बस्तर
जगदलपुर, 16 सितम्बर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के बूढ़ातालाब के पास पिछले सन्तावन दिनों से अनुकम्पा नियुक्ति को लेकर महिलाओं के द्वारा आंदोलन किया जा रहा है, परन्तु सरकार की ओर से इस पर कोई ठोस प्रतिक्रिया अभी तक नहीं दी गई है। इस मामले पर भाजपा नेत्री भाजयुमो प्रदेश उपाध्यक्ष अधिवक्ता दीपिका शोरी ने रायपुर बूढ़ा तालाब धरना स्थल पर पहुंच कर इन पीडि़त महिलाओं से बात की व उन्होंने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर भूपेश सरकार को संवेदनहीन सरकार की संज्ञा देते हुए उन्हें महिलाओं का दर्द क्या होता है कहा।
उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में 2004 से 2018 तक 1300 मामले पेंडिंग है, जो कि कर्मियों के संविलियन से पहले के मामले हैं। भपेश सरकार की हठधर्मिता से तंग आकर आंदोलनकारी एक महिला ने अग्नि संस्कार का किया प्रयास भी किया है अनुकंपा नियुक्ति की माँग क़ो लेकर भूख हड़ताल पर बैठी महिलाओं की सारी मांगें जायज हैं।
अनुकंपा नियुक्ति को लेकर राजधानी में आक्रोशित पीडि़त महिलाएं 56 दिन से आंदोलन पर थी, परन्तु सरकार कोई ठोस चर्चा नही चाहती जिसकी वजह से लगातार राजधानी रायपुर के बूढ़ा तालाब धरना स्थल पर उनके द्वारा प्रदर्शन किया जा रहा था। महिलाओं का कहना है कि हमारे पति के मृत्यु हो जाने के बाद से जीवन यापन करना मुश्किल हो गया है, इसलिए अनुकंपा नियुक्ति के तहत हमें नौकरी दिया जाए. इनकी माँग है कि इन्हें इनकी योग्यतानुरूप पदों पर नियुक्ति दी जाय।
मैं पूछना चाहती हूं भूपेश सरकार से, महिलाओं की मांग अभी तक पूरी क्यों नहीं कि जा रही है, इनमें कुछ महिलाओं के पति,कुछ के भाई तो कुछ महिलाओं के पिता असमय स्वर्गवासी हो गए हैं, ऐसे में शासन की जिम्मेदारी होती है कि उन परिवारों का ख्याल रखे,क्योंकि जिस परिवार को मुखिया ही गुजर जाय उसकी हालत क्या होती है, शायद यह उस परिवार की महिला से बेहतर कोई नहीं जान सकता।
कोई ठोस निर्णय लिए बिना इन महिलाओं को सत्ता का धौंस दिखाकर शासन इनका आंदोलन समाप्त करने में सफल तो हो गई परन्तु मैं उन्हें चेताना चाहती हूं कि यदि जल्द ही इस दिशा में इनके हित में सरकार कोई ठोस निर्णय नहीं लेती है तो युवामोर्चा इन विधवाओं के साथ सडक़ से सदन तक की लड़ाई लगेगी।