खेल
नई दिल्ली, 30 जनवरी । मुरली विजय ने सोमवार को इंटरनेशनल क्रिकेट के सभी प्रारूपों से रिटायर होने का एलान किया है.
ट्विटर पर उन्होंने एक पत्र जारी करके ये सूचना दी.
इस पत्र में उन्होंने कहा है कि इंटरनेशनल स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करना सम्मान की बात रही.
विजय ने इस ट्वीट में बीसीसीआई, तमिलनाडु क्रिकेट संघ, आईपीएल और चेन्नई सुपर किंग्स को भी टैग करते हुए लिखा है कि वे क्रिकेट खेलने का मौक़ा देने के लिए सबके आभारी हैं.
उन्होंने अपने सपने को सच करने में सहयोग देने के लिए अपने साथी खिलाड़ियों, कोच, मेंटर और सपोर्ट स्टाफ का शुक्रिया अदा किया है.
विजय ने क्रिकेट प्रशंसकों का भी शुक्रिया अदा किया है. उन्होंने अपने परिजनों और दोस्तों को भी धन्यवाद दिया है.
मुरली विजय ने 61 टेस्ट में कुल 3,982 रन बनाए, जबकि 17 वनडे में 339 रन. टेस्ट में इन्होंने 12 सेंचुरी और 15 हाफ़ सेंचुरी बनाई है. टेस्ट में इनका बैटिंग औसत 38.3 का रहा. (bbc.com/hindi)
लखनऊ, 30 जनवरी चार बरस की उम्र में अपने पिता को खो चुकी अर्चना देवी ने विषम परिस्थितियों में भी अपनी मां की मेहनत और गुरू की लगन के दम पर अपने क्रिकेट के शौक को जिंदा रखा और उसे परवान चढाया भारतीय क्रिकेटर कुलदीप यादव के सहयोग ने ।
अर्चना देवी निषाद पहला अंडर 19 महिला विश्व कप जीतकर इतिहास रचने वाली भारतीय टीम की सदस्य हैं । दक्षिण अफ्रीका में इंग्लैंड के खिलाफ अंडर 19 महिला क्रिकेट विश्व कप फाइनल में अर्चना देवी ने तीन ओवर में 17 रन देकर दो विकेट हासिल किए ।
उनकी इस कामयाबी के पीछे बलिदानों का लंबा सिलसिला है जिसकी शुरूआत उन्नाव जिले के एक छोटे से गांव में पुआल से बने घर से हुई ।
मां सावित्री देवी ने कैंसर के कारण अपने पति को खो दिया था जब अर्चना मात्र चार साल की थी । ऐसे में अपनी बेटी के सपनों को जिंदा रखना उनके लिये कतई आसान नहीं था । उन्हें क्रिकेट के बारे में कुछ नहीं पता लेकिन अपनी बेटी की उपलब्धि पर गर्व है ।
सावित्री ने कहा,' क्रिकेट के बारे में ज्यादा कुछ नहीं जानती हूं लेकिन अपनी बिटिया को मैदान पर खेलते देख बहुत खुश हूं । कल रात उसने फोन पर बात करते हुए कहा था कि अम्मा हम जीत गयें । तब से मन बहुत खुश हैं, काश उसके बापू भी इस खुशी में शामिल होते ।'
उन्होंने कहा ,'कल रात से गांव में लडडू बांट रहे हैं और जब बिटिया लौटेंगी तो और लडडू बांटेंगे ।'
अर्चना के भाई ने बताया कि उन्हें डर था कि बार बार बिजली जाने के कारण वे शायद फाइनल मैच नहीं देख पायेंगे लेकिन जब स्थानीस पुलिस के एक अधिकारी को इस बात का पता चला तो उन्होंने उनके घर पर इन्वर्टर और बैटरी भेजी और पूरे गांव ने साथ में टीवी पर मैच देखा ।
कुलदीप और अर्चना के कोच कपिल पाडेंय ने कहा ,‘‘ मैच जीतने के बाद रविवार रात अर्चना से बात हुई थी जो अपनी जीत से बहुत खुश थी और अब उसका सपना टीम इंडिया के लिए खेलना है ।'
राजधानी लखनऊ से करीब सौ किलोमीटर दूर उन्नाव के बांगरमऊ तहसील क्षेत्र के गंगा कटरी के गांव रतई पुरवा में भारत की जीत के बाद से खुशी का माहौल हैं । मैच समाप्त होने के बाद गांव में लोगों ने नाच गाकर जश्न भी मनाया ।
रोहित ने बताया कि छठी कक्षा में अर्चना का दाखिला गंजमुरादाबाद स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में कराया गया जहां शिक्षिका पूनम गुप्ता ने उनकी खेल प्रतिभा को पहचाना । आठवीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद पूनम उसे लेकर कानपुर में पांडेय के पास ले गयी ।
पांडेय ने बताया ,'2017 में जब अर्चना मेरे पास आयी तो मैने उससे गेंदबाजी करायी तो मुझे उसके अंदर छिपी प्रतिभा का पता चल गया । लेकिन उसके पास संसाधन नही थे और कानपुर में ठिकाना नहीं था । उसका गांव कानपुर से करीब 30 किलोमीटर दूर था और वह रोज आ जा नहीं सकती थी ।' पांडे ने पूनम और कुछ अन्य लोगो के सहयोग से उसे कानपुर की जेके कालोनी में किराये पर एक कमरा दिलवा कर उसके रहने और खाने का इंतजाम करवाया । इसके बाद कुलदीप ने उसे क्रिकेट किट दिलवाई ।
पांडे ने कहा ,'जब कुलदीप कानपुर में होते तो वह अर्चना सहित अन्य बच्चों के साथ अभ्यास करते और उन्हें क्रिकेट की बारीकियां सिखाते । पहले अर्चना मध्यम तेज गेंदबाजी करती थी लेकिन बाद में मैने उसे आफ स्पिन डालने को कहा और फिर वह एक अच्छी आफ स्पिनर बन गयी ।' (भाषा)
पोशेफ्स्ट्रूम , 30 जनवरी अंडर 19 विश्व कप में खिताबी जीत से आहलादित भारत की चैम्पियन बल्लेबाज शेफाली वर्मा के लिये यह महज एक शुरूआत है और उनका इरादा दो सप्ताह बाद सीनियर टीम के साथ इस सफलता को दोहराने का है ।
महिला टी20 विश्व कप दस फरवरी से दक्षिण अफ्रीका में खेला जाना है और यहीं पर भारतीय अंडर 19 टीम ने शेफाली की कप्तानी में पहला टी20 विश्व कप जीतकर इतिहास रचा है ।
उन्नीस वर्ष की शेफाली भारत की सीनियर टीम का भी हिस्सा हैं और वह दूसरी बार खिताब जीतकर दक्षिण अफ्रीका दौरे को यादगार बनाना चाहती है ।
जीत के बाद उसने कहा ,‘‘ मैं जब यहां आई तो फोकस अंडर 19 विश्व कप पर था लेकिन उसे हम जीत चुके हैं । अब नजरें सीनियर विश्व कप पर हैं । मैं इस जीत को भुलाकर अब सीनियर विश्व कप पर फोकस करूंगी ।’’
शेफाली उस भारतीय टीम का भी हिस्सा थी जो 2020 टी20 विश्व कप फाइनल में आस्ट्रेलिया से हार गई थी ।
उसने कहा कि उस हार की टीस अभी भी सालती है ।
उसने कहा ,‘‘ मेलबर्न में खेला गया फाइनल मेरे लिये काफी जज्बाती था । हम उस मैच को जीत नहीं सके थे ।’’
शेफाली ने कहा ,‘‘ जब मैं अंडर 19 टीम से जुड़ी तो बस यही सोचती थी कि हमें विश्व कप जीतना है ।मैं लड़कियों से यही कहती थी कि हमें जीतना ही है और हम जीत गए ।’’
उसने कहा ,‘‘ हम विश्व कप हारने के बाद खूब रोये थे लेकिन अब ये खुशी के आंसू हैं । हम जो जीतने आये थे, वह हमने जीता ।’’
पुरस्कार वितरण के समय अपने आंसुओं पर काबू नहीं रख सकी शेफाली ने कहा ,‘‘ मैने आंसू रोकने की कोशिश की लेकिन रोक नहीं सकी । मैं आगे भी अच्छा प्रदर्शन करके भारत के लिये रन बनाती रहूंगी । लेकिन इस विश्व कप से ही संतोष नहीं है । यह तो अभी शुरूआत भर है ।’’ (भाषा)
बुलंदशहर (उप्र), 30 जनवरी। अंडर-19 महिला टी-20 विश्व कप टूर्नामेंट में भारत की खिताबी जीत में अहम भूमिका निभाने वाली बुलंदशहर की हरफनमौला खिलाड़ी पार्श्वी चोपड़ा कभी स्केटिंग की दीवानी थीं लेकिन अब क्रिकेट ही उनकी जिंदगी बन गया है।
भारत ने पहले महिला अंडर-19 टी-20 विश्व कप के फाइनल में रविवार को इंग्लैंड को सात विकेट से हराकर खिताब पर कब्जा कर लिया। इस जीत में 16 वर्षीय लेग ब्रेक गेंदबाज पार्श्वी ने चार ओवर में मात्र 13 रन देकर दो महत्वपूर्ण विकेट लिए।
भारत की ऐतिहासिक जीत पर जहां देश भर में जश्न का माहौल है, वहीं बुलंदशहर के सिकंदराबाद में पार्श्वी के पिता गौरव चोपड़ा के घर में भी खुशियां छाई हुई हैं। भारत की खिताबी जीत के बाद पार्श्वी के पैतृक निवास सिकंदराबाद में ढोल की धुन पर उनके तमाम रिश्तेदारों ने जमकर नृत्य किया और मिठाइयां बांटी।
पार्श्वी के पिता ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा ,‘‘ पार्श्वी बचपन से ही क्रिकेट मैच देखती थी। मगर शुरुआत में उसे स्केटिंग का जुनून था और वह इसमें काफी अच्छा कर रही थी लेकिन स्केटिंग से उसका मन अचानक हटकर क्रिकेट में लग गया। अब क्रिकेट ही उसकी जिंदगी बन चुका है।’’
चोपड़ा ने कहा कि उन्हें बहुत खुशी है कि उनकी बेटी ऐतिहासिक जीत हासिल करने वाली भारतीय टीम का एक अहम हिस्सा है।
उन्होंने कहा ,‘‘ हमने कभी पार्श्वी की कोचिंग में कोई कमी नहीं होने दी। पार्श्वी ने दो अकादमी जॉइन की हैं ताकि उसे रोजाना सीखने का मौका मिले। एक अकादमी हफ्ते में तीन से चार दिन ही चलती है।’’
उन्होंने कहा कि पार्श्वी ने सफलता की पहली सीढ़ी हासिल की है। अभी बहुत लंबा सफर है और सीखने की उम्र तो कभी खत्म नहीं होती है। (भाषा)
पार्श्वी की मां शीतल चोपड़ा ने बताया कि पार्श्वी जब 10 साल की थी तब से खेल पर मेहनत कर रही है। वह जब 12 साल की थी तब उसने अपना पहला ट्रायल दिया था, लेकिन तब उसका चयन नहीं हो पाया था। उसके बाद 13 साल की उम्र में उसका चयन हुआ। वह अंडर-16 भी खेल चुकी है।
भारत ने फ़ाइनल मुक़ाबले में इंग्लैंड पर सात विकेट से ज़ोरदार जीत दर्ज की. भारत ने इंग्लैंड की ओर से मिले 69 रन के लक्ष्य को 14वें ओवर में ही हासिल कर लिया.
