीर्घकालिक नीति है तो सबसे बड़ा उदाहरण तो हमारा राज्य बिहार है, जहां की सरकार ने मंडी व्यवस्था को 2006 में ही खत्म कर दिया था।"
उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि आज बिहार को इससे क्या लाभ हुआ। उन्होंने कहा कि बिहार में कितना निवेश आया? किसानों को क्यों आज सबसे कम दाम पर फसल बेचनी पड़ रही है ?
उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 में बिहार में गेहूं के कुल उत्पादन का मात्र एक प्रतिशत ही सरकारी खरीद हो पाई। पंजाब में धान की एमएसपी 1883 रुपए प्रति क्विंटल है, जबकि बिहार में कोई धान को 1200 क्विंटल तक में खरीदने को तैयार नहीं है।
उन्होंने सरकार से तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि किसानों के आंदोलन के साथ महागठबंधन के नेता अंतिम समय तक हैं। इस संवाददाता सम्मेलन में महागठबंधन के कई नेता उपस्थित रहे। (आईएएनएस)
भोपाल, 24 दिसंबर | मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश कार्यकारिणी के विस्तार की चर्चाओं ने एक बार फिर जोर पकड़ लिया है, इसकी वजह भी है क्योंकि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा का अचानक दिल्ली दौरा हुआ है, वहीं राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया का भोपाल दौरा हो रहा है। राज्य में प्रदेश अध्यक्ष की कमान संभाले विष्णु दत्त शर्मा को लगभग 10 माह का वक्त गुजर गया है, मगर वे अब तक अपनी कार्यकारिणी का विस्तार नहीं कर पाए हैं, हां पांच महामंत्रियों की नियुक्ति जरुर कर दी है। विस्तार न होने की बड़ी वजह राज्य की सत्ता में बदलाव होना यानि कि भाजपा का फिर सत्ता में लौटना, कोरोना का खतरा बढ़ा और उपचुनाव रहे हैं।
राज्य में उप चुनाव हो चुके हैं और प्रदेश की सरकार पूर्ण बहुमत में आ चुकी है, उसके बाद से कार्यकारिणी के विस्तार की चर्चाएं चल रही हैं। कार्यकारिणी को लेकर प्रदेश अध्यक्ष शर्मा, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और संगठन महामंत्री सुहास भगत के बीच कई दौर की चर्चा हो चुकी है। बुधवार को पार्टी प्रदेशाध्यक्ष शर्मा का अचानक दिल्ली दौरा हुआ और इस दौरे को कार्यकारिणी विस्तार से जोड़कर देखा जा रहा है।
एक तरफ जहां पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शर्मा का दिल्ली दौरा हुआ और उनकी प्रदेश प्रभारी पी मुरलीधर राव सहित कई अन्य नेताओं से मुलाकात हुई, तो वहीं राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया 26 और 27 दिसंबर को राज्य के प्रवास पर आ रहे हैं। इस प्रवास के दौरान सिंधिया 26 दिसंबर को भोपाल में रहेंगे। वे पार्टी के जिलाध्यक्षों के सीहोर में आयोजित प्रशिक्षण वर्ग में हिस्सा लेंगे, वहीं अन्य कार्यक्रमों में भी शरीक होंगे। संभावना इस बात की जताई जा रही है कि सिंधिया की इस प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और संगठन के पदाधिकारियों से अलग बैठक भी हो सकती है।
पार्टी सूत्रों की मानें तो आगामी समय में प्रदेश कार्यकारिणी के होने वाले विस्तार को लेकर सिंधिया के इस दौरे को अहम माना जा रहा है। सिंधिया अपने कुछ लोगों को प्रदेश कार्यकारिणी में स्थान दिलाना चाहते हैं, वही संभावित मंत्रिमंडल विस्तार और निगम मंडलों की नियुक्ति में भी अपने समर्थकों को स्थान दिलाने के प्रयासरत हैं। (आईएएनएस)
लखनऊ, 24 दिसंबर | कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने शुक्रवार को सभी पार्टी पदाधिकारियों को एक जिले में 20 दिन बिताने और पार्टी संगठन को मजबूत करने का निर्देश दिया। प्रियंका ने कहा कि पार्टी संगठन का निर्माण करना हर पदाधिकारी की प्राथमिकता है। साथ ही उन्होंने 3 जनवरी से पदाधिकारियों को जिलों में समय बिताने के लिए कहा।
वस्तुत: उन्होंने यूपी कांग्रेस कार्यकारी समिति को संबोधित करते हुए पार्टी संरचना को मजबूत करने की आवश्यकता को रेखांकित किया।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक पदाधिकारी को एक जिले का प्रभार दिया जाएगा।
हाल के वर्षो में यह संभवत: पहली बार है जब कांग्रेस नेताओं को किसी जिले में 20 दिन बिताने और रिमोट कंट्रोल के माध्यम से ड्यूटी नहीं करने के लिए कहा गया है।
पार्टी के एक पदाधिकारी ने कहा कि एक जिले में एक यूपीसीसी पदाधिकारी की उपस्थिति पार्टी के मनोबल को बढ़ाने का काम कर सकती है।
नेता ने कहा, "मुझे याद नहीं है कि चुनावों को छोड़कर कब कांग्रेस के नेताओं ने देवरिया, मऊ और बस्ती जैसे छोटे जिलों में दो दिन बिताए हों।" (आईएएनएस)
कोलकाता, 24 दिसंबर | पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने गुरुवार को दावा किया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा स्थापित केंद्रीय विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह के अवसर पर विश्व भारती विश्वविद्यालय के अधिकारियों द्वारा आमंत्रित नहीं किया गया। पश्चिम बंगाल के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री ब्रत्य बसु ने कहा कि बनर्जी को शताब्दी समारोह में आमंत्रित नहीं किया गया था। इस कार्यक्रम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअली संबोधित किया था।
बसु ने कहा, "ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री हैं और इस अवसर पर उन्हें आधिकारिक प्रोटोकॉल के तहत आमंत्रित किया जाता है। हमें विश्वविद्यालय के अधिकारियों से कोई आधिकारिक निमंत्रण प्राप्त नहीं हुआ है। क्या राज्य के मुख्यमंत्री के साथ ऐसा व्यवहार किया जाता है?"
