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भूपेश है तो भरोसा है” की ब्रांडिंग के नाम पर करोड़ों रुपए फूंक दिए
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 19 मार्च । सोमवार को नांदगांव के खुटेरी में कांग्रेस नेता सुरेंद्र दाऊ के बयान पर भाजपा जमकर घेर रही है।
भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष शिवरतन शर्मा और महामंत्री संजय श्रीवास्तव ने कहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पिछले 5 वर्षों में भरोसा के नाम पर जो छद्म जाल बुना था आज वह जाल तार-तार हो चुका है। मुख्यमंत्री रहते हुए 5 साल में अपने एक लोकसभा क्षेत्र के चंद कार्यकर्ताओं के बीच ही भरोसा कायम नहीं कर पाए, जबकि “भूपेश है तो भरोसा है” की ब्रांडिंग के नाम पर करोड़ों रुपए फूंक दिए।
भाजपा प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव ने कहा कि प्रत्याशी घोषित होने के बाद भूपेश बघेल सोमवार को पहली बार कार्यकर्ताओं के बीच पहुंचे तो कार्यकर्ताओं ने उन्हे आइना दिखाना शुरू कर दिया। ग्राम खुटेरी में आयोजित ग्रामीण ब्लॉक कांग्रेस के कार्यकर्ता सम्मेलन में जिला पंचायत सदस्य रह चुके सुरेंद्र वैष्णव ने पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ जमकर भड़ास निकालते हुए उन्हें “बाहरी प्रत्याशी“ बताकर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई। प्रदेश उपाध्यक्ष व पूर्व विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले सत्ता-मद में चूर तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आईना भेजकर जिस राजनीतिक अशिष्टता का परिचय दिया था, अब इस लोकसभा चुनाव से पहले उन्हीं भूपेश बघेल को कांग्रेस के एक नेता ने आईना दिखाया है।
भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष श्री शर्मा ने चुटकी लेते हुए कहा कि समय का चक्र हमेशा घूमता है और अपना बोया खुद को ही काटना पड़ता है। कांग्रेस के कार्यकर्ता सम्मेलन में एक दाऊ ने सच बोलकर दूसरे दाऊ को ऐसा आईना दिखाया है कि रायपुर से उम्मीदवारी की चर्चा से डरकर राजनांदगाँव भागे भूपेश बघेल अब राजनांदगाँव से भागे-भागे रायपुर आने के लिए विवश हो रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट में चुनावी बॉंड का मामला भारतीय लोकतंत्र के कई तबकों की नीयत उजागर कर रहा है। केन्द्र सरकार के सार्वजनिक प्रतिष्ठान, स्टेट बैंक ने तो इस मामले में महीने भर से अधिक से अदालत के साथ लुकाछिपी खेलना शुरू कर दिया है, और अदालती रहमदिली से अब तक बैंक चेयरमैन अवमानना में जेल जाने से बचे हुए हैं। मजबूर होकर पहले के दो-दो एकदम साफ आदेशों के बाद भी अब जाकर सुप्रीम कोर्ट को यह आदेश देना पड़ा है कि बैंक चुनावी बॉंड से जुड़ी हुई हर जानकारी 21 मार्च तक चुनाव आयोग को दे, और चुनाव आयोग इसे तुरंत ही अपनी वेबसाइट पर डाले। अदालत ने यह भी कहा है कि स्टेट बैंक के चेयरमैन हलफनामा दें कि उन्होंने कुछ भी नहीं छुपाया है। कायदे की बात तो यह है कि देश के सबसे बड़े बैंक के चेयरमैन को अदालत के सामने इस बेइज्जती को झेलने से पहले पद से इस्तीफा दे देना था, या चुल्लू भर पानी में डूब जाना था। लेकिन ऊंचे ओहदों पर शर्म इन दिनों काफी शॉर्ट सप्लाई में है। सुप्रीम कोर्ट के सामने एक बड़े वकील ने देश के उद्योग संगठनों की ओर से खड़े होकर कहा कि बॉंड के नंबर जारी करने का आदेश रद्द करने के लिए उन्होंने अर्जी लगाई है। इस पर देश के मुख्य न्यायाधीश को कहना पड़ा कि उनके पास कोई अर्जी नहीं आई है, और उन्होंने यह भी कहा कि वे फैसला आ जाने के बाद आए हैं, और उनको अभी नहीं सुना जाएगा। एक और वकील की ऊंची आवाज पर मुख्य न्यायाधीश ने उन्हें फटकार लगाई। इसके साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने राष्ट्रपति को एक चिट्ठी लिखी थी जिसमें उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को रोकने का अनुरोध किया था। इस पर भी अदालत ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि यह पब्लिसिटी पाने के लिए लिखी गई चिट्ठी थी, जो कि उन्हें भी भेजी गई है। इन सब छोटी-छोटी बातों से परे कुल मिलाकर बात यह है कि सुप्रीम कोर्ट देश की सबसे बड़ी अदालत से जिस तरह लुकाछिपी खेल रही है, वह हक्का-बक्का करता है कि क्या लोगों में अपने ओहदे की जिम्मेदारी का कोई भी अहसास नहीं है?
