महासमुन्द

दो को मारने वाला दंतैल अकेले नहीं 3 संग लौटा
24-Sep-2021 3:01 PM
दो को मारने वाला दंतैल अकेले नहीं 3 संग लौटा

हाइवे पार कर कोडार बांध के पास चारों, गांवों में अलर्ट

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

महासमुंद, 24 सितंबर। सप्ताहभर पहले दो लोगों की जान लेने के बाद गरियाबंद के फिंगेश्वर रेंज पहुंचा एमई-1 दंतैल फिर से सिरपुर क्षेत्र में लौट आया है, लेकिन इस बार एमई-1 अकेले नहीं है, बल्कि एमई-3 और रोहांसी दल के बबलू-बंटी को भी साथ लेकर लौटा है। चारों हाथी कल शाम तक चंपई पहाड़ी के आसपास मौजूद थे। देर रात कोडार होते हुए एनएच 53 क्रॉस करके आज सुबह से चारों कोडार के  आसपास हैं। वन विभाग हाथियों के मूवमेंट पर नजर बनाए हुए हैं और उनकी चहलकदमी के अनुसार आसपास के गांवों में अलर्ट भी किया जा रहा है।

वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार गुरूवार की सुबह एमई-1 दंतैल के साथ एमई-3, रोहांसी दल के दो दंतैल बबलू और बंटी फिंगेश्वर रेंज से निकलकर ग्राम अरंड पहुंचे। अल सुबह हाथियों को अरंड के आसपास देखा गया। इसके बाद हाथियों के आने की सूचना वन विभाग को दी गई। सूचना मिलते ही गजराज वाहन के साथ वन विभाग का अमला ग्राम अरंड पहुंच गया। ग्राम अरंड की गलियों में चहलकदमी करते हुए चारों हाथी अरंड स्टेशन से रेलवे लाइन क्रॉस करते हुए चंपई माता मंदिर के पहाडिय़ों में पहुंचे।

डीएफ ओ पंकज राजपूत ने बताया कि सिरपुर क्षेत्र में चार हाथी लौट आए हैं। इनमें से तीन हाथी पहले से ही गरियाबंद जिले के फिंगेश्वर रेंज में मौजूद थे। वहीं एमई-1 चार दिन पहले ही तीन दंतैलों के साथ मिल गया था। चारों हाथी के क्षेत्र में वापस लौटने की संभावना जताई जा रही थी। यही कारण है कि पहले ही अपनी टीम को अलर्ट कर दिया था। फिंगेश्वर वन विभाग की टीम को इनके मूवमेंट पर पूरी नजर रखने के निर्देश दिए गए थे।

वन विभाग से सिरपुर क्षेत्र के सभी गांवों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। इन हाथियों में ं एमई-1 टस्कर भी शामिल है। एमई-1 युवा हाथी है और काफी खतरनाक भी है। इसी महीने एमई-1 ने गौरखेड़ा और झालखम्हरिया में दो लोगों को मारा था। इसके साथ ही एमई-3 और रोहांसी दल का बंटी और बबलू भी साथ ही हैं। कल सुबह इन हाथियों के अरंड पहुंचने और उनके रेलवे लाइन क्रॉस करने की संभावना को देखते हुए वन विभाग की टीम ने रेलवे के अधिकारियों से संपर्क किया था। जिस वक्त चारों हाथी अरंड में मौजूद थे, उसी समय दुर्ग-पुरी एक्सप्रेस के गुजरने का समय था। ऐहतियातन ट्रेन को भीमखोज स्टेशन में रोका गया। हाथियों के रेलवे लाइन क्रॉस करने के बाद ही ट्रेन को अरंड के लिए ग्रीन सिग्नल दिया गया।

वहीं गुरूवार को दिनभर अरंड से महासमुंद और बागबाहरा जाने वाले रास्ते को हाथियों के गुजरते तक रोका गया था।

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