कुलपति द्वारा हस्ताक्षरित और मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजे गए पत्र के बारे में पूछे जाने पर मंत्री ने कहा, "क्या उनके पास पत्र की रसीद की प्रति है? कुलपति ने पत्र पर हस्ताक्षर किए और उसे सिर्फ अपने पास रखा।"
इस बीच मुख्यमंत्री ने सुबह विश्व भारती में शताब्दी समारोह के अवसर पर ट्वीट किया और कहा कि शांतिनिकेतन में टैगोर के दर्शन और विचारों को संरक्षित किया जाना चाहिए।
बनर्जी ने कहा, "विश्व भारती विश्वविद्यालय के 100 साल पूरे हो गए हैं। शिक्षा का यह मंदिर रवींद्रनाथ टैगोर का आदर्श मानव बनाने का सबसे बड़ा प्रयोग था। हमें इस महान दूरदर्शी की दृष्टि और दर्शन को संरक्षित करना चाहिए।"
पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के शांतिनिकेतन में स्थित विश्व भारती की स्थापना 1921 में हुई थी और इसे 1951 में संसद के एक अधिनियम द्वारा केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा मिला था। (आईएएनएस)
संदीप पौराणिक
भोपाल, 23 दिसंबर | मध्यप्रदेश में कांग्रेस को विधानसभा में नया नेता प्रतिपक्ष जल्दी ही मिल सकता है, क्योंकि प्रदेश अध्यक्ष कमल नाथ इस पद से मुक्ति चाह रहे हैं। इतना जरूर है कि जो नया नेता प्रतिपक्ष बनेगा वह कमल नाथ की पसंद का ही होगा।
राज्य विधानसभा का तीन दिवसीय सत्र 28 दिसंबर से शुरू होने वाला है, इससे पहले कांग्रेस में नए नेता प्रतिपक्ष की चर्चाएं जोर पकड़े हुए हैं। पार्टी के अंदर तो यह कहा जा रहा है कि वरिष्ठ नेता अहमद पटेल के निधन होने के बाद कमलनाथ की कांग्रेस की केंद्र की राजनीति में भूमिका बढ़ सकती है और उन्हें बड़ी जिम्मेदारी भी पार्टी हाईकमान सौंप सकता है। बीते दिनों कमलनाथ की सोनिया गांधी से हुई मुलाकात को भी इसी से जोड़कर देखा जा रहा है।
नेता प्रतिपक्ष के दावेदारों पर नजर दौड़ाई जाए तो पता चलता है कि पार्टी अनुसूचित जाति वर्ग के नेता पर दाव लगा सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि युवक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पद पर अनुसूचित जनजाति वर्ग से नाता रखने वाले विक्रांत भूरिया चुनाव जीत गए हैं। इससे अनुसूचित जनजाति के वर्ग के नेता बाला बच्चन और डॉ. विजय लक्ष्मी साधो का दावा नेता प्रतिपक्ष के लिए कमजोर पड़ रहा है। इस पद के लिए अनुसूचित जाति वर्ग के सज्जन वर्मा के अलावा डॉ. गोविंद सिंह, हर्ष यादव, बृजेंद्र सिंह राठौर जैसे नेताओं के भी नाम लिए जा रहे हैं।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री पीसी शर्मा का मानना है कि कांग्रेस का नेता प्रतिपक्ष ऐसा होना चाहिए जो जमीन पर लड़ाई लड़ सके।
कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि विधानसभा के सत्र से एक दिन पहले यानि 27 दिसंबर को विधायक दल की नेता प्रतिपक्ष कमल नाथ ने बैठक बुलाई है। इस बैठक में संभव है कि बड़ा फैसला हो जाए।
वहीं राजनीतिक के जानकारों का मानना है कि कांग्रेस के कई नेता चाहते हैं कि कमल नाथ प्रदेशाध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष में से एक कोई पद छोड़ें, ताकि एक पद पर किसी दूसरे नेता को मौका मिल सके। वहीं कमल नाथ भी नेता प्रतिपक्ष का पद छोड़ने का मन बना चुके हैं, इसकी वजह है क्योंकि कमल नाथ प्रदेश संगठन की जिम्मेदारी अपने पास रखते हुए वर्ष 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में बड़ी जिम्मेदारी निभाने के इच्छुक हैं। इसलिए इस बात की संभावना ज्यादा है कि कमल नाथ प्रदेशाध्यक्ष बने रहेंगे और नेता प्रतिपक्ष वहीं बनेगा जिसे कमल नाथ चाहेंगे। (आईएएनएस)
चंडीगढ़, 23 दिसम्बर | भारत में प्रदर्शनकारी किसानों के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए ब्रिटिश लेबर पार्टी के सांसद तनमनजीत सिंह ढेसी ने बुधवार को ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन से किसानों के मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा है। ढेसी ने जॉनसन के अगले महीने निर्धारित भारत दौरे के दौरान अपने भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी के साथ इस मुद्दे को उठाने के लिए भी कहा है।
ब्रिटेन के साउथॉल से सिख सांसद ने प्रधानमंत्री जॉनसन से उनकी जनवरी महीने में निर्धारित भारत यात्रा के दौरान किसानों के विरोध पर अपनी स्थिति को स्पष्ट करने की अपील की है। इसके साथ ही सिख सांसद ने भारतीय प्रधानमंत्री के समक्ष इस बड़े मुद्दे को उठाने और इसके शीघ्र समाधान का आग्रह भी किया।
इससे पहले ढेसी ने संसद में जॉनसन को किसानों के विरोध पर टिप्पणी करने के लिए कहा और उनके खिलाफ कथित बल प्रयोग और मोदी के लिए मौजूदा गतिरोध को शीघ्र हल करने के बारे में अपनी चिंता जाहिर की।
आंदोलित किसान संसद द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग कर रहे हैं और उन्होंने आशंका व्यक्त की है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) प्रणाली समाप्त कर दी जाएगी और वे बड़े कॉर्पोरेट घरानों पर निर्भर होकर रह जाएंगे।
सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि नए कानून किसानों को बेहतर अवसर प्रदान करेंगे। सरकार ने विपक्षी दलों पर किसानों को गुमराह करने का आरोप भी लगाया है। (आईएएनएस)
पटना, 23 दिसंबर | बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को यहां सरदार पटेल भवन स्थित पुलिस मुख्यालय का दौरा करने के बाद कहा कि राज्य में विधि व्यवस्था की स्थिति में और सुधार होगा, उन्हें इसका भरोसा है। उन्होंने कहा कि एक-एक बिंदु पर डिटेल सर्वेक्षण कर रहे हैं, एक-एक चीज को देख रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने पुलिस मुख्यालय का दौरा करने के बाद पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि, "जिसे जो कहना है कहे, कानून व्यवस्था एवं अपराध नियंत्रण पर पूरी मुस्तैदी के साथ काम किया जा रहा है। गृह विभाग एवं पुलिस अधिकारी से इस पर विस्तृत बातचीत हुई है।"
उन्होंने कहा, "पुलिस मुख्यालय रोज आना संभव नहीं हैं, हम कोशिश करेंगे की यहां आते रहें। कई विषयों पर चर्चा की है। हम एकबार विधि व्यवस्था पर पूरी बात कर चुके हैं। हमलोग एक-एक बिंदु पर डिटेल सर्वेक्षण कर रहे हैं और एक-एक चीज को देख रहे हैं।"
उन्होंने आगे कहा, विधि व्यवस्था की स्थिति और इम्प्रूव होगी, ऐसा हमें भरोसा है।