चुनावी बॉंड के मामले का हाल यह है कि पहली नजर में अब तक जो जानकारियां सामने आई हैं, उनके मुताबिक केन्द्र सरकार की जांच एजेंसियों में, या सरकार ने जिन उद्योगों के खिलाफ छापे मारे, जहां जांच शुरू की, जिन्हें नोटिस दिए, उन्होंने कुछ हफ्तों या महीनों के भीतर आपाधापी में करोड़ों के चुनावी बॉंड खरीदे, और किसी राजनीतिक दल को दिए। अब किसे दिए यह जानकारी सुप्रीम कोर्ट के बॉंड नंबरों से पता लगेगी, अगर 21 तारीख के पहले स्टेट बैंक फिर कोई साजिश न गढ़ ले। और ऐसे बॉंड न सिर्फ केन्द्र में सत्तारूढ़ भाजपा को मिले हैं, बल्कि दूसरी पार्टियों को भी मिले हैं, और केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह की इस बात पर भी ध्यान देना चाहिए कि दूसरी पार्टियों को सांसदों की संख्या के अनुपात में भाजपा के मुकाबले अधिक दान मिला है। यह एक अलग बात है कि जांच एजेंसियों का दबाव न सिर्फ केन्द्रीय एजेंसियों का हो सकता है, बल्कि राज्यों का भी हो सकता है, जिन्हें चुनावी बॉंड से काफी पैसा मिला है। तृणमूल कांग्रेस और भारत राष्ट्र समिति जैसी एक-एक राज्य वाली पार्टियों को कांग्रेस से अधिक, और जरा कम चंदा मिला है, जो कि क्षेत्रीय ताकत का सुबूत है। इसलिए जब तक बॉंड नंबरों से ठीक-ठीक जानकारी सामने नहीं आ जाती, यह बात भी रहस्यमय है कि किन दानदाताओं ने किस पार्टी को कब और कितना चंदा दिया है, और उनके खिलाफ उस पार्टी की केन्द्र या राज्य सरकार के पास कौन से मामले थे, या कि इन सरकारों से उन्हें कौन सी कारोबारी रियायतें मिल रही थीं। देश में सबसे अधिक चुनावी बॉंड खरीदने वाले एक लॉटरी-कारोबारी ने सबसे अधिक चंदा दक्षिण भारत के तमिलनाडु की सत्तारूढ़ पार्टी डीएमके को दिया है, जहां उसका लॉटरी का बहुत बड़ा कारोबार है। ऐसे तमाम राष्ट्रीय और प्रादेशिक सत्ताओं के असर को देखना होगा, और हमें उम्मीद है कि बॉंड के नंबर सामने आते ही, किन पार्टियों ने किस नंबर के बॉंड को भुनाया है, यह जानकारी सामने आते ही मीडिया का एक जागरूक तबका और कुछ वकील, सामाजिक कार्यकर्ता, जनसंगठन तुरंत ही इसका विश्लेषण देश के सामने रखेंगे, और आने वाले लोकसभा चुनाव में जनता इस आधार पर फैसला कर सकेगी कि किस पार्टी की सरकार ने किन लोगों से कब, कितना, और किस तरह का नजराना, शुकराना, या जबराना हासिल किया था। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में एकदम सही है कि जनता को यह जानने का पूरा हक है। और आज जिस तरह से अलग-अलग कई ताकतें लोकतंत्र के लिए जरूरी यह जानकारी उजागर होने से रोकने में जुट गई हैं, उन्हें देखते हुए सुप्रीम कोर्ट का रूख हौसले का भी लग रहा है कि वह अपने बुनियादी निष्कर्ष पर टिका हुआ है कि जनता के सामने पूरी की पूरी जानकारी रखी जाए, और किसी को भी कुछ भी छुपाने का मौका न दिया जाए।
केन्द्रीय जांच एजेंसियों और राज्य सरकारों की कई तरह की कार्रवाईयों से परे यह बात भी सामने आई है कि देश में जिन बड़ी दवा कंपनियों के खिलाफ घटिया दवा निर्माण की जांच चल रही थी, उन्होंने आनन-फानन बहुत बड़ी-बड़ी रकमों के चुनावी बॉंड खरीदे। यह कार्रवाई करने का अधिकार केन्द्र और राज्य सरकार दोनों को रहता है, अब यह देखना है कि इन कंपनियों ने यह नजराना या शुकराना किस जगह सत्तारूढ़ पार्टी को दिया था। इसके अलावा कई ऐसी कंपनियों की जानकारी सामने आई है जो कि साल भर में खुद तो दो करोड़ भी नहीं कमा पाई, लेकिन जिसने 183 करोड़ जैसी बड़ी रकम का चुनावी चंदा दिया है। लोकतंत्र में राजनीतिक दलों और सबसे संपन्न कारोबारियों के बीच अगर इतना अनैतिक गठबंधन चल रहा है, तो इसका भांडाफोड़ होना जरूरी है। और लोकसभा चुनाव का यह मौका इसके लिए एकदम सही है, और शायद इसी चुनाव को प्रभावित होने से बचाने के लिए स्टेट बैंक इस अंदाज में जानकारी को दबाने पर आमादा है कि मानो बैंक खुद अपने नीले गोले के छेद वाले निशान के साथ चुनाव लडऩे जा रहा है।
21 तारीख को अगर स्टेट बैंक पूरी जानकारी दे भी देता है, तो भी सुप्रीम कोर्ट की इस बेंच को चाहिए कि वह स्टेट बैंक चेयरमैन को अदालत की अवमानना के लिए कम से कम एक दिन की कैद दे। स्टेट बैंक ने मन, वचन, और कर्म तीनों से न सिर्फ सुप्रीम कोर्ट को, बल्कि देश के लोकतंत्र को धोखा देने की कोशिश की है। जब इतने बड़े ओहदे पर बैठा आदमी सुप्रीम कोर्ट को इस बेशर्मी और दुस्साहस के साथ उसकी औकात दिखा रहा है, तो उसे इसके दाम भी चुकाने चाहिए। हमारा ख्याल है कि स्टेट बैंक की बदमाशी की वजह से अदालत का जितना वक्त खराब हुआ है, उसकी भरपाई स्टेट बैंक चेयरमैन की निजी तनख्वाह से करवानी चाहिए, तभी जाकर देश के बाकी लोगों के सामने यह मिसाल रहेगी कि राजनीतिक ताकतों को बचाने के लिए वे अगर इतने घटिया स्तर पर उतरेंगे, और अदालत की अवमानना करेंगे, तो उसके दाम भी उन्हें चुकाने होंगे। (क्लिक करें : सुनील कुमार के ब्लॉग का हॉट लिंक)
साफग़ोई और खरी-खरी की तारीफ़
राजनांदगांव में पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष सुरेन्द्र दास वैष्णव के बेबाकी की राजनीतिक हल्कों में खूब चर्चा हो रही है। सुरेन्द्र दास ने पूर्व सीएम भूपेश बघेल की मौजूदगी में एक तरह से विधानसभा चुनावों में हार के कारणों को भी गिना दिया।
उन्होंने गिरीश देवांगन का नाम लिए बिना राजनांदगांव विधानसभा से बाहरी को टिकट देने के फैसले पर कटाक्ष करते हुए कह गए, कि पार्टी चाहे तो रायपुर और दुर्ग के नेताओं को पंचायत चुनाव लडऩे के लिए यहां (राजनांदगांव) भेज सकती है। हम इसका स्वागत करेंगे।
गिरीश देवांगन, पूर्व सीएम डॉ.रमन सिंह के खिलाफ बुरी तरह हारे थे। हार के कारणों का कोई स्पष्ट कारण नजर नहीं आ रहा था। जबकि भूपेश बघेल ने गिरीश के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी, और सारे संसाधन लगा दिए थे। अब जाकर सुरेन्द्र दास की टिप्पणी से सब कुछ साफ हुआ है। यानी बाहर से आए नेताओं को प्रत्याशी बनाने को कार्यकर्ताओं ने स्वीकार नहीं किया, और इसका खामियाजा पार्टी को भुगतना पड़ा।
महासमुंद में बिरनपुर की गूंज
महासमुंद में कांग्रेस ने पूर्व गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू को सिर्फ इसलिए प्रत्याशी बनाया है कि वहां साहू समाज के मतदाता निर्णायक हैं। मगर ताम्रध्वज को समाज का पूरा-पूरा साथ मिलता नहीं दिख रहा है। वजह यह है कि बिरनपुर कांड की गूंज अब महासमुंद में भी सुनाई देने लगी है।
भाजपा ने महासमुंद में बिरनपुर के भुवनेश्वर साहू हत्याकांड के मसले पर कांग्रेस की घेराबंदी शुरू कर दी है। ताम्रध्वज को जवाब देना इसलिए भी मुश्किल हो रहा है कि वो गृहमंत्री रहते भुवनेश्वर साहू की हत्या के बाद कभी बिरनपुर गए ही नहीं। न ही उनके परिजनों से मुलाकात की थी। साहू समाज में इसको लेकर ताम्रध्वज के खिलाफ नाराजगी अभी तक बरकरार है। जबकि विधानसभा चुनाव में इसका नतीजा ताम्रध्वज भुगत चुके हैं। अब लोकसभा चुनाव में क्या होता है, यह तो आने वाले समय में पता चलेगा।
संसदीय सचिव बनाएंगे या नहीं?
