दुर्ग
दुर्ग, 24 अक्टूबर। कोरोनाकाल में ठप रही पढ़ाई की भरपाई के लिए स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा ठोस पहल नहीं की जा रही है। शिक्षकों को दीगर कार्यों में झोंका जा रहा है। वैक्सीनेशन व निर्वाचन में बड़ी संख्या में शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है। इससे बच्चों की पढ़ाई का नुकसान हो रहा है, इसके अलावा आए दिन विभाग द्वारा शिक्षकों के लिए नए-नए फरमान जारी किए जा रहे हैं। योजनाओं के डाटा कलेक्शन तथा एनजीओ के क्रियाकलापों में शिक्षकों को संलग्न किया जाता है। इसे लेकर छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन ने यथोचित कार्रवाई की मांग की है।
कोरोना काल में स्कूली बच्चों को 50 प्रतिशत उपस्थिति के साथ शाला में प्रवेश दिया जाता है। इस स्थिति में कोर्स पूरा करना शिक्षकों के लिए एक बड़ी चुनौती है। इस दौरान शिक्षकों को डाक कार्य, छात्रवृत्ति, ऑनलाइन कोर्स, स्कूल से संबंधित तत्काल जानकारी, बच्चों की इंट्री, राज्य कार्यालय की बेवसाइट में स्कूल ड्रेस, पुस्तक वितरण कार्य शिक्षकों से कराए जाने पर पढ़ाई बाधित हो रही है।
इन कार्यों में उलझने के चलते शिक्षक निर्बाध रूप से पढ़ाई नहीं करा पा रहे हैं।