खेल
लंदन, 14 अगस्त | दक्षिण अफ्रीका के दाएं हाथ के तेज गेंदबाज डुआने ओलिवियर रविवार को इंग्लैंड के खिलाफ आगामी तीन मैचों की टेस्ट सीरीज से चोट के कारण टीम से बाहर हो गए। ओलिवियर को कैंटरबरी के द स्पिटफायर ग्राउंड सेंट लॉरेंस में इंग्लैंड लायंस के खिलाफ दक्षिण अफ्रीका के चार दिवसीय दौरे के मैच के दौरान चोट लगी, जहां उन्होंने पहली पारी में 2/59 का स्कोर दर्ज किया।
डुआने ने चार दिवसीय दौरे के मैच के तीसरे दिन खेल के अंत में अपने दाहिने कूल्हे की फ्लेक्सर मांसपेशी को शामिल करते हुए महत्वपूर्ण असुविधा के साथ प्रस्तुत किया। नैदानिक मूल्यांकन के बाद उन्हें एक एमआरआई स्कैन के लिए भेजा गया, जिसमें सही पेक्टिनस मांसपेशी से जुड़े ग्रेड 2 के आंसू का पता चला।
एक आधिकारिक बयान में टीम के डॉक्टर डॉ. हशेंद्र रामजी ने कहा, "चोट की सीमा के कारण उन्हें इंग्लैंड के खिलाफ तीन मैचों की टेस्ट सीरीज से बाहर कर दिया गया है और वह स्वदेश लौटेंगे जहां वह गौतेंग सेंट्रल लायंस मेडिकल टीम के साथ अपना पुनर्वास शुरू करेंगे।"
दक्षिण अफ्रीका टेस्ट टीम : डीन एल्गर (कप्तान), सरेल इरवी, मार्को जेनसन, साइमन हार्मर, केशव महाराज, एडेन मार्कराम, लुंगी एनगिडी, एनरिक नॉर्टजे, कीगन पीटरसन, कैगिसो रबाडा, रेयान रिकेल्टन, लूथो सिपमला, रस्सी वैन डेर डूसन, काइल (विकेटकीपर), खाया जोंडो और ग्लेनटन स्टुरमैन। (आईएएनएस)|
ब्रिजटाउन (बारबाडोस), 14 अगस्त| न्यूजीलैंड के अनुभवी तेज गेंदबाज मैट हेनरी पसली की चोट के कारण वेस्टइंडीज के खिलाफ तीन मैचों की एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सीरीज से बाहर हो गए हैं, जिससे टीम को एक बड़ा झटका लगा है। आईसीसी के अनुसार, 60 एकदिवसीय मैचों के अनुभवी हेनरी को पिछले सप्ताह प्रशिक्षण के दौरान उनके बाएं हिस्से में दर्द का अनुभव हुआ।
30 वर्षीय तेज गेंदबाज अब इस उम्मीद में न्यूजीलैंड वापस जाएंगे कि वह सितंबर में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चैपल-हैडली ट्रॉफी एकदिवसीय श्रृंखला के लिए समय से ठीक हो जाएंगे।
जबकि न्यूजीलैंड के कोच गैरी स्टीड हेनरी को खोने से वे निराश थे, वह सीयर्स को अपने देश के लिए पहली एकदिवसीय कैप अर्जित करने की संभावना से उत्साहित हैं।
न्यूजीलैंड वनडे टीम : केन विलियमसन (कप्तान), फिन एलन, ट्रेंट बोल्ट, माइकल ब्रेसवेल, डेवोन कॉनवे, लॉकी फग्र्यूसन, मार्टिन गुप्टिल, टॉम लैथम, डेरिल मिशेल, जिमी नीशम, ग्लेन फिलिप्स, बेन सियर्स, मिशेल सेंटनर, ईश सोढ़ी, टिम साउदी। (आईएएनएस)|
लंदन, 14 अगस्त | इंग्लैंड के तेज गेंदबाज टायमल मिल्स चोट के कारण 'द हंड्रेड' प्रतियोगिता से बाहर हो गए हैं। वह बुधवार रात को द हंड्रेड 2022 के दौरान अपनी टीम सदर्न ब्रेव के लिए मैदान में उतरे थे। लेकिन ईएसपीएन क्रिकइन्फो की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि बुधवार के मैच के बाद उनका अंगूठा सूज गया था, जिसके कारण वह सदर्न ब्रेव के अगले मैच में नहीं खेले थे।
रिपोर्ट में कहा गया है, "शुक्रवार सुबह उनकी सर्जरी हुई थी। इसके बाद भी वह बुधवार को टेस्ट से गुजरेंगे, जिससे उन्हें टूर्नामेंट के बाकी हिस्सों से बाहर कर दिया जाएगा।"
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि मिल्स का लक्ष्य सितंबर में पाकिस्तान का दौरा करने के लिए समय पर फिट होना है, जहां इंग्लैंड सात टी20 मैच खेलेगा है और बाद में, टी20 विश्व कप 16 अक्टूबर से 13 नवंबर तक आयोजित किया जाएगा। (आईएएनएस)|
मैनचेस्टर, 14 अगस्त | ऑस्ट्रेलिया की लेग स्पिनर अलाना किंग ने महान शेन वार्न को एक शानदार श्रद्धांजलि अर्पित की। द हंड्रेड के महिला सीजन में पहली हैट्रिक लेने वाली अलाना ने अपनी टीम ट्रेंट रॉकेट्स को मैनचेस्टर ओरिजिनल्स पर 43 रनों से जीत दिलाने में मदद की। 20 गेंदों में 4/15 विकेट लेने के अलावा, अलाना ने एक शानदार डाइविंग कैच लिया और साथ ही नौ गेंदों में 19 रन बनाकर मैनचेस्टर को एक सम्मानजनक लक्ष्य दिया।
अलाना ने कॉर्डेलिया ग्रिफिथ (12) को पवेलियन भेज कर विकेट लेने की शुरूआत की। इसके बाद उन्होंने सोफी एक्लेस्टोन को बिना खाता खोले ही अपना शिकार बनाया और केट क्रॉस को बोल्ड कर दिया, जिसे उनकी शानदार हैट्रिक पूरी हुई। अगर ट्रेंट रॉकेट्स एली थ्रेलकेल्ड के खिलाफ एलबीडब्ल्यू की समीक्षा के लिए जाती तो वह चार गेंदों में चार विकेट हासिल कर सकती थीं।
मैच समाप्त होने के बाद, अलाना ने इस साल मार्च में दिवंगत दिग्गज लेग स्पिनर शेन वार्न को श्रद्धांजति अर्पित की। साथ ही उन्होंने कहा कि वह जहां भी होंगे मेरे मैनचेस्टर ओरिजिनल्स के खिलाफ शानदार प्रदर्शन पर गर्व महसूस कर रहे होंगे।
संयोग से, अलाना ने द हंड्रेड में उसी मैदान पर अपनी हैट्रिक ली, जहां वार्न ने बॉल ऑफ द सेंचुरी फेंकी थी। उन्होंने 1993 की एशेज श्रृंखला में इंग्लैंड के माइक गैटिंग को चकमा दिया था। (आईएएनएस)|
अविनाश कुमार आतिश
नई दिल्ली, 13 अगस्त | स्टार पैडलर मनिका बत्रा स्वर्ण पदक की दावेदारी के लिए बमिर्ंघम पहुंची थीं, जहां उन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों में भाग लिया था। उन्होंने चार प्रतियोगिताओं में वहां भाग लिया था, लेकिन वह एक भी पदक हासिल नहीं कर सकीं।
गोल्ड कोस्ट में 2018 सीडब्ल्यूजी में महिला टेबल टेनिस एकल में जी. साथियान के साथ मिश्रित युगल कांस्य और भारत का पहला स्वर्ण पदक जीतने के बाद, मनिका के पास इस सीजन में साबित करने के लिए बहुत कुछ था, लेकिन वह असफल रहीं। वह क्वार्टर फाइनल में प्रतिस्पर्धा कर रही सभी चार स्पर्धाओं में हार गईं।
बमिर्ंघम 2022 में क्वार्टर फाइनल में महिला टीम मलेशिया से 3-2 से हार गई। जिसके बाद, वह साथियान के साथ क्वार्टर फाइनल में जावेन चोंग और कारा लिन की एक और मलेशियाई जोड़ी 2-3 से हार गई। उसी दिन, वह अपने एकल खिताब का बचाव करने में विफल रही, सिंगापुर की जियान जेंग से चार सीधे सेटों में हार गई। मनिका के लिए भी ऐसा ही समय सामने आया क्योंकि उन्हें दिव्या चितले के साथ वेल्स की चार्लोट कैरी और अन्ना हर्सी ने एक और क्वार्टर फाइनल में 1-3 से हराया था।
इंस्टाग्राम पर एक भावुक पोस्ट में 27 वर्षीय खिलाड़ी ने बमिर्ंघम में पदक जीतने में विफल रहने के लिए देश से माफी मांगी।
उन्होंने लिखा, "मैं अपने देश और उन लोगों से माफी चाहूंगी जो मेरे पदक जीतने की उम्मीद लगाए थे। इस राष्ट्रमंडल खेल में मैं केवल क्वार्टर फाइनल तक ही पहुंच पाई और हां, मैं बहुत परेशान हूं। लेकिन मैं वादा करता हूं कि मैं इससे मजबूत होकर बाहर निकलूंगी और हर दिन मेहनत करूंगी।"
मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार विजेता ने भी अपने समर्थकों को धन्यवाद दिया।
उन्होंने आगे कहा, "तुम कुछ जीतते हो, तुम कुछ हारते हो। लेकिन मेरे मामले में यह हमेशा होता है। आप कुछ जीतते हैं, आप कुछ सीखते हैं। हमेशा मेरे साथ रहने और मेरे कठिन समय में भी हमेशा मेरा साथ देने के लिए मेरे दिल की गहराइयों से आप सभी का धन्यवाद।"
सीडब्ल्यूजी 2022 में मनिका के बाहर होने में कई कारण हो सकते हैं। लेकिन सबसे बड़ा कारण टेबल टेनिस फेडरेशन ऑफ इंडिया (टीटीएफआई) के साथ उनका झगड़ा है, जिसने शायद उन्हें मानसिक रूप से प्रभावित किया हो।
आमतौर पर, एथलीट खुद को ऑफ-फील्ड विवादों में शामिल होने से रोकते हैं, खासकर अपने करियर के चरम के दौरान। लेकिन, मनिका के साथ ऐसा नहीं था, जो टोक्यो ओलंपिक के समापन के ठीक बाद टीटीएफआई के साथ विवाद में शामिल थीं।
अपने लगातार दूसरे ओलंपिक में प्रतिस्पर्धा करते हुए, मनिका ने सनसनी मचा दी क्योंकि वह टोक्यो 2020 में तीसरे दौर में पहुंचने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बन गईं। हालांकि, इसके तुरंत बाद, टीटीएफआई ने मनिका को टोक्यो में अपने एकल मैचों के लिए कोच सौम्यदीप रॉय की सहायता से इनकार करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी करने का फैसला किया।