करीब बीस वर्ष पहले भाजपा सरकार ने ही संसदीय सचिवों की नियुक्ति की शुरूआत की थी। इसके जरिए जातीय, क्षेत्रीय, दलीय संतुलन बनाया जाता रहा है। यह भी सच है कि इनमें से कई संसदीय सचिव अगला चुनाव हारते रहे या टिकट नहीं मिलती। संसदीय सचिवों की नियुक्ति को कांग्रेस नेता मोहम्मद अकबर ने चुनौती दी थी। हालांकि कांग्रेस सरकार में 13 संसदीय सचिव बनाए गए थे। बाद में विधानसभा में यह व्यवस्था भी आई कि संसदीय सचिव ना तो विधायक की तरह सवाल कर पाएंगे, ना ही मंत्री की तरह जवाब दे पाएंगे। भाजपा सरकार में जो संसदीय सचिव थे, उन्हें कभी-कभी जवाब देने का मौका मिलता था। बाद में हाई कोर्ट के आदेश पर यह छिन गया था। विधायकों के मन में एक बड़ा सवाल यह भी है कि संसदीय सचिवों की नियुक्ति की जाएगी, या नहीं। यदि नियुक्ति की जाएगी तो 12 से अधिक फिर बनाए जाएंगे या सिर्फ 11 । इस हिसाब से विधायकों के मन में गाड़ी-बंगला मिलने की उम्मीद बंधी रहेगी।
सहानुभूति या नुकसान?
छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित महादेव सट्टा ऐप मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ ईडी के प्रतिवेदन पर एसीबी, ईओडब्ल्यू ने एफआईआर दर्ज कर ली है। पूर्व सीएम के खिलाफ अनेक धाराओं में मामला दर्ज होने की एक कॉपी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है लेकिन अब तक आधिकारिक बयान नहीं आया है। एसीबी की ओर से कोई खंडन नहीं आया है, इसलिए इसे लोग असली मान कर चल रहे हैं। विधानसभा चुनाव के दौरान ईडी ने ऐसा ही एक प्रेस नोट जारी किया जिसमें सिर्फ बघेल सरनेम का जिक्र था। सबने मान लिया कि बात भूपेश बघेल की हो रही है।
राजनांदगांव से उम्मीदवार बनने के बाद जाहिर हुई इस ताजा रिपोर्ट ने बघेल को और आक्रामक बना दिया है। इसे राजनीतिक साजिश बताते हुए उन्होंने ऐलान किया है कि वे अग्रिम जमानत की अर्जी नहीं लगाएंगे। दूसरी तरफ तमाम भाजपा नेताओं के सोशल मीडिया पेज बघेल पर हमलावर टिप्पणियों से भरे पड़े हैं।
विधानसभा चुनाव बघेल अपनी सीट से जीत गए थे लेकिन कांग्रेस को भारी नुकसान हुआ। सरकार दोबारा नहीं बन पाई। देखना दिलचस्प होगा की राजनांदगांव से उनकी लड़ाई इस खुलासे के बाद किस मुकाम पर पहुंचेगी। बघेल की छवि को नुकसान होगा या उन्हें सहानुभूति मिलेगी?
रुक गई ट्रांसफर लिस्ट
बीते एक महीने से स्कूल शिक्षा विभाग में यह जमकर चर्चा हो रही थी कि तबादले की जम्बो लिस्ट तैयार हो रही है। बताते हैं कि यह सूची धीरे-धीरे घटती बढ़ती रही। इसके चलते समय पर तैयार नहीं हो सकी। बंगले से रवाना हुई फाइल महानदी में अज्ञात कारणों से दो दिन तक रुकी रही। और इधर चुनाव आचार संहिता लागू हो गई। अब सारा मामला कम से कम जून महीने तक लटक गया है। लोकसभा चुनाव के बाद यह विभाग किसके पास रहेगा, कुछ भरोसा नहीं।
एक खूबसूरत शाम
पानी पर ढलते सूरज की रोशनी और नौकायन। यकीन नहीं होगा मगर यह तस्वीर हाल ही में शिवरीनारायण में महानदी के तट से ली गई है।
नई दिल्ली, 19 मार्च । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमिलनाडु के सेलम में मंगलवार को एक जनसभा को संबोधित करते हुए इंडी गठबंधन पर फिर से जमकर निशाना साधा। इसके साथ ही पीएम मोदी ने राहुल गांधी की शक्ति से लड़ाई वाले बयान पर फिर एक बार उन्हें आड़े हाथों लेते हुए मंच से कहा कि हमारे शास्त्र साक्षी हैं कि विनाश उनका होता है, जो शक्ति को खत्म करने का विचार रखते हैं।
हालांकि, राहुल गांधी अपने इस बयान पर सफाई दे चुके हैं और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा था कि उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया।
बता दें कि लोकसभा चुनाव से पहले पीएम मोदी मिशन दक्षिण पर हैं। इससे पहले उन्होंने केरल के पलक्कड़ में अपने उम्मीदवारों के समर्थन में रोड शो किया। इस दौरान पीएम मोदी के यहां पहुंचने पर लोगों ने 'भारत माता की जय' और 'मोदी-मोदी' के नारे भी लगाए। पहली बार दक्षिण के राज्य खासकर तमिलनाडु में पीएम मोदी के रोड शो में इतनी बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ देखने को मिली। इस रोड शो के दौरान पीएम मोदी जब लोगों का अभिवादन कर रहे थे तो लोग भावुक हो रहे थे।
रोड शो के समाप्त होने के बाद जब पीएम मोदी सेलम में जनसभा के लिए मंच पर पहुंचे तो उन्होंने यहां से कहा, "तमिलनाडु में भाजपा को मिल रहा ये जनसमर्थन पूरा देश देख रहा है, पूरा देश इसकी चर्चा भी कर रहा है। एनडीए और मोदी को ये जो जनसमर्थन और आशीर्वाद मिल रहा है, इसने डीएमके सरकार की नींद उड़ा दी है।
पीएम मोदी ने कहा, ''अब तमिलनाडु ये तय कर चुका है कि 19 अप्रैल को एक-एक वोट भाजपा को जाएगा, एनडीए को जाएगा। अब तमिलनाडु ये तय कर चुका है- अबकी बार 400 पार!''
