कोरिया
बैकुंठपुर (कोरिया), 10 अक्टूबर। कोरोना संक्रमण की वजह से इस बार कॉलेज की परीक्षा ओपन बुक एग्जाम के तहत हुई, जिसके कारण सभी विद्यार्थी अधिक से अधिक अंकों के साथ अपनी कक्षा उत्तीर्ण हुए, जिसके कारण अगली कक्षा में ज्यादातर विद्यार्थियों को सीमित सीट संख्या के कारण प्रवेश नहीं मिल पाया।
जानकारी के अनुसार सबसे ज्यादा मुश्किल कालेज में प्रथम वर्ष में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को हुई, इसके बाद स्नातक अंतिम उत्तीर्ण करने वालों को पीजी की विभिन्न संकायों में प्रवेश से वंचित होना पड़ा। घर बैठे ओपन बुक एग्जाम के चलते सभी विद्यार्थियों के परसेंटेज बढ़ गये जबकि स्नातक प्रथम वर्ष एवं पीजी के विभिन्न संकायों के प्रथम वर्ष में सीमित सीट संख्या होने के कारण कई प्रवेश लेने से वंचित हो गये। कट ऑफ मॉक्र्स अधिक होने के कारण बहुत सारे विद्यार्थी चाहकर भी प्रवेश नहीं ले पाये।
प्रवेश प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही चंद दिन में ही सीट भर गई और प्रवेश लेने हेतु आवेदन करने वालों की स्थिति वेटिंग में चली गयी। इस तरह इस बार कई विद्यार्थियों का सपना कॉलेज में नियमित छात्र के रूप में पढऩे की लालसा धरी की धरी रह गयी। सबसे ज्यादा 12वीं उत्तीर्ण करने के बाद बीए, बीएससी प्रथम वर्ष में प्रवेश लेने के इच्छुक कई छात्रों को मायूसी हाथ लगी।
इस बार स्नातक अंतिम वर्ष उत्तीर्ण करने के बाद कई विद्यार्थी पीजी की कक्षाओं में प्रवेश लेने से भी वंचित रह गये। कट ऑफ माक्र्स अधिक जाने एवं ज्यादातर विद्यार्थियों के स्नातक अंतिम वर्ष उत्तीर्ण होने के कारण सभी पीजी की विभिन्न संकायों में प्रवेश लेने के लिए ऑनलाईन आवेदन करना शुरू किये तो चंद दिनों में सीट फूल हो गये और बहुत से विद्यार्थियों का नाम वेटिंग में चला गया।
इस तरह की स्थिति कला व साईंस दोनों संकायों के पीजी कक्षाओं में देखने को मिली।
स्थानीय रामानुज प्रताप सिंहदेव पीजी कॉलेज में कला संकाय के अंतर्गत कई विषयों की पीजी कक्षाएं है तथा साईंस स्ट्रीम में कई विषयों की पीजी कक्षाएं है लेकिन उनमें सीट पहले की निर्धारित ही रही है जिस कारण कई विद्यार्थी पीजी में प्रवेश लेने से वंचित हो गये। कला के विद्यार्थी पीजी कक्षाओं की प्राईवेट परीक्षार्थी के रूप में परीक्षा में शामिल हो सकते है लेकिन साईंस में ऐसा नहीं है। जिससे कि अब उन्हें मजबूरन अपना सब्जेक्ट चेंज करना पड़ सकता है अन्यथा साल बेकार हो जाएगा।