रायपुर

पति-पत्नी का संबंध अटूट,अवैध संबंधों से गृहस्थी बर्बाद ना करें -डॉ. नायक
24-Oct-2021 6:51 PM
पति-पत्नी का संबंध अटूट,अवैध संबंधों से गृहस्थी बर्बाद ना करें -डॉ. नायक

साढ़े 3 लाख अंतिम भरण पोषण के साथ आपसी रजामंदी से तलाक

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 24 अक्टूबर। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक एवं सदस्यगण सुश्री शशिकांता राठौर, डॉ अनीता रावटे एवं श्रीमती अर्चना उपाध्याय की उपस्थिति में आज चौथे दिन शास्त्री चौक स्थित, राज्य महिला आयोग कार्यालय में महिलाओं से संबंधित शिकायतों के निराकरण के लिए सुनवाई की गई।

सुनवाई के दौरान आवेदिका ने अपने पति के खिलाफ आवेदन एवं आपत्तिजनक फोटोग्राफ्स आयोग में प्रस्तुत किया। अनावेदक शासकीय सेवक है जिस पर पति और अनावेदिका ने स्वीकार किया कि यह फोटोग्राफ्स उनकी ही है। आवेदिका ने जो फोटोग्राफ्स आयोग में प्रस्तुत किया है वे अनावेदकगणों को सिविल सेवा आचरण संहिता के तहत निलंबित किये जाने के लिए भी पर्याप्त है। जिस पर अनावेदिका ने आयोग के समक्ष अपनी बात स्पष्ट रूप से रखी जिसे अनावेदिका के पति ने समर्थन किया।

अनावेदिका का कथन है की मेरा विवाह हो चुका है और मैं इस सम्पूर्ण प्रकरण से पूर्णत: पृथक होना चाहती हूं, साथ ही आवेदिका के पति से कभी भी किसी तरह से बातचीत पूरी तरह बन्द रखूंगी।

वर्तमान में आवेदिका अपने पति के साथ रह रही है और उनके 5 वर्ष और 7 वर्ष के दो बच्चे भी है। अनावेदक पति द्वारा आवेदिका को आयोग से इस प्रकरण को वापस लेने दबाव बना रहा था। चूंकि आवेदिका के 2 बच्चे हैं और आवेदिका घरेलू महिला है और पति अनावेदिका से किसी भी तरह से बातचीत व्यवहार न रखें। आयोग के समक्ष अनावेदक पति ने आवेदिका पत्नि से माफी मांगा, जिससे आवेदिका को अब अनावेदक पति से अब कोई शिकायत नही है। आयोग की समझाइश पर पति पत्नी पुरानी बातों को भूलकर साथ रहने को तैयार है इस प्रकरण को निगरानी रखने के साथ नस्तीबद्ध किया गया।

एक अन्य प्रकरण में आवेदिका के खिलाफ अनावेदक सोशल मीडिया में मानहानि और आपत्तिजनक बात  कहकर पोस्ट किया है।इस पर अनावेदक का कथन है कि वह आवेदिका से अपने पैसे वापस लेने के लिए बात करता है और सोशल मीडिया में कॉमेंट करने की बात स्वीकार किया है।इसके साथ ही कहा कि अखबार में छपा था उसे लिखा हूं और अपने गलती के लिए आवेदिका से माफी नही मांगना चाहता हूं। आयोग द्वारा दोनो पक्षकारों को सलाह दिया गया कि अपने विस्तृत कथन शपथ पत्र के साथ प्रस्तुत करें इस प्रकार इस प्रकरण को आगामी सुनवाई में रखा गया।

इसी तरह एक अन्य प्रकरण में आपसी रजामंदी से न्यायालय में तलाक लेने के लिए पति पत्नी राजी हुए, अनावेदिका के भविष्य के जीवन यापन के लिए अंतिम भरण पोषण 3 लाख 50 हजार रुपये आवेदिका का पुत्र अनावेदिका को देगा, जो चार किस्तों में देगा। आज आयोग के समक्ष  अनावेदिका को 20 हजार रुपये आवेदिका को दिया। अनावेदिका 3 दिन बाद आवेदिका के पुत्र के निवास स्थान में जाकर विवाह के बचे हुए वस्तुएं को लेने जाएगी जिसमें आवेदक पक्ष अनावेदिका को सहयोग करेंगे।

एक अन्य प्रकरण में आवेदिका अपने पालित पुत्र के खिलाफ प्रकरण प्रस्तुत किया था उसके नाम पर 19 लाख रुपये का मकान लिया था । अनावेदक ने कहा की आवेदिका माँ है, मकान के ऊपर हिस्से में रहेगी उन्हें कोई आपत्ति नहीं है उनका खर्च अनावेदकगण वहन करेंगे। अनावेदकगण ने आवेदिका से आयोग के समक्ष माफी मांगा जिससे आवेदिका ने अपना प्रकरण की सुनवाई से सन्तुष्ट हुई इस आधार पर प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया। इस तरह 4 दिनों की सुनवाई में महिला आयोग के समक्ष महिला उत्पीडऩ से संबंधित 84 प्रकरण सुनवाई के लिए रखे गए थे ।

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