इसके साथ ही पीएम मोदी ने आगे कहा कि, ''अभी तो चुनाव अभियान की शुरुआत हुई है। लेकिन इंडी एलायंस के प्लान मुंबई में हुई उनकी पहली रैली में ही खुलकर सामने आ गए हैं। ये कह रहे हैं कि हिंदू धर्म की जिस शक्ति में आस्था होती है, उन्हें इस शक्ति का विनाश करना है। हिंदू धर्म में शक्ति किसे कहते हैं, ये तमिलनाडु का हर व्यक्ति जानता है।''
पीएम मोदी ने कहा, ''इंडी एलायंस वाले लोग बार-बार, जानबूझकर हिंदू धर्म का अपमान करते हैं। हिंदू धर्म के खिलाफ इनका हर बयान बहुत सोचा समझा हुआ होता है। आप देखिए, और किसी धर्म का अपमान डीएमके और कांग्रेस का इंडी एलायंस कभी नहीं करता, किसी और धर्म के खिलाफ इनकी जुबान से एक शब्द नहीं निकलता। लेकिन हिंदू धर्म को गाली देने में ये एक सेकंड नहीं लगाते। इन्होंने तमिल संस्कृत के प्रतीक पवित्र संगोल की संसद में स्थापना का विरोध किया।''
उन्होंने कहा कि, ''हमारे शास्त्र साक्षी हैं कि विनाश उनका होता है, जो शक्ति को खत्म करने का विचार रखते हैं। ऐसे खतरनाक विचारों को हराने की शुरुआत 19 अप्रैल को सबसे पहले मेरा तमिलनाडु करेगा। मोदी, देश की नारी शक्ति की हर परेशानी के आगे ढाल बनकर खड़ा है। महिलाओं को धुआं मुक्त जीवन देने के लिए हमने उज्ज्वला एलपीजी गैस कनेक्शन दिए, हमने फ्री मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए आयुष्मान योजना शुरू की। इन सभी योजनाओं के केंद्र में नारी शक्ति ही है।''
(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 19 मार्च । सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को योग गुरु बाबा रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण को तलब किया।
न्यायमूर्ति हिमा कोहली की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि आयुर्वेदिक कंपनी पतंजिल ने भ्रामक विज्ञापनों के लगातार प्रकाशन पर जारी अवमानना नोटिस का जवाब नहीं दिया।
पिछले साल नवंबर में शीर्ष अदालत के समक्ष दिए गए आश्वासन का उल्लंघन करने पर 27 फरवरी को पीठ ने आचार्य बालकृष्ण और पतंजलि के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू की थी। पीठ में न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह भी शामिल थे।
पतंजलि ने पहले सुप्रीम कोर्ट को आश्वासन दिया था कि वह अपने उत्पाद की औषधीय प्रभावकारिता का दावा करने वाला कोई बयान नहीं देगा या कानून का उल्लंघन करते हुए उनका विज्ञापन या ब्रांडिंग नहीं करेगा और किसी भी रूप में मीडिया में चिकित्सा की किसी भी प्रणाली के खिलाफ कोई बयान जारी नहीं करेगा।
अपनी याचिका में, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम, 1954 के उल्लंघन के लिए पतंजलि के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
योग गुरु और पतंजलि के संस्थापक बाबा रामदेव के खिलाफ कोविड-19 के एलोपैथिक उपचार के खिलाफ उनकी विवादास्पद टिप्पणियों को लेकर कई राज्यों में केस दर्ज है।
एक वीडियो में बाबा रामदेव ने कहा था, ''ऑक्सीजन या बेड की कमी से ज्यादा लोग एलोपैथिक दवाओं के इस्तेमाल से मरे हैं।''
(आईएएनएस)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 19 मार्च । शहर के कारोबारी, मैरिज पैलेस और बड़े शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के मालिक के बड़े भाई से ईडी ने की दो दिन लगातार पूछताछ की। यह पूछताछ हवाला कारोबारी अनिल दम्मानी, सुनील दम्मानी से जमीन की खरीद फरोख्त के सुबूत मिलने के बाद की गई । दम्मानी भाई महादेव सट्टा ऐप मामले में गिरफ्तार हैं। अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि कारोबारी ने दम्मानी भाई को जमीन बेचकर पैसा लिया या उनसे जमीन खरीदा। बताया जा रहा है कि कारोबारी ने इन सौदों के पेपर ईडी को सबमिट कर दिया है । उसके बाद ईडी ने आवश्यक होने पर पुन बुलाने पर आने के निर्देश देकर जाने दिया।
गर्मी से मिली राहत
21 तक मौसम ऐसा ही रहेगा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 19 मार्च। प्रदेश में कई जगहों पर बारिश हुई है। सोमवार दोपहर बाद तेज आंधी के साथ शाम बारिश होने से राजधानीवासियों को गर्मी से राहत मिली। दो दिनों से हो रहे मौसम में बदलाव के कारण शाम राजधानी समेत प्रदेश के कई जिलों में तेज आंधी चली इस दौरान कुछ इलाकों में गरज-चमक के साथ बौछारें भी पड़ी। प्रदेश के मौसम में अचानक आए इस बदलाव की वजह से प्रदेशवासियों को गर्मी से राहत मिली है। इस बीच मौसम विभाग ने प्रदेश के कई जिलों में आंधी-तूफान के साथ ओलावृष्टि की संभावना जताई है।
लालपुर स्थित मौसम केंद्र में मौसम विज्ञानी एच. पी. चंद्रा के मुताबिक बंगाल की खाड़ी से आ रही नमी के कारण मौसम में यह बदलाव हुआ है। आने वाले 5 दिनों तक प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में इस तरह का ही मौसम रहने की संभावना र्हैं आज रविवार को भी प्रदेश के कई हिस्सो में गरज-चमक के साथ बारिश और कहीं-कहीं पर ओले गिरने की आशंका है। मौसम में आए इस बदलाव के चलते अधिकतम तापमान में दो से चार डिग्री सेल्सियस तक गिरावट होने की संभावना है।
मौसम विशेषज्ञ एच.पी. चंद्रा ने बताया कि एक ऊपरी हवा का चक्रीय चक्रवाती परिसंचरण उत्तर ओडिशा और उसके आसपास 0.9 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है, जिसके प्रभाव से 17, 18 और 19 मार्च को कई स्थानों पर तेज हवा चलने, वज्रपात होने औऱ ओलावृष्टि की संभावना है। 20-21 मार्च को बारिश और ओले की चेतावनी नहीं है, लेकिन हवा में नमी बनी के चलते बादल छाए रहने का अनुमान है, इस दौरान दिन का तापमान भी कम रहेगा।
