धमतरी
सीएम ने वैद्यराज सम्मेलन में की शिरकत
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नगरी, 12 सितंबर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वनांचल नगरी विकासखण्ड की ग्राम पंचायत डोंगरडुला के ग्राम कोटाभर्री स्थित कोटेश्वर धाम में ऋषि पंचमी के मौके पर आयोजित पारंपरिक वैद्यराज सम्मेलन में शिरकत की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कोटेश्वर धाम में औषधीय पौधों का प्रसंस्करण एवं प्रशिक्षण केन्द्र खोलने की घोषणा की।
उक्त परिसर में संतों एवं पर्यटकों के लिए अतिथि-गृह, कोटेश्वर धाम क्षेत्र में सौर ऊर्जा से विद्युत एवं पेयजल की व्यवस्था करने, सातधारा पर स्टॉप डैम, यज्ञशाला में शेड निर्माण, कोटेश्वर धाम में चार हेक्टेयर रकबा के लिए सामुदायिक वन अधिकार मान्यता पत्र प्रदान करने की घोषणा की तथा बेलरगांव को तहसील का दर्जा देने कलेक्टर पी.एस. एल्मा को प्रस्ताव तैयार कर भेजने के निर्देश दिए। इसके अलावा स्थानीय सरपंच की मांग पर धान खरीदी केन्द्र खोलने की भी घोषणा मुख्यमंत्री ने की।
उन्होंने कहा कि आदिकाल से वैद्य जड़ी-बूटियों से इलाज करते आए हैं तथा धमतरी जिला औषधीय महत्व के पौधों से लबरेज है। मुख्यमंत्री ने सम्मेलन में राज्य भर से पधारे वैद्यों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि जिस तरह से घर की बाड़ी में सब्जी-भाजी उगाई जाती है, पारंपरिक वैद्यराज भी बाड़ी में औषधीय युक्त पौधे लगाएं, जिससे कि जड़ी बूटी संकलन एवं संग्रहण की उपयुक्त सुविधा मुहैया हो सके और वैद्य-बाड़ी बनाने के लिए उन्हें शासन से अनुदान भी दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे जंगल में बहुत से औषधीय पौधे हैं, इनका ज्ञान वैद्यराजों को है, उसे लिपिबद्ध किया जा सके तो आने वाली पीढिय़ों को भी इसका लाभ पहुंचेगा। इसी के मद्देनजर रायपुर स्थित मेडिकल कॉलेज में आज से दो साल पहले दो हजार से अधिक वैद्यराजों का सम्मेलन किया गया था। उनके ज्ञान को संग्रहित करने का काम छत्तीसगढ़ आदिवासी, स्थानीय स्वास्थ्य परम्परा एवं औषधि पादप बोर्ड ने किया और आज के कार्यक्रम में बोर्ड द्वारा तैयार दैनंदिनी वैद्यराजां को वितरित की गई।
गौरतलब है कि नगरी के कोटेश्वर धाम में शंभू शक्ति स्वास्थ्य सामाजिक सेवा संस्थान और आदिवासी परंपरागत प्रमाणित वैद्यराज प्रदेश संघ के संयुक्त तत्वावधान में शनिवार से 13 सितंबर तक पहली बार प्रदेश के पंजीकृत वैद्य ऋषि पंचमी के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे हैं, जिसमे प्रदेश के मुखिया ने भी शिरकत की। इस मौके पर सबसे पहले मुख्यमंत्री ने कोटेश्वर धाम में स्थित हवन कुण्ड में पूजा-अर्चना कर प्रदेश की तरक्की और खुशहाली की प्रार्थना की। इसके बाद वे मंचीय कार्यक्रम में पहुंचे, जहां पारम्परिक वैद्यों के द्वारा सुमरनी गीत से साथ मुख्यमंत्री का अभिवादन किया गया।
मंचीय कार्यक्रम में विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज मंडावी ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में आमजनों के कल्याण के लिए पूरी लगन से प्रयास किया जा रहा है। बात चाहें उपभोक्ताओं के लिए बिजली बिल हाफ योजना हो या फिर किसानों की कर्ज माफी हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार छत्तीसगढ़ महतारी के लिए पूर्णत: समर्पित है। इस मौके पर मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा ने कहा कि हिमालय की पहाडिय़ों और छत्तीसगढ़ के जंगलों में सबसे शुद्ध औषधीय महत्व के पौधे पाए जाते हैं। आज कोटेश्वर धाम में पूजा के दौरान उन्होंने पाया कि 60-62 प्रकार की जड़ी-बूटियां यहां उपलब्ध है।
कार्यक्रम में मध्यक्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष और सिहावा विधायक डॉ. लक्ष्मी धु्रव ने कहा कि प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री बघेल के नेतृत्व में सदैव जनकल्याण के लिए तत्पर है। इसके पहले, वरिष्ठ नागरिक शरद लोहाणा ने स्वागत भाषण दिया। कार्यक्रम में संसदीय सचिव चंद्रदेव राय, नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल, प्रदेश दुग्ध महासंघ के अध्यक्ष विपिन साहू, महापौर विजय देवांगन, जिला पंचायत उपाध्यक्ष नीशु चंद्राकर, वरिष्ठ नागरिक मोहन लालवानी, पूर्व सिहावा विधायक अंबिका मरकाम, आईजी डॉ. आनंद छाबड़ा, एसपी प्रफुल्ल ठाकुर, डीएफओ सतोविशा समाजदार सहित वैद्यराज, नागरिक और ग्रामीण उपस्थित रहे।