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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 27 अप्रैल । सीबीआई की टीम ने बेमेतरा के बिरनपुर में भुवनेश्वर साहू की हत्या की जांच के लिए रायपुर पहुंच गई है। टीम के मुखिया एसपी रामसिंह और डीएसपी मोहिदराम है। वे लोग माना एयरपोर्ट से सीधे बिरन पुर के लिए रवाना हो गए । बताया गया है कि कुछ अधिकारी,कर्मचारी अगले कुछ दिन में आएंगे ।
इससे पहले सीबीआई ने एफआईआर दर्ज कर लिया था। केंद्रीय जांच एजेंसी ने 12 लोगों को आरोपी बनाया है। । सीबीआई के अनुसार
RC0502024S0004 में 12 आरोपी व्यक्तियों के नाम दर्ज हैं:-
1. नवाब खान पुत्र सैहतार खान, निवासी ग्राम शक्तिघाट बिरनपुर, थाना साजा, जिला बेमेतरा, छत्तीसगढ़
2. जलील खान पुत्र मकसुम खान, निवासी ग्राम शक्तिघाट बिरनपुर, थाना साजा, जिला बेमेतरा, छत्तीसगढ़
3. बसीर खान पुत्र बहल खान, निवासी ग्राम शक्तिघाट बिरनपुर, थाना साजा, जिला बेमेतरा, छत्तीसगढ़
4. मुख्तार मोहम्मद पुत्र रशीद मोहम्मद निवासी ग्राम शक्तिघाट बिरनपुर, थाना साजा, जिला बेमेतरा, छत्तीसगढ़
5. सफीक मोहम्मद पुत्र पिला मोहम्मद निवासी ग्राम शक्तिघाट बिरनपुर, थाना साजा, जिला बेमेतरा, छत्तीसगढ़
6. अब्दुल खान पुत्र अकबर खान, निवासी ग्राम शक्तिघाट बिरनपुर, थाना साजा, जिला बेमेतरा, छत्तीसगढ़
7. अकबर खान पुत्र रमजान खान, निवासी ग्राम शक्तिघाट बिरनपुर, थाना साजा, जिला बेमेतरा, छत्तीसगढ़
8. मोहम्मद जनाब पुत्र निजामुद्दीन खान, निवासी ग्राम शक्तिघाट बिरनपुर, थाना साजा, जिला बेमेतरा, छत्तीसगढ़
9. अयूब खान पुत्र सरदार खान, निवासी ग्राम शक्तिघाट बिरनपुर, थाना साजा, जिला बेमेतरा, छत्तीसगढ़
10. निजामुद्दीन पुत्र करमुद्दीन निवासी ग्राम शक्तिघाट बिरनपुर, थाना साजा, जिला बेमेतरा, छत्तीसगढ़
11. रशीद खान पुत्र बहल खान, निवासी ग्राम शक्तिघाट बिरनपुर, थाना साजा, जिला बेमेतरा, छत्तीसगढ़
12. कल्लू खान पुत्र जमाल खान, निवासी ग्राम शक्तिघाट बिरनपुर, थाना साजा, जिला बेमेतरा, छत्तीसगढ़
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 27 अप्रैल। बिरनपुर में साम्प्रदायिक हिंसा की सीबीआई जांच शुरू हो गई है। सीबीआई की एक टीम शनिवार को यहां पहुंची और सीधे बिरनपुर के लिए रवाना हो गई।
बताया गया कि सीबीआई के एसपी राम सिंह की अगुवाई में एक टीम जांच के यहां आई है। टीम में डीएसपी मोहिद राम हैं। एयरपोर्ट से ही सीबीआई टीम साजा विधानसभा के बिरनपुर गांव के लिए निकल गई।
सीबीआई ने इस घटना पर राज्य पुलिस ने 12 लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 336, 307, 302 और 120-बी के तहत मामला दर्ज किया था। आरोप है कि एक गांव के कक्षा 7-8 में पढऩे वाले बच्चे स्कूल से लौट रहे थे, तभी कबाड़ी की दुकान पर काम करने वाले एक समुदाय के लडक़ों ने उनकी पिटाई कर दी, जिस पर बैठक हुई। यह भी आरोप लगाया गया कि जब पीडि़त अपने दोस्तों के साथ दोपहर में उक्त समुदाय के इलाके में गया, तो समुदाय के सदस्यों ने छत से पथराव करना शुरू कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप पीडि़त नीचे गिर गया और उसके सिर में चोटें आईं। इसके बाद, उक्त 12 आरोपियों और अन्य लोगों ने कथित तौर पर तेज चाकू-घातक हथियारों से पीडि़त की हत्या कर दी। अपनी जांच के दौरान, स्थानीय पुलिस को 12 एफआईआर नामित आरोपियों के खिलाफ आपराधिक सबूत मिले और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
इसके बाद, स्थानीय पुलिस ने सक्षम अदालत के समक्ष आरोप पत्र दायर किया। वर्तमान में, सभी आरोपी न्यायिक हिरासत में हैं। यह घटना 8 अप्रैल 2023 को हुई थी। बताया गया कि सीआरपीसी की धारा 173(8) के तहत मामले को आगे की जांच के लिए खुला रखा गया था और अब इसकी जांच सीबीआई करेगी।
आरसी0502024एस0004 क्रमांक के इस अपराध में 12 आरोपी व्यक्तियों के नाम दर्ज हैं-
1. नवाब खान पुत्र सैहतार खान
2. जलील खान पुत्र मकसुम खान
3. बसीर खान पुत्र बहल खान
4. मुख्तार मोहम्मद पुत्र रशीद मोहम्मद
5. सफीक मोहम्मद पुत्र पिला मोहम्मद
6. अब्दुल खान पुत्र अकबर खान
7. अकबर खान पुत्र रमजान खान
8. मोहम्मद जनाब पुत्र निजामुद्दीन खान
9. अयूब खान पुत्र सरदार खान
10. निजामुद्दीन पुत्र करमुद्दीन
11. रशीद खान पुत्र बहल खान
12. कल्लू खान पुत्र जमाल खान
सभी निवासी ग्राम शक्तिघाट बिरनपुर, थाना साजा, जिला बेमेतरा के हैं।
सीबीआई जांच से न्याय मिलेगा-ईश्वर
बिरनपुर कांड में मृत भुवनेश्वर साहू के पिता साजा विधायक ईश्वर साहू ने मीडिया से चर्चा में सीबीआई जांच पर संतोष जाहिर किया है। उन्होंने कहा कि घटना की जो जानकारी है, वो सीबीआई को देंगे। उन्होंने उम्मीद जताई कि सीबीआई जांच से उन्हें न्याय मिलेगा, और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।
कोलकाता, 27 अप्रैल । तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने शनिवार को भारतीय निर्वाचन आयोग (ईसीआई) को पत्र लिखा। टीएमसी ने पत्र के जरिए उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में शुक्रवार को सीबीआई और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) की छापेमारी का विरोध किया।
टीएमसी ने कहा कि जब लोकसभा चुनाव का दूसरा चरण चल रहा था, तब केंद्रीय एजेंसियों ने 'बदनाम' करने की नीयत से तलाशी स्थल पर हथियार रखे गए, ऐसा अंदेशा है।
सीबीआई ने शुक्रवार दोपहर एक महत्वपूर्ण ऑपरेशन में संदेशखाली में निलंबित तृणमूल कांग्रेस नेता शेख शाहजहां के एक रिश्तेदार के आवास से भारी मात्रा में विदेशी और देसी हथियार, विस्फोटक और बम बरामद किए।
बाद में एनएसजी के कमांडो भी उस तलाशी अभियान में सीबीआई अधिकारियों के साथ शामिल हो गए थे।
ईसीआई को दी गई अपनी शिकायत में, तृणमूल कांग्रेस ने सीबीआई पर आगामी लोकसभा चुनाव के दौरान अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (एआईटीसी) की छवि खराब करने के लिए मतदान के दिन संदेशखाली में एक खाली स्थान पर छापेमारी करने का आरोप लगाया है। शिकायत की एक प्रति आईएएनएस के पास भी है।
इसमें दावा किया गया है कि जब शुक्रवार दोपहर को पश्चिम बंगाल में तीन लोकसभा सीटों के लिए मतदान चल रहा था, तब सीबीआई अधिकारियों ने संदेशखाली में खाली स्थानों पर छापेमारी की। शिकायत में सत्ता पक्ष ने ऑपरेशन में एनएसजी कमांडो को शामिल करने पर भी सवाल उठाए हैं।
आयोग को लिखे पत्र में तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व पर नियमित रूप से तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व को निशाना बनाने का भी आरोप लगाया है। इसके साथ ही दोहराया कि राज्य सरकार के किसी भी प्रतिनिधि की गैरमौजूदगी में, हथियारों और गोला-बारूद की कथित बरामदगी। संभवतः भाजपा द्वारा छापेमारी स्थल पर हथियार रखने के लिए सीबीआई और एनएसजी के साथ साजिश के तहत रची गई एक चाल है।
यह फिर से देखना अप्रासंगिक नहीं होगा कि सुप्रीम कोर्ट ने बार-बार माना है कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
--(आईएएनएस)
चंदन कुमार जजवाड़े
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ शक्रवार को चुनावी मंच पर देखे गए हैं।