अपने निजी कोच सन्मय परांजपे को खेल स्थल पर फील्ड ऑफ प्ले (एफओपी) की अनुमति नहीं दिए जाने के बाद, मनिका ने एकल मैचों के लिए रॉय के अपने कोने में मौजूद होने की संभावना को ठुकरा दिया। उसने अपने सभी एकल मैच बिना कोच के खेले और तीसरे दौर में हार गई। हालांकि, शरथ कमल के साथ मिश्रित युगल मैचों में रॉय मौजूद थीं।
मनिका ने सितंबर में टीटीएफआई के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाते हुए कहा था कि उनके साथ अनुचित दबाव और गलत व्यवहार किया गया था, जिसने उन्हें बड़ी मानसिक पीड़ा में डाल दिया था।
कुछ महीनों के बाद कोर्ट ने आखिरकार एथलीट के पक्ष में फैसला सुना दिया। स्टार पैडलर ने केस जीत लिया लेकिन सीडब्ल्यूजी 2022 की तैयारियों के मामले में सभी ऑफ-फील्ड विवादों ने उनकी मदद नहीं की गई।
मनिका के अलावा, भारत को अपने अनुभवी टेबल टेनिस स्टार, अचंता शरथ कमल से बहुत ज्यादा उम्मीदें थीं, जब वह सीडब्ल्यूजी 2022 में अपने शानदार प्रदर्शन में थे।
बमिर्ंघम में, 40 वर्षीय ने तीन स्वर्ण सहित कुल चार पदक जीते। शरथ शानदार फॉर्म में थे, अपनी भूमिका निभाते हुए भारत ने पुरुषों की टीम के स्वर्ण का बचाव किया। लेकिन जो पदक अधिक संतोषजनक थे, वे थे पुरुष एकल स्वर्ण और मिश्रित युगल में एक युवा खिलाड़ी श्रीजा अकुला की कंपनी में।
शरथ ने दुनिया में 20वें स्थान पर काबिज इंग्लैंड के लियाम पिचफोर्ड को 4-1 से हराकर एकल स्वर्ण पदक जीता। सबसे प्रशंसनीय बात उनका फिटनेस स्तर था क्योंकि उन्होंने सीडब्ल्यूजी 2022 में अधिकांश दिनों में प्रतिदिन छह मैच खेले, और एकल में उनकी जीत से उनकी शारीरिक और मानसिक ताकत का पता चलता है।
एक और पैडलर साथियान ज्ञानशेखरन ने भी राष्ट्रमंडल खेलों 2022 में अच्छा प्रदर्शन किया। साथियान ने पुरुष एकल कांस्य पदक के साथ पुरुष टीम स्पर्धा में स्वर्ण और पुरुष युगल में शरथ के साथ रजत पदक जीता। 29 वर्षीय खिलाड़ी पिछले कुछ वर्षो में भारत के लिए सबसे लगातार खिलाड़ियों और पदक विजेताओं में से एक रहे हैं। इसलिए, स्वाभाविक रूप से, पेरिस में उनसे बहुत उम्मीदें होंगी। हरमीत देसाई, सानिल शेट्टी की पसंद ने भी विशेष रूप से टीम स्पर्धाओं में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
महिला वर्ग में, श्रीजा, रीथ ऋषि, दीया चितले को अपने खेल को अगले स्तर पर ले जाना होगा, ताकि बड़े आयोजनों में पदक की दावेदार बन सकें।
कुल मिलाकर, टेबल टेनिस दल, जिसने 2018 गोल्ड कोस्ट में आठ पदक हासिल किए थे, बमिर्ंघम 2022 में केवल पांच पदक ही हासिल कर सका। पैरा-टीटी स्टार भावना पटेल और सोनल पटेल ने टैली को स्वस्थ बनाने के लिए स्वर्ण और कांस्य का योगदान दिया। भावना ने दिखाया कि वह पूरे टूर्नामेंट में आसान जीत के साथ दुनिया में अपनी श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ में से एक हैं।
इसलिए, अधिकांश भारतीय पैडलर्स को अपने कौशल का सम्मान करते रहना होगा, खुद को अपग्रेड करना होगा और देश के लिए और अधिक सम्मान लाने के लिए पेरिस ओलंपिक सहित आगामी चुनौतियों के लिए अच्छी तैयारी करनी होगी। (आईएएनएस)|
अंबागढ़ चौकी, 12 अगस्त। हायर सेकेंडरी स्कूल छछानपाहरी में गेड़ी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता को दो भागों में बाटा गया।गेड़ी सजाओ और गेड़ी दौड़ प्रतियोगिता। गेड़ी सजाओ प्रतियोगिता में शिवम दल एवं गेड़ी संचालन प्रतियोगिता में मधुरम दल ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।
स्कूल को चार भागों में बांट कर प्रतियोगिता आयोजित की गई। चार दल सत्यम् शिवम् सुंदरम् मधुरम् के बीच हुई इस प्रतियोगिता में 15 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।
छत्तीसगढ़ के ग्रामीण खेल कूद,पारंपरिक तीज त्योहारों को बढ़ावा देने दल प्रभारी शिक्षकों के मार्गदर्शन में हुई इस पूरी प्रतियोगिता के निर्णायक संस्था के प्राचार्य उपेन्द्र कुमार देवांगन एवं माध्यमिक शाला के प्रधान बसंत कुमार साहू थे। संस्था के प्राचार्य देवांगन ने प्रतियोगिता में सबसे अच्छी गेड़ी संचालन के लिए छात्र को पुरस्कृत किया। प्रतियोगिता में छात्र छात्राओं ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया । प्रतियोगिता में संकुल छछानपाहरी के सभी शिक्षक उपस्थित थे। प्रतियोगिता को सफल बनाने में शिक्षक आलोक मिलिन्द, भारती उइके, दुलार सिंह साहू, ज्ञानेश्वर सिन्हा, जागेश्वर गंजीर का विशेष योगदान रहा।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 12 अगस्त। जिले को राज्य स्तरीय शालेय खेल प्रतियोगिता की मेजबानी मिली है। प्रदेश के 5 संभाग के 1200 खिलाड़ी प्रतियोगिता में प्रतिभा दिखाने के लिए पहुंचेंगे। जिला शिक्षा विभाग ने इसके लिए तैयारी भी शुरू कर दी है। कोरोना काल के बाद यह पहली बार होगा जब शालेय राज्य स्तरीय स्पर्धा का आयोजन किया जाएगा।
जिला शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार पांच खेलों की अनुमति मिली है। इस बार जिले में शालेय शतरंज स्पर्धा भी यहीं होगी। इसके अलावा हैंडबॉल, वॉलीबॉल शामिल है। रग्बी खेल को भी शामिल किया गया है, लेकिन रग्बी खेल को वापस लेने के लिए जिला शिक्षा विभाग ने प्रस्ताव भेजा है। उसके स्थान पर अन्य खेल जैसे कबड्डी आदि की मांग की गई है।
गौरतलब है कि 8 जुलाई से शालेय खेलों का आयोजन किया जा रहा है। अब तक जिला व संभागस्तरीय स्पर्धा ही हो रही थी। लेकिन अब राज्य स्तरीय स्पर्धा की भी मेजबानी मिली है। आगामी दिनों में बैठकों का आयोजन करने के लिए आयोजन समिति बनाई जाएगी। इसके अलावा खिलाडिय़ों के लिए रहने व ब्लैंकट आदि की व्यवस्था की जाएगी।
जिला शिक्षा विभाग की क्रीड़ा अधिकारी अंजलि बरमाल ने बताया कि सितंबर में राज्य स्तरीय शालेय खेलों का आयोजन होगा। इसमें पांच संभाग के लगभग 1200 खिलाड़ी आएंगे। पांच खेलों की स्वीकृति मिली है, लेकिन रग्बी को वापस लेने के लिए पत्र लिखा गया है। रग्बी के स्थान पर अन्य खेल की मांग की गई है।
इससे पहले बीते सोमवार को स्थानीय मिनी स्टेडियम में प्राचार्य शासकीय डीएमएस स्कूल के संयोजन में जिला स्तरीय नेटबॉल व फ्लोर बॉल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। अंडर 14, 17 व 19 वर्ग में 50 खिलाडिय़ों ने हिस्सा लिया। नेटबॉल स्पर्धा शासकीय डीएमएस स्कूल और रिवरडेल स्कूल के बीच खेला गया। इसमें डीएमएस ने जीत हासिल की। फ्लोरबॉल में डीएमएस ने तेंदुकोना को 1-0से पराजित किया।
(बिरकोनी में भी थ्रो.बॉल अंडर 14, 17, 19 वर्ग की जिला स्तरीय स्पर्धा का आयोजन किया गया। इसमें 50 खिलाडिय़ों ने हिस्सा लिया। निर्णायक के रूप में हिरेंद्र कुमार साहू, वसुधा, अंजनि साहू, सन्मय, सेवनदास मानिकपुरी, गणेश कोसरे, छन्नू साहू, बेदराम रात्रे, इंद्राणी भास्कर, कमला साहू आदि उपस्थित थे। खिलाडिय़ों का चयन कौशल अधार पर संभाग स्तरीय स्पर्धा के लिए किया गया।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 12 अगस्त। आगामी 13 एवं 14 अगस्त को न्यू देहली के ताल कटोरा इंडोर स्टेडियम मे आयोजित 4थी आल इंडिया इंडिपेंडेंश कप कराते प्रतियोगिता जो कि शीकोकाई शितोरियु कराते डू इंडिया द्वारा प्रत्येक वर्ष स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर आयोजित किया जाता है।
जिसमे भाग लेने छतीसगढ राज्य की 40 सदस्यों की कराते टीम रेंशी मुरली सिंह भारद्वाज के नेतृत्व मे 11 अगस्त को गोंडवाना एक्सप्रेस से न्यू देहली के लिए रवाना होगी जिसमे राजनांदगांव के खिलाड़ी भाग लेंगे। उक्त प्रतियोगिता मे भाग लेने वाले सभी खिलाड़ी राजनांदगांव मार्शल आर्ट स्कूल कसतूरबा महिला मंडल स्कूल मे प्रशिक्षण प्राप्त कर अपना उतकृष्ट प्रदर्शन करने जायेंगे। प्रतियोगिता में शामिल होने वाले खिलाडिय़ों के नाम निम्नांकित है।
बालिका वर्ग मे पंखुड़ी टांक, सराहना धुरवा, मिताली साहू, सुधा साहू, नेहा साहु, एवं वेगिता अग्रवाल, बालक वर्ग मे आदर्श टांक, शेख हमजा, मिहिर मोर्या, विवेक बिछिया, कबीर बिछिया, तरूण साहू, एवं दिबयांश लोनहारे है। टीम कोच छतीसगढ कराते डू एशोसियेशन के प्रमुख प्रशिक्षक रेंशी मुरली सिंह भारद्वाज होंगे।
आईसीसी T20 वर्ल्ड कप की शुरुआत इस साल अक्टूबर में होगी. 16 अक्टूबर को टूर्नामेंट का पहला मैच होगा, 13 नवंबर को फाइनल मुक़ाबला खेला जाएगा.