भारत की दोनों ओपनर सस्ते में ही पैवेलियन लौट गईं लेकिन सौम्या तिवारी (नाबाद 24 रन) और गोंगदी त्रिशा (24 रन) ने टीम पर दबाव नहीं आने दिया.
भारत के लिए कप्तान शेफ़ाली वर्मा ने 15 और श्वेता सहरावत ने पांच रन बनाए. भारत के पहले दो विकेट गिरे तो स्कोर था 20 रन. इसके बाद त्रिशा और सौम्या के बीच 46 रन की साझेदारी हुई.
इस साझेदारी ने इंग्लिश टीम को मैच से लगभग बाहर कर दिया. जब जीत सिर्फ़ तीन रन दूर थी तब त्रिशा आउट हो गईं.
टॉस रहा भारत के नाम
दक्षिण अफ़्रीका के पोचेफ़स्ट्रॉम में खेले जा रहे फ़ाइनल मैच में भारतीय अंडर 19 टीम की कप्तान शफ़ाली वर्मा ने टॉस जीतकर इंग्लैंड को बल्लेबाज़ी के लिए बुलाया.
भारतीय गेंदबाज़ों ने कप्तान का फ़ैसला सही साबित कर दिखाया. इंग्लैंड टीम के टॉप ऑर्डर की कोई बल्लेबाज़ विकेट पर टिकने का दम नहीं दिखा सकीं.
इंग्लैंड की पूरी टीम 17.1 ओवर में ढेर हो गई. इंग्लैंड के खिलाड़ी सिर्फ़ 68 रन जुटा पाए.
पांचवें नंबर पर बल्लेबाज़ी के लिए आईं रियान मैक्डॉनल्ड गे (19 रन), सातवें नंबर पर खेलने आईं एलेक्सा स्टोनहाउस (11 रन), दसवें नंबर पर खेलने उतरीं सोफिया (11 रन) और तीसरे नंबर पर बल्लेबाज़ी के लिए उतरीं एन हॉलैंड (10 रन) ही दहाई का आंकड़ा पार कर सकीं..
भारत की दमदार गेंदबाज़ी
टीम की कोई और खिलाड़ी दहाई के अंक तक नहीं पहुंच सकीं. इंग्लिश टीम की पांच खिलाड़ी सिर्फ़ 39 रन के स्कोर पर पैवेलियन लौट चुकी थीं.
भारत के लिए टिटास साधू, पार्श्वी चोपड़ा और अर्चना देवी ने दो-दो विकेट लिए.
भारतीय टीम ने सेमीफ़ाइनल में न्यूज़ीलैंड और इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया को हराकर फ़ाइनल में जगह बनाई थी.
मैच के दौरान भारतीय महिला क्रिकेट टीम का उत्साह बढ़ाने के लिए ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट खिलाड़ी नीरज चोपड़ा भी स्टेडियम पहुंचे थे.
विश्व कप जीतने के बाद सोशल मीडिया पर बधाई का सिलसिला भी शुरू हो गया. बीसीसीआई के सचिव जय शाह ने ट्वीट कर पूरी टीम और पूरे सपोर्ट स्टाफ़ को 5 करोड़ रुपये की इनामी राशि देने की भी घोषणा की.
जय शाह ने लिखा, "भारत में महिला क्रिकेट उफान पर है और विश्व कप की जीत ने महिला क्रिकेट का कद कई पायदान ऊंचा कर दिया है. पूरी टीम और सपोर्ट स्टाफ़ के लिए 5 करोड़ रुपये की ईनामी राशि की घोषणा करते हुए मुझे खुशी हो रही है. यह वास्तव में नई मिसाल कायम करने वाला साल है." (bbc.com/hindi)
कीर्ति
"घर में वो मोगरी (कपड़े धोने वाले बैट) से खेलती थी. फिर सौम्या और उसकी बड़ी बहन साक्षी घर के नीचे क्रिकेट खेलने लगीं और कुछ दिनों बाद मोहल्ले के मैदान में. बहन ही उसे अरेरा क्रिकेट क्लब लेकर गई और अब वो अंडर-19 टीम की उपकप्तान हैं."
स्कूटर संभालकर सौम्या के पिता मनीष तिवारी ने बड़े इत्मीनान से अपनी बिटिया के बारे में कई बातें कहीं.
भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने अंडर-19 टी-20 वर्ल्ड कप में इंग्लैंड को सात विकेट से हरा दिया है. इस मैच में सबसे अधिक नाबाद 24 रन सौम्या तिवारी ने बनाए.
सौम्या भोपाल की पहली महिला क्रिकेटर हैं जिन्होंने टीम इंडिया की नीली जर्सी पहनी है. भोपाल की अरेरा अकादमी से इंडिया टीम तक का सफ़र उन्होंने महज़ छह साल में ही पूरा कर लिया.
सौम्या के पिता मनीष तिवारी कलेक्टर दफ़्तर की निर्वाचन शाखा में सुपरवाइज़र हैं. वो ख़ुद भी क्रिकेट खेलते थे, लेकिन 1986 में स्कूटर से ऐसा हादसा हुआ कि पैर की हड्डी के दो टुकड़े हो गए और पेशेवर क्रिकेट खेलने का सपना भी टूट गया. लेकिन मनीष तिवारी का यह सपना उनकी बेटी की आंखों में पलने लगा.
कैसे हुई शुरुआत
तिवारी कहते हैं, "हम पुराने भोपाल के शाहजहानाबाद में रहते थे. 2000 के बाद नए भोपाल के गौतम नगर इलाक़े में आए. मुझे क्रिकेट खेलने और देखने का शौक़ था, इसलिए मेरे साथ पूरा परिवार भी क्रिकेट का शौक़ीन बन गया.
"सौम्या मोगरी और प्लास्टिक की बॉल से घर में क्रिकेट खेलती थी. 5 साल की उम्र में मोहल्ले के मैदान में बच्चों को क्रिकेट खेलता देख उसे पैड और हेलमेट पहनने का शौक़ पैदा हुआ. 2016 में गर्मी की छुट्टियों के दौरान उसकी बहन उसे ओल्ड कैंपियन स्कूल में समर कैंप में लेकर गई.''
वो कहते हैं, "दूसरे दिन जब वो आई तो ज़िद करने लगी कि सर ने कहा है क्रिकेट की किट चाहिए. मैंने समझाने की कोशिश की, तो वो अड़ गई और कहा कि सर ने कहा है कि किट के साथ ही मैदान में आना है तो मैंने सबसे सस्ता किट खरीद कर दे दिया. अब हमारे ज़माने में तो हम एक पैड से, कॉर्क बॉल से मैट पर खेलते थे, लेकिन सौम्या ने पूरा किट ख़रीदा."
सौम्या ऑलराउंडर हैं. ताबड़तोड़ बल्लेबाज़ी के साथ वो ऑफ़ स्पिन गेंदबाज़ी भी करती हैं. 6-7 सालों के सफ़र में उन्होंने ये कामयाबी हासिल की है, इस कहानी के अहम किरदार उनके कोच सुरेश चेनानी हैं.
चेनानी बताते हैं कि जब सौम्या की बड़ी बहन उसे अकादमी लेकर आई थीं तो उन्होंने कोचिंग देने से मना कर दिया था.
वो कहते हैं, "मैं 2000 में लड़कियों को कोचिंग देता था. उस वक़्त एक बच्ची श्वेता मिश्रा अंडर-19 इंडिया कैंप के संभावितों में चयनित हुई थी. 2008 में इंडिया टीम का कैंप करने के बाद जब उसका चयन नहीं हुआ तो वो घर बैठ गई. इसी तरह एक और लड़की थी. फिर मेरा मन खट्टा हो गया.''
"मैं लड़कियों पर मेहनत करता हूं कि ये लड़कियां लड़कों से अच्छा करें और भोपाल का नाम आगे बढ़ाएं. इसीलिए मैंने सौम्या को मना कर दिया, लेकिन वो ज़िद पर अड़ गई कि सर मुझे आपसे ही कोचिंग लेनी है. वो बराबर आती रही, फिर मैंने जूनियर ग्रुप में उसे रखा."
लड़कों के टूर्नामेंट में फ़ील्डिंग
चेनानी के अनुसार, "थोड़े दिनों बाद इसी मैदान पर अंडर-14 इंटर एकेडमी लड़कों का टूर्नामेंट हो रहा था. वो आकर खड़ी हो गई और बोली सर मुझे मैच खेलना है, तो मैंने कहा कि बेटा ये प्रैक्टिस नहीं टूर्नामेंट का मैच है और आप अभी नए हो तो ऐसा नहीं चलेगा. इस पर वो बहुत रुआंसी हो गई और घर जाकर अपने पापा को बताया.''