दोनों नेता मुंगेर सीट से चुनाव लड़ रहे जेडीयू के ललन सिंह के लिए प्रचार करने पहुँचे थे।
हालाँकि शुक्रवार को ही अररिया में हुई पीएम मोदी की सभा में नीतीश कुमार मौजूद नहीं रहे।
अररिया से बीजेपी उम्मीदवार प्रदीप सिंह मैदान में हैं।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर लिखा है कि क्या नीतीश कुमार एक बार फिर पलटी मारने की तैयारी कर रहे हैं या प्रधानमंत्री ख़ुद को बिहार की जातिगत गणना से दूर रख रहे हैं।
दरअसल नीतीश कुमार को लेकर ऐसी चर्चा बिहार में प्रधानमंत्री मोदी की नवादा रैली के बाद शुरू हुई।
7 अप्रैल को नवादा में मोदी और नीतीश एक साथ चुनावी मंच पर देखे गए थे। लेकिन नवादा के बाद बिहार में नरेंद्र मोदी की कुछ सभाओं में नीतीश कुमार मौजूद नहीं थे। उसके बाद से ही नीतीश कुमार के बीजेपी के साथ समीकरण पर कई तरह के सवाल सवाल किए जा रहे हैं।
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा, ‘हमारे लिए नीतीश जी का पूरा सम्मान है जो आगे भी रहेगा, मुझे तो सूचना मिली है कि बीजेपी के लोगों ने ही नीतीश कुमार को मना किया है कि प्रधानमंत्री के साथ मंच पर न बैठें।’
हालाँकि इस मुद्दे पर कहा ये भी जा रहा है कि ख़ुद प्रधानमंत्री मोदी ने एनडीए के सभी नेताओं को अलग-अलग चुनाव प्रचार करने को कहा है।
वरिष्ठ पत्रकार नचिकेता नारायण कहते हैं, ‘बीजेपी के मन में यह डर भी हो सकता है कि उसे नीतीश के साथ से उनके एंटी इनकंबेंसी (सत्ता विरोधी रुझान) को भी साझा करना पड़ सकता है, क्योंकि नीतीश कुमार कऱीब दो दशक से बिहार के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर मौजूद हैं।’
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को विपक्षी एकता का जनक भी माना जाता है। विपक्षी गठबंधन इंडिया में भले ही नीतीश के पास कोई पद नहीं था, लेकिन वो राष्ट्रीय राजनीति में चर्चा के केंद्र में थे। विपक्ष की बैठकों में भी उनकी भूमिका काफ़ी अहम थी।
नीतीश इसी साल जनवरी के आखिर में विपक्ष का साथ छोडक़र एनडीए में शामिल हो गए थे।
पीएम मोदी के मंच से गायब नीतीश
इसी महीने नवादा में चुनाव प्रचार के दौरान नीतीश कुमार ने पीएम की मौजूदगी में अपने भाषण में कई बार गलतियाँ की थीं।
नीतीश ने यहाँ तक कह दिया था कि लोग वोट देकर प्रधानमंत्री मोदी को ‘चार हज़ार लोकसभा’ सीटें देंगे।
अपने भाषण के बाद नीतीश कुमार प्रधानमंत्री मोदी के पाँव (घुटने) पकड़ते भी नजऱ आए थे। बिहार के सियासी गलियारों में यह तस्वीर चर्चा का एक विषय बन गई, जिसे बिहार में विपक्ष ने नीतीश के सम्मान के साथ भी जोड़ा था।
इसके बाद 16 अप्रैल को प्रधानमंत्री मोदी की गया और पूर्णिया में हुई चुनावी सभाओं में नीतीश कुमार मौजूद नहीं थे। जबकि आमतौर पर अपनी या अपने गठबंधन की सरकार वाले राज्य में प्रधानमंत्री की सभा में मुख्यमंत्री मौजूद होते हैं।
यहीं से नीतीश कुमार की एनडीए में स्थिति को लेकर चर्चा होने लगी।
नचिकेता नारायण कहते हैं ‘ललन सिंह और चिराग पासवान ने नवादा रैली के बाद कहा था कि पीएम ने एनडीए के सभी नेताओं को अलग-अलग रैली और सभाएँ करने को कहा है। यह लीपा पोती लग रही है। अगर ऐसा है तो कटिहार में नीतीश और अमित शाह एक साथ कैसे थे।’
21 अप्रैल को बीजेपी नेता अमित शाह की बिहार के कटिहार में चुनावी रैली हुई थी। उस रैली में नीतीश कुमार भी अमित शाह के साथ मौजूद थे।
हालाँकि शुक्रवार 26 अप्रैल को नरेंद्र मोदी की बिहार में दो चुनावी सभा हुई। यहाँ अररिया की सभा में एलजेपीआर के चिराग पासवान और एनडीए के कई नेता मोदी के साथ देखे गए, जबकि नीतीश कुमार इसमें मौजूद नहीं थे।
वहीं मुंगेर की सभा में नीतीश मोदी के साथ मंच पर मौजूद थे।
वरिष्ठ पत्रकार कन्हैया भेलारी दावा करते हैं, ‘नीतीश कुमार, मोदी जी से बड़े नेता रहे हैं, लेकिन वो जब बोलने लगते हैं तो काफ़ी लंभा भाषण हो जाता है। अब उनका भाषण जनता को अपील नहीं करता है। नीतीश कब क्या बोल देंगे यह भी पता नहीं चलता, इसलिए उनको मोदी के साथ मंच साझा करने से रोक दिया गया था।’
माना जाता है कि नीतीश और मोदी की चुनावी मंचों पर दूरी बनी रहने से वोटरों के मन में बीजेपी-जेडीयू के संबंधों को लेकर सवाल खड़े हो सकते हैं। पहले भी इन दोनों के बीच संबंधों में कई बार उतार चढ़ाव देखा गया है।
नीतीश और मोदी के रिश्ते
नीतीश कुमार पहली बार साल 1985 में बिहार विधानसभा चुनाव जीतकर विधायक बने थे। नीतीश ने पहली बार साल 1989 में लोकसभा चुनाव जीता था और साल 1990 में वो पहली बार केंद्र सरकार में मंत्री भी बनाए गए थे।
नीतीश ने साल 2000 में पहली बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, हालाँकि बहुमत ना होने से वह सरकार एक हफ़्ते भी नहीं चल पाई थी।
नीतीश बाद में केंद्र सरकार में कई विभागों के मंत्री रहे। कुछ वक्त को निकाल दिया जाए तो साल 2005 से बिहार के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नीतीश का ही कब्ज़ा है।
नरेंद्र मोदी साल 2001 में गुजरात के मुख्यमंत्री बनाए गए थे। उसके बाद वो पहली बार विधानसभा के लिए चुने गए थे। यानी मोदी के मुकाबले चुनावी राजनीति में नीतीश कुमार ज़्यादा अनुभवी हैं।
साल 2002 नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे। उस समय राज्य के गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन में आग लगाई गई और उसके बाद गुजरात में सांप्रदायिक दंगे हुए थे। उस समय नीतीश कुमार केंद्र सरकार में रेल मंत्री थे।
वरिष्ठ पत्रकार सुरूर अहमद याद करते हैं, ‘नीतीश और मोदी के बीच पहली तल्ख़ी साल 2010 में आई थी। नीतीश ने पटना में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए भोज का आयोजन किया था, लेकिन अख़बार में छपी एक तस्वीर से नीतीश इतने नाराज़ हुए थे कि उन्होंने भोज रद्द कर दिया।’
जून 2010 में पटना में बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हो रही थी, जिसमें नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए थे।
उस वक्त अखबार में दिए गए एक विज्ञापन की तस्वीर में नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार एक-दूसरे का हाथ पकड़े हुए दिखाया गया था।
कहा जाता है कि इस तस्वीर से नीतीश कुमार इतने नाराज हुए थे कि उन्होंने साल 2008 में कोसी बाढ़ राहत के तौर पर गुजरात सरकार से मिले 5 करोड़ रुपए भी लौटा दिए थे।
नीतीश कभी ‘एनडीए’ तो कभी ‘इंडिया’ में
साल 2009 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी देशभर में महज़ 116 सीटें जीत पाई थी। उस साल बिहार में एनडीए को 32 सीटों पर जीत मिली थी। इसमें जेडीयू ने 20 जबकि बीजेपी ने 12 सीटों पर जीत हासिल की थी।
साल 2010 के बिहार विधानसभा चुनावों में नीतीश जेडीयू को बिहार विधानसभा की 115 सीटों पर जीत दिलाने में सफल रहे थे। जबकि बीजेपी को भी 91 सीटों पर जीत मिली थी।
नीतीश कुमार के नाम पर इस तरह की चुनावी सफलता के रिकॉर्ड को देखते हुए साल 2013 में बीजेपी के नेता सुशील मोदी तक ने नीतीश कुमार को पीएम मैटेरियल बताया था।