ऐसे में जानते हैं इस टी 20 विश्व कप से जुड़ी बड़ी बातें.
टी 20वर्ल्ड कप2022 में कितनी टीमें हिस्सा ले रही हैं?
टूर्नामेंट में कुल 16 टीमें हिस्सा ले रही हैं. पूरे टूर्नामेंट को ग्रुप स्टेज और सुपर-12 में बांटा गया है.
पहले बात करते हैं ग्रुप स्टेज की. इस राउंड में दो ग्रुप बनाए गए हैं.
ग्रुप A में श्रीलंका, नामीबिया और दो क्वालीफायर टीम हैं. वहीं ग्रुप B में वेस्टइंडीज, स्कॉटलैंड और दो क्वालीफायर टीम हैं.
इन दोनों ग्रुप के टॉप-2 टीम को सुपर-12 में खेलने का मौका मिलेगा.
अब बात करते हैं सुपर-12 स्टेज की. टूर्नामेंट के सुपर-12 स्टेज में 8 टीम अपनी जगह पहले से ही बना चुकी हैं. ये वो टीम हैं जो 2021 T20 वर्ल्ड कप की टॉप-8 टीम हैं.
ये टीमें हैं-इंग्लैंड, न्यूज़ीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, अफ़ग़ानिस्तान, भारत, पाकिस्तान, दक्षिण अफ्रीका और बांग्लादेश. (bbc.com)
नई दिल्ली, 12 अगस्त | डेफ क्रिकेट सोसाइटी (डीसीएस) ने शुक्रवार को दिल्ली टीम की घोषणा की, जो 14 से 20 नवंबर तक आगरा और कानपुर में होने वाली बधिरों के लिए आगामी छठी टी20 राष्ट्रीय क्रिकेट चैंपियनशिप में प्रतिनिधित्व करेगी। सप्ताह भर चलने वाली इस चैंपियनशिप का आयोजन यू.पी. बधिर क्रिकेट संघ (यूपीडीसीए), देश भर की टीमों को प्रतिष्ठित टी20 चैम्पियनशिप खिताब के लिए किया जाएगा।
दिल्ली की ओर से अंतिम टीम चयन शिविर 7 अगस्त को वेंकटेश्वर इंटरनेशनल स्कूल, सेक्टर -10 द्वारका में आयोजित किया गया था, जिसमें राज्य के कई प्रतिभाशाली क्रिकेट खिलाड़ियों ने भाग लिया था।
कड़ी प्रतिस्पर्धा के बाद और सभी खिलाड़ियों द्वारा किया गया प्रदर्शन और उत्कृष्टता के आधार पर जूरी ने उन्नीस खिलाड़ियों को शॉर्ट-लिस्ट किया, जो अब चैंपियनशिप के लिए दिल्ली राज्य टीम का प्रतिनिधित्व करेंगे।
डीसीएस अध्यक्ष मनीष गोयल, "राज्य भर के खिलाड़ियों का उत्साह जबरदस्त है। भारत में सबसे अधिक पसंद किया जाने वाला खेल होने के नाते क्रिकेट को श्रेणी की परवाह किए बिना पूरे देश से समर्थन प्राप्त होता है। भारतीय दिव्यांग क्रिकेट में प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के साथ आने और हमारे प्रयासों के साथ मानक स्थापित करने की क्षमता है। उन्हें विश्व स्तरीय मंच और उनके विकास के लिए प्रशिक्षण प्रदान करना है।"
दिव्यांग व्यक्तियों की सेवा के लिए पूरी तरह से समर्पित डेफ क्रिकेट सोसाइटी के लगभग आठ राज्य स्तरीय संघ हैं और भारत में विभिन्न घरेलू क्रिकेट स्तर के टूर्नामेंटों में 500 से अधिक खिलाड़ी मौजूद हैं। डीसीएस डेफ इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (डेफ आईसीसी) से भी संबद्ध है।
दिल्ली टीम: वीरेंद्र सिंह (कप्तान), मंजीत कुमार, विक्की, जितेंद्र त्यागी, रोहित सैनी (विकेटकीपर), अभिषेक ठाकुर, पुनीत भारद्वाज, समीर कुमार दुबे, शांति (विकेटकीपर), शिव नारायण शर्मा, अमित गौर, फहीमुद्दीन, दीपक जोशी, हिमांशु, आशीष कुमार वर्मा, निशित कोहली, विशाल बरारा (कोच), केके सैनी (प्रबंधक) और अतुल वर्मा (डीसीएस टीम लीडर)।
(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 12 अगस्त | भारतीय हॉकी टीम के फॉरवर्ड अभिषेक ने स्वीकार किया है कि बर्मिघम कॉमनवेल्थ गेम्स में फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के हाथों 0-7 से शिकस्त के बाद टीम में सुधार करने की जरूरत है। हॉकी में भारत अपना पहला राष्ट्रमंडल गेम्स का स्वर्ण पदक जीतने से बस एक कदम दूर रह गया, जबकि ऑस्ट्रेलिया ने रिकॉर्ड सातवें राष्ट्रमंडल गेम्स में स्वर्ण पदक जीता।
अभिषेक ने शुक्रवार को कहा, "हालांकि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ फाइनल हमारे अनुकूल नहीं रहा, हमने मैच से बहुत कुछ सीखा और प्रशिक्षण में सुधार करना होगा।"
फारवर्ड ने राष्ट्रमंडल गेम्स में सभी छह मैचों में अच्छी शुरुआत की और भारत के रजत पदक के रूप में सामने वाली टीम के बचाव के लिए एक मौजूदा खतरा बना रहा। उनका मानना है कि टूर्नामेंट उनके लिए एक बड़ा सीखने वाला अनुभव था।
अभिषेक ने इस साल की शुरुआत में भारत में डेब्यू किया, जब टीम ने फरवरी में एफआईएच प्रो लीग 2021/22 मैचों के लिए दक्षिण अफ्रीका की यात्रा की। उन्होंने प्रो लीग के दौरान 14 मैच खेले और लगातार प्रदर्शन किया, जिसके दम पर उन्हें राष्ट्रमंडल गेम्स की टीम में चुना गया।
बड़े मंच पर प्रदर्शन के अपने अनुभवों के बारे में बोलते हुए अभिषेक ने कहा, "इतने बड़े मंच पर प्रदर्शन करना मेरे लिए काफी यादगार अनुभव था। मैंने इस दौरान अपने खेल के बारे में बहुत कुछ सीखा। टूर्नामेंट और उन क्षेत्रों को समझा, जहां मैं सुधार कर सकता हूं।"
अभिषेक ने कहा, "हमारे मुख्य कोच ग्राहम रीड ने मुझे पहले ही प्रशिक्षण सत्र में गेम्स का आनंद लेने और दबाव नहीं लेने के लिए कहा था। इस सलाह ने मुझे राष्ट्रमंडल गेम्स 2022 में वास्तव में मदद की, क्योंकि मैं अपने प्राकृतिक खेल पर ध्यान केंद्रित करने में सक्षम था।"
राष्ट्रमंडल गेम्स में अपने प्रदर्शन पर अभिषेक ने कहा, "मेरे साथियों और कोचों ने मुझसे कहा कि मैंने अच्छा प्रदर्शन किया है क्योंकि यह इस तरह का मेरा पहला बड़ा टूर्नामेंट था। अभी भी कुछ क्षेत्र हैं जहां मुझे सुधार करना है।"
भारत ने पूरे टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया, जब तक कि वे ऑस्ट्रेलिया से भिड़ नहीं गए। अपने पहले पूल बी मैच में घाना के खिलाफ 11-0 से जीत दर्ज की। इंग्लैंड के खिलाफ 4-4 से ड्रा, कनाडा पर 8-0 से जीत और वेल्स पर 4-1 से जीत के साथ, भारत ने सेमीफाइनल में जगह बनाई, जहां उन्होंने फाइनल में पहुंचने के लिए दक्षिण अफ्रीका को 3-2 से हराया।
टीम के प्रदर्शन पर उन्होंने कहा, "कठिन टीमों का सामना करने के बावजूद हमने पूरी प्रतियोगिता में एक टीम के रूप में प्रदर्शन किया। हर मैच में हमारे लिए एक नई चुनौती थी और हम इसका डटकर सामना करने में सक्षम थे।"
29 अगस्त को टीम बेंगलुरु में कोचिंग कैंप में जाएगी और अक्टूबर में शुरू होने वाले प्रो लीग 2022/23 सीजन की तैयारी शुरू करेगी। भारत को घर में न्यूजीलैंड और स्पेन से खेलना है।
(आईएएनएस)
अब्दुल रशीद शकूर
इंग्लैंड के बर्मिंघम में हुए 22वें कॉमनवेल्थ गेम्स में हिस्सा ले रहे पाकिस्तान के दल में शामिल दो मुक्केबाज़ लापता हो गए हैं. सुलेमान बलूच और नजीरुल्लाह, इन दो मुक्केबाज़ों का पता नहीं चल रहा है.
पाकिस्तान ओलंपिक संघ के अध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल सैयद आरिफ़ हसन (सेवानिवृत्त) ने बीबीसी उर्दू से बातचीत में कहा कि दो मुक्केबाज़ टीम के साथ नहीं हैं और खेलों के समापन के बाद पाकिस्तान नहीं लौटे हैं.
आरिफ़ हसन ने कहा कि राष्ट्रमंडल खेलों में हिस्सा ले रही पाकिस्तानी टीम की वापसी से कुछ घंटे पहले मुक्केबाज़ी टीम के कोच ने दोनों मुक्केबाजों के कमरे में फ़ोन कर उन्हें नाश्ता करने और वापसी की तैयारी करने को कहने की कोशिश की.
'सामान वहीं थे, वे दोनों ग़ायब थे'
आरिफ़ हसन के मुताबिक कोच ने फ़ोन पर कोई जवाब नहीं मिलने पर कुछ देर इंतज़ार किया, जिसके बाद उन्होंने प्रबंधन से कमरे खोलने के लिए कहा, इन दोनों मुक्केबाज़ों का सामान वहां था, लेकिन वे दोनों ग़ायब थे.
उन्होंने यह भी बताया है कि राष्ट्रमंडल खेलों के प्रबंधन और बर्मिंघम स्थित पाकिस्तान वाणिज्य दूतावास को तत्काल इस बारे में सूचित कर दिया गया है. इसके अलावा दोनों मुक्केबाज़ों के लापता होने को लेकर पुलिस में रिपोर्ट भी दर्ज कर ली गई है.
