सरगुजा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अम्बिकापुर, 20 अक्टूबर। प्रदेश के संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने बुधवार को यहां पीजी कॉलेज ग्राउंड में आदिवासी विकास विभाग द्वारा आयोजित संभाग स्तरीय आदिवासी लोक नृत्य प्रतियोगिता का शुभारंभ वाग्देवी के चित्र पर माल्यार्पण कर तथा समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस अवसर पर पार्षद दीपक मिश्रा सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास जे आर नागवंशी, अनुसंधान अधिकारी डीपी नागेश सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
आदिवासी लोक नृत्य प्रतियोगिता कार्यक्रम को संबोधित करते हुये संस्कृति मंत्री श्री भगत ने कहा कि जोश और ऊर्जा से भरपूर सरगुजा के लोकनृत्य एवं लोकगीत करमा, शैला, सुग्गा आदि में एक अलग ही पहचान है, जिसका आकर्षण सर चढ़ के बोल रहा है। सरगुजिहा करमा गीत हर किसी के जुबान पर है। उन्होंने कहा कि अलग अलग विधा के गीत और नृत्य अलग-अलग समय पर किए जाते है। लोगों को आपस मे जोडऩे के लिए विगत वर्ष की भांति संस्कृति विभाग राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का अयोजन रायपुर करने जा रही है। इसमें देश में कोने कोने से आदिवासी अपनी संस्कृति का प्रदर्शन लोक नृत्य के माध्यम से करेंगे। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है जहाँ राष्ट्रीय स्तर पर आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन दिल खोलकर होता है। इसकी महत्ता इतनी है कि देश-विदेश में आदिवासी संस्कृति की चर्चा होने लगी है।
करमा गीत गाया और मांदर भी बजाया- इस अवसर पर संस्कृति मंत्री ने प्रतिभागियों का उत्साह बढ़ाने के लिए करमा गीत गाया और नर्तक दलों के साथ मांदर भी बजाया। उन्होंने कहा कि सरगुजिहा करमा और शैला उत्साह का संचार करते है और मांदर की थाप लोगों को थिरकने विवश करता है।