लेकिन साल 2014 लोकसभा चुनावों के पहले नीतीश और मोदी के संबंधों में सबसे बड़ी दरार देखी गई थी। उस वक्त बीजेपी ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का चेहरा बनाया था। उसके बाद नीतीश कुमार एनडीए से बाहर हो गए थे।
नीतीश ने साल 2015 में कांग्रेस, आरजेडी और अन्य दलों के साथ बिहार में महागठबंधन बनाया था, लेकिन साल 2017 में महागठबंधन छोडक़र वापस एनडीए में चले गए।
नीतीश एक बार फिर साल 2022 में महागठबंधन में शामिल हुए और राष्ट्रीय स्तर पर मोदी के खिलाफ विपक्षी एकता की मुहिम में लग गए। नीतीश की कोशिश के बाद ही साल 2023 के मध्य में विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ बन पाया था।
हालाँकि उसके कुछ महीने बाद ही जनवरी 2024 में नीतीश कुमार विपक्षी गठबंधन को छोडक़र वापस एनडीए में शामिल हो गए थे।
सुरूर अहमद मानते हैं, ‘दरअसल मोदी और नीतीश कुमार के बीच शख्सियत की लड़ाई है। पीएम होने के कारण मोदी को सबसे अंत में बोलना होता है। नीतीश बहुत लंबा भाषण देते हैं, लेकिन समझदारी वाली बात नहीं कर रहे। मोदी जी लंबा भाषण सुनना नहीं चाहते हैं।’
जमीन पर असर
नीतीश कुमार ने एनडीए में ताज़ा वापसी के बाद लगातार दावा किया है कि वो अब बीजेपी का साथ कभी नहीं छोड़ेंगे। हालाँकि साल 2022 में जब नीतीश बीजेपी से दूर हुए थे तब भी उनका दावा था वो मरना पसंद करेंगे लेकिन बीजेपी के साथ जाना पसंद नहीं करेंगे।
उस दौरान बीजेपी के कई नेता भी दावा कर रहे थे कि अब नीतीश कुमार के लिए एनडीए के दरवाजे हमेशा के लिए बंद हैं।
आँकड़ों के लिहाज से देखें तो नीतीश की एनडीए में वापसी से एनडीए स्थिति मजबूत हो सकती है, लेकिन कई ऐसे मुद्दे हैं जो हालात को पूरी तरह पलट भी सकते हैं।
नचिकेता नारायण मानते हैं कि साल 2014 को मोदी युग की शुरुआत के तौर पर देख सकते हैं जिसमें एनडीए की जीत ज़्यादा पक्की नजर आती थी। साल 2019 में भी पुलवामा जैसी घटना की वजह से एक मोदी की लहर दिख रही थी, जबकि इस बार ऐसा कुछ नहीं दिखता है।
नचिकेता नारायण कहते हैं, ‘मैं यह नहीं कह रहा कि इस बार एनडीए चुनाव हार ही रही है। लेकिन उसके प्रचार में फोकस नजर नहीं आता, इसलिए मंगलसूत्र की बात की जा रही है। इधर नीतीश की चमक भी फ़ीकी पड़ी है। यह स्थिति तेजस्वी के लिए भी वरदान साबित हो सकती है। उनको जनता की हमदर्दी भी मिल सकती है और वो नीतीश के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी से भी बच गए।’
शुक्रवार को मुंगेर की सभा में नीतीश कुमार भले ही मोदी के साथ मंच पर मौजूद थे, लेकिन माना जाता है कि मंच पर उनका उत्साह और अंदाज़ बदला हुआ नजऱ आ रहा था।
बिहार में लोकसभा की 40 सीटें हैं, इनमें 39 सीटों पर साल 2019 के चुनावों में एनडीए ने जीत हासिल की थी।
बिहार में अब तक हुए दो चरण की वोटिंग में पिछले चुनावों के मुकाबले कम मतदान देखने को मिला है।
इसका क्या असर होगा? यह 4 जून को मतगणना के बाद स्पष्ट हो पाएगा। (bbc.com/hindi)
रांची, 27 अप्रैल । झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन ने अपने बड़े चाचा राजाराम सोरेन के अंतिम संस्कार और श्राद्ध में शामिल नहीं हो पाएंगे। पीएमएलए कोर्ट ने अंतरिम बेल की उनकी याचिका नामंजूर कर दी है।
सोरेन ने आज ही कोर्ट में लगाई गई याचिका में कहा कि उनके चाचा राजाराम सोरेन का 27 अप्रैल को निधन हो गया। उन्हें उनके अंतिम संस्कार और श्राद्ध में भाग लेने की अनुमति दी जाए।
इसके लिए उन्होंने 13 दिनों की अंतरिम जमानत की गुहार लगाई थी।
बता दें कि झामुमो के अध्यक्ष शिबू सोरेन के बड़े भाई राजाराम सोरेन का शनिवार सुबह उनके रांची स्थित आवास पर निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार थे।
उनका अंतिम संस्कार संभवतः रामगढ़ जिला स्थित उनके पैतृक गांव नेमरा में होगा।
(आईएएनएस)
उम्मीदें बहुत हैं...
वो दिन हवा हो गए, जब रायपुर कलेक्टोरेट में अफसर साढ़े 5 बजे के बाद बस्ता बांध लिया करते थे। मगर हाल के दिनों में उन्हें अलर्ट रहना होता है। पता नहीं कब साब (कलेक्टर) का फोन आ जाए। कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह कलेक्टोरेट की साख को बेहतर करने की कोशिश में जुटे हैं, जहां पिछले बरसों में काफी गिरावट आई है। उनके कुछ पूर्ववर्तियों को लेकर काफी बुरी चर्चाएं होती है।
मध्यप्रदेश के समय में बतौर कलेक्टर रहे अजीत जोगी, सुनिल कुमार, डीआरएस चौधरी, देवराज सिंह विरदी, और फिर राज्य बनने के बाद अमिताभ जैन, विवेक देवांगन, सुबोध सिंह, व ओपी चौधरी ने बेहतर कार्यशैली से लोगों के बीच में अलग ही छवि बनाई थी। दूर-दराज से आए लोग काम न होने पर भी संतुष्ट होकर लौटते थे। मगर पिछले बरसों में कलेक्टरों की कार्यशैली ऐसी रही है कि आम आदमी तो दूर मातहत ही परेशान रहे हैं। ऐसे में डॉ.गौरव कुमार सिंह से काफी उम्मीदें दिख रही है।
गौरव को आए कुछ ही समय हुए हैं, लेकिन उन्होंने थोड़े समय में ही अलग ही कार्यशैली का परिचय दिया है। पदभार संभालने के बाद वो प्रयास विद्यालय जाकर वहां आईआईटी, जेईई, और नीट की तैयारी में जुटे विद्यार्थियों के साथ खाना खाया, और तमाम व्यवस्थाओं की बारीकियों से अवगत हुए। जाति प्रमाणपत्र और राशनकार्ड सहित अन्य के लिए इधर-उधर न भटकना पड़े, यह सुनिश्चित भी किया है।
उन्होंने मातहतों साफ तौर पर निर्देश दिए हैं कि बेवजह किसी को भटकना न पड़े, इसके लिए हरसंभव कोशिश करें। वो खुद भी ऑफिस के पूरे वक्त काम करते दिख रहे हैं। पिछले दिनों गुढिय़ारी में पॉवर कंपनी के भंडारगृह में आग लगी तो वो जख्मी हो जाने के बावजूद मौके पर डटे रहे, और तडक़े आग बुझने के बाद घर गए। फिर तीन-चार घंटे बाद वापस आकर आगजनी से प्रभावितों को मदद करवाई।
11 में 11, या दो कम बता रहे
आजकल विट्री साइन दिखाने वाले नेताजी की तस्वीरें सोशल मीडिया पर धड़ल्ले से पोस्ट हो रही हैं। ऐसे ही भाजपा के एक नेताजी की तस्वीर जब सोशल मीडिया पर आई तो उनके समर्थक ने पूछ लिया, भैयाजी 11 में 11 सीटें जीतने का दावा है, ? या फिर से दो कम होने का संकेत दे रहे हैं। नेताजी ने पहले तो 11 में 11 जीतने का दावा किया, फिर धीरे से कहा कि एक-दो सीटें कमजोर हैं। हो सकता है कि पुराना रिजल्ट ही आए।
कामकाज ऐसे ही
तबादले के बाद ही हर पिछले अफसर की वर्कएफिशिएंसी पता चलती है। यह आंकलन और कोई नहीं विभाग के मातहत क्लर्क, सेक्शन इंचार्ज, अंडर सेक्रेटरी जैसे मातहत ही करते हैं। हाल में कुछ मंत्रालयीन मातहत लंच पर अपने साहबों की वर्किंग स्टाइल के चटखारे ले रहे थे। वित्त वाले ने कहा कि अब जाकर फाइलों से भरी आलमारियां खाली हुईं हैं। मैडम तो हर फाइल आलमारी में पैक करवाते जा रहीं थीं। यहां कि उन्होंने डीए देने का औचित्य पूछकर उस फाइल को भी बंद कर दिया था। शिक्षा विभाग वाले ने कहा कि पुराने साहब तो बहुत ही सोफेस्टिकेटेड थे। वे सीएम के भी सचिव रहे हैं । जो सीएम के आदेश होते वही फाइल करते। नए साहब एक एक फाइल पढक़र अपनी नोटिंग के साथ मंत्री की नोटिंग पर भी ओवर राइटिंग करते हैं । हमारे यहां भी फाइल डिस्पोजल तेज हो गया है । यही मैडम रहीं तो हर फाइल आलमारी में होती थी। इस पूरे वाकए का लब्बोलुआब यह निकला कि सरकारी कामकाज ऐसे ही चलता है ।
बालोद में योगी निकले वोट देने..
