बीजापुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर/भोपालपटनम, 20 सितंबर। सोमवार को सर्व आदिवासी समाज ने अपने संवैधानिक अधिकारों को लेकर जिले के चारों ब्लॉकों में महाबंद बुलाया था। इस दौरान सर्व आदिवासी समाज ने चक्काजाम कर धरना प्रदर्शन किया। आदिवासी समाज के आह्वान पर जिले के सभी व्यवसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे। आदिवासी समाज ने राष्ट्रपति के नाम एसडीएम को ज्ञापन भी सौंपा।
सर्व आदिवासी समाज के बैनर तले जिले भैरमगढ़, भोपालपटनम, बीजापुर व आवापल्ली में चक्काजाम कर धरना प्रदर्शन किया गया। इस दौरान सर्व आदिवासी समाज के द्वारा बुलाये गए महाबंद में जिले के ज्यादातर व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे। यहां जिला मुख्यालय के माँझीगुड़ा चौक में करीब घण्टे तक आदिवासी समाज के लोगों ने मुख्यमार्ग में चक्काजाम कर धरना प्रदर्शन किया। यहां एसडीएम देवेश ध्रुव पहुंचे और सर्व आदिवासी समाज के पदाधिकारियों ने उन्हें ज्ञापन सौंपा। इसके बाद समाज प्रमुखों ने गोंडवाना भवन में पत्रकारवार्ता आयोजित कर अपनी बातों को विस्तार से रखा।
प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए सर्व आदिवासी समाज के जिलाध्यक्ष अशोक तालाण्डी ने कहा कि सर्व आदिवासी समाज ने अपने अपने ब्लॉक स्तर में 19 जुलाई को नौ सूत्रीय स्थानीय संवैधानिक मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरना और 30 अगस्त को आर्थिक नाकेबंदी कर शासन को ज्ञापन सौंपा था।
पत्रकारवार्ता में सर्व आदिवासी समाज के पदाधिकारियों ने सरकार पर गम्भीर आरोप लगाते हुए कहा है कि पूर्व में 19 जून को सर्व आदिवासी समाज के द्वारा प्रांतीय आव्हान पर बैठक कर संवैधानिक अधिकारों के संबंध मे गम्भीर विचार मंथन किया था। चुनाव से पहले सरकार ने अपने घोषणा पत्र में कहा था कि पेशा कानून लागू करेंगे, पदोन्नति में आरक्षण ,अपार खनिजसंपदा को गांवों में समिति बनाकर इनको सुरक्षा का अधिकार दिया जाये, स्थानीय वर्ग के लोगों को प्राथमिकता दें,आऊटसोर्सिंग बंद करें, आरक्षण रोस्टर का पूर्णता पालन हो, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं व तृतीय चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को नियमित किया जाये।
श्री तलांडी ने आगे और बताया है कि स्वास्थ्य व शिक्षा के सम्बंध में मुख्यमंत्री से चर्चा भी किया गया था। हमारे मांगों को लेकर सरकार गम्भीर नही है। मांग पूरी नही होने की स्थिति में सर्व आदिवासी समाज उग्र आंदोलन करेगी।
इस दौरान सर्व आदिवासी समाज के बुरका नरेन्द्र, नीता शाह , राममूर्ति ककेम, गंगाराम कश्यप, राकेश गिरी, गुज्जाराम पवार, ज्योति हेमला, रविंद्र पोंदी, जितेंद्र लेकाम के अलावा समाज के अन्य मौजूद रहे।