वो कहते हैं, "उनके पापा ने मुझे फ़ोन किया और बोले कि फ़ील्डिंग ही करवा दो. तब मैंने कहा कि ठीक है सामने वाली टीम से बोलकर ये करवा सकते हैं. उन्होंने परमिशन दे दी, उस मैच में इसने लड़कों से कहीं ज़्यादा अच्छी फ़ील्डिंग की, तब मैंने सोचा कि इस पर अच्छी मेहनत करते हैं. उसके बाद इसे ऑफ़ स्पिनर के तौर पर तैयार किया. उसके बाद इसका डिविज़न में सेलेक्शन हो गया."
"डिविज़न के बाद स्कूल नेशनल के लिए चयन हुआ जिसे खेलने वो खंडवा गई. उसी वक़्त भोपाल के एमवीएम कॉलेज में लड़कों का अंडर-14 टूर्नामेंट हो रहा था. मुझे भरोसा था कि ये आएगी तो मेरी टीम और मज़बूत हो जाएगी और इसका भी आत्मविश्वास बढ़ेगा. मैंने इसे रात में फ़ोन किया और कहा कि सुबह मैदान पर आ जाओ. वो सुबह 4 बजे भोपाल पहुंची. उस दिन उसने 6 ओवर में मात्र 18 रन देकर 6 विकेट लिए, तब पूरा भोपाल आश्चर्य में आ गया कि ये कौन सी बच्ची है, कहां से आई है. उस समय इसकी उम्र महज़ 11-12 साल थी."
"उस प्रदर्शन के बाद मैंने इसकी बैटिंग पर भी ध्यान दिया. एक साल बाद ऑलसेंट कॉलेज में अंडर 14 टूर्नामेंट हुआ तो मैंने दो और लड़कियों को मौक़ा दिया. सौम्या ने पहले ही मैच में सीहोर के ख़िलाफ़ 100 रनों की पारी खेली. इस तरह मेरा विश्वास भी बढ़ता गया.''
लड़कों के बीच जमाई धाक
सौम्या ईदगाह हिल्स स्थित सेंट जोसेफ़ कॉन्वेंट में 12वीं की छात्रा है. अपने कोच की बात उन्होंने लड़कों के बीच धाक जमाकर साबित की. यह धाक स्कोरबोर्ड पर भी दिखती है.
उनके कोच चेनानी बताते हैं, "सौम्या जब 14-15 साल की थी, तभी मध्यप्रदेश की अंडर-19 टीम में इसका चयन हो गया और फिर अंडर-23 में आ गई. पिछले 2 साल से अंडर-19 में इतना अच्छा कर रही थी कि अपनी टीम को पिछले साल जयपुर में रनर-अप बनाया. चैलेंजर ट्रॉफ़ी में मौका मिला तो पहले मैच में ही नाबाद 105 रन बना दिया."
वो बताते हैं, "हाल में अंडर 19 टी 20 टूर्नामेंट हुआ तो इसने मप्र को चैंपियन बनाया. सारे मैचों में एकतरफ़ा प्रदर्शन किया. न्यूज़ीलैंड के साथ 5 मैचों की सिरीज़ में ढेर सारे रन बटोरे.''
"उसमें लगन और समझ है. 6 साल क्रिकेट को दिया और अब इंडिया खेल रही है. इतना प्रतिभाशाली कम ही बच्चा होता है. वो लड़कों पर भारी है. जो हमने सिखाया वो उसे फ़ौरन सीखती है. इसने दिखाया है कि जहां रहेगी लड़कों से बेहतर करेगी.''
विराट कोहली सौम्या के पसंदीदा क्रिकेटर हैं, वो कोहली की तरह 18 नंबर की जर्सी पहनती हैं और उन्हीं की तरह बल्लेबाज़ी करने की कोशिश करती हैं.
लड़कों की टीम का आधे मैच में खेलने से इनकार
उनके कोच चेनानी लड़कों के साथ सौम्या के खेलने के दौरान हुई एक दिलचस्प घटना भी बताते हैं.
"एक टूर्नामेंट था ऑयकॉनिक कप. हमने सौम्या का नाम दिया. इसने बैटिंग कर ली, लेकिन टीम जब फ़ील्डिंग करने उतरी तो गेंद सौम्या के हाथ में थी. तब विपक्षी टीम ने आपत्ति की कि वे लड़कियों को नहीं खिलाते. हमने कहा जब हमने टीम का नाम दिया, तब आपने आपत्ति नहीं की. उसने बल्लेबाज़ी कर ली, तब भी आपत्ति नहीं हुई. अब आप आपत्ति कर रहे हैं ये ठीक नहीं है. हम अपनी टीम ले जा रहे हैं, लेकिन वो नहीं माने.''
"मेरे लिये बहुत बेइज़्ज़ती वाली बात थी, लेकिन वो नहीं माने. और तब सौम्या सामने आई और कहा कि सर प्लीज़, आप टीम को खेलने दीजिए, मैं बाहर बैठ जाती हूं. तो उसकी ये खेल भावना थी कि उसने अपने स्वाभिमान के आगे टीम भावना को रखा.''
"भोपाल में ये ट्रेंड था कि लड़कियां, लड़कों के साथ नहीं खेलती थीं. सामने वाली टीम को भी लगता था ये लड़की है क्या ही कर लेगी. लेकिन जब इसने रंग दिखाना शुरू किया, तो सब इसके नाम से घबराने लगे. बोलने लगे कि नहीं, हम इसे नहीं खिलाएंगे, हम लड़कों के साथ ही खेलेंगे.''
सौम्या की कप्तानी में मध्य प्रदेश ने अंतरराज्यीय महिला अंडर-19 टी-20 टूर्नामेंट में कर्नाटक को 26 रन से हराकर ख़िताब जीत लिया.
इस सिरीज़ में कप्तान के रूप में सौम्या ने 8 पारियों में 255 रन बनाए. बतौर गेंदबाज़ इन 8 मैचों में उसने 15 विकेट भी लिए, जो टूर्नामेंट में सबसे ज़्यादा था.
उनके कोच सौम्या की कप्तानी कौशल की तारीफ़ करते हुए एक और क़िस्सा बताते हैं.
उन्होंने बताया, "पिछले साल तहसीन सगीर टूर्नामेंट था जिसमें सौम्या कप्तानी कर रही थी. 40 ओवर का मैच था. फ़ाइनल चल रहा था, 128 पर टीम ऑल आउट हो गई. हमें लगने लगा कि हम हार जाएंगे, लेकिन सौम्या की कप्तानी में बच्चों ने ग़ज़ब की फ़ील्डिंग की.
"उस मैच में सौम्या ने तीन विकेट लिए. उसने ग़ज़ब का कैच पकड़ा. आख़िर में उन्हें मात्र आठ रन चाहिए थे और तीन विकेट बाक़ी थे. सौम्या ने दांव खेला और दूसरी लड़की श्रेया दीक्षित को बॉलिंग दी. वहां श्रेया ने एक ओवर में तीन विकेट ले लिए और हम छह रन से मैच जीत गए. इससे मुझे भरोसा हुआ कि ये लड़कियां लड़कों से कम नहीं हैं.''
जश्न मनाने को लेकर परिवार सतर्क
हाल ही में समाप्त चार देशों की महिला अंडर-19 टी-20 सिरीज़ में सौम्या ने 102 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए. इस सिरीज़ में श्रीलंका, वेस्टइंडीज, टीम इंडिया 'ए' और टीम इंडिया 'बी' खेली.
सौम्या के पिता मनीष तिवारी खुशी ज़ाहिर करते हुए कहते हैं कि 'हमने क़दम दर क़दम सौम्या को आगे बढ़ते देखा है, मोहल्ले से राज्य और फिर देश के लिए खेलना.'
