जान्जगीर-चाम्पा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सक्ती, 5 अक्टूबर। कोरोना महामारी से जहां पूरा देश दुनिया लंबे समय से परेशान हैं, वही इसका प्रभाव विभिन्न धार्मिक सांस्कृतिक आयोजन में अभी तक दिखाई दे रहा है जिसका जीता जागता उदाहरण वर्तमान क्वार नवरात्रि में देखने को मिला।
ज्ञात हो कि अबकी बार जिला प्रशासन के द्वारा ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में दुर्गोत्सव समिति को कोरोना गाइड लाइन का पालन करते हुए नवरात्रि पर्व पर दुर्गा उत्सव मनाने की छूट मिली थी, लेकिन दुर्गा समितियां एवं मूर्ति कारों द्वारा कम समय में उचित निर्णय नहीं ले पाने के कारण जहां दुर्गा समितियां समय रहते मां दुर्गा की प्रतिमा बनाने के लिए मूर्ति कारों को आर्डर नहीं दे पाए, वही मूर्तिकार आर्डर नहीं मिलने के कारण अपनी क्षमता के अनुरूप कम मात्रा में मां दुर्गा की प्रतिमा बना पाए। अब चूंकि दुर्गा उत्सव समितियों के द्वारा बैठक लेकर दुर्गा उत्सव मनाने दुर्गा प्रतिमा स्थापित कर नौ दिवस तक प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी विधि विधान से पूजा करने संबंधी निर्णय लिए गए। तब कई समितियों को मूर्तिकारों के पास मां दुर्गा की प्रतिमा उपलब्ध नहीं हो पाई ऐसे दुर्गा उत्सव समिति के पदाधिकारी एवं सदस्य अब जांजगीर जिले के सभी मूर्ति कारों के पास दस्तक देने लगे हैं इसके बाद भी उन्हें सफलता नहीं मिल पा रही है
इस संबंध में सक्ती के प्रसिद्ध मूर्तिकार कार्तिक आर्ट के द्वारा बताया गया कि शासन प्रशासन द्वारा कोरोना गाइड लाइन बनाए जाने एवं उनके नियमों का पालन करने को लेकर असमंजस की स्थिति थी इसलिए हमने अधिक संख्या में दुर्गा मूर्ति बनाने का रिस्क नहीं उठाया हमारे पास जितनी भी माँ दुर्गा प्रतिमा थी वह सभी हाथों हाथ बिक गए वही अब जो दुर्गा उत्सव समिति हमारे पास आ रहे हैं, उन्हें हम नवरात्र के पहले दिवस तक माँ दुर्गा प्रतिमा दे पाने में सक्षम नहीं है।
उन्होंने यह भी कहा कि अगर तीसरे दिवस या पंचमी तक दुर्गा उत्सव समिति आज दिनांक तक हमें ऑर्डर करते तो हम उन्हें माँ दुर्गा प्रतिमा दे पाते।