रविवार को जशपुर, सरगुजा, रायगड़, जांजगीर, कोरबा, बिलासपुर, बलौदाबाजार, महासमुंद, रायपुर, गरियाबंद, धमतरी, कोंडागांव, कांकेर, बालोद, दुर्ग, बेमेतरा में तेज हवा के साथ बादल छाए रहने की संभावना है। सोमवार को भी बलरामपुर, सरगुजा, जशपुर, रायगढ़, जांजगीर, मुंगेली, बिलासपुर, कोरिया, कबीरधाम में बारिश-आंंधी के साथ ओले गिरने की संभावना है। रविवार को दुर्ग, राजनांदगांव, कबीरधाम, मुंगेली, बेमेतरा जिलाके कुछ क्षेत्रों और सोमवार 18 मार्च को कोरबा व बिलासपुर जिले के कुछ क्षेत्रों में तेज अंधड़ व बादल गरजने के साथ ही ओले गिरने की संभावना है।
तेज आंधी से बैनर पोस्टर फटे
सोमवार हुई बारिश और तेज आंधी के चलते शहर में लगे बैनर पोस्टर और टीन के शेड उड़ गए। शाम रात तक सडक़ किनारे लगे पेड़ गिरने की भी खबर है। जिससे कुछ जगहों पर यातायात बाधित रही। जिसे निगम और स्थानीय लोग सडक़ पर गिरे पेड़ों को हटाते दिखे।
प्रदेश में ऑरेंज, यलो अलर्ट
मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में बलरामपुर, बिलासपुर, जांजगीर-चांपा, जशपुर, कबीरधाम, कोरबा, कोरिया, मुंगेली, रायगढ़, सक्ती, सूरजपुर, सरगुजा में अलग-अलग स्थानों पर गरज के साथ ओलावृष्टि और तेज हवाएं चलने की संभावना है। मौसम विभाग ने छत्तीसगढ़ के लिए ऑरेंज और यलो अलर्ट जारी किया है। मिली जानकारी के अनुसार इन जिलों में अगले कुछ घण्टों में गरज चमक के साथ तेज बारिश और कहीं- कहीं पर वज्रपात होने की संभावना जताई है।
किसानों को मायूस होने की जरूरत नहीं-सीएम साय
छत्तीसगढ़ में इन दिनों तेज अंधड़ के साथ ही बारिश व ओलावृष्टि भी हो रही है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार अगले 36 घंटों में भी प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में तेज अंधड़ के साथ बारिश और ओलावृष्टि के आसार है। बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से दलहन, तिलहन सहित अन्य फसलों को नुकसान हुआ है। इसी बीच सीएम विष्णुदेव साय ने प्रभावित किसानों को हरसंभव मदद का भरोसा दिया है। साय ने एक्स पर पोस्ट किया है कि बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से फसलों का नुकसान हुआ है। इससे किसान भाइयों को मायूस होने की जरूरत नहीं है। फसलों के नुकसान का आंकलन किया जा रहा है। हमारी सरकार किसानों के हितों के हमेशा प्रतिबद्ध है।
आज सुबह गांव के कुछ बच्चों ने सबसे पहले यह शव देखा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 19 मार्च। सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र के नजदीकी गांव नांदगांव में एक 24 वर्षीय युवक की नग्न अवस्था में शव मिला है। मृतक के शरीर से गले को अलग काट दिया गया है। खबर मिलते ही घटनास्थल पर कोतवाली पुलिस पहुंची और तफ्तीश कर रही है। खबर सुनकर आसपास गांवों से भी लोग शव को देखने पहुंच रहे हैं। मृतक का नाम पूनम पटेल उर्फ गोलू बताई जा रही है जबकि हत्यारे का अभी कोई सुराग नहीं मिला है। अज्ञात हत्यारों द्वारा की गई इस हत्या मामले में पुलिस का क हना है कि शीघ्र ही आरोपी तक पहुंचने की कोशिश की जाएगी, पड़ताल जारी है।
जानकारी मिली है कि आज सुबह लगभग 8बजे सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र के ग्राम नंदगांव में पूनम पटेल उर्फ गोलू पिता सुरेश पटेल 24 साल का शव गांव वालों ने गांव से बाहर बेशरम की झाडिय़ों के पास देखा और पुलिस को इसकी सूचना दी। बताया जा रहा है कि गांव के कुछ बच्चों ने सबसे पहले यह शव देखा। इसके बाद गांव के कोटवार और अन्य ग्रामीण मौके पर पहुंचे। इसके बाद पंचों के साथ गांव के कोटवार ने मामले की सूचना सिटी कोतवाली पुलिस को दी।
मामले की गंभीरता को देखते हुए सिटी कोतवाली प्रभारी प्रशिक्षु डीएसओ मोनिका श्याम, एसडीओपी त्रिपाठी, एस आई मिश्रा पूरी टीम के साथ घटना स्थल पहुंचे। मृतक सुरेश पटेल के भाई तीमन पटेल और पिता सुरेश पटेल ने पुलिस को जानकारी दी कि सोमवार की सुबह 8 बजे रोज की तरह सुरेश पटेल घर से निकल था। रात 10 बजे तक घर नहीं पहुंचा तो मृतक के पिता सुरेश पटेल ने जहां मृतक काम करता था भगवती राइस मिल, वहां पहुंचकर उसकी टोह ली।
राइस मिल में काम करने वालों ने जानकारी दी कि मृतक पूनम पटेल शाम 5 बजे, 5 सौ रुपए एडवांस लेकर निकला था। घर के लोग रात भर पूनम का इंतजाार करते रहे। आज सुबह सुरेश पटेल अपने बेटे को खोजने की निकला था कि उसे किसी ने बताया कि उसके बेटे पूनम का शव बेशरम की झाडिय़ों में औंधे मुंह पड़ा है। शव में बिल््कुल कपड़े नहीं हैं। बहरहाल सिटी कोतवाली पुलिस मामले का पंचनामा कर अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। पुलिस को शक है कि युवक की हत्या कर शव को रात के अंधेरे में बेशरम की झाडिय़ों में गांव के बाहर फेंक कर आरोपी फरार है। सिटी कोतवाली पुलिस को शव के पास कुछ भी एविडेंस बरामद नहीं हुआ है। शव से दो सौ मीटर दूर खून और मृतक का चप्पल ही अब तक बरामद हो सका है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 19 मार्च । प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने सोमवार को प्रदेश के एक बड़े एडवर्टाइजिंग फर्म के दफ्तर में दबिश दी। इस फर्म के संचालक मूलत: जबलपुर के निवासी हैं। और इनका दवाइयों का भी बड़ा कारोबार है। ईडी के अफसर फर्म के तेलीबांधा इलाके में स्थित आफिस में छापेमारी की । इस एड फर्म का आउटडोर एडवर्टाइजिंग यानी प्रदेश भर में होर्डिंग्स प्लैक्स के जरिए विग्यापनों का एमपी सीजी दोनों ही राज्यों में बड़ा काम है। यह कुछ वर्ष पहले ही छत्तीसगढ़ आया है। ईडी सूत्रों ने बताया कि चुनाव पूर्व कांग्रेस पार्टी और सरकार के विग्यापनों के आर्डर, मोड आफ पेमेंट जैसे तथ्यों को लेकर पूछताछ और बिलिंग और विग्यापनों के रिलीज आर्डर के हार्ड और साफ्ट कापी सी भी पड़ताल की गई। ईडी अफसरों ने जरूरत पड़े पर बुलाने की भी बात कही।