इससे पहले पुलिस अधिकारियों के साथ हुई बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को पुलिस आधुनिकीकरण के लिए विशेष योजना बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से इस मद में प्राप्त होने वाली राशि के अलावा राज्य सरकार भी अपने कोष से अतिरिक्त राशि उपलब्ध कराएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी संवेदनशील स्थलों पर सीसीटीवी कैमरे जल्द से जल्द लगाए जाएं जिससे विधि व्यवस्था की स्थिति में सुधार हो।
बैठक में अपर मुख्य सचिव (गृह) आमिर सुबहानी, पुलिस महानिदेशक एस के सिंघल, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार सहित पुलिस के कई आला अधिकारी उपस्थित थे। (आईएएनएस)
नवनीत मिश्र
नई दिल्ली, 23 दिसंबर | पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(आरएसएस) और भाजपा की समन्वय समिति की महत्वपूर्ण बैठक गुजरात के अहमदाबाद में होने जा रही है। पांच से सात जनवरी के बीच तीन दिनों तक चलने वाली इस बैठक में संघ परिवार से जुड़े तीन दर्जन से अधिक संगठनों के शीर्ष पदाधिकारी हिस्सा लेंगे। इस बैठक में भाजपा संगठन और उसके नेतृत्व में केंद्र से लेकर राज्यों में चल रहे सरकारों के कार्यो की समीक्षा होगी। पश्चिम बंगाल चुनाव की तैयारियों पर भी मंथन होगा। संघ से जुड़े सहयोगी संगठनों के पदाधिकारियों के सुझावों को भी भाजपा नेतृत्व के समक्ष रखा जाएगा।
कोरोना काल में आरएसएस की यह बड़ी बैठक होने जा रही है। चूंकि इस बैठक में संघ परिवार से जुड़े सहयोगी संगठनों के शीर्ष पदाधिकारी ही शामिल होते हैं, ऐसे में इसका आयोजन वर्चुअल नहीं बल्कि पहले की तरह होगा। भाजपा की तरफ से राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और संगठन महामंत्री बीएल संतोष इसमें भाग लेंगे। वहीं केंद्र सरकार के शीर्ष मंत्री भी बैठक में उपस्थिति दर्ज करा सकते हैं। संघ के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने अहमबाद में समन्वय समिति की बैठक के कार्यक्रम की पुष्टि करते हुए कहा कि इसमें संघ परिवार के सभी प्रमुख संगठनों के पदाधिकारी हिस्सा लेंगे।
सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में भाजपा की ओर से संगठनात्मक कार्यो की रिपोर्ट पेश होगी। सरकार की भी उपलब्धियां संघ की समन्वय समिति में बताई जाएंगी। संघ के सभी 36 प्रमुख संगठनों के शीर्ष पदाधिकारी भाजपा के संगठन और सरकार के कामकाज पर अपनी राय रखते हुए सुझाव भी देंगे। मोदी सरकार के लंबित चल रहे मंत्रिमंडल विस्तार पर भी इस बैठक में चर्चा हो सकती है। एक पदाधिकारी के अनुसार, "संघ अपने सभी सहयोगी संगठनों के बीच परस्पर समन्वय पर जोर देता है। इसलिए हर वर्ष समन्वय समिति की बैठक के माध्यम से सभी संगठनों के शीर्ष पदाधिकारियों की मीटिंग होती है। संघ और भाजपा की समन्वय बैठक में जरूरी मुद्दों पर चर्चा होती है। संघ के पदाधिकारी विभिन्न बिंदुओं पर मार्गदर्शन करते हैं।" (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 23 दिसंबर | आम आदमी पार्टी का कहना है कि अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों पर कई झूठे आरोप लगाए गए हैं। आंदोलनकारी किसानों के लिए अश्लील भाषा का इस्तेमाल हो रहा है। आम आदमी पार्टी इसके खिलाफ कोर्ट में जाने वाले किसानों की कानूनी लड़ाई में मदद करेगी। आम आदमी पार्टी के विधायक राघव चड्ढा ने कहा, "इन तीन काले कानूनों की वजह से किसान परेशान हैं, पीड़ा में हैं, आहत हैं। जब देश का किसान अपनी बात रखने के लिए दिल्ली की तरफ बढ़ा, तो उसके साथ दुश्मन की तरह व्यवहार किया गया। किसानों पर आंसू गैस के गोले छोड़े गए, पानी की बौछारें मारी गईं, लाठी-डंडे बरसाए, सड़कें खोद दी गईं। इसके बाद भी हमारे देश के बहादुर किसान दिल्ली की सीमाओं पर आए। किसानों ने शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन शुरू किया, तो किसानों को अपमानित करना शुरू कर दिया गया, उनके लिए अभद्र भाषा का प्रयोग करने लगे।"
राघव चड्ढा ने कहा, "कई नेता किसानों पर लगातार आरोप लगा रहे हैं कि उन्हें कनाडा, पाकिस्तान से फंडिंग हो रही है, किसान खलिस्तानी हैं, किसान आतंकवादी हैं, देश के किसान गुंडे हैं। यहां तक कि बीजेपी के सांसद रमेश बिधूड़ी ने प्र्दशन कर रहे किसान को दलाल करार दे दिया।"
राघव चड्ढा ने आगे कहा, "बहुत सारे किसानों ने भाजपा के इन नेताओं के बयान सुने, जिससे उनकी भावनाएं आहत हुईं और अब किसान इंसाफ चाहते हैं, अब वो इस लड़ाई को सड़क से कोर्ट तक ले जाना चाहते हैं। देश के अलग अलग हिस्सों से किसानों ने हमें संपर्क किया और बताया कि वो इन अपमानों के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाना चाहते हैं।"
आम आदमी पार्टी की तरफ से एक अहम घोषणा करते हुए राघव चड्ढा ने कहा कि देश के किसानों की इस लड़ाई में आम आदमी पार्टी पूरी तरह से उनका सहयोग करेगी। आम आदमी पार्टी देश के किसानों को इंसाफ दिलाने के लिए किसानों को मुकदमे करने से लेकर, मुकदमें को अंजाम तक पहुंचाने में पूरी तरह से मदद करेगी। (आईएएनएस)
श्रीनगर, 22 दिसंबर | पीपुल्स एलाएंस गुपकार डिक्लेरेशन (पीएजीडी) उम्मीदवार और पीडीपी नेता वहीद पारा ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर में हुए जिला विकास परिषद (डीडीसी) के चुनाव में पुलवामा-ए निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की और अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के सज्जाद अहमद रैना को हराया। पारा को जम्मू-कश्मीर पुलिस के पूर्व उप-अधीक्षक दविंदर सिंह के मामले में एनआईए ने 25 नवंबर को गिरफ्तार किया था। दविंदर को हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकवादियों का साथ देने के लिए पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। उसे और हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादी नवीद बाबू को इस साल जनवरी में श्रीनगर से जम्मू ले जाते समय गिरफ्तार किया गया था।
पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने ट्विटर पर लिखा कि पारा की जीत लोगों का उनके प्रति प्यार और विश्वास का संकेत है।
महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट किया, "पीडीपी उम्मीदवार वहीद पारा पर हम गर्व क्यों न करें, जिन्होंने अपने पहले चुनाव में वोटों के बड़े अंतर से जीत दर्ज की हो। नामांकन दाखिल करने के बाद उन्हें आधारहीन आरोपों में गिरफ्तार किए जाने के बावजूद लोगों ने उनके प्रति अपना प्यार और विश्वास दिखाया है।" (आईएएनएस)
जयपुर, 22 दिसंबर | राजस्थान में मंगलवार को कोविड -19 मामलों की संख्या 3 लाख के पार पहुंच गई। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार ने नए साल के जश्न को धूमधाम से मनाने या आतिशबाजी पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। अपने फेसबुक पेज पर एक संदेश में, गहलोत ने सलाह दी कि दीवाली की तरह, राज्य के लोगों को अपने घरों के अंदर रहकर, कोविड -19 संक्रमण से खुद को बचाने के लिए अपने परिवार के सदस्यों के साथ नए साल का जश्न मनाना चाहिए।
उन्होंने लिखा कि, "किसी के परिवार और आम लोगों के जीवन की रक्षा करना आवश्यक है।"
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिसमें कहा गया है कि राज्यों को बाजारों और सार्वजनिक स्थानों पर भीड़ की जांच करने और धार्मिक-सामाजिक आयोजनों को यथासंभव नहीं करने के लिए कड़े कदम उठाने चाहिए।
गहलोत ने घोषणा की कि इन सभी को देखते हुए, आगामी कुछ हफ्तों के लिए राज्य में सभाओं, सामूहिक कार्यक्रमों और आतिशबाजी आदि पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
"रात का कर्फ्यू जारी रहेगा और सड़कों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर पुलिस की गश्त और कार्रवाई अधिक सख्त होगी। लोगों के बीच संक्रमण की रोकथाम के बारे में जागरूकता के उद्देश्य से, हमारे अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। "
मंगलवार को राजस्थान में कोरोना 807 नए मामले दर्ज किए गए। इसी के साथ कुल मामलों की संख्या 3,00,716 पहुंच गई। (आईएएनएस)
अमरवती, 22 दिसंबर | तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के राष्ट्रीय महासचिव और विपक्ष के नेता नारा लोकेश ने कुछ पुलिस वाहनों पर कथित तौर पर युवाजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसएमसीपी) के रंगों से सजी होने पर आपत्ति जताई। लोकेश ने कहा कि राज्य सरकार ने सत्तारूढ़ पार्टी के रंग वाले वाहनों से दिशा अधिनियम के नाम पर लोगों के साथ एक और विश्वासघात किया है, जिनका इस्तेमाल अब तक महिलाओं को अत्याचारों से बचाने के लिए नहीं किया जा सका है।
उन्होंने दावा किया कि कुछ अति उत्साही पुलिसकर्मी अपनी सीमा पार कर रहे हैं। इसके साथ ही तेदेपा नेता ने कहा कि भविष्य में तो पुलिस की वर्दी को भी वाईएसआरसीपी के रंगों में तब्दील किया जा सकता है।
उन्होंने कहा, "इस तरह की अनचाही गतिविधियों पर अपना समय और ऊर्जा बर्बाद करने के बजाय, पुलिस को लोगों की सुरक्षा के लिए अपने मूल कर्तव्य पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।"
तेदेपा के राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी जनता से कथित तौर पर पीछे हटने के बावजूद अरुचिकर गतिविधियों का सहारा ले रही है और याद दिलाया कि उसे पंचायत कार्यालयों पर पार्टी के रंगों को लेकर झटका लगा है।
लगभग दो दशक पहले 2002 के आसपास पूर्ववर्ती संयुक्त राज्य में सभी स्कूल और कॉलेज बसों के रंगों को पीले रंग में बदल दिया गया था। इनमें कई बसों को नीले से पीले रंग में तब्दील कर दिया गया था।
प्रकाशम जिले में एक दिव्यांग पीड़ित महिला की मौत का जिक्र करते हुए लोकेश ने इसे एक हत्या करार दिया और आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी ने इस मामले पर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
उन्होंने कहा, "जब से वाईएसआरसीपी समाज के सभी वर्गो के लिए खोखले वादे करके सत्ता में आई है, तब से महिलाओं और लड़कियों पर अत्याचार बढ़ रहे हैं।"
लोकेश ने दावा किया कि रेड्डी के शासन में महिलाओं पर 310 से अधिक अत्याचार के मामले सामने आ चुके हैं। (आईएएनएस)
लखनऊ, 22 दिसम्बर | एक विचित्र बयान में उत्तर प्रदेश के बहुजन समाज पार्टी(बसपा) प्रमुख भीम राजभर ने कहा कि कोरोना के मामले में लोगों को गुमराह किया जा रहा है और कोरोना से बचने का सबसे अच्छा उपाय ताड़ी पीना है। राजभर बलिया में मंगलवार को एक समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ताड़ी गंगाजल से भी ज्यादा पवित्र है।
उन्होंने कहा, "अगर आप रोजाना ताड़ी पीते हैं, तो आप कोरोनावायरस से संक्रमित नहीं होंगे।"
उन्होंने कहा कि ताड़ी एक इम्यूनिटी बूस्टर है और यह एंटीबॉडिज के निर्माण में मदद करेगा।
उन्होंने कहा, "आप इस बात को चेक कर सकते हैं कि जो रोजाना आधार पर ताड़ी पीते हैं, वह कोरोना से संक्रमित नहीं हुए हैं। राजभर समुदाय में लोग अपने बच्चे को युवा अवस्था से ही ताड़ी पिलाते हैं।" (आईएएनएस)
कोलकाता, 21 दिसम्बर | पश्चिम बंगाल में 2021 के विधानसभा चुनाव से पहले सियासी हलचल तेज हो गई है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद सौमित्र खान की पत्नी सुजाता मोंडल खान ने भगवा खेमे को छोड़कर सोमवार को तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया, जिसके बाद उनके पति सौमित्र इस हद तक नाराज हुए कि उन्होंने सुजाता से तलाक लेने का फैसला कर लिया है। अपनी पत्नी सुजाता मोंडल खान के सोमवार को तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने के कुछ ही घंटों के भीतर बांकुरा जिले के बिष्णुपुर से भारतीय जनता पार्टी के सांसद सौमित्र खान ने कहा कि वह उन्हें तलाक का नोटिस भेजेंगे। उन्होंने सुजाता के कदम को बड़ी गलती करार दिया।
खान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "उन्होंने आपकी बिजली आपूर्ति (पावर सप्लाई) काट दी। उन्होंने आपको जान से मारने की धमकी दी। ममता बनर्जी या अभिषेक बनर्जी ने आपकी नौकरी छीन ली। उस समय, मैंने अपना वादा निभाया और हर महीने आपके खाते में मेरे वेतन का 50 प्रतिशत ट्रांसफर किया, ताकि आपको इसके लिए पूछना तक न पड़े। अब आपने उन लोगों से हाथ मिला लिया है, जिन्होंने आपको अतीत में परेशान किया था।"
उन्होंने कहा, "मैं आपको (सुजाता) मुक्त करता हूं और आपसे अनुरोध करता हूं कि कृपया मेरा नाम 'खान' अपने नाम से हटा दें।"