वो कहते हैं कि 'लक्ष्य अभी सीनियर टीम है, इसलिए उसे मंज़िल की तरफ़ बढ़ते जाना है. हमने ख़ुशी मनाई है, लेकिन उसकी ही तरह संभल-संभल कर.' (bbc.com/hindi)
भोपाल, 29 जनवरी | निशानेबाज मनीष नरवाल ने 2021 में टोक्यो पैरालम्पिक्स में स्वर्ण पदक जीता और नया विश्व रिकॉर्ड बनाया। इस उपलब्धि के लिए उन्हें खेलो रत्न अवार्ड मिला और उन्होंने सैकड़ों बच्चों को निशानेबाजी चुनने के लिए प्रेरित किया।
2021 में अपने शानदार प्रदर्शन से पूर्व मनीष ने अपने छोटे भाई शिवा नरवाल को निशानेबाजी चुनने के लिए प्रेरित कर दिया था।
शिवा ने खेलो इंडिया यूथ गेम्स के 2020 संस्करण में स्वर्ण पदक जीता और खेलों के 2021 संस्करण में भी स्वर्ण जीता। 17 वर्षीय शिवा ने पिछले वर्ष मिस्र विश्व चैंपियनशिप में अपना सीनियर पदार्पण किया और 10 मीटर एयर पिस्टल के फाइनल में पहुंचकर पेरिस ओलम्पिक कोटा हासिल करने के करीब भी पहुंच गए थे लेकिन आठवें स्थान पर रहे।
उन्होंने विश्व चैंपियनशिप में पदक नहीं जीत पाने की निराशा को एशियन एयरगन चैंपियनशिप में पुरुष एयर पिस्टल चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर दूर किया।
मनीष ने जहां खुद को देश के सर्वश्रेष्ठ पैरा शूटर्स के रूप में स्थापित कर दिया है जबकि शिवा का लक्ष्य खेलो इंडिया यूथ गेम्स में एक और पदक जीतना और स्वर्ण की हैट्रिक पूरा करना है।
शिवा ने कहा, "मैं बहुत खुश हूं कि मैं खेलो इंडिया यूथ गेम्स के लिए चुना गया हूं। पिछले दो संस्करणों में मेरा प्रदर्शन अच्छा रहा है और मैं उम्मीद करता हूं यह मध्य प्रदेश में भी जारी रहेगा और मैं हरियाणा के लिए फिर पदक जीत सकूंगा। '' (आईएएनएस)
दुबई, 29 जनवरी | डेजर्ट वाइपर्स ने दुबई कैपिटल्स को डीपी वल्र्ड आईएल टी20 के 20वें मैच में शनिवार रात को 12 रन से हराकर अंक तालिका में शीर्ष स्थान हासिल कर लिया।
डेजर्ट वाइपर्स ने कप्तान कॉलिन मुनरो की 32 गेंदों पर 40 रन की शानदार पारी से नौ विकेट पर 149 रन का सामान्य स्कोर बनाया लेकिन दुबई कैपिटल्स को पांच विकेट पर 137 रन पर रोक दिया। रोहन मुस्तफा ने शानदार गेंदबाजी करते हुए 27 रन पर दो विकेट लिए।
दुबई कैपिटल्स की तरफ से अपना पहला मैच खेलते हुए एडम जम्पा ने 16 रन पर तीन विकेट लिए जिसके लिए उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच घोषित किया गया।
दुबई कैपिटल्स के कप्तान रोवमैन पॉवेल (नाबाद 34) और युसूफ पठान (नाबाद 35) ने 6.3 ओवर में 52 रन की साझेदारी की लेकिन कसी गेंदबाजी के सामने उनका यह प्रयास बेकार गया।
इस हार के बाद दुबई कैपिटल्स दो जीत, चार हार और पांच अंकों के साथ पांचवें स्थान पर है। (आईएएनएस)
भोपाल, 28 जनवरी। विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में पदक हासिल करने वाली पहली भारतीय एथलीट अंजू बॉबी जॉर्ज को उम्मीद है कि ‘खेलो इंडिया यूथ गेम्स (केआईवाईजी)’ एथलेटिक्स में जमीनी स्तर की प्रतियोगिता और शीर्ष प्रतियोगिता के बीच की खाई को पाट देगी।
‘खेलो इंडिया यूथ गेम्स’ का आगामी सत्र मध्य प्रदेश के आठ शहरों में आयोजित होगा। 30 जनवरी से शुरू होने वाले इस आयोजन में 27 खेलों को शामिल किया गया है।
केआईवाईजी 2022 में ट्रैक एंव फील्ड स्पर्धा तीन दिनों तक चलेगा। इसका आयोजन भोपाल के टीटी नगर स्टेडियम में तीन से पांच फरवरी तक होगा।
भोपाल के अलावा इन खेलों का आयोजन इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर, मंडला, खरगोन (महेश्वर) और बालाघाट में होगा।
लंबी छलांग लगाने वाली पूर्व खिलाड़ी अंजू सरकार के मिशन ओलंपिक सेल की सदस्य हैं। वह टॉप्स (टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम) के लिए एथलीटों का चयन करने के लिए जिम्मेदार है। उनका मानना है कि खेलो इंडिया योजना प्रतिभा को निखारने के मामले में नींव का काम करेगा।
अंजू ने ‘केआईवाईजी मीडिया’ को एक कार्यक्रम के दौरान बताया, ‘‘यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और खेल मंत्रालय के सही इरादे के साथ एक अनूठी परियोजना है। इसने पहले ही परिणाम देना शुरू कर दिया है। हालांकि यह एक सतत प्रक्रिया है और हमें इसे आगे बढ़ाना है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ इन खेलों में 18 साल तक के छोटे बच्चों को प्रतिभा दिखाने का मौका मिलता है । इस तरह का मौका पहले मौजूद नहीं था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ इसमें जगह बनाने वाले खिलाड़ियों को प्रशिक्षण के लिए सरकार धन मुहैया कराती है। उन्हें जेब भत्ता भी मिलता है।’’ (भाषा)
-फिलेम दीपक सिंह
भुवनेश्वर, 28 जनवरी (भाषा)। भारत के पूर्व पुरुष हॉकी मुख्य कोच रोलेंट ओल्टमेंस ने एफआईएच पुरुष विश्व कप के मौजूदा सत्र में भारत के जल्दी बाहर होने के पर रणनीतिक जागरूकता की कमी और क्लब संस्कृति की गैर-मौजूदगी को जिम्मेदार ठहराया है।
भारतीय टीम न्यूजीलैंड से क्रॉसओवर मैच में सडन डेथ में 4-5 से पिछड़ने के बाद क्वार्टर फाइनल में जगह बनाने में चूक गयी थी।
भारत के वर्तमान मुख्य कोच ग्राहम रीड ने भी हॉकी इंडिया लीग (एचआईएल) के 2017 में समाप्त हो जाने के बाद क्लब संस्कृति की कमी के बारे में चिंता व्यक्त की थी।
भारतीय टीम के साथ 2015 से 2017 तक मुख्य कोच के तौर पर जुड़े रहे ओल्टमेंस ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘‘ भारत में कोई क्लब संस्कृति नहीं है, यह निश्चित तौर पर टूर्नामेंट से बाहर होने का एक कारण है। खिलाड़ियों को खेल जारी रखने की जरूरत होती है जिसका और क्लब स्तर के मैचों की गैरमौजूदगी में इसकी कमी रही।’’
साल 2013 से 2015 तक भारतीय हॉकी के हाई परफार्मेंस निदेशक रहे नीदरलैंड के इस कोच ने कहा, ‘‘ इसमें कोई शक नहीं कि ये भारतीय शानदार हॉकी खिलाड़ी हैं। लेकिन आपको यह जानने की जरूरत है कि खेल के किस क्षण क्या करना है। अगर अचानक, आप 10 खिलाड़ियों के खिलाफ खेल रहे है तो क्या करना है यह समझना होगा।’’
न्यूजीलैंड के खिलाफ चौथे क्वार्टर में स्कोर 3-3 से बराबर होने के बाद, निक रॉस को 53वें मिनट में पीला कार्ड मिला और वह पांच मिनट के लिए मैच से निलंबित हो गये। भारतीय टीम इसका फायदा उठाने में नाकाम रही और पेनल्टी शूटआउट में मैच गंवा बैठी।
