रायगढ़

हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी न्याय से वंचित
18-Oct-2021 2:16 PM
हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी न्याय से वंचित

आदिवासी महिला ने पीएम से मांगा न्याय
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
रायगढ़, 18 अक्टूबर।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी न्याय से वंचित आदिवासी महिला ने प्रधानमंत्री से न्याय की गुहार लगाई है।

धरमजयगढ़ तहसील अन्तर्गत आने वाले छोटे से गांव खम्हार में रहने वाली चारमती नामक आदिवासी महिला का आरोप है कि धरमजयगढ़ के आयुर्वेद डॉ. खुर्शीद खान और उसके भाई नूरूल्लाह और अमीर उल्लाह ने अपने नौकर मृणाल मल्लिक को उसका मुख्त्यार बना कर पूरी जमीन अपने नाम पर लिखा लिया था। इस फर्जीवाड़े की रिपोर्ट करने पर पुलिस ने कार्रवाई करने से इंकार कर दिया, जिसके बाद आदिवासी महिला ने रायगढ़ के सीनियर एडवोकेट अशोक कुमार मिश्रा और आशीष कुमार मिश्रा के मार्फत विशेष सत्र न्यायाधीश रायगढ़ के न्यायालय में परिवाद पत्र पेश किया, जिसकी सुनवाई के बाद विशेष सत्र न्यायाधीश ने अ.जा.क. थाना रायगढ़ की पुलिस को आरोपी डॉ. खुर्शीद खान वगैरह के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध करने का आदेश दिया।

न्यायालय का आदेश होने पर पुलिस ने डॉ. खुर्शीद खान अमीर उल्लाह, नूरूल्लाह और मृणाल मल्लिक के विरूद्ध धारा 420, 120बी, 294, 506 भा.द.वि. एवं धारा 3(1) (अ), 1(ग) एट्रोसिटी एक्ट के तहत अपराध तो दर्ज कर लिया परन्तु आरोपिय को गिरफ्तार नहीं किया।
आदिवासी महिला का आरोप है कि डॉ. खुर्शीद खान की अग्रिम जमानत याचिका सेशन कार्ट से और हाईकोर्ट से खारिज हो चुकी है एवं छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने भी उसकी अपील खारिज कर दी है, लेकिन डॉ. खान खुलेआम घूम रहा है और उसको डरा धमका कर केस वापसी के लिए मजबूर कर रहा है। इस पूरे मामले में पुलिस केवल मूकदर्शक बनकर खड़ी है और डॉ. खुर्शीद खान को अभी भी गिरफ्तार करने से इंकार कर रही है।

थक हार कर आदिवासी महिला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हाईकोर्ट के आदेश की नकल संलग्न कर गुहार लगाई है कि आरोपी डॉक्टर को तत्काल गिरफ्तार कराया जाए एवं उसे न्याय दिलाया जाए।
उल्लेखनीय है कि डॉ. खुर्शीद खान की गिरफ्तारी पर रोक लगाने से छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने इंकार करते हुए उसकी समस्त याचिकाएं खारिज कर दी है ।

 

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