दन्तेवाड़ा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दंतेवाड़ा, 27 अक्टूबर। दंतेवाड़ा की एक शिक्षिका ने जिले के नैसर्गिक स्थानों और मंदिरों को अपने गीत में पिरोया है, जिससे जिले के खूबसूरत स्थान को जिले के साथ ही प्रदेश और देश में ख्याति मिलेगी।
दंतेवाड़ा के चितालंका स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में शिक्षिका सुमित्रा शोरी ने दंतेवाड़ा पर लोकगीत तैयार किया है। गोंडी बोली में स्वरबद्ध इस लोकगीत का मुखड़ा इस तरह से है- दंतेसिरिन दंतेवाड़ा बेचोर शोभा ता जिला रा। इस लोकगीत में बैलाडीला के लोहे के पहाड़, बस्तर कुलदेवी माता दंतेश्वरी, बारसूर स्थित विभिन्न ऐतिहासिक मंदिरों और शंखिनी और डंकिनी नदियों का वर्णन किया गया है। इन स्थानों का उल्लेख किए जाने से प्राकृतिक और देवीय स्थानों का प्रचार होगा। उल्लेखनीय है कि शारदीय नवरात्र के दौरान बड़ी संख्या में हजारों श्रद्धालुओं ने इस गीत का भरपूर लुत्फ उठाया था। इसकी गायिका श्रीमती शोरी ने बताया कि इस गीत की प्रेरणा जिले के प्राकृतिक धरोहरों से मिली। इसके गीतकार सिकंदर खान उर्फ दादा जोकॉल और इसके संगीतकार सूरज भान सिंह हैं।