रियो ओलंपिक में भारतीय टीम के मुख्य कोच रहे ओल्टमेंस ने कहा, ‘‘ मैच खत्म होने से पहले भारत के पास पांच मिनट का समय था जब न्यूजीलैंड का एक खिलाड़ी मैदान से बाहर था। ऐसे समय में भारत क्या कर रहा था? आपको रणनीतिक खेल खेलने और योजनाओं को ठीक से लागू करने की जरूरत है। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘ जर्मनी की टीम ने आखिरी तीन मिनट में दो गोल किये (इंग्लैंड के खिलाफ) और भारत को कुछ ऐसा करने पर मेहनत करने की जरूरत है।’’
ओल्टमेंस इस बात से हैरान थे कि भारत के पास मेंटल-कंडीशनिंग (मानसिक अनूकुलन) कोच नहीं है। उन्होंने कहा कि जब वह टीम की जिम्मेदारी संभाल रहे थे तब बेंगलुरु में भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) केंद्र एक मनोवैज्ञानिक टीम के साथ था।
उन्होंने कहा, ‘‘बिल्कुल, इससे (मेंटल कंडीशनिंग कोच होने से) फर्क पड़ता है। जब मैं (रियो) ओलंपिक से पहले मुख्य कोच था, तो मेरे स्टाफ में एक मनोवैज्ञानिक था। यह कमोबेश मेंटल कंडीशनिंग कोच की तरह ही है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘खेल के शारीरिक चीजों के लिए हमारे पास शारीरिक प्रशिक्षण है, खेल के रणनीतिक भाग के लिए, हमारे पास रणनीतिक प्रशिक्षण है, कौशल प्रशिक्षण के लिए हमारे पास ड्रैग-फ्लिक ट्रेनर हैं। लेकिन मानसिक पहलू ने एक बड़ा अंतर डाला और वहां हमारे पास कोई ट्रेनर नहीं है। यह अजीब है।’’
उन्होंने कहा कि कप्तान हरमनप्रीत सिंह पर बहुत अधिक जिम्मेदारियां थी और हो सकता है कि इससे विश्व कप में उनके प्रदर्शन पर असर पड़ा। हरमनप्रीत को अपनी ड्रैग-फ्लिक से गोल करने में संघर्ष करना पड़ा, जिसे भारत के टूर्नामेंट से जल्दी बाहर होने का एक अहम कारण माना जा रहा है।
ओल्टमेंस ने कहा, ‘‘एक टीम में, आप हमेशा जानते हैं कि आपका नेतृत्व कौन कर रहा है। दुनिया हरमनप्रीत के खेल को 2016 के जूनियर विश्व कप के बाद से देख रही है। अब हम 2023 के बारे में बात कर रहे हैं। इन वर्षों में उन्होंने दिखाया है कि वह एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी हैं।’’
पूर्व कोच ने कहा, ‘‘वह (हरमनप्रीत) डिफेंस का नेतृत्व कर रहा है और वह मुख्य पेनल्टी-कॉर्नर लेने वाला है। हम उसे एक ही समय में इतनी सारी जिम्मेदारियां देना चाहते हैं। मुझे यकीन है कि उसके पास टीम का नेतृत्व करने के गुण हैं, लेकिन बहुत अधिक ज़िम्मेदारियां खेल को प्रभावित कर सकती हैं। हालांकि मुझे पता है कि वह तनावपूर्ण परिस्थितियों में काफी शांत और तनाव मुक्त खिलाड़ी हैं।"
पोटचेफ्स्ट्रूम, 28 जनवरी (भाषा)। विस्फोटक बल्लेबाज शेफाली वर्मा अपनी अगुआई में भारत को रविवार को यहां आईसीसी के शुरूआती अंडर-19 टी20 विश्व कप फाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ जीत दिलाकर इतिहास रचने के इरादे से मैदान में उतरेंगी।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने काफी सफलता अर्जित की है लेकिन टीम किसी भी स्तर पर विश्व कप ट्राफी नहीं जीत सकी है और सीनियर टीम के साथ दो विश्व कप और एक राष्ट्रमंडल खेलों के फाइनल का हिस्सा रह चुकी शेफाली अंडर-19 विश्व कप की ट्राफी जीतकर घर लौटना चाहेंगी।
सीनियर टीम तीन मौकों पर विश्व कप के फाइनल में पहुंची है लेकिन फाइनल की बाधा पार नहीं कर सकी है। 2005 में भारत को आस्ट्रेलिया से 98 रन से, 2017 में इंग्लैंड से नौ रन से और 2020 फाइनल में आस्ट्रेलिया से 85 रन से हार मिली।
रोहतक की युवा खिलाड़ी दो विश्व कप के अलावा पिछले साल बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों की रजत पदक विजेता टीम का भी हिस्सा थीं। और अब वह इस मौके को हाथ से नहीं निकलने देना चाहतीं।
शनिवार को 19 वर्ष की हुई शेफाली ने फाइनल की पूर्व संध्या पर कहा, ‘‘हां, बहुत फाइनल्स खेले हैं। मैदान पर जाकर अपने खेल का लुत्फ उठाना अहम है। मैंने साथी खिलाड़ियों से भी कहा है कि तनाव मत लो, बस अपना शत प्रतिशत दो, यह मत सोचो कि यह फाइनल है। बस खुद पर भरोसा रखो। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह सब अतीत की बात है जिसे बदला नहीं जा सकता। हम इस बार विश्व कप जीतने के लिये प्रतिबद्ध है और प्रत्येक दिन सुधार करने की कोशिश कर रहे हैं। ’’
भारत को सुपर सिक्स लीग चरण में आस्ट्रेलिया से हार का सामना करना पड़ा था। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे सामने नर्वस होने वाले पल भी रहे और हम सो नहीं सके कि हम फाइनल में पहुंचेंगे या नहीं। लेकिन हमने अपनी गलतियों से सीख ली और यहां तक पहुंचे। ’’
शेफाली ने कहा, ‘‘अब हमें पूरा भरोसा है और अपनी भूमिका अच्छी तरह पता है। हर कोई सहज है और ज्यादा नहीं सोच रहा। ’’
सेमीफाइनल में भारत ने न्यूजीलैंड के खिलाफ आठ विकेट से जीत दर्ज की जिसमें उसकी गेंदबाजों ने विपक्षी टीम को नौ विकेट पर 107 रन ही बनाने दिये।
लेग स्पिनर पार्श्वी चोपड़ा ने 20 रन देकर तीन विकेट चटकाये जबकि शेफाली ने अपने चार ओवर में महज चार रन दिये और एक विकेट झटका।
श्वेता सहरावत के नाबाद 61 रन से भारत ने 14.2 ओवर में लक्ष्य हासिल कर लिया।
शेफाली ने अपने पिता संजीव वर्मा के शब्द याद करते हुए कहा, ‘‘वह हमेशा मुझे कहते कि मैं सर्वश्रेष्ठ हूं और एक दिन विश्व कप जीतूंगी। वह मुझे हमेशा आगे बढ़ने के लिये प्रोत्साहित करते। मैं उनके और अपने परिवार के बलिदानों की वजह से यहां पर हूं। ’’
भारत का सामना मजबूत इंग्लैंड से होगा जिसने सुपर सिक्स ग्रुप में सभी चार मैच जीतकर शीर्ष स्थान हासिल किया।
सेमीफाइनल में आस्ट्रेलिया के खिलाफ खराब बल्लेबाजी के कारण इंग्लैंड की टीम 19.5 ओवर में 99 रन पर सिमट गयी लेकिन बेहतरीन गेंदबाजी के कारण आस्ट्रेलिया को 96 रन पर समेटकर फाइनल में जगह बनायी।
इसमें उसकी लेग स्पिनर हन्ना बेकर्स ने चमकदार प्रदर्शन करते हुए चार ओवर में 10 रन देकर तीन विकेट झटके। कप्तान ग्रेस स्क्रिवेंस ने 3.4 ओवर में आठ रन देकर दो विकेट चटकाये।
टीमें इस प्रकार हैं।
भारत: शेफाली वर्मा, श्वेता सहरावत, गोंगडी त्रिशा, सौम्या तिवारी, सोनिया मेहदिया, ऋचा घोष, ऋषिता बसु, टिटास साधु, मन्नत कश्यप, पार्श्वी चोपड़ा, सोनम यादव, शबनम, फलक नाज और यशश्री सोपधंधी। इंग्लैंड:
ग्रेस स्क्रिवेंस, ऐली एंडरसन, हन्ना बेकर्स, जोसी ग्रोव्स, लिबर्टी हीप, नियाम हालैंड, रेयाना मैकडोनाल्ड-गे, एम्मा मार्लोव, चारिस पावले, डेविना पेरिन, लिजी स्कॉट, सेरेन स्मेल, सोफिया स्मेल, एलेक्सा स्टोनहाउस और मैडी वार्ड।
मैच भारतीय समयानुसार शाम पांच बजकर 15 मिनट पर शुरू होगा।
