रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 22 अक्टूबर। राज्य के पेंशनरों की समस्याओं को लेकर भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ के राष्ट्रीय महामंत्री एवं छत्तीसगढ़ राज्य सँयुक्त पेंशनर्स फेडरेशन के अध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव ने बताया है कि पेंशनरों को महंगाई राहत देने मामले में दोनों राज्य सरकारों की आपसी सहमति का होना मध्यप्रदेश राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2000 की धारा 49 के तहत नितांत अनिवार्य मजबूरी है। इसी कारण पेंशनरों को महंगाई राहत देने में पेंच फंस गया है क्योकि पेंशनरों को 5 फीसदी महंगाई राहत देने की 3 सितम्बर को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणा पर छत्तीसगढ़ शासन ने मध्यप्रदेश शासन से इसके लिये नियमानुसार सहमति माँगा है, परन्तु मध्यप्रदेश सरकार ने सहमति तो दी नहीं, उल्टे मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने पेंशनरो को 8 फीसदी महंगाई राहत देने की घोषणा कर दी है, चूंकि राज्य पुनर्गठन अधिनियम में दिए गए प्रावधानों के अनुसार दोनों सरकार दोनों राज्य के पेंशनरों को एक समान, एक दर पर महंगाई राहत देने बाध्यता से बंधे हुए हैं।