रायपुर
डेक्सा टेस्टिंग की मदद से अब इन रोगियों की पहचान में आसानी होगी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 21 अक्टूबर। शरीर में हड्डी के कमजोर होने की बीमारी ऑस्टियोपोरोसिस की जांच की सुविधा अब अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में उपलब्ध होगी। बुधवार को इसका विधिवत उद्घाटन हुआ। इसकी मदद से अब 50 वर्ष से अधिक आयु की स्त्रियों और पुरुषों में हड्डियों की बीमारियों का आसानी के साथ पता लगाकर उसका इलाज प्रारंभ किया जा सकेगा। प्रदेश में सरकारी अस्पताल में यह अपनी तरह की पहली सुविधा प्रारंभ हुई है।
डेक्सा सिस्टम प्रमुख रूप से ऑस्टियोपोरोसिस बीमारी को चिन्हित करने में प्रयोग किया जाता है। इसमें हड्डी के घनत्व का सटीक अंदाजा लगाया जा सकता है जिससे हड्डी के कमजोर होने की संभावना का पता लगाकर दवाइयों और खानपान में परिवर्तन से इलाज किया जा सकता है। बुधवार को इस नई सुविधा का उद्घाटन वर्ल्ड ऑस्टियोपोरोसिस दिवस पर एम्स के निदेशक प्रो. (डॉ.) नितिन एम. नागरकर ने किया। उन्होंने बताया कि एम्स में इस बीमारी के रोगी बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। नई सुविधा के प्रारंभ होने से काफी कम दर पर रोगियों का इलाज किया जा सकेगा।
एंडोक्रोनोलॉजी और मेटाबॉलिज्म विभागाध्यक्ष डॉ. अमृताव घोष ने बताया कि 50 वर्ष से अधिक उम्र की 40 फीसदी महिलाओं में यह बीमारी पाई जाती है जबकि 60 वर्ष से अधिक उम्र के 15 फीसदी पुरुषों में ऑस्टियोपोरोसिस की शिकायत होती है। महिलाओं में यह बीमारी प्रमुख रूप से मीनोपॉज के बाद हॉर्मोन में परिवर्तन से होती है। इस बीमारी में जरा सी भी ऊंचाई से गिरने या चोट लगने पर हड्डी में फ्रेक्चर हो जाता है जिससे ठीक करना चुनौतीपूर्ण हो जाता है। डेक्सा सिस्टम से टेस्टिंग करके मिनरल डेंसिटी और हड्डी की मजबूती का अंदाजा भी लगाया जा सकता है।