राजनांदगांव

सर्पदंश मुआवजा रिपोर्ट तैयार करने थानेदार और चिकित्सक पर रिश्वत का आरोप
22-Nov-2021 11:58 AM
सर्पदंश मुआवजा रिपोर्ट तैयार करने थानेदार और चिकित्सक पर रिश्वत का आरोप

एसपी ने टीआई को किया निलंबित, डॉक्टर पर भी कार्रवाई का दबाव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 22 नवंबर।
मानपुर पुलिस डिवीजन के लिए पिछला कुछ दिन विवादों से घिरा रहा। कुछ दिनों पहले मदनवाड़ा थाना प्रभारी और खडग़ांव थाना प्रभारी पर युवकों को यातना दिए जाने के मामला अभी ठंडा नहीं हुआ था कि अब औंधी थाना प्रभारी तारन कुमार डहरिया पर सर्पदंश मुआवजे की रिपोर्ट तैयार करने के लिए पीडि़त परिजनों से रिश्वत मांगे जाने का मामला सामने आया है। एसपी डी. श्रवण को यह बात बेहद नागवार गुजरी और उन्होंने सीधे टीआई को निलंबित कर दिया है। यही आरोप सरकारी चिकित्सक डॉ. यशपाल सुमन पर भी लगे हैं। हालांकि स्वास्थ्य महकमे ने इस मामले में अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है। पूरा मामला यह है कि बागडोंगरी के रहने वाले तिलक यादव के छोटे भाई कार्तिक यादव की 3 मार्च को सांप के डसने से मौत हो गई थाी।

परिजन उसे अस्पताल लेकर भी पहुंचे, लेकिन उसकी जान नहीं बचाई जा सकी। मौत के बाद डॉ. यशपाल सुमन ने ही मृतक का पोस्टमार्टम किया था।  इसके बाद मुआवजा मिलने की प्रक्रिया को लेकर मृतक का बड़ा भाई चिकित्सक और थानेदार से संपर्क में था। पिछले दिनों उससे मुआवजा राशि में से एक लाख रुपए की मांग की गई। मुआवजा मिलने की उम्मीद में मृतक के बड़े भाई ने बतौर एड़वांस 48 हजार रुपए दिए। मुआवजा मिलने के बाद भी थानेदार और चिकित्सक का लालच कम नहीं हुआ। दोनों फिर से राशि की मांग करने लगे। इस बात की भनक  कुछ भाजपा से जुड़े नेताओं को लगी, फिर उन्होंने टीआई और चिकित्सक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। इस पूरे मामले में यह बात भी सामने आई कि औंधी थाना प्रभारी एक बिचौलिये के रूप में सौदेबाजी के लिए आगे रहे। दोनों पर करीब एक लाख से अधिक रकम वसूलने का आरोप है।

पुलिस का दहशत इस कदर पीडि़त परिवार पर रहा कि मृतक का भाई खेत में ही बच्चों को लेकर रात बिता रहा था। शिकायत करने पर पीडि़त परिवार को दोनों ने देख लेने की धमकी दी थी। जिसके चलते परिवार तनाव से गुजर रहा था। इस संबंध में मानपुर एसडीओपी हरिश पाटिल ने ‘छत्तीसगढ़’  से कहा कि गंभीर शिकायत होने के कारण थाना प्रभारी को निलंबित किया गया है। वहीं विभागीय जांच भी की जा रही है। इधर थाना प्रभारी तारन डहरिया ने ‘छत्तीसगढ़’  से कहा कि मेरे विरुद्ध षडयंत्र किया गया है। आरोप में दम नहीं है। राजनीतिक ढंग से आरोप लगाए गए हैं। जिससे मेरा कोई वास्ता नहीं है। इस बीच सर्पदंश पीडि़त परिवार से रिश्वत लिए जाने के मामले ने बेहद तूल पकड़ लिया है। पूरे  मामले में भाजपा अध्यक्ष मधुसूदन यादव ने क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों के साथ कार्रवाई करने के लिए मुद्दा बनाया। आखिरकार थाना प्रभारी पर निलंबन की गाज गिर गई।

पुरानी रंजिश का निपटारा नहीं होना विवाद की वजह
सर्पदंश पीडि़त से रिश्वत के तौर पर रकम वसूली करने के आरोप में घिरे चिकित्सक यशपाल सुमन और थाना प्रभारी डहरिया दरअसल एक पुरानी रंजिश का निपटारा नहीं होने की वजह से विवादों में फंस गए हें। सूत्रों का कहना है कि चिकित्सक सुमन के साथ स्थानीय कुछ युवकों ने मारपीट की थी। एक्ट्रोसिटी एक्ट के तहत युवकों पर मामला दर्ज कर पुलिस ने जेल भेज दिया था। यहीं से डॉक्टर और युवकों के बीच तनातनी चल रही थी। मिली जानकारी के मुताबिक युवक भाजपा से जुड़े हुए हैं। सियासी मदद मिलते ही यह मुद्दा चर्चा में आ गया। जिसके चलते मामला थाना प्रभारी के निलंबन तक पहुंच गया। सूत्रों का कहना है कि थाना प्रभारी के कार्यशैली को लेकर भी कुछ लोगों ने आपत्ति की थी। लाख के एक प्रकरण में भी पुलिस की भूमिका को लेकर सवाल उठाए गए थे। वहीं चिकित्सक पर केस वापस लेने का दबाव भी बढ़ाया जा रहा था। चिकित्सक ने सीधे तौर पर केस वापस लेने से इन्कार कर दिया। जिसकी परिणिती यह मामला इस रूप में सामने आया है।

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