पोचेफस्ट्रूम, 28 जनवरी | जब जनवरी 2023 में दक्षिण अफ्रीका में होने वाले अंडर-19 महिला टी20 विश्व कप के उद्घाटन के बारे में खबर फैली, तो क्रिकेट जगत के कई लोग अपनी तरह के पहले टूर्नामेंट को लेकर बेहद उत्साहित थे। युवा खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा दिखाने और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने के अपने सपनों का पीछा करने के लिए मंच मिलेगा। मौजूदा दौर में जहां महिला क्रिकेट की ²श्यता में तेजी से वृद्धि देखी गई है। टूर्नामेंट ने खेल के भविष्य के सितारों को सुर्खियों में लाने का काम किया है। अब, दो सप्ताह के रोमांचक मैचों के बाद, जिसमें 16 टीमों ने प्रतियोगिता में भाग लिया है। यह रविवार को पोचेफस्ट्रूम में जेबी मार्क्स ओवल में आयोजित होने वाले भारत और इंग्लैंड के बीच रविवार के खिताब के साथ एक रोमांचक समापन के लिए निर्धारित है।
जबकि भारत ने जीत के साथ फाइनल में प्रवेश किया, सुपर सिक्स में आस्ट्रेलिया के खिलाफ एक हार को छोड़कर, इंग्लैंड अभी तक एक मैच नहीं हार पाया है और उसने शानदार जीत भी दर्ज की है। उन्होंने दूसरे सेमीफाइनल में आस्ट्रेलिया पर अपनी अविश्वसनीय तीन रन की जीत में यह भी दिखाया कि वे दबाव का सामना कर सकते हैं और मैदान पर कठिन परिस्थितियों में अपनी हिम्मत बनाए रख सकते हैं।
भारत के लिए रविवार का दिन महिला क्रिकेट के इतिहास में अपनी पहली वैश्विक ट्रॉफी हासिल करने का सुनहरा अवसर लेकर आया है। एक ऐसे देश में जहां भारत ने 18 साल पहले (2005 एकदिवसीय विश्व कप फाइनल) पहली बार महिला विश्व कप के फाइनल में जगह बनाई थी। शेफाली वर्मा की टीम के पास इतिहास बनाने और महिलाओं की और भी बड़ी भागीदारी के लिए क्रिकेट को आगे बढ़ाने का मौका है।
टूर्नामेंट के रन-अप में, भारत अंडर19 'ए' ने विशाखापत्तनम में टूर्नामेंट जीता, जिसमें नवंबर 2022 में भारत अंडर19 'बी' टीम, वेस्ट इंडीज और श्रीलंका अंडर19 टीमें भी शामिल थीं। वहां से, भारत अंडर19 टीम ने पंजीकरण कराया, दिसंबर की शुरूआत में मुंबई में न्यूजीलैंड डेवलपमेंट टीम पर 5-0 से क्लीन स्वीप किया और मेजबान दक्षिण अफ्रीका पर 4-0 से जीत दर्ज की।
भारत के पास पूर्व स्पिनर नूशिन अल खदीर का साथ भी है, जो वर्तमान में उनकी मुख्य कोच हैं। नूशिन, महिलाओं के घरेलू में एक बेहद सफल कोच भारतीय टीम का हिस्सा थीं, जो दक्षिण अफ्रीका में 2005 के एकदिवसीय विश्व कप फाइनल में उपविजेता रही थीं, और 18 साल बाद एक बार फिर से खिताब जीतने के कगार पर है।
भारत और इंग्लैंड दोनों के पास क्रमश: उप-कप्तान श्वेता सहरावत और कप्तान ग्रेस स्क्रिवेंस के रूप में मजबूत सलामी बल्लेबाज हैं। श्वेता बल्ले के साथ भारत का मुख्य आधार रही हैं, उन्होंने 115.50 की औसत से 231 रन बनाते हुए अपने स्ट्रोकप्ले से सभी को प्रभावित किया, और प्रतियोगिता में केवल दो बार आउट हुई हैं।
दूसरी ओर, ग्रेस बल्ले से शीर्ष पर लगातार बनी हुई हंै और 53.80 की औसत से 269 रन बनाकर अग्रणी रन-स्कोरर है, और 7.16 की औसत से अपनी आफ स्पिन के साथ छह विकेट भी लिए हैं। पार्शवी चोपड़ा और हन्ना बेकर के रूप में, भारत और इंग्लैंड के पास गुणवत्तापूर्ण लेग स्पिनर हैं जो बल्लेबाजों की सहज चाल पर ब्रेक लगा सकती हैं।
तो ऐसे कौन से क्षेत्र हैं जिनमें फाइनल का फैसला हो सकता है? पार्शवी, अर्चना देवी, सोनम यादव और मन्नत कश्यप सहित भारत के स्पिनरों से आने वाली चुनौती को विफल करने के लिए इंग्लैंड की बल्लेबाज खुद को बेहतर करना चाहेंगी।
सीम-बॉलिंग आलराउंडर रेयाना मैकडोनाल्ड-गे की अगुवाई में इंग्लैंड की तेज गेंदबाजों को परेशान करने के लिए भारत को कप्तान शेफाली वर्मा की तेज पारी की भी जरूरत होगी। पिछले साल, रेयाना ने सीनियर भारतीय टीम के खिलाफ इंग्लैंड सेलेक्ट इलेवन के लिए खेलते हुए छह विकेट लिए थे और उस समय शेफाली को भी आउट किया था।
भारत और इंग्लैंड दोनों के पास अच्छी खिलाड़ी हैं और रविवार को प्रतिष्ठित ट्रॉफी उठाने के लिए समान रूप से गंभीर दावेदार हैं। इंग्लैंड महिला विश्व कप में उद्घाटन विजेता होने का लक्ष्य रखेगा, जबकि भारत महिला क्रिकेट में अपना पहला विश्व खिताब हासिल करना चाहेगा। दुनिया को दिखाएगा कि वे क्या करने में सक्षम हैं।
दोनों टीमें इस प्रकार हैं-
भारत (टीम): शेफाली वर्मा (कप्तान), श्वेता सहरावत (उपकप्तान), ऋचा घोष (विकेटकीपर), जी तृषा, सौम्या तिवारी, सोनिया मेहदिया, एस यशश्री, हर्षिता बसु (विकेटकीपर), सोनम यादव, मन्नत कश्यप, अर्चना देवी, पार्शवी चोपड़ा, तीतस साधु, फलक नाज और शबनम एमडी।
इंग्लैंड (टीम): ऐली एंडरसन, हन्ना बेकर, जोसी ग्रोव्स, लिबर्टी हीप, नियाम हॉलैंड, रेयाना मैकडोनाल्ड-गे, एम्मा मार्लो, चारिस पावेली, डेविना पेरिन, लिजी स्कॉट, ग्रेस स्क्रिवेंस (कप्तान), सोफिया स्मेल, सेरेन स्मेल, एलेक्सा स्टोनहाउस और मैडी वार्ड। (आईएएनएस)
रांची, 28 जनवरी | न्यूजीलैंड के आलराउंडर डेरिल मिचेल ने कप्तान मिचेल सेंटनर की भारत के खिलाफ पहले टी20 में 2/11 के इकोनॉमिकल स्पैल की जमकर सराहना करते हुए उन्हें सफेद बॉल क्रिकेट में सर्वश्रेष्ठ स्पिनरों में से एक बताया।
मिचेल सेंटनर ने चार ओवरों में बेहद कंजूसी के साथ गेंदबाजी करते हुए मात्र 11 रन देकर दो विकेट झटके। उन्होंने 18 डॉट बॉल डालीं और पॉवरप्ले के आखिरी ओवर में इन फॉर्म सूर्यकुमार यादव को मैडन ओवर भी फेंका।
उन्होंने रांची की पिच पर गेंद को घुमाते हुए शुभमन गिल और दीपक हुड्डा के विकेट झटके और न्यूजीलैंड ने 21 रन से मुकाबला जीत कर इस दौरे की पहली जीत हासिल की।
डेरिल मिचेल ने मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "वह सफेद गेंद क्रिकेट में इस समय दुनिया के सर्वश्रेष्ठ स्पिनरों में से एक हैं। उन्होंने अपनी क्लास साबित की। यह उनकी तरफ से विशेष स्पैल था जिसने हमें जीतने के लिए अच्छी स्थिति में डाल दिया। वह न्यूजीलैंड के लिए लम्बे समय से ऐसा कर रहे हैं। हम भाग्यशाली हैं कि वह हमारे पास हैं।"
डेरिल ने 30 गेंदों में नाबाद 59 रन बनाये जिसमें आखिरी ओवर में मारे गए 27 रन शामिल थे। न्यूजीलैंड ने
176/6 रन बनाये और अंत में मुकाबला 21 रन से जीता।
उन्होंने कहा कि लगगभग 180 के स्कोर ने उन्हें इसका बचाव करने की उम्मीद दी और वे सफल रहे। (आईएएनएस)
भारतीय क्रिकेट टीम के सबसे सफल कप्तानों में से एक महेंद्र सिंह धोनी टीम इंडिया के खिलाड़ियों के साथ नज़र आए.