सैयद आरिफ़ हसन के मुताबिक दोनों मुक्केबाजों के पासपोर्ट और अन्य यात्रा दस्तावेज़ पाकिस्तान की मुक्केबाज़ टीम प्रबंधन के पास हैं.
उन्होंने ये भी बताया है कि दोनों मुक्केबाज़ों ने मैनेजर को कहीं जाने की सूचना नहीं दी थी.
इस घटना पर पाकिस्तान ओलंपिक संघ ने एक समिति का गठन किया है. बर्मिंघम और लंदन में दोनों मुक्केबाज़ों के दोस्तों और रिश्तेदारों के बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है ताकि पता लगाया जा सके कि दोनों मुक्केबाज़ किसके संपर्क में थे.
कौन हैं नज़ीरुल्लाह और सुलेमान बलूच?
इंग्लैंड में लापता हुए दोनों मुक्केबाज़ राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पाकिस्तान की सेना का प्रतिनिधित्व करते हैं.
नज़ीरुल्लाह कराची के ल्यारी में मूसा लेन के रहने वाले हैं और यह उनकी पहली विदेश यात्रा थी. उन्हें इंग्लैंड के मुक्केबाज़ के ख़िलाफ़ पांच-शून्य से हार का सामना करना पड़ा था.
सुलेमान बलूच सरगोधा के रहने वाले हैं और इससे पहले कई विदेशी दौरे कर चुके हैं. उन्हें राष्ट्रमंडल खेलों में भारतीय मुक्केबाज़ के हाथों पांच-शून्य हार का सामना करना पड़ा था.
पहले भी कई एशियाई और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के अवसर पर पाकिस्तानी मुक्केबाज़ों के ग़ायब होने की ख़बरें आती रही हैं.
श्रीलंकाई खिलाड़ी भी लापता
हाल में संपन्न राष्ट्रमंडल खेलों से एथलीटों के लापता होने की यह दूसरी घटना है.
इसी तरह, श्रीलंका की 160 सदस्यीय टीम के दस सदस्य जो पहले इंग्लैंड आए थे, लापता हो गए हैं, जिनमें नौ खिलाड़ी और एक अधिकारी शामिल हैं. श्रीलंकाई अधिकारियों ने पुलिस में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी.
अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के दौरान खिलाड़ियों के लापता होने की घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं. आमतौर पर बेहतर आर्थिक भविष्य की ख़ातिर ऐसे खिलाड़ी अपने देश वापस नहीं लौटना चाहते और इन प्रतियोगिताओं का फ़ायदा उठाकर ग़ायब हो जाते हैं. (bbc.com)
-वंदना
भारत में स्क्वैश की फ़र्स्ट लेडीज़ कही जाने वालीं दीपिका पल्लीकल और जोशना चिनप्पा देश की बेहतरीन स्क्वैश खिलाड़ियों में से एक हैं.
इसके साथ ही सौरव घोषाल ने अपने शानदार खेल और मेडल के दम पर दीपिका और जोशना के साथ मिलकर आम लोगों में इस खेल के प्रति दिलचस्पी को बढ़ाया है.
दीपिका और सौरव घोषाल ने हाल ही में संपन्न हुए कॉमनवेल्थ खेलों में मिक्स्ड डबल्स में मेडल जीतकर अपने लंबे करियर में भी चार चांद लगा दिए हैं.
दीपिका की बात करें तो शुरुआत में उनके लिए जीत का स्वाद चखना थोड़ा मुश्किल रहा.
लेकिन साल 2014 के ग्लास्गो कॉमनवेल्थ गेम्स में उन्होंने जोशना चिनप्पा के साथ डबल्स में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया. इसके बाद एशियन गेम्स में उन्होंने ब्रॉन्ज़ मेडल हासिल किया.
जेंडर के मुद्दे पर कड़ा रुख़
दीपिका खेलों में जेंडर के मुद्दे पर अपने कड़े रुख के लिए भी जानी जाती हैं. और पिछले कुछ सालों में उनके इस रुख़ को काफ़ी समर्थन भी मिला है.
साल 2012 से लेकर 2015 तक वो लगातार राष्ट्रीय स्क्वैश चैंपियनशिप में हिस्सा लेने से मना करती रहीं क्योंकि पुरुषों और महिलाओं को समान इनामी राशि नहीं मिला करती थी.
दीपिका ने महिलाओं और पुरुषों के लिए समान इनामी राशि की मांग की थी. इसके बाद जब ईनामी राशि एक समान कर दी गयी तो उन्होंने एक बार फिर खेलना शुरू कर दिया.
दीपिका की माँ सूसन भारतीय क्रिकेट टीम की हिस्सा रही हैं, ऐसे में बचपन से खेलों में उनकी रुचि होना स्वाभाविक था. 13 साल की उम्र में वो ट्रेनिंग के लिए अकेले मिस्र जाकर रहने लगी. ये मुश्किल दौर था, लेकिन दीपिका को करियर में इस ट्रेनिंग का काफ़ी फ़ायदा हुआ.
दीपिका साल 2012 में अर्जुन पुरुस्कार पाने वाली पहली महिला खिलाड़ी थीं. इसके बाद उन्हें 2014 में पद्मश्री सम्मान भी दिया गया.
स्क्वैश की टॉप 10 खिलाड़ियों में जगह बनाने वाली दीपिका पहली भारतीय महिला खिलाड़ी भी बनीं.
दीपिका ने अक्टूबर में जुड़वा बच्चों को जन्म देने के छह महीने बाद खेल में वापसी की है. और इसी साल अप्रैल में उन्होंने वर्ल्ड मिक्स्ड डबल्स चैंपियनशिप में जीत दर्ज की है. इसके साथ ही इस साल ही उन्होंने वर्ल्ड विमन डबल्स चेंपियनशिप में भी जीत हासिल की है.
खिलाड़ी के साथ-साथ दीपिका ने मॉडलिंग की दुनिया में भी हाथ आजमाया है. हाल ही में वह फेमिना तमिलनाडु मैग़जीन के कवर पर भी नज़र आई थीं.
दीपिका की शादी भारतीय क्रिकेटर दिनेश कार्तिक से ही हुई है.
दिनेश कार्तिक ने कुछ सालों पहले इंस्टाग्राम पर दीपिका के लिए लिखा था - "मेरी पत्नी की उसके लक्ष्यों को हासिल करने में मदद कर पाना मेरे लिए सब कुछ है. ये साल काफ़ी मुश्किल रहे हैं. उसने काफ़ी मेहनत की है. कई महीनों तक उसे बाहर रहना पड़ा, घर का ख्याल रखना पड़ा, उसने मेरी हर चीज़ में मदद की लेकिन कभी किसी चीज की शिकायत नहीं की. मेरे लिए उसकी मदद करना सबकुछ है."
कोर्ट पर जोशना के साथ खेलने वाले सौरव घोषाल भारत में शीर्ष स्क्वैश खिलाड़ी हैं. उन्होंने 2006 में दोहा में हुए एशियन गेम्स में भारत के लिए स्क्वैश में पहला गोल्ड मेडल जीता था. साल 2007 में उन्हें अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था.
कोलकाता में पले-बढ़े सौरव घोषाल को स्क्वैश सीखने के लिए काफ़ी कम उम्र में चेन्नई जाना पड़ा. हालांकि, वह कोलकाता में अर्जुन लाल की क्रिकेट एकेडमी में ट्रेनिंग ले रहे थे लेकिन स्क्वैश के लिए उन्होंने क्रिकेट छोड़ दिया.
यही नहीं, सौरव घोषाल साल 2004 में ब्रिटिश ओपन (अंडर-19) अवॉर्ड जीतने वाले पहले भारतीय थे. इसके साथ ही सौरव घोषाल जूनियर वर्ल्ड नंबर वन बनने वाले भी पहले भारतीय खिलाड़ी थे.
सौरव और दीपिका पल्लीकल की जोड़ी शानदार है, दोनों ने अब तक कई टूर्नामेंट्स में जीत हासिल की है. आपको ये दिलचस्प लगेगा कि सौरव घोषाल की शादी भी दीपिका की बहन से हुई है जो पेशे से ग्राफ़िक डिज़ायनर हैं.
