महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 26 सितम्बर। जब कोरोना वायरस कोरोना संक्रमण ;महामारीद्ध के कारण आर्थिक गतिविधियां बंद सी थी, उस वक्त मनरेगा जरूरतमंद ग्रामीण श्रमिकों का सहारा बनी। चाहे ग्रामीण कुशल मजदूर हो या कुशल श्रमिक सभी जरूरतमंदों को काम दिया गया। राज्य सरकार द्वारा कोई बेरोजगार न रहे हर जरूरतमंदों को सूखा राशन दिया गया। कोई भूखा न सोये इस बात का ध्यान रखा गया। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना मनरेगा के विभिन्न मानकों पर लॉकडाउन के बावजूद महासमुंद जिले में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया गया है। इस मामलें में महासमुंद जिला पूरे छत्तीसगढ़ में आज की तारीख में मनरेगा के श्रमिकों को रोजगार दिलाने आगे हैं।
महासमुंद जिले में जरूरतमंद नि:शक्तजन ग्रामीण श्रमिकों का भी ध्यान रखा जा रहा है। जिले में 964 ग्रामीण नि:शक्तजन श्रमिक पंजीकृत हैं उनमें से चालू वित्तीय वर्ष में जिले के 236 नि:शक्तजन श्रमिकों को 4713 मानव दिवस का रोजगार मुहैया कराया गया है। वहीं जनवरी 2019 से अब तक ;20 सितम्बर 2021 तक की बात करें तो इस अवधि में 385709 लक्षित हितग्राहियों में 309996 ग्रामीण श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया गया। इस पर मजदूरी और निर्माण सामग्री के रूप में 409 करोड़ 50 लाख 73 हजार का व्यय हुआ। हितग्राहियों को 223 लाख 50 हजार मानव दिवस के सृजित रोजगार में 343 करोड़ 74 लाख 31 हजार रुपए भुगतान हुआ। वहीं चालू वित्तीय वर्ष 2021.22 में चालू सितम्बर माह तक 204453 ग्रामीण श्रमिकों को 37 लाख 73 हजार मानव दिवस का रोजगार मुहैया कराया गया। इन्हें 93 करोड़ 57 लाख 76 हजार मजदूरी, निर्माण सामग्री आदि पर व्यय किया गया। मनरेगा के तहत् ग्रामीण श्रमिकों को चालू माह मिलाकर 6 माह में 73 करोड़ 97 लाख का भुगतान किया गया।
लॉकडाउन के चलते कोरोना गाईड लाईन का पालन करते हुए पिछले वित्तीय वर्ष 2020.21 में जिले की 549 ग्राम पंचायतों में 1467 काम चल रहे थे। इनमें नया तालाब, तालाब गहरीकरण, डबरी निर्माण, मत्स्य पालन तालाब, भूमि सुधार, मेढ़ बंधान, नाला जीर्णोद्धार आदि काम चल रहे हैं। इस अवधि में कार्यों में डेढ़ करोड़ से ज्यादा ग्रामीण श्रमिकों को काम मिला। चालू वित्तीय वर्ष 2021.22 में चालू सितम्बर माह तक मनरेगा के विभिन्न कार्यों में 204453 ग्रामीण मजदूरों को काम मिला है।