सरगुजा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अम्बिकापुर,10 सितंबर। अंबिकापुर नगर में विघ्नहर्ता श्री गणेश अलग-अलग पंडालों और श्रद्धालुओं के घरों में शुक्रवार को विराजे। पिछले वर्ष कोरोना महामारी के कारण जहां सीमित जगह गणेश जी विराजे थे तो वहीं इस वर्ष अंबिकापुर में महामारी के कई दिनों से जीरो केस आने से श्रद्धालुओं में काफी उत्साह है।
श्रद्धालु ढोल नगाड़े और डीजे की धुन पर गणेश जी का स्वागत करते हुए पंडाल व घरों में स्थापित किए है।10 दिनों तक पूर्जा अर्चना के बाद उन्हें विसर्जित कर दिया जाएगा।अम्बिकापुर में विभिन्न स्थानों पर सामूहिक पंडाल में श्री गणेश जी विराजमान हुए।19 सितंबर को अनंत चतुर्दशी पर गणेश विसर्जन किया जाएगा।
पुराणों के मुताबिक, भगवान गजानन का जन्म भाद्रपद महीने के शुक्लपक्ष की चतुर्थी तिथि को मध्याह्न काल यानी दोपहर में हुआ था, जो इस बार दोपहर 12.20 से 01.20 तक है। इसलिए विद्वानों ने इसी समय गणेश स्थापना करने पर जोर दिया है। इसके साथ ही गणेश चतुर्थी पर मूर्ति स्थापना के लिए दिनभर में 4 शुभ मुहूर्त हैं। पुराणों और ज्योतिष ग्रंथों के मुताबिक, सूर्यास्त के बाद मूर्ति स्थापना नहीं की जाती है, लेकिन इस दिन गोधूलि मुहूर्त में गणेश स्थापना शुभ मानी गई है। कुछ लोग शुभ चौघडिय़ा में स्थापना और पूजा करते हैं। उनके लिए मुहूर्त सुबह 6.10 से 10.40 तक (चर, लाभ और अमृत) दोपहर 12.25 से 1.50 तक (शुभ) शाम 05 से 6.30 तक (चर) के समय पूजा अर्चना कर सकते हैं।