मतदान के दौरान कई दिलचस्प नजारों में एक दिखा कांकेर लोकसभा क्षेत्र के बालोद में। यहां के एक मतदाता राजेश चोपड़ा की शक्ल यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलती-जुलती है। वे कल मतदान के लिए उनकी ही गेटअप में वोट देने के लिए सपत्नीक पोलिंग बूथ पहुंचे। चोपड़ा उन लाखों लोगों में से एक हैं, जो आदित्यनाथ को महान व्यक्तित्व का धनी मानते हैं।
बैंक बैलेंस नहीं, हौसला देखिये
नामांकन फॉर्म के साथ सभी लोकसभा प्रत्याशियों ने अपनी संपत्ति का ब्यौरा भी दिया है। इससे पता चलता है कि ज्यादातर उम्मीदवार करोड़पति, लखपति हैं। पर मैदान में एक निर्दलीय महिला प्रत्याशी ऐसी भी है, जिसका ब्यौरा जानकर कोई भी हैरान हो सकता है। कोरबा सीट से निर्दलीय लड़ रही शांति बाई मरावी ने जो विवरण दिया है, उसके मुताबिक उनके दो बैंक खाते हैं। एक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का, जिसमें सिर्फ दो हजार रुपये जमा है। बैंक ऑफ बड़ौदा की पेंड्रा ब्रांच में भी एक दूसरा खाता है, मगर उसमें एक रुपये भी नहीं है। उसके पास 1.5 एकड़ कृषि भूमि है, 10 ग्राम सोना और 50 ग्राम चांदी है। हाथ में नगदी सिर्फ 20 हजार रुपये है।
यह पता नहीं कि उसका नाम गरीबी रेखा की सूची में शामिल है या नहीं पर करोड़पति उम्मीदवारों के बीच मैदान में उतरने का फैसला किस उद्देश्य से उसने लिया? यह जानने के लिए जब लोगों ने उनके मोबाइल नंबर पर कॉल किया तो फोन बंद मिला। कुछ लोग उनको ढूंढते हुए घर के पते पर पेंड्रा भी पहुंच गए, पर वहां ताला लटका मिला। अब लोग अटकल लगा रहे हैं कि शांति मरावी ने गंभीरता से चुनाव लडऩे के लिए नामांकन भरा है या फिर उम्मीदवारों की सिर्फ संख्या बढ़ाने के लिए। कितने मतदाताओं तक वह पहुंच पाएंगीं, यह बाद की बात है पर अभी उनकी लोगों में खासी चर्चा तो ही रही है।
चुनावी मुद्दा नहीं बना स्टेडियम
अंबिकापुर में 24 अप्रैल को हुई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुनावी आमसभा से पहले एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया था। शहर के बीच स्थित महात्मा गांधी स्टेडियम में मोदी को उतारने के लिए हेलीपैड बना दिया गया। नगर निगम के महापौर अजय तिर्की और पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने इसका विरोध किया। कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया। बताया गया कि शहर के छात्रों और युवाओं के लिए खेलने की यह एकमात्र जगह है, हेलीपैड बनाकर इसे बर्बाद किया जा रहा है। महापौर का कहना था कि नगर-निगम के पास इतनी राशि नहीं है कि दोबारा इसे ठीक कर सके। प्रशासन पेशोपेश में पड़ गया कि कहीं चुनाव के मौके पर यह कोई मुद्दा न बन जाए। अंतिम समय में हेलीकॉप्टर उतारने की जगह भी नहीं बदली जा सकती थी, क्योंकि एसपीजी ने इसी जगह को क्लीयरेंस दी थी। विरोध के बावजूद हेलीपैड वहीं बनाया गया। यह जरूर हुआ कि मोदी के जाने के तुरंत बाद मैदान की मरम्मत शुरू कर दी गई और शनिवार को इसे पहले जैसा कर दिया। प्रशासन ने मुस्तैदी दिखाई, भाजपा को राहत मिली कि यह उसके खिलाफ मुद्दा नहीं बना।
शबरी नदी में 40 घंटे बाद मिला शव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 27 अप्रैल। शहर के मोतीपुर में कुछ माह पूर्व हुए एक हत्याकांड के आरोपी युवक की दंतेवाड़ा की शबरी नदी में डूबने से मौत हो गई। 25 अप्रैल को मृतक अपने दोस्तों के साथ नहाने के लिए नदी में उतरा था। गहरे पानी में चले जाने से उसकी मौत हो गई। एसडीआरएफ की टीम ने घटना स्थल से करीब 5 किमी दूर ताल्लूरघाट में 40 घंटे की मशक्कत के बाद शव को बरामद कर लिया है।
मिली जानकारी के मुताबिक स्थानीय तुलसीपुर के रहने वाले किशन साहू उर्फ झिल्ली दादा की 11 मार्च को जघन्य हत्या कर दी गई थी। इसमें अभिषेक उत्केल उर्फ मार्री नामक युवक भी वारदात में शामिल था। पुलिस ने उसे आरोपी बनाया था। घटना के बाद से अभिषेक फरार हो गया। पुलिस उसकी सरगर्मी से तलाश कर रही थी। इस बीच दंतेवाड़ा की शबरी नदी में नहाने के दौरान अभिषेक की मौत हो गई।
बताया जा रहा है कि मृतक अभिषेक जिस क्षेत्र में नहाने गया था, वह घोर नक्सल प्रभावित है। पानी में डूबने की खबर मृतक के दोस्तों ने पुलिस को दी। कड़ी सुरक्षा के बीच जवानों ने शव खोजने के लिए अभियान चलाया। झिल्ली दादा की हत्या में कुल 3 आरोपी फरार हैं। जिसमें एक पुलिस आरक्षक का बेटा भी शामिल है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 27 अप्रैल। तीन साल की बच्ची के साथ रेप और हत्या के मामले में पीडि़त परिवार को मुआवजा नहीं मिलने की हाईकोर्ट ने पड़ताल कराई तो पता चला कि प्रदेश में करोड़ों रुपए का भुगतान रुका हुआ है। अब हाईकोर्ट में सरकार की ओर से बताया गया है कि प्रदेश के 753 प्रकरणों में भुगतान के लिए 26.41 करोड़ रुपए जारी कर दिए गए हैं।
ज्ञात हो कि बिलासपुर के सिरगिट्टी इलाके में 16 साल के एक नाबालिग ने 3 साल की बच्ची के साथ बाथरूम का दरवाजा बंद कर रेप किया था। बच्ची की दम घुटने और चोट आने के चलते कुछ घंटे बाद मौत हो गई थी। इसे लेकर प्रदर्शन किया गया था। पुलिस ने आरोपी व सहयोगी उसके चाचा को गिरफ्तार कर लिया, वहीं प्रशासन की ओर से आश्वस्त किया गया था कि पीडि़त परिवार को ढाई लाख रुपए तत्काल तथा 7.50 लाख रुपए मुकदमे की सुनवाई के बाद दिया जाएगा। मगर 15 दिन बाद मीडिया में खबर आई कि पीडि़त परिवार को कोई मुआवजा नहीं मिला है। इसे हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने गंभीरता से लेते हुए स्वत: संज्ञान याचिका दर्ज की। राज्य विधिक सहायता प्राधिकरण और राज्य सरकार को नोटिस जारी कर उन्होंने 72 घंटे के भीतर भुगतान का आदेश दिया गया। उक्त पीडि़ता के परिवार को राशि का भुगतान कर दिया गया लेकिन हाई कोर्ट ने प्रदेश भर में ऐसे लंबित मामलों के बारे में राज्य विधिक सहायता प्राधिकरण और प्रदेश सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
अपने जवाब में प्राधिकरण के सदस्य सचिव ने बताया कि प्रदेश के 23 जिलों के 753 मामलों में फरवरी 2024 की स्थिति तक 26 करोड़ 41 लाख 200 रुपए का भुगतान बाकी है। इस पर हाई कोर्ट में राज्य सरकार से भुगतान के रोके जाने के कारणों पर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
गुरुवार को चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रजनी दुबे की बेंच में सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता प्रफुल्ल एन भारत ने अवगत कराया कि सभी लंबित 753 मामलों में रुकी हुई राशि 26.41 करोड़ रुपये राज्य सरकार की ओर से जारी कर दिए गए हैं और इसका भुगतान पीडि़त परिवारों को किया जा रहा है।
6 साल पहले भी नक्सलियों ने माँ-बाप के सामने की थी बेटे की हत्या
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 27 अप्रैल। दंतेवाड़ा जिले के अरनपुर क्षेत्र के ग्राम पोटली मिर्चीपारा में बीती रात नक्सलियों ने पूर्व जनपद सदस्य व कांग्रेस के नेता रह चुके जोगा पोडियामी की हत्या कर दी। घटना के बाद से परिवार में जहां शोक की लहर छा गई, वहीं इलाके में दहशत देखी जा रही है। घटना की जानकारी लगते ही पुलिस टीम भी मौके पर पहुंच गई है, जहां परिजनों से घटना के संबंध में जानकारी ली जा रही है।
ज्ञात हो कि नक्सलियों ने 6 वर्ष पहले जन अदालत में माँ और पिता जोगा के सामने ही बेटे हरीश की हत्या कर दी थी।
बताया जा रहा है कि मृतक जोगा पोडियामी विगत कई वर्षों से कांग्रेस में रहकर कार्य कर रहा था, इन्हीं कार्यो की वजह से वहां की जनता ने उसे जनपद सदस्य भी बनाया था, लेकिन क्षेत्र में लगातार लोगों को मतदान और अन्य कार्यों के लिए जागरूक किये जाने के कारण नक्सलियों के टारगेट में भी चल रहे थे।
शुक्रवार की रात को करीब 20 से अधिक नक्सली जोगा पोडियामी के घर पहुंचे, जहां से उसे घर के बाहर लाकर बेरहमी से उसकी हत्या कर वहां से चले गए।
मृतक का घर पोटाली कैम्प से महज 500 मीटर की दूरी बताई जा रही है, इसके अलावा सूत्रों से यह भी जानकारी मिली है कि विधानसभा चुनाव के साथ ही अभी हाल में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान भी नक्सलियों ने उन्हें इन सब से दूरी बनाए रखने की बात कही थी, लेकिन इन सबके बाद भी जोगा पोडियामी क्षेत्र के लोगों को मतदान करने के लिए हमेशा से प्रेरित कर रहे थे, जिसके चलते नक्सलियों के टारगेट में थे। नक्सलियों ने इसी बात को ध्यान में रखते हुए बीती रात जोगा पोडियामी के घर में जाकर उसकी निर्मम हत्या कर दी।
घटना के बाद से इलाके में जहां डर देखा जा रहा है, वही परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है। पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है,
पुलिस मुखबिरी का आरोप
जोगा पोडियामी पहले से नक्सलियों के निशाने पर था, जिसका कारण है कि जोगा पर यह आरोप था कि वह पुलिस के लिए मुखबिरी करता था और इसी बात को लेकर नक्सली जोगा से नाराज चल रहे थे।
6 साल पहले की थी बेटे की हत्या
नक्सलियों ने जोगा पोडियामी की हत्या से 6 वर्ष पहले जन अदालत में माँ और पिता के सामने ही मृतक जोगा के बेटे हरीश की हत्या कर दी थी, इसके बाद नक्सलियों ने इन्हें पुलिस से दूरी बनाए रखने की बात भी कही थी। जोगा के जनपद सदस्य से हटने के बाद वर्तमान में जोगा की पत्नी जनपद सदस्य के तौर पर काम कर रही है।
नई दिल्ली, 27 अप्रैल । एलन मस्क ने शनिवार को धमकी दी कि स्पैम लाइक, रिप्लाई और डायरेक्ट मैसेज (डीएम) के लिए बॉट्स के इस्तेमाल की जांच होने तक कुछ क्रिएटर्स के लिए विज्ञापन राजस्व शेयरिंग रोक दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि लोग विज्ञापन से ज्यादा पैसे कमाने के लिए एक्स प्लेटफार्म पर स्पैमिंग कर रहे हैं।
एक पोस्ट में, टेक अरबपति ने कहा कि क्रिएटर पेआउट्स का उद्देश्य एक्स पर हाई-क्वालिटी कंटेंट को प्रोत्साहित करना है। ''कुछ मामलों में हम इसका ठीक उल्टा देख रहे हैं, जहां लोग विज्ञापन से पैसा कमाने के लिए सिस्टम को स्पैम कर रहे हैं। यह ठीक नहीं है।''
मस्क ने कहा कि ऐसे क्रिएटर्स के लिए विज्ञापन राजस्व शेयरिंग को रोक दिया जाएगा।
एक्स नियमित आधार पर क्रिएटर्स को भुगतान करता है। लेकिन आजकल अपने प्लेटफॉर्म पर स्पैम और पोर्न बॉट्स की बढ़ोतरी से निपटने के लिए संघर्ष कर रहा है।
मस्क के मुताबिक, बड़े बॉट ऑपरेशन चलाने वाले लोग कंटेंट क्वालिटी को काफी हद तक कम कर रहे हैं।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने इस महीने की शुरुआत में बॉट्स हटाने की कवायद शुरू कर दी थी।
(आईएएनएस)
रांची, 27 अप्रैल । रांची में बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद दिल्ली से पहुंची केंद्रीय टीम ने स्वास्थ्य सेवाओं की आपात स्थिति और संक्रमण के प्रसार पर रोक के लिए की जा रही कार्रवाई का जायजा लिया। टीम में संयुक्त सचिव के स्तर के अधिकारी और विशेषज्ञ डॉक्टर हैं।
उन्होंने रांची स्थित मेडिकल कॉलेज और सदर हॉस्पिटल का निरीक्षण कर आइसोलेशन वार्ड, ऑक्सीजन बेड, पीपीई किट, एंटी वायरल एवं अन्य व्यवस्था की जानकारी ली।
रांची के होटवार स्थित क्षेत्रीय कुक्कुट प्रक्षेत्र को बर्ड फ्लू का एपिक सेंटर बताया गया है। यहां करीब ढाई हजार मुर्गियों और बत्तखों को मारा गया है। इस कार्य में लगाए गए पांच कर्मियों को क्वारंटाइन किया गया है।
यह एहतियाती कदम इसलिए उठाया गया कि पक्षियों से एवियन इन्फ्लूएंजा का वायरस इंसानों में न पहुंचे। एपिक सेंटर के एक किलोमीटर के दायरे में मुर्गी, बत्तख, अंडे की आवाजाही और खरीद बिक्री पर रोक लगा दी गयी है। इन क्षेत्रों में मुर्गियों, बत्तख की कलिंग भी कराई जा रही है।
बता दें कि होटवार स्थित क्षेत्रीय कुक्कुट प्रक्षेत्र में बीते 12-13 अप्रैल को दो दर्जन चूजों की मौत के बाद उनके सैंपल जांच के लिए भोपाल स्थित राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान भेजे गए थे, जहां बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है।
शनिवार को रिम्स के माइक्रोबायोलॉजी विभाग और डिस्ट्रिक्ट सर्विलांस यूनिट की टीम ने होटवार क्षेत्रीय कुक्कुट प्रक्षेत्र पहुंचकर उन सभी लोगों के सैंपल लिए, जिन्हें पक्षियों के निस्तारण के काम में लगाया गया था। पक्षियों के संपर्क में रहने वालों के भी सैंपल लिए गए हैं।
दिल्ली से आई केंद्रीय टीम के हेड डॉ. रजनीश गुप्ता ने कहा कि बर्ड फ्लू संक्रमित पक्षियों-कुक्कुटों से यह वायरस इंसानों में पहुंच सकता है। ऐसे में सावधानी बरतना बहुत जरूरी है।
इधर, बर्ड फ्लू की पुष्टि की खबर के बाद रांची स्थित बिरसा जैविक उद्यान में पक्षियों का केज सैलानियों के लिए बंद कर दिया गया है। जानवरों के डाइट के मेन्यू में भी चिकन बंद कर दिया गया है। उन्हें इसकी जगह मटन दिया जा रहा है। यहां काम करने वाले सभी कर्मियों को मास्क पहनकर काम करने का निर्देश दिया गया है।
