महासमुन्द

स्वसहायता समूहों को कौशल विकास उन्नयन का प्रशिक्षण
26-Sep-2021 6:13 PM
स्वसहायता समूहों को कौशल विकास उन्नयन का प्रशिक्षण

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

महासमुंद, 26 सितम्बर। छत्तीसगढ़ राज्य में संचालित ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान के जरिए ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं सशक्त और आत्मनिर्भर बन रही हैं। इसके जरिए स्वसहायता समूहों को कौशल विकास उन्नयन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ताकि वे स्वरोजगार प्राप्त कर आर्थिक रूप से सशक्त हो सकें। इन महिला समूहों को स्वरोजगार प्रदान करने के उद्देश्य से निश्चित प्लेटफ ॉर्म उपलब्ध कराया जा रहा है, ताकि वे अपने निर्मित सामग्रियों को आसानी से बिक्री कर सके। यही नहीं, प्रशासन के माध्यम से महिला स्वसहायता समूह द्वारा निर्मित विभिन्न सामग्रियों को स्कूल, आंगनबाड़ी, आश्रम-छात्रावास के अलावा अन्य विभागों में भी सप्लाई किया जाता है। इससे स्वसहायता समूह की महिलाओं की आर्थिक स्थिति और सुदृढ़ हो सकें। ग्राम भोरिंग की महिला समूह सहित आसपास के अन्य समूहों द्वारा तैयार उत्पाद के विक्रय के लिए जिला प्रशासन की ओर से स्थान दिया गया है।

दुर्गा महिला स्वसहायता समूह भोरिंग की अध्यक्ष कुमारी साहू ने बताया कि समूह में 12 महिला सदस्य हैं। समूह को जिला प्रशासन के सहयोग से कलेक्टोरेट के सामने सामग्रियों को बेचने के लिए स्टॉल उपलब्ध कराया गया है। इसके अलावा अन्य समूह गणेश महिला स्वसहायता समूह, प्रभु कृपा महिला स्वसहायता समूह भोरिंग एवं सॉईनाथ महिला स्वसहायता समूह टेमरी सहित अन्य महिला स्वसहायता समूहों के सामग्रियां यहां बिक्री के लिए रखी गई है।

इसमें कपड़े, बर्तन धोने एवं नहाने का साबुन, बर्तन साफ  करने का लिक्विड, सर्फ, लाइट, मोमबत्ती, विभिन्न प्रकार के लड्डू, हर्बल शैम्पू, पैरदान, गोबर के दीये, जैविक खाद, अगरबत्ती, करी लड्डू, बड़ी, पापड़, अचार, सैनिटाइजर, हैण्डवॉश, झालर, मॉस्क सहित अन्य सामग्रियां उपलब्ध हैं। दुकान का संचालन सबेरे 8 बजे से शाम 5 बजे तक किया जाता है। महामसुंद ब्लॉक के ग्राम कोना की महिला समूह वर्मी कम्पोस्ट खाद, गोबर के कंडे एवं जैविक कीटनाशक बना रही हैं। जय कोनापाठ महिला स्वसहायता समूह की अध्यक्ष सुमित्रा ध्रुव एवं सचिव कांति ध्रुव ने बताया कि गांव की 13 महिला सदस्यों के साथ मिलकर वर्मी कम्पोस्ट खाद उत्पादन किया जा रहा है। इसे स्थानीय कृषकों तथा वन विभाग को विक्रय कर आर्थिक लाभ प्राप्त कर रही हैं। इसके अलावा महिला समूह आगामी समय में मशरूम उत्पादन एवं जैविक उत्पाद बनाने की विधि का भी प्रशिक्षण लेना चाहते हैं।

 

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news