35 वर्षीय सौरव घोषाल स्क्वैश की दुनिया के कितने कद्दावर खिलाड़ी हैं, ये इस बात से पता चलता है कि इतने लंबे करियर के बाद उन्होंने इस कॉमनवेल्थ खेलों में भारत के लिए स्क्वैश का पहला इंडीविज़ुअल मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है. (bbc.com)
नई दिल्ली, 10 अगस्त (आईएएनएस)| चयन समिति के पूर्व अध्यक्ष किरण मोरे ने यूएई में 27 अगस्त से शुरू होने वाले एशिया कप 2022 के लिए भारतीय टीम में अनुभवी स्पिनर रविचंद्रन अश्विन को शामिल करने के फैसले पर सवाल उठाए हैं। बीसीसीआई ने एशिया कप के लिए दो स्पिनरों और तीन स्पिन गेंदबाजी ऑलराउंडरों को चुना है। स्पिन गेंदबाजों में युजवेंद्र चहल, अश्विन, रवि बिश्नोई, रवींद्र जडेजा और दीपक हुड्डा शामिल हैं।
मोरे ने कहा कि सूची में अश्विन का नाम देखकर हैरान रह गए। स्टार स्पोर्ट्स से बात करते हुए उन्होंने कहा कि भारत को या तो मोहम्मद शमी में एक अतिरिक्त सीमर या अश्विन के स्थान पर अक्षर पटेल को चुनना चाहिए था।
उन्होंने कहा, "मैं उनका नाम देखकर हैरान था। अश्विन इस टीम में कैसे आ सकते हैं? पिछले विश्व कप में भी उन्हें टीम में चुना गया था और फिर उन्हें प्लेइंग इलेवन में जगह नहीं दी गई थी। उनका आईपीएल रिकॉर्ड देखें, तो उतना अच्छा नहीं है। मुझे वास्तव में लगता कि शमी या अक्षर पटेल को वह भूमिका निभानी चाहिए थी। अक्षर ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है। मुझे लग रहा था कि शमी विश्व कप के लिए जाएंगे। मुझे विकेट लेने वाले गेंदबाज चाहिए। शमी नई गेंद से विकेट ले सकते हैं।"
अश्विन के चयन पर विशेषज्ञों ने बार-बार सवाल उठाए हैं। इससे पहले, चयनकर्ताओं के पूर्व अध्यक्ष कृष्णमाचारी श्रीकांत ने भारत की टी20 टीम में उनकी जगह पर सवाल उठाए थे। (आईएएनएस)|
दुबई, 10 अगस्त | पाकिस्तान के कप्तान बाबर आजम टी20 में अभी भी नंबर 1 बल्लेबाज बने हुए हैं। वहीं, भारत के कई सितारों ने बुधवार को जारी ताजा आईसीसी प्लेयर रैंकिंग में बड़ी बढ़त हासिल की है। हाल ही में, भारत ने वेस्टइंडीज के खिलाफ पूरी हुई टी20 श्रृंखला में 4-1 जीत हासिल की और उनके कई सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी ने बल्लेबाज रैंकिंग में बाबर को टक्कर दे रहे हैं।
श्रेयस अय्यर और ऋषभ पंत शीर्ष रैंकिंग की दौड़ में सबसे ज्यादा बढ़त हासिल करने वाले खिलाड़ी हैं। अय्यर ने फ्लोरिडा में श्रृंखला के पांचवें और अंतिम मैच के दौरान एक प्रभावशाली अर्धशतक लगाया और बल्लेबाज रैंकिंग में कुल मिलाकर छह स्थानों की छलांग लगाकर 19वें स्थान पर पहुंच गए।
पंत ने 115 रनों के साथ दूसरे प्रमुख रन-स्कोरर के रूप में श्रृंखला की समाप्त की, चौथे मैच में 44 रन बनाकर बाएं हाथ के बल्लेबाज ने सात स्थान की बढ़त से 59वें स्थान पर पहुंच गए।
उभरते हुए सलामी बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव 135 रनों के साथ श्रृंखला के दौरान सबसे अधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी थे, लेकिन अंतिम मैच के लिए उन्हें आराम दिया गया, जिससे वह बाबर से आगे निकलने का मौका चूक गए।
यादव टी20 रैंकिंग में दूसरे स्थान पर बने हुए हैं, बाबर अब इस महीने के अंत में दुबई में एशिया कप में भारत और पाकिस्तान के बीच बेसब्री से प्रतीक्षित मैच से पहले 13 रेटिंग अंक की बढ़त बनाए हुए हैं।
वेस्टइंडीज के खिलाफ श्रृंखला में भारत के गेंदबाजों ने भी कमाल किया, जिससे उन्हें गेंदबाजी रैंकिंग में फायदा हुआ।
युवा स्पिनर रवि बिश्नोई आठ विकेट के साथ श्रृंखला के दौरान भारत के प्रमुख विकेट लेने वाले गेंदबाज थे और इसने 21 वर्षीय गेंदबाजों की हालिया सूची में कुल मिलाकर 50 स्थानों के फायदे के साथ 44वें स्थान पर आ गए।
टीम के साथी आवेश खान, अक्षर पटेल और कुलदीप यादव ने भी बढ़त हासिल की, जबकि अनुभवी तेज भुवनेश्वर कुमार वेस्टइंडीज सीरीज के दौरान सिर्फ तीन विकेट के बाद एक पायदान गिरकर नौवें स्थान पर पहुंच गए।
हाल ही में, दक्षिण अफ्रीका ने आयरलैंड पर 2-0 की श्रृंखला जीत ने भी अपने खिलाड़ियों को टी20 रैंकिंग में आगे बढ़ाया, इन-फॉर्म सलामी बल्लेबाज रीजा हेंड्रिक्स बल्लेबाजों की सूची में दो स्थान ऊपर चढ़कर 13वें स्थान पर पहुंच गए।
स्पिनर केशव महाराज गेंदबाजों की रैंकिंग में कुल मिलाकर 10 पायदान के फायदे से 18वें स्थान पर आ गए हैं, जबकि दक्षिण अफ्रीका टीम के साथी ड्वेन प्रिटोरियस ऑलराउंडरों की सूची में सात पायदान की छलांग के साथ 26वें स्थान पर पहुंच गए हैं।
टेस्ट रैंकिंग में कोई बदलाव नहीं हुआ है और पिछले हफ्ते कोई रेड-बॉल मैच नहीं हुआ है, जबकि जिम्बाब्वे और बांग्लादेश के बीच श्रृंखला के शुरूआती दो मैचों के बाद वनडे रैंकिंग में कुछ मामूली बदलाव हुए हैं।
इन-फॉर्म ऑलराउंडर सिकंदर रजा हाल के दिनों में जिम्बाब्वे के लिए एक सफल बल्लेबाज साबित हुए हैं और अनुभवी 36 वर्षीय रजा ने नई ताजा वनडे रैंकिंग में बढ़त हासिल की है।
रजा ने बांग्लादेश के खिलाफ लगातार दो नाबाद शतक बनाए हैं। दाएं हाथ के बल्लेबाजों की रैंकिंग में 10 पायदान की छलांग के साथ 29वें स्थान पर और ऑलराउंडरों की सूची में सात स्थान की छलांग के साथ चौथे स्थान पर पहुंच गए हैं। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 10 अगस्त | भारतीय निशानेबाज सीए भवानी देवी ने बुधवार को कॉमनवेल्थ फेंसिंग चैंपियनशिप 2022 में सीनियर महिला सेबर व्यक्तिगत वर्ग में स्वर्ण पदक जीता। यहां मिली जानकारी के मुताबिक, उन्होंने ऑस्ट्रेलिया की वेरोनिका वासिलेवा को 15-10 से हराकर लंदन में खिताब अपने नाम किया।
साई ने ट्विटर पर लिखा, "भवानी देवी कॉमनवेल्थ फेंसिंग चैंपियन हैं।"
हंगरी में 2020 फेंसिंग वल्र्ड कप के क्वार्टर फाइनल में पहुंचने के बाद भवानी देवी टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाली अकेली भारतीय फेंसर बनकर इतिहास रच दिया। उन्होंने समायोजित आधिकारिक रैंकिंग पद्धति (एओआर) के माध्यम से योग्यता प्राप्त की। टोक्यो ओलंपिक 2020 में उन्होंने ट्यूनीशिया की नादिया बेन अजीजी के खिलाफ अपना पहला मैच जीता। (आईएएनएस)|
-अब्दुल रशीद शकूर
पाकिस्तान के स्पोर्ट्स कल्चर में, जहाँ हर बात क्रिकेट से शुरू होकर क्रिकेट पर ही ख़त्म हो जाती है और क्रिकेटर्स को ही स्टार का दर्जा मिलता है, वहां अन्य खेल दूसरे दर्जे के हो जाते हैं.
हॉकी में अब हसन सरदार और शाहबाज़ अहमद नहीं रहे, जिनके जादुई खेल की दुनिया दीवानी थी और स्क्वैश कोर्ट से जहांगीर ख़ान और जान शेर ख़ान की जीत की ख़बरें भी आना बंद हो गई हैं.
अतीत की यादों को ताज़ा करने के लिए एथलेटिक्स भी है, जिसमें अब्दुल ख़ालिक़, मोहम्मद इक़बाल, मोहम्मद नवाज़, ग़ुलाम राज़िक़, मुबारक शाह और मोहम्मद यूनिस के कारनामे सुन कर दिल ख़ुश हो जाता था, लेकिन अब पाकिस्तान के एथलेटिक्स को एक नया चेहरा मिल गया है, जिसने ट्रैक एंड फ़ील्ड की दुनिया में पाकिस्तान को एक नए अंदाज़ में पेश किया है.
अरशद नदीम आज पाकिस्तान के हर घर में चर्चा का विषय हैं. हर घर में उनके ही चर्चे हैं. सिर्फ़ पाकिस्तान में ही नहीं बल्कि दूसरे देशों में भी उनकी चर्चा हो रही है.
पाकिस्तान क्रिकेट टीम के कप्तान और मशहूर बल्लेबाज़ बाबर आज़म इस समय पाकिस्तान में सबसे ज़्यादा ध्यान खींचने वाले खिलाड़ी हैं, जिनके प्रशंसक दुनिया भर में हैं, लेकिन सोचिए अरशद नदीम की उपलब्धि कितनी बड़ी है कि बाबर आज़म भी उनकी तारीफ़ किए बिना नहीं रह सके.
दुनिया भर से मिले बधाई संदेशों में भारतीय एथलीट नीरज चोपड़ा भी प्रमुख हैं. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, "अरशद भाई गोल्ड मैडल और नए गेम्स (कॉमनवेल्थ) रिकार्ड के साथ 90 मीटर की दूरी पार करने के लिए मुबारकबाद. आगे के कॉम्पीटिशन के लिए शुभकामनएं."
अरशद नदीम के बारे में यह कहना ग़लत होगा कि उनकी चर्चा सिर्फ़ इसलिए हो रही है, क्योंकि वह राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने में कामयाब रहे, बल्कि वह पिछले दो साल से दुनिया की नज़रों में हैं और उनकी इस यात्रा में एक अजीब आकर्षण है जो सभी को अपनी तरफ़ खींचता है.
सवाल यह उठता है कि आख़िर अरशद नदीम में ऐसा क्या है कि उन्होंने सभी को अपनी ओर आकर्षित किया हुआ है और हर कोई उनके बारे में ही बात कर रहा है.
अरशद नदीम पिछले छह वर्षों से अंतरराष्ट्रीय मुक़ाबलों में पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, लेकिन साल 2019 तक वह सुर्ख़ियों में नहीं आए थे.
साल 2016 में, भारत के गुवाहाटी में आयोजित हुए दक्षिण एशियाई खेलों में उन्होंने कांस्य पदक जीता था, और अगले वर्ष बाकू में आयोजित हुए इस्लामिक खेलों में भी वह तीसरे स्थान पर रहे थे.
साल 2018 के एशियाई खेलों में उन्होंने कांस्य पदक जीता था, लेकिन उसी साल गोल्ड कोस्ट में आयोजित राष्ट्रमंडल खेलों में वो आठवें स्थान पर रहे थे.
अरशद नदीम के कैरियर का टर्निंग पॉइंट साल 2019 में नेपाल में आयोजित दक्षिण एशियाई खेलों में आया, जहां उन्होंने 86.29 मीटर की दूरी पर भाला फेंककर न केवल उन खेलों में एक नया रिकॉर्ड बनाया, बल्कि वो टोक्यो ओलंपिक के लिए भी क्वालिफ़ाई करने में सफल हो गए थे.
पाकिस्तान के एथलेटिक्स इतिहास में यह पहली बार था कि किसी एथलीट ने ओलंपिक के लिए सीधे क्वालीफ़ाई किया, क्योंकि इससे पहले हाल के वर्षों में पाकिस्तान के एथलीटस वाइल्ड कार्ड एंट्री के माध्यम से ही ओलंपिक में शामिल होते रहे हैं.
ओलंपिक से पहले, अरशद नदीम ने ईरान में एथलेटिक्स प्रतियोगिता में 86.38 मीटर के साथ अपना ही राष्ट्रीय रिकॉर्ड बेहतर किया था.
टोक्यो ओलंपिक में, वह 84.62 मीटर से आगे नहीं जा सके और उन्हें पांचवें स्थान पर ही संतोष करना पड़ा था, लेकिन वह यह संकेत दे चुके थे, कि आने वाले मुक़ाबलों में वो अपने प्रतिद्वंद्वियों को चुनौती देने की स्थिति में होंगे.
कोहनी का दर्द कितना ख़तरनाक है?
कोहनी की चोट के कारण टोक्यो ओलंपिक के बाद का समय अरशद नदीम के लिए किसी परीक्षा से कम नहीं बीता, साथ ही, घुटने के दर्द ने भी उनकी परेशानी को और बढ़ा दिया.