डॉक्टरों ने बताया कि जिनके घरों में कुक्कुट है या जो पोल्ट्री फार्म में मुर्गियों की देखरेख करते हैं, उनमें अगर एवियन इन्फ्लूएंजा के लक्षण जैसे तेज बुखार, गले में खराश, सर्दी-जुकाम, शरीर में तेज दर्द, छाती में कफ, सांस लेने में दिक्कत, भूख में कमी जैसे लक्षण दिखें तो खुद को आइसोलेट कर तुरंत डॉक्टर से मिलें। जिस इलाके में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है उसके आसपास के एक किलोमीटर के रेडियस में रहने वाले लोगों को कम से कम 21 दिन तक चिकन, अंडा खाने से परहेज करना चाहिए।
इधर, बर्ड फ्लू की पुष्टि की खबर के बाद रांची स्थित बिरसा जैविक उद्यान में पक्षियों का केज सैलानियों के लिए बंद कर दिया गया है। जानवरों के डाइट के मेन्यू में भी चिकन बंद कर दिया गया है।
(आईएएनएस)
सुबह 8 बजे तरीघाट एनीकट भी खोला गया
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 27 अप्रैल। मुर्रा एनीकट को कल खोले जाने से फिल्टर प्लांट के नजदीक एनीकेट में पानी 10 इंच बढ़ गया है। आज सुबह तरीघाट एनीकेट को भी खोल दिया गया। जिसका पानी शाम तक पहुंच जाएगा।
सिंचाई विभाग ने मरम्मत के नाम नहर से पानी भेजना अचानक बन्द कर दिया था। जिससे दो दिन पहले खारुन नदी का जलस्तर घटने लगा था। इससे शहर में पानी सप्लाई का खतरा बन गया था। इस पर रायपुर नगर निगम के कमिश्नर अबिनाश मिश्रा ने उच्च स्तर पर चर्चा कर धमतरी के चटोड नहर की साखा नहर को खुलवाया गया। खारुन नदी में ही काठाडीह और मुर्रा एनीकेट को कल खुलवा दिया गया। मुर्रा एनीकेट में पानी संघरण की बड़ी क्षमता है।
इस एनीकेट के खुल जाने से फिल्टर प्लांट वाले एनीकेट का जलस्तर आज सुबह 10 इंच तक बढ़ गया। सिंचाई विभाग ने सूचना दी कि तरीघाट के एनीकेट को आज सुबह 8 बजे खोल दिया गया। जिससे आज शाम रात तक पर्याप्त मात्रा में मिलने लगेगा। वहीं कल तक चटोड नहर की शाखा नहर से भी खारुन नदी में पर्याप्त मात्रा में पानी मिलने लगेगा। फिल्टर प्लांट के कार्यपालन अभियंता नरसिंह फरेंद्र ने बताया कि वस्तु स्तिथि की लगातार निगरानी की जा रही है। मुर्रा एनीकेट के खोले जाने से राहत मिली है। एक दो दिनों में शहर के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी का संग्रह हो जाएगा।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 27 अप्रैल। सीबीआई की टीम ने बेमेतरा के बिरनपुर में भुवनेश्वर साहू की हत्या की जांच के लिए रायपुर पहुंच गई है। । इससे पहले सीबीआई ने एफआईआर दर्ज कर लिया था। केंद्रीय जांच एजेंसी ने 12 लोगों को आरोपी बनाया है। । सीबीआई के अनुसार
RC0502024S0004 में 12 आरोपी व्यक्तियों के नाम दर्ज हैं:-
1. नवाब खान पुत्र सैहतार खान, निवासी ग्राम शक्तिघाट बिरनपुर, थाना साजा, जिला बेमेतरा, छत्तीसगढ़
2. जलील खान पुत्र मकसुम खान, निवासी ग्राम शक्तिघाट बिरनपुर, थाना साजा, जिला बेमेतरा, छत्तीसगढ़
3. बसीर खान पुत्र बहल खान, निवासी ग्राम शक्तिघाट बिरनपुर, थाना साजा, जिला बेमेतरा, छत्तीसगढ़
4. मुख्तार मोहम्मद पुत्र रशीद मोहम्मद निवासी ग्राम शक्तिघाट बिरनपुर, थाना साजा, जिला बेमेतरा, छत्तीसगढ़
5. सफीक मोहम्मद पुत्र पिला मोहम्मद निवासी ग्राम शक्तिघाट बिरनपुर, थाना साजा, जिला बेमेतरा, छत्तीसगढ़
6. अब्दुल खान पुत्र अकबर खान, निवासी ग्राम शक्तिघाट बिरनपुर, थाना साजा, जिला बेमेतरा, छत्तीसगढ़
7. अकबर खान पुत्र रमजान खान, निवासी ग्राम शक्तिघाट बिरनपुर, थाना साजा, जिला बेमेतरा, छत्तीसगढ़
8. मोहम्मद जनाब पुत्र निजामुद्दीन खान, निवासी ग्राम शक्तिघाट बिरनपुर, थाना साजा, जिला बेमेतरा, छत्तीसगढ़
9. अयूब खान पुत्र सरदार खान, निवासी ग्राम शक्तिघाट बिरनपुर, थाना साजा, जिला बेमेतरा, छत्तीसगढ़
10. निजामुद्दीन पुत्र करमुद्दीन निवासी ग्राम शक्तिघाट बिरनपुर, थाना साजा, जिला बेमेतरा, छत्तीसगढ़
11. रशीद खान पुत्र बहल खान, निवासी ग्राम शक्तिघाट बिरनपुर, थाना साजा, जिला बेमेतरा, छत्तीसगढ़
12. कल्लू खान पुत्र जमाल खान, निवासी ग्राम शक्तिघाट बिरनपुर, थाना साजा, जिला बेमेतरा, छत्तीसगढ़
अमृतसर (पंजाब), 27 अप्रैल। असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद खालिस्तान समर्थक एवं वारिस पंजाब दे का प्रमुख अमृतपाल सिंह पंजाब की खडूर साहिब लोकसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ेगा। उसकी माता बीबी बलविंदर कौर ने मीडिया के सामने यह घोषणा की।
बलविंदर कौर ने कहा कि अमृतपाल सिंह पर लोगों की तरफ से लोकसभा चुनाव लड़ने का काफी दबाव है, इसलिए लोगों के फैसले के आगे सिर झुकाते हुए अमृतपाल ने चुनाव मैदान में उतरने का फैसला लिया है। जल्द ही संगत की बड़ी सभा बुलाकर चुनाव प्रचार शुरू किया जाएगा। इस मौके पर हरजिंदर सिंह बाजेक, बीबी मनधीर कौर, बीबी पलविंदर कौर, भाई करनवीर सिंह आदि मौजूद थे।
उल्लेखनीय है कि अमृतपाल सिंह राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत एक साल से असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद है। अमृतपाल पिछले साल अमृतसर के अजनाला थाने में हुई हिंसा के बाद सुर्खियों में आया था। आरोप है कि अपने साथी लवप्रीत सिंह तूफान की गिरफ्तारी से नाराज अमृतपाल ने 23 फरवरी को अपने समर्थकों के साथ अजनाला पुलिस स्टेशन पर हमला किया था। (एजेंसी)
उत्तर प्रदेश की अमेठी और रायबरेली सीट पर कांग्रेस पार्टी ने अभी तक उम्मीदवार के नाम का एलान नहीं किया है.
अमेठी और रायबरेली में कांग्रेस उम्मीदवारों के नाम से जुड़े सवाल पर पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने बीबीसी हिंदी के नए शो 'द लेंस' में मुकेश शर्मा से बात की.
पवन खेड़ा ने कहा, ''गांधी परिवार पूरे देश को प्रिय है. किसी भी राज्य की किसी भी सीट से मांग आएगी कि गांधी परिवार से कोई लड़ जाए. यूपी महत्वपूर्ण राज्य है. हमारी पार्टी का यूपी से ऐतिहासिक रिश्ता है. गांधी परिवार का भी यूपी से ऐतिहासिक रिश्ता है. रिश्ते लंबे चलेंगे और मजबूती से चलेंगे.''
अमेठी और रायबरेली से लंबे समय तक गांधी परिवार के सदस्य सांसद रहे हैं.
2019 में अमेठी से राहुल गांधी को बीजेपी नेता स्मृति ईरानी ने मात दी थी.
वहीं, 2019 में सोनिया गांधी रायबरेली से चुनाव जीतने में कामयाब रही थीं. लेकिन इस साल की शुरुआत में सोनिया गांधी राजस्थान से राज्यसभा सांसद चुनी गईं. कुछ लोगों का मानना है कि रायबरेली से कांग्रेस प्रियंका गांधी को उतार सकती है. हालांकि इस बारे में आधिकारिक तौर पर कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है.
बीबीसी हिंदी के शो द लेंस को आप हर शनिवार बीबीसी हिंदी के यू-ट्यूब चैनल, फेसबुक पेज, ट्विटर और बीबीसी हिंदी की वेबसाइट पर देख सकेंगे.
