कवर्धा

पहाड़ों से लगे खेतों में रामतिला के फूल कर रहे आकर्षित
24-Oct-2021 5:56 PM
पहाड़ों से लगे खेतों में रामतिला के फूल कर रहे आकर्षित

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बोड़ला, 24 अक्टूबर।
विकासखंड तहसील क्षेत्र के वनांचल के बोक्करखार शंभूपीपर के अलावा दलदली पीपरखूंटा चेंद्रादादर लरबक्की आमानारा चरण तीरथ के पहाड़ों से लगे  तराई के इलाके के खेतों में राम   तिला जटगी के पीले फूल आकर्षण का केंद्र बने हुए है । इन क्षेत्रों में सडक़ के किनारे पहाड़ों में देखने से लगता है कि प्रकृति ने मानो इन खेतों को पीले रंग की चादरों से ढक दिया है। रमतिला के फूल प्रकृति में सुंदरता बिखेर रहे हैं पहाड़ी के नीचे खेतों में बिखरा पीला रंग लोगों को खासा आकर्षित कर रहा है ।

वनांचल क्षेत्र के किसानों के लिए रामतिला की फसल प्रमुख फसल मानी जाती वनांचल की क्षेत्रों  में पानी की कमी से परेशान किसानों के लिए रमतिला की फसल मरहम का काम करती है। अभी सडक़ के किनारे तराई में ये मनमोहक फूल  किसानों के साथ ही राहगीरों का मन मोह कर आकर्षित कर रही है । राम तिला की फसल सरसों की फसल जैसी होती है इसकी खेती सरसों की तरह ही की जाती है इसके बीज से तेल निकाला जाता है बाजार में स्थानीय भाषा में इसे रामतिला व इसे ग्राम ग्रामीण बोलचाल की भाषा में रमतिला कहते हैं सरगुजा बोली में इसे  जटगी  के नाम से जाना जाता है सरसों के तेल की तरह इसके तेल का भी उपयोग किया जाता है

मधुमक्खियों को भाते हैं राम तिला के फूल
ग्राम शंभू पीपर महली घाट व बोक्करखार के किसान जिनमें रमता बैगा सुरेश धुर्वे भगत सिंह बखरू बैगा रामलाल आदि बताते हैं कि इसकी फसल किसान जरूरत के हिसाब से लेते हैं इसमें बीमारी व कीड़े भी कम लगते हैं। सिंचाई के लिए पानी भी कम लगता है।साथ ही बाजार में रामतिला के बीज आसानी से 80 से ?100 किलो तक मिलते हैं। इसके  पीले पीले फूल मधुमक्खियों को भी आकर्षित करते हैं इस सीजन में इनकी फसल पर मधुमक्खियों की रौनक बनी रहती है

समर्थ भी कर रही है प्रोत्साहित
बोक्करखार शंभूपीपर क्षेत्र के पंचायतों में आजीविका संबंधी विषयों पर कार्य करने वाली संस्था समर्थ चैरिटेबल ट्रस्ट के समन्वयक किशन बताते हैं कि इसकी फसल मुख्य रूप से पहाड़ी क्षेत्रों व पथरीला पथरीली भूमियों में किया जाता है यह पहाड़ी क्षेत्रों का मुख्य फसल होता है  इनकी संस्था रामतिला के अलावा और सभी लघु वनोपज एवं परंपरागत रूप से किए जाने वाले कृषि उत्पादों पर संस्था द्वारा कार्य किया जा रहा है ।किसानों से सीधे संवाद स्थापित कर लोगों को वनोपज संबंधित फसलों के प्रोत्साहित करने के लिए क्षेत्र के बैगा आदिवासी समुदाय के लोगो को समय समय पर प्रशिक्षण व विजिट पर भी ले जाया जा रहा है।
 

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