महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 26 सितम्बर। शनिवार को महासमुंद जिले में तीन सडक़ हादसे हुए। तीनों हादसे एनएच-53 पर हुए और तीनों हादसे का कारण मवेशी है। हालांकि इन तीनों दुर्घटनाओं में कोई जनहानि नहीं हुई है। बस दुर्घटना में घायल कुछ लोगों को हल्की चोटें आई है।
जानकारी के अनुसार शनिवार को मुस्कान ट्रैवल्स की बस सीजी 06 जीटी 9995 सवारी लेकर रायपुर जा रही थी। बस में करीब 25 से 30 लोग सवार थे। बस जैसे ही ग्राम कौंआझर के पास पहुंची थी, सडक़ के बीच मवेशी आ गए।
मवेशी को सामने देख चालक स्टेयरिंग संभाल नहीं पाया और बस अनियंत्रित होकर आगे जाकर पलट गई। घटना की सूचना मिलते ही तुमगांव पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को अस्पताल पहुंचाया।
तुमगांव थाना प्रभारी रामअवतार पटेल ने बताया कि हादसे के वक्त पानी गिर रहा था। इसके चलते बस की रफ्तार धीमी थी। साथ ही आगे जाकर बस मिट्टी में पलटी। यही कारण है कि हादसे ने गंभीर रूप नहीं लिया। हादसे के बाद चालक-परिचालक मौके से फरार हो गए।
तुमगांव टीआई ने बताया कि हादसे का कारण मवेशी है। बस की ठोकर से दो मवेशी गंभीर रूप से घायल हैं, वहीं दो यात्रियों को भी चोटें आई है।
ग्राम झपल के चौक में शनिवार को ही सुबह 9 बजे कार क्रमांक सीजी 04 एलएल 7578 मवेशी से टकरा गई। जानकारी के अनुसार कार सवार दो व्यक्ति रायपुर से सरायपाली की ओर जा रहे थे। झलप चौक के पास मवेशी की वजह से कार अनियंत्रित होकर सडक़ पर खड़े मवेशी से टकराई। हालांकि कार सवार दोनों व्यक्ति को गंभीर चोट नहीं आई है।
कल ही दोपहर 3 बजे एक ट्रक ने अपनी ही कंपनी के ट्रक को पीछे से ठोकर मार दिया। यह हादसा भी मवेशी की वजह से हुआ। ट्रक क्रमांक आरजे 04 जीबी 7120 रायपुर की ओर जा रहा था। आगे उसी की कंपनी का ट्रक चल रहा था। टूरीडीह झलप के पास मवेशी के कारण ट्रक के चालक ने ब्रेक मारा तो, पीछे के ट्रक ने ठोक दिया।
लूम हो कि जिले के एनएच-53 और एनएच-353 में सडक़ हादसों की संख्या में वृद्धि हुई है। सडक़ पर मवेशियों के कारण आए दिन सडक़ हादसे हो रहे हैं। सबसे खराब स्थिति एनएच-53 पर घोड़ारी से लेकर सरायपाली तक की है। हालांकि राज्य सरकार द्वारा मवेशियों को खेतों में जाने से रोकने के लिए रोका-छेका अभियान चलाया जा रहा है। लेकिन हकीकत यह है कि मवेशी सडक़ पर डेरा डाले हुए हैं। इसके चलते लगातार हादसे हो रहे हैं।
इस संबंध में यातायात डीएसपी राजेश देवांगन ने बताया कि जानकारी मिलने पर समय-समय पर मवेशियों को हाइवे से हटाया जाता है। ऐसे हादसों को रोका जा सके, इसके लिए आगे कार्ययोजना बनाकर काम किया जाएगा।