कवर्धा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बोड़ला, 12 नवंबर। सकारात्मक सोच वह अच्छे विचारों के साथ आमजन की सुविधा के लिए विकासखंड के वनांचल के पूर्णत: बैगा बाहुल्य कुकरा पानी पंचायत के सरपंच व सचिव के द्वारा किया गया सराहनीय कार्य अन्य क्षेत्रों के लिए आदर्श बन रहा है।
गौरतलब है कि ग्राम पंचायत कुकरापानी में सरपंच व सचिव के सकारात्मक सोच व पंचायत को विकास की दिशा में आगे बढ़ाने की सोच के चलते कई उल्लेखनीय बदलाव के कार्य किए जा रहे हैं, जिनमें कुकरापानी के जर्जर उचित मूल्य की दुकान का कायाकल्प शासन के जीपीडीपी योजना के अंतर्गत हो गया है। इस विषय में और अधिक जानकारी देते हुए ग्राम पंचायत की सरपंच रमली भाई बैगा व उप सरपंच श
सुंदरबती बैगा तथा सचिव बैद्वनाथ चंद्रवंशी ने बताया कि कुकरा पानी में सन1993- 94 से बने भवन में सोसाइटी (उचित मूल्य की दुकान )का संचालन हो रहा है जोकि अत्यंत जर्जर हो गया था और इस भवन में मात्र एक ही कमरा है जिसके कारण अनाज के भंडारण में दिक्कतें हो रही थी। ग्राम पंचायत के आश्रित ग्राम जाम पानी और कोटना पानी जो कि पंचायत मुख्यालय से 7 से 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है वहां के हितग्राही पैदल सफर कर राशन के लिए कुकरा पानी पहुंचते थे। दुकान में पानी और छाया की व्यवस्था नहीं थी इन्हीं समस्याओं को देखते हुए शासन के जीपीडीपी का अंतर्गत सोसाइटी उचित मूल्य की दुकान के कायाकल्प योजना पंचायत में बनाया गया जिसके तहत शेड निर्माण कार्य कराया गया। इसके बाद अब दूर से आने वाले हितग्राहियों को स्वच्छ पेयजल एवं बैठने के लिए उत्तम छाया की व्यवस्था बनाई गई है। कुकरा पानी के पंचायत प्रतिनिधियों एवं सचिव के इस प्रयास की पूरे क्षेत्र में सराहना की जा रही है की कैसे शासन के योजनाओं के माध्यम से लोगों को लाभ पहुंचाया जा सकता है।वर्तमान में ग्राम पंचायत में खुद का पंचायत भवन भी नहीं है ग्रामसभा में नए भवनों के लिये प्रस्ताव पास किया गया है। संसाधन के अभाव और उन्हें उचित व्यवस्था बनाकर कैसे व्यवस्था बनाई जा सकती है।
यह दिखाया है कुकरापानी के पंचायत प्रशासन ने। उनके द्वारा पूर्व के जर्जर अनुपयोगी भवन में उचित मूल्य दुकान का संचालन अन्य पंचायतों को संदेश देने का काम कर रहे हैं।ग्रामीणों ने बातचीत के दौरान बताया कि पहले की तुलना में अब सभी लोगों को काफी राहत मिल रही है ।
पहले धूप में चलकर आने के बाद भी छांव नहीं होने से उन्हें समस्या होती थीं,पेड़ के नीचे बैठकर आराम करना पड़ता था आज टीनसेड बन जाने से ग्राम वासियों में खुशी की लहर है अब उन्हें शुद्ध पेयजल के साथ-साथ छाया भी मिलता है बैठने की उत्तम व्यवस्था भी पंचायत द्वारा बना दी गई है।