कोहनी की इस चोट के कारण अरशद नदीम कई बड़े इवेंट में हिस्सा नहीं ले सके, लेकिन उन्होंने वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप, वर्ल्ड चैंपियनशिप और इस्लामिक गेम्स के बारे में सोच लिया था, कि वह इन तीनों इवेंट्स में हिस्सा लेंगे.
कोहनी की चोट के कारण वह पिछले महीने अमेरिका में हुई विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में पांचवें स्थान पर रहे थे. उनका सर्वश्रेष्ठ थ्रो 86.16 मीटर था.
उनके दोस्त और पारम्परिक प्रतिद्वंद्वी भारत के नीरज चोपड़ा इस इवेंट में रजत पदक जीतने में सफल रहे थे. उस वक्त सबसे बड़ा सवाल यही था कि वह कोहनी के दर्द के साथ कॉमनवेल्थ गेम्स में कैसे हिस्सा ले पाएंगे.
बीबीसी उर्दू को दिए एक इंटरव्यू में अरशद नदीम ने ख़ुद कहा था कि एक समय उन्हें भी ऐसा लग रहा था कि शायद उन्हें कॉमनवेल्थ गेम्स छोड़ना पड़ेगा.
अतीत में हम यह देख चुके हैं कि कई बड़े बड़े एथलीट्स और खिलाड़ियों के कैरियर फिटनेस समस्या और चोट के कारण समय से पहले ख़त्म हो चुके हैं.
इस मायने में, अरशद नदीम अपने कैरियर के अहम मोड़ पर हैं जहाँ उन्हें अपनी कोहनी और घुटने के इलाज के लिए अच्छे डॉक्टरों से परामर्श लेना होगा.
बिना कोच के स्वर्ण पदक
अरशद नदीम पाकिस्तान स्पोर्ट्स की उस व्यवस्था का हिस्सा हैं जहां खिलाड़ियों को दी जाने वाली ट्रेनिंग और सुविधाएं हमेशा सवालों के घेरे में रहती हैं.
अरशद नदीम मियां चिन्नू के एक छोटे से गांव से निकल कर आये हैं. उन्हें कोच राशिद अहमद साक़ी ने जेवलिन थ्रो सिखाया और क्षेत्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में उनकी भागीदारी सुनिश्चित कराना जारी रखा.
इसके बाद, जब वे 'वापडा' में आए, तो वहां उनकी मुलाक़ात कोच फ़ैयाज़ बुख़ारी से हुई, जो पिछले आठ वर्षों से उनकी ट्रेनिंग और कोचिंग करा रहे हैं, और कोविड की स्थिति और पाकिस्तान सुपर लीग के दौरान गद्दाफ़ी स्टेडियम के आसपास के मैदान और सड़कें बंद किये जाने के बावजूद, वह अरशद नदीम की ट्रेनिंग को दूसरी जगह पर संभव बनाते रहे.
लेकिन टोक्यो ओलंपिक से लौटने के बाद, फ़ैयाज़ बुख़ारी को आश्चर्यजनक रूप से अरशद नदीम की ट्रेनिंग से हटा दिया गया था, हालांकि राष्ट्रमंडल खेलों के लिए फ़ैयाज़ बुख़ारी की एक्रीडिटेशन प्रक्रिया भी पूरी कर ली गई थी.
अरशद नदीम को ट्रेनिंग के लिए दक्षिण अफ्रीका भेजा गया था लेकिन दो महीने से भी कम समय में यह ट्रेनिंग किसी भी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता की तैयारी के लिए अपर्याप्त थी.
इस समय पाकिस्तान ओलंपिक एसोसिएशन, पाकिस्तान एथलेटिक्स फ़ेडरेशन और पाकिस्तान स्पोर्ट्स बोर्ड के त्रिपक्षीय रस्साकशी की वजह से अरशद नदीम और उनके जैसे कई खिलाड़ी अनिश्चितता का शिकार हैं और उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि वो किसकी ओर देखें.
पाकिस्तान ओलंपिक एसोसिएशन ने एथलेटिक्स फ़ेडरेशन को निलंबित कर दिया है, जबकि पाकिस्तान स्पोर्ट्स बोर्ड को इस बात पर कड़ी आपत्ति है कि पाकिस्तान ओलंपिक एसोसिएशन अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में उन खेलों को भी अपने दस्ते में शामिल कर रहा है जिनमें अच्छे परिणाम की उम्मीद नहीं है.
दूसरी ओर, स्पोर्ट्स हलकों को भी पाकिस्तान स्पोर्ट्स बोर्ड की भूमिका पर आपत्ति है कि वह खिलाड़ियों की ट्रेनिंग के संबंध में अपनी ज़िम्मेदारियों को पूरा करने में असमर्थ है.
ध्यान रहे कि राष्ट्रमंडल खेलों से पहले पाकिस्तान एथलेटिक फ़ेडरेशन के अध्यक्ष मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) अकरम शाही ने अरशद नदीम के साथ किसी कोच को न भेजने के लिए पाकिस्तान ओलंपिक एसोसिएशन को ज़िम्मेदार बताया था.
भविष्य के इरादे
अरशद नदीम ने 90.18 मीटर के थ्रो के साथ कॉमनवेल्थ गेम्स का नया रिकॉर्ड बनाया है, लेकिन वह और आगे जाना चाहते हैं.
बीबीसी से बात करते हुए, अरशद नदीम का कहना है, कि अगर कोहनी और घुटने की समस्या नहीं होती तो वह राष्ट्रमंडल खेलों में 95 मीटर तक थ्रो कर सकते थे.
अरशद नदीम का कहना है कि राष्ट्रमंडल खेलों के बाद उनकी कोशिश है कि वो विश्व रिकॉर्ड भी अपने नाम करें.
याद रहे कि जेवलिन थ्रो का विश्व रिकॉर्ड चेक गणराज्य के यान ज़ेलेनी के नाम है, जिन्होंने साल 1996 में जर्मनी में होने वाले मुक़ाबलों में 98.48 मीटर की दूरी पर जेवलिन थ्रो किया था. (bbc.com)
नई दिल्ली, 9 अगस्त | बमिर्ंघम राष्ट्रमंडल खेलों में अपने शानदार प्रदर्शन के बाद भारतीय एथलीटों ने भारत वापसी करना शुरू कर दिया है। सोमवार रात से यहां पहुंचने वालों में अमित पंघाल के नेतृत्व में मुक्केबाजी दल, एथलेटिक्स और कुश्ती टीमें और पैरा पावरलिफ्टर्स शामिल हैं, जो गांधीनगर में अपने भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के आधार पर लौट आए हैं।
दीपक पुनिया, साक्षी मलिक और पूरी कुश्ती दल के लिए यह यादगार वापसी थी, जब वे यहां पहुंचे, तो प्रसिद्ध पहलवानों को आगमन लाउंज में प्रवेश करते ही भीड़ ने घेर लिया।
भारतीय खेल प्राधिकरण ने एक फोटो ट्वीट किया, जिसमें प्रशंसकों द्वारा हवाई अड्डे के लाउंज में खिलाड़ियों को माला पहनाए जाने का वीडियो है। उन्होंने लिखा, "हमारे धाकड़ पहलवान वापस आ गए हैं। भारतीय कुश्ती दल हैसटैग कॉमनवेल्थ गेम्स2022 में शानदार प्रदर्शन के बाद वापस आ गया है। आइए उन्हें अपनी शुभकामनाओं के साथ बधाई दें।"
स्वर्ण पदक विजेता मुक्केबाज अमित पंघाल के नेतृत्व में मुक्केबाजी दल भी सोमवार को तड़के जोरदार स्वागत के लिए पहुंचे, जिसमें साईं ने ट्वीट किया, "भारतीय मुक्केबाजी दल, हैसटैग कॉमनवेल्थगेम्स2022 में धैर्य, शक्ति, तप और ²ढ़ संकल्प के शानदार प्रदर्शन के बाद घर वापसी। अपनी शुभकामनाओं के साथ उनका स्वागत करने में हमारे साथ शामिल हों।
बमिर्ंघम में समापन समारोह होने के समय कुश्ती, मुक्केबाजी और एथलेटिक्स दल भारत पहुंचे। भारतीय ओलंपिक संघ ने शुरू में समापन समारोह के दौरान एक शीर्ष पहलवान और एक मुक्केबाज को ध्वजवाहक के रूप में शामिल करने की योजना बनाई थी, लेकिन उनके कार्यक्रम जल्दी समाप्त हो गए।
आयोजन में भारत के प्रतिष्ठित टेबल टेनिस खिलाड़ी अचंता शरथ कमल और मुक्केबाज निकहत जरीन ने समापन के दिन सम्मान किया। हॉकी, बैडमिंटन और टेबल टेनिस टुकड़ियों के मंगलवार को लौटने की उम्मीद है। (आईएएनएस)|
बी श्रीकांत
बर्मिघम, 9 अगस्त | दुनिया की टॉप ऑस्ट्रेलिया हॉकी टीम जब आक्रमण करती और दबाव बनाती है, तो दूसरी टीमों के लिए वापसी करना मुश्किल हो जाता है। इस पर भारतीय टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह ने कहा कि उन्हें ऑस्ट्रेलियाई टीम पर अधिक दबाव बनाकर अच्छी तरह से बचाव करना चाहिए था, ताकि पलटवार के अवसर पैदा हो सकें।
मनप्रीत ने यहां बर्मिघम कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 के फाइनल में भारत के 7-0 से हारने के बाद उनकी टीम के बारे में जानकारी दी कि उनकी टीम क्या अच्छा कर सकती थी।
मनप्रीत सिंह ने कहा, "हमें आगामी टूर्नामेंटों में ऑस्ट्रेलियाई टीम पर अधिक दबाव बनाने की जरूरत है। जब वे एक तरफ से आक्रमण कर रहे थे, तो हम दूसरे फ्लैंक को खोल सकते थे, मिडफील्डर को और अधिक गेंदें आगे बढ़ानी चाहिए थीं और हमें पहले से अधिक मौके बनाने चाहिए थे।"
विवेक सागर प्रसाद और स्वयं मनप्रीत की अनुपस्थिति में भारतीय मिडफील्ड पूरी पर दबाव पड़ गया था।
मनप्रीत ने कहा कि वे मैच की रिकॉर्डिग का अध्ययन करेंगे और उन क्षेत्रों की पहचान करेंगे जिनमें सुधार की जरूरत है।
उन्होंने कहा, "यह अभी भी वास्तव में एक अच्छी टीम है। बहुत सारे खिलाड़ी युवा हैं, इसलिए (उन्हें) बस अधिक अनुभव की जरूरत है। यह वह अनुभव है जो हमें अभी दुनिया की सर्वश्रेष्ठ हॉकी टीम से मिल रहा है, इसलिए हमें सिर्फ सीखने की जरूरत है।"
मनप्रीत ने कहा कि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि मैच एकतरफा होगा। हमें इसकी उम्मीद नहीं थी, हम यहां करीबी मुकाबले की उम्मीद में आए थे। हमने अच्छी तैयारी की थी और फाइनल तक टूर्नामेंट में अच्छा खेला, इसलिए कोई दबाव नहीं था।"
भारत 2010 में राष्ट्रमंडल गेम्स के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से 8-0 से और 2014 के फाइनल में 4-0 से हार गया था। भारत को टोक्यो ओलंपिक के पूल मैच में 1-7 से हराने और सोमवार को 7-0 से हार के साथ, क्या भारत ऑस्ट्रेलिया के लिए एक आसान टीम बन गई है?