इस शो के पहले एपिसोड में दूसरे चरण में हुई वोटिंग पर बात की गई. इस चुनावी विश्लेषण में मुकेश शर्मा के साथ जाने-माने चुनाव विशेषज्ञ यशवन्त देशमुख और राजनीतिक विश्लेषक मनीषा प्रियम भी मौजूद रहीं. (bbc.com/hindi)
लखनऊ, 27 अप्रैल। विपक्षी दलों के समूह ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के उत्तर प्रदेश में प्रमुख घटक समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार को दावा किया कि लोकसभा चुनाव के पहले दो चरण में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को मतदाता नहीं मिले और अगले चरणों में उसे ‘बूथ एजेंट’ तक नहीं मिलेंगे।
सपा प्रमुख ने शुक्रवार को हुए दूसरे चरण के मतदान के बाद एक ‘बूथ एजेंट’ से बातचीत की एक समाचार चैनल की वीडियो क्लिप सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर साझा की।
उन्होंने शनिवार को ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘भाजपा के नेताओं के 10 साल लगातार झूठ पर झूठ बोलने के बाद आज भाजपा का जो बुरा हाल हो रहा है, उस सच को बोलने की हिम्मत भाजपा का एक ‘बूथ एजेंट’ कर रहा है। यह ‘बूथ एजेंट’ कह रहा है कि इनके (भाजपा के) पक्ष में मतदान नहीं होने का कारण भाजपा सरकार के खिलाफ जनता का रोष है जिसकी वजह महंगाई - बेरोजगारी जैसे असल मुद्दे हैं।’’
यादव ने कहा, ‘‘पहले दो चरण के मतदान के बाद अगले चरणों में भाजपा का हाल और बुरा होगा।’’
उन्होंने कहा ‘‘अभी दो चरण में भाजपा को मतदाता नहीं मिले, अगले चरणों में ‘बूथ एजेंट’ तक नहीं मिलेंगे। जनता ने भाजपा का बोरिया-बिस्तर और झोला सब बांध दिया है।’’
उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीट के लिए सभी सात चरणों में मतदान होना है जिसमें शुरू के दो चरणों में आठ-आठ सीटों के लिए 19 अप्रैल और 26 अप्रैल को मतदान हो चुका है। अगले पांच चरणों में 64 सीटों पर मतदान होना है। (भाषा)
इंफाल, 27 अप्रैल। मणिपुर में दो गुटों के बीच गोलीबारी के बाद लापता हुआ एक व्यक्ति अगले दिन मृत पाया गया।
पुलिस ने शनिवार को बताया कि शुक्रवार रात को कांगपोकपी और इंफाल पूर्व जिलों की सीमा पर सिनाम कोम में गोलीबारी हुई।
उसने बताया कि गोलीबारी की घटना के बाद लापता हुआ एक ‘‘ग्राम स्वयंसेवक’’ शनिवार सुबह मृत पाया गया।
पुलिस ने बताया कि उसकी पहचान लैशराम प्रेम के रूप में की गयी है। इलाके में स्थिति शांतिपूर्ण रखने के लिए सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है। (भाषा)
रांची, 27 अप्रैल। रांची में शनिवार सुबह एक स्कूल बस पलटने से 15 बच्चे घायल हो गए।
पुलिस ने बताया कि बस मण्डार में सेंट मारिया स्कूल से करीब 100 मीटर दूर एक मोड़ पर पलट गयी। बस में 30 बच्चे सवार थे।
मण्डार पुलिस थाने के प्रभारी राहुल ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘स्कूल के करीब 15 बच्चे घायल हो गए। उन्हें नजदीकी मिशन हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है।’’
उन्होंने बताया कि एक बच्चे के सिर में चोट आयी है, उसका ‘सीटी स्कैन’ किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि बाकी सभी बच्चे ठीक हैं।
राहुल ने बताया कि हादसे की वजह का पता लगाने के लिए जांच की जा रही है। (भाषा)
शंघाई, 27 अप्रैल। भारत ने गैर-ओलंपिक कंपाउंड तीरंदाजी में अपना दबदबा बनाते हुए शनिवार को यहां शंघाई में चल रहे विश्व कप के पहले चरण में टीम स्पर्धाओं में क्लीन स्वीप करते हुए स्वर्ण पदकों की हैट्रिक लगायी।
सत्र के इस पहले वैश्विक टूर्नामेंट में भारत की महिला कंपाउंड टीम ने इटली को 236 . 225 से हराया । ज्योति सुरेखा वेन्नम, अदिति स्वामी और परनीत कौर की भारतीय तिकड़ी ने 24 तीरों में सिर्फ चार अंक गंवाये और छठी वरीयता प्राप्त इटली को बड़े अंतर से हराकर स्वर्ण पदक से खाता खोला।
पुरूष टीम में अभिषेक वर्मा, प्रियांश और प्रथमेश एफ ने नीदरलैंड को 238 . 231 से मात दी । नीदरलैंड की टीम में माइक शोलेसर, सिल पीटर और स्टेफ विलेम्स थे ।
इसके बाद भारत की मिश्रित टीम ने कंपाउंड वर्ग में तीसरा स्वर्ण पदक जीतकर क्लीन स्वीप किया। दूसरी वरीयता प्राप्त ज्योति और अभिषेक की जोड़ी ने एस्तोनिया की लिसेल जात्मा और रोबिन जात्मा की मिश्रित जोड़ी को रोमांचक मुकाबले में 158-157 से मात दी।
मौजूदा एशियाई खेलों की चैम्पियन ज्योति के लिए यह दोहरा स्वर्ण पदक था। वह व्यक्तिगत स्पर्धा में स्वर्ण पदक की दौड़ में है और दिन के अंत में अपना सेमीफाइनल खेलेगी।
प्रियांश भी कंपाउंड वर्ग में व्यक्तिगत पदक की दौड़ में हैं।
रिकर्व वर्ग में पदक राउंड रविवार को होंगे और भारत की निगाहें ओलंपिक वर्ग में दो स्वर्ण पदक जीतने पर लगी होंगी।
भारतीय पुरुष टीम स्वर्ण पदक मुकाबले में ओलंपिक चैम्पियन दक्षिण कोरिया से भिड़ेगी।
दीपिका कुमारी व्यक्तिगत पदक की दौड़ में हैं और महिला रिकर्व वर्ग में दक्षिण कोरियाई प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ अपना सेमीफाइनल खेलेंगी।
शीर्ष वरीयता प्राप्त महिला कंपाउंड टीम ने दिन के पहले मैच में 24 तीरों से केवल चार अंक गंवाए और छठी वरीयता प्राप्त इटली को हरा दिया।
छह छह तीरों के पहले सेट में भारतीय टीम ने सिर्फ दो बार परफेक्ट 10 नहीं बनाया और मार्सेला तोनिओली, इरेने फ्रांचिनी और एलिसा रोनेर की इतालवी टीम पर 178 . 171 से बढत बना ली ।
चौथी वरीयता प्राप्त पुरूष टीम ने 60 स्कोर करके परफेक्ट शुरूआत की और अगले दो सेट में दो ही अंक गंवाये । इसके बाद फाइनल सेट में परफेक्ट 60 स्कोर करके जीत दर्ज की ।
कंपाउंड मिश्रित टीम स्पर्धा में ज्योति और अभिषेक ने 40 के स्कोर से परफेक्ट शुरूआत कर तीन अंक की बढ़त बनायी। भारतीय जोड़ी 119-117 की बढ़त बनाये थी और उसे अंत में 40 में से 39 अंक की जरूरत थी और उन्होंने ऐसा करके देश को तीसरा स्वर्ण पदक दिलाया।(भाषा)
इंफाल, 27 अप्रैल। मणिपुर के बिष्णुपुर जिले में सुरक्षा बलों के एक शिविर पर उग्रवादियों के हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के दो जवानों की मौत हो गई और दो अन्य कर्मी घायल हो गए। पुलिस ने यह जानकारी दी।
पुलिस ने बताया कि उग्रवादियों ने मोइरांग पुलिस थाना क्षेत्र के नारानसेना में आईआरबीएन (भारतीय आरक्षित वाहिनी) शिविर पर हमला किया।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘उग्रवादियों ने पहाड़ी की चोटियों से शिविर को निशाना बनाकर अंधाधुंध गोलीबारी की। गोलीबारी रात करीब साढ़े 12 बजे शुरू हुई और देर रात लगभग सवा दो बजे तक जारी रही। उग्रवादियों ने बम भी फेंके, जिनमें से एक बम सीआरपीएफ की 128 बटालियन की चौकी में फटा।’’
उन्होंने बताया कि मृतकों की पहचान सीआरपीएफ के उप-निरीक्षक एन. सरकार और हेड कांस्टेबल अरूप सैनी के रूप में हुई है।
उन्होंने बताया कि हमले में निरीक्षक जादव दास और कांस्टेबल आफताब दास छर्रे लगने से घायल हो गए।
अधिकारी ने कहा, ‘‘दोनों घायल जवानों को इंफाल के क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान संस्थान में भर्ती कराया गया है। वे खतरे से बाहर हैं।’’
सीआरपीएफ जवानों को आईआरबीएन शिविर की सुरक्षा के लिए तैनात किया गया था।
पुलिस ने कहा कि हमले में शामिल लोगों को पकड़ने के लिए बड़े पैमाने पर तलाश जारी है। (भाषा)
(लक्ष्मी देवी ऐरे)
विजयवाड़ा (आंध्र प्रदेश), 27 अप्रैल। तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के राष्ट्रीय समन्वयक (चुनाव) एवं राज्यसभा के पूर्व सदस्य कनकमेदला रवींद्र कुमार ने कहा कि पार्टी की प्राथमिकता आंध्र प्रदेश का ‘‘पुनर्निर्माण’’ करना और युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) सरकार से छुटकारा दिलाकर राज्य को कर्ज के दलदल से बाहर निकालना है।
कुमार ने कहा कि जगन मोहन रेड्डी सरकार के कार्यकाल के दौरान हुआ नुकसान, 2014 में तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के विभाजन से हुए नुकसान से अधिक है। इस विभाजन से संसाधन दोनों राज्यों के बीच बंट गए।
