महासमुन्द

सही समय पर उठाव नहीं, जिले के 63 धान खरीदी केंद्रों के ऑडिट में 25 करोड़ का सूखत खरीदी की तैयारी भी शुरू
25-Sep-2021 3:31 PM
 सही समय पर उठाव नहीं, जिले के 63 धान खरीदी केंद्रों के ऑडिट में 25 करोड़ का सूखत  खरीदी की तैयारी भी शुरू

वर्तमान में 63 समितियों के पंजी का मिलान पूरा, 1 लाख क्विंटल धान की कमी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 25 सितम्बर।
सही समय पर धान का उठाव नहीं होने के कारण इस साल समितियों को खासा नुकसान उठाना पड़ रहा है, वहीं बारिश के चलते भी धान खराब होने की शिकायतें लगातार मिल रही है। इस वर्ष अब तक 63 धान खरीदी केंद्रों का ऑडिट किया जा चुका है, जहां करीब 1 लाख क्विंटल धान सूखा है। इसके चलते करीब 25 करोड़ रुपए की चपत समितियों के साथ शासन को भी लगेगी।

जिले में अभी भी 75 धान खरीदी केंद्रों में खरीदी, उठाव, सूखत और खराब हुए धान का मिलान नहीं हो पाया है और दो महीने बाद 2021-22 सत्र की धान खरीदी प्रारंभ होगी। इसके लिए तैयारियां भी शुरू हो गई है। धान खरीदी के लिए पटवारी गिरदावरी रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं। 
इस संबंध में जिला विपणन अधिकारी सीआर जोशी का कहना है कि समितियों में ही धान की नीलामी होने के कारण उठाव में देरी हो गई थी। इसके कारण धान का उठाव सही समय पर नहीं हो पाया। वर्तमान में 63 समितियों के पंजी का मिलान हो गया है। इसमें 1 लाख क्विंटल धान की कमी यानी सूखत आया है। शेष 75 समितियों का मिलान अभी बाकी है। मिलान की प्रक्रिया चल रही है।

जानकारी के अनुसार जिले की 63 समितियों में धान का मिलान हो गया है। इन समितियों में एक लाख च्ंिटल धान खरीदी से कम पाया गया है। इन समितियों में करीब 25 करोड़ रुपए का सूखत आया है। यानी सरकार का 25 करोड़ रुपए का आर्थिक नुकसान हुआ है। पिछले साल करीब 16 से 17 करोड़ रुपए का सूखत आया था। 

जिला विपणन अधिकारी ने बताया कि सात समितियां ऐसी है,ं जहां से धान का उठाव अभी भी नहीं हुआ है। उन्होंने बताया कि एक लाख 73 हजार धान को संग्रहण केंद्र भेजने के लिए डीओ जारी कर दिया है। हालांकि अभी भी उठाव की रफ्तार एकदम कम है और 2 लाख 37 हजार 800 च्ंिटल धान का उठाव अभी भी शेष है। 

बताया जा रहा है कि वर्तमान में इन सात समितियों में जो धान बचा हुआ है, वह बारिश से पूरी तहर भीग जाने से खराब हो गया है। पिरदा, नरसैरय्यापल्लम सहित ऐसे और समितियां हैं, जहां का धान उठाने लायक नहीं है। यहां का धान संग्रहण केंद्र लाया गया था, लेकिन धान खराब होने के कारण यहां से वापस समितियों में भेज दिया गया है।

 

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