दन्तेवाड़ा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दंतेवाड़ा, 13 सितम्बर। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के निर्देशानुसार 11 सितम्बर को जिला एवं सत्र न्यायालय दंतेवाड़ा, किशोर न्याय बोर्ड दंतेवाड़ा, सुकमा, बचेली, बीजापुर के व्यवहार न्यायालय में तथा तीनों राजस्व जिला दंतेवाड़ा, सुकमा एवं बीजापुर के राजस्व न्यायालयों में एक साथ नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश अब्दुल जाहिद कुरैशी के निर्देशानसार इस लोक अदालत के लिए कुल 9 खण्डपीठ का गठन किया गया था। इसमें प्री-लिटिगेशन के बैंक, विद्युत, नलजल, बीएसएनएल के कुल 1583, नियमित मामले कुल 435 तथा राजस्व न्यायालयों में 2633 प्रकरण निराकरण हेतु रखे गए, जिनमें से प्री-लिटिगेशन के कुल 210, नियमित के कुल 282 तथा राजस्व न्यायालयों के 2448 मामलों का निराकरण करते हुए कुल 2 करोड़ 42 लाख 23 हजार 251 रूपये का अवार्ड पारित किया गया।
उक्त लोक अदालत वर्चुअल एवं भौतिक दोनों रूप में आयोजित की गयी। नेशनल लोक अदालत में मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण दंतेवाड़ा के खण्डपीठ कमांक 1 के पीठासीन जिला एवं सत्र न्यायाधीश अब्दुल जाहिद कुरैशी के न्यायालय के दावा प्रकरण क्रमांक 21/2021 पक्षकार बोकली भीम व अन्य दो विरुद्ध एम. रमेश बाबू व अन्य दो के मामले के निराकरण के दौरान राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली से माननीय न्यायमूर्ति सर्वोच्च न्यायालय एवं कार्यपालक अध्यक्ष यू.यू. ललित छग राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर से कार्यवाहक मुख्य न्यायाधिपति एवं कार्यपालक अध्यक्ष माननीय श्री प्रशांत कुमार मिश्रा वर्चुअल मोड से विडियो कान्फ्रेंसिंग से जुड़े थे तथा इस कार्यवाही के दौरान मामले के सुलह समझौता हेतु न्यायालय में उपस्थित पक्षकार हिन्दी नहीं जानते थे इसलिए गोंडी बोली के हिन्दी में अनुवादक दिनेश नेताम से भी जानकारी ली गई तथा राजीनामा हेतु एवार्ड राशि कुल 12 लाख रुपये के अधिनिर्णय से भी मुख्य न्यायाधिपति को अवगत कराया गया।
इस अवसर पर वर्चुअल मोड में छ.ग. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के मेम्बर सेकेटरी सिद्धार्थ अग्रवाल भी जुड़े।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश दंतेवाड़ा के न्यायालय से ही एक अन्य मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण के प्रकरण क्रमांक 41/2021 पक्षकार चुला बजाग व अन्य एक विरुद्ध संतोष पटेल व अन्य दो का मामला लंबित था। इस मामले का निराकरण कुछ इस तरह से किया गया कि अत्यधिक बारिश होने और मार्ग में मिलने वाले नाले में पानी भर जाने के कारण और आवेदकगण के न्यायालय में उपस्थित होने में असमर्थ होने के कारण जिला न्यायाधीश द्वारा वर्चुअल मोड में मोबाइल से विडियो कालिग के द्वारा आवेदक से संपर्क किया गया तो आवेदक द्वारा कुल 9 लाख रूपये में अपनी मर्जी से राजीनामा स्वीकार करना व्यक्त किया और इस तरह मामले में अधिनिर्णय पारित हो सका।
नेशनल ई-लोक अदालत मामलों का त्वरित निराकरण का एक अच्छा विकल्प है।जिसमें दोनों पक्षकार के मध्य आपसी मधुर संबंध स्थापित हो जाते हैं तथा दोनों पक्षकारों की जीत होती हैं और लंबी प्रक्रिया से बचा जा सकता है तथा कई परिवार टूटने से बच जाते हैं, कोर्ट फीस नहीं लगती है, यदि पूर्व में कोर्ट फीस पटाई गई है तो वापस हो जाता है।