भारतीय टीम न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ ट्वेंटी-20 सिरीज़ के लिए रांची में है. रांची में सिरीज़ का पहला ट्वेंटी-20 मैच शाम सात बजे से खेला जाएगा.
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले चुके महेंद्र सिंह धोनी का रांची घरेलू मैदान है. बीसीसीआई ने ट्विटर पर एक 39 सेकेंड का वीडियो पोस्ट किया है. इसमें धोनी भारतीय ट्वेंटी-20 टीम के कप्तान हार्दिक पांड्या और दूसरे खिलाड़ियों के साथ नज़र आ रहे हैं.
गुरुवार को पोस्ट किए वीडियो के साथ बीसीसीआई की ओर से लिखा गया है, "देखिए, रांची में आज ट्रेनिंग में कौन आया, द ग्रेट महेंद्र सिंह धोनी."
बतौर कप्तान भारतीय टीम को क्रिकेट के हर फॉर्मेट में अनगिनत कामयाबी दिलाने वाले धोनी को 'मैजिकल माही' जैसे उपनाम मिल गए थे. धोनी की कप्तानी में भारतीय टीम ने पहला ट्वेंटी-20 वर्ल्ड कप जीता था.
देश में ट्वेंटी-20 फॉर्मेट की लोकप्रियता बढ़ाने में उस ख़िताब की बड़ी भूमिका मानी जाती है. (bbc.com/hindi)
न्यूज़ीलैंड ने रांची में खेले जा रहे ट्वेंटी-20 मैच में भारत को जीत के लिए 177 रन की चुनौती दी है.
भारत के कप्तान हार्दिक पांड्या ने टॉस जीतने के बाद न्यूज़ीलैंड को पहले बल्लेबाज़ी का न्योता दिया.
न्यूज़ीलैंड ने 20 ओवर में छह विकेट पर 176 रन बनाए. न्यूज़ीलैंड को इस स्कोर तक पहुंचाने में डेरल मिचेल की पारी का अहम योगदान रहा. उन्होंने नाबाद 59 रन (30 बॉल, तीन चौके, पांच छक्के) बनाए.
न्यूज़ीलैंड के लिए डेवन कॉनवे ने 52, फिन एलन ने 35 और ग्लेन फिलिप ने 17 रन बनाए.
भारत के लिए वाशिंगटन सुंदर ने दो विकेट लिए. भारत की ओर से अर्शदीप सिंह सबसे महंगे गेंदबाज़ साबित हुए. उन्होंने चार ओवर में 51 रन दिए. उन्होंने 20वें ओवर में 27 रन खर्च कर दिए.
भारत ने तीन मैचों की वनडे सिरीज़ में न्यूज़ीलैंड को 3-0 से मात दी. ट्वेंटी-20 सिरीज़ में भी तीन मैच खेले जाएंगे. (bbc.com/hindi)
नयी दिल्ली, 27 जनवरी। पद्म श्री से सम्मानित अनुभवी क्रिकेट कोच गुरचरण सिंह ने कहा कि कई कोच खिलाड़ियों की सफलता का श्रेय इसलिये लेते हैं क्योंकि वे उनकी अकादमी में ट्रेनिंग करते थे जो सही नहीं है।
गुरचरण 87 वर्ष के हैं जिन्होंने दर्जन भर अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी जैसे कीर्ति आजाद, अजय जडेजा, मनिंदर सिंह को कोचिंग दी है। उन्होंने कहा कि सुनील गावस्कर, सचिन तेंदुलकर, विराट कोहली और राहित शर्मा ऐसे खिलाड़ी हैं जो एक पीढ़ी में एक बार ही पैदा होते हैं।
उन्हें भारतीय क्रिकेट में उनके यागदान के लिये इस साल पद्म श्री से नवाजा गया। वह देश प्रेम आजाद के बाद यह प्रतिष्ठित पुरस्कार हासिल करने वाले दूसरे क्रिकेट कोच हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘क्रिकेट कोचिंग में एक कोच को अपने मूल अधिकार रखने चाहिए। अगर खिलाड़ी ट्रेनिंग का हिस्सा बना और सरल से अभ्यास सत्र किये तो काफी कोच दावा करते हैं कि वह खिलाड़ी उनका शिष्य है। ’’
गुरचरण ने कहा, ‘‘यह चीज पूरी तरह गलत है, यहां तक कपिल देव मुंबई में मेरे कोचिंग शिविर में हिस्सा लेते थे, लेकिन मैं अब भी दावा नहीं करता कि वह मेरा शिष्य था, वह चंडीगढ़ से है और वह डीपी आजाद का शिष्य है। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘हर कोच की कोचिंग देने की अलग अलग तकनीक होती है, बल्ले की लंबाई एक समान होती है, इसकी चौड़ाई एक समान होती है लेकिन कोच की तकनीक अलग होती है। ’’
उन्होंने पीटीआई को दिये एक साक्षात्कार में कहा कि गावस्कर, तेंदुलकर और कोहली जैसे खिलाड़ी हमेशा भारत के महान क्रिकेटर रहेंगे और नये खिलाड़ी कभी उनकी विरासत को फीका नहीं कर सकते।
उन्होंने कहा, ‘‘आप कोहली जैसा खिलाड़ी नहीं बना सकते, आप सुनील गावस्कर या सचिन तेंदुलकर और रोहित शर्मा जैसा क्रिकेटर नहीं बना सकते। ये क्रिकेट महान खिलाड़ी हैं और अपनी विरासत छोड़ चुके हैं। नए खिलाड़ी आते रहेंगे लेकिन वे इनकी जगह नहीं ले सकते। इन जैसे खिलाड़ी हमेशा महान हैं और महान बने रहेंगे। ’’ (भाषा)
दुबई, 27 जनवरी। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने दक्षिण अफ्रीका में होने वाले आगामी महिला टी20 विश्व कप के लिए सभी महिला मैच अधिकारियों के पैनल (समिति) की शुक्रवार को घोषणा की जिसमें भारत की जीएस लक्ष्मी, वृंदा राठी और जननी नारायणन की तिकड़ी भी शामिल है। यह पहली बार है जब आईसीसी ने किसी विश्व कप के लिए सभी महिला मैच अधिकारियों के पैनल की घोषणा की।
इस समिति में तीन मैच रेफरी और 10 अंपायर हैं। आईसीसी के लिए 13 महिलाओं के पैनल के नामों की घोषणा करना ऐतिहासिक क्षण है। यह क्रिकेट में महिलाओं की भागीदारी और दृश्यता को आगे बढ़ाने की आईसीसी की रणनीतिक महत्वाकांक्षा का हिस्सा है।
इस समिति में सात ऐसे नाम है जो पहली बार विश्व कप में मैच अधिकारी की भूमिका में होंगे। यह घोषणा वैश्विक टूर्नामेंटों से जुडने वाली महिला अधिकारियों की संख्या में लगातार वृद्धि के बाद आई है।
भारत की राठी और जननी इस महीने की शुरुआत में प्रतिष्ठित रणजी ट्रॉफी में अंपायरिंग करने वाली पहली महिला अंपायर बनी थीं। यह दोनों पहली बार किसी टी20 विश्व कप में अंपायरिंग करेंगी।
आईसीसी के क्रिकेट महाप्रबंधक वसीम खान ने कहा, ‘‘ हाल के वर्षों में महिला क्रिकेट तेजी से बढ़ा है और इसके भागीदार के तौर पर हम यह सुनिश्चित करने के लिए रास्ते बना रहे हैं कि अधिक महिलाओं को उच्चतम स्तर पर काम करने का मौका मिले।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ यह घोषणा हमारे इरादे को दर्शाता है। यह हमारी नयी यात्रा की शुरुआत है जहां पुरुषों और महिलाओं को हमारे खेल में समान अवसर मिलेगा। हम अपनी महिला मैच अधिकारियों का समर्थन जारी रखने और वैश्विक मंच पर उन्हें अपनी प्रतिभा दिखाने के अवसर प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’’
पिछले साल महिला विश्व कप और टी20 विश्व कप 2020 में आठ महिला मैच अधिकारी शामिल थी। दक्षिण अफ्रीका में चल रहे आईसीसी अंडर-19 महिला टी20 विश्व कप में नौ महिला मैच अधिकारी शामिल है।
क्लेयर पोलोसाक सबसे अनुभवी महिला अंपायरों में शामिल है। उन्होंने 2016 के बाद से हर महिला विश्व कप (टी20 और वनडे) में अंपायरिंग की है। ऑस्ट्रेलिया की 34 साल की यह अंपायर अपने चौथे टी20 विश्व कप में अंपायरिंग करेंगी, जबकि इंग्लैंड की सू रेडफर्न, वेस्टइंडीज की जैकलीन विलियम्स और न्यूजीलैंड की किम कॉटन तीसरी बार महिला टी20 विश्व कप में मैच अधिकारी के तौर पर जुड़ेंगी।
इस सूची में इंग्लैंड की अन्ना हैरिस सबसे कम उम्र की अंपायर है। वह महज 24 साल की उम्र में आईसीसी के एक बड़े टूर्नामेंट में पदार्पण करेंगी।
आईसीसी महिला टी20 विश्व कप 2023 के मैच अधिकारी:
मैच रेफरी: जीएस लक्ष्मी (भारत), शैंड्रे फ्रिट्ज (दक्षिण अफ्रीका), मिशेल परेरा (श्रीलंका)
अंपायर: सू रेडफर्न (इंग्लैंड), एलोइस शेरिडन (ऑस्ट्रेलिया), क्लेयर पोलोसाक (ऑस्ट्रेलिया), जैकलीन विलियम्स (वेस्टइंडीज), किम कॉटन (न्यूजीलैंड), लॉरेन एजेनबाग (दक्षिण अफ्रीका), अन्ना हैरिस (इंग्लैंड), वृंदा राठी (भारत), एन जननी (भारत), निमाली परेरा (श्रीलंका)। (भाषा)
नई दिल्ली, 27 जनवरी | भारत के पुरुषों के घरेलू मैचों का कारवां न्यूजीलैंड के खिलाफ टी20 की ओर बढ़ गया है। कोई भी इस बारे में सोच सकता है कि घरेलू विश्व कप वर्ष में उनका वनडे फॉर्म कैसे शुरू हुआ है। श्रीलंका और न्यूजीलैंड के खिलाफ एकदिवसीय मैचों में, भारत कुछ मुश्किल स्थितियों के बावजूद 3-0 से समान क्लीन स्वीप दर्ज करने में सक्षम रहा, जहां ऐसा लग रहा था कि मैच उनकी पकड़ से बाहर हो गया था। लेकिन उन्होंने मेहमान टीमों पर अपना दबाव बनाए रखा। कप्तान रोहित शर्मा सहित बल्लेबाज बड़े रन बनाने में सफल रहे, जबकि मोहम्मद सिराज और कुलदीप यादव के नेतृत्व में गेंदबाज शानदार रहे।
शुरूआत के बावजूद, कोई भी इस तथ्य को नजरअंदाज नहीं कर सकता है कि व्यस्त क्रिकेट कार्यक्रम में, थकान बहुत अधिक होती है और पिछले साल, भारतीय टीम के कई खिलाड़ियों को चोटों से जूझते हुए देखा गया था, विशेष रूप से उनमें से कुछ खिलाड़ियों ने मैदान पर लंबा समय बिताया था।
2021 में, भारतीय टीम ने आईपीएल के दूसरे भाग के समाप्त होने के कुछ ही दिनों बाद संयुक्त अरब अमीरात में टी20 विश्व कप में प्रवेश किया और सुपर 12 में पाकिस्तान के साथ-साथ न्यूजीलैंड से हार ने उनको अभियान से बाहर कर दिया था।
हालांकि कई लोगों ने उस समय जोर देकर कहा था कि यूएई में आईपीएल खेलना यूएई में टी20 विश्व कप के लिए शानदार तैयारी होगी। टूर्नामेंट में ऊर्जा और तीव्रता की कमी के साथ भारत का प्रदर्शन बेहद खराब रहा था।
मामलों को और अधिक व्यस्त बनाने के लिए, 2021 टी20 विश्व कप में भारतीय टीम के अधिकांश सदस्य चार महीने के लिए इंग्लैंड में बायो-बबल में थे, जिसमें जून में विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल और भारत के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला के चार मैच शामिल थे। इंग्लैंड (पांचवां टेस्ट रद्द कर दिया गया और जुलाई 2022 के लिए पुनर्निर्धारित किया गया)।
जैसा कि 2022 में टी20 में भारत का प्रदर्शन और आस्ट्रेलिया में टी20 विश्व कप में उसके प्रदर्शन ने दिखाया कि द्विपक्षीय श्रृंखला में अच्छा प्रदर्शन करना एक बात है और आईसीसी वैश्विक टूर्नामेंटों में प्रदर्शन को दोहराना दूसरी बात है। हाल ही में श्रीलंका और न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे मैचों में प्रदर्शन 2023 विश्व कप में अच्छे प्रदर्शन के बारे में प्रशंसकों को कुछ उम्मीद दे सकता है।
लेकिन कोई भी थकान कारक के बारे में सोचने में मदद नहीं कर सकता है, जो शारीरिक और मानसिक रूप से मौजूद है। मेगा इवेंट के रन-अप में यह कितना निर्णायक हो सकता है। अक्टूबर में 2023 विश्व कप तक भारत के कार्यक्रम में न्यूजीलैंड के खिलाफ तीन टी20, फिर घर में आस्ट्रेलिया के खिलाफ चार टेस्ट और तीन वनडे मैच हैं, इसके बाद आईपीएल के लगभग दो महीने हैं।
कुछ दिनों के अंतराल के बाद, जून में संभावित विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल हो सकता है, जिसके बाद वेस्टइंडीज का एक आल-फॉर्मेट दौरा होगा। फिर भारत 50 ओवर का एशिया कप खेलेगा, जिसका स्थान अभी तय नहीं किया गया है। इसके बाद विश्व कप आने से पहले घर में आस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन वनडे मैच खेले जाएंगे।
हालांकि, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने 1 जनवरी को कहा कि विश्व कप योजना में प्रमुख खिलाड़ियों के कार्यभार की निगरानी तब की जाएगी जब वे राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी द्वारा इस साल के आईपीएल के दौरान अपने संबंधित फ्रेंचाइजी के साथ होंगे। यह आशा की किरण देता है कि एकदिवसीय विश्व कप वर्ष में थकान कारक को कम किया जा सकता है। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 27 जनवरी । भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने न्यूज़ीलैंड को हराकर अंडर 19 वर्ल्ड कप फ़ाइनल में जगह बना ली है.
भारत ने न्यूज़ीलैंड पर आठ विकेट से ज़ोरदार जीत हासिल की. भारतीय टीम ने 34 गेंद बाकी रहते ही लक्ष्य हासिल कर लिया.
29 जनवरी को खेले जाने वाले फ़ाइनल में भारतीय टीम का मुक़ाबला ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच होने वाले दूसरे सेमीफ़ाइनल के विजेता से होगा. दूसरा सेमीफ़ाइनल भी आज खेला जाएगा.
न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ सेमीफ़ाइनल मैच में भारतीय टीम ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाज़ी चुनी.
न्यूज़ीलैंड की टीम 20 ओवर में नौ विकेट पर 107 रन बना सकी. भारत के लिए पार्श्वी चोपड़ा ने तीन विकेट लिए.
भारत ने 108 रन का लक्ष्य 15वें ओवर में दो विकेट के नुक़सान पर हासिल कर लिया.