राज्य सरकार के आंकड़ों के अनुसार आंध्र प्रदेश का कर्ज 2019-20 में सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के 31.02 प्रतिशत से बढ़कर 2023-24 वित्तीय वर्ष में 33.32 प्रतिशत हो गया है जो संकेत है कि पिछले पांच वर्षों में राज्य की वित्तीय हालत खराब हुई है।
कुमार ने एक साक्षात्कार में ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘राज्य में जगन मोहन रेड्डी (आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री) के कार्यकाल में... हमारी मुख्य प्राथमिकता उनसे छुटकारा पाना और विकास के मामले में 20 साल पीछे जा चुके राज्य को फिर से खड़ा करना है। ’’
उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश के अस्तित्व और हितों की रक्षा के लिए विधानसभा और संसदीय चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और पवन कल्याण की जन सेना पार्टी (जेएसपी) के साथ गठबंधन करके तेदेपा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में वापसी कर चुकी है।
उन्होंने कहा, ‘‘गठबंधन का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सरकार विरोधी वोट विभाजित न हों।’’
उन्होंने दावा किया कि वाईएसआरसीपी सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों और सत्ता विरोधी लहर से इस बार तेदेपा को लाभ मिलेगा। पार्टी नेता ने कहा कि तेदेपा अपने प्रचार अभियान में इन मुद्दों के साथ-साथ उन छह वादों को भी लोगों को बता रही है, जिन्हें अगर वह सत्ता में आती है तो लागू करेगी।
तेदेपा के छह चुनावी वादों में युवाओं के लिए 20 लाख नौकरियों का सजृन और नौकरी सुरक्षित होने तक 3,000 रुपये का मासिक बेरोजगारी भत्ता प्रदान करना, स्कूल जाने वाले प्रत्येक बच्चे को प्रति वर्ष 15,000 रुपये देना, साल में तीन मुफ्त गैस सिलेंडर देना, अन्नदाता योजना के जरिए किसानों को सालाना 20,000 रुपये देना, 18 से 59 वर्ष की आयु की महिलाओं को आधिपत्य निधि योजना के तहत प्रतिमाह 1,500 रुपये देना और महिलाओं को मुफ्त बस सेवा देना शामिल हैं।
आंध्र प्रदेश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 13 मई को होंगे। तेदेपा 17, जेएसपी छह और भाजपा दो सीट पर लोकसभा चुनाव लड़ रही है। विधानसभा के लिए तेदेपा 144 पर, जेएसपी 21 पर और भाजपा 10 सीट पर चुनाव लड़ रही है।
राज्य पर बढ़ते कर्ज पर चिंता व्यक्त करते हुए कुमार ने दावा किया कि ‘‘कुशासन’’ और ‘‘कुप्रबंधन’’ के कारण पिछले पांच वर्षों में कर्ज कई गुना बढ़ गया है। राज्य की वित्तीय हालत इतनी खराब है कि सरकार अपने कर्मचारियों को पेंशन देने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से कर्ज ले रही है।
उन्होंने दावा किया, ‘‘जगन मोहन रेड्डी के कार्यकाल में हुआ नुकसान राज्य के विभाजन के कारण हुए नुकसान से अधिक है।’’ (भाषा)
पलक्कड (केरल), 27 अप्रैल। कांग्रेस नेता राहुल गांधी को ‘‘चौथे दर्जे का नागरिक’’ बताने और उनके डीएनए की जांच कराने संबंधी टिप्पणियों को लेकर वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) के विधायक पी वी अनवर पर मामला दर्ज किया गया है।
अनवर ने 22 अप्रैल को केरल के पलक्कड जिले में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए यह भी कहा था कि कांग्रेस नेता गांधी उपनाम से बुलाए जाने के लायक नहीं हैं।
प्राथमिकी के अनुसार, इस घटना के बाद मजिस्ट्रेट अदालत के निर्देश पर 26 अप्रैल को एलडीएफ विधायक के खिलाफ नट्टुकल पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया।
अनवर पर भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए (विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना) और जन प्रतिनिधि कानून की धारा 125 (चुनाव के संबंध में विभिन्न वर्गों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
वकील बैजू नोएल रोसारिया की शिकायत पर मजिस्ट्रेट अदालत ने मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दिया था।
राहुल ने राज्य में अपने हालिया प्रचार अभियान के दौरान सवाल किया था कि विपक्ष शासित राज्यों के दो मुख्यमंत्रियों को जेल भेजने वाली केंद्रीय एजेंसियों ने मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन से पूछताछ क्यों नहीं की और उन्हें गिरफ्तार क्यों नहीं किया, जबकि उन पर कई आरोप लगे हैं। उनकी इस टिप्पणी के बाद अनवर ने गांधी के खिलाफ टिप्पणियां कीं।
राहुल के खिलाफ अनवर की टिप्पणी पर विजयन से उनकी प्रतिक्रिया के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने एलडीएफ विधायक को सही ठहराया और कहा था कि ऐसा नहीं है कि कांग्रेस नेता की आलोचना नहीं कि जा सकती।(भाषा)
मुंबई, 27 अप्रैल। मुंबई के बांद्रा में अभिनेता सलमान खान के आवास के बाहर इस महीने की गई गोलीबारी के मामले में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के छोटे भाई अनमोल बिश्नोई के खिलाफ ‘लुकआउट सर्कुलर’ (एलओसी) जारी किया गया है। एक पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी है।
अधिकारी ने बताया कि पुलिस लॉरेंस बिश्नोई को भी हिरासत में ले सकती है, जो इस समय गुजरात की साबरमती जेल में बंद है और वह मामले में महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) लगाने पर भी विचार कर रही है।
उन्होंने बताया कि अनमोल बिश्नोई ने गोलीबारी की जिम्मेदारी ली थी और जांच में भी उसकी संलिप्तता सामने आई है जिसके बाद मुंबई पुलिस ने शुक्रवार को एलओसी जारी किया।
अधिकारी ने कहा, ‘‘अनमोल और लॉरेंस बिश्नोई को मामले में वांछित आरोपी के रूप में नामजद किया गया है। अनमोल बिश्नोई कनाडा में रहता है और अक्सर अमेरिका जाता रहता है लेकिन उसने फेसबुक पर जिस खाते से ‘पोस्ट’ करके गोलीबारी की जिम्मेदारी ली थी, उसका ‘आईपी एड्रेस’ पुर्तगाल का पाया गया है।’’
पुलिस ने 14 अप्रैल की सुबह सलमान खान के बांद्रा स्थित आवास ‘गैलेक्सी अपार्टमेंट’ पर मोटरसाइकिल सवार दो लोगों द्वारा गोलीबारी किए जाने के मामले में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 307 (हत्या का प्रयास) के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी।
पुलिस ने बताया कि कथित हमलावर विकी गुप्ता (24) एवं सागर पाल (21) को सोनू कुमार सुभाष चंदर बिश्नोई (37) और अनुज तपन (32) के साथ गिरफ्तार किया गया था। विकी गुप्ता और सागर पाल बिहार के निवासी हैं। उन्हें सोनू एवं अनुज ने 15 मार्च को दो देसी पिस्तौल एवं कारतूस उपलब्ध कराए थे।
उसने बताया कि सोनू और अनुज फाजिल्का के रहने वाले हैं। पुलिस ने कहा, ‘‘दोनों (सोनू एवं अनुज) पंजाब के गंगापुर में दर्ज गोलीबारी के एक मामले में भी लॉरेंस एवं अनमोल बिश्नोई के साथ सह आरोपी हैं।’’ (भाषा)
नयी दिल्ली, 27 अप्रैल। टीवी धारावाहिक ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ में रोशन सिंह सोढ़ी का किरदार निभाकर लोकप्रिय हुए अभिनेता गुरुचरण सिंह कथित तौर पर लापता हो गए हैं। दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने यह जानकारी दी है।
सूत्रों ने बताया कि 50 वर्षीय अभिनेता के पिता ने पुलिस में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई है।
उन्होंने बताया कि शिकायत के अनुसार, गुरुचरण सिंह मुंबई जाने के लिए 22 अप्रैल को सुबह साढ़े आठ बजे घर से हवाई अड्डे के लिए निकले थे लेकिन वह मुंबई नहीं पहुंचे और उनसे फोन के जरिए भी संपर्क नहीं हो पा रहा।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि उन्होंने अलग-अलग टीम गठित कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
एक सूत्र ने कहा, ‘‘हम यह जानने के लिए सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रहे हैं कि वास्तव में क्या हुआ।’’ (भाषा)