रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 13 अक्टूबर। कोविड के पश्चात बढ़ते मानसिक तनाव को दूर करने के लिए आम लोगों को जागरूक बनाने के उद्देश्य से अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के मनोचिकित्सा विभाग के तत्वावधान में निरंतर कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसमें लोगों में बढ़ते अवसाद को दूर करने के लिए विशेष रूप से विभिन्न उपाय बताए जा रहे हैं। चिकित्सकों ने आम लोगों का आह्वान किया है कि वे निजी जीवन के साथ व्यावसायिक और अध्यात्मिक भाग में सामंजस्य रखें और अपनी रूचि के विषयों पर भी ध्यान दे। इनमें से किसी भी पक्ष में असमानता होने पर अवसाद का शिकार हो सकते हैं।
निदेशक प्रो. (डॉ.) नितिन एम. नागरकर ने कहा है कि एम्स में मनोरोगियों की संख्या निरंतर बढ़ रही है। कोविड के बाद कई प्रकार की मानसिक बीमारियों के रोगी एम्स में पहुंच रहे हैं। ऐसे में दवाइयों और चिकित्सकों की काउंसलिंग के साथ-साथ योग, संगीत और परिवार का साथ भी मनोरोगों को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने इसके लिए सामाजिक स्तर पर पहल करने पर जोर दिया।
विभागाध्यक्ष डॉ. लोकेश कुमार सिंह ने बताया कि मनोरोग से बचने के लिए जरूरी है कि व्यक्तिगत, शारीरिक, मानसिक, अध्यात्मिक, व्यावसायिक और भावनात्मक पहलुओं में सामंजस्य बना रहे। इसके लिए आवश्यक है कि चिकित्सकों की निगरानी में मनोरोग का इलाज करवाया जाए। खुद को स्वस्थ रखने के लिए स्वास्थ्यवर्द्धक भोजन, नियमित नींद, व्यायाम, अपनी रूचि के अनुसार ग्रुप ज्वाइन करना, परिवार के साथ गुणवत्तापूर्ण समय गुजारना, दोस्तों के साथ अपनी भावनाएं शेयर करनी चाहिए।