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 19 मार्च । राज्यपाल हरिचंदन कल एक संक्षिप्त कार्यक्रम में दो नए सूचना आयुक्तों को पद की शपथ दिलाएंगे। यह कार्यक्रम 11.30 बजे दरबार हाल में होगा। राज्य सरकार ने शनिवार को ही पूर्व आईएएस नरेंद्र शुक्ला और नगरीय सेवा के अधिकारी आलोक चंद्रवंशी को सूचना आयुक्त नियुक्त किया था। वर्तमान आयुक्त मनोज त्रिवेदी, धनवेंद्र जायसवाल का कार्यकाल 24 मार्च को खत्म हो रहा है। राजभवन और सूचना आयोग के सचिवालय ने शपथ की तैयारी शुरू कर दी है।
सभी 11 खरीददारों को नोटिस
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 19 मार्च। शहर के मुख्य मार्ग पर स्थित एसबीआर कॉलेज के खेल मैदान को करोड़ों रुपए में बेचने के मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है।
चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच के समक्ष शासन की ओर से बताया गया है कि जमीन की बिक्री में प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया था, इसलिए नामांतरण निरस्त किया गया है।
ज्ञात हो कि एसबीआर कॉलेज भवन को एक ट्रस्ट ने दान दिया है। कुछ ट्रस्टियों की मृत्यु होने के बाद उनके वारिसों ने कॉलेज के सामने की जमीन को बेचने का सौदा कर लिया। उनका दावा है कि सिर्फ भवन को दान किया गया है। खेल मैदान अभी भी ट्रस्ट की संपति है। इसकी बिक्री की खबर फैलते ही छात्रों और नागरिकों ने आंदोलन किया था। वहीं एक ट्रस्टी के परिवार के सदस्य अतुल बजाज, अमित बजाज आदि ने हाईकोर्ट में बिक्री के खिलाफ याचिका दायर की। सिंगल बेंच ने इसे ट्रस्ट के वारिसों की जमीन मानते हुए नीलामी की प्रक्रिया पूरी करने कहा था। इसके बाद इस भूमि की बिक्री कर दी गई, जिसे 11 लोगों ने मिलकर खरीदा। इसके बाद नए तथ्यों के साथ सिंगल बेंच के आदेश को डिवीजन बेंच में चुनौती दी गई। याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट को बताया कि वर्षों पूर्व उक्त जमीन कलेक्टर को हस्तांतरित की जा चुकी है, इसलिए इसे बेचने अधिकार ट्रस्टियों को नहीं है। साथ ही सिंगल बेंच के आदेश का उल्लंघन करते हुए नीलामी की प्रक्रिया नहीं अपनाई गई और 11 लोगों को संयुक्त रूप से बेच दिया गया।
डिविजन बेंच ने इस संबंध में कलेक्टर तथा शासन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। सोमवार की सुनवाई में सरकार की ओर से बताया गया कि नामांतरण की कार्रवाई रोक दी गई है। डिविजन बेंच ने सभी 11 खरीददारों को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। साथ ही अगले आदेश तक यथास्थिति बनाए रखने भी कहा है।
रामगोपाल अग्रवाल और विनोद वर्मा पर आरोप
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 19 मार्च। प्रदेश कांग्रेस के कोष में पौने 6 करोड़़ के गबन का मामला प्रकाश में आया है। यह खुलासा कोई और नहीं बल्कि पार्टी के पूर्व प्रभारी महामंत्री अरूण सिसोदिया ने किया है। सिसोदिया ने प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज को पत्र लिखकर बताया कि पार्टी के कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल ने पूर्व सीएम के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा के बेटे की कंपनी को नियम विरुद्ध करोड़ों भुगतान किया है। उन्होंने इस मनमानी के लिए जिम्मेदार लोगों को पार्टी से निकालने की मांग भी की है।
सिसोदिया ने प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज को लिखे पत्र में कहा कि छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी में कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल द्वारा अपने मित्र और पूर्व सीएम भूपेश बघेल के राजनितिक सलाहकार विनोद वर्मा के बेटे की कंपनी टेसू मीडिया लैब गाजियाबाद को 5 करोड़ 89 लाख रुपए का भुगतान किया गया।
सिसोदिया ने बताया कि यह सब तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम व प्रभारी महामंत्री की जानकारी और अनुमति के बिना किया गया। जबकि कोषाध्यक्ष को कार्यादेश जारी करने अनुमति ही नहीं है। और पार्टी के बायलॉज के अनुसार प्रदेश कार्यकारिणी में प्रस्ताव लाकर पास किया जाना चाहिए और प्रदेश अध्यक्ष के नोट शीट अप्रुवल लिया जाना जरूरी है।
सिसोदिया ने बताया कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आने के बाद भी संगठन को किसी प्रकार आर्थिक सहयोग नहीं दिया जाता था। हमारे द्वारा कई बार बैठक में और प्रभारी कुमारी सैलजा से अनुरोध करने और मांग बावजूद ब्लॉक अध्यक्ष व जिला अध्यक्ष को 5-10 हजार मासिक संगठन के कार्य करने नहीं दिया गया। उन्होंने अपने परिवार के लोगों को एक कमरे में बिठाकर कार्यादेश व गवाह निजी लोगों को बनाकर भुगतान कर दिया गया, साथ ही जो रकम 10 लाख 6 लाख व 3 लाख यानि 19 लाख प्रति माह भुगतान किया गया वो वर्तमान में 10 गुना है। यानी प्रति माह 20 लोगों की टीम 3 लाख में कार्य कर रही है जैसा कि आपको पूर्ण विदित है।
अरूण सिसोदिया ने आग्रह किया है कि 5 साल में ही सरकार और संगठन में मनमानी करने वाले गिरोह को पार्टी से बाहर किया जाए व हार के जिम्मेदार लोगों को सक्रिय राजनीति व पार्टी से दूर रखा जाए तभी पार्टी का उत्थान संभव है।
बैज ने कहा...
सिसोदिया के बयान पर प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि मुझे मीडिया के जरिए जानकारी मिली है। सिसोदिया फिलहाल किसी पद में नहीं है। जो भी नाराजगी है, उसे पहले पार्टी फोरम में रखना चाहिए।
लोस चुनाव के चलते कार्रवाई पर रोक, भूपेश की मौजूदगी में उठाए थे सवाल
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 19 मार्च। लोकसभा चुनाव के लिए जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं को एकजुट करने के लिए आयोजित बैठक में कांग्रेस के खिलाफ हमलावर हुए पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष सुरेन्द्रदास वैष्णव के खिलाफ पूर्व सीएम भूपेश बघेल और पीसीसी फिलहाल कार्रवाई करने के मूड़ में नहीं है। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सुरेन्द्र दास पर किसी भी तरह की अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं किए जाने पर सहमति बनी है।
बघेल और पीसीसी की ओर से जिलाध्यक्ष को अगले आदेश तक कार्रवाई नहीं करने के निर्देश मिले हैं। सोमवार को सोमनी में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व अन्य दिग्गज नेताओं की मौजूदगी में मंच से सुरेन्द्र दास ने कांग्रेस सरकार में हुई उपेक्षा को लेकर अपना दर्द साझा किया। उन्होंने पूर्व सीएम के कार्यकाल में कार्यकर्ताओं को आसपास फटकने नहीं देने को लेकर भी अपनी पीड़ा को जाहिर किया। सुरेन्द्र दास ने यहां तक कहा कि बाहर से प्रत्याशी सौंपने का सिलसिला शुरू होने से कार्यकर्ताओं को पार्टी में अपना भविष्य नहीं दिख रहा है।
उन्होंने तंज कसते कहा कि पंच-सरपंच और अन्य चुनाव के लिए भी भिलाई-दुर्ग से उम्मीदवार भेजे जाने चाहिए। सुरेन्द्रदास ने अपनी भावनाओं को आक्रमक रूप से मंच के जरिये सामने लाया। भाषण के दौरान कुछ लोगों ने उन्हें टोकने की कोशिश की। पूर्व सीएम ने सुरेन्द्रदास को अपनी बात रखने की इजाजत दी। वहीं बैठक में मौजूद कार्यकर्ताओं ने ताली बजाकर कांग्रेस नेता सुरेन्द्रदास की बातों का समर्थन किया।
उन्होंने अपनी पीड़ा को रखते यहां तक कहा कि यदि संगठन को यह बात बुरी लग रही है तो उन्हें निष्कासित भी कर दें। पूर्व सीएम के समक्ष पार्टी में मंथन को लेकर भी उन्होंने सवाल उठाए। एयरकंडिशन कमरे में चुनिंदा लोगों की बैठक को मंथन देने के नाम पर भी सुरेन्द्रदास ने आपत्ति दर्ज की। इस बीच दाऊ की कही बातें सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो गई। देखते-देखते ही पूरा भाषण सियासी रूप से चर्चा का विषय बन गया।
बताया जा रहा है कि पूर्व सीएम और पीसीसी कांग्रेस नेता सुरेन्द्रदास के खिलाफ कार्रवाई करने के मूड़ में नहीं है। इस संबंध में जिला कांग्रेस अध्यक्ष भागवत साहू ने ‘छत्तीसगढ़’ को बताया कि घटना को लेकर पीसीसी को अवगत कराया गया है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अगले आदेश के बाद ही कार्रवाई की जाएगी।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 19 मार्च। महादेव सट्टा एप मामले में एफआईआर दर्ज होने के बाद आई पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की प्रतिक्रिया को लेकर भाजपा ने जवाब दिया है। उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा है कि जांच एजेंसी एसीबी ने जिनके खिलाफ सबूत पाए हैं उन पर अपराध दर्ज किया है।
भाजपा कार्यालय में पत्रकारों को विधायक धरमलाल कौशिक और सुशांत शुक्ला की मौजूदगी में संबोधित करते हुए डिप्टी सीएम ने कहा कि सट्टा एप के आरोपी शुभम सोनी के दुबई से वायरल हुए वीडियो में पूर्व सीएम बघेल का नाम आया था। विधानसभा चुनाव के समय भी 5.39 करोड रुपए जब्त हुए थे। इसमें भी बघेल का नाम आया था। एफआईआर दर्ज होने के बाद बघेल अपना आपा खो चुके हैं, इसलिए बेकार की बयानबाजी कर रहे हैं। भाजपा सरकार ने दुर्भावना या प्रतिशोध की कार्रवाई नहीं की है। ऐसा इतिहास कांग्रेस का रहा है। महादेव सट्टा एप की जांच कांग्रेस शासन काल के समय से ही चल रही है। अब इस जांच में अपना नाम शामिल देखकर बघेल की पेट में दर्द हो रहा है।
ज्ञात हो कि बघेल का सट्टा एप में संलिप्तता होने का दावा करते हुए एसीबी ने अन्य आरोपियों के साथ बघेल का नाम भी शामिल किया है। उनके विरुद्ध 7 अलग अलग धाराओं में जुर्म दर्ज हुआ है। बघेल ने इसे बीजेपी की साजिश बताते हुए जमानत अर्जी नहीं लगाने की बात कही है।
पीएम रिपोर्ट में खुलासा, दम घुटने से हुई मौत
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 19 मार्च। 3 साल की मासूम बच्ची से रेप और हत्या के आरोपी नाबालिग के साथ पुलिस ने उसके चाचा को भी गिरफ्तार किया है। आरोपी को फांसी देने और उसके घर पर बुलडोजर चलाने की मांग को लेकर बन्नाक चौक सिरगिट्टी के लोगों ने दिनभर नेहरू चौक पर चक्का जाम किया।
इधर सिम्स चिकित्सालय में डॉक्टरों की टीम ने बच्ची के शव का पोस्टमार्टम किया है जिसमें दम घुटने की वजह से मृत्यु होने की बात कही गई है। पोस्टमार्टम की टीम में महिला डॉक्टर भी शामिल की गई थी साथ ही इसकी वीडियो ग्राफी भी कराई गई। रेप की पुष्टि के लिए वेजाइनल स्वैब को फॉरेंसिक लैब भेजा गया है।
पुलिस ने बताया कि नाबालिग आरोपी के एक चाचा को भी पाक्सो एक्ट तथा हत्या में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। प्रत्यक्ष दर्शियों ने अपने बयान में बताया है कि आरोपी के चाचा ने काफी देर तक लोगों को गुमराह किया कि आरोपी घर पर नहीं है जबकि वह बच्ची को साथ लेकर बाथरूम में घुसा हुआ था। नाबालिग होने के कारण 15 वर्षीय आरोपी को किशोर न्यायालय में पेश किया गया, जबकि उसके चाचा को न्यायालय में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया है। सिरगिट्टी के निवासियों की आरोपी का घर ढहाने मांग पर एक राजस्व अमला उसकी जमीन की नाप जोख करने के लिए भी पहुंचा था। कुछ उत्तेजित लोग उसके घर के सामने बुलडोजर लेकर पहुंच गए थे जिन्हें पुलिस ने समझा बुझाकर लौटाया। आरोपी के कुछ साथियों से पूछताछ करने पर पुलिस को पता चला है कि वह मोबाइल फोन पर पोर्न सामग्री देखने का आदी था।
क्षेत्रीय विधायक धरमलाल कौशिक कल पीड़ित परिवार से मिलने के लिए उनके घर गए। उनको उन्होंने हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है।
ज्ञात हो कि बीते रविवार की शाम को आरोपी नाबालिग पड़ोस में रहने वाली 3 साल की बच्ची को बहला फुसलाकर अपने घर ले गया था। घर के पीछे बने बाथरूम में उसे कैद करके उसने उसके साथ रेप किया। जब बच्ची बहुत देर तक नजर नहीं आई तो उसकी तलाश की गई। बाथरूम में उसे लेकर बंद आरोपी ने काफी देर तक दरवाजा नहीं खोला। तब दरवाजा तोड़ दिया गया। बच्ची वहां खून से लथपथ बेहोश पड़ी थी। आरोपी को भी तुरंत दबोच लिया गया। उसकी मां और परिजन उसे सिम्स अस्पताल लेकर पहुंचे तो वहां पर डॉक्टरों ने बताया कि उसकी मौत हो चुकी है।
तेलंगाना की राज्यपाल और पुडुचेरी की उप राज्यपाल पद से तमिलिसाई सौंदर्यराजन का इस्तीफ़ा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वीकार कर लिया है.
