रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 16 अक्टूबर। राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने 16 अक्टूबर को मनाए जाने वाले विश्व खाद्य दिवस के अवसर पर यह कामना की है कि भारत देश सहित पूरे विश्व से गरीबी, कुपोषण और भुखमरी का नामोनिशान मिट जाए, क्योंकि यह मानवता पर सबसे बड़ा धब्बा है। हम सबको अन्न की बर्बादी रोकने के लिए मिलजुलकर कार्य करना होगा।
उन्होंने कहा कि फुड एंड एग्रीकल्चर आर्गनाइजेशन ऑफ यूनाईटेड नेशन (एफ.ए.ओ.) द्वारा प्रतिवर्ष 16 अक्टूबर को विश्व खाद्य दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष ‘हमारे कार्य (एक्शन) ही हमारा भविष्य है’ पर जोर दिया जा रहा है। जो खाद्य पदार्थ हम लेते हैं और जिस तरीके से लेते हैं, उससे हमारा स्वास्थ्य और हमारी पृथ्वी का स्वास्थ्य भी प्रभावित होता है। भारतीय संस्कृति में प्राचीन काल से ही कहा जाता है ‘जैसा खाए अन्न, वैसा रहे मन’। अन्न को हमारे उपनिषदें में ब्रम्ह भी कहा गया है। उपनिषद् में यह भी कहा गया है कि अन्न की निंदा न करें, यह व्रत है। शरीर प्राण पर आधारित है, इसलिए वह अन्न में ही स्थित है। भारतीय संस्कृति में अन्न का अपमान न करने की बात बचपन से ही सिखाई जाती है।
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी सचेत किया है कि भोजन की कमी, भुखमरी और कुपोषण की समस्या से दुनिया का हर देश पीडि़त है और इसलिए भोजन की हानि और बर्बादी रोकने के लिए तत्काल कार्यवाही होनी चाहिए।