दुर्ग

सर्प दंश से मौत के बाद बिना पीएम दफनाए बच्चों के शव निकलवाए, चीर-फाड़ नहीं चाहते थे परिजन
27-Oct-2021 1:15 PM
सर्प दंश से मौत के बाद बिना पीएम दफनाए बच्चों के शव निकलवाए, चीर-फाड़ नहीं चाहते थे परिजन

'छत्तीसगढ़' संवाददाता
भिलाई नगर, 27 अक्टूबर
। नंदिनी थाना अंतर्गत सांप के काटने से हुई 2 बच्चों की मौत के बाद परिजनों ने बिना पोस्टमार्टम करवाए ही शव को दफन कर दिया। सूचना बाद एसडीएम और तहसीलदार की मौजूदगी में दोनों शवों को कब्र से निकाल पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है। पीडि़त परिजन अपने बच्चों के शवों का चीर-फाड़ नहीं कराना चाहते थे, इसलिए बिना मर्ग जांच के ही उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया था।

मंगलवार को एसडीएम और तहसीलदार ने उन्हें समझाया और कानूनी प्रक्रिया का पालन करने का हवाला देकर शवों को कब्र से निकालने में सहयोग के लिए परिजनों को राजी किया।

नंदिनी टीआई लक्ष्मण कुमेटी ने बताया कि वार्ड-6 निवासी टेकराम साहू व उसकी पत्नी 21 अक्टूबर की रात दो बच्चे हिमांशु साहू (4 वर्ष) और शाहिल (8 माह ) के साथ एक ही बिस्तर पर सोए हुए थे। तड़के 4.30 बजे छोटा बच्चा शाहिल अचानक रोने लगा। मां फौरन उठी और लाइट जला कर देखा तो बिस्तर से जहरीला सांप बाहर निकल रहा था। उसने तुरंत टेकराम को जगाया। उन्होंने देखा कि उस जहरीले सांप ने उनके दोनों बेटों को डस लिया था। इससे शाहिल ने एक घंटे बाद ही दम तोड़ दिया,  वहीं हिमांशु की हालत गंभीर थी। परिजन उसे वैद्य के पास लेकर गए थे। वैद्य ने उन्हें अस्पताल भेजा। वहां उसकी स्थिति गंभीर होने पर बच्चे को जिला अस्पताल दुर्ग भेज दिया गया।

जिला अस्पताल में भी राहत नहीं मिली तो डॉक्टरों ने उसे पं. जवाहर लाल नेहरु चिकित्सालय एवं अनुसंधान केन्द्र सेक्टर-9 रेफर किया। यहां ले जाते समय हिमांशु ने भी दम तोड़ दिया। इसके बाद टेकराम ने अपने दोनों बच्चों को दफना कर उनका अंतिम संस्कार किया। उसका कहना है कि यदि वह मर्ग कायम कराते तो पीएम में उनके बच्चों का चीर-फाड़ करते, जो वह देख नहीं पाते।

बिना पीएम बच्चों का अंतिम संस्कार किए जाने की जनकारी होने पर धमधा एसडीएम बृजेश सिंह, तहसीलदार राजेन्द्र चंद्राकर तीन सदस्यीय डॉक्टरों की टीम लेकर मंगलवार दोपहर घटना स्थल पहुंचे। परिजन बच्चों के शव को निकालने के लिए तैयार नहीं हो रहे थे। पुलिस की मौजूदगी में परिजनों को समझाया गया। कई घंटों की समझाने के बाद परिजन राजी हुए। इसके बाद दोनों गड्ढों को खोदकर बच्चों के शव को बाहर निकाला गया और तहसीलदार के सामने उनका मर्ग पंचनामा कराया गया। जिसके बाद शवों को पीएम के लिए भेजा गया है।
 एसडीएम ने अकाल मृत्यु की वजह से शासन की योजना अंर्तगत दोनों बच्चों की मौत पर 4-4 लाख रुपए का मुआवजा परिजनों को दिया है। कुल मिलाकर परिजनों को 8 लाख रुपए मुआवजा दिया गया है।

 

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