मनप्रीत ने कहा कि ऐसा नहीं है और उनके खिलाफ ऑस्ट्रेलिया के अच्छे दिन रहे हैं। आज का दिन हमारे लिए अच्छा नहीं था।(आईएएनएस)|
मुंबई, 9 अगस्त | भारत के पूर्व क्रिकेटर संजय मांजरेकर ने कहा है कि वेस्टइंडीज को उनके घर में हराना रोहित शर्मा की टीम के लिए बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि मेहमानों को कैरेबियन में जो हासिल हुआ है उस पर उन्हें गर्व होना चाहिए। हाल ही में, भारत ने तीन मैचों की वनडे सीरीज में क्लीन स्वीप करने के बाद वेस्टइंडीज को टी20 सीरीज में 4-1 से हरा दिया।
उन्होंने कहा, "वेस्टइंडीज एक अच्छी टीम है और उनके खिलाड़ी काफी अच्छे हैं। खैर, आप जानते हैं कि वेस्टइंडीज टी-20 क्रिकेट में कितनी खतरनाक टीम है। इसलिए, भारत ने जिस तरह से पांच टी20 में जीत हासिल की है वह गर्व की बात है।"
क्रिकेटर से कमेंटेटर बने मांजरेकर ने टी20 सीरीज के दौरान भारत द्वारा किए गए प्रयोगों की भी प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने प्रयोगों के साथ काम किया जो कि आगे चलकर बहुत अच्छा होगा।
मांजरेकर ने आगे ऑस्ट्रेलिया में टी20 विश्व कप टीम में जगह पाने के लिए अर्शदीप सिंह और आवेश खान के बीच प्रतियोगिता के बारे में बात की।
उन्होंने कहा, "ऑस्ट्रेलिया में होने वाले टी20 विश्व कप में भारतीय टीम में जगह बनाने के लिए एक अच्छी दौड़ चल रही है। यही वह जगह है जहां मुझे लगता है कि आपको कहना होगा कि अर्शदीप सिंह ने आवेश खान को पीछे छोड़ दिया है। आवेश खान उनसे थोड़ा पीछे है और यह कुछ ऐसा है जो बहुत दिलचस्प है।" (आईएएनएस)|
मुंबई, 9 अगस्त | भारत के पूर्व कप्तान और बीसीसीआई की चयन समिति के पूर्व अध्यक्ष क्रिस श्रीकांत 27 अगस्त से संयुक्त अरब अमीरात में होने वाले एशिया कप के लिए अक्षर पटेल को टीम में अतिरिक्त खिलाड़ी के रूप में रखे जाने से नाखुश हैं। उन्होंने कहा कि इस बात से पटेल को काफी दुख होगा कि वह भारतीय टीम में जगह ना बना पाए। हाल ही में वेस्टइंडीज के खिलाफ वनडे सीरीज में क्लीन स्वीप में शानदार पारी खेली और महत्वपूर्ण विकेट लिए।
अक्षर को 15 सदस्यीय टीम से बाहर करने के अलावा, श्रीकांत ने महसूस किया कि सोमवार को देर से घोषित की गई टीम बहुत अच्छी है, हालांकि तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी को भी गेंदबाजी विभाग में होना चाहिए था।
श्रीकांत ने स्टार स्पोर्ट्स के शो फॉलो द ब्लूज पर कहा, "मुझे लगता है कि टीम बहुत अच्छी है लेकिन मुझे लगता है कि हमें एक और मध्यम तेज गेंदबाज की आवश्यकता होगी। हम एक मध्यम तेज गेंदबाज के साथ जा रहे हैं। दो कलाई के स्पिनर ठीक हैं। मुझे अक्षर पटेल के लिए अफसोस है कि वह चूक गए हैं। मैं दीपक हुड्डा को टीम में शामिल करने को लेकर बहुत खुश हूं।"
उन्होंने कहा, "दीपक हुड्डा के बारे में मुझे जो पसंद है वह अच्छे स्ट्राइक रेट से खेलते हैं। यह टीम एक शानदार टीम है। ऑस्ट्रेलिया की परिस्थितियों में अक्षर भी काफी असरदार साबित हो सकते थे। मैं सिर्फ एशिया कप के लिए नहीं कह रहा हूं, लेकिन हां, यह आईसीसी टी20 विश्व कप के लिए भी एक ब्लू प्रिंट होना चाहिए।"
श्रीकांत ने यह भी महसूस किया कि तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी को एशिया कप के लिए टीम का हिस्सा होना चाहिए था।
उन्होंने कहा, "अगर मैं चयन समिति का अध्यक्ष होता मेरी टीम में, शमी सचमुच होते। मुझे लगता है कि रवि बिश्नोई की जगह शमी को शामिल करता। लेकिन मुझे अभी भी विश्वास है कि मेरी टीम में अक्षर पटेल एक गंभीर दावेदार थे।"
भारत के पूर्व विकेटकीपर और पूर्व मुख्य चयनकर्ता किरण मोरे ने महसूस किया कि एशिया कप ने विराट कोहली को टी20 विश्व कप से पहले फॉर्म में वापस आने का एक बड़ा मौका दिया है।
उन्होंने कहा, "मैं अर्शदीप सिंह के लिए भी खुश हूं। वह आईपीएल और वेस्टइंडीज के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन किया है, जहां वह प्लेयर ऑफ द सीरीज थे। हमे एक बाएं हाथ के गेंदबाज की तलाश थी, जो हमने अर्शदीप सिंह में पाया है।" (आईएएनएस)|
-विधांशु कुमार
बर्मिंघम में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में भारतीय टीम का प्रदर्शन शानदार रहा है लेकिन जिस खेल ने करोड़ों चाहने वालों को बांधकर रखा और इन खेलों में टीम ने अपना पहला मेडल जीता वो था क्रिकेट. टूर्नामेंट के पहले मैच में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को तीन विकेट से हराकर झटका दिया. लेकिन इसके बाद भारतीय टीम नए हौसले के साथ खेली और दूसरी टीमों को कोई मौक़ा नहीं दिया.
अपने दूसरे मैच में भारत ने पाकिस्तान को 18 ओवरों मे. महज़ 99 रनों पर रोक दिया. भारत ने ये लक्ष्य आसानी ले आठ विकेट रहते हासिल कर लिया जिसमें स्मृति मंधाना के ताबड़तोड़ 63 रनों का अहम योगदान रहा.
भारत को बारबाडोस के खिलाफ़ भी आसान जीत मिली लेकिन इंग्लैंड को हराकर टीम में टूर्नामेंट जीतने का जज़्बा और मज़बूत हो गया. इंग्लैंड के 160 के बड़े स्कोर का सफल पीछा टीम ने 5 विकेट रहते कर लिया जिसमें एक बार फिर मंधाना के 61 और रॉड्रिग्स के 44 रनों की बड़ी भूमिका रही.
भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने ज़बरदस्त खेल दिखाते हुए फ़ाइनल में प्रवेश किया जहां उन्हें ऑस्ट्रेलिया के हाथों हार मिली. फ़ाइनल में लग रहा था कि भारतीय टीम आगे चल रही है और उन्हें ही जीत मिलेगी लेकिन अनुभवी ऑस्ट्रेलिया को एक मौक़ा मिला और उन्होंने भारत को सिल्वर मेडल पर ही रोक दिया.
भारत की इस हार पर टीम के साथ साथ कई और लोगों के आंसू निकल आए लेकिन फिर भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर पूर्व क्रिकेटरों तक ने इन खिलाड़ियों को शाबासी दी.
पीएम ने ट्वीट कर कहा कि 'क्रिकेट और भारत को अलग नहीं किया जा सकता. हमारी लड़कियों की टीम ने पूरे टूर्नामेंट में शानदार खेल दिखाया और सिल्वर मेडल जीता.'
वहीं पूर्व खिलाड़ी जैसे सौरव गांगुली, पार्थिव पटेल और इरफ़ान पठान ने भी टीम की जमकर तारीफ़ की. दरअसल ये एक ऐसा टूर्नामेंट था जहां भारतीय टीम किसी एक-दो स्टार खिलाड़ियों की मदद से नहीं जीती बल्कि टीम के सभी खिलाड़ियों ने कही ना कहीं योदगान जरूर दिया.
जब भारतीय महिला क्रिकेट कप्तान को कोच ने जड़ दिया था थप्पड़
इस पूरे टूर्नामेंट में भारतीय टीम ने आक्रामक क्रिकेट के खेल का परिचय दिया. चाहे वो बैटिंग हो या फ़ील्ड प्लेसमेंट, भारतीय टीम का रूख अग्रेसिव ही रहा.
अगर बैटिंग की बात करें तो स्मृति मंधाना का स्ट्राइक रेट उन सभी बल्लेबाज़ों से ज्यादा रहा जिन्होंने टूर्नामेंट में 100 से ज्यादा रन बनाए. मंधाना ने 5 पारियों में 39.75 के औसत से 159 रन बनाए जिसमें उनका स्ट्राइक रेट 151.42 का रहा.
वहीं शेफ़ाली वर्मा ने 144 की स्ट्राइक रेट से 133 रन बनाए. कप्तान हरमनप्रीत ने 4 पारियों में 134 रन बनाए जे रॉड्रिग्स ने 73 के औसत से 146 रन बनाए जिसमें 56 नाबाद की पारी शामिल थी.
ये रिकॉर्ड्स बताते हैं कि भारतीय टॉप ऑर्डर ने खुलकर बल्लेबाज़ी की और तेज़ रन बनाकर विपक्षी टीम के गेंदबाज़ों पर दबाव बढ़ाया.
यही नहीं, टीम ने विरोधी टीम के स्लेजिंग का जवाब भी लगातार दिया. इय तरह टीम ने दिखा दिया की ये नई इंडिया की टीम है जो किसी के आगे झुकेगी नहीं.
इस टूर्नामेंट में एक और क्षेत्र जहां भारतीय महिलाओं ने प्रभावित किया वो था फ़ील्डिंग. चाहे वो आउटफ़ील्डिंग हो या फिर कैच पकड़ना, टीम ने शायद ही कोई ग़लती की.
ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ फ़ाइनल में राधा यादव ने दो विकेट अकेले अपने फ़ील्डिंग के दम पर लिए.
