बीजापुर
कंवर आदिवासी समाज ने मनाया बलिदान दिवस
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 10 अक्टूबर। भारत को अंग्रेजों से आज़ादी दिलाने में वीर सीताराम कँवर की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। सीताराम एक आदिवासी योद्धा थे। उन्होंने समाज को नई दिशा प्रदान की थी। 1857 की क्रांति में शहीद वीर सीताराम कंवर ने निमाड़ क्षेत्र में विद्रोह कर अंग्रेज शासन के छक्के छुड़ा दिए थे, जो ब्रिटिश हुकूमत के इतिहास में अंकित है, यह बातें कंवर समाज के युवा विनय पैंकरा ने वीर शहीद सीताराम कंवर की श्रद्धांजलि सभा में कही।
कार्यक्रम में कंवर महिला प्रभाग की नेत्री सुनीता पैंकरा ने बताया कि स्वतंत्रता संग्राम में सीताराम कंवर की महत्वपूर्ण भागीदारी रही थी। उनके बलिदान और गौरव की गाथा आने वाली पीढ़ी को बताने के लिए सीताराम बलिदान दिवस मनाया जाता है। अंग्रेजों और उनके सहयोगी राजाओं के लिए वीर सीताराम कंवर दुश्मन थे। इसलिये अंग्रेज उन्हें विद्रोही कहकर पुकारते थे। 9 अक्टूबर सन 1858 में इन्होंने अपने प्राण की आहुति दे दी थी। हर वर्ष 9 अक्टूबर को वीर शहीद सीताराम कंवर के इस शहादत दिवस को बलिदान दिवस के रूप में मनाया जाता है।
कार्यक्रम की शुरुवात समाज के बुजुर्गों द्वारा वीर सीताराम कंवर के छायाचित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन से की गई तथा स्वतंत्रता संग्राम में उनके शौर्य का पाठन किया गया। इस अवसर पर योगेश्वर कपूर, तुलसी कपूर, झाम सिंह कंवर, मनोज कुमार, नागेश्वर पैंकरा, महेश कुमार दीवान, कमलेश पैंकरा, साधना पैंकरा, सत्यजीत कंवर, संतोष सरजाल, भावना, ममता, मंजु पैंकरा, स्वाति साय सहित युवा, महिला व सामान्य प्रभाग के पदाधिकारी मौजूद रहे।