राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 22 अक्टूबर। बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन ने डॉ. शंकर मुनि राय को साहित्य मार्तण्ड से विभूषित किया है। यह सम्मान बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन के 103वें स्थापना दिवस समारोह में प्रदान किया गया। केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे के मुख्य आतिथ्य में आयोजित समारोह में पद्मश्री सीपी ठाकुर, बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, पूर्व कुलपति प्रो. अमरनाथ सिन्हा, विश्वविद्यालय सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. शशिशेखर तिवारी, पुलिस महानिदेशक आलोक राज आदि विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
सम्मेलन के अध्यक्ष डॉ. अनिल सुलभ की अध्यक्षता में आयोजित समारोह में देश के विभिन्न प्रांतों से चुने गए साहित्यकारों को विविध अलंकारों से विभूषित किया गया। इसी क्रम में छत्तीसगढ़ के शासकीय दिग्विजय महाविद्यालय के हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. शंकर मुनि राय को साहित्य मार्तण्ड सम्मान के रूप में अलंकरण पत्र और अंगवस्त्र प्रदान किया गया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि हिंदी साहित्यकारों ने अपनी कलम से स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ी है। हिंदी को राजभाषा से राष्ट्रभाषा बनाना जरूरी है। इसके लिए पूर्व कुलपति अमरनाथ सिन्हा ने कहा कि सभी विश्वविद्यालयों में सभी भाषाओं की पढ़ाई अनिवार्य करना आवश्यक है। प्रो. शशिशेखर ने कहा कि मानवता की रक्षा के लिए साहित्य का सृजन जरूरी है। पुलिस महानिदेशक आलोक राज ने कहा कि अच्छा इंसान बनने के लिए जरूरी है कि अच्छे साहित्य का अध्ययन किया जाए। अच्छे इंसान से ही अच्छे समाज का निर्माण किया जा सकता है।
समारोह के दूसरे चरण में भव्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया था। जिसमें देश के विभिन्न क्षेत्रों से आए लगभग 40 कवि-कवयित्रियों ने अपनी श्रेष्ठ रचना का पाठ किया।