खेल के 11वें ओवर में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया की लैनिंग को शानदार तरीके से नॉन स्ट्राइकर एंड पर रन आउट किया. पहले तो उन्होंने स्ट्राइकर बल्लेबाज़ मूनी के तेज़ शॉट को रोका और फिर अपनी टांगो के बीच से गेंद को स्टंप्स पर रिवर्स फ्लिक कर फेंका जिससे लैनिंग रन आउट हो गई क्योंकि उनका बल्ला हवा में था.
अगले ही ओवर में उन्होंने पॉइंट पर फ़ुल लेंथ डाइव कर टाहिला मैक्ग्रॉ का ज़बरदस्त कैच लपका.
टूर्नामेंट में उनके अलावा दूसरे फ़ील्डर्स ने भी अपने दम पर मैच का रूख बदला. टूर्मानेंट में सबसे ज्यादा कैच लेने की लिस्ट में दीप्ति शर्मा और राधा यादव 4-4 कैचों के साथ सबसे उपर रहीं.
वहीं टूर्नामेंट में बॉलिंग की बात करें तो रेणूका सिंह विकेट लेने वाले खिलाड़ियों की सूची में सबसे उपर रहीं. उन्होंने 9.45 की औसत से 11 विकेट लिए. रेणूका ने दो बार पारी में 4-4 विकेट लिए जिसमें ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ़ लीग मैच भी शामिल था. वहीं ऑफ़ स्पिनर स्नेह राणा ने 12 की औसत से 8 विकेट लिए और मैकग्रा के साथ संयुक्त रूप से दूसरे नंबर पर रहीं.
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ़ फाइनल में भारत को 162 रन का टारगेट मिला. शेफाली वर्मा ने पहले ही ओवर से चोकौं की झड़ी लगा दी लेकिन कहीं न कहीं यही आक्रामकता टीम को ले डूबी. मंधाना एक गलत शॉट खेलते हुए आउट हुई.
भारत ने जल्दी दो विकेट और खो दिए लेकिन पारी को संभाला कप्तान हरमनप्रीत और रॉड्रिग्स ने.
दोनों ने 96 रनों की पारी की और जब साझेदारी टूटी तब टीम को 34 गेंदों में 44 रन बनाने थे और 7 विकेट हाथ में थे.
लेकिन गार्ड्नर की ओवर में भारत ने पूजा वस्त्रारकर और हरमनप्रीत का विकेट खो दिया और इसके बाद टीम संभल नहीं सकी. एक समय स्कोर का सफल पीछा करने के काबिल दिखने वाली टीम इंडिया 9 रनों से मैच हार गई.
पूर्व भारतीय क्रिकेटर इरफ़ान पठान ने भी ट्वीट किया कि उन्हें लगा था मैच भारतीय टीम के हाथ में हैं जिसे उन्होंने गंवा दिया, फिर भी सिल्वर मेडल लाना कोई छोटी बात नहीं है.
पूर्व कप्तान मोहम्मद अज़हरुद्दीन ने ट्वीट किया कि भारतीय टीम ने बेहद खराब बैटिंग की और जीता हुआ मैच हार गई.
भारतीय टीम फाइनल मैच तो हार गई लेकिन सोशल मीडिया पर लोगों ने टीम की खूब तारीफ़ की.
फ़ाइनल से पहले भारतीय टीम की कप्तान हरमनप्रीत ने कहा था कि अगर टीम गोल्ड जीत जाती है तो भारतीय महिला क्रिकेट का भविष्य बदल जाएगा.
हालांकि टीम गोल्ड नहीं जीत सकी लेकिन खेल में ये भी बड़ी सीख है कि किस तरह मैच पर पकड़ बनाए रखना होता है और जो बल्लेबाज़ सेटल होकर खेल रहे हैं उनकी जिम्मेदारी मैच जिताने की होती है.
भारतीय टीम की खिलाड़ियों ने दिखाया है कि वो फास्ट लर्नर्स है.
ऑस्ट्रेलिया ने वनडे वर्ल्ड कप, 20-20 विश्व कप और अब कॉमनवेल्थ गेम्स का गोल्ड जीतकर साबित कर दिया है कि वो दुनिया की नंबर एक टीम है. भारतीय टीम की निगाहें कंगारुओं को इसी गद्दी से उतारने की है. (bbc.com)
(तपन मोहंता)
बर्मिंघम, 9 अगस्त। भांगड़ा की थाप से लेकर 'अपाचे इंडियन' के दमदार प्रदर्शन नं यहां के अलेक्जेंडर स्टेडियम में राष्ट्रमंडल खेलों के समापन समारोह में अपने रंग बिखेरे जिसके साथ ही चार साल बाद ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया में मिलने के वादे के साथ खिलाड़ियों ने 11 दिन तक चले इन खेलों को अलविदा कहा।
बर्मिंघम खेलों में 72 देशों के 4500 से अधिक खिलाड़ियों ने भाग लिया। भारत ने कुल 61 पदक जीते जो चार साल पहले गोल्ड कोस्ट में खेले गए राष्ट्रमंडल खेलों से पांच कम हैं।
परंपरा के अनुसार राष्ट्रमंडल खेल महासंघ का ध्वज उतार कर ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया राज्य को सौंपा गया जो 2026 में राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी करेगा। प्रिंस एडवर्ड ने बर्मिंघम 2022 खेलों के समापन की घोषणा की और 2026 राष्ट्रमंडल खेलों के लिए ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया राज्य को औपचारिक निमंत्रण सौंपा।
उन्होंने कहा, ‘‘आपने हमें प्रेरित किया और संभवतः आने वाली पीढ़ियों को भी। आपने दिखाया कि क्या चीज हमें एकजुट कर सकती है। हमारी संरक्षक महारानी की तरफ से मैं बर्मिंघम 2022 खेलों के समापन की घोषणा करता हूं।’’
खेलों के समापन की घोषणा के साथ ही बर्मिंघम का आकाश आतिशबाजी से नहा गया।
समापन समारोह का आकर्षण भांगड़ा और भारतीय मूल के गायक स्टीवन कपूर रहे जो ‘अपाचे इंडियन’ के नाम से मशहूर हैं। उनके दिलकश प्रदर्शन ने दर्शकों का मन मोह दिया।
‘अपाचे इंडियन’ के प्रदर्शन के बाद मॉडल नीलम गिल ने अपनी प्रस्तुति दी। इस बीच खचाखच भरे स्टेडियम में संगीत समूह पंजाबी एमसी ‘मुंडिया तू बच के’ गीत बजा रहा था।
संगीत के दिग्गज गोल्डी और बेवर्ली नाइट ने अपने प्रदर्शन से दर्शकों को रोमांचित किया। ट्रांसजेंडर ब्रिटिश मॉडल तलुलाह ईव ने नए रोमांटिक युग और बर्मिंघम समलैंगिक संस्कृति के बारे में बताया।
संगीत कार्यक्रम के बाद राष्ट्रमंडल खेल महासंघ के अध्यक्ष डेम लुईस मार्टिन और बर्मिंघम 2022 के सीईओ मार्टिन ग्रीन ने विदाई भाषण दिए।
मार्टिन ने कहा, ‘‘समापन समारोह बेजोड़ राष्ट्रमंडल खेलों का उत्कृष्ट जश्न रहा जिसमें बर्मिंघम के सर्वश्रेष्ठ को प्रदर्शित किया गया। हम 11 दिन तक चले राष्ट्रमंडल खेलों के अभूतपूर्व आयोजन का गवाह रहे और समापन समारोह इस विशेष प्रतियोगिता का शानदार अंत रहा।’’
स्टार महिला मुक्केबाज निकहत जरीन और अनुभवी टेबल टेनिस खिलाड़ी अचंता शरत कमल ने भारतीय दल का नेतृत्व किया लेकिन भारतीय खिलाड़ी बड़ी कम संख्या में यहां पहुंचे थे।
भारतीय दल के स्टेडियम में पहुंचते ही संगीत समूह पंजाबी एमसी ने ‘मुंडिया तू बच के’ बजाना शुरू कर दिया जिस पर खिलाड़ी भी थिरकने लगे। (भाषा)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 8 अगस्त। ओलंपिक भाला फेंक में भारत को गोल्ड मेडल दिलाने वाले नीरज चोपड़ा के सम्मान में 7 अगस्त को राष्ट्रीय भाला फेंक दिवस फॉरेस्ट ग्राउंड महासमुंद में जिला स्तरीय एथलेटिक्स चयन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें लगभग 100 खिलाडिय़ों ने भाग लिया।
भाला फेंक प्रतियोगिता में 16 वर्ष से कम 18 वर्ष से कम 20 वर्ष से कम 23 वर्ष से कम और पुरुष वर्ग के खिलाडिय़ों में महिला खिलाडिय़ों ने हिस्सा लिया, जिसमें 16 वर्ष से कम उम्र में वीरू कुशवाहा प्रथम, दीपेश दीवान द्वितीय 18 वर्ष से कम में कमलेश गीत लहरी प्रथम पूरणमल यादव द्वितीय 20 वर्ष से कम उम्र में रज्जू साहू प्रथम निहाल निषाद द्वितीय 23 वर्ष से कम उम्र में नंद कुमार दीवान प्रथम पुरुष वर्ग में अरुण कुमार प्रथम मुकेश ठाकुर द्वितीय रहे। महिला वर्ग में भारती सोनवानी प्रथम ममता पटेल द्वितीय स्थान प्राप्त किये।
जिला स्तरीय चयन ट्रायल में सबसे कम उम्र में 300 मीटर दौड़ में लक्ष्मीकांत सेन प्रथम गजेंद्र ठाकुर द्वितीय, हरीश ठाकुर तृतीय 800 मीटर दौड़ में जितेन निषाद, लंबी कूद में नोमेश चंद्राकर प्रथम मुकेश मुकेश धुव रहे।
बर्मिंघम, 8 अगस्त । भारत के लक्ष्य सेन ने बर्मिंघम में चल रहे राष्ट्रमंडल खेलों में गोल्ड मेडल जीत लिया है. बैडमिंटन में पुरुष सिंगल्स के फ़ाइनल में लक्ष्य सेन ने मलेशिया के ज़ी योंग एनजी को तीन गेम्स तक चले मैच में मात दी.
भारत के लक्ष्य सेन पहला गेम एक कड़े और रोमांचक मुक़ाबले में 21-19 से हार गए थे.
लेकिन दूसरे गेम में शानदार वापसी करते हुए उन्होंने 21-9 से जीत हासिल की. फिर तीसरे गेम में उनका लय देखते ही बनता था. उन्होंने तीसरा गेम 21-16 से जीतते हुए गोल्ड जीत लिया.
कुछ देर पहले ही भारत की पीवी सिंधु ने महिला सिंगल्स में गोल्ड मेडल जीता था. 20 वर्षीय लक्ष्य सेन ने पिछले साल वर्ल्ड चैम्पियनशिप में पुरुष सिंगल्स मुक़ाबले में कांस्य पदक जीता था. (bbc.com/hindi)