रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 13 अक्टूबर। जगतगुरु शंकराचार्य ज्योतिष पीठाधीश्वर एवं द्वारका शारदा पीठाधीश्वर स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज के द्वारा स्थापित बोरियाकला आश्रम में नवरात्रि के पुनीत पर्व पर पराम्बा भगवती राजराजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी की उपासना श्री यंत्र में चल रही है।
डॉ. इंदु भवानंद महाराज ने बताया कि श्री यंत्र त्रिपुर सुंदरी का आयतन माना जाता है, श्री यंत्र की रचना बिंदुओं से होती है बिंदु से ही पिण्ड( शरीर) की रचना होती है और बिंदु से ही ब्रह्मांड की रचना होती है बिंदु ही चक्र का मूल आधार है श्री यंत्र शक्ति और शिव के अभेदयोग का प्रतीक है शिव को संहारात्मक अग्नि तथा शक्ति को सर्गात्मक सोम का प्रतीक माना जाता है, इन दोनों की मिथुन से मिश्र बिंदु की उत्पत्ति होती है यही मिश्र बिंदु श्री यंत्र का आधार होता है।
श्री यंत्र के ज्ञान से पिंड और ब्रह्मांड दोनों का ज्ञान हो जाता है श्री यंत्र के दर्शन करने मात्र से सौ यज्ञ करने का पुण्य प्राप्त होता है, त्रिपुर सुंदरी की उपासना भोग और मोक्ष दोनों को देने वाली है। नवरात्रि एवं दीपावली में श्री यंत्र की पूजन से अनेक जन्मों की दरिद्रता दूर हो जाती है।