राष्ट्रपति भवन ने मंगलवार को एक बयान जारी करके यह जानकारी दी है.
राष्ट्रपति भवन ने यह भी बताया कि उनके इस्तीफ़े के बाद नियमित व्यवस्था बनने तक झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को तेलंगाना के राज्यपाल और पुडुचेरी के उपराज्यपाल पद का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा है.
सौंदर्यराजन ने सोमवार को अपने पद से इस्तीफ़ा दिया था. तमिलनाडु की रहने वाली सौंदर्यराजन लोकसभा चुनाव में अपने राज्य की ही किसी सीट से बीजेपी की उम्मीदवार हो सकती हैं.
वो कई बार कह चुकी हैं कि वे राजनीति में सक्रिय होना चाहती हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार और शनिवार को तेलंगाना के दौरे पर थे, जहां उनकी सौंदर्यराजन से मुलाक़ात हुई थी. (bbc.com/hindi)
रायपुर, 19 मार्च। रायपुर रेल मंडल के डीआरएम के द्वारा सोमवार शाम आंध्र समाज के प्रतिनिधियों के साथ किए गए दुर्व्यवहार की रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से शिकायत की गई है। वैष्णव को टैग कर ट्वीट करते हुए समाज के प्रतिनिधियों ने पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी है।
नयी दिल्ली, 19 मार्च। बिहार का बेगूसराय दुनिया का सबसे प्रदूषित महानगर क्षेत्र बन गया है जबकि दिल्ली को सबसे खराब वायु गुणवत्ता वाले राजधानी शहर के रूप में दर्ज किया गया है। एक नयी रिपोर्ट में यह जानकारी दी गयी।
स्विट्जरलैंड के संगठन ‘आईक्यूएयर’ की विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट 2023 के अनुसार, औसतन वार्षिक 54.4 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की पीएम2.5 सांद्रता के साथ भारत 2023 में 134 देशों में से तीसरा सबसे खराब वायु गुणवत्ता वाला देश रहा। उससे पहले बांग्लादेश (79.9 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर) और पाकिस्तान (73.7 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर) रहे।
भारत 2022 में औसतन 53.3 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की पीएम2.5 सांद्रता के साथ आठवां सबसे प्रदूषित देश रहा था।
पीएम2.5 को ‘फाइन पार्टिकुलेट मैटर’ कहा जाता है। ये कण 2.5 माइक्रोन या छोटे आकार के होते हैं और ये सांस लेने के दौरान निचले श्वसन तंत्र तक पहुंच जाते हैं।
बेगूसराय औसतन 118.9 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की पीएम2.5 सांद्रता के साथ वैश्विक स्तर पर सबसे प्रदूषित महानगर दर्ज किया गया है जबकि 2022 की रैंकिंग में इस शहर का नाम भी नहीं था।
दिल्ली 2018 के बाद से चौथी बार दुनिया में सबसे प्रदूषित राजधानी शहर चिह्नित किया गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसा अनुमान है कि भारत में 1.36 अरब लोगों को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की अनुशंसित पांच माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से अधिक की पीएम2.5 सांद्रता का सामना करना पड़ा।
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, दुनियाभर में हर साल तकरीबन 70 लाख लोगों की वायु प्रदूषण के कारण समय पूर्व मौत हो जाती है।
पीएम2.5 वायु प्रदूषण के कारण अस्थमा, कैंसर, आघात और फेफड़ों की बीमारी समेत अनेक बीमारियां हो सकती हैं। (भाषा)
विल्लुपुरम (तमिलनाडु), 19 मार्च। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने तमिलनाडु में 19 अप्रैल को होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए राज्य में डॉ. एस रामदॉस के नेतृत्व वाली पट्टाली मक्कल काची (पीएमके) पार्टी के साथ सीट-बंटवारे को लेकर मंगलवार को समझौता। आगामी चुनाव में क्षेत्रीय पार्टी को दस सीटें आवंटित की गई हैं।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने पीएमके के संस्थापक रामदॉस के यहां थाइलापुरम स्थित आवास पर उनके साथ इस समझौते पर हस्ताक्षर किए।
पीएमके वन्नियार समुदाय के प्रभुत्व वाली पार्टी है और राज्य के कुछ उत्तरी जिलों में इसका महत्वपूर्ण प्रभाव है।
अन्नामलाई ने पीएमके से समझौते के बाद पार्टी अध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य डॉ अंबुमणि रामदॉस के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता की। इस दौरान उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘समझौते के अनुसार पीएमके राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के नेतृत्व में राज्य की दस सीटों पर चुनाव लड़ेगी।'
दोनों नेताओं ने जोर देकर कहा कि पीएमके पिछले 10 वर्षों से राजग के साथ है। इसने 2014 और 2019 का लोकसभा चुनाव भी भाजपा के नेतृत्व वाले के राजग के तहत लड़ा था।
अन्नामलाई ने रामदॉस की प्रशंसा करते हुए कहा कि वह समाज के लाभ के लिए 'क्रांतिकारी' विचारों पर काम करना चाहते थे, जो वर्तमान में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्री एल. मुरुगन भी दोनों दलों के शीर्ष नेताओं की बैठक के दौरान मौजूद रहे।
रामदॉस मंगलवार को निकटवर्ती सलेम जिले में होने वाली प्रधानमंत्री मोदी की रैली में शामिल हो सकते हैं। (भाषा)