वहीं भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि सुजाता की पहचान यही थी कि वह सौमित्र खान की पत्नी हैं। घोष ने कहा, मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं। यह उनका फैसला है। तृणमूल कांग्रेस के लिए यह एक अच्छा सांत्वना पुरस्कार है।
सुजाता ने भाजपा छोड़ते हुए दावा किया है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में अपने पति को जिताने के लिए कई जोखिम उठाने के बावजूद उन्हें वाजिब पहचान नहीं मिली।
राज्य में यह तृणमूल कांग्रेस की ओर से भाजपा के लिए बड़ा झटका होने के साथ ही तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की ओर से पलटवार भी कहा जा सकता है। दरअसल बंगाल में सुवेंदु अधिकारी जैसे बड़े नेता के साथ ही अन्य कई नेता टीएमसी छोड़ भाजपा में शामिल हो चुके हैं। 2021 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले पश्चिम बंगाल में राजनीति कई तरह की करवट ले रही है। अब भाजपा सांसद की पत्नी सुजाता मोंडल ने तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया है।
मोंडल सोमवार को तृणमूल कांग्रेस के दिग्गज लोकसभा सांसद सौगत राय और पार्टी के प्रवक्ता कुणाल घोष की मौजूदगी में तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुईं।
सौमित्र वर्तमान में पश्चिम बंगाल में बिष्णुपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं और इसके साथ ही वह भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के सदस्य भी हैं।
टीएमसी के दिग्गज नेता रहे सुवेंदु अधिकारी के साथ ही अन्य विधायकों और सांसदों ने शनिवार को मिदनापुर कॉलेज ग्राउंड में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की रैली के दौरान भाजपा में शामिल होने के 48 घंटे बाद यह महत्वपूर्ण राजनीतिक बदलाव देखने को मिला है।
मोंडल ने मीडियाकर्मियों से कहा, वो जिन्होंने लोगों को हमारे घर में तोड़फोड़ करने के लिए भेजा, वे अब भाजपा में शामिल हो गए हैं। मैंने पार्टी के लिए सब कुछ किया, जिसमें जान का खतरा था। लेकिन भाजपा ने इसका सम्मान नहीं किया। इसके बजाय वे अन्य दलों के लोगों का स्वागत कर रहे हैं।
सुजाता मोंडल ने कहा कि एक दिन सौमित्र खान को भी इसका एहसास होगा और वह तृणमूल कांग्रेस में वापस आएंगे। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा ने उन्हें वह सम्मान नहीं दिया है, जिसकी वह पार्टी में हकदार थीं।
उन्होंने कहा, भाजपा योग्य लोगों की इज्जत नहीं करती है। मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री के आकर्षक पद प्राप्त करने के लिए लोग भाजपा में शामिल हो रहे हैं। मैं टीएमसी में शामिल हो रही हूं, क्योंकि पार्टी मुझे सम्मान और सुरक्षा देगी। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 21 दिसंबर | गांधी परिवार के प्रति हमेशा वफादार रहे दिग्गज कांग्रेस नेता और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मोतीलाल वोरा का यहां सोमवार को दोपहर में निधन हो गया। एक दिन पहले उन्होंने अपना 93वां जन्मदिन मनाया था। वोरा ने यहां के फोर्टिस अस्पताल में अंतिम सांस ली। हाई ब्लडप्रेशर के साथ सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के बाद इस अस्पताल में उन्हें 19 दिसंबर को भर्ती कराया गया था।
उन्हें क्रिटिकल केयर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. समीर श्रीवास्तव के वार्ड में भर्ती कराया गया था। सोमवार की सुबह उन्हें हाइपोटेंशन और हाइपोक्सिमिया संबंधी तकलीफ हुई थी। उसके बाद उन्हें एक सेप्टिक शॉक का अनुभव हुआ और उन्हें 3.52 बजे मृत घोषित कर दिया गया।
छत्तीसगढ़ से विधायक उनके बेटे अरुण लाल वोरा ने ट्वीट किया, "कांग्रेस परिवार के सबसे मजबूत वृक्षों में से एक और देश की राजनीति का एक गहना, मेरे पूज्य पिताजी का पार्थिव शरीर अंतिम श्रद्धांजलि के लिए उनके दिल्ली स्थित आवास पर शाम छह बजे से आठ बजे तक रखा जाएगा।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वोरा के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, "मोतीलाल वोरा जी कांग्रेस के सबसे वरिष्ठ नेताओं में थे, जिन्हें दशकों लंबे राजनीतिक जीवन में व्यापक प्रशासनिक और सांगठनिक अनुभव था। उनके निधन से दुखी हूं। उनके परिजनों और शुभचिंतकों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। ओम शांति।"
वोरा का अपना जन्मदिन मनाने के एक दिन बाद ही 93 साल की उम्र में निधन हो गया।
वोरा ने अपना राजनीतिक करियर कांग्रेस पार्षद के रूप में शुरू किया था। इसके बाद वह अपने राजनीतिक जीवन के दौरान मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री, राज्यपाल और कांग्रेस कोषाध्यक्ष बने। इस साल मार्च में उनका राज्यसभा कार्यकाल समाप्त हुआ था।
कांग्रेस के सबसे बड़े नेताओं में से एक वोरा अक्टूबर में कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए थे। उन्होंने 92 वर्ष की आयु में भी कोरोनावायरस को मात दी 16 अक्टूबर को उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
मूत्र संक्रमण की शिकायत के साथ ही कुछ दिनों पहले उन्हें ओखला रोड स्थित एस्कॉर्ट्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
जैसे ही उनकी मौत की खबर फैली, शोक संवेदनाएं उमड़ पड़ीं।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार को वयोवृद्ध कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा के निधन पर शोक प्रकट किया तथा कहा कि वह बड़े विनम्र शख्स थे और नेताओं की ऐसी पीढ़ी से थे, जो अंत तक अपने ²ढ़ विश्वास के साथ अपनी राजनीति पर चलते हैं।
अविभाजित मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री की कोविड-19 संक्रमण से उबरने के बाद यहां एक अस्पताल में निधन होने पर दुख जताते हुए राष्ट्रपति कोविंद ने ट्वीट किया, "यह सुनकर दुख हुआ कि वयोवृद्ध कांग्रेस नेता श्री मोतीलाल वोरा नहीं रहे। वह बड़े विनम्र शख्स थे और नेताओं की ऐसी पीढ़ी से थे, जो अंत तक अपने ²ढ़ विश्वास के साथ अपनी राजनीति पर चलती है। उनके परिवार एवं मित्रों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं हैं।"
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री, दिग्गज कांग्रेस नेता का कई दशकों का राजनीतिक करियर रहा। वह लंबे समय तक अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के कोषाध्यक्ष रहे।
वोरा के निधन पर कांग्रेस ने एक बयान जारी कर कहा, "हम कांग्रेस नेता, पूर्व केंद्रीय कैबिनेट मंत्री और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मोतीलाल वोरा के निधन पर शोक व्यक्त करते हैं। कांग्रेस ने एक मार्गदर्शक ज्योतिपुंज खो दिया है। उनकी आत्मा को शांति मिले।"
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने उनके निधन पर दुख प्रकट करते हुए ट्वीट किया, "वोरा जी एक सच्चे कांग्रेसी और बेहतरीन इंसान थे। हमें उनकी कमी बहुत महसूस होगी। उनके परिवार और मित्रों के प्रति मेरा स्नेह एवं संवेदना है।"
पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने वोरा के निधन पर दुख जताते हुए कहा, "मोतीलाल वोरा जी के निधन से कांग्रेस पार्टी के हर एक नेता, हर एक कार्यकर्ता को व्यक्तिगत तौर पर दुख महसूस हो रहा है। वोरा जी कांग्रेस की विचारधारा के प्रति निष्ठा, समर्पण और धैर्य के प्रतीक थे।"
उन्होंने कहा, "92 साल की उम्र में भी पार्टी की हर बैठक में उनकी मौजूदगी रही, हर निर्णय पर उन्होंने अपने विचार खुलकर प्रकट किए। आज दुखभरे दिल से उन्हें अलविदा कहते हुए यह महसूस हो रहा है कि परिवार के एक बड़े बुजुर्ग सदस्य चले गए हैं। हम सब उन्हें बहुत याद करेंगे।"
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, "एक दिग्गज नहीं रहे। मोतीलाल वोरा प्रतिबद्धता, समर्पण और निष्ठा के प्रतीक थे। उन्होंने पूरी एक पीढ़ी को प्रेरित किया। मेरी भावभीनी श्रद्धांजलि।" (आईएएनएस)
जयपुर, 21 दिसम्बर | राजस्थान सरकार के दो साल के कार्यकाल में अशोक गहलोत सरकार द्वारा अब तक 20.55 लाख किसानों को बायोमैट्रिक सत्यापन के बाद ऋण माफी प्रमाण पत्र वितरित कर 7726.90 करोड़ रूपए का फसली ऋण माफ किया गया है। राजस्थान कृषक ऋण माफी योजना 2019 में फसली ऋण के साथ साथ केन्द्रीय सहकारी बैंक एवं भूमि विकास बैंक सहकारी बैंकों के मध्यकालीन एवं दीर्घकालीन कृषि ऋण सीमान्त एवं लघु श्रेणी के किसानों के माफ किए गए। इसमें 30 नवम्बर, 2018 की स्थिति में अवधि पार खातों के 2लाख रूपए के बकाया ऋणों को माफ कर किसानों को राहत दी गई। इस योजना से अब तक 29,262 किसानों का 336.49 करोड़ रूपए का ऋण माफ किया गया है। इन किसानों की जमीन पुन: उनके नामे हो चुकी है।
पिछले 2 वर्षों में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में राज्य सरकार ने लगातार किसानों के हित में ऐतिहासिक कदम उठाए हैं। कोरोना महामारी के बीच, किसानों की आर्थिक और सामाजिक विकास को सुनिश्चित करके उनकी समस्याओं को दूर करना राज्य सरकार की प्रमुखता में रहा है।
इसके लिए मुख्यमंत्री गहलोत के नेतृत्व में, राज्य सरकार के सहकारिता विभाग की विभिन्न योजनाओं को पारदर्शी तरीके से और प्रतिबद्धता के साथ लागू किया जा रहा है। इसका परिणाम ये है कि किसान लाभान्वित हो रहे हैं।
किसानों के लिए, उनकी उपज के उचित मूल्य के लिए एक लड़ाई है, जिसे मुक्ति दिलाने के लिए राज्य सरकार ने 550 ग्राम सेवा सहकारी समितियों और निजी सहकारी बाजार के रूप में खरीद और बिक्री सहकारी समितियों को अधिसूचित किया है ताकि किसानों से जल्द से जल्द खरीद की जा सकें।
अब किसान उपज को अपने खेत और गांव के पास बेच सकता है। इसके अलावा, कृषि उपज मंडियों के अनुसार, खुली नीलामी में कृषि जिंसों की बिक्री से प्रतिस्पर्धी मूल्य की सुविधा मिल रही है। 30 जून तक 19 हजार 243 किसानों को लाभ मिला है तथा उनकी 6 लाख 70 हजार 580 क्विंटल उपज की खरीद हुई है। जिसकी राशि 152.95 करोड़ रूपए है।
राजस्थान के सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने कहा कि "बहुत से किसानों को फसल बुवाई और अन्य कार्यो के लिए पैसे उधार लेना पड़ता है इनके आर्थिक भार को कम कृषि उपकरणों पर खर्च को कम करने के लिए, ग्राम सेवा सहकारी समितियों और खरीद बिक्री सहकारी समितियों को उचित किराए पर आसानी से उपलब्ध उपकरण उपलब्ध कराने के लिए कस्टम हायरिंग केंद्रों के साथ जोड़ा जा रहा है। 100 ग्राम सेवा सहकारी समितियों और क्रय-विक्रय सहकारी समितियों में कस्टम हायरिंग केंद्रों की स्थापना के लिए 8 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है।"
मुख्यमंत्री गहलोत ने देश में पहली बार सहकारिता के क्षेत्र में सहकारी फसली ऋण ऑनलाइन पंजीयन एवं वितरण योजना 2019 की शुरूआत की है जिससे ऋण वितरण में भेदभाव को समाप्त किया जा सकें।
इसी के चलते, बायोमैट्रिक सत्यापन के आधार पर वास्तविक किसान को लाभ मिल रहा है। इसी मुहिम को आगे बढ़ाते हुए, राज्य के 12.72 लाख नए सदस्य किसानों को फसली ऋण स्कीम से जोड़ा गया है। साथ ही बैंकिंग सुविधा में वित्तीय समावेशन एवं पारदर्शिता लाई जा रही हैं। गहलोत ने 29 जिलों के केन्द्रीय सहकारी बैंकों की सभी शाखाओं को कम्प्यूटरीकृत कर कोर बैंकिंग सोल्यूशन से जोड़ने का निर्णय भी लिया था। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 21 दिसंबर | आम आदमी पार्टी ने सोमवार को भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी शासित नगर निगम के पास कर्मचारियों को वेतन देने के लिए रुपए नहीं हैं। ऐसे में अखबारों में बड़े-बड़े विज्ञापन देने के लिए पैसा कहां से आया है। आप के मुताबिक भाजपा सीबीआई जांच से बचने के लिए नगर निगम को टैक्स में मिले जनता के पैसे का दुरुपयोग कर अखबारों में विज्ञापन छपवा रही है। आम आदमी पार्टी के नेता दुर्गेश पाठक ने कहा, "नगर निगम के कर्मचारियों के घर भुखमरी के हालात पैदा हो गए हैं। लोग अपने बच्चों के स्कूल तक की फीस तक नहीं दे पा रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी ने पूरी दिल्ली में जगह-जगह होर्डिग और पोस्टर लगाकर भ्रष्टाचार को छुपाने की एक नाकाम कोशिश की है, हालांकि इन करोड़ों रुपयों का सही इस्तेमाल कर कर्मचारियों को समय पर वेतन दिया जा सकता था।"
भाजपा शासित एमसीडी की ओर से 2500 करोड़ के घोटाले पर सफाई देते हुए अखबारों में छपे विज्ञापन पर बयान जारी करते हुए आम आदमी पार्टी ने कहा कि, "यदि भाजपा शासित नगर निगम के पास अपने कर्मचारियों को वेतन देने के लिए पैसे नहीं हैं, तो अखबारों में इतने बड़े-बड़े विज्ञापन देने के लिए पैसा कहां से आया। भाजपा शासित एमसीडी का असली चाल-चरित्र जनता के सामने आ गया है।"
दुर्गेश पाठक ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने पिछले 15 साल के अपने शासनकाल में दिल्ली नगर निगम के भीतर इतना भ्रष्टाचार किया है कि, आज दिल्ली नगर निगम कंगाल हो चुका है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 21 दिसंबर | आम आदमी पार्टी (आप) ने सोमवार को पार्टी नेता व दिल्ली के विधायक संजीव झा को बिहार और पार्टी के दिल्ली पूर्वाचल संगठन का प्रदेश प्रभारी नियुक्त किया। आप के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने झा को बधाई दी, जो उत्तर-पूर्वी दिल्ली के बुराड़ी निर्वाचन क्षेत्र से विधायक हैं।
झा ने कहा, "बिहार के लिए प्रभारी के तौर पर मुझे जिम्मेदारी देने के लिए मैं अरविंद केजरीवाल को धन्यवाद देना चाहता हूं। मैं राज्य में पार्टी को मजबूत करने के लिए चौबीसों घंटे काम करूंगा।"
बिहार के मधुबनी जिले से संबंध रखने वाले 41 वर्षीय झा मैथिल ब्राह्मण समुदाय से आते हैं। उनके पिता भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) के कर्मचारी थे। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा एम.वाई.एन. हाईस्कूल, शंभुआर से प्राप्त की। बाद में उन्होंने मधुबनी जिले के आर.के. कॉलेज से पढ़ाई की।
साल 2012 के अंत में आप के गठन के बाद, झा 2013 में बुराड़ी निर्वाचन क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उम्मीदवार कृष्ण त्यागी को 10,351 मतों से हराकर विधायक चुने गए थे।
उन्होंने जिला विकास समिति (मध्य जिला) के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया था।
साल 2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में आप को बड़ी जीत मिली थी, जिसमें झा ने फिर से बुराड़ी क्षेत्र से बड़ी जीत हासिल की। उन्होंने 67,950 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी, जो कि दिल्ली में दूसरा सबसे बड़ा अंतर रहा था।
बाद में झा को आप की ओर से बिहार और झारखंड का प्रवक्ता और प्रभारी नियुक्त किया गया। 2016 में दिल्ली सरकार ने झा को परिवहन मामलों के संसदीय सचिव के रूप में नियुक्त किया।
साल 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में झा ने जनता दल युनाइटेड (जदयू) के उम्मीदवार को 88,158 से अधिक मतों से हराया। यह दिल्ली चुनाव के इतिहास में सबसे अधिक मार्जिन से चुनावी जीत दर्ज हुई थी।
झा को अब दिल्ली जल बोर्ड का सदस्य भी नियुक्त किया गया है। (आईएएनएस)
पटना, 21 दिसंबर | विपक्षी दलों के महागठबंधन में शामिल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता विधानसभा चुनाव में मिली हार की समीक्षा के लिए सोमवार को एक साथ बैठे। इस दौरान राजद के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में 2021 में फिर से चुनाव हो सकता है, जिसके लिए हमें तैयार रहना होगा। तेजस्वी ने भाजपा और जदयू के गठबंधन को मजबूरी का गठबंधन बताते हुए कहा कि, "यह गठबंधन कभी भी टूट सकता है और चुनाव हो सकता है। इसके लिए हमें तैयार रहना होगा।"
बैठक के बाद पत्रकारों से चर्चा करते हुए यादव ने कहा, "हमे सभी वर्गो का वोट मिला है। कुछ सीटों पर भितरघात के चलते हम हारे। एक-एक सीट पर चार-चार प्रत्याशी खड़े हो गए। व्यक्तिगत लाभ के लिए कुछ लोगों ने भितरघात किया। पार्टी हित नहीं देखा। जिन सीटों पर हम जीत सकते थे वहां भी निराशा हाथ लगी। सामने के शत्रु से तो लड़ा जा सकता है, लेकिन भीतर के शत्रु से नहीं, इसलिए अगली लड़ाई के लिए सभी तैयार रहें। एकजुट रहें।"
तेजस्वी ने पार्टी की पुरानी परंपरा में भी बदलाव के संकेत देते हुए कहा कि अब पार्टी परंपरा में बदलाव की जरूरत है। पुरानी परंपरा से पार्टी का भला नहीं होगा।
राजद के एक नेता ने बताया कि बैठक में किसान आंदोलन को लेकर भी चर्चा हुई। बैठक में कहा गया है कि सभी को सड़कों पर उतरना होगा।
बैठक में प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह समेत सभी राजद विधायक, हालिया चुनाव में हारे प्रत्याशी एवं पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद रहे।
सूत्रों के मुताबिक राजद के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने भी हार के कारण बताए। उन्होंने मतदान केंद्रों पर पोलिंग एजेंटों को समय पर नहीं पहुंचने को हार का कारण बताया।
उल्लेखनीय है कि इस बैठक के पहले तेजस्वी यादव रांची गए थे और अपने पिताजी और पार्टी के प्रमुख लालू प्रसाद यादव से मुलाकात की थी। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 21 दिसम्बर | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा के निधन पर शोक व्यक्त किया। प्रधानमंत्री मोदी ने एक ट्वीट में कहा, "मोतीलाल वोरा जी कांग्रेस के सबसे वरिष्ठ नेताओं में थे, जिन्हें दशकों लंबे राजनीतिक जीवन में व्यापक प्रशासनिक और सांगठनिक अनुभव था। उनके निधन से दुखी हूं। उनके परिजनों और शुभचिंतकों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। ओम शांति।"
वोरा का अपना जन्मदिन मनाने के एक दिन बाद ही 93 साल की उम्र में निधन हो गया।
वोरा ने अपना राजनीतिक करियर कांग्रेस पार्षद के रूप में शुरू किया था। इसके बाद वह अपने राजनीतिक जीवन के दौरान मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री, राज्यपाल और कांग्रेस कोषाध्यक्ष बने। इस साल मार्च में उनका राज्यसभा कार्यकाल समाप्त हुआ था। (आईएएनएस)
भाजपा की ओडिशा इकाई ने रविवार को इस साल जुलाई में नयागढ़ जिले में पांच साल की एक लड़की की हत्या मामले में न्याय पाने की मांग को लेकर पांच दिवसीय 'पदयात्रा' या पैदल मार्च शुरू किया।
भुवनेश्वर, 20 दिसंबर । मार्च भुवनेश्वर के लिंगराज मंदिर से शुरू किया गया है और मार्च 24 दिसंबर को लड़की के पैतृक गांव जादूपुर में समाप्त होगा।
भाजपा मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने और आरोपी को बचाने के आरोप में मंत्री अरुण कुमार साहू के इस्तीफे की मांग कर रही है।
महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष वनाथी श्रीनिवासन ने कहा, "राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) पहले ही संकेत दे चुका है कि मामले में राज्य की जांच उचित नहीं थी। हम सीबीआई जांच की अपनी मांग पर अड़े हुए हैं। जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होती, हम अपना आंदोलन जारी रखेंगे।"
पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि एनसीपीसीआर ने हत्या की केंद्रीय एजेंसी से जांच कराने की सिफारिश की थी, क्योंकि यह कथित रूप से पाया गया था कि पुलिस जांच में गंभीर खामियां थीं।
सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) ने मार्च पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि विपक्षी पार्टी अनावश्यक रूप से इस मुद्दे का राजनीतिकरण कर रही है।
बीजद सांसद पिनाकी मिश्रा ने कहा, "यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी। लेकिन, विपक्ष को इसका राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए। सभी जानते हैं कि उत्तर प्रदेश में उनकी पार्टी की अगुवाई वाली सरकार ने हाथरस के अपराध को कैसे संभाला। उन्हें आत्मनिरीक्षण करना चाहिए।"
शीतकालीन सत्र के दौरान नाबालिग लड़की के माता-पिता ने विधानसभा के सामने आत्मदाह का प्रयास करने के बाद नाबालिग लड़की की मौत का मामला एक बड़ा राजनीतिक विवाद बन गया। उन्होंने आरोप लगाया कि साहू उनकी बेटी की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों को बचा रहे थे।
राज्य ने घटना की जांच के लिए एक विशेष जांच दल का गठन किया है। (आईएएनस)
नई दिल्ली, 20 दिसंबर | कांग्रेस ने रविवार को 26 नवंबर से ही दिल्ली की सीमाओं पर धरना दे रहे किसानों में से 33 की मौत के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'चुप्पी' पर सवाल उठाए। अखिल भारतीय किसान सभा ने रविवार को आंदोलनकारी 33 किसानों की मौत पर 'श्रद्धांजलि दिवस' मनाया। इन किसानों की मौत दुर्घटनाओं, बीमारी या ठंड के कारण हुई। ये किसान तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
कांग्रेस प्रवक्ता शमा मोहम्मद ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "आंदोलन कर रहे 33 किसानों की मौत हो गई। मगर इस पर मोदी ने एक भी शब्द क्यों नहीं बोला? हमारे प्रधानमंत्री 'मौन' (चुप) क्यों हैं? हमारे अन्नदाता दिल्ली की सीमाओं पर अपनी पत्नी और बच्चों के साथ सबसे ठंड समय में धरने पर बैठे हैं, लेकिन हमारे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के पास उनके लिए समय नहीं है, लेकिन उनके पास पश्चिम बंगाल जाने, रोड शो करने का समय है।"
उन्होंने कहा, "अत्यधिक ठंड और बीमारियों के कारण 33 किसानों की मौत हो गई है। उनकी मौत के लिए मोदी सरकार जिम्मेदार है..। इस समय घर के अंदर भी बैठे लोग भी ठंड से ठिठुर रहे हैं, हमें हीटर की जरूरत पड़ रही है और हमारे अन्नदाता बाहर सड़कों पर ठिठुर रहे हैं।"
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, "वे कहते हैं कि प्रधानमंत्री एक ऐसा आदमी है जो इस देश से प्यार करता है, जो अपने लोगों को प्यार करता है। अगर ऐसा है तो बड़े दिल वाला आदमी उन किसानोंसे मिलने तो जा सकता है और उन्हें और उनके परिवारों को सांत्वना तो दे ही सकता है। जरा सोचिए कि किसानों के परिवार और बच्चे इन दिनों किस हाल में हैं। कहां है मोदी की हमदर्दी?
यहां संसद भवन के पास गुरुद्वारा रकाबगंज में हुए प्रधानमंत्री के दौरे पर टिप्पणी करते हुए कांग्रेस नेता शमा ने कहा, "किसी गुरुद्वारे या मंदिर में जाना हमेशा अच्छी बात होती है.. हम सभी भारतीय बहुत आध्यात्मिक लोग हैं और मैं 9वें सिखगुरु गुरु तेग बहादुर को प्रणाम करने के लिए प्रधानमंत्री की वहां की यात्रा की सराहना करती हूं।"
उन्होंने कहा, "सिर्फ धार्मिक स्थलों पर जाने के बजाय, जिसे हम समझते हैं, अच्छी बात है, मोदी को विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों से मिलने भी जाना चाहिए और उनकी बात सुननी चाहिए। वह इन किसानों को न्याय दें और इन काले कानूनों को निरस्त करें।
शमा ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों, विपक्षी दलों और अन्य हितधारकों के साथ परामर्श से नए कृषि कानूनों को फिर से अधिनियमित करे।"
हाथरस मामले की ओर इशारा करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की निर्दयता पूरी तरह दिख रही है।
उन्होंने कहा, "एक तरफ लाखों किसान न्याय की प्रतीक्षा कर रहे हैं और दूसरी ओर यूपी में स्वतंत्र भारत के 73 साल के इतिहास में हुई सबसे वीभत्स सामूहिक दुष्कर्म और हत्या की घटना पर पर्दा डाला जा रहा है।"
शमा ने आगे कहा, हाथरस मामले में सीबीआई की चार्जशीट में इस बात की पुष्टि हुई है कि युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया और उसकी हत्या की गई, लेकिन मोदी, अमित शाह और सीएम योगी आदित्यनाथ खामोश हैं। (आईएएनएस)
नई दिल्ली / श्रीनगर, 19 दिसंबर | पूर्व केंद्रीय मंत्री और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला को एक बड़ा झटका देते हुए, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को जे एंड के क्रिकेट एसोसिएशन मामले में 11.86 करोड़ रुपये मूल्य की छह संपत्तियां जब्त की है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। ईडी के एक सूत्र ने आईएएनएस को बताया, "हमने अब्दुल्ला की छह संपत्तियों को जब्त किया है। इसमें तीन आवासीय भवन हैं, जबकि दो प्लॉट शामिल हैं।"
उन्होंने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता की संपत्तियां धनशोधन रोकथाम अधिनियम(पीएमएलए) के तहत जब्त की गई है।
ईडी ने अब्दुल्ला से उनके जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष रहते आय से अधिक संपत्ति मामले में दो बार पूछताछ भी की है। (आईएएनएस)
कोलकाता, 19 दिसंबर | सुवेंदु अधिकारी के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने के कदम पर प्रतिक्रिया देते हुए तृणमूल कांग्रेस के लोकसभा सांसद कल्याण बनर्जी ने भगवा ब्रिगेड को 'दुनिया की सबसे भ्रष्ट पार्टी' कहा।
बनर्जी ने कालीघाट में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान मीडियाकर्मियों से कहा, "सुवेंदु अधिकारी सबसे बड़ी भ्रष्ट पार्टी में शामिल हो गए हैं। उनकी व्यक्तिगत संपत्ति कई गुना बढ़ गई है।"
उन्होंने कहा कि अमित शाह की कोई नहीं सुनता है। तृणमूल सांसद ने कहा, "वह नहीं जानते कि बंगाल में क्या चल रहा है। यह दुनिया की सबसे भ्रष्ट पार्टी है और अमित शाह की अपील को राज्य के लोग स्वीकार नहीं करते .. भाजपा विपक्ष के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है। 2021 के राज्य विधानसभा चुनावों में भाजपा 50 सीटें भी नहीं जीत पाएगी।" (आईएएनएस)