भारत के लिए श्वेता सेहरावत ने नाबाद 61 और सौम्या तिवारी ने 22 रन बनाए. (bbc.com/hindi)
ईस्ट लंदन, 27 जनवरी भारत के शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों को फाइनल से पहले दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ शनिवार को यहां होने वाले त्रिकोणीय टी20 क्रिकेट श्रृंखला के मैच में अपने रवैए में आक्रामकता लानी होगी।
वेस्टइंडीज के पहले तीनों मैच गंवाने के कारण भारत और दक्षिण अफ्रीका पहले ही फाइनल में जगह बना चुके हैं। ऐसे में दो फरवरी को होने वाले फाइनल से पहले यह मैच उसकी ‘ड्रेस रिहर्सल’ की तरह होगा।
अगर स्मृति मंधाना और कप्तान हरमनप्रीत कौर की अनुभवी जोड़ी ने अपनी भूमिका अच्छी तरह से नहीं निभाई होती तो भारतीय टीम पिछले लीग मैच में वेस्टइंडीज के खिलाफ प्रतिस्पर्धी स्कोर नहीं बना पाती।
इन दोनों खिलाड़ियों से जहां निरंतर अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद की जा रही है वहीं कप्तान को युवा खिलाड़ियों से भी बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद होगी।
शेफाली वर्मा की अनुपस्थिति में पारी का आगाज कर रही यास्तिका भाटिया पावरप्ले में आक्रामक रवैया अपनाने में नाकाम रही है। अभी तो भारत का सामना दक्षिण अफ्रीका और वेस्टइंडीज से हो रहा है लेकिन विश्वकप में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड जैसी टीमों के खिलाफ इस तरह का रवैया टीम को मुश्किल में डाल सकता है।
शेफाली की तरह अंडर-19 विश्व कप में खेल रही रिचा घोष की अनुपस्थिति में भारत को मध्यक्रम में एक ‘पावर हिटर’ की कमी खल रही है। अमनजीत कौर ने अपने पदार्पण मैच में अच्छा प्रदर्शन किया था और वह उसे दोहराने की कोशिश करेगी।
जेमिमा रोड्रिग्स की खराब फॉर्म ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू श्रृंखला से ही जारी है और वह अगले महीने होने वाले विश्व कप से पहले कुछ रन अपने नाम लिखवाना चाहेगी। इस मैच से हरलीन देओल को भी अपना प्रभाव छोड़ने का मौका मिलेगा क्योंकि वह पिछले दो मैचों में नाकाम रही थी।
ऑलराउंडर पूजा वस्त्राकर फिटनेस से जुड़े मसलों के कारण अभी तक कोई मैच नहीं खेल पाई है लेकिन वह शनिवार को अंतिम एकादश में जगह बना सकती है।
भारतीय टीम में वापसी करने वाली शिखा पांडे से भी गेंदबाजी में टीम को अच्छी शुरुआत की जरूरत है। वह वापसी के बाद अपने पहले मैच में विकेट नहीं ले पाई थी।
दक्षिण अफ्रीका टूर्नामेंट के पहले मैच में भारत से हार गया था और वह फाइनल से पहले इस मैच में बेहतर प्रदर्शन करने की कोशिश करेगा। दक्षिण अफ्रीका ने वेस्टइंडीज को 10 विकेट से हराकर फाइनल में अपनी जगह सुरक्षित की थी।
टीम इस प्रकार हैं :
भारत: हरमनप्रीत कौर (कप्तान), स्मृति मंधाना (उप कप्तान), यास्तिका भाटिया (विकेटकीपर), जेमिमा रोड्रिग्स, हरलीन देओल, दीप्ति शर्मा, देविका वैद्य, राजेश्वरी गायकवाड़, राधा यादव, रेणुका ठाकुर, मेघना सिंह, अंजलि सरवानी, सुषमा वर्मा (विकेटकीपर), अमनजोत कौर, पूजा वस्त्राकर, सभिनेनी मेघना, स्नेह राणा और शिखा पांडे।
दक्षिण अफ्रीका: सुने लुस (कप्तान), क्लो ट्राईटन (उपकप्तान), एनेके बॉश, ताज़मिन ब्रिट्स, नादिन डी क्लार्क, एनेरी डर्क्सन, लारा गुडॉल, शबनीम इस्माइल, सिनालो जाफ्ता, मरिज़ैन कप्प, अयाबोंगा खाका, मसाबाटा क्लास, टेबोगो मचेके, नॉनकुलुलेको म्लाबा, तुमी सेखुखुने, डेल्मी टकर और लौरा वोल्वार्ड्ट।
मैच भारतीय समयानुसार रात 10:30 बजे शुरू होगा। (भाषा)
नई दिल्ली, 27 जनवरी । भारत की अंडर-19 महिला क्रिकेट टीम शुक्रवार को न्यूज़ीलैंड के साथ दक्षिण अफ़्रीका में सेमीफ़ाइनल मैच खेल रही है.
भारत ने टॉस जीता और पहले गेंदबाज़ी करने का फ़ैसला लिया.
शेफ़ाली वर्मा की कप्तानी में टीम ने बांग्लादेश और इंग्लैंड के साथ मैच बड़े अंतर से जीतने के बाद अपनी सेमीफाइनल में जगह बनाई है.
भारत के प्लेइंग इलेवन: शेफ़ाली वर्मा (कप्तान), श्वेता शेरावत, सौम्या तिवारी, गोंगाडी तृषा, ऋचा घोष (विकेटकीपर), हर्षिता बसु, तीता साधु, मन्नत कश्यप, अर्चना देवी, पार्शवी चोपड़ा, सोनम यादव. (bbc.com/hindi)
भारतीय टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्ज़ा और रोहन बोपन्ना की जोड़ी ऑस्ट्रेलियन ओपेन में मिक्स्ड डबल्स का फ़ाइनल मुकाबला हार गई है.
सानिया और बोपन्ना की जोड़ी को ब्राज़ील के राफ़ेल माटोस और लुइसा स्टेफ़नी की जोड़ी ने 6-7, 2-6 से हराया.
ये सानिया मिर्ज़ा के करियर का आख़िरी ग्लैंडस्लैम था.
वह 19 फ़रवरी से दुबई में शुरू होने वाले डब्लूटीए 1000 टेनिस चैंपियनशिप में अपना आख़िरी अंतरराष्ट्रीय मैच खेलेंगी और इसके बाद टेनिस से संन्यास ले लेंगी.
सानिया मिर्जा,रोहन बोपन्ना ने ये मुक़ाबला लुइसा स्टेफनी और राफेल माटोस से 6-7, 2-6 से हारा.
सानिया मिर्ज़ा ने साल 2014 में ब्रूनो सोरेस के साथ मिक्स्ड डबल्स का अपना आख़िरी खिताब जीता था. (bbc.com/hindi)
बाबर आजम लगातार दूसरी बार 'वनडे क्रिकेटर ऑफ़ द ईयर' बने हैं.
पाकिस्तान क्रिकेट टीम के कप्तान बाबर आज़म को लगातार दूसरी बार आईसीसी का वनडे क्रिकेटर ऑफ़ द ईयर अवॉर्ड मिला है.
इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल यानी आईसीसी ने साल 2022 के लिए अवॉर्ड्स की घोषणा की है.
इस सिलसिले में गुरुवार को बाबर आज़म के लिए क्रिकेटर ऑफ़ द ईयर अवॉर्ड का एलान किया गया है. अब तक आईसीसी वनडे और टी20 फ़ॉर्मेट में बेस्ट महिला और पुरुष टीम का एलान कर चुका है.
बुधवार को आईसीसी ने गेंदबाज़ मोहम्मद सिराज को बेस्ट वनडे गेंदबाज़ के सम्मान से सम्मानित किया.
वहीं सूर्य कुमार यादव को टी 20 फॉर्मेट में क्रिकेटर ऑफ़ द ईयर घोषित किय गया.
इसके अलावा पुरुषों की बेस्ट टेस्ट टीम का भी एलान हो चुका है. (bbc.com/hindi)
महिलाओं के आईपीएल यानी विमेन प्रीमियर लीग की 5 टीमों के लिए कुल 4669 की बोली लगी है. सबसे महंगी टीम अहमदाबाद को अदानी स्पोर्ट्सलाइन प्राइवेट लिमिटेड ने 1289 करोड़ रुपये में खरीदा है.
इसके अलावा मुंबई को इंडियाविन स्पोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड ने 912.99 करोड़ रुपये, बेंगलुरू को रॉयल चैलेजर्स स्पोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड ने 901 करोड़ में, दिल्ली को जेएसडब्लू जीएमआर क्रिकेट प्राइवेट लिमिटेड ने 810 करोड़ में और लखनऊ को कैप्री ग्लोबल होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड ने 757 करोड़ में ख़रीदा है.
बीसीसीआई सेक्रेटरी जय शाह ने ट्विटर पर लिखा, "क्रिकेट के लिए आज एक ऐतिहासिक दिन है क्योंकि WPL की शुरुआती बिडिंग ने मेन्स आईपीएल के 2008 के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है. विजेताओं को बधाई, हमें इस नीलामी से 4669.99 मिले हैं. महिला क्रिकेट के लिए ये एक क्रांति की शुरुआत है और ये न सिर्फ़ महिला क्रिकेटरों के लिए बल्कि पूरे खेल परिवार के लिए एक बदलाव की शुरुआत है." (bbc.com/hindi)
भारतीय टीम के स्टार गेंदबाज़ मोहम्मद सिराज आईसीसी की वनडे रैंकिंग में पहले पायदान पर पहुंच गए हैं.
तीन साल बाद बीते वर्ष फ़रवरी में टीम इंडिया में अपनी वापसी के बाद से मोहम्मद सिराज ने लगातार बेहतरीन प्रदर्शन किया और इस दौरान खेले गए 21 वनडे में 37 विकेट झटके.
इतना ही नहीं पिछले 10 वनडे में सिराज ने प्रति मैच एक से अधिक विकेट भी लिए.
सिराज का यह प्रदर्शन श्रीलंका और न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ खेले गए घरेलू वनडे सिरीज़ में भी जारी रहा.
बीते एक महीने के दौरान सिराज ने श्रीलंका के ख़िलाफ़ खेले गए तीन वनडे मुक़ाबलों में 9 विकेट लिए वहीं न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ पहले ही वनडे में उन्होंने चार विकेट चटकाए.
वनडे में सिराज का शानदार प्रदर्शन उन्हें आईसीसी क्रिकेट रैंकिंग के टॉप स्पॉट पर ले गया.
हालांकि 729 रेटिंग पॉइंट के साथ वो इस रैंकिंग के शीर्ष पर ज़रूर पहुंच गए हैं लेकिन नंबर-2 पर काबिज़ ऑस्ट्रेलियाई जॉस हेजलवुड के मुक़ाबले उनकी बढ़त महज़ 2 अंकों की है.
वनडे में गेंदबाज़ों की आईसीसी रैंकिंग में नंबर-1 पर सिराज से पहले बीते वर्ष जसप्रीत बुमराह भी पहुंचे थे.
न्यूज़ीलैंड से वनडे सिरीज़ 3-0 से जीतने और आईसीसी रैंकिंग में टीम इंडिया के नंबर-1 बनने के बाद भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने भी सिराज की तारीफ़ की.
उन्होंने कहा, उन्होंने वाकई बहुत अच्छा किया है, टीम को उनसे क्या चाहिए वे इसे बखूबी समझते हैं."
रोहित ने कहा, "नई गेंद लेना, उसे स्विंग करना और शुरुआती विकेट झटकना. फिर मिडिल ओवर्स में भी उन्होंने विकेट निकालने की क्षमता दिखाई है."
आईसीसी वनडे रैंकिंग में टॉप- 5 गेंदबाज़
मोहम्मद सिराज (भारत)- 729
जॉस हेजलवुड (ऑस्ट्रेलिया)- 727
ट्रेंट बोल्ट (न्यूज़ीलैंड)- 708
मिशेल स्टार्क (ऑस्ट्रेलिया)- 665
राशिद ख़ान (अफ़ग़ानिस्तान)- 659