रायगढ़
भाजपाईयों ने राशन दुकानों के सामने दिया धरना
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 9 अक्टूबर। भूपेश सरकार पर गरीबों का चावल हड़पने का आरोप लगाते हुए जिले के भाजपाईयों ने शहर तथा विभिन्न विकासखण्डों के राशन दुकानों के सामने धरना प्रदर्शन किया।
भाजपाईयों ने आरोप लगाया कि कोरोनाकाल के समय केंद्र सरकार द्वारा आगामी नवंबर तक के लिए सभी अंत्योदय व प्राथमिकता कार्डधारी उपभोक्ताओं को 5 किलो प्रति व्यक्ति अतिरिक्त चावल का आबंटन किया गया था, पर छतीसगढ़ की भूपेश सरकार ने राशन दुकानदारों के साथ मिलकर अंत्योदय व प्राथमिकता कार्डधारियों को मिलने वाले आबंटन को कालाबाजारियों के जरिये बेचा जा रहा है, वहीं राज्य सरकार द्वारा प्राथमिकता कार्डों में जहां प्रति व्यक्ति 5 किलो अतिरिक्त राशन का आबंटन दिया वहीं राज्य सरकार ने प्रथम 3 व्यक्तियों को पूरा व उसके बाद हर व्यक्ति का 5 किलो चावल को नहीं दिया जा रहा है।
शुक्रवार को एक दिवसीय प्रदेश स्तरीय सभी राशन दुकानों पर धरना दिया गया और वहां आने वाले हितग्राहियों को बताया गया कि केंद्र के नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा जो आपको 5 किलो अतिरिक्त चावल दिया जा रहा था वो आपको मिला कि नहीं, वहीं ज्यादातर हितग्राहियों ने बताया कि उन्हें अभी तक नरेंद्र मोदी जी का 5 किलो चावल अप्राप्त है।
राशन हितग्राहियों की मांग को लेकर भाजयुमो पूर्व जिलाध्यक्ष विकास केडिया ने वार्ड न. 04 जगतपुर मे सरकारी राशन दुकान के सामने धरना दिया। साथ ही उन्होंने ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा गरीब कल्याण योजना अंतर्गत कोरोना काल में प्रति व्यक्ति 5 कि. ग्रा. प्रति महीने के मान से अतिरिक्त आबंटित किया गया था। परंतु उपरोक्त लाभ को यहां जरूरतमंद हितग्राहियों तक प्रदेश की कांग्रेस सरकार द्वारा नहीं पहुंचाया जा रहा है।
केन्द्र सरकार द्वारा जहां प्रति व्यक्ति में 1, 2 और 3 सदस्य तक है अतिरिक्त चावल दिया गया था, उपरोक्त प्रति व्यक्ति चावल अभी तक प्राप्त नहीं हो रहा है। राशनकार्ड धारित हितग्राहियों को निर्धारित मात्रा से कम खाद्यान्न मिलने का शिकायत निरंतर प्राप्त हो रही है जो कि जांच का विषय है। साथ ही उन्होंने सरकार से मांग की कि आबंटित अतिरिक्त चावल का दाना- दाना हितग्राहियों तक पहुंचाया जावे, अभी तक जो चावल नहीं दिया गया है, उसका नगद भुगतान दिया जाए और इस घोटाले की उच्च स्तरीय निष्पक्ष जांच हो और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले।