रायगढ़
स्टे के बावजूद चल रहा निर्माण कार्य
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
रायगढ़, 19 सितंबर। भू-माफियाओं द्वारा कोटवार जमीन की खरीद फरोख्त के कई मामले सामने आ चुके हैं। कोटवार भूमि पर अवैध कब्जे करने का सिलसिला बदस्तूर जारी है और हैरानी की बात है कि ये सब प्रशासन की नाक के नीचे धड़ल्ले से चल रहा है, क्योंकि इन पर लगाम कसने वाला कोई नहीं,यही वजह है कि कार्रवाई न होने पर इनके हौसले बुलंद होते जा रहे हैं।
ताजा मामला रायगढ़ जिले के पूंजीपथरा क्षेत्र पर गेरवानी रोड का है। जानकारी मिली कि यहां कोटवार भूमि पर अवैध तरीके से ढाबे का संचालन और निर्माण दोनों ही जारी है।
'छत्तीसगढ़Ó ने इस मामले की हकीकत जानने का प्रयास किया गया तो पता चला कि उक्त भूमि कोटवार गुलाब दास के नाम पर दर्ज है। आरोप है कि अपनी भूमि पर ही कोटवार गुलाब दास ने फ्लाईएश डंप कराने के साथ ही पेड़ों की कटाई भी की है, इतना ही नहीं गुलाब दास की उक्त भूमि पर एक ढाबा निर्माणाधीन है और एक ढाबा अन्य व्यक्ति द्वारा संचालित भी है, जो स्थानीय लोगों द्वारा कई बार विरोध जताने पर कोर्ट द्वारा उक्त भूमि पर स्टे लगा दिया गया, लेकिन कोर्ट द्वारा स्टे लगाने के बावजूद उक्त भूमि पर फ्लाईएश डालकर भूमि को पाटा गया है, साथ ही बोर भी खुदवाया गया है?
अब सवाल ये उठता है कि भूमि पर स्टे होने के बावजूद भी वहां निर्माण कार्य कैसे किया जा रहा है? जबकि यह गैरकानूनी है।
हाल ही में हुई है बोर की खुदवाई
कोर्ट द्वारा स्टे होने के बावजूद हुई बोर की खुदाई समझ से परे है, जिसे देखकर साफ जाहिर होता है कि 2 से 3 दिन पहले ही यहां बोर खोदवाया गया है।
नहीं मिला कोटवार का पक्ष
इस मामले पर 'छत्तीसगढ़' ने कोटवार गुलाब दास का पक्ष जानने की कोशिश की और उनसे फोन पर संपर्क किया गया तो उनका नम्बर बंद आया। उनके घर से जानकारी मिली कि वे सुबह से ही पंचायत में बैठक लेने गए हुए हैं, लेकिन जब हमने पंचायत कार्यालय जाकर पता किया तो जानकारी मिली कि वहां कोई बैठक ही नहीं चल रही थी। पंचायत कार्यालय बंद था।
इस संबंध में 'छत्तीसगढ़' ने वहां की नवनियुक्त सरपंच मोहरमती सिदार से बात की तो उनका यही कहना था कि उन्हें इस मामले की